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थैंक्यू सो मच !!
गजब अपडेट है,,इंतज़ार था,,आप की होली में मजा लुटा,,शुरू से पडूंगा,अब तो खुश हो ना ?
मोहे रंग पढ़ ही रहा हूँ,,JKG तो जान से ज्यादा प्यारी है,सोलहवाँ सावन में भी एक आध बार गुम आओ वहाँ भी आप के दर्शन को लालायित है आप के सेवक सारे
ओर हाँ हर बार की तरह बहुत सारा प्यार,आप की उत्कृष्ट लेखनी के लिए ??
????
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मस्तराम
तबतक रेनू का बैग गिर गया इसी धींगामुश्ती में , और उस की किताबे
वो वापस रखने लगी , मैं उठा के देखने लगी , सब कोर्स की , मैंने जोर से उसके पीठ पे एक मुक्का मारा
" क्या यार , सब किताबें कोर्स की , ...एक भी इंटरकोर्स की नहीं। "
अब की तीनों हंसी बहुत जोर से , और रेनू बोली
" भाभी , वो तो आप की जिम्मेदारी है। दे दीजिये न "
बस मैंने बिस्तर के नीचे से मस्तराम की किताबों का पूरा गट्ठर निकाला , मेरे ननद के भाई का खजाना ,...
और एक रेनू को पकड़ाते बोली
" पढ़ा तो होगा इसे ,... "
रेनू एकदम खुश होगयी और मेरे हाथ से छीन लिया , और लीला की ओर ओर इशारा कर के बोली ,
" ये स्साली , कमीनी लीला , रोज अपने भइया से मरवाती रहती है , एक दिन लायी थी बस दिखा के ले गयी , बोली भैया ने दी थी और छीन लिया "
" मैं क्या करती , उन्होंने ही बोला था शाम को वापस कर देना , जहाँ से वो लाये थे उसे वापस करना था "
लीला मुस्कराते बोली।
"अरे यार झगड़ो मत , बस यहाँ आया करो , तुम तीनो के लिए तीन , ... अरे अब उमर इंटरकोर्स वाली हो गयी तो किताबें भी , ... सिर्फ लड़कों के लिए थोड़ी होती हैं , ... "
मैं समझाते बोली और दो और किताबें मस्तराम की निकाल दी ,
लेकिन तब तक नीचे से जेठानी की आवाज आयी ,
" चाय तैयार हो गयी है "
और वो तीनों बल्कि हम चारों धड़धड़ाते सीढ़ी से नीचे।
…..
बात ये थी की जब तीनो तितलियाँ आयीं तो जेठानी जी कुछ पड़ोसिनों के साथ गप्प गोष्ठी में व्यस्त थीं और उन्होंने इन तीनो बालिकाओं को इशारा किया की ऊपर मेरे पास चली जाएँ।
चाय के साथ ननद भौजाई की छेड़खानी वाली बातें भी चलती रही , अचानक लीला ने घडी देखा और तीनों चौक गयीं ,
साढ़े पांच , ...
लेकिन बैग तो तीनों के ऊपर ही रह गए थे ,
रेनू बोली , मैं ले आती हूँ और उस के साथ मैं भी वापस अपने कमरे में ,
रस्ते में ही , सीढ़ी पर मैंने अपनी ननद , रेनू रानी से उगलवा लिया ,
जब नथ उतरने से रह गयी , ...
ये बात सही थी की छत पर कोई आ गया था ,
लेकिन ये लोग छत के दूसरी तरफ थीं , छत पर पूरा अँधेरा था और बीच में काफी सामान भी रखा था।
रेनू ने बोला , भाभी आहट होते ही , ...
मैंने वो बेचारी जो बात नहीं कहना चाहती थी , बोल दी।
' ये बोल , उसका ढीला पड़ गया , यही न। '
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रेनू
ये बात सही थी की छत पर कोई आ गया था , लेकिन ये लोग छत के दूसरी तरफ थीं ,
छत पर पूरा अँधेरा था और बीच में काफी सामान भी रखा था।
रेनू ने बोला , भाभी आहट होते ही , ...
मैंने वो बेचारी जो बात नहीं कहना चाहती थी , बोल दी।
' ये बोल , उसका ढीला पड़ गया , यही न। '
रेनू ने बात कबूला और फिर कहा की उसके बाद भी हम लोग थोड़ी देर छत पर रहे लेकिन ,... कुछ नहीं हो पाया ,
रेनू ने हाथ से लेकर उसका खड़ा करने की भी कोशिश की , पर वो बोलता रहा , नहीं रहने दे कोई आ जाएगा।
उसके बाद भी दो तीन बार मौका मिला लेकिन वो लड़का , ट्राई भी किया , ...
