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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
वो – देखो डरने के जरुरत नहीं है, हमे पता है तुमलोग यहाँ क्या कर रहे हो और अगर मेरी बात मानोगे तो कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।

हम लोगो ने पूछा क्या? और उन्होंने कहा ।

वो – एक बार मुझसे से सेक्स कर लो, हम लोग चले जायेंगे और ये वीडियो भी डिलीट कर देंगे।

स्वरुप रोने लगा और वो बोला – सर ये मेरी गिर्ल्फ्रैंड है, ऐसा मत करो आप कुछ पैसे ले लो।

वो नहीं माने और बोले – पैसा नहीं चाहिए हमे ऐसी माल चाहिए।

फिर हम दोनों वह रोने लग गये। फिर उन लोगो ने आपस में बंगाली में कुछ बात की और कहा।

वो – देखो फाइनल ऑफर मनना है तो मानो नहीं तो ये वीडियो सिक्युरिटी को दे दूंगा। और फिर जानते ही हो वो क्या करेंगे।

हमने पूछा की क्या है ऑफर ?

वो – देखो ये तुम्हारी गर्लफ्रेंड है इसलिए हम इसमें अपना लंड नहीं डालेंगे। हम बस ऊपर ऊपर से मजा लेंगे, लेकिन हम दोनों का लुंड तुम्हे लेना होगा।

ऐसा उन्होंने स्वरुप को कहा, ये सुन कर हम दोनों असमंजस में आ गये।

मैंने स्वरुप से कहा – मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है बस तुम मुझे यहाँ से निकालो।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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हमने सोचकर हां कह दिया, अब उन्होंने स्वरूप को घोड़े की तरह बैठा दिया, और मुझे उसके बगल में खड़ा कर दिया। फिर दोनों ने अपना लम्बा मोटा लंड बाहर निकला। उनके लंड देख के मैं तो डर ही गयी थी।

पर स्वरुप की हालत कयदा ख़राब थी, क्योकि उसे ये लंड लेने थे। अब एक आदमी मेरे बदन को सेहला रहा था, और दूसरा अपना लुंड स्वरुप के मुँह के आगे कर रहा था। स्वरुप फिर थोड़ी देर सोचकर गप से लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लग गया।

वो आदमी सामने से मेरे चुचे सेहला रहा था, और दूसरा पीछे से मेरा बदन को सहला रहा था। फिर वो आदमी मेरे पीछे से हटा और जा कर स्वरूप की गांड में अपना लंड पेलने लग गया। वो दर्द से छटपटाने लग गया, लेकिन वो चिल्ला नहीं पाया, क्योकि उसके मुँह में भी लंड था।

उस आदमी का लंड अभी आधा ही घुसा था, फिर उसने लंड को बहार निकाल कर उस पर अपना थूक थोड़ा माला। और वापस पूरा जोर लगा कर अंदर डालने लग गया। लुंड चीरते हुए जड़ तक जा घुसा। स्वरुप की हालत ख़राब हो गयी, उसकी आँखों से आंसू आने लगे।

और वो घु घु करके के कराह रहा था। करीब दो मिनट तक उसने स्वरुप की गांड पिलाई करने के बाद, फिर सामने वाले आदमी ने उसकी जगह ली। और ये स्वरुप के मुँह में अपना लंड चूसाने आगे चला गया।

वो लोग चोद तो स्वरुप को रहे थे, पर खेल मेरे बदन से रहे थे। कभी वो मेरी चूत को सहलाते तो कभी मेरे स्तन को। अब उस आदमी ने स्वरुप के मुँह में अपना वीर्य निकाल दिया, और उसका वो ५०% निगल गया।

इधर दूसरे इंसान ने स्वरुप के गांड को गरमा गर्म वीर्य से भर दिया था। उसकी गांड से उसका पानी बाहर बह रहा था। स्वरुप थक हार कर लेट गया, उसके मुँह और गांड से वीर्य बह रहा था।
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न लोगो ने फिर उसे पानी ला कर दिया जिससे स्वरुप ने अपना मुँह साफ़ किया, और उसने गांड को धोया। हम लोगो ने कपडे पहने और गाड़ी के तरफ चलने लगे। उन्होंने खाने का ऑफर दिया, पर हमने मन कर दिया।

हम लोग जल्दी से गाड़ी के पास पहुंचे और स्टार्ट करके निकल लिए। रास्ते में मूड हल्का करने के लिए मैंने कहा यादगार लम्हा था और हसने लगी वो भी हसने लग गया। और कहा की चूत के चक्कर में गांड मरवा बैठा। हमलोग आज भी गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड है, और जब भी ये लम्हा याद आता है चेहरे पे मुस्कान आ जाती है।
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Teen Lode Lekar Behan Ko Bachaya
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साहब जी मेरी चौकीदारी का इस महीने का पैसा दे दो। मेरे पति ऑफिस जाने के लिए तैयार थे वह कहते हैं, तुम ज्योति से ले लेना मैं अभी जल्दी में हूं मुझे कहीं जाना है।

वह वहां खड़ा रह कर वो मुझे देखने लग गया, और मुस्कुराने लग गया। वह मुझे घुरे जा रहा था, इतनी देर में मेरे पति घर से चले गए और वह मुझे ऐसे हि टकाटक मुझे देखे जा रहा था। अब मुझमें भी चुदाई भड़क रही थी।

तो मैंने भी अपना पल्लू हटा के उसे स्तन दिखा ही दिए, फिर वो मुझे बहुत बुरी हवस भरी नजर से देखने लग गया।
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फिर वो बोला – ज्योति मुझे पैसे देगी या तेरा दूध?

मैं – जो तेरी मर्जी हो ले ले सब कुछ तेरा ही है, वैसे भी मैं तेरी बेगम से कम थोड़ी हूं।

फिर मैं उसे घर के अंदर अपने बेडरूम में ले गई, और पता नहीं कैसे पर मैंने अपनी बच्ची को अलग रख कर अपने सारे कपड़े उतारना चालू कर दिया। आखिरकार मैंने उसके होठों को चुंबन देना शुरू किया और मैं उससे लिपट गयी।

मैं उससे ऐसे लिपट गई मानो जैसे कई सालों बाद उससे मिली हो, उसने भी अपने सारे कपड़े उतार है मेरी चूत मुझे चोदना चालू कर दिया। फिर पता नहीं कब उसने अपना वीर्य मेरी चूत में डाल दिया, और फिर उसने मुझे कहा।

वो – अभी कुछ घंटों बाद नरगिस आएगी तुझसे मिलने वह जैसा कहें तू वैसा कर देना मैंने हां कहा।

फिर कुछ घंटों बाद नरगिस आई और उसने अपने मोबाइल में मुझे मेरी नंगी तस्वीरें दिखाई और वो मुझसे बोली।

नरगिस – मेरी सौतन ज्योति यह तस्वीरें तुझे इसलिए दिखा रही हूं, क्योंकि मुझे पता है तू तो मेरे पति का बिस्तर गरम करती रहेगी पर मुझे तुझसे कोई शिकवा नहीं है। अगर तुम मेरा बस एक काम कर दे, तो मैं तेरी तस्वीर ये इंटरनेट पर नही डालूंगी।

मैं – क्या काम करना है?

नरगिस – मेरा भाई सादिक जिस कॉलेज में पढ़ता है, उस कालेज में मेरी बहन सुनीता प्रोफेसर है। वो दोनो अभी कुंवारे है, और मेरा भाई सादिक का दिल तेरी बहन सुनीता पर आया है। और वह उससे निकाह करना चाहता है।

मै – नरगिस सुनीता की तो सगाई हो चुकी है, कुछ ही दिनों में शादी हो जाएगी। यह तो संभव ही नहीं है और वैसे भी वह उम्र में तो सुनीता से छोटा है।
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नरगिस – कोई चिंता की बात नहीं है, तेरी बहन सुनीता भी तेरी जैसी चुदेलन है। क्योंकि वह कहता है, कि वो पढ़ाते पढ़ाते कई बार अपने साड़ी का पल्लू गिराती है और क्लास के लड़कों का लंड खड़ा करती है वह पक्का मान जाएगी। और नहीं मानी तो तुझे मनाना है क्योंकि तू जानती है नहीं तो मैं क्या कर सकती हूं।

फिर मैंने हां में सर हिलाया और उसे कहा – यह इतना आसान नहीं है, वह तो कुंवारी है उसने कभी संभोग भी नहीं किया होगा। और अगर उसने अपनी चूत चुदवा ली, तो वो अपने पति को क्या मुंह दिखाएगी। तुम एक काम क्यों नहीं करती सुनीता से अच्छे बूब्स मेरे हैं, तुम उसे मेरे स्तनों का दूध पिलाओ।

नरगिस – तू समझती क्यों नहीं ज्योति, उसका दिल सिर्फ सुनीता पर आया है, एक बार सुनीता से मिला तो दे।

मैं – चलो ठीक है एक काम करते हैं, कल दोपहर में उस्मान से कहना की हमें फिल्म दिखाने ले चलो। तो मैं सुनीता को भी ले आऊंगी वही सादिक से उसकी मुलाकात करा दूंगी।

