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Misc. Erotica IK BECHARA BHAI
बहुत ही कामोत्तेजक अपडेट
रोंगटे खड़े कर दिए
सांसे तेज़ी से चल रही है...
बहुत ही जबरदस्त..
अपडेट बड़ा होता तो और रोमांचकारी 
होता .......
कोई नहीं जितना भी लिखो
अपडेट कंटिन्यू देते रहो.....
[+] 1 user Likes Nasn3432's post
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Mast update hai maza aa giya bohat kamaal ka likhte ho yar next update ka wait rahega Heart Heart Heart 
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Bhai aap star ho magary special appearance wala star ho. Yeh guest appearances walk aankh micheli band karo. Aur poor climax dijiye. You are a good writer but late lateef. Hope you update whole scene of Priyanka aslam.
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Mast mind blowing.... Please update pic if possible... Please update more
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Mast update tha ??, update bada Diya karo ??
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ab agle update ka badi besabri se intezaar rahega
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अपडेट
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Great story
Keep posting....
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Aap sabhi pics dalo meri rupali didi aur priyanka didi ko imagine karke..
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(29-02-2020, 09:21 PM)babasandy Wrote: Aap sabhi pics dalo meri rupali didi aur priyanka didi ko imagine karke..

Pics baad me daal dena yaar, pehle regilar update do yaar
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कुछ देर तक हम दोनों जीजा साले को परेशान करने के बाद सारे मजदूर घर से बाहर निकल गय..

 जीजू ने मुझसे कहा कि जाकर देखो तो उस कमरे में क्या हो रहा है जिसके अंदर तुम्हारी दीदी है ... बिना कुछ बोले मैं चुपचाप उठा वहां से और उस कमरे के सामने जाकर खड़ा हो गया जिसके अंदर मेरी रूपाली दीदी और प्रियंका दीदी थी... काफी देर तक मैं दरवाजे के बाहर ही खड़ा रहा तकरीबन 30 मिनट तक... मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि मैं दरवाजा खोल के अंदर जाऊं... दरवाजे के पास एक  खिड़की थी जो खुली हुई थी... मैंने खिड़की से अंदर झांक के देखा... मेरे होश उड़ गए......
 मेरी रूपाली दीदी और प्रियंका दीदी  ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठी हुई थी......... वह अधेड़ उम्र की औरत मेरी प्रियंका दीदी का मेकअप कर रही थी.... रूपाली दीदी अपना मेकअप खुद ही कर रही थी... दोनों ने लगभग एक जैसी ड्रेस पहन रखी थी... लाल रंग की लो कट डीप नेक चोली... जिसमें से आधे चूचियां बाहर  निकली हुई थी... हालांकि मेरी रूपाली दीदी और मेरी प्रियंका दीदी की   साइज में काफी अंतर था.. मेरी  रूपाली दीदी की चूचियां तकरीबन 36  की होंगी जबकि मेरी प्रियंका दीदी की 32  की... इसके बावजूद जुनैद ने जो डिजाइनर चोली भेजी थी मेरी बहनों के लिए वह बिल्कुल  फिट हो गई थी दोनों के लिए.... उसे मेरी रूपाली दीदी की  चूची का तो पूरी तरह अनुमान था.. परंतु मेरी प्रियंका दीदी की चूची का भी उसने बिल्कुल ठीक अंदाजा लगाया था... मुझे आश्चर्य हुआ इस बात पर.....
 उस औरत ने मेरी दोनों दीदी को ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ा किया और आगे पीछे से घूम घूम के उनके बदन का मुआयना करने   लगी.. रूपाली दीदी ने एक डिजाइनर लहंगा पहन रखा था... जो उनकी कमर के काफी नीचे बंधा हुआ था... उनकी सपाट पेट और गहरी नाभि मिरर में साफ-साफ देख पा रहा था मैं... अजीब बात मुझे यह लगी कि दीदी  का लहंगा सामने की तरफ से खुला हुआ था... मेरा मतलब है एक  चीरा था लहंगे में सामने से उनकी दोनों टांगों के बीचो बीच, जो उनकी पेंटी से ठीक पहले  खत्म हो रहा था... ऐसा अजीबोगरीब लहंगा मैंने पहली बार देखा था... मेरी दीदी अगर खड़ी रहे तब तो कोई बात नहीं किसी को पता नहीं चलेगा कि चीरा है... पर जैसे ही वह चलने लगेगी  तो उनकी गोरी गोरी जांघें नुमाया हो जाएंगी और हो रही थी... मेरा हथियार मेरे पैंट में तंबू बनाने लगा अपनी दीदी का लहंगा देख...

 दूसरी तरफ मेरी प्रियंका दीदी का लहंगा काफी परंपरागत था... जैसा एक दुल्हन पहनती है अपनी शादी में..... उनका लहंगा भी उनकी नाभि के नीचे ही बंधा हुआ था जो नीचे जमीन तक आ रहा था...

 बालों में गजरा... आंखों में कजरा.. होठों पर बेहद गाड़ी लाल लिपस्टिक... चेहरे पर भरपूर मेकअप.. फिर उस औरत ने मेरी प्रियंका दीदी को नाक में एक नथनी पहनाई.... मांग टीका... फिर गले में सोने का बना हुआ हार... कमर में कमर बंद.. हाथों में चूड़ियां और कंगन... मैंने जब गौर से देखा तो मुझे पता चला कि उनके हाथों में मेहंदी भी रची गई है... पैरों में पायल सोने की... स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लग रही थी मेरी प्रियंका दीदी... मेरी रूपाली दीदी भी कुछ इसी प्रकार से सजी हुई थी.... मेरे लिए आश्चर्य की बात बस इतनी थी कि मेरी रूपाली दीदी की मांग में जो सिंदूर हमेशा दिखता है वह गायब था और उनका मंगलसूत्र जो हमेशा उनकी चूचियों पर लटका हुआ रहता है वह भी नदारद था....
 पैंट के ऊपर से ही अपने हथियार को अपने हाथ में पकड़े हुए मैं  अपनी दोनों दीदियों को देख  रहा था मंत्रमुग्ध होकर....
 अंदर जो मजदूर उस औरत की मदद कर रहा था , बार-बार अपने लोड़े पर अपना हाथ फिरा रहा था, और शायद मन ही मन अपनी किस्मत को कोस रहा होगा...
 मेरी दोनों दीदी अब बिल्कुल नई नवेली दुल्हन की तरह सज धज के तैयार थी अपने नए दूल्हे के लिए..
 बन्नो आज तो बहुत घमासान होगा... पूरी रात तुम्हारी  घिसाई होगी.. उस औरत ने कहा...
 मेरी प्रियंका दीदी शर्म के मारे लाल हो गई और अपना सर नीचे झुका ली.. उस औरत ने मेरी  प्रियंका दीदी  के चेहरे को पकड़ के ऊपर किया और उनकी आंखों में आंखें डाल कर बोली..

 छमिया बड़ी शर्मीली है रे तू... हमारे असलम भाई को तेरी जैसी छोकरी बहुत पसंद आती है....  बहुत कस कस कर लेंगे तुम्हारी...
 तुमको तो पता है ना उनका हथियार  इतना बड़ा है.. उस औरत ने अपने हाथ को मोड़ हाथ की लंबाई को दिखाते हुए कहा..
 अरे हां तुम्हारी दीदी को तो पता है असलम भाई के  हथियार के बारे में.... इसने तो खूब  लिया है, आगे से भी और पीछे से भी... तुझे तो ऐसा ठेल  देंगे कि तू बिस्तर से उठ भी नहीं पाएगी... उस औरत ने मेरी  प्रियंका दीदी की दोनों चुचियों का जायजा लिया... चोली के ऊपर से उसने  दो तीन बार दबाया... मेरी रूपाली दीदी चुपचाप उसकी हरकतें देख रही थी और मैं भी खिड़की के बाहर खड़ा ..
 मजदूर भी अब सोफे पर जाकर बैठ गया था और बड़ी बेशर्मी से अपने लोड़े को मसल रहा था..
 एक बार तो मुझे ऐसा लगा कि मेरे दोनों नए होने  वाले जीजू से पहले ही यह मजदूर मेरा जीजा बन जाएगा... लेकिन उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया और अपना लौड़ा  पकड़कर मेरी दीदियों  को  देखता रहा.. मन ही मन सुहागरात मनाने के सपने देख रहा था वह मेरी दीदी के साथ...
  तेरा नाम क्या है छमिया.. उस औरत ने प्रियंका दीदी से पूछा..
 जी प्रियंका...  थरथरआते हुए मेरी दीदी ने जवाब दिया..
 सुन  रे छोकरी.. हमारे असलम भाई बहुत दूसरे टाइप के आदमी  है.. उनका मन बस  एक छेद से नहीं भरता... आज रात भर तुम्हारी दोनों  छेद में भूकंप आएगा... तू समझ तो रही है ना मैं क्या कह रही हूं...
 मेरी प्रियंका दीदी रूपाली दीदी की तरफ देखने लगी... पर रूपाली दीदी ने कुछ भी जवाब नहीं दिया...
 साली अपनी दीदी की तरफ क्या देख रही है कुत्तिया... यह रंडी तो खेली खाई है... जो मैं बोल रही हूं उसे ध्यान से सुन.... उस औरत ने मेरी प्रियंका दीदी कि  चोली के ऊपर से उनके निप्पल को मरोड़ दिया...
  सुन छोकरी.. आज तेरी सुहागरात है... और असलम भाई आज  तेरी कुंवारी सील तो तोड़ेंगे उसके बाद तेरी गांड भी मारेंगे... जैसे तेरी दीदी की मारते हैं... और हां मर्दों से रहम की उम्मीद मत करना..."जब बिन्नो तेरे गांड के छल्ले को रगड़ता,दरेरता ,फाड़ता घुसेगा न , एकदम आग लग जायेगी गांड में। लेकिन मर्द दबोच के रखता है उस समय , वो पूरा ठेल के ही दम लेगा। जब एक बार सुपाड़ा गांड का छल्ला पार कर गया तो तुम लाख गांड पटको , .... निकलेगा नहीं... पूरी बेशर्मी के साथ वह मेरी प्रियंका दीदी को समझा रही थी..
 मेरी प्रियंका दीदी की टांगें कांप रही थी उस औरत की बात सुनकर..
गांड मरवाने का असली मजा तो उसी दर्द में है. मारने वाले को भी तभी मजा आता है जब वो पूरी ताकत से छल्ले के पार ठेलता है , और मरवाने वाली को भी.... वह औरत रुकने का नाम नहीं ले रही थी.
 मेरी दोनों दीदीया शर्म से पानी पानी हो रही थी उसकी बातें सुनकर और मजदूर  अपनी जीप खोल के अपने लोड़े को हिला रहा था जो बिल्कुल टावर की तरह खड़ा हो गया था पता नहीं उसकी बातें सुनकर या फिर मेरी बहनों को देखकर..
 मेरा भी खड़ा था... मैं सोचने लगा था कि हिला दूं क्या बाहर निकाल के तभी मुझे दरवाजे पर बेल की आवाज सुनाई दी... 8:00 बज चुके थे और मुझे पता था कि दरवाजे पर कौन लोग आए हैं... मेरे दोनों नए जीजू... मेरा लौड़ा मुरझा गया... मैं भागते हुए  जीजु के पास आया जो लेटे हुए छत की तरफ देख रहे थे... मेरी जीजू उठ कर बैठ गय..
 जीजू  मुझे लगता है वह दोनों आ गए ... मैंने  कहा..
 हां वह लोग आ चुके हैं दरवाजा खोल जल्दी... जीजू ने  कहा..
 जब मैंने दरवाजा खोला तो मेरे सामने असलम और जुनैद खड़े थे.. आंखों में सुरमा लगाए हुए पठानी सूट में दोनों जवान मर्द कामदेव की तरह लग रहे थे...
 अरे साले साहब वाह वाह.. मजा आ गया.. आपने दरवाजा खुद ही खोला..... जुनैद ने मुझसे कहा और दोनों अंदर आ गए.....
 मेरे जीजू दौड़ते हुए आए और उन दोनों के सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए....
 माधर्चोद कहां है हमारी दुल्हनिया.. किधर है हमारी  सेज... असलम ने मेरे जीजू का कॉलर पकड़ लिया... और उनको उठाकर नीचे जमीन पर पटक दिया...... मैं घबरा गया...
 मैं भागते हुए असलम के पास पहुंचा और उसका हाथ पकड़ के बोला.. असलम भाई..... बस इतना ही मेरे मुंह से निकला था कि एक जोरदार तमाचा मेरे गाल पर लगा... मेरी आंखों के सामने तारे घूमने लगे..
  रंडी के बच्चे... मैं तेरा भाई नहीं... तेरा  जीजा ... भूल गया बहन के लोड़े..
 असलम ने  गुस्से में कहा...
 मेरी तो गांड फटी थी..... मुझे चक्कर आ रहे थे... इसके बावजूद मैंने उठकर असलम के घुटने पकड़ लिय अपने हाथों से और रोते हुए बोलने लगा...
 जीजु..... मेरी दोनों दीदीया दुल्हन बनकर बिल्कुल तैयार हो चुकी हैं आप लोगों की सेवा के लिए...
 असलम ने मेरे सर पर हाथ फेरा और बोला...
 तू मेरा बहुत प्यारा साला है.... चल अब जल्दी से  अपने दोनों दीदी को सुहागरात की सेज पर   लेकर जा....
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bahut khoob...ab jaldi se chudai karwao...priyanka ki
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Superb, waiting more updates
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कुछ देर बाद मैं अपनी रूपाली दीदी और प्रियंका दीदी का हाथ पकड़ के उनके कमरे में ले गया... मेरे साथ में जुनैद असलम और मेरे जीजू भी थे.... वह आलीशान कमरा जो फूलों से बिल्कुल सजा हुआ था... डबल साइज का  पलंग जिसके ऊपर गुलाब बिखरे हुए थे... और खुशबू  मदहोश कर देने वाली थी...

 जुनेद न  स्टैंड खड़ा किया कमरे  के बीचो-बीच और उसके ऊपर एक कैमरा फिट करने लगा... उसका इरादा मेरी दोनों  दीदी के साथ ना सिर्फ सुहागरात मनाने का था बल्कि उन अनमोल लम्हों को व कैमरे में भी कैद करना चाहता था...
 असलम ने दारू की बोतल खोल ली  और पीने लगा... हर घूंट के साथ उसका नशा बढ़ता चला जा रहा था और उसकी हवस  अब बिल्कुल काबू में नहीं  रही...
 जल्दी कर ना यार जुनेद.. कब से तड़प रहा हूं सुहागरात मनाने के लिए... देख मेरी दुल्हनिया भी बिल्कुल तैयार हो गई है... असलम ने मेरी प्रियंका दीदी की तरफ इशारा करते हुए कहा..
 बस थोड़ी देर रुक जाओ असलम भाई.. कैमरा सही से फिट नहीं हो रहा है... पूरा सीन अच्छे से शूट करना जो है... जुनैद ने कहा..

 अरे कैमरा सेट नहीं हो रहा है तो इस बहन के लोड़े को कैमरा पकड़ा दे... इसे तो बड़ा मजा आता है अपनी बहन की ठुकाई देखने में... असलम ने मेरी तरफ देखते हुए  कहा..
 आपका आईडिया बुरा नहीं है असलम भाई... आओ मेरे प्यारे साले साहब आओ  आज तुम्हें अपनी दोनों बहनों की सुहागरात का दृश्य देखने का मजा मिलेगा...  पकड़ साले यह कैमरा... सब कुछ अच्छे से सूट होना चाहिए... बोलते हुए जुनैद ने मुझे कैमरा पकड़ा दिया..
 मैंने चुपचाप कैमरा पकड़ लिया मुझे और थप्पड़ नहीं खाने थे...
 जुनैद ने भी फटाफट  दारू का ग्लास खाली कर दिया... और  जीजू से बोला..
 सुन बे भड़वे... तू भी यही बैठा रहेगा और हम दोनों के लिए पैक बनाएगा...
 मेरे जीजू ने अपना सर झुका लिया उन्हें कुछ बोलते हुए नहीं बन  रहा था...
 मेरी दोनों दीदी पलंग पर घूंघट ओढ़ के सिमटी  हुई बैठी हुई थी..
 उनके सामने कैमरा हाथ में लिए हुए खड़ा था मैं... बगल में सोफे पर मेरे जीजू दारु का पेग बना रहे थे असलम और जुनैद के लिए, जिसे वह दोनों एक घूंट में खत्म कर दे रहे थे... नशे के मारे दोनों की आंखें लाल होने लगी थी..
  मां के लोड़े जो नशा तेरी बीवी रुपाली में है, दारु में  नहीं... पर आज की रात तो मैं प्रियंका की सील  खोलूंगा... आज वही मेरी दुल्हनिया है... जुनैद  रुपाली कि  बजाएगा... नशे में धुत होकर असलम मेरे जीजू को बोल रहा था.
  चुपचाप  सब कुछ सुन रहे थे मेरे जीजू...
 एक बात बोलूं भाई.. रुपाली जैसी औरतों के लिए यह साला  बेकार है..... इसका तो लंड भी छोटा होगा... दिखा साले अपना लंड.. जुनेद  बोला..
 साले तेरी मां का भोसड़ा ..मारुं , ... " निकाल अपनी पैंट. दिखा हमें अपना छोटा  सामान... असलम ने गुस्से में कहा...
 मेरे जीजू डर गए और चुपचाप खड़े होकर अपनी पेंट उतारने लगे.. पेंट उतारने के बाद जुनैद ने  कच्छा भी नीचे सरका दिया... मेरे  जीजू का 4 इंच का छोटा सा मुरझाया हुआ लंड हम सबकी आंखों के सामने था...
 असलम ने मेरे जीजू का लंड अपने हाथों में पकड़ लिया और  मेरी तरफ देख कर बोला..
 देख साले तेरे जीजा का लंड कितना छोटा है... इतने छोटे से लंड से तो तेरी रूपाली दीदी को बिल्कुल मजा नहीं आता होगा... तेरी बहन को तो एक असली मर्द की जरूरत है... जो उसके खूब अंदर तक घुसआए... आज से हम दोनों तेरे असली  जीजु है... असलम बोल रहा था और दूसरे हाथ से  मसल रहा था अपने औजार को...
 असलम भाई नशा बहुत हो चुका है... अब समय आ गया है कि हम दोनों अपनी अपनी दुल्हन  को अपनी बना ले..  जुनेद बोला.