" था कितना बड़ा "
मुझसे नहीं रहा गया ,मैंने पूछ लिया।
रेनू ने अपनी तर्जनी का इशारा करके बोला इत्ता बड़ा , जब वो घुसाने की कोशिश कर रहा था।
तबतक हम लोग अपने कमरे में पहुँच गए थे।
बेचारी रेनू उस का मुंह इतना सा हो के रह गया था ,
मैंने एक बार फिर उसकी स्कर्ट के अंदर हाथ डाल के बोला ,
" अरे ननद रानी अच्छा हुआ , ... "
"क्यों भाभी ," बुझे मन से उसने पूछा।
चड्ढी के ऊपर से कस कस के उसकी चुनमुनिया रगड़ते हुए मैंने समझाया ,
" अरे यार , मेरी ननद की इतनी प्यारी कुँवारी चुनमुनिया , किसी केंचए ऐसे से फटे , क्या मज़ा आता ,
अब आ गयी हो यहां न तो किसी मोटे जबरदंग खूंटे से फड़वाओ , दो दिन चल न पाओ , तब मजा है , ... अच्छा तो हुआ , ... "
लेकिन उसका चेहरा वैसे ही लटका , दुखी मन से बोली ,
" अरे भाभी वहां तो तब भी , शादी ब्याह का घर पचास मौके थे , ... आप जानती नहीं मेरे घर वालों को , इतना टाइट कंट्रोल , ... और मेरी एक मौसी मेरे कॉलेज में ही पढ़ाती हैं , कॉलेज के बहाने भी कुछ नहीं , ... अब तो एकदम ,... "
मैंने उसे बाँहों में भर के चूम लिया , और हंस के बोली ,
" बुद्धू , तेरी ये भाभी किसलिए है , ...अब देखना सात आठ दिन में तेरी ये चुनमुनिया फट के रहेगी , और तर्जनी ऐसे से नहीं , ... "
मैंने अपनी कुहनी खड़ी कर के दिखाया ,
" ऐसे मोटे लम्बे तगड़े मूसल से , ... अच्छी तरह से कुटी जायेगी वो , .... बस तू हाँ कर दे , ... और तेरे घर वालों की चिंता छोड़ मेरे ऊपर ,
बस तू अभी हाँ बोल दे , ... "
मेरी चुम्मी का जवाब चुम्मी से देती वो बोली ,
" भौजी आपके मुंह में घी शक्कर , ... मेरी एक बार नहीं दस बार हाँ , ... लेकिन वो है कौन , ... "
" अरे यार कोई भी हो तुझे आम खाने , मेरा मतलब गन्ना खाने से मतलब या नाम जानने से , ... वैसे बहुत कहेगी तो बता दूंगी , लेकिन ब्लाइंड डेट का मजा अलग है , तुझे मेरे ऊपर विश्वास है न बस। "
मैंने उसके उभार हलके हलके दबाते समझाया ।
" एकदम पक्का विश्वास है। "
हंस के वो बोली।
" चल तुझे हिंट दे देती हूँ , तू उसे देख चुकी है , थोड़ा बहुत जानती है , लेकिन हाँ जैसे ननदे मेरी होती हैं ,
तुझे भाईचोद होने में कोई परेशानी तो नहीं ,... "
मैंने कुछ इशारा किया।
सच में मेरी सास का बात एकदम सही है , मेरी सारी ननदे पक्की छिनार।
वो हंस के बोली ,
" भाभी अगर उसे बहनचोद होने में परेशानी नहीं तो मुझे भाईचोद होने में क्यों परेशानी होगी। "
तबतक नीचे से लीला की आवाज आयी ,
" अरे रेनू कहाँ सो गयी , ... "
मैंने झटके से मस्तराम की तीन किताबें तीनों ननदो की बैग में डाल दिया , और रेनू के साथ नीचे।
चलने के पहले मैंने तीनों से वायदा लिया की वो रोक कॉलेज से छूटने के बाद सीधे मेरे यहाँ , ... और वो तीनों फुर्र हो गयीं।
मैं सोच रही थी रेनू पर तीर निशाने पर लगा , लीला की तो पहले ही , ...
एक बार रेनू की भी चिड़िया उड़ने लगेगी तो पक्का गुड्डी पर भी असर होगा , एक बार
थोड़ा सा भी वो पट जाये तो फिर , ... फिर तो उसे भी ,...
तबतक फोन की घण्टी बजी , उनका प्लेन बैंगलोर पहुँच गया था।
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Aaahhh...@ भाभी लाजवाब क्या काम कला का आँखों देखा वर्णन किया है, सच मुच बहुत पुण्य कर्म रहे होंगे मेरे जो आप जैसी भाभी जान मिली है ??