नरगिस – ठीक है।

अगले दिन उस्मान सादिक के साथ मेरे घर आया, मुझे बड़ा डर लग रहा था कि मैं एक चौकीदार के साथ मैं कैसे जाऊंगी। पर वह भी बड़ा होशियार था वह साथ में बुर्खा लाया था। उसने सुनीता और मुझे दो बुर्के दे दिया, जिसे हमने पहन लिया और हम नजदीक के सिनेमा हॉल में चले गए।

मैंने सुनीता को मेरी व्यथा बता दी थी, जिसके कारण वह मेरे साथ चलने को राजी हो गयी। वह समझ गई थी कि अगर वह नहीं गई तो मेरे फोटो मार्केट में वायरल हो जाएंगे। वह मेरी इज्जत बचाने के लिए आज शायद खुद की इज्जत लुटाने आई थी।

जैसे ही हम सिनेमा हॉल पहुंचे वहां उस्मान ने \”बेगम जान\” फिल्म की चार टिकट ले ली। अंदर जाने के बाद अंधेरे में उस्मान ने हम दोनों को बीच में बैठाया, और सुनीता के पास सादिक को बिठा दिया।

मुझसे तो रहा नहीं जा रहा था, मेरा सर नीचे झुककर उस्मान की पैंट की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाला। फिर मै उसका लंड चूसने लग गई, यह पहली बार था नहीं था जब मैं मुख चोदन करा रही थी।

मैं साथ में देखा तो, सादिक सुनीता को चुंबन दे रहा था और सुनीता भी सब शरम हया भूलकर उसका साथ दे रही थी। कुछ देर बाद मै उन्हें टॉयलेट का कहकर बाहर चली गई, और साथ में एक बैग भी ले गई थी।
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उसमें मैंने अपना बुर्खा उतार कर डाल दिया और नरगिस को फोन लगाकर मेरे बेटी का हाल पूछा। कि कहीं वह रो कर परेशान तो नहीं कर रही है, क्योंकि मैं अपनी बच्ची को नरगिस के पास छोड़ कर आई थी।

मुझे देख कर सुनीता भी बाथरूम में आ गई, और उसने भी बुर्खा उतार के बैग में डाल दिया। अंदर हम दोनों ने जींस टॉप पहना हुआ था और हमारा टॉप स्लीवलैस था, जिससे हमारे शरीर पूरा नजर आ रहा था।

जेसे हि हम टॉयलेट के बाहर निकले तो देखा उस्मान और सादिक भी बाहर कैंटीन पर खड़े हैं। वहाँ से वो हमे खींच कर प्रोजेक्टर रूम में ले गए, जहाँ उनका का दोस्त मकसूद था वह हमें देखकर उस्मान से बोला।

मकसूद – यह दोनों कौन है कोई नया माल पटाया क्या?

वो – हां यार।

फिर उन्होंने प्रोजेक्टर रूम का गेट लॉक कर दिया और हम दोनों को नंगा होने को कहा। फिर बाहर हॉल के साउंड में बेगम जान पिक्चर की सिसकारी भरी आवाज आ रही थी। जिससे मुझसे रहा नहीं गया और मैं अपना टॉप उतार दिया, मैंने अंदर कोई ब्रा नहीं पहनी थी।

जैसे ही मैं नंगी हुई उस्मान मेरे बूब्स को दबाने लग गया, मैंने मकसूद की पेंट उतार उसका लंड हाथ में ले लिया। मैंने देखा की उसका लंड काफी लंबा था, फिर मैं उसको मुंह में लेकर चूसने लग गयी।

उसी तरह सुनीता भी सादिक का चूसने लग गयी, मैं नहीं चाहती थी कि सुनीता का कौमार्य शादी से पहले भंग हो। अब उस्मान का लंड मेरी चूत में था और मकसूद उसके बूब्स चूस रहा था।

कुछ समय बाद उन्होंने अपनी जगह बदल ली, और मकसूद मेरी चूत में धके मारने लग गया। मैंने देखा कि सादिक उसका लंड सुनीता की चूत में डालने वाला है, तभी मैंने उसका लंड पकड़ कर अपनी गांड पर लगा दिया।

देखते ही देखते मेरे तीन छेद भरा गए कुछ देर बाद उस्मान सुनीता पर चला गया। मैंने उसका लंड पकड़ लिया और उसे रोक दिया। इस तरह करते करते हैं सुनीता का मुख चोदन तो मैंने होने दिया पर उसकी चूत बचा कर मैंने उसका कौमार्य भंग नहीं होने दिया।

और मैंने उन तीनों का वीर्य में अपनी चूत में भरवा लिया। उन तीनों ने मिलकर हमारे बूब्स को पूरा लाल कर दिया था। इस तरह मैंने सुनीता का कौमार्य भंग होने से बचा लिया। फिर हम अपने कपड़े पहन कर वापस आ गए।
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(29-01-2020, 01:26 PM)neerathemall Wrote: भाई भाभी के साथ अदला बदली

अशोक: “मै एक गेट टुगेदर प्लान कर रहा हूँ, तुम्हारे भाई भाभी को साथ ले लेंगे. वहीं पर हम अदला बदली कर लेंगे. तुम्हारी भाभी तब तक तुम्हारे भाई को तुम्हे चोदने के लिए मना लेगी”

मैं: “खबरदार जो मेरे भाई के साथ ऐसी कोई बात की तो”

अशोक: “क्युँ! तुम्हे डर लग रहा हैं कि कही तुम्हारा भाई तुम्हे चोदने के लिए मान जाऐगा!”

मैं: “मेरा भाई तुम्हारी तरह नहीं हैं। उसको भाई बहन के रिश्ते की क़द्र हैं”

अशोक: “और अगर वो मान गया तो ! क्या फिर तुम चुदवाने को तैयार हो?”

मैं “मेरा भाई ऐसा कभी नहीं करेगा”

अशोक: “तुम्हे अपने भाई पर इतना यकीन हैं तो तुम हां बोल दो. वो ना बोल देगा तो वैसे ही कुछ नहीं होगा।..क्या हुआ, बोलती बंद हो गयी?”

मै कुछ नहीं बोली. मुझे मेरे भाई पर यकीन हैं पर फिर भी मन में एक डर था। मर्द तो मर्द ही होते हैं, उनके मन में क्या चल रहा हो क्या पता.

मेरे बदन को देख कर तो लड़कियां भी अपने आप पर काबू नहीं रखती फिर मेरा भाई मेरे बारे में कुछ सोच ही सकता हैं। अशोक ने मेरे मन में एक संदेह डाल दिया था। मैंने अशोक को इस बारे में बात करने से ही मना बोल दिया।

इस बातचीत के 3 दिन बाद ही मुझे भाभी का मैसेज मिला कि अशोक ने हम चारो के घुमने का प्लान बनाया हैं और वो लोग लंबे समय बाद वेकेशन की तैयारी कर रहे हैं। अशोक के आते ही मै उस पर टूट पड़ी.

मैं: “मैने तुम्हे मना किया था फिर भी तुमने मेरे भाई भाभी को इसमें घसीट लिया!”

अशोक: “इतना गुस्सा क्युँ हो रही हो. तुम्हारा भाई मान गया हैं और तुम्हे चोदने के लिए बेकरार हो रहा हैं, इसलिए प्लान बनाया हैं। अब क्या बोलती हो? इतना मत सोचो. भाई हो या पति सबके पास लंड ही होता हैं जो मजे दिलाता हैं। एक बार उस से बात कर लो, उसको बोल दो कि तुम उसके साथ चुदवाने को बेताब हो. सब सेट हो जायेगा”

मैं: “ठीक हैं, मैंने भी फैसला कर लिया हैं”

अशोक: “यह हुयी ना बात। यह बताओ एक ही रूम बुक कराऊ या अलग अलग. अगर तुम्हे मेरे सामने अपने भाई को चोदने में शर्म आये तो दो कमरे बुक कर देता हूँ”
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मैंने अपनी चुदाई की लत पर काबू पा लिया था और फिर अशोक ने मुझे मेरे ही भाई के साथ सोने का फरमान सुना दिया और अब मुझे अपनी ज़िन्दगी का फैसला लेना था।

मैं: “मैने ये निर्णय कर लिया हैं कि मै तुम्हे तलाक दे रही हूँ”

अशोक: “अपने भाई भाभी के साथ अदला बदली के बाद तलाक दोगी या पहले? तलाक क्या मजाक हैं!”

अगले दिन ही जाकर मै रूबी की मदद से एक वकील से मिली और अपने तलाक की प्रक्रिया शुरु कर दी. भाभी को मैंने बोल दिया कि मै बहुत व्यस्त हूँ और घुमने का कार्यक्रम रोकना पड़ेगा.

एक दिन जाकर मैंने तलाक के कागज़ अशोक के सामने रख दिए. अशोक को यकीन नहीं हुआ कि जो लड़की इतने सालो से उसकी ज्यादतियां बर्दाश्त कर रही थी वो ऐसा कदम भी ले सकती हैं।

उसने मुझे बहुत मनाने की कोशिश की पर मै अब ठान चुकी थी कि अब बहुत हो चूका. घर परिवार वालो को पता चला तो बहुत बवाल हुआ पर मै पीछे नहीं हटी.

कोर्ट से हमको एक साल का समय मिला सोचने के लिए और उसके बाद ही तलाक मिल सकता था। मैंने अपने लिए अलग घर किराये पर ले लिया था, बच्चा कभी मेरे तो कभी मेरे पति के साथ रहता.