 दोनों उठ के खड़े हुए और पलंग के ऊपर आ गए.. असलम मेरी प्रियंका दीदी के पास आकर बैठ गया और जुनैद मेरी  रूपाली दीदी के...
 साले साहब अच्छे से अच्छे से शूटिंग होनी चाहिए तुम्हारी बहनों की सुहागरात... जुनैद ने मुझे देखते हुए  कहा..
 मैंने कैमरे का फोकस उस पलंग के ऊपर कर दिया जहां पर एक्शन होने वाला था....
 असलम ने मेरी  प्रियंका दीदी का घूंघट उठाया... मेरी दीदी की चांद से भी खूबसूरत चेहरे को देखकर असलम के मुंह में पानी आ रहा था.. मेरी दीदी किसी नई नवेली दुल्हन की तरह ही  शर्मआ रही थी... असलम ने अपनी पैंट की जेब से एक मंगलसूत्र निकाला और मेरी दीदी के गले में पहना दिया... फिर उसने एक चुटकी सिंदूर से  मेरी प्रियंका  दीदी की मांग भी भर दी... अब औपचारिक रूप से मेरी दीदी असलम की दुल्हन बन गई थी...
 दूसरी तरफ जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी को अपनी गोद में बिठा रखा था... सबकी नजरें असलम और मेरी प्रियंका दीदी पर टिकी हुई थी..
असलम ने अपनी नई नवेली दुल्हन को अपने गले लगा लिया...
 पहले उसने मेरी प्रियंका दीदी कि  नथ उतारी... फिर एक-एक करके धीरे-धीरे उसने मेरी दीदी के बदन से सारे गहने अलग कर  दिए.. उसने मेरी दीदी को फूलों से सजे बिस्तर पर नीचे  लिटा दिया और खुद उनके ऊपर सवार हो गया... असलम के बोझ के तले नीचे दबी हुई मेरी दीदी कसमसआने लगी..

 पहले तो उसने मेरी दीदी के  कोमल गानों को चुम्मा... फिर गुलाबी होठों को... असलम ने शुरू में तो अच्छे बच्चो की तरह हलके हलके होंठों को ,गालो को चूमा मेरी प्रियंका दीदी की... पर थोड़ी देर बाद उसके अंदर का जानवर जाग गया...
 मेरी प्रियंका दीदी के दोनों रस से भरे गुलाबी होंठों को उसने हलके से अपने होंठों के बीच दबाया ,कुछ देर तक वो बेशरम उन्हें चूसता रहा, चूसता रहा जैसे सारा रस अभी पी लेगा ,और फिर पूरी ताकत से कचकचा के ,इतने जोर से काटा की आँखों में दर्द से आंसू छलक पड़े  मेरी दीदी के...फिर होंठों से ही उस जगह दो चार मिनट सहलाया और फिर पहले से भी दुगुने जोर से और खूब देर तक… पक्का दांत के निशान पड़ गए होंगे  प्रियंका दीदी के होठों पर..

 दूसरी तरफ रूपाली दीदी जुनैद की गोद में बैठी हुई थी और उन्होंने अपनी बाहें गले में डाल रखी थी जुनैद के... दोनों के बीच एक जबरदस्त चुंबन चल रहा था... ऐसा लग रहा था मानो तो  एक दूसरे से जुड़ गए हो दोनों के होंठ... फिर कभी अलग नहीं होंगे... मैंने अपनी रूपाली दीदी का एक्शन तो दिन भर देखा ही था इसलिए मैंने अपना फोकस प्रियंका दीदी की तरफ किया....
  असलम भी प्रियंका दीदी के होठों को अपने होठों में  दबोच के चूसे जा रहा था, लेकिन मेरी दीदी अपने नए दूल्हे को न तो मना कर सकती थी न चीख सकती थी , मेरी प्रियंका दीदी के दोनों होंठ तो उस दुष्ट के होंठों ने ऐसे दबोच रखे थे जैसे कोई बाज किसी गौरेया को दबोचे।
 बड़ी मुश्किल से होंठ छूटे तो गाल ,
 गाल पर भी उसने पहले तो थोड़ी देर अपने लालची होंठ रगड़े ,और फिर कचकचा के , पहले थोड़ी देर चूस के दो दांत जोर से लगा देता , मेरी दीदी छटपटाती ,चीखती अपने चूतड़ पटकती ,फिर वो वहीँ थोड़ी देर तक होंठों से सहलाने के बाद दुगुनी ताकत से , .... दोनों गालों पर काट रहा था...
मुझे मालूम था उसके दाँतो के निशान मेरी प्रियंका दीदी के गुलाब की पंखुड़ियों से गालों पर अच्छे खासे पड़ जाएंगे ...
 उसके होंठ जो हरकत मेरी प्रियंका दीदी के होंठों और गालों के साथ कर रह रहे थे ,वही हरकत असलम के हाथ मेरी दीदी का मस्त  उभरे हुए 24 साल के बड़े-बड़े दोनों संतरे,कड़े कड़े  जोबन के साथ कर रहे थे।
 आज तक मेरी प्रियंका दीदी के जोबन ,चाहे शहर के हो या या गांव के लड़के ,उन्हें तंग करते ,ललचाते ,उनके पैंट में तम्बू बनाते फिरते थे ,

आज उन्हें कोई मिला था , टक्कर देने वाला। 
और वो सूद ब्याज के साथ ,उनकी रगड़ाई कर रहा था ,
 और शायद मेरी प्रियंका दीदी के जोबन चाहते भी तो यही थे।
कोई उन्हें कस के मसले ,कुचले ,रगड़े ,मीजे दबाये, और असलम भी यही कर रहा था पर चोली के ऊपर  से ही...
 और क्या कस कस के ,रगड़ रगड़ के मसल रहा था वो। मेरी प्रियंका दीदी तो बस सिसक रही थी...
 उसने मेरी प्रियंका दीदी को उठाकर अपनी गोद में बिठा लिया... एक झटके में उसने मेरी दीदी की चोली  के सारे बटन तोड़ दिय... और चोली को उनके सीने से अलग कर दिया...
पता नही क्यूँ.. कुच्छ पल के लिए वह चुपचाप आँखें फाडे 'ब्रा' में क़ैद मेरी प्रियंका दीदी के चूचियो के बीच की गौरी घाटी को घूरता रहा.. फिर अचानक हाथ पिछे ले जाकर मेरी दीदी की 'ब्रा' की स्ट्रिप्स को  उखाड़ देने पर उतारू हो गया... उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह मेरी दीदी की डिजाइनर ब्रा को किधर से खोलें..
 चल तू ही खोल दुल्हनिया .. असलम में दीदी से कहा...
 जी..... बोलते हुए मेरी प्रियंका  दीदी ने खुद ही अपनी ब्रा  स्ट्रिप खोल दी और स्ट्रिप्स को अपनी बाहों के नीचे दबाकर अपना सिर झुका लिया...
जैसा मुझे डर था.. वही हुआ.. असलम इतना बेशबरा हुआ जा रहा था कि उसने ब्रा को छाती से पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया...
 मेरी दीदी झटके से उसकी तरफ आई.. पर फिर भी कंधे की एक स्ट्रीप चटक गयी..
"ओह.. क्या करते हो?"  मेरी दीदी के मुंह से निकला.. दीदी ने अपनी दूसरी बाजू से बाहर निकाल दिया स्ट्रिप..
....

पर उसने तो जैसे कुच्छ सुना ही नही... उसका पूरा ध्यान ब्रा पर नही.. बुल्की ब्रा की क़ैद से निकलते ही फदाक उठी मेरी  प्रियंका दीदी की संतरे जैसी चूचियो पर था.. दूधिया रंग की मेरी  दीदी की चूचियां भी मानो उसको चिडा रही हों.. छ्होटी क़िस्स्मिस्स के आकर के दोनों दानो की चौन्च उसकी आँखों की ओर ही उठी हुई ही.... वा अब भी उन्हे ही आँखें फाडे घूर रहा था.. जैसे और कुच्छ करना ही ना हो....
"क्या है..?" मेरी प्रियंका दीदी ने शर्मा कर अपनी चूचियो को अपनी हथेलियों में छिपा लिया.. तब जाकर कहीं उसके होश ठिकाने आए.. ठिकाने क्या आए.. होश तो उसके मानो तभी उड़े हों... मानो किसी ने उस'से जन्नत की खुशियाँ छीन ली हों.. उसने झपट्टा सा मारा और मेरी दीदी  के हाथ 'वहाँ' से हटा कर अपने टीका दिए...
"उफफफफफ्फ़....तुम तो पूरी की पूरी मक्खन हो मक्खन!"  मेरी जानू मेरी दुल्हनिया",    मेरी प्रियंका दीदी की दोनो चूचियो को अपने एक एक हाथ में लपके हुए वह उन्हे 'प्यार से सहलाता हुआ बोला...,"
उसने अपनी चुटकियों में मेरी प्रियंका दीदी की चूचियो के दोनो दाने पकड़ लिए... और बड़े प्यार से मेरी दीदी को देखने लगा...
अपनी चूचियो से असलम की नजरों का लगाव देख कर मेरी दीदी गदरा सी गयी और मेरी दीदी की चूचियो का कसाव हल्का सा बढ़ गया...
सा बढ़ गया...

"मैं इन्हे चूस कर देख लूँ एक बार...?" वह अपने होंटो पर जीभ घूमता हुआ बोला... शायद अपनी लार को बाहर टपकने से रोक रहा होगा...
 पर मुझे आश्चर्य तब हुआ जब मेरी प्रियंका दीदी ने कुछ भी जवाब नहीं दिया बल्कि जवाब उनकी चुचियों ने खुद ही दिया.... उनके नितंब थोड़ा पिछे सरक गये और कमर थोड़ी आगे खिसक आई.
 मेरी प्रियंका दीदी ने अपनी चूचियो को आगे किया और उभार कर  असलम के होंटो से च्छुआ दिया.....
एक बार को तो भूखे शेर की भाँति उन्न पर टूट पड़ा... जितना मुँह खोल सकता था, खोल कर मेरी प्रियंका दीदी की एक छाती को पूरा ही मुँह में तूसने की कोशिश की... और जितना ले पाया... अपनी आँखें बंद करके उसको पपोल'ने लगा......
पर एक से शायद उसको सब्र नही हो रहा था... एक हाथ मेरी दीदी की कमर के पिछे ले जाकर उसने मेरी दीदी के कुल्हों पर रखा और नीचे से मेरी दीदी को अपनी और खींचते हुए उपर से पिछे की और झुका लिया.. अब उसका पिछे वाला हाथ  मेरी दीदी को  सहारा देने के लिए उनकी गर्दन पर था और दूसरे हाथ से उसने मेरी दीदी की दूसरी चूची को किसी निरीह कबूतर की तरह दबोच लिया.....
 मेरी प्रियंका दीदी भी अधमरी सी होकर बड़बड़ाने लगी थी... उनके ऊपर भी " प्यार का जादू " सर चढ़कर बोलने लगा था...
मीठी मीठी सिसकियाँ लेती हुई मेरी दीदी आनंदित होकर रह रह कर सिहर सी जा रही थी....
 मेरी दीदी की हर  सिसकी के साथ असलम को उनकी रजामंदी का आभास हो रहा था  और पागल हो कर असलम चूसे जा रहा था..
करीब 5-6 मिनिट तक अपनी अल्हड़ मस्त चूचियो को बारी बारी से चुस्वाते रहने के बाद मेरी प्रियंका दीदी पिछे झुकी हुई होने के कारण तंग हो गयी और उसके कॉलर पकड़ कर उपर उठने की कोशिश करने लगी... वह शायद मेरी दीदी की परेशानी समझ गया और उनकी चूची को मुंह से निकाल कर उनको सीधा बिठा दिया...
 मेरी प्रियंका दीदी की चूचियो में जैसे खून उतर आया था और दोनो ही चूचिया  असलम के मुखरास (थूक) से सनी हुई थी...
 मेरी प्रियंका दीदी मस्त हो चली थी... बड़ी शरारत से उन्होंने असलम की आंखों में अपनी कजरारी आंखें बड़ी बड़ी, डाल  के बोली...
 बुरा ना मानो तो एक बात कहूं जी"  दिल भर गया हो तो अब हमें जाने दीजिए"
 असलम ने मेरी दीदी की बात ठीक से सुनी भी नहीं.. वह तो मदहोश था उनकी चूची  चूस चूस कर..
उसने एक एक बार मेरी दीदी की दोनो चूचियो के दानो को अपने होंटो में लेकर 'सीप' किया और फिर नशीले से अंदाज में मेरी दीदी की ओर देख कर बोला..,"बोलो ना जान!"
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wah kya khoob ...aagey likho...aur bada update do
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Kya likh rahe ho bhai.... Maja aa gaya... Super... Please update more
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बहुत ही मस्त अपडेट भाई।अपडेट जल्दी दिजियेगा।
माँ की अधूरी इच्छा(running)https://xossipy.com/showthread.php?tid=25723
परिवार(complete)https://xossipy.com/showthread.php?tid=9522
मेरे गाँव की नदी(complete)
कलयुग का कमीना भाई(complete)https://xossipy.com/showthread.php?tid=24644
तीन कुड़ियाँ(complete)
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Thanks
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प्लीज आप हमें जाने दीजिए बहुत हो गया.... मेरे प्रियंका दीदी ने कहा..
 चुप  साली रंडी...छिनार तेरे सारे खानदान की गांड मारुं ,. बिना चोदे तुम्हे आज जाने नही दूँगा यहाँ से...." असलम गुस्से में बोला..
  असलम उठ कर खड़ा हो गया... उसने अपने सारे कपड़े उतार के नीचे फेंक दिय.. वह बिल्कुल नंगा खड़ा था... उसका 10 इंच का मजबूत काला मोटा लौड़ा उसके हाथ में था.... लोहे की तरह सख्त लोड़े को वह अपने हाथ में पकड़  हिला रहा था... उसके अंदर का जानवर जाग चुका था... मेरी दीदी नीचे लेटी हुई उसे किसी निरीह हिरनी की तरह देख रही थी...
   असलम ने अपना लौड़ा मेरी प्रियंका दीदी का मुंह पर रख  दीया उनकी छाती पर बैठकर.....
 चूस मेरा लौड़ा साली रंडी  अपने पति का लोड़ा....
 मेरी प्रियंका दीदी डर के मारे उसका लोड़ा मुंह में लेकर चूसने लगी.. दीदी उसके  लोड़े का टोपा अपने मुंह में लेकर उस पर जीव घुमाने लगी..
 दूसरी तरफ  मेरी रूपाली दीदी की चोली खोल दी थी  जुनैद ने.. उनकी ब्रा को नीचे सरका के  मेरी रूपाली दीदी का दूध पी रहा था जुनैद.... असलम का पागलपन देखकर जुनैद के अंदर का भी जानवर   जाग गया..... दूध पीने के साथ साथ ही वह मेरी  रूपाली दीदी की चुचियों को काटने लगा अपने दांत से......
 मेरी दीदी दर्द के मारे  बिलबिला रही थी...  मेरी दीदी  दर्द की मारी चीख रही थी तड़प रही थी...
 पर निर्दई जुनैद को मेरी रूपाली दीदी  की कोई परवाह नहीं थी.. मेरी दीदी का लहंगा सरका दिया  उसने... लहंगे का नाड़ा खोलने के बाद उसने मेरी दीदी की गांड को पकड़ के ऊपर  उठाया और लहंगे  को मेरी दीदी की टांगों से अलग कर दिया.... फिर उसने मेरी रूपाली दीदी की पैंटी भी उतार दि...  एक बार फिर मेरी रूपाली दीदी  बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी जुनेद के सामने... फर्क सिर्फ इस बात का था कि आज मेरी दीदी जुनैद की दुल्हन बनी हुई थी... और मेरी जीजू पूरा तमाशा देख रहे थे... और मैं तो अपनी दीदी की सुहागरात की शूटिंग कर रहा था...
 कुछ ही देर में  जुनेद भी बिल्कुल नंगा हो गया...

  मेरी रूपाली दीदी के ऊपर लेट गया  जुनेद...

 बड़ी मेहनत करने के बाद असलम का आधा लोड़ा मेरी प्रियंका दीदी के मुंह में समा गया था... मेरी दीदी उसका लोड़ा मुंह में लेकर आगे पीछे हो रही थी बिल्कुल किसी रंडी की तरफ..
 मेरे प्रियंका दीदी  ने असलम  के लण्ड  को हाथ से पकड़ कर उसके पेट से मिला दिया और लिंग की जड़ में लटक रहे उसके घूंघारूओं को जीभ से जा च्छेदा...

"आअहह.. कैसे सीखा तुमने..? तुम तो ब्लू फिल्मों की तरह तडपा तापड़ा कर चूस रही हो... जल्दी ले लो ना!" उसने अपनी आँखें बंद कर ली और पिछे  पर लुढ़क गया...  मेरी दीदी की जांघों के ऊपर..

उसके पिछे लुढ़क जाने की वजह से अब उसका औजार किसी तंबू की तरह छत की और तना हुआ था... बड़ा ही प्यारा दृश्या था... शायद जिंदगी भर 'उसको' भुला ना सकूँ... मेरी प्रियंका दीदी आगे झुकी और अपनी जीभ निकाल कर जड़ से शुरू करके सूपदे तक अपनी जीभ को लहराती हुई ले आई.. और उपर आते ही फिर से सूपदे को वैसा ही एक चुम्मा दिया..... वह फिर से उच्छल पड़ा..

  आह रंडी.... बड़ा मस्त चुस्ती है  साली चूस मेरा..."आअहह.. कैसे सीखा तुमने..? असलम बड़बड़ा रहा था...
 मेरी प्रियंका दीदी ने एक बार फिर से उसके सूपदे को अपने होंटो से दूर करते हुए उसके लिंग को बीच से अपना मुँह पूरा खोल कर दाँतों के बीच दबोच लिया.. और हल्क हल्क दाँत उसकी मुलायम त्वचा में गाड़ने शुरू कर दिए....

"ऊओ हू हूओ.. आआआहह.. तुम इसको काट कर ले जाओगी क्या? क्यूँ मुझे तडपा रही हो..... जल्दी से चूसना ख़तम करो... बिना चोदे तुम्हे आज जाने नही दूँगा यहाँ से...."
 असलम बिल्कुल पागलों की तरह  बोलने लगा.......
 मेरी दुल्हनिया....साली रंडी...," मर जाउन्गा जान.. आआआः... मुझे ये क्या हो रहा है... मा कसम.. तुझे चोदे बिना नही छ्चोड़ूँगा मैं... आज तेरी चूत 'मार' के रहूँगा... कितने दीनो से सपने देखता था कि किसी की चूत मिले.. और आज मिली तो ऐसी की सोच भी नही सकता था.... तेरी चूत मारूँगा जान.. आज तेरी चूत को अपने लौदे से फाड़ डाअलूँगा.... आआअहहाा... इसस्स्स्स्स्स्शह"..
वो जो कुच्छ भी बोल रहा था.. मुझे सुनकर बड़ा मज़ा आ रहा था... मेरी प्रियंका दीदी उसके लिंग को अपने मुँह में लेकर उपर नीचे करती हुई चूस रही थी... जब उसका लिंग मेरी प्रियंका दीदी के मुँह में अंदर घुसता तो उसकी आवाज़ कुच्छ और होती थी और जब बाहर आता तो कुच्छ और.... उसके लिंग को चूस्ते हुए मेरी  प्रियंका दीदी लपालप  मुंह से थूक निकाल रही थी और पागलों की तरह बड़बड़ा रहे असलम  की  सिसकी  मेरे लोड़े में तूफान उठा रही थी...
"बस अब बंद करो जान... निकलने ही वाला है मेरा तो..." उसने अपने लिंग को मेरी दीदी के मुंह से निकालने का प्रयास करते हुए  कहा...

"बस दो मिनिट और..." मेरी दीदी असलम के लोड़े को मुंह से निकाल के उसको बराबर से  चूमने और चाटने लगी..
 मेरी प्रियंका दीदी बेहद स्मार्ट है... उनको पता चल गया था कि असलम के लोड़े की मलाई निकलने वाली है...
"ओह्ह्ह... मर जाउन्गा जाअँ.. क्यूँ इतना तडपा रही हो.. मान जाओ ना..."
 असलम ने मेरी प्रियंका दीदी के दोनों  कांधे पकड़ लिए और जैसे अचानक ही उसके हाथ अकड़ से गये... उसके लिंग को चाटने में खोई हुई मेरी प्रियंका दीदी को जब तक एहसास होता तब तक जुनेद  के लिंग से निकल कर कामरस की तीन बौच्चरें मेरी दीदी की शक्ल सूरत बिगड़ चुकी थी... पहली बौछार आ  मेरी प्रियंका दीदी की आंखों के पास लगी... जैसे ही हड़बड़ा कर मेरी प्रियंका दीदी पीछे हटी दूसरी बौछार उनके होठों पर... और उनके उठने से पहले ही गाढ़े रस की एक बौच्हर मेरी मेरी प्रियंका दीदी की बाईं चूची को गिला कर गई..
.. उसका लिंग अब भी झटके खा रहा था और हर झटके के साथ लगातार धीमी पड़ती हुई पिचकारियाँ निकल रही थी.....

"सॉरी जान... मैने तुम्हे पहले ही बोला था कि छ्चोड़ दो... मेरा निकलने वाला है..." असलम बोला..
 दूसरी  तरफ जुनेद मेरी रूपाली दीदी को पेल रहा था... मेरी रूपाली दीदी  की चूत में पैबस्त था जुनेद का लोड़ा...... एक ही बिस्तर पर हो रहा था यह सब कुछ...
मस्ती से मेरी आँखे बंद हो रही थी।... अपनी बहनों का यह हाल देखकर मेरा लौड़ा  टाइट हो गया था ... मेरे जीजू दारु पीने में लगे हुए थे..

 तेरी मां का भोसड़ा चोद  साली रंडी... जुनेद पेल रहा था मेरी रूपाली दीदी को.... असलम और मैं देख रहे थे...
…. आह , उई ई ओह्ह फट गई , मर गई ओह , मेरी रूपाली दीदी की चीख निकल के पूरे गांव में पहुंच रही होंगी... मजदूरों के पास भी..

आज तो बस खाली थूक लगा के ,. जुनेद मेरी रूपाली दीदी को पेल रहा था..
 कुछ देर  चोदने के बाद जुनैद ने अपना लौड़ा मेरी रूपाली दीदी की   योनि से बाहर निकाल लिया और उनको घोड़ी बना दिया...
 उसने पीछे से मेरी दीदी की गांड के छेद पर लौड़ा सेट किया...

…. आह , उई ई ओह्ह प्लीज मेरी गांड मत मारो... बहुत दर्द होता है..
 रूपाली दीदी  ने घबरा   घबराते हुए कहा...
 तेरी मां का भोसड़ा  साली रंडी...
 जुनैद ने एक जोरदार धक्का मारा और  मेरी रूपाली दीदी कि  चीख फिर गूँज गयी।
 उसने अपना आधा लौड़ा मेरी रूपाली दीदी की गांड में पेल दिया था....
" नहीं नहीं बस इसको बोलो एक बार निकाल ले ,... " मेरे रूपाली दीदी असलम की तरफ देख कर बोल रही थी..
 पूरा लौड़ा मेरी रूपाली दीदी की गांड में डाल दिया  जुनैद ने...
" निकाल तो लेगा ही लेकिन हचक के तेरी गांड मारने के बाद ,तू क्या सोच रही है तेरी गांड में लण्ड छोड़ के चला जाएगा। " असलम मेरी रूपाली दीदी को देखते हुए  बोला...
" अरे पेलो साली की गांड में हचक हचक के , फट जाने दो साली की। अरे बहुत हुआ तो कल्लू मोची के पास ले जाके इसकी सिलवा देंगे हम.... असलम ने अपने  मुरझाए हुए लोड़े को मेरे रूपाली दीदी के मुंह में दे दिया.... दीदी चूसने लगी उसको अपनी गांड मरवाते हुए..

 असलम के लोड़े ने मरी रूपाली दीदी की  गांड का छल्ला पार हो गया , आधे से ज्यादा लण्ड करीब ५ इंच अंदर धंस गया और उस के बाद तो एक से एक करारे धक्के , 

धकाधक धकाधक , सटासट सटासट , वो मेरी रूपाली दीदी को   गांड में  झटके दे रहा था...  उसे ना मेरी रूपाली दीदी की चीखने की    परवाह थी ना ही रोने की.. वह अपनी पूरी ताकत से  मेरी दीदी की गांड में झटके मार रहा था..
 या दृश्य देखकर असलम का लौड़ा पूरा  तन के खड़ा हो गया था ... कुछ देर पहले ही उसने मेरी प्रियंका दीदी को अपने लोड़े का जूस पिलाया था...
 वह अपना लौड़ा पकड़कर मेरी रूपाली दीदी के ऊपर आ गया.

 मेरी रूपाली दीदी सैंडविच बन गई और दोनों मर्दों के बीच,... जुनेद मेरी रूपाली दीदी की गांड में और असलम मेरी रूपाली दीदी के भोसड़ी में अपना लौड़ा डाल के आगे पीछे कर रहा था मेरे प्रियंका दीदी देख रही थी...
 मेरी दुल्हनिया तुझे भी चोदना है ऐसे ही मादरजात... असलम मेरी प्रियंका दीदी की तरफ देख कर बोला..
 उसने मेरे प्रियंका दीदी के लहंगे क नाडा खोल दिया.. और मेरी दीदी का लहंगा उतार दिया... फिर  पेंटी भी सरका  दी..
 मेरी दोनों दीदी नंगी हो चुकी थी सुहाग की सेज पर और मेरे दोनों  जीजू भी...
 असलम ने अपनी नई दुल्हन मेरी प्रियंका दीदी की योनि में अपनी दो उंगलियां डाल  अंदर-बाहर करने लगा..
 जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी की गांड मारनी चालु कर दी फिर से , एकदम बाहर तक निकाल के चीरते फाड़ते दरेरते वो घुसेड़ देता। बारी बारी से दोनों , ऐसे जुगलबंदी दोनों की थी की न मेरी रूपाली दीदी की
बुर को चैन न गांड को आराम। 

फिर दोनों एक साथ , एकसाथ दोनों बाहर निकालते , एक साथ अंदर ठेलते ,दोनों के बीच
 मेरी रूपाली  दीदी पिस रही थी , एक एक चूंची भी दोनों ने बाँट ली थी। दोनों मेरी रूपाली दीदी का दूध पी रहे थे..
 मेरी प्रियंका दीदी बगल में लेटी हुई नंगी असलम की उंगलियों को अपनी योनि में अंदर  बाहर होते हुए महसूस कर रही थी.
 मैं तो अपनी दुल्हनिया को  पेल दूंगा... मेरे लोड़े से  आज प्रियंका  की सील टूट  जाएगी जुनैद.
 असलम ने अपना लौड़ा मेरी रूपाली दीदी की च** से बाहर निकाल लिया और मेरी प्रियंका दीदी के ऊपर सवार होके उनकी छोटे से छेद के ऊपर लोड़ा सटा दिया...
 असलम ने एक जोरदार झटका मारा..... उसका आधा लोढ़ा मेरी प्रियंका दीदी के मुनिया में समा गया... मेरी दीदी की मुनिया से खून निकलने लगा.... दीदी तो जैसे बेहोश हो गई..

 रूपाली दीदी जुनैद के लोड़े से उतर के मेरी प्रियंका दीदी को सहलाने लगी.... जुनेद अभी भी उनकी गांड में लौड़ा पेलने की कोशिश कर रहा था... मेरी रूपाली दीदी प्रियंका दीदी के गालों को चूमने लगी.

 अब मेरी आंखों के सामने का दृश्य कुछ ऐसा था कि असलम ने मेरी  प्रियंका दीदी की दोनों टांगे उठा कर अपने कंधे पर रख ली थी, और उसका काला मोटा लंबा  खूंटी जैसे लौड़ा मेरी दीदी की नाजुक प्यारी छोटी सी चूत मैं आधा घुस के अकड़ गया था और मेरी दीदी की चूत से खून निकलने  लगा था.. मेरी प्रियंका दीदी की कुंवारी   चिकनी चूत का उद्घाटन हो चुका था... मेरी  दीदी तो लगभग बेहोशी की अवस्था में जा चुकी थी...  इसके बावजूद भी जालिम असलम पूरा प्रयास कर रहा था कि वह मेरी दीदी की और अंदर तक घुस आए... पागलों की तरह झटके मारने लगा असलम मेरी दीदी की चूत लहूलुहान होने लगी... रूपाली  दीदी मेरी प्रियंका दीदी के बगल में लेट के उनके माथे को चूम रही थी उनके  उनके गालों को  सहला रही थी... मेरी रूपाली दीदी को एहसास था की पहली बार में कितना दर्द होता है..... खासकर तब जब हथियार असलम जैसे मर्द का हो...

 जुनैद ने पीछे से   मेरी रूपाली दीदी की गांड में  अपना पूरा का पूरा लौड़ा  घुसा  रखा था... पर वह मेरी दीदी की गांड में झटके नहीं मार रहा था... बहुत बड़ी तसल्ली से मेरी प्रियंका दीदी की पहली चुदाई के दृश्य का आनंद उठा रहा था....

मैं सबके लिये नगण्य हो कर रह गया था और एक चीज मैं भी महसूस कर रहा था कि उस लाईव पोर्न को देखते मैं भी बस पुरुष हो कर रह गया था।
जो सामने था, वह उत्तेजना से भर देने वाला था, रगों में उबाल ला देने वाला था और मैं अपने लिंग को कठोर होते महसूस कर सकता था।

 कुछ देर बाद जब मेरी प्रियंका दीदी को होश आया तो वह चीखने लगी... उनकी आंखों से आंसू टपकने लगे...
एम्म… ह…. आह… म्‍म्म्मम.. मम्मी....ऑश अहह….!  बहुत दर्द हो रहा है दीदी.. इनको बोलो ना   निकाल ले.... मेरी प्रियंका दीदी ने रोते हुए कहा..
  प्रियंका दर्द तो होता ही है पहली बार.. बस थोड़ी देर तक इस दर्द को बर्दाश्त कर लो फिर सब ठीक हो जाएगा... मेरी रूपाली दीदी ने कहा.. उन्होंने मेरी प्रियंका दीदी के माथे  पर उतर आए पसीने को  अपने हाथों से साफ किया और उनके मासूम होठों को चूम लिया..
 इसी बीच असलम ने 3-4 जोरदार झटके मार के लोड़ा मेरी प्रियंका दीदी के पूरा अंदर  डाल दिया...

 मेरी प्रियंका दीदी की कुंवारी मासूम चूत पर असलम ने मोटे काले लंबे डंडे से अपना झंडा फहरा दिया था... उसने अपना मोटा डंडा मेरी दीदी की चूत से बाहर निकाल लिया और मेरी तरफ तान के  बोला.....
 देख मेरे साले बहन के लोड़े... यह तेरी प्रियंका दीदी  की  कुंवारी चूत का खून मेरे लोड़े पर लगा हुआ है...  मैं तेरा असली जीजा बन  चुका हूं अब.... देख मेरे लोड़े को मां के लोड़े....
 मैंने देखा... असलम का लोड़ा मेरी प्रियंका दीदी की चूत के खून से बिल्कुल सना हुआ था और टावर की तरह खड़ा था...
 मेरी प्रियंका दीदी की खून खच्चर योनि मुझे दिखी और मेरा कलेजा हलक को आया। सारी उत्तेजना हवा हो गयी। मैं बेचैनी से हाथ मलता उठने को हुआ तो जुनैद ने घुड़कती हुई निगाहों से मुझे देखा और मैं कसमसाते हुए वापस बैठ गया। और कैमरे से शूटिंग करने लगा..

 मेरी प्रियंका दीदी अब पूरी तरह होश में आ चुकी थी...
 देख  क्या रही है बहन की लोड़ी.... मेरा लौड़ा  अच्छी तरह साफ कर और अपनी बहन की भी सफाई पर.... असलम ने जैसे मेरी रूपाली दीदी को आदेश दिया...

 मेरी रूपाली दीदी ने बगल में पड़ी हुई अपनी चोली उठाई  और उसी चोली से असलम के लोड़े को साफ करने लगी... उसके लोड़े को अच्छी तरह साफ करने के बाद मेरी रूपाली दीदी ने  मेरी प्रियंका दीदी की लहूलुहान मुनिया  की सफाई भी उसी चोली से कर दी...
 जब मेरी प्रियंका दीदी की चूत  अच्छी तरह साफ हो गई तो उन्होंने मेरी प्रियंका दीदी की चूत  के ऊपर ढेर सारा थूक गिरा दिया और अपनी उंगलियों से उस  थूक को प्रियंका दीदी की चूत  पर पूरा फैला दिया...
 इसके बाद रूपाली दीदी ने असलम के लोड़े को अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने चाटने लगी..  मेरी रूपाली दीदी ने  थूक थूक के असलम के लोड़े को पूरा चमका दिया... फिर इसके बाद उन्होंने एक और हरकत की....
 मेरी रूपाली दीदी ने असलम के हैवानी लंड को अपनी दोनों चुचियों के बीच में दबोच लिया , और अपनी चुचियों को दबा दबा कर दूध निकालकर असलम के हैवानी लंड को गीला कर दी.. फिर मेरी रूपाली दीदी ने खुद ही असलम का  खूंखार लोड़ा अपने हाथों से पकड़ के मेरी प्रियंका दीदी की मासूम चूत के मुहाने पर लगा दिया..

 असलम और जुनैद तो मुस्कुरा रहे थे मेरी रूपाली दीदी की इस हरकत को देखकर... मेरे जीजू जो दारू के नशे में अब बिल्कुल   पागल हो चुके थे, बड़ी हैरानी से मेरी रूपाली दीदी को देख रहे थे.. अपना छोटा सा  मुसल हाथ में पकड़े हुए...
 अब असलम ने मेरी प्रियंका दीदी को धीरे  धीरे पेलना शुरू कर दिया था... मेरी प्रियंका दीदी की चूत परपरा रही थी , दर्द से फटी जा रही थी ,आँख में आंसू तैर रहे थे , लेकिन असलम ने तय कर लिया था कि अपना मोटा लंबा  औजार मेरी दीदी के आर पार करने के बाद ही मानेगा...
 मेरी रूपाली दीदी प्रियंका दीदी की चूत को चाटने लगी जिसके अंदर असलम का लोड़ा अंदर बहार हो रहा था..
 जुनेद मेरी  रूपाली दीदी की गांड मारने लगा, जुनेद के झटकों को मेरी रूपाली दीदी बड़ी आसानी से अपनी गांड में झेल रही थी, उन्हें तो बस चिंता थी मेरी प्रियंका दीदी  की... और मुझे भी...

 मेरी प्रियंका दीदी का शरीर अकड़ने लगा और उनके पैर कांपने लगे।

मैं त… त..तो… तो… गा… ग… गाइइ..
 असलम के  खूंखार लोड़े के झटके खाकर मेरी प्रियंका दीदी की चूत का पानी  निकल गया...
उसके बाद उसने फिर से झटके से मेरी प्रियंका दीदी की मुलायम नाजुक चूत में लंड घुसा दिया और अब वो चूत में लंड अंदर-बाहर करने लगा- आह… आह… आह… आह उहह… आ… उहह आ… साली रंडी  मां की  लोड़ी.... असलम गालियां बक रहा था...

 जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी के बाल पकड़ लिय, और  दीदी की गांड के छेद में  अपना बड़ा और खूंखार लोड़ा सटासट अंदर-बाहर करने लगा...
सूत सूत कर के उसका बालिश्त भर का लण्ड सरक सरक के , मेरी रूपाली दीदी की गांड में  चरखी चलाने लगा..
 मेरे रूपाली दीदी अपनी गांड में झटके खा मदहोश हो  रही थी..
जब धीरे-धीरे मैंने अपनी दोनों दीदी को सहज होते देखा तो मुझे भी राहत हुई और मेरी उत्तेजना का स्तर फिर बढ़ने लगा।
  मेरे लोड़े से अपनी चूत मरवावगी?" साली रांड... जुनैद ने मेरी रुपाली दीदी से पूछा...
"अया... कैसे...?" मैं  आह... आह... दूंगी... प्लीज... मेरी भी चूत चोदो ना... मेरे रूपाली दीदी बड़बड़ा रही थी...
"ऐसे ही.. एक मिनिट.. मेरी बात का जवाब देती जाना... तुम्हे भी बहुत मज़ा आएगा... तुम्हारी चूत कैसी है?"  जुनैद ने पूछा..
"अया... गोरी..." बड़ी मुश्किल से मेरी रूपाली दीदी के मुंह से  बोल निकले...
"आ.. गोरी नही मेरी रानी... मक्खन मलाई जैसी बोलो.. बोल कर दिखाओ...!" मेरी रंडी  दुल्हनिया.. जुनैद ने कहा और मेरी रूपाली दीदी की गांड मे अपने झटके बेहद तेज कर दिय...
"अयाया... अया... मम्मी... मेरी रूपाली दीदी ने जैसे तैसे बोलने के लिए शब्द ढूढ़ ही लिए..," मेरी चूऊऊथ मक्खन मलाई हैईआआआह्ह्ह्ह...!"
  जुनैद की आवाज़ में भी कंपन सा शुरू हो गया था.....,"मेरे लौदा कैसा है रानी!"  उसने पूछा...
 आप का लोड़ा... आह...  आह...क़ाला... अया.. नही.. आप का लोड़ा 'डंडे' जैसा है...." मेरी रूपाली दीदी  सिसकती  चीखती हुई बोली...
"शाबाश... लड़की की चूत किसलिए होती है बता!"... जुनैद ने पूछा..
"प्याअर करने के लिए...!....
नही सलीईइ.... चूत चोदने के लिए होती है.. लंड अंदर पेलने के लिए होती है....!"
"आह्ह्हाआ..ओहूओ.. हाआअन्न्न्न्न..अया!".. मेरी रूपाली दीदी बड़बड़ा रही थी और जुनैद ने अपनी दो  उंगलियां मेरी रूपाली दीदी के खजाने में घुसा दि थी...
 लोड़ा किसलिए होता है बोल...?" मस्त होकर पूछा जुनैद ने..
 लोड़ा... मुंह में लेकर चूसने चाटने के लिए होता है... और...चूत चोदने के लिए.....!"  मेरी रूपाली दीदी  तड़पते हुए बोली.

 और गांड मारने के लिए भी साली रंडी... जैसे अभी मैं तेरी गांड मार रहा हूं... हाय मेरी छमिया... तुझे ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा.... जुनैद ने मेरी दीदी से पूछा...
  अपनी गांड में जबरदस्त झटके खा कर मेरी रूपाली दीदी पूरी तरह मदहोश हो गई थी, उनके मुंह से आवाज भी नहीं निकल रही थी..
 मेरी रूपाली दीदी ने मेरी प्रियंका दीदी के  नरम गालों से अपने गाल  सटा दिय और अपनी गांड में जुनेद के मोटे लंबे  हथियार के अंदर बाहर होने का मजा लेने लगी...
 जुनेद का लोड़ा था भी तो वो स्साला , मोटा बियर के कैन सा , ...
  एक हाथ से  जुनेद मेरी रूपाली  दीदी के  जोबन मसल कर दूध निकाल रहा था, और दूसरे हाथ से उसे मेरी दीदी की चूत में उँगली करनी शुरू कर दी. 
 मेरी रूपाली  दीदी की चूत तो पहले हीं गीली हो रही थी, थोड़ी देर में हीं वो पानी-पानी हो गई. 
 जुनैद ने अपनी उंगलियों से मेरी रूपाली दीदी की  चूत को फैलाया और  फिर उसने मेरी दीदी की पतली कमर को पकड़ कर एक जबरदस्त झटका दिया... उसका लौड़ा मेरी रुपाली दीदी की गांड में पूरा का पूरा रगड़ता, अंदर चला गया..
 दर्द के मारे मेरी रूपाली दीदी तिलमिला  उठी, पर जब वह मेरी दीदी की गांड  को घिसता तो मज़ा भी बहुत आ रहा था उनको, साफ पता चल रहा था  उनके चेहरे से..

दो चार धक्के ऐसे मारने के बाद  जुनैद ने मेरे रूपाली  
दीदी की चूचियों को कस-कस के रगड़ते, मसलते चुदाई शुरू कर दी.

 जल्दी ही मस्ती में आकर  रूपाली दीदी ने भी अपनी  गांड मटका के जुनैद के  झटको का जवाब देने लगी...

 बगल में ही मेरी प्रियंका दीदी नीचे लेटी हुई थी और असलम उनके ऊपर सवार होके अपना मोटा लंबा  बंबू मेरी दीदी की प्यारी सी मुनिया के आर पार ठेल दिया था, और मेरी दीदी के ऊपर कूद रहा था..

" बस , बस थोड़ा सा , बस , ..डालने दो न ,... " मेरी छम्मक छल्लो मेरी  रंडी दुल्हनिया... असलम बड़े  कामुक अंदाज में बोल रहा था..

"  , नहीं न , नहीं प्लीज , ...दर्द होता है , ... उह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्ह नहीं नहीं ,... "  मेरी प्रियंका दीदी चीख रही थी सिसक रही थी..
 मेरी दीदी ने अपनी टाँगे थोड़ी सिकोड़ ली , जाँघे भी भींच ली , ... 
 
" नहीं नहीं भइया , बहुत लगता है ,...ओह्ह नहीं , मेरी ,... ओह्ह , " 
 भैया नहीं मैं तेरा सैयां हूं रंडी... तेरा गांडू भाई तो तेरी वीडियो सूट में लगा है.... असलम ने कहा..
 मैं असलम की बातें सुनकर शर्मिंदा तो हुआ पर मेरा लौड़ा टाइट  ही  रहा..

 घपा घप सटासट...  असलम अपने मजबूत लोड़े से मेरी प्यारी सी प्रियंका दीदी की प्यारी सी नाजुक  मुनिया को धकाधक  चोद रहा था.. मेरी प्रियंका दीदी भी असलम के लोड़े के  झटको में  खोने लगी .
 मेरी भोली भाली दीदी को भी एहसास हो चुका था की मर्दानगी क्या होती है.... असलम के  लोड़े   ने मेरी प्रियंका दीदी को किसी दूसरे  जहां में पहुंचा दिया था..
 मेरी प्रियंका  दीदी भी  एक नई नवेली कच्ची कली की तरह नखरे कर रही थी और चीख रही थी... 
 पर मेरी प्रियंका दीदी  एक कामुक औरत की तरह  सिसकियां ले रही थी जैसे कोई  रंडी अपने ग्राहक के साथ करती है...
 मुझे तो उसी क्षण एहसास हो गया कि मेरी प्रियंका दीदी मेरी रूपाली दीदी से भी बड़ी  चुडक्कड़ बनेगी.. मुझे मेरी प्रियंका दीदी में रंडियों वाले सारे गुण दिखाई दे रहे थे..

" नहीं नहीं  सैंया जी... तुम बहोत बदमाश हो , ....ओह्ह्ह फट  गयी मेरी ,  आपने फाड़ दी मेरी ,... " सैंया जी.... मेरी प्रियंका दीदी अब  उकसा रही थी असलम को और जोर-जोर से  करने के लिए...
 असलम बेहद खुश हो गया था मेरी प्रियंका दीदी से...
 वह मेरी तरफ देख कर बोला... देख साले हरामजादे तेरी बहना मुझे अब सैया जी कह रही है..
 मैं बेहद शर्मिंदा हो गया था पर मैंने शूटिंग चालू रखी..
 असलम ने और जोर से पेल दिया , मेरी प्रियंका दीदी के अंदर..

ओह्ह्ह नहीं नहीं , नहीं सैंया जी ....बहुत मोटा लंबा है आपका... मुझे दर्द हो रहा है... मेरी प्रियंका दीदी  कामुक होकर बोली..
 असलम के चेहरे पर एक अलग तरह की मस्ती , एक अलग तरह का जोश था , और धक्के भी खूब जोरदार , 
 
दस मिनट तक लगातार चोदने के बाद  वह रुका और मेरी प्रियंका दीदी  के गालों को बड़े प्यार से   चूसते हुए बोला... 

" हे बहुत दर्द तो नहीं हुआ , तुझे "
 
"  अगर मैं कहूं , हुआ, तो क्या आप रुकते ,...  मेरे सैया जी... मेरी प्रियंका दीदी ने बड़ी शरारत से और बड़े प्यार से कहा..

" एकदम नहीं रुकता , और रुकता तो तेरी फटती कैसे ,... " 
  मेरी छमिया.... असलम ने कहा..

वो तो है , 

गोल गोल आँखे नचा कर मेरी प्रियंका दीदी बोली..
 असलम के धक्के फिर से चालू हो गय मेरी प्रियंका दीदी के अंदर..

 मेरी प्रियंका दीदी कभी अपनी चूची तान के, कभी उचका कर , कभी और उभार कर , अपने जुबना का जादू , उस जादूगर पर  चलाने की कोशिश करने लगी..
 असलम ने एक बार में मेरी प्रियंका दीदी की एक संतरे को अपने मुंह में  भर लिया और दूसरे संतरे को दबाने लगा..
 असलम का दूसरा हाथ मेरी प्रियंका दीदी की दूसरे जोबन के निप , अंगूठे और तर्जनी के बीच मसल रहा था , मेरी  दीदी  की गुलाबिया में तो जैसे आग  गई थी... मेरे प्रियंका दीदी अपनी गांड उठा उठा के देने लगी असलम को..
 असलम के होंठ और ऊँगली दोनों का दुहरा हमला एक साथ ,  . मेरी प्रियंका दीदी पिघल रही थी असलम के लोड़े के नीचे..
 जैसे ही असलम ने मेरी  प्रियंका दीदी के  निप्पल को अपने मुंह से छोड़ा... दीदी ने उसका सर पकड़ फ्रेंच किस उसके होठों पर जमा दि..
 मेरे सैया जी  मुझे चोदो... मेरी फाड़ के रख दो.. मेरी प्रियंका दीदी बोली... मेरी रुपाली  दीदी भी हैरान हो गई उनकी बात सुनकर..
 अचानक  असलम ने मेरी प्रियंका दीदी को पलट दिया... उसका मोटा लंबा खूंखार सा लोड़ा अभी भी मेरी दीदी की प्यारी नाजुक मुनिया पूरा अंदर तक   घुसा हुआ था..
 मेरी प्रियंका दीदी असलम के लोड़े पर सवार हो चुकी थी..
 मैंने अपनी जिंदगी में कभी इस दृश्य की कल्पना नहीं की थी... मेरी भोली भाली प्रियंका दीदी जो इतनी मासूम है, कभी असलम जैसे मर्द के लोड़े की सवारी  करेगी..
 कामाग्नि में जलती हुई मेरी प्रियंका दीदी असलम के
 लोड़े पर कूदने लगी.. असलम भी नीचे से  झटके मार रहा था... मेरी प्रियंका दीदी के संतरे ऊपर नीचे हो रहे थे उनकी कूदने के साथ-साथ...

 मेरी प्रियंका दीदी अपने साजन की गोद में बैठी , साजन का खूंटा मेरी दीदी  के  अंदर धंसा , 

सूत सूत , धीरे धीरे , रगड़ता ,दरेरते , घिसटते , फाड़ते , बहुतधीमे धीमे ही सही लेकिन अंदर घुस रहा था 
  मेरी प्रियंका दीदी के अंदर असलम का मजबूत लोड़ा..
 मेरी प्रियंका दीदी सिसक रही थी चीख रही थी बिलबिला रही थी पर फिर भी असलम के लोड़े  उछल रही थी..

 लग रहा था कोई खूब मोटा काक एक बहुत पतली गरदन वालीबोतल में अड़स गया है , निकाले निकल नहीं पा रहा , ... 
 मेरे सैया जी मुझे चोदो ना... मेरी  चीर दो मेरी  चटनी बना दो... मेरी प्रियंका दीदी बोल रही थी..
 असलम के लोड़े की सवारी करते हुए मेरी प्रियंका दीदी की अंदर की रंडी जाग गई थी..
 प्रियंका दीदी को यह भी परवाह नहीं ...मैं सब कुछ देख रहा हूं और कैमरे में सूट भी कर रहा हूं..
 तेरी मां का भोसड़ा ... साली तू तो मस्त रंडी है... आज से तुम मेरी दुल्हन... कुत्तिया... हराम की  लोड़ी... असलम गालियां देता हुआ मेरी प्रियंका दीदी को अपने लोड़े पर उछालने लगा..
 मेरी प्रियंका दीदी अपने सैया जी से यही तो चाहती थी ,  हचक के वो पेलें , खुल के वो बोलें , ... गाली दे दे कर ,...
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Bhai salute to you. Very hot erotic. This scene must write with full details.
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