# मैं एक चीज का बहुत बडा वाला फैन हुं आप की इस कामुख लेखनी में आप इन बच्चियों को टीन age वालियों को जिस तरह प्यार से दुलार से सहला कर डाट डपट कर के चुदने को बेताब कर देती हो, बस जान ले लेती हो,,एक अच्छी और दिल जीतने वाली भाभी बिल्कुल किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करती,,बिल्कुल ये कर्तव्य आप भली भांति निभा रही हों,,इन कुँवारी कन्याओं का भरतपुर लुटवाना आप का प्रथम कर्तव्य है !!
?? पर भाभी कन्यां रस पहले भोगेगी ये में बता देता हूँ,,प्रसाद अच्छा हो तो देवता भी बड़ा होना चाहिए हर किसी के सामने नहीं परोसा जाता है ??
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क्या भाभी,,जब आप ने कहा था,,गुड्डी रानी पहले तेरी चड्डी उतरेगी प्यार से फिर हाल चाल पर हुआ नहीं भाभी ये तो होना चाहिए ?
नहीं बताती तो होता,अब बता दिया है तो खुशी में हो जाये,,भाभी को खुशी नहीं हुई क्या ?
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Title to Holi ka hai but Holi kb start hoga
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(29-01-2020, 01:10 PM)Ppkohli Wrote: Title to Holi ka hai but Holi kb start hoga
Rang se rangne ka matlab sirf holi se hi nahi hota. Pyar se kisi ko bhi apne rang me rangne ka bhi ek matlab hota hai, jo is kahani ka title hai. Pahle 2-3 episode isko acche se clear karte hai.
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(28-01-2020, 10:34 PM)komaalrani Wrote: रेनू
ये बात सही थी की छत पर कोई आ गया था , लेकिन ये लोग छत के दूसरी तरफ थीं ,
छत पर पूरा अँधेरा था और बीच में काफी सामान भी रखा था।
रेनू ने बोला , भाभी आहट होते ही , ...
मैंने वो बेचारी जो बात नहीं कहना चाहती थी , बोल दी।
' ये बोल , उसका ढीला पड़ गया , यही न। '
रेनू ने बात कबूला और फिर कहा की उसके बाद भी हम लोग थोड़ी देर छत पर रहे लेकिन ,... कुछ नहीं हो पाया ,
रेनू ने हाथ से लेकर उसका खड़ा करने की भी कोशिश की , पर वो बोलता रहा , नहीं रहने दे कोई आ जाएगा।
उसके बाद भी दो तीन बार मौका मिला लेकिन वो लड़का , ट्राई भी किया , ...
" था कितना बड़ा "
मुझसे नहीं रहा गया ,मैंने पूछ लिया।
रेनू ने अपनी तर्जनी का इशारा करके बोला इत्ता बड़ा , जब वो घुसाने की कोशिश कर रहा था।
तबतक हम लोग अपने कमरे में पहुँच गए थे।
बेचारी रेनू उस का मुंह इतना सा हो के रह गया था ,
मैंने एक बार फिर उसकी स्कर्ट के अंदर हाथ डाल के बोला ,
" अरे ननद रानी अच्छा हुआ , ... "
"क्यों भाभी ," बुझे मन से उसने पूछा।
चड्ढी के ऊपर से कस कस के उसकी चुनमुनिया रगड़ते हुए मैंने समझाया ,
" अरे यार , मेरी ननद की इतनी प्यारी कुँवारी चुनमुनिया , किसी केंचए ऐसे से फटे , क्या मज़ा आता ,
अब आ गयी हो यहां न तो किसी मोटे जबरदंग खूंटे से फड़वाओ , दो दिन चल न पाओ , तब मजा है , ... अच्छा तो हुआ , ... "
लेकिन उसका चेहरा वैसे ही लटका , दुखी मन से बोली ,
" अरे भाभी वहां तो तब भी , शादी ब्याह का घर पचास मौके थे , ... आप जानती नहीं मेरे घर वालों को , इतना टाइट कंट्रोल , ... और मेरी एक मौसी मेरे कॉलेज में ही पढ़ाती हैं , कॉलेज के बहाने भी कुछ नहीं , ... अब तो एकदम ,... "
मैंने उसे बाँहों में भर के चूम लिया , और हंस के बोली ,
" बुद्धू , तेरी ये भाभी किसलिए है , ...अब देखना सात आठ दिन में तेरी ये चुनमुनिया फट के रहेगी , और तर्जनी ऐसे से नहीं , ... "
मैंने अपनी कुहनी खड़ी कर के दिखाया ,
" ऐसे मोटे लम्बे तगड़े मूसल से , ... अच्छी तरह से कुटी जायेगी वो , .... बस तू हाँ कर दे , ... और तेरे घर वालों की चिंता छोड़ मेरे ऊपर ,
बस तू अभी हाँ बोल दे , ... "
मेरी चुम्मी का जवाब चुम्मी से देती वो बोली ,
" भौजी आपके मुंह में घी शक्कर , ... मेरी एक बार नहीं दस बार हाँ , ... लेकिन वो है कौन , ... "
" अरे यार कोई भी हो तुझे आम खाने , मेरा मतलब गन्ना खाने से मतलब या नाम जानने से , ... वैसे बहुत कहेगी तो बता दूंगी , लेकिन ब्लाइंड डेट का मजा अलग है , तुझे मेरे ऊपर विश्वास है न बस। "
मैंने उसके उभार हलके हलके दबाते समझाया ।
" एकदम पक्का विश्वास है। "
हंस के वो बोली।
" चल तुझे हिंट दे देती हूँ , तू उसे देख चुकी है , थोड़ा बहुत जानती है , लेकिन हाँ जैसे ननदे मेरी होती हैं ,
तुझे भाईचोद होने में कोई परेशानी तो नहीं ,... "
मैंने कुछ इशारा किया।
सच में मेरी सास का बात एकदम सही है , मेरी सारी ननदे पक्की छिनार।
वो हंस के बोली ,
" भाभी अगर उसे बहनचोद होने में परेशानी नहीं तो मुझे भाईचोद होने में क्यों परेशानी होगी। "
तबतक नीचे से लीला की आवाज आयी ,
" अरे रेनू कहाँ सो गयी , ... "
मैंने झटके से मस्तराम की तीन किताबें तीनों ननदो की बैग में डाल दिया , और रेनू के साथ नीचे।
चलने के पहले मैंने तीनों से वायदा लिया की वो रोक कॉलेज से छूटने के बाद सीधे मेरे यहाँ , ... और वो तीनों फुर्र हो गयीं।
मैं सोच रही थी रेनू पर तीर निशाने पर लगा , लीला की तो पहले ही , ...
एक बार रेनू की भी चिड़िया उड़ने लगेगी तो पक्का गुड्डी पर भी असर होगा , एक बार
थोड़ा सा भी वो पट जाये तो फिर , ... फिर तो उसे भी ,...
तबतक फोन की घण्टी बजी , उनका प्लेन बैंगलोर पहुँच गया था।
आपका इंतजार का समय का उपयोग करने के तरीका काबिले तारीफ है। अपनी मस्ती के साथ, उनके लिए भी माल तैयार किया जा रहा है।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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(29-01-2020, 08:54 AM)@Raviraaj Wrote: Aaahhh...@ भाभी लाजवाब क्या काम कला का आँखों देखा वर्णन किया है, सच मुच बहुत पुण्य कर्म रहे होंगे मेरे जो आप जैसी भाभी जान मिली है ??
# मैं एक चीज का बहुत बडा वाला फैन हुं आप की इस कामुख लेखनी में आप इन बच्चियों को टीन age वालियों को जिस तरह प्यार से दुलार से सहला कर डाट डपट कर के चुदने को बेताब कर देती हो, बस जान ले लेती हो,,एक अच्छी और दिल जीतने वाली भाभी बिल्कुल किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करती,,बिल्कुल ये कर्तव्य आप भली भांति निभा रही हों,,इन कुँवारी कन्याओं का भरतपुर लुटवाना आप का प्रथम कर्तव्य है !!
?? पर भाभी कन्यां रस पहले भोगेगी ये में बता देता हूँ,,प्रसाद अच्छा हो तो देवता भी बड़ा होना चाहिए हर किसी के सामने नहीं परोसा जाता है ??
(29-01-2020, 09:23 AM)@Raviraaj Wrote: क्या भाभी,,जब आप ने कहा था,,गुड्डी रानी पहले तेरी चड्डी उतरेगी प्यार से फिर हाल चाल पर हुआ नहीं भाभी ये तो होना चाहिए ?
नहीं बताती तो होता,अब बता दिया है तो खुशी में हो जाये,,भाभी को खुशी नहीं हुई क्या ?
आगे आगे देखिये , सब कुछ मिलेगा , .... बस पढ़ते रहिये , मज़े लेते रहिये , और कमेंट्स पोस्ट करते रहिये
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(29-01-2020, 03:45 PM)Black Horse Wrote: आपका इंतजार का समय का उपयोग करने के तरीका काबिले तारीफ है। अपनी मस्ती के साथ, उनके लिए भी माल तैयार किया जा रहा है।
एकदम सही कहा आपने , समय का सदुपयोग , फिर इनका भी फायदा और मेरी ननद का भी फायदा
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(30-01-2020, 11:37 AM)m8cool9 Wrote: Waiting for more
soon , very soon
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(30-01-2020, 11:39 AM)UDaykr Wrote: Super exciting update !!