हम दोनो ही काम करते थे तो बच्चा दिन भर उसकी दादी के घर ही रहता और शाम को हम पति पत्नी दोनो अपनी बारी के हिसाब से उसे अपने पास रखते।

मै अपने घर जाकर अपने भाई को क्या मुंह दिखाती, जब कि वो खुद मुझे चोदने को तैयार हो चुका था। पर माँ के बुलावे पर मुझे जाना पड़ा.

वहां जाकर मैंने भाभी से बात कर ली. तब मुझे पता चला कि मेरे पति अशोक ने मुझसे झूठ बोला था। भाभी को इस अदला बदली के बारे में कुछ नहीं पता था, उन्हे सिर्फ वेकेशन के बारे में पता था।

अशोक की गंदी सोच को देखते हुए भाभी ने कसम खा ली कि वो अशोक से अपने रिश्ते तोड़ देगी. मुझे ख़ुशी मिली कि कम से कम मेरे भाई का घर बर्बाद नहीं होगा।

रूबी मेरे फैसला से बहुत खुश थी। मुझे अब किसी मर्द की चुदाई मिलना बंद हो चुका था पर रूबी अपनी ऊँगली से मेरी मदद कर देती थी।

कभी कभी मुझे आश्चर्य होता था कि रूबी को ऊँगली से चुदने की जरुरत नहीं होती. मुझे भी उसके जैसा बनना था जब मुझे ऊँगली करने तक की जरुरत महसूस ना हो और पूरा कण्ट्रोल कर पाऊ जैसे रूबी करती हैं।

मैंने एक बार उसको पूछ ही लिया कि वो चाहे तो मै भी उसको अपनी ऊँगली से मजा दिला सकती हूँ, पर उसने मना बोल दिया कि उसको ऊँगली की जरुरत नहीं.

मैने भी सोचा मुझे भी अपनी चूत में ऊँगली की आदत छोड़ने की कोशिश करनी होगी. ऑफिस में भी यह बात पता चल गयी कि मै अपने पति से अलग रह रही हूँ.

जैसा कि रूबी ने बताया था, अकेली औरत को देख मर्द लाईन मारते ही हैं। मेरे ऑफिस में भी मर्द अब मुझे आकर अफ़सोस जताते और मुझे कोई मदद चाहिये हो तो वो मदद देने की पेशकश करते.

शुरू शुरु मै तो मुझे लगता कि वो लोग मेरी मदद करना चाहते हैं पर फिर रूबी ने बताया कि वो मेरी किस तरह की मदद की बात कर रहे थे.

अकेली औरतो की परेशानी मुझे अब समझ आने लगी थी और रूबी के प्रति मेरा आदर और बढ़ गया था। मैंने यह भी महसूस किया कि अब मेरा बॉस राहुल मुझसे ज्यादा बातें करने लगा था।

हमारे बीच पहले जो कुछ भी हुआ था, मुझे पता था कि वो मुझसे आज भी प्यार करता हैं। मैंने तो उसको कब का माफ़ कर दिया था पर मै शादी शुदा होकर उसके साथ कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती थी।

पर अब में फिर से सिंगल थी और राहुल के साथ रिश्ता बनाने का मौका भी था। शायद राहुल को भी इसमें एक मौका दिखाई दिया।

वैसे भी मैंने राहुल को अपने पति के बाद का दुसरा विकल्प माना था। शायद मेरे लिए यह सबसे सही अवसर था कि मै राहुल के साथ अपने प्यार को आगे बढा पाऊ. मगर मै आगे बढ़कर राहुल को कैसे बोलती इसलिए चुप ही रही.

अशोक और मेरे बीच यह निर्णय हुआ था कि दोपहर में बच्चा मेरी सासुजी के घर ही रहेगी और शाम को ऑफिस के आने के बाद हम दोनो बारी बारी से उसे अपने पास रखेंगे।

एक दिन जब मै अपने बच्चे को पिक अप करने सासुजी के घर के बाहर पहुंची और कार से बाहर निकली तो सामने से पूजा आती दिखी. एक नजर उस पर पड़ते ही मै डर गयी और घर की तरफ बढ़ी। फिर उसकी आवाज सुनाई दी जो मुझे पूकार रही थी।

यहाँ बीच मोहल्ले में वो फिर से मुझे थप्पड़ ना लगा दे या सबके सामने मुझे डाँट कर मेरी पोल खोल ना दे इस डर से मै गेट खोल कर अंदर जाने लगी।

तब तक वो मेरे पास आ गयी थी और मेरे कंधे पर हाथ रख दिया। मैंने अपना एक हाथ अपने गाल पर रखे उसको देखने लगी।

पूजा: ”मुझे नजरअंदाज कर रही हो? आई एम सॉरी , उस दिन मैंने तुम्हे चांटा मार दिया। मुझे एसी प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिये थी। उसके बाद मैंने तुम्हे कई बार माफ़ी मांगने के लिए फ़ोन किया पर लगा ही नहीं. प्लीज माफ़ कर दो.”

मैने थोड़ा आश्चर्य हुआ कि गलती तो मैंने की फिर भी वो माफ़ी मांग रही थी। हो सकता हैं उसने भी मुझे माफ़ कर फिर से दोस्ती करने की सोच ली हो.

मैं: “तुम क्युँ माफ़ी मांग रही हो? माफ़ी तो मुझे मांगनी थी, मैंने तुम्हे ऐसा कुछ करने को बोला. तुमने तो मुझे सही रास्ता बता दिया”

पूजा: “यार, तुमने नितीन के सामने ऐसा बोला इसलिए घबरा कर मैंने थप्पड़ मार दिया। नितीन पहले ही मुझ पर शक करता हैं, मै हां बोलती तो फिर उसको लगता कि मै सच में चरित्रहीन हूँ”

मैं: “मतलब… नितीन नहीं होता तो तुम तैयार थी!”

पूजा: “हां”

मैं: “फिर भी तुमने उन दोनो के सामने मुझे थप्पड़ मार कर मेरा अपमान किया और खुद को बड़ा चरित्रवान दिखाया!!”

पूजा: “मैने तुम्हे बताया तो था कि डांस करते करते ही मै बहक गयी थी। मेरे अंदर कपड़े गीले हो चुके थे, कण्ट्रोल करना मुश्किल हो गया था”

मैं: “मुझे तो तुम्हारा मना करना पसंद आया था कि तुम ऐसी नहीं हो. तुमसे प्रेरित होकर तो मै अशोक से अलग हो गयी”

पूजा: “तुम्हारे बारे में सुनकर बुरा लगा। पर अशोक ने उस दिन मुझ पर जादू कर दिया था। काश उस दिन नितीन साथ में नहीं होता तो मेरी इच्छा पूरी हो जाती। तुम तो वैसे ही अशोक से अलग हो गयी हो, वो भी अकेला होगा, तुम अशोक से बात कर सकती हो मेरे बारे में, नितीन को पता नहीं चलना चाहिये बस”

मेरी काटो तो खून नहीं वाली हालत थी। मैंने पूजा को क्या समझा और वो क्या निकली. वो तो तैयार बैठी थी अशोक के साथ चुदवाने के लिए. पर अब मुझे वैसे भी क्या फर्क पड़ता.

मैं: “तुम खुद बात क्युँ नहीं कर लेती, वो तो वैसे ही तैयार हैं”

पूजा: “आगे बढ़कर उसको कैसे बोलू? वैसे भी वो मुझे मिलता कहा हैं। तुम भी आज इतने दिनों बाद बड़ी मुश्किल से मिली हो. तुम तो मेरी सहेली हो, मेरे एक काम नहीं करोगी?”

मैं: “मै देखती हूँ, क्या कर सकती हूँ”

अब उसकी मदद करना मतलब नितीन के साथ मुझे सोना पड़ेगा जो मै करना नहीं चाहती थी। मै उस ज़िन्दगी से बहुत दूर आ चुकी थी।

मुझे इस चीज से कोई परेशानी नहीं थी कि पूजा मेरे पति से चुदवाना चाहती थी। पर बुरा यह लगा कि इस पूजा ने ही सबसे पहले मुझे यह अहसास दिलाया था कि मै गलत रास्ते पर हूँ, मगर वो खुद गलत रास्ते पर ही थी।
पर मुझे ख़ुशी थी कि उसके चक्कर में मै अब सही रास्ते पर आ चुकी थी। हर औरत तो पूजा की तरह नहीं हो सकती. रूबी अभी भी मेरी ताकत थी।

फिर थोड़े दिन बाद जब मै अपने बच्चे को पिक अप करने अशोक के घर गयी थी तो अशोक ने भी विनती की.

अशोक: “आज रात यहीं रुक जाओ, बहुत दिनों से करने को नहीं मिला मुझे”

मैं: “तुम्हे मेरी क्या जरुरत हैं, तुम्हारे लिए तो बहुत सी लड़कियां तैयार होगी”

अशोक: “कोई लड़की नहीं हैं! एक रात की ही तो बात हैं, रुक जाओ”

मैं: “तुम्हारे तो इतने दोस्त हैं, चले जाओ किसी के भी घर, वो अपनी बीवी दे देंगे तुम्हे चोदने के लिए”

अशोक: “तुम्हे पाने की लालच में दे भी देते पर अब कौन देगा?”

मैं: “तुम्हारी पूजा मिली थी थोड़े दिन पहले, वो तैयार हैं। कर लो उसके साथ”

अशोक: “अच्छा!! पर वो नितीन क्युँ मानेगा? तुम मेरे साथ ना सही ,नितीन के साथ चुदवाने को तैयार हो जाओ तो वो मुझे पूजा को चोदने देगा. अब तो पूजा भी तैयार हैं तो कोई परेशानी ही नहीं हैं”

मैं: “तुम्हारी गलत इच्छाओ के लिए मै क्युँ बलि दू? मुझे ऐसा कोई शौक नहीं हैं। मैंने तुम्हे खाली बता दिया हैं कि पूजा तैयार हैं, अब तुम्हे कैसे करना हैं वो तुम दोनो देख लो”

अशोक: “ऐसे मत करो, वो नितीन तो पूजा पर पहरा रखता हैं, उसकी इजाजत के बिना मै नहीं कर सकता”

मैं: “मै तुम्हारी इसमें कोई मदद नहीं कर सकती”

अशोक: “मेरा जन्मदिन आने वाला हैं। मै पूजा और तुम्हारी सुलह के बहाने उन दोनो को पार्टी पर बुलाता हूँ, तुम भी आ जाना. मेरी थोड़ी मदद कर देना, नितिन को थोड़ा व्यस्त रखना तब तक मै पूजा के साथ कर लूंगा. इस बहाने तुम पूजा की भी मदद कर दोगी”

मैं: “तुम ध्यान से सुन लो, मै नितीन के साथ कुछ करने वाली नहीं हूँ”

अशोक: “तुम्हे कुछ नहीं करना हैं, सिर्फ पार्टी में आ जाना बस. हर साल तुम मुझे जन्मदिन गिफ्ट देती हो, इस बार तुम्हारा आना ही मेरे लिए गिफ्ट होगा, प्लीज…प्लीज”

पूजा ने मुझे अशोक और नितीन के सामने थप्पड़ मारा था और मुझे उसके मुकाबले चरित्रहीन साबित कर दिया था। यह मौका था जब मै पूजा से उन्ही लोगो के सामने माफ़ी मंगवा सकती थी। तो मैंने पार्टी में आने का हां बोल दिया।

अगले दिन मैंने पूजा को फ़ोन कर बोल दिया कि अशोक उसे और नितीन को अपनी जन्मदिन पार्टी में बुलाने वाला हैं। तो उसके पास अशोक से चुदने का भी मौका होगा और मुझसे उन दोनो के सामने माफ़ी मांगने का भी.

पूजा यह सुनकर बहुत खुश हुयी. मै खुश थी कि मेरा जो अपमान हुआ था उसका बोझ उतर जाऐगा और हो सकता हैं मै अशोक और पूजा की एक होने में मदद भी कर दू .

जन्मदिन वाले दिन मै अशोक के घर पहुंची. वो अकेला ही था। उसने मेरे अलावा सिर्फ पूजा और नितीन को ही बुलाया था। यहाँ तक कि हमारा बच्चा भी नहीं था।

अशोक: “धन्यवाद , तुम आ गयी। यार तुम अगर नितीन के साथ करने को मान जाओ तो मेरा और पूजा का काम आसान हो जायेगा”

मैं: “तुम चाहते हो कि मै चली जाऊ तो चली जाती हूँ, पर फिर यह विनती मत करना”

अशोक: “मेरे अंदर आग लगी हैं, मुझे चोदना हैं। ना तुम करने दे रही हो, और ना मेरी मदद कर रही हो”

मैं: “मुझे जितनी मदद करनी थी वो मैंने कर दी. इस से ज्यादा उम्मीद मत रखना”

अशोक: “अच्छा ठीक हैं, मै अगर पूजा को लेकर अंदर जाऊ तो नितीन को यहाँ रोके रखना”

मैं: “मै 5-10 मिनट से ज्यादा नहीं रोक पाउंगी, नितीन भी कोई पागल नहीं हैं, उसे पता चल जाऐगा. 5-10 मिनट में जो कर सकते हो कर लेना”
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अशोक की बर्थडे पार्टी में अशोक और पूजा का चुदाई का इरादा था और मेरा मकसद था पूजा से माफ़ी मंगवाना। मैं तय समय पर पहुंच गयी थी पर अशोक मुझे नितिन के साथ चुदने को मना रहा था।

तभी डोरबैल बजी और अशोक ने जाकर दरवाजा खोला. नितिन और पूजा आ गए थे। पूजा आज तो कुछ ज्यादा ही सजी संवरी थी। बालो का जूड़ा बना था और उसकी वो ही दो लम्बी झुल्फे दोनो तरफ लटकी थी।

मरून लिपस्टिक में रंगे उसके होंठ चमक रहे थे और मादक लग रहे थे और उसकी बड़ी सी स्माईल में खिल रही थी। माथे पर छोटी सी चमकीली बिंदी थी।

उसने आज भी चमकीली साड़ी पहनी थी पर उस दिन से ज्यादा फर्क था। आज उसकी साड़ी पारदर्शी थी। पेटीकोट को नाभी से 3 इंच नीचे बाँधा था और पारदर्शी साड़ी से उसका पतला पेट और नाभी साफ़ दिख रही थी।
जब वो पीछे मुड़ी तो उसकी पीठ पूरी नंगी थी और सिर्फ ब्लाउज की दो डोरिया बंधी थी। उसको भी अच्छी तरह आता था कि मर्दो को कपड़ो से दीवाना कैसे करते हैं।

हमेशा की तरह उसका आकर्षण उसकी मटकती गांड थी जो उस टाइट बंधी साड़ी में अच्छे से खिल कर दिख रही थी। वो तीनो चल मेरे पास आये.

अशोक: “चलो भाई, प्रतिमा और पूजा अपने गिले शिकवे मिटा लो”

पूजा ने मुझ गले लगाया. उसके बड़े से मम्मे मेरे मम्मो से टकरा कर थोड़ा दब गए. उसके मम्मे बहुत मुलायम थे.

पूजा: “उस दिन मैंने प्रतिमा को ग़लतफ़हमी में चांटा मार दिया था। वो तो सिर्फ डांस पार्टनर के लिए बात कर रही थी और मै कुछ और ही गलत समझ गयी”

हम सब उसकी शक्ल देखने लगे, जो मुस्कुरा रही थी। उसने बड़ी सफाई से झूठ भी बोल दिया और माफ़ी भी मांग ली थी।

पूजा: “प्रतिमा, मुझे उस दिन लगा तुम कुछ गंदी बात कर रही हो, पर बाद में मुझे लगा तुम तो सिर्फ डांस के लिए मुझे अशोक के साथ पार्टनर बना रही थी। आज तुम जो बोलोगी वो करेंगे. क्युँ नितिन?”

नितीन: “मुझे तो उस दिन भी कोई परेशानी नहीं थी और आज भी नहीं हैं”

अशोक: “हां तो चलो संगीत से शुरु करते हैं”

अशोक ने पहले ही शायद तैयारी कर रखी थी और बहुत ही मादक गानो को प्ले कर दिया। कमरे में हल्की लाल रंग की रोशनी कर दी. अशोक तो पूजा का हाथ पकड़े डांस के लिए ले गया।

नितीन मुझे भी आग्रह करने लगा पर मैंने उसको रुकने को बोला. मै और नितीन अब बैठ कर डांस देखने लगे। अशोक तो इतने दिन से किसी औरत को हाथ लगाने के लिए भी तड़प रहा था ऊपर से वो मादक गाना.

अशोक ने पूजा की कमर, पीठ, जांघे, सीना, चेहरा सब छू कर रगड़ रगड़ आकर डांस किया. ख़ास तौर से उसने पूजा की गांड को निशाना बना कर उसको पीछे पकड़ कर अपना लंड से बहुत देर तक रगड़ा.

मुझे तो कोई फर्क नहीं पड़ राह था पर नितीन ने यह सब देखने के बाद भी कुछ प्रतिक्रिया नहीं दी और अपनी बीवी को इस मादक तरीके से अपने ही दोस्त के हाथों मजे लेते देखता रहा।

अशोक की पैंट में उसका लंड कड़क हो थोड़ा आगे हो गया था और मै देख सकती थी। शायद नितीन ने भी देख लिया होगा। पर वो क्या कर सकता था, उसने ही उन दोनो को डांस की अनुमति दी थी।

अशोक ने मुझे और नितीन को भी डांस के लिए बोला और फिर जबरदस्ती उठा कर ले आये. मै वापिस बैठना चाहती थी पर नितीन ने मेरे दोनो हाथ अपने हाथ में ले लिए और डांस शुरु कर लिया।

अशोक इशारा कर रहा था कि मै नितीन की पीठ उनकी तरफ रखु ताकि वो आराम से डांस कर पाये। मुझे भी देखना था वो कैसी हदें पार करते हैं।

नितीन को डांस तो आता नहीं था तो मैंने नितीन को अपने सामने रखा और उसकी पीठ हमेशा पूजा और अशोक की तरफ रही.

इस मौके का फायदा उठा कर अशोक एक बार फिर पूजा के पीछे से चिपक गया था और अपना कड़क लंड पूजा की गांड में रगड़ रहा था। कुछ ही सेकण्ड में उसने पूजा का पल्लू भी खोल कर नीचे गिरा दिया।

पूजा ने अपने दोनो हाथ ऊपर उठा कर पीछे लाकर अशोक की गरदन के पिछे लगा दिए. पूजा की छाती फुल गयी। वो तो वैसे ही नशे में डुब चुकी थी तो उसके मम्मे अच्छे खासे फूले हुए थे.

अशोक तो कण्ट्रोल ही नहीं कर पा रहा था। एक हाथ पूजा के पेट के थोड़ा नीचे रख दूसरे से उसके ब्लाउज के ऊपर से अंदर हाथ डाल दिया और पूजा के मम्मे दबाने लगा।

पूजा आंख बंद किए तभी आंख खोले मजे ले रही थी। मै थोड़ा डर भी रही थी, कही नितीन यह देख ना ले। मैंने नितीन को और टाइट पकड़ लिया, उसने मुझे अपने सीने से लगा दिया।

मेरे मम्मे भी उसके सीने से दब गए, इस बहाने ही सही वो अब मेरे ज्यादा कण्ट्रोल में था। मै उसको घुमने से रोक सकती थी। हम एक दूसरे से चिपके डांस कर रहे थे.

अशोक इतना तड़प रहा था कि उसने हिलना बंद कर दिया और अब पूजा की ब्लाउज की डोरिया पीछे से खोल दी थी और उसका ब्लाउज ढीला होकर बाहों में अटक गया।

अशोक ने अब पूजा के पेट को दबा कर उसकी गांड अपने लंड से चिपका दी. दूसरे हाथ से उसने पूजा के सीने को दबा कर अपनी छाती पूजा की पीठ से एकदम चिपका दी. दायें बायें हिलने की बजाय उसने एक दो धक्के पूजा की गांड पर जरूर मारे.

तभी नितीन ने अपना एक हाथ जो अब तक मेरी कमर को लपेटे था, उस से मेरी गांड को दबा दिया। मुझे उसकी बदतमीजी पसंद नहीं आयी और उसका हाथ झटक दिया।

मगर उसने अब अपने दोनो हाथों से मेरी गांड को दबाया. फिर मै उस से दूर हुयी. वो मुझ पर हस रहा था। मैंने उसके पीछे डांस करते पूजा और अशोक को देखा जो अभी भी एक दूजे से चिपके थे.

पूजा अब जरूर दायें बायें अपनी गांड हिलाते हुए अशोक के लंड को रगड़ते हुए मजा दिला रही थी। अशोक भी पूजा के नंगे कंधे को चुम रहा था। मुझे ऊधर देखते देख नितीन ने भी पीछे मुड़कर देखा.

पूजा और अशोक की तो आंखे बंद थी और मजे ले रही थे। नितीन मुड़ कर पूजा के सामने गया। मुझे लगा आज तो पूजा और अशोक की खैर नहीं हैं।

नितीन ने वहां जाकर पूजा के आधे खुले ब्लाउज को खिंच कर पूजा की बाहों से निकाल दिया। पूजा ने अंदर ब्रा भी नहीं पहना था तो उसके गोल मम्मे बाहर आ गए और वो टॉपलेस हो गयी। पूजा और अशोक की आंखे खुल गयी, मगर अशोक ने पूजा को अपने से चिपकाये रखा।

नितीन ने पूजा की साड़ी की पटली को उसके पेटीकोट से बाहर कर दिया और फिर साड़ी के बाकी भाग को भी पेटीकोट से बाहर खींचने लगा। मेरी तरह पूजा को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि नितीन कैसे गुस्सा निकाल रहा हैं।

मै भी क्या कर सकती थी, पूजा को थोड़ा ध्यान रखना चाहिये था। अब सजा तो मिलेगी ही. पूजा की साड़ी अब नितीन ने पूरा खोल कर हटा दी और अब उसने पूजा के पेटीकोट को बंधी डोरी की गांठ खोल कर उसका पेटीकोट भी खोल दिया।

अब पूजा सिर्फ अपनी पैंटी में खड़ी थी। मैंने पूजा को कई बार बिकिनी में स्वीमिंग पूल में देखा था, पर आज पहली बार टॉपलेस सिर्फ पैंटी में देख कर मै भी उसके फिगर की दीवानी हो गयी।

इतने समय तक स्वीमिंग करने का असर उसके फिगर पर दिख रहा था। अशोक अभी भी पूजा से चिपका था। नितीन ने अभी तक अशोक को कुछ नहीं कहा था। नितीन ने अब पूजा की पैंटी खोल उसको पूरा नंगा कर दिया।
पूजा की तेज सांसें उसके हिलते बदन से साफ़ दिख रही थी। उसका पेट तेजी से अंदर बाहर हो रहा था और उसके बड़े से मम्मे हल्का सा फुल कर सिकुड़ रहे थे और सांस ले रहे थे.

साथ ही पूजा के मम्मे ऊपर नीचे हल्का से हिल रहे थे। पूजा की आँखों में एक प्रश्नचिन्ह था। अंदर उत्तेजना भरी थी पर डर उसकी आँखों और चेहरे पर था।

नितीन अब पूजा के सामने हाथ बाँध कर खड़ा था। अशोक ने अपने दोनो हाथों से पूजा के नंगे धड़कते मम्मो को दबोच लिया और उन दोनो मम्मो को अपने हाथों में लेकर मसलना शुरु कर दिया।

पूजा मुंह खोले आहें भर रही थी पर संगीत के शोर में उसकी आहें सुनाई नहीं दे रही थी। अशोक ने जब पूजा के मम्मे छोड़े और पीछे हटा तो पूजा अपने दोनो हाथों को मलते हुए नीचे जमीन पर देखने लगी।

अशोक ने अपने कपड़े एक झटके में निकाल दिए और पूरा नंगा हो गया। उसको अभी भी चोदने की पड़ी थी, जब कि नितीन सामने था।

नंगा होते ही अशोक ने पूजा को आगे बढा कर सोफे के साइड से आगे झुका दिया। पूजा के नंगे मम्मे सोफे के सिरहाने से चिपक कर दब गए.

अशोक पूजा के पिछवाड़े था और अपना लंड पूजा की गांड में रगड़ने लगा। मैंने अपना माथा पिट लिया। वो इतनी गुस्ताखी क्युँ कर रहा था।

जब वो मार खाएगा तो मै उसको बचाने वाली नहीं थी। जल्दी ही पूजा की सांसें तेज हुयी और आंहे निकलने लगी। अशोक ने एक धक्का मारा और उसकी जांघो का ऊपरी भाग पूजा की गांड से टकराया. उसका लंड अब पूजा की गांड में घुसा चुका था।

पूजा जिस तरह दर्द भरी सिसकियां मार रही थी, मुझे यकीन था कि उसकी गांड में ही अशोक का लंड घुसा होगा। नितीन अभी भी हाथ बांधे अपनी बीवी को गांड मरवाते देख रहा था।

पूजा ने कहा था कि नितीन उस पर शक करता हैं, यह बात मुझे भी उसने बताई थी कि उसको अशोक और पूजा पर शक हैं, फिर वो इतना उदार हो गया कि पूजा को चुदने की छूट दे दी थी।

किसी पति का इतना बड़ा दिल होगा, यह मैंने नहीं सोचा था। अशोक की दिल की तमन्ना आज आखिर पूरा हो रही थी। इतने दिनों से चोदने को तड़पते मर्द को अपनी पसंद की औरत की गांड मारने को मिल रहा था। उसको तो अब तक बेस्ट जन्मदिन गिफ्ट मिल चुका था।

अशोक के झटके अब पूजा की गांड में पड़ने लगे थे। वो इतने जोर के झटके थे कि पूजा आगे पिछे पूरा हिल चुकी थी। अशोक ने आखिर अपनी इच्छा पूरी कर ली थी।

उसकी इच्छा भी तब जाकर पूरी हुयी जब उसको चुदाई की सबसे ज्यादा जरुरत थी। मै सोच रही थी मै यह चुदाई देखने तो नहीं आयी, मुझे शायद यहां से जाना चाहिये। पर जन्मदिन का केक कटना बाकी था और मुझे भी पूजा को पहली बार चुदते हुए देखना था।

पूजा भी आहें भरते हुए अभी थोड़े शॉक में थी कि नितीन क्या कर रहा हैं। पूजा की गांड पर पड़ते झटको से उसकी गांड बुरी तरह से जेली की तरह हिल रही थी।

अशोक के पूजा की गांड पर पड़ते झटको से थाप थाप की आवाजे आ रही थी। साथ में बजते संगीत के साथ चुदाई का मजा और ज्यादा बढ़ गया था।

थोड़ी देर बाद जब अशोक ने गांड मारने का मजा ले लिया तो उसने पूजा को थ्री सीटर सोफे की सीट पर सीधा लेटाया और उसका एक पांव सोफे के सिरहाने पर रख दिया और दुसरा नीचे जमीन पर.

पांव चौड़े होते ही पूजा की पूरी चूत खुल गयी। उसकी चूत की दरार गीली पड़ी थी। इतनी देर मादक डांस के बाद यह तो होना ही था।

अशोक उसकी टांग के बीच बैठ गया। उसका भी एक पांव सोफे की सीट पर तो दुसरा नीचे जमीन पर था। उसने जल्दी से पूजा की कमर पकड़ उसकी गांड को थोड़ा ऊपर उठाया और अपना लंड पूजा की चूत में डाल दिया।

अशोक ने अपनी गांड को आगे पिछे धक्के मारते हुए पूजा को चोदना चालू किया और पूजा की बुरी तरह से सिसकियां चालू हो गयी। वो तो कबसे अशोक से चुदवाने को तड़प रही थी।

उस चुदाई के मजे में उसने बिल्कुल भी ख्याल नहीं किया कि नितीन भी खड़ा देख रहा था। वो भी शायद अब बागी हो चुकी थी। वैसे भी अभी तक नितीन ने गुस्सा नहीं दिखाया था, उल्टा वो तो अपनी बीवी को चुदते हुए देख मजे ले रहा था।

अशोक अब थोड़ा नीचे हो गया था और पूजा की पीठ अब पूरी तरह सोफे पर टिकी थी। अशोक ने पूजा के दोनो पांव हवा में खड़े कर दिए और पकड़ लिए.

पूजा के दोनो पांवो को अपने हाथों में पकड़े अशोक उसे अच्छे से चोद रहा था और बीच बीच में पूजा के पांव थोड़े चौड़े भी कर देता.

पूजा खुद अपने मम्मे दबाए चिखने लगी थी। उसके लिए यह चुदाई का मजा असहनीय हो गया था। संगीत से भी ज्यादा अब पूजा की चिखें सुनाई दे रही थी।

नितीन खुश दिख रहा था और अपनी बीवी को इस तरह चुदते मजे लेते देख उसकी पैंट में उसका लंड खड़ा हो चुका था।

ऐसी चुदाई देख मेरी खुद की पैंटी गीली होने लगी थी। वो तो अच्छा था कि कल ही मैंने अपनी चूत में ऊँगली कर उसको शांत किया था, वरना अभी मेरे लिए कण्ट्रोल करना बड़ा मुश्किल हो जाता.

थोड़ी देर बाद एक के बाद एक अशोक और पूजा तेज सिसकारियां भरते हुए जड़ गए. मगर जड़ते जड़ते वो माहौल बहुत ज्यादा गरम कर गए थे.

वो दोनो अब सोफे से उठे और अशोक कपड़े पहनने लगा और पूजा अपने कपड़े उठाए वहां से अंदर रूम में चली गयी। नितीन मेरी तरफ बढा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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अशोक ने पूजा की गांड मारने का अपना सपना पूरा किया तो पूजा की भी अशोक से चुदवाने की तमन्ना पूरी हुयी।

नितीन: “चलो, इन दोनो का तो हो गया, अब तो मुझे चोदने दो प्रतिमा”

मैं: “मेरे पास मत आना, दूर रहो”

नितीन: “अशोक ने तो पूजा को चोद दिया हैं, उसने बोला था इसके बदले तुम भी मुझे चोदने दोगी. अब पिछे क्युँ हट रही हो?”

मैं: “मैने ऐसा कोई वादा नहीं किया, अशोक ने बोला तो उसी को जाकर पूछो”

नितीन: “यह क्या हैं अशोक! प्रतिमा तो कुछ करने नहीं दे रही. यह कैसी डील हैं? तुमने बोला था कि मै तुम्हे पूजा को चोदने दुंगा तो मुझे प्रतिमा को चोदने का मौका मिलेगा. अब यह मना कर रही हैं”

अब मुझे पता चला कि नितीन क्युँ अपनी बीवी को चुदवाने को तैयार था। अशोक ने नितीन से खूफिया डील कर ली थी मुझे चोदने के बदले पूजा को चोदने की.

अशोक: “प्रतिमा मान जाओ, कभी दुसरो के लिए भी कुछ कर दिया करो”

मैं: “मैने तुम्हे पहले ही बोल दिया था कि मै अब ऐसा वैसा कुछ नहीं करुंगी. मै तो अब जा रही हूँ”

अशोक तेजी से मेरी तरफ बढ़ और मुझे रोका.

अशोक: “ऐसे मत करो यार. एक आखिरी बार मेरी खातिर. मेरा जन्मदिन गिफ्ट समझ कर, कर लो”

वो मेरे पैरो में गिर गया और हाथ जोड़कर विनती करता रहा। मगर मै अब उसकी बातों में नहीं आने वाली थी। मै एक सही रास्ते पर बढ़ चुकी थी और अब फिर गलत रास्ते पर जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता. खासतौर से मै अशोक का उसके झूठ में क्युँ साथ दू.

इस बीच पूजा कपड़े पहन कर बाहर आ चुकी थी। उसको भी माज़रा समझ में आ गया था कि क्या हुआ हैं।
जन्मदिन पार्टी तो हुयी नहीं, अशोक ने जरूर पूजा की गांड और चूत मारने का मुफ्त में मजा ले लिया था। पूजा को भी अशोक से चुदवाना था तो उसकी भी इच्छा पूरी हो चुकी थी।

इन सब में नितीन बेवकूफ बन गया, अपनी बीवी भी चुदवा ली और उसे कुछ नहीं मिला. मै उन लोगो को वहीं छोड़ कर बाहर आ गयी। नितीन ने पिछे से पूजा और अशोक के साथ क्या किया यह मुझे नहीं पता.

नितीन अब घर जाकर पूजा की क्या खबर लेगा वो देखना था। थोड़े दिन बाद ही पता चला कि पूजा और नितीन ने भी अलग होने का फैसला कर लिया हैं।

थोड़े दिन बाद जब मै अपने बच्चे को लेने अपने पति के घर गयी तो जो कुछ देखा मुझे शॉक लगा। घर के बाहर अशोक की गाड़ी नहीं थी तो मुझे लगा वो अभी तक घर नहीं आया हैं। मेरे पास अभी भी घर की अतिरिक्त चाबी थी तो मै अंदर चली गयी थी ताकि वहां उसका इंतजार कर सकू.

मेरे बेडरुम से आती आंहो से मै रुक गयी थी। अशोक शायद बेडरुम में किसी औरत को चोद कर खुश कर रहा था। देखा जाऐ तो अभी भी मै और अशोक पति पत्नी ही थे।

मन में बहुत बुरा भी लग रहा था। अभी तलाक भी पूरा नहीं हुआ था और अशोक किसी और औरत के साथ लगा हुआ था। मै उनको डिस्टर्ब नहीं करना चाहती थी पर मन में एक जिज्ञासा भी थी कि वो कौन हैं।

बड़ा डर यह भी था कि कही मेरी भाभी अपना वादा तोड़ कही अशोक के साथ कुछ कर तो नहीं रही. मैंने बेडरुम में झांकना ठीक समझा.

दरवाजा खुला था और अंदर से चुदते हुए औरत की आवाज बड़ी तेजी से आ रही थी। मै दरवाजे तक पहुंची. एक गौरी चिट्टी लड़की मेरे बिस्तर पर घोड़ी बनी बैठी थी और अशोक उसके पिछे से डोगी स्टाईल में चोद रहा था।

अशोक के झटके इतने तेज थे कि मुझे बाहर तक थाक थाक की आवाजे आ रही थी। लड़की मीठे दर्द और मजे के मारे बड़ी कामूक आवाज में आहें भर रही थी।

उसके बदन को देख लग गया कि वो मेरी भाभी तो नहीं हो सकती थी। फिर भी उसका बदन जाना पहचाना सा लग रहा था।

पीछे से मै उसकी शक्ल तो देख नहीं पा रही थी। बिस्तर के पास जरूर उस लड़की की साड़ी और पेटीकोट पड़े हुए थे। अशोक लड़की की गांड को दोनो साइड से पकड़े कभी झटके मारता तो कभी बिना पकड़े मारता.

बिना पकड़े जब भी वो झटके मारता तो लड़की की चिखें निकल जाती। यह चुदाई देख मेरे पूरे शरीर में खून गरम होकर दौड़ने लगा।

मेरी खुद की चूत में हलचल होने लगी थी। इतने समय से ना तो मैंने चुदाई की थी और ना ही देखी थी। मै वहीं दरवाजे पर बिना आवाज किए खड़ी थी।

कई दिनों से मैंने अपनी चूत में ऊँगली तक नहीं कि थी और मेरी खुद की चुदने की इतनी इच्छा थी कि अगर उस वक्त अशोक मुझे बुलाकर चोदने लगता तो मै उसे मना नहीं कर पाती. इतने समय से मैंने कण्ट्रोल किया था पर अब अपनी आँखों के सामने यह होता देख मै अपने आप को रोक नहीं पा रही थी।

अशोक के झटके और तेज हो गए और इसी के साथ लड़की की आहें भी. लड़की खुद आगे पिछे हो चूद रही थी। शायद वो जड़ने वाले थे। मै इसी आस में खड़ी रही कि मै लड़की की शक्ल देख पाऊ.

लड़की के खुले बाल उसके चेहरे पर भी थे पर उसकी मम्मे छाती पर लटके हुए थे और काफी अच्छी शेप में थे। जिसे वो खुद अपने एक हाथ से रह रह कर दबा रही थी।

जल्द ही अशोक तेज चीखों के साथ जड़ गया और उसी जड़ने के दौरान उस लड़की ने पिछे मुड़ कर देखा और मुझे उसकी शक्ल दिखाई दी.

मेरे पैरो तले जमीन खिसक गयी। वो पूजा ही थी। नितीन से अलग होने के बाद अब वो आज़ाद हो चुकी थी और अब अशोक के साथ चुदवा सकती थी।

इस से पहले वो दोनो मुझे देखते, मै उलटे कदम बाहर आ गयी। मै दरवाजा धीरे से बंद कर मै बाहर सड़क पर आ गयी। कुछ मिनट रुक कर मैंने डोरबैल बजाई. कुछ देर के बाद अशोक ने दरवाजा खोला.

उसने बताया कि मेरा बच्चा उसकी माँ के घर हैं। मै पूजा का चेहरा देखना चाहती थी पर वो दिखी नहीं. मै अब वहां से जाने लगी तभी अशोक ने रोका.

उसने कहा कि अगर मै उस तरफ जा रही हुं तो मै पूजा को रास्ते में ड्राप कर दू. मै अंजान बनी रही कि पूजा कहा हैं और उसने मुझे रुकने को बोला.

मै अशोक के साथ बात करते रुकी रही और थोड़ी देर बाद कपड़े पहने पूजा बाहर आयी। एक बार मुझे देख वो सहमी और फिर मुझे हंसते हुए मेरा हाल चाल पुछा. मै उसको अपनी कार में बैठाये जाने लगी।

मैं: “कब से चल रहा हैं ये सब? अब नितीन की नजरो में तुम नहीं गिरी”

पूजा: “अब मै उस से अलग हो चुकी हूँ, अब मै अपने मन की कर सकती हूँ. वैसे भी तुमने अशोक को छोड़ दिया हैं तो तुम्हे मेरे इस रिश्ते से कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए”

मैं: “मुझे कोई परेशानी नहीं. अशोक तो वैसे ही तुम्हारी गांड की लचक का दीवाना हैं”

पूजा: “बताया उसने. मेरे तलाक का प्रक्रिया खत्म होते ही मै उसके साथ शादी का प्लान कर रही हूँ”

मैं: “बधाई हो, अशोक मुबारक हो. वैसे तुम्हारा कोई भाई हैं?”

पूजा: “हां एक हैं, पर उस से क्या!”

अब मै पूजा को क्या बताऊं कि मेरा अशोक से तलाक इस बात पर हुआ हैं कि वो मुझे मेरे भाई के साथ सुलाना चाहता हैं। मै तो बस पूजा को बेस्ट ऑफ़ लक ही बोल सकती थी।

मैं: “नहीं ऐसे ही पूछ लिया, उनको अशोक से कोई आपत्ति ना हो इसलिए”

पूजा: “उनको कोई परेशानी नहीं होगी, मेरी ख़ुशी में उनकी ख़ुशी हैं”

पूजा अभी तो खुश हैं पर अशोक अगर अपना असली रंग दिखाएगा तो वो पूजा को भी उसके भाई के साथ चुदने को जरूर बोलेगा या ग्रुप सेक्स के इवेंट में ले जायेगा.

कुछ दिनों बाद ऑफिस का सालाना उत्सव होने वाला था। जब मैंने पहले उत्सव में भाग लिया था तो राहुल मेरा दीवाना हो गया था। फिर दूसरे उत्सव में तो उसने मुझे चोद ही दिया था।

क्या यह उत्सव मेरे लिए एक नयी उमंग लाने वाला था। मगर मै यह निर्णय नहीं कर पा रही थी कि मुझे अब फिर किसी रिश्ते में फंसना हैं या नहीं.

मुझे रूबी के जैसी आजाद लाईफ चाहिये थी। रूबी ने बोला कि वो मुझे पिक अप कर लेगी और सालाना जल्से के लिए हम साथ में उसकी कार में राहुल के फार्म हाऊस पर जाएंगे।

मैने उसको बोला कि उसको उल्टा रास्ता पड़ेगा पर उसे वैसे ही मेरे घर की तरफ अपने बच्चे को अपने पति के पास छोड़ने आना था। पार्टी में लेट हो जाएंगे तो वो अपने बच्चे को अपने पति के पास छोड़ना चाहती थी।

शाम को अपने बच्चे को ड्राप करने के बाद वो मुझे लेने आयी और हम पार्टी में पहुचे. पहली बार मै ऑफिस की सालाना पार्टी में सिंगल स्टेटस के साथ आयी थी।

ऑफिस के मर्दो को इसमें मौका दिखाई दिया और मेरे साथ डांस करने कि इच्छा जताई. पर मेरा अब और कोई रिश्ता बनाने की कोई अरमान नहीं था।

जब से राहुल और मेरा ब्रेकअप हुआ था उसने मुझसे डांस करने की पेशकश नहीं की, क्युँ कि उसको पता था कि मै उस से अब दूर ही रहुंगी. पार्टी खत्म होने को आयी और रूबी मेरे पास आयी।

रूबी: “प्रतिमा, सॉरी यार. मै तुम्हे ड्राप नहीं कर पाउंगी. मै जिम्मी और रितेश को ले जा रही हूँ”

मैं: “पर तुम मुझे लेकर आयी थी!”

रूबी: “समझा कर यार, पार्टी का मूड हैं। पार्टी के बाद चुदवाया नहीं तो मजा अधुरा रह जाता हैं”

मैं: “यह तुम कह रही हो! तुम तो ऊँगली तक से नहीं चुदवाती, इतना कण्ट्रोल हैं अपने आप पर”

रूबी: “ऊँगली से इसलिए नहीं चुदवाती कि मुझे कोई ना कोई मर्द मिल ही जाता हैं चोदने के लिए. जिम्मी के साथ चुदवायें काफी समय हो गया हैं, आज मौका मिला हैं, मै जाने नहीं देना चाहती. आज तो दो दो मर्द मिल गए हैं। बहुत दिनों बाद थ्रीसम का मजा लुंगी”

मैं: “तुम्हारा पहले से यह कार्यक्रम था तो मुझे अपने साथ क्युँ लायी? मै खुद अपनी कार में आ जाती। अब मै फंस गयी”

रूबी: “मुझे तो उन दोनो ने बोला था कि अपनी बिवीयों के साथ आयेंगे तो मुझे लगा चांस नहीं मिलेगा, पर वो अकेले आये हैं तो सोचा लगे हाथों मजे ले ही लु”

मैं: “मुझे यकीन नहीं हो रहा हैं। तुम तो मेरी चूत को लंड का गुलाम बोलती थी। तुम भी यहीं निकली?”

रूबी: “तो क्या करती ! पति ने आदत इतनी डाल दी, कब तक ऊँगली से करती . आज़ाद लाईफ में सब मजे कर लेने चाहिये। पति की कोई पाबंदी नहीं, रोज नये नये मर्दो के साथ करवा के अपनी इच्छा पूरी करती हूँ”

मैं: “मै तो तुम्हे कितना मानती थी, और तुम क्या निकली”

रूबी: “एक काम करो, तुम वैसे ही अपने पति से अलग हो चुकी हो, तुम्हे भी जरुरत होगी चुदवाने की. एक काम करो, मेरे साथ चलो, हम फोरसम कर लेंगे”

मैं: “मुझे नहीं जाना ऐसी किसी लड़की के घर जिसकी चूत लंड की गुलाम हो”

रूबी: “तुम भी यहीं करती अगर मैंने तुम्हारी मदद ना की होती. मै तो बोलती हूँ तुम भी मजे ले लो. जिम्मी और रितेश पसंद नहीं तो किसी और को ले लो”

मैं: “तुम अभी जाओ, मुझे अभी तुमसे बात नहीं करनी”

रूबी अपने दोनो ऑफिस के साथीयों को लेकर चली गयी अपने थ्रीसम के लिए.

कुछ दिनों के अंतराल में मुझे दो झटके मिल चुके थे।जिन दो लड़कियो को मैंने सती सावित्री समझ अपना रास्ता ठीक कर लिया था वो दोनो ही ऐसी निकली.

मुझे और कोई लिफ्ट नहीं मिल रही थी क्युँ कि बचे हुए लोग सभी अपनी परिवार के साथ आये थे और उनकी बीवियां मुझ जैसी सिंगल और खुबसूरत औरत को देख इनसिक्योर महसूस कर रही थी कि उनके पति बहक जाएंगे।

मुझे परेशानी में देख राहुल मेरी मदद को आगे आया। उसका उस रात फार्म हाऊस में ही रुकने का प्लान था तो उसने अपने ड्राइवर को भी कार सहित छुट्टी पर भेज दिया था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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(29-01-2020, 02:39 PM)neerathemall Wrote: Zohra Ki Pyaas Papa Ne Bujhaee

main apne maa-baap ki akeli aulaad hoon. Hum gaon mein rehte theh. mere papa kheti baadi karte hain. jab main choti thee toh papa ne mujhe gaon ke college mein daal diya. vo college 12th tak tha. 12th ke baad maine papa se kaha ki main aage padnaa chahti hoon par hamare gaon mein koi college nahin tha isliye mujhe shahar aana pada.shahar aakar mera admission ek girls college main ho gaya aur main shahar mein hi ek girls hostel mein rehne lagi.
papa zyada pade-likhe nahin hain isliye unhone mujhe kaha tha ki padaee ke maamle mein main jaise theek samjhu karloon.

Shahar aa kar main toh hakki-bakki reh gayee. Shahar ki ladkiyon ke kapde dekh kar mujhe laga ki mujhe vaapas gaon chale jaana chahiye…kahin main shahar ke mahaul mein bigad na jaaoon. lekin phir socha ke mujhe toh padaee se matlab hain naki mahaul se. papa kabhi shahar nahin aaye theh. mera admission karane bhi main apni college ki madam ke saath aayee thee. agar papa shahar aate aur yahan ki ladkiyon ke kapde dekhte toh shayad mujhe yahan kabhi na padne dete.

Hamare gaon mein ladkiyaan sirf salwaar suit hi pehentee thee aur vo bhi kaafi loose. Shahar mein toh kisi ladki ko loose ka matlab hi naihn pata tha. Jise dekho tight jeans, tight t-shirt, sleeveless shirt, skirt, aur agar salwaar kamiz toh vo bhi bahut tight. Yahan tak ki hamare college ki teachers bhi blouse pehenti toh deep cut aur kuch teachers toh saree navel ke neeche baandhtee thee. Lekin main toh vahi loose salwaar kamiz pehenti thee. Shahar main jahan dekho deewaron par adult filmo ke poster lage hote theh jisme hero-heroine nange hokar pyaar kar rahe hote theh.
Hamare hostel ki lobby mein ek t.v. bhi thaa. Kyoonki hamare gaon mein t.v. nahin tha isliya mujhe t.v. chalana nahin aata tha lekin hostel mein ek ladki ne mujhe sikha diya. T.V. par ads, filme aur gaane dekh kar main heraan reh gayee. Mujhe laga kitni gandagee hai shahar mein.

In sab cheezon ne mere andar ek ajeeb see halchal machaa dee thee. Roz raat ko sote waqt main yeh sochti thee ki shahar mein itna nangapan kyun hai. ek din hostel ke t.v. par main akeli hi ek film dekh rahee thee. film mein ladka ladki ke hoton par kiss karta hai. maine socha kya hoton par bhi kiss hoti hai. phir ladka ladki ke mouth mein apni jeebh daal deta hai aur dono ek doosre ki jeebh chaat-teh hain. Yeh sab dekh kar mujhe kuch hone laga aur maine t.v. band kar diya. Lekin socha dekhtee hoon kya-kya hota hai so tv phir se on kar diya. ab ladka ladki kee shirt oopar karke uske pet par kiss kar raha hota, phir vo ladki ki shirt utaar kar uske breast dabane aur choosne lagta hai, phir ladki ki jeans nikalta hi, phir kachchi(panty) aur phir uske taangon ke beech mein chaat-ne lagta hai. phir vo apni pant utaar kar apna lund ladki ki choot main daal kar aage-peeche karne lagta hai. Yeh sab dekh kar meri haalat kharab ho gayee aur main tv band karke sone chali gayee. aisee film roz aati thee aur mian roz hee dekhtee thee.
Maine notice kiya kee yeh sab dekhne mein mujhe maza aata hai aur sochne lagi ki asli mein sex karne mein kitna maza aata hoga. Ab mujhe pata chala ki shahar ki ladkiyaan erotic kapde kyon pehentee hain…asal mein unhe sex mein maza aata hai aur vo usse bura nahin maanti.

Hamare college ki kuch chutiyan huin toh main gaon chalee aayee. papa mummy mujhe dekh kar bahut khush hue. kuch der tak meri padaee ke baare mein pooch kar papa khet mein chale gaye aur main mummy se baaten karti rahi. dupher hui toh mummy ne kaha :
mum : zohra, main tere papa ko khet mein roti dene jaa rahi hoon
main : laao mummy, main de aati hoon, bahut dino se apne khet bhi nahin dekhe, kheton ki bhi bahut yaad aati hai
mum : theek hai, tu hi de aa, pehle bhi toh too hi jaati thee
main papa ka roti ka tiffin lekar khet mein chaldi.
Papa khet mein sirf lungi pehente theh. Papa ko maine pehele bhi aise dekha tha lekin aaj pata nahin mujhe andar se kuch ho raha tha. Papa ki achi-khasi muscles thee aur chest chaudi. Papa chera masoom tha. Papa ne lungi apni navel ke neeche baandi hui thee aur unka poora badan paseene se bhara tha. papa zameen mein faavda(tool to dig groung) chala rahe theh.
Main : papa
Papa : arre zohra, tu
Main : papa roti laayi hoon
Papa : apni mummy ko hee aane deti, too safar karke aayee hai, thak gayee hogi
Main : nahin toh

Phir papa roti khane lage. Main papa ke badan ko dekh rahi thee. Pehli baar mujhe eshsaas hua ki mere papa kitne muscular hain, kitne chaudi chest hai aur chest pe baal kitne achche lagte hain aur navel bhi pyaari hai. Main sochne lagi yeh mujhe kya ho gaya hai, bhala koi beti apne papa ko iss angle se dekhti hai, par kya karoon, control nahin hota. Jab papa roti kha chuke toh main khet se wapas aate waqt yeh hi sochti rahi ki yeh mujhe kya ho gaya hai, mera dil kuch karma chahta, par kya karma chahta hai main yeh na samajh paayi.
Raat ko hum log zameen par hi chaadar bhichaa kar sote theh. Meri aankhon ke saamne baar baar papa ki body aa rahi thee. Main papa aur mummy ke beech soti thee, abhi main unke liye bachee thee.
Raat ko sote waqt mujhe laga koi mere stanno (breast) par haath pher raha hai. Phir dheere dheere vo haath mere stanno ko dabaane lage. Mujhe bhi maza aane laga. Phir vo haath mere taangon (legs) ke beech mein rub karne lage, mujhe laga ki yeh mere papa hi hain..main unki chati par haath pherne lagi aur unki lungi utaarne lagi..unhone meri salwaar nikaldi..phir meri kachhi (panty) …aur meri choot ko jaise hi unhone kiss kiya … meri aankh khul gayeee……dekha toh yeh mera sapna thaa..papa toh ek taraf so rahe theh…..
Lekin meri taangon ke beech mein sach mein aag lagi hui thee. Kya ek beti apne baap se sex ka sapna bhi dekh sakti hai ? Ek taraf toh mujhe guilty feel ho rahi thee toh doosri taraf mujhe mazaa bhi aa raha tha.
Kher, agle din dupher ko main phir papa ko khet pe khana dene gayee.
Papa : le aahyee khana
Main : haan papa, chalo kaam choro aur pehle khaa lo
Papa khaane lage
Main : papa, mere college mein sab ladkiyaan naye naye kapde pehen kar aati hain, aur main wohi puraane
Papa : toh beti naye kapde silwalo
Main : gaon se har baar silwati hoon, is baar shahar se silwaloon ?
Papa : kyon ?
Main : shahar mein kapdo ki quality gaon se achchee hai aur paison ka koi khaas farak nahin hai, meri college ki saheliyan vahin se silwati hain
Papa : theek hai, jaate waqt mujhse paise leti jaana aur silwalena lekin jab agli baar gaon aa toh naye kapde apni maa ko dikhana zaroor
Main : theek hai..

Agle din maine shahar wapas jaana thaa. Papa ne mujhe paise de diye theh.
Jab main chalne lagi toh us waqt papa khet mein theh.
Main : mummy, main jaane se pehle papa se khet par mil ke aati hoon
Mum : koi baat nahin beti, unhe pata toh hai hi ke toone jaana hai
Main : koi baat naihin, bus ek minute mein aati hoon
Main khet mein papa se milne chali aayee. Papa as usual sirf lungi mein theh
Main : papa
Papa : arre zohra
Main : papa main jaa rahi hoon
Main papa se lipat gayee aur emotional hokar boli
Main : papa mujhe aapki bahut yaad aati hai
Papa : beti yaad toh humein bhi bahut aati hai tumhari
Main papa ke nange badan se lipti hui thee…papa ki peeth par haath pher rahi thee..mere stann papa ki chest ke touch mein theh..
Papa : beti mere paseene se tere kapde kaharab ho jaayenge
Main papa se aur kus ke lipat gayee aur halke halke apne breast papa ki chest se ragadne lagi
Main : papa agar mujhe aapki bahut yaad aaye toh main kya kiya karoon ?
Iss ragadaayee mein mujhe bahut maza aa raha tha…papa kya samajhte…vo bahut bhole theh
Papa : jab bhi tumhe bahut yaad aaye toh kuch dinno ke liye gaon aa jaayaa karo
Ab main papa se alag hui lekin apne haath maine papa ki chest par pherne lagi
Main : jald hi hamari college ki kuch aur chutiyaan hongi toh main aa jaaongi…….achcha toh ab chalti hoon
Papa : achcha beti….khush raho
Khush toh main apni tamanaa poori karne par hi hoongi…maine dil mein socha
Shahar aakar bhi main papa ke jism ko naa bhulaa payee. Itni baar toh papa se sapne mein sex karte hue meri choot geele ho jaati thee
Maine faislaa kar liya ki meri pyaas ko mere papa hi bujhaaenge
Maine agle din lady tailor se suit silwaaye..maine kameez ko tight silwaya aur salwaar ko bhi…maine kameez ko kafi deep-cut silwaaya aur saamne kuch button rakhwaye….
phir mainE ek shop par jaakar ek skirt , tight aur chota top aur ek maxi (fully covered nighty) lee.
Mujhe yeh pata thaa ki kuch dinno baad mummy apne maaike chali jaaengi aur do weeks se pehle nahin aayengi.
Maine college se do hafton ki leave lee aur aur chaldi gaon………
Aaj maