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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
(14-02-2020, 11:25 AM)chodumahan Wrote: valentine day ke din belan ghusaane ki puri taiyari kar di hai...

uff jija saali aur sath me salhaj ka support..
mauka bhi hai aur dastur bhi....
bas hathoda maarne ki der hai...
shaandar prastuti..

Thanks so much ....aage age dekhiye ...is kahani men bahoot turns hain
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Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
mobile gayab hone se bahut dino se story nhi padh paa raha tha. abhi kuch jugaad kiya hai pdadhane ka. bahut badhiya chal rahi hai kahani aapki. Lekin asli intjaar to aapki saas ke teertha se lautne ka hai. bahut dino ki uki tammnna puri honi chahiye. aakhir itne dino tak tel laga kar sewa ki hai to ab unki sewa bhi to honi hi chahiye.
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agle update ka besabri se intjaar hai
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(15-02-2020, 01:11 AM)rathore Wrote: Tau Phir kyu ata hai Iss thread pe bore hone
Chal dafa ho yaha se... Fitte moonh. 

Komal g very intresting story... Ignore idiots.

Thanks but one things ...he do likes it here , out of 10 posts so for only two are on stories and both on this thread....kuch to baat hai
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(16-02-2020, 09:47 PM)jhonmilton Wrote: mobile gayab hone se bahut dino se story nhi padh paa raha tha. abhi kuch jugaad kiya hai pdadhane ka. bahut badhiya chal rahi hai kahani aapki.  Lekin asli intjaar to aapki saas ke teertha se lautne ka hai. bahut dino ki uki tammnna puri honi chahiye. aakhir itne dino tak tel laga kar sewa ki hai to ab unki sewa bhi to honi hi chahiye.

mobile mila ki nahi ...naya le lijiye
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(14-02-2020, 05:44 PM)komaalrani Wrote: Thanks soooooooo much , welcome to thread, i am privileged ,,,,aapki 9 posts men se ye akeli post hai jo ek story pe hai ...baaki saari PnV par ....aapne is kahani ko is layak samjaha ki uspar is forum men apani pahli post karen ....ye mera ahobhagya ...

i can only request you to read this story from the beginning and in the perspective of its genre SMTR ( She makes the rules ) with a slight mild femdom and a touch of sissifciation ....and in Indian Perspective....there are very few Indian stories in that genre, hence i made a foray but as they fools rush where angels fear to tread....

please do read my other story ...Mohe Rang de and do post your views there also ,... 

once again welcome and thanks for gracing the thread.... 
I like ur writing but sorry to say, its getting lenghty n boring as well. Add essence of sex n fun. There has been so countless boring story on this site. Plz don't be the member of such stories. 
Sorry if it hurts
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(17-02-2020, 05:43 PM)Salilxx Wrote: I like ur writing but sorry to say, its getting lenghty n boring as well. Add essence of sex n fun. There has been so countless boring story on this site. Plz don't be the member of such stories. 
Sorry if it hurts

welcome to the thread ...

it does not hurt...actually it is not a story,... it is a novel ...very long novel of approximately more than 1000 pages , ... and deals a very specific genre , FEMDOM with a touch of sissifciation , a genre not used in Hindi and that too in Indian background. If you a looking for a fast paced story which should have 'essence of sex n fun', ...please do read my story...

 मजा पहली होली का, ससुराल में 

https://xossipy.com/showthread.php?tid=2352

it is fast paced and will as i feel give you what you are looking for,... but please do post your views there and on my other story too , your comments are always welcome 

thanks again , you must have noticed i always posted liked for your every comment and rated also positively ...
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(16-02-2020, 09:48 PM)jhonmilton Wrote: agle update ka besabri se intjaar hai

kal
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यही मन कर रहा था की जिस चीज के लिए बचपन से मेरी दोनों बहने , ...  चिढ़ातीं थी  और बहने ही नहीं , दोनों मौसी लोग भी ,... सबसे छोटी साली हो ,... दोनों चढ़ेंगे तेरे ऊपर और वो भी साथ साथ ,...  तो हो जाए तो हो जाए



घण्टे भर से कम ही बचे थे वैसे भीएक बार हम ननदे नयी दुल्हन को उसके पिया के कमरे में पहुंचा देती उसके बाद तो ,
 
मेरी रगड़ाई आज तय थी ,दोनों जीजू एकदम उतावले।
 
 
 
लेकिन,
 
 
लेकिन ,
 
 
पर वैसा कुछ नहीं हुआ।
 
 
ये आगये।
 
मैं जीजू लोगों के साथ ग्रुप फोटों खिंचवा रही थी , बस उसी समय।
 
और उनका चेहरा ऐसा उतर गया की ,
 
मैं समझ गयी कि ,इन्हें जम कर बुरा लग गया।
 
कमल जीजू को तो ये पहचानते थे , कमल जीजू कॉलेज में उनसे तीन साल सीनियर थे ,जब ये नौवें में गए थे तो वो बारहवीं में थे ,
 
अजय जीजू से पहली बार मिले थे ,लेकिन सब कुछ बहुत फार्मल कोल्ड,
 
रीनू ,चीनू ने उन्हें छेड़ने की ,मजाक करने की भी कोशिश की पर , इनका जो चेहरा लटका तो ,
 
 
पूरा माहौल एकदम,...
 
और कुछ देर बाद उन्होंने बॉम्बशेल छोड़ दिया ,
 
 
मुझे उनके साथ आज ही लौटना होगा , तीन चार घंटे बाद।
 
रीनू चीनू ने बहुत मनाया ,मेरी बड़ी मौसी ,चीनू की माँ ने भी ,लेकिन ,...
 
उनके मायके में कुछ छोटी मोटी कुछ ,... किसी का बर्थडे शायद उनकी उसी छिपकली मार्का ममेरी बहन का ,
 
मैंने अपनी ओर से बात बदलने की कोशिश करते हुए दबी आवाज में पूछा भी की ,
 
 
" आपकी तो ट्रेन छूट गयी थी न। "
 
" हाँ ,लेकिन कुहासे के चक्कर में ट्रेन लेट चल रही है तो एक दूसरी ट्रेन में ,... "
 
 
पता ये चला की ट्रेन में टीटी को कुछ ले दे कर वो चढ़ गए थे और उतरने पर स्टेशन पर उन्होंने देखा की एक ट्रेन जो करीब १६-१७ घंटे लेट चल रही थी ,उसमें उन्होंने करेंट रिजर्वेशन करवा लिया था और बस कुछ देर में मुझे वापस ,

 
मेरी फिर बच गयी।
 
जब मैं वापस लौट रही थी , इनके साथ तो अजय जीजू ने मुझे छेड़ते हुए माहौल हल्का बनाने की कोशिश की ,
 
 
"जा जा ,भूख शेर मिलेगा। "
 
हम लोग दरवाजे से बाहर निकल रहे थे की किसी ने पीछे से हलके से कमेंट मारा ,
 
किलज्वॉय।
 
 
मुझे इतना बुरा लगा मैं बता नहीं सकती।
 
 
 
पुरानी यादों से उबरती मैं उन्हें निहार रही थी।



 
लेकिन वो उनके परिवर्तन पूर्व  के दिन थे ,और अब ,....

 
अब तो मेरे जीजू लोगों से किसी भी मामले में कम नहीं थे , मजे देने में।
 
मजे लेने में।
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और मैं काम में लग गयी ,

 
 
जीजू लोगों के आने के बाद टाइम तो मिलेगा नहीं इसलिए इनके मायके जाने की पैकिंग अभी पूरी करनी थी

फिर उन लोगों के लिए भी तैयारी करनी थी /
 
 
उन्हें मैंने सोने दिया , अपना काम ख़तम कर के घंटे भर बाद उठाया। शाम होनेवाली थी।
लुकिंग   परफेक्ट स्लीपिंग ब्यूटी ,
 
मेरी निगाह उनके मस्त नितम्बो पर गयी   , स्साली क्या चूतड़ हैं , मस्त लौंडिया भी मात।
 
तभी तो उन्हें खुद बताया था उन्होंने हाई कॉलेज में है शुकर की तू है लड़का , की टाइटिल मिली थी ,
 
सारे लड़के उन्हें हाई क्लास लौंडा कह के छेड़ते थे ,
 
एकदम ऐसे चिकने थे की , बस,... कोई अच्छा खास स्ट्रेट भी , .... लौण्डबाज बनने पर मजबूर हो जाए।
 
 
मैं हलके हलके उनके बबल बॉटम्स सहला रही थी।
 
वो सोते हुए भी मुस्करा रहे थे , और तभी मुझे एक शर्त याद आयी, उनकी सास ने लगाई थी ,
 
" अगर तुझे इसे मादरचोद बनाना है तो मेरे आने के पहले इसकी नथ उतर जानी चाहिए , तब तू इसके फटने की फोटो भेजेगी मुझे तभी मैं इसकी माँ को लेके ,... "
 
और मैने उस समय तुरंत हाँ बोल दी थी।
 
ये तो मैं किसी शर्त पर नहीं छोड़ सकती थी , उसके लिए मुझे चाहे जो करना पड़े।
 
उनका मोटा लन्ड कसर मसर उनकी माँ के भोंसडे में जाय और वो भी मेरे सामने , इस सीन के लिए तो मैं ,
 
मेरा शैतान दिमाग चरखी की तरह चल रहा था ,
 
कैसे चुदेगी मेरी छिनार पंचभतारी सास अपने बेटे से , ... और अब मेरी ऊँगली उनकी कसी कोरी गांड की दरार में चल रही थी।
 
चिकने तो वो बचपन के थे , खुद अपने बचपन के किस्से बताते हुए उन्होंने कबूला था की क्लास से ११ के बीच तीन बार उनकी नेकर उतर चुकी थी ,
 
एक बार तो निहुराया , सटाया ,भी हो चुका था ,लेकिन बस घुसेड़ने के पहले गड़बड़ हो गया।
बच गए बिचारे ,
 
लेकिन अब  नहीं बच सकते ,क्योंकि ये अगर बच गए तो मेरी छिनार सास बच जाएंगी और ये मैं होने नहीं दे सकती थी।
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कमल जीजू भी तो इन्ही के कॉलेज में थे ,शायद इनसे तीन या चार साल सीनियर ,

 
इन्होंने खुद बताया था , कोई भी चिकना उनके कॉलेज का ,कमल जीजू से बचा नहीं था ,सीधे नहीं तो जबरदस्ती ,
 
ये बस इसलिए बच गए थे की जिस साल ये कॉलेज में गए उसी साल कमल जीजू इंजीनियरिंग में पहुँच गए।
 
और कमल जीजू तो अभी भी , चीनू ने खुद बताया था अभी भी जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में विश्वास नहीं रखते थे , महीने में एकाध बार ,
 
बस ,
 
कचाक से ऊँगली मैंने उनकी कसी कोरी गांड में पेल दी ,
 
मिल गया , अब ये बचेंगे , इनकी माँ।
 
दो पोर तक मेरी ऊँगली इनकी गांड में ,

" तेरे लिए एक सरप्राइज खबर है लेकिन अभी नहीं , तुमने अभी नहाया नहीं आज , चलो पहले अपने सोना मोना को नहलाती हूँ अच्छी तरह से फिर ,…

लेकिन नहलाया भी उन्होंने ,धुलाया भी उन्होंने।
 
मेरे उभारों से दरारों तक हर जगह रगड़ रगड़ के ,साबुन लगा के ,
 
मैंने उनको भी साबुन लगा के मसला मुठियाया ,
 
और हम दोनों साथ साथ साथ शावर में , हैण्ड शावर के नॉजल से उनके खूंटे को ,सुपाड़े को  भी छेड़ा ,
 
और जब हमने शावर में एक दूसरे का साबुन साफ़ कर दिया तो मैंने उन्हें हड़काते हुए कहा,
 
" हे तुमने सब जगह ठीक से साफ़ नहीं किया ,अपने को। "
 
बिचारे वो ,उन्होंने हाथ की उँगलियों के बीच ,पैर की उंगलियों को ,तलुओं को मुझे दिखाया ,
 
स्पॉट लेसली क्लीन ,
 
लेकिन मेरे मन में तो कुछ और ही चल रहा था ,
 
" बेंड " मैं बोली ,
 
 
वो झुक गए।
 
टच योर टोज ,
 
उन्होंने झुके हुए अपने टोज छूने शुरू कर दिए ,
 
रेज योर आस ,
 
 
झुके हुए उन्होंने अपने गोल गोल नितम्बो को हवा में  उठा दिया।
 
क्या मस्त चिकनी स्मूथ गोलाइयाँ थीकोई ब्रम्हचारी भी देख ले तो उसका लौण्डेबाज होने का मन करने लगे।
 
मैंने थोड़ी देर उन्हें सहलाने के बाद एक झटके में पूरी ताकत से उन्हें फैला दिया ,
 
कसी कोरी दरार एकदम चिकनी साफ़ ,
 
मम्मी ने उन्हें सिखा रखा था , ये तेरी मेल कंट है , हरदम मखमल की तरह मुलायम और रेशम की तरह चिकना रखना ,
 
लेकिन मेरी शैतानी दिमाग का चरखा कुछ और ही चल रहा था।
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मैं अपने लिए कपडे निकाल रही थी ,और उनके लिए भी ,

 
टाइम  पास  नहीं  हो रहा था ,
 
मेरी  निगाह बार बार घडी की ओर तो कभी मोबाइल की ओर ,
 
जीजू ने बोला था यहाँ पहुंचने के आधे घंटे पहले वो फोन करेंगे।
 
किचेन से अच्छी अच्छी खुशबू रही थी ,हांडी चिकेन जो मम्मी की फेवरिट थी , और अपने दामाद को उन्होंने बहुत प्यार से सिखाया था ,
 
मटन बिरयानी कश्मीरी ,
 
 
सब की सब नान वेज,
 
 
मुझे याद गयी अपनी वो छुटकी ननदिया , .... भाभी हमारे यहां कुछ भी नहीं , किचेन तो छोड़िये , बाहर का भी कुछ नहीं , ... मैं बड़े प्यार से उनकी बर्थडे पेस्ट्री ले आयी थी ,एकदम एगलेस ,लेकिन उसने ,मेरी जिठानी ने , वो भी फिंकवा दिया। ' अरे बर्तन तो वही होगा "
 
 
एक बार हम लोग बड़ी मौसी के यहाँ ,(चीनू की मम्मी ) गए और पहुंचते ही उन्होंने हुकुम सुना दिया ,
 
मैं नान वेज नहीं खाता ,
 
आपके लिए आलू की सब्जी बन जायेगी ,कोई बोला लेकिन ये ,... उसी किचेन में अगर नान वेज बनेगा ,
 
मजबूरन हम सबने आलू की सब्जी ही खायी। चिकन ,मटन का प्लान फेल हो गया।
 
 
और आज ,
 
थोड़ी देर में काम ख़तम कर के वो मेरे पास बेड रूम में गए ,
 
" आलमोस्ट रेडी , आधे घंटे में सब तैयार हो जाएगा। " मुस्कराते हुए वो बोले।
 
चल अब मैं अपने सोना मोना को तैयार कर देती हूँ , ड्रेसिंग टेबल पर बैठी मैं बोली।
मैं अपने बाल सेट कर रही थीउनके बाल भी  थोड़ी क्रीम लगा के सेट कर के हॉट लुक दे दिया।
 
मैंने तय किया था वेट सेंसुअस लुक ,डार्क रेड लिपस्टिक , हाई चीकबोन्स , मस्कारा ,काजल ,
 
उनको भी मैंने बस जरा सा बहुत हल्का काजलजस्ट  टच , और गालों पे भी हल्का सा रूज ,
 
हाँ जो परफ्यूम मैंने लगाया था वही उनको भी ,
 
मैंने एक सेक्सी रेड हॉल्टर शोल्डर लेस टॉप पहना , उसके नीचे  बस छोटी शोल्डरलेस हाफ कप पुश अप ब्रा , जो मेरे उभारों को और उभार रही थी , एक मैचिंग पिंक थांग और रिप्ड अल्ट्रा लो टाइट डेनिम ,
 
 
उनके लिए भी मैंने पिंक शर्ट निकाल दी थी ,एकदम बॉडी हगिंग , और स्किन टाइट जीन्स।
 
हम दोनों साथ तैयार हो गए।
 
" सुनो ,एक बेड रूम ,मम्मी जिस में थी ,वो वाला ,रेडी तो है बस एक बार चेक कर लेना , और हाँ ,   लिविंग रूम में दो स्पेयर मैट्रेस लगा देना , ब्लैक साटन शीट  के साथ और कुशन भी , ...  क्या पता वो लोग वहीँ ही ,... "
 
एकदम कह कर वो  निकल दिए।
 
मेरी निगाह घड़ी पर पड़ी ,अभी ४५ मिनट थे , जीजू का फोन नहीं आया ,
 
एंड थिंक आफ डेविल ,
 
 
मेरा आई फोन घनघना उठा।
टिपिकल कमल जीजू ,
 
" कहीं फंसी थी क्या , मतलब किसी काम में "
 
टिपिकल डबल मीनिंग डायलाग।
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(17-02-2020, 08:17 PM)komaalrani Wrote: welcome to the thread ...

it does not hurt...actually it is not a story,... it is a novel ...very long novel of approximately more than 1000 pages , ... and deals a very specific genre , FEMDOM with a touch of sissifciation , a genre not used in Hindi and that too in Indian background. If you a looking for a fast paced story which should have 'essence of sex n fun', ...please do read my story...

 मजा पहली होली का, ससुराल में 

https://xossipy.com/showthread.php?tid=2352

it is fast paced and will as i feel give you what you are looking for,... but please do post your views there and on my other story too , your comments are always welcome 

thanks again , you must have noticed i always posted liked for your every comment and rated also positively ...

Thanks for ur beautiful response. It's lovely. I take my words back. I appreciate ur writing & ur positiveness. Keep ur story moving. God bless u
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वाह भौजी क्या जबरदस्त अपडेट था । लगता है जल्दी ही male cunt to saas cunt सब का नम्बर आयेगा । अगले अपडेट बेसब्री से इंतजार है । आपनी सास को सारे तीर्थ का लंबा और मोटा फल जल्दी दिलवाओ ।
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(20-02-2020, 01:05 PM)jhonmilton Wrote: वाह भौजी क्या जबरदस्त अपडेट था । लगता है जल्दी ही male cunt to saas cunt सब का नम्बर आयेगा । अगले अपडेट बेसब्री से इंतजार है । आपनी सास को सारे तीर्थ का लंबा और मोटा फल जल्दी दिलवाओ ।

SAB KA NUMBER AAYEGA
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phansi nahi thi...
apne plan me sabko phansa rahi thi...
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Hot update !!!
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(21-02-2020, 10:11 PM)UDaykr Wrote: Hot update !!!

thanks so much next update now
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(21-02-2020, 08:08 PM)chodumahan Wrote: phansi nahi thi...
apne plan me sabko phansa rahi thi...

ekdm sahi kaha aapne ,
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(20-02-2020, 01:05 PM)jhonmilton Wrote: वाह भौजी क्या जबरदस्त अपडेट था । लगता है जल्दी ही male cunt to saas cunt सब का नम्बर आयेगा । अगले अपडेट बेसब्री से इंतजार है । आपनी सास को सारे तीर्थ का लंबा और मोटा फल जल्दी दिलवाओ ।

thanks your post triggered some thought , just a loud thinking , not a well structured thought but some ramblings and i felt that i should share it with friends who have been my co - travelers and supporters in this long and enjoyable journey of words. 

same sex sex ( female -female ) is enjoyed by   most of the readers and i belong to that group , esp. if one is a slightly mature experience elder woman ( BHABHI ) and the other is young , nubile in which green shoots of desire are just springing ( Nanad ) , my fav. theme from my first story , which became full blown in my first long story or Novella ; 'NANAD KI TRAININING' , yess let me confess i relish it , taking an uninitiated, hesitant , unsure of her sexuality, just budding teenage to ' those areas' and mostly my readers too like it .

But the same sex sex ( male to male ) ?  i am talking about in stories , if not disliked at least it is frowned upon by some. 

Is it aversion for Anal Sex ? I think heterosexual ANAL sex is enjoyed by most    of the readers and again am part of the same group. 

But male to male anal sex - 

may be it is ghost of section 377 of IPC which proscribed' 'unnatural sex' but has not been given a decent burial. a belated decision but ultimately right decision because how you define ' unnatural ' and it left for security officer to take a call about the most private act . If we look into 'unnatural', even masturbation will be unnatural. Any sexual act, which does not lead to procreation will be stigmatized as unnatural.     

In a 17th-century law code for the Puritan colony of New Haven, Connecticut "blasphemershomosexuals and masturbators" were eligible for the death penalty. 

So,... 

Umpteen times i have discussed about the origin of this story , which does look different  but very few times why i started writing erotica. 

The first one was i discovered in many Hindi or Desi erotic stories they were mostly translation of English Porn. The story could have been based anywhere. There was no feeling for place, ethos , social milieu  something special to our country, a country with  one of the oldest traditions of  erotic literature . So i focused on relationships which are peculiar to our society , Jija -Sali, Nanad Bhabhi , Nandoi -Salahj , where some levity is permitted may be some double meaning dialogues , touching and teasing on Holi  and they become the bed rock of my stories. However i decided to evolve and move away , but for that , later. 

The second one was lack of female perspective. Stories were always written from only one perspective and what was happening in the mind of a young girl , a mature woman was ... to hit the nail on the head , they were the objects of desire but rarely their desires were not taken into account. and let men share , it is the woman for whom sex is like a mile stone , starts with puberty , first mensuration , with lot blood letting a fearsome experience as she is not emotionally trained for that , her first sex again blood splitting , pregnancy which has many serious consquences for her ( and even lack of pregnancy if she is married ) and ultimately Child birth ,where pain leads to joy  Thus sex mixing pain , fear of pain with joy is something peculiar to female and it was missing , and of course folk songs which only women are mostly privy. 

so coming back to this story , i wanted to try my hand at femdom. sisification and the desire was triggered by an incomplete but beautiful story wrtten by incesbi, The perverted Indian Wife . 

and i decided a writer must transcend herself. and the backdrop should be Indian of course.  Secondly i decided to cross the limits i have created for myself. First time i breached it in Maja pahali Holi ka sauraal men ...where i had given myself a task to use all the ' kinks' in the story and there the first time a male to male -- just passing reference , not a vivid description and in the backdrop of Holi. Second time it is here , again just a passing mention as it confirms to the pattern of the story , yes it totally goes against the stereotype , but it is as i see ft . and with the lot of background 
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