Thanks so much , next parts on sunday
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maze aa gaye..... aapki kalam ese hi chalti rahe.....
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(31-01-2020, 06:11 PM)kill_l Wrote: maze aa gaye..... aapki kalam ese hi chalti rahe.....
Thanks so much
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क्या बात है कोमल जी ,आप ने फिर से कमाल कर दिया ।
आप की तारीफ में शब्द कम पड़ जाते है।
आप की लेखनी ऐसे ही कमाल करती रहे ,हम ईश्वर से यही कामना करते हैं।
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(01-02-2020, 12:00 PM)Donn007 Wrote: क्या बात है कोमल जी ,आप ने फिर से कमाल कर दिया ।
आप की तारीफ में शब्द कम पड़ जाते है।
आप की लेखनी ऐसे ही कमाल करती रहे ,हम ईश्वर से यही कामना करते हैं।
thanks sooooooooo much keep on gracing this thread
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सास , जेठानी , ....
मर्द और लोटा
अगले दिन से जैसे जब ये पिछले हफ्ते नहीं थे ,
उसी तरह से दोपहर को हम तीनों , मैं मेरी जेठानी , और सासू जी जी गोष्ठी ज़मने लगी।
जाड़े की दोपहर , कभी छत या बरामदे में चिकोटी काटती धूप में हम बैठ के ताश खेलते , या फिर सासू जी या जेठानी जी के कमरे में चौड़ी पलंग पर , मोटी बड़ी रजाई के अंदर , ... लेटे लेटे टीवी देखते या फिर सीडी लगाकर कोई पिक्चर , ... और नहीं तो गप्प।
बस इनके जाने के अगले दिन ही , दोपहर में मैं ,मेरी सास और जेठानी जी , ... और हर बार की तरह मैं बीच में थी , ...
सासू जी मैंने बताया था न की खुल के मज़ाक करने में , एकदम मेरी मायके वालों की तरह थी , और मेरी बुआ सास के सामने तो , ....
एकदम कान में ऊँगली डाल लेनी पड़ी ऐसी बातें , ...
और बुआ भी तो वैसे ही इन्हे जवाब देती थीं।
ननदों के मामले में वो हरदम मेरा और मेरी जेठानी का साथ देती थीं , आखिर थीं भी वो इस घर की बहू ही ,
पहले दिन मुंह दिखाई में ही उन्होंने मुझे समझाया ,
' बहु , इस घर की सारी ननदें पक्की छिनार होती हैं "
चिढ़ा वो बुआ जी को रही थीं पर मेरी भी ननदें , मंझली ननद , गुड्डी सब पास में ही खड़ी थी।
मेरे आने के बाद तीसरी रात छत पर गाने का प्रोग्राम था , उन्होने मुझ खुद उकसा के , ...
और मैंने उन्हें भी एक से एक खुल के गारियाँ , मेरे मायके का कोई मरद बचा नहीं होगा , मेरे बाबूजी , चाचा , मामा , फूफा , मौसा , ... कोई बचा नहीं जिसे मैंने अपनी सास के ऊपर गारी में न चढ़ाया हो , ...
पर वो इतनी खुश हुयी की अपना फेवरिट हार वहीँ सबके सामने मेरे गले में पहना दिया।
पर इनके जाने के बाद ,जब से मैं और जेठानी जी एक साथ , तो फिर हम तीनो और खुल गए थे।
रोज बात कहीं से शुरू हो , लेकिन ख़तम सेक्स पर ही होती थी , ज्यादा रस ले ले कर मेरी सास ही अपने किस्से सुनाती।
मैंने बताया था न , जब विपरीत रति की बात हुयी तो जेठानी जी ने अपनी बात बताई ,
और इसके बाद सासू जी ने भी एक से एक , ... और साथ में ट्रिक भी एक से एक , ...
तो उस दिन भी , जेठानी जी , जेठ जी के किसी दोस्त के बारे में बता रही थीं ,
मैं भी जानती थी उन्हें एकदम घर जैसे ही थे , ... .
जेठानी जी ने हाल खुलासा सुनाया ,
की कैसे उनके कई कई औरतों , लड़कियों से चक्कर है।
उनकी वाइफ घर पे ट्यूशन चलाती हैं , ... क्लास ९ और १० के , ... दो लड़कियां तो उसी टूयशन वाली हैं।
मैं भोली , मैंने पूछ लिया जेठानी जी से , .. दी , क्या उनकी वाइफ को पता नहीं है , उन्ही की ट्यूशन की लड़कियां , ,,, अगर उन्हें पता चल गया तो
,... फिर तो मेरी जेठानी और सास ऐसी हंसी , ऐसी हंसी ,... और जेठानी जी ने राज खोला ,
' अरे यार तू समझती क्या है , उन कलियों को चुन के वही तो लायी , ...
और तू क्या सोचती है बिना उनकी हेल्प के वो फंसा पाते उन कॉलेज वाली कच्ची कलियों को , ...
मौका भी उन्होंने ही दिया , पहले क्लास एक्स्ट्रा क्लास के बाद उन दोनों को रोक देतीं ,
और उन्हें बोलती मैंने थोड़ा किचेन में हूँ ज़रा इनकी कॉपी चेक कर लो , हेल्प करा , ... दो
और हफ्ते दस दिन बाद ,... एक दिन , सिर्फ एक लड़की को बुलाया बाकी की छुट्टी कर दी ,...
और थोड़ी देर उसे पढ़ाने के बाद , ... उस लड़की को इनके हवाले कर के ,
दोनों को बोल के दो तीन घंटे के लिए बाहर चली गयीं , .... बाहर क्या मेरे ही पास आयी थीं ,
और जब उनका फोन आया की चिड़िया चारा चुग गयी , वो भी एक बार नहीं दो बार , तब वो घर लौटीं।
और इस उमर की लड़कियां अगर कभी एक दो बार चारा चुग लें न , तो फिर तो खुद ही स्कर्ट उठा खड़ी रहेंगी।
मैं उनका चेहरा देखती रह गयी।
जेठानी जी मेरा गाल प्यार से दुलार से सहलाते समझाया ,
" अरे कोमलिया , ( मेरी सास और जेठानी मेरे इसी प्यार के नाम से बुलाती थीं ) यार ये मर्द न एक खूंटे से बंधने वाले प्राणी नहीं। तो अगर बीबी खुद इनके लिए चारे का इंतजाम कर दे न , ... तो बस ये अहसान से ,..
और सबसे बड़ी बात पता रहता है की किसके साथ , कोई सरप्राइज पैकेज नहीं रहता , ...
वरना इधर उधर मुंह मारते रहें , कहीं हनी ट्रैप में फंसे ,... "
लेकिन गुरु गंभीर मंत्र दिया , मेरी सासू जी ने मेरे बाल पर हाथ फेरते हुए , ...
" यार , मेरी सास ने एक बात कही थी और वही मैं अपनी बहुओं से भी कहती हूँ , मरद और लोटा बाहर ही मँजते है ,
फिर असली इस्तेमाल तो घर में ही होता है। "
मैंने और जेठानी जी ने अबकी हंसी में उनका साथ दिया।
( असल में बात ये ओपन डिफिकेशन फ्री वाले से पहले के जमाने की है , लोटे वाली। और प्लास्टिक की बॉटल के भी।
दिशा मैदान जाने के लिए लोटा घर में एक तय रहता था , बस प्रात: काल की आवश्यक क्रिया से निपट कर , खेत से लौटने के बाद , ...
वो लोटा बाहर ही कुंए पर माजा , साफ किया जाता था। )
मैंने भी सासू जी की तरह बड़ी सीरियसली , सासू जी की ओर मुंह करके एक बात कही।
" अगर मेरा वाला लोटा , एलवल में मंजे तो मुझे कोई ऐतराज नहीं ".
अबकी तो मेरी जेठानी , और उनसे ज्यादा मेरी सासू बहुत हंसी , हंसी रुक नहीं रही थी दोनों की।
और हंसी रुकी तो सास ने मुझे गले लगा लिया और बोलीं ,
" तू एकदम मेरी परफेक्ट बहू है , मेरी समधन ने चाहे जिससे कबड्डी खेल के तुझे जना हो , तेरे मामा से , मौसा से ,
लेकिन जना एकदम सही है , मेरी बहू बनने के लिए। "
फिर सासू जी ने जोड़ा ,
" बहु , आइडिया तेरा एकदम परफेक्ट है , ननद की नथ उतारने का काम ननद के भाई को ही करना चाहिए ,
ननदों की नथ उतराई करवाने का बड़ा पुण्य मिलता है भाभियों को ".
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ननद की नथ उतारने का काम
सास ने मुझे गले लगा लिया और बोलीं ,
" तू एकदम मेरी परफेक्ट बहू है , मेरी समधन ने चाहे जिससे कबड्डी खेल के तुझे जना हो , तेरे मामा से , मौसा से ,
लेकिन जना एकदम सही है , मेरी बहू बनने के लिए। "
फिर सासू जी ने जोड़ा ,
" बहु , आइडिया तेरा एकदम परफेक्ट है , ननद की नथ उतारने का काम ननद के भाई को ही करना चाहिए ,
ननदों की नथ उतराई करवाने का बड़ा पुण्य मिलता है भाभियों को ".
मेरी जेठानी भी मैदान में शामिल हो गयीं , हँसते हुए बोलीं ,
". आखिर भाभियों को भी तो फायदा है , भले नथ उतराई का काम ननद के भइया करें ,
लेकिन ननद पर चढ़ने का काम भाभियों के भइया करते है , भाभियों के भइया ही तो उसे पक्की छिनार बनाते हैं "
पर दो मिनट बाद ही जेठानी जी व्यवहारिकता पर उतर आयीं , ...
" लेकिन यार उचकती बहुत है वो , ,,, " वो बोलीं।
पर मेरी सास इतनी आसानी से हार मानने वाली नहीं थीं , उन्होंने जेठानी जी को हड़का भी लिया और रास्ता भी बता दिया ,
" अरे तो भौजाई किस बात की हो तुम दोनों , चौदह की ननद बिना चुदवाये रह जाए , ...
ये तो भौजाई की नाक कटने वाली बात हो जाएगी। चल माना पहले तू अकेली थी , अब तो इत्ती अच्छी देवरानी मिल गयी है , ...
गारी शुरू होते ही वो भागती थी , लेकिन देखो उस दिन तेरी देवरानी ने उसी का नाम ले ले के कैसे एकदम असली वाली गारी सुनाई , ...
आखिर कान खोल के सुना की नहीं उसने ,...
एक से तो बच भी जाती वो , लेकिन दो दो भौजाई के बाद बचने का सवाल ही नहीं। "
सास की बातें सुनकर , मेरा ३४ सी वाला सीना ३६ डी हो गया।
अब ये साफ़ था की अगर मैं कुछ जुगत लगाऊं इनके और इनकी ममेरी बहन के बीच , तो सास को अगर पता भी चल गया तो ,...
उनकी ओर से ग्रीन सिग्नल।
जेठानी जी मुस्करायीं , चैलेन्ज स्वीकार किया उन्होंने अपनी सास का।
लेकिन एक मजेदार ट्रिक बताई सास जी ने , जो मैंने कभी सुना भी नहीं था।
" एक तरीका बताती हूँ , एकदम आजमाया हुआ नुस्खा , ... नहीं नहीं ये मेरी सास ने नहीं बताया , ये मेरे मायके से , मैं वहीँ से ,... देखो किसी मरद की मलाई अगर किसी कुँवारी लड़की को चखा दो , ...
कुँवारी का मतलब ये नहीं की शादी न हुयी हो , कुँवारी का मतलब जिसकी फटी न हो ,
और पूरी मलाई खिलानी जरूरी नहीं , दो चार बूँद भी काफी है , और किसी मीठी चीज में मिलाकर भी खिला सकती हो,...
बस मलाई खाने के बाद खुद वो उस मर्द के सामने नाड़ा खोल के खड़ी हो जाएगी।
उसे देख कर उस लौंडिया की बिल में मोटे मोटे चींटे काटने लगेंगे , खुद बहाना बना के चिपकेगी , चुदवाने का मौका खोजेगी। "
" लेकिन बिल्ली की गली में घंटी बांधेगी कौन , ... "
जेठानी जी ने फिर सवाल खड़ा किया ,
और अबकी कॉलेज के स्टूडेंट की तरह मैंने हाथ उठा दिया ,
" दी , आपकी देवरानी है न , ... फिर मुझे अपना लोटा मँजवाना है एलवल में तो कुछ तो करना पड़ेगा न ,... "
हँसते हुए मैं बोली।
" तू मेरी एकदम पक्की बहू है , एकदम मेरे मन वाली , ... "
सासु ने दुबारा बोला , पर मेरे मन कुछ उबल रहा था , मैंने पूछ लिया उनसे चिपट कर ,
"पर अगर किसी लड़के का चक्कर किसी लड़की से चलवाना हो और लड़का एकदम सीधा , बुद्धू मार्का हो , ... "
सास बात समझ गयीं , हँसते हुए बोलीं ,
" जैसे तेरा लोटा , ... यही कहना चाहती है न ,... उस एलवल वाली की बिल में ऊँगली डाल कर , उसकी चाशनी , लड़के को चटा दे , ....
सारा सीधापन हवा हो जाएगा , वो भी बस मौक़ा तलाशेगा , उस लड़की की टांग उठाने का। "
लेकिन तभी मेरे मोबाइल की घंटी बजी , और नंबर देखते ही मैं उछल कर पलंग से दूर , ...
इन्ही का फोन था , और सास जेठानी के सामने इनसे बतियाना , ...
मैं कमरे के बाहर , ...
क्लास के बीच कोई टी ब्रेक था शायद , ... उसी में , ...
मैंने पूछा भी , ... तो चाय पर ये भी न बोले ,
' पी तो रहा हूँ , ... तुमसे मीठी गरम,... "
ये भी न एकदम बदमाश , असली गंदे वाले , ... पास होते तो मैं बताती।
मैं सिर्फ सुनती रही , सुनती रही ,...
कित्ते देर बाद इनकी आवाज़ सुनने को मिली थी , मुझे इससे ज्यादा मतलब नहीं था ये क्या बोल रहे हैं ,
बस बोलते रहें , ...
बस इतना समझ में आया शायद आज शाम को और रात को फोन न कर पाएं , ... एकदम से मैं रुंआसी हो गयी , ... पर ऊपर से बोली , कोई बात नहीं मैं भी सोऊंगी घोड़े बेच कर ,....
बात ये थी की जो उनका प्रोजेक्ट था न , अरे वही जिसके लिए सबको वीकेंड का टाइम दिया गया था , पर ये लालची लड़का , इसे तो बस एक चीज़ चहिये ,
.. और चहिये तो चहिये , हजार किलोमीटर से ऊपर उड़कर उस चीज के लिए हाज़िर हो गया था आधी रात को ,...
किसी तरह टैक्सी में , प्लेन में लिख लिखा कर ज़नाब ने प्रोजेक्ट तो सब्मिट कर दिया था टाइम से , ... पर आज शाम को उसी का प्रजेंटेशन था , ...
और प्रेजेंटेशन तो ठीक , उन्हें उसे डिफेंड भी करना था , एक पैनल के सामने , ...
रात में डिनर के बाद , साढ़े आठ बजे से , ... सिर्फ इन्ही का नहीं सबका , तो इनका नंबर नहीं , ... सात साढ़े सात बजे तक तो क्लास चलती थीं , उस के बाद जल्दी जल्दी वही प्रजेंटेशन बनाना , और उसके बाद , आठ बजे मेस खुल जाती है , साढ़े आठ बजे प्रजेंटेशन के लिए पहुँचना था , ...
मैं चुपचाप सुनती रही , ... बीच बीच में हूँ हाँ बोलती रही , ... देख नहीं सकती थी , मिल नहीं सकती थी ,
तो कम से कम आवाज तो सुनने को मिल रही थी , ... जित्ता देर मैं बोलती , उत्त्ती देर कम सुनने को मिलता न ,... बस यही बात।
लेकिन तब तक पीछे से किसी ने इनका नाम लेकर आवाज लगाई , ... कहाँ हो क्लास शुरू हो गयी है।
बस ये एक उड़ती चुम्मी देकर उडनछू हो गए , ...
मैं बहुत देर तक ऐसे ही फोन कान में लगाए रही ,
और जब फोन हटाया भी तो , पैर जैसे पत्थर के हो रहे थे , चुपचाप बड़ी देर तक वहीँ खड़ी रही ,
फिर फोन को देखती रही , ... अब फोन को देख के गुस्सा आ रहा था , मन कर रहा था सील लोढ़ा लेकर कूच दूँ , ...
आंखे डबडब कर रही थीं , ...
सास के पास से तो आयी सेकंडों में उड़ कर आयी थी , इनके फोन की घंटी सुन कर , अब जाने में वापस जैसे महीनों लग रहे थे , ...
किसी तरह पैर घसीटते हुयी पहुंची तो कमरे के बाहर से सास जेठानी दोनों खर्राटों की आवाज सुनाई पड़ रही थी।
मैं सासू जी के बगल में करवट कर लेट गयी , पर सासू जी भी न , ओर मुड़ी , मुझे अपनी बाँहों में दुबका लिया , कस के जैसे माँ करती थी जब मैं उनके पास सोती थी , ...
और कुछ देर में मैंने अपने पैर भी उनके ऊपर कर लिए , रजाई की गरमाहट , सासू जी का दुलार ,... बस थोड़ी देर में नींद आ गयी।
और आयी तो कस के ,
परसों रात उन के साथ , ... सोने का सवाल नहीं था।
और कल रात , उन के बिना नींद नहीं आयी।
तो इस समय कस के देर तक , ... और जब नींद खुली तो शाम होगयी थी , बल्कि रात , जेठानी जी मुझे चाय ले कर जगा रही थीं , सासु जी अपने कमरे में चली गयी थी।
' दी , मुझे जगा दी होतीं , मैं बना देती न "
उलाहने के साथ मैं बोली।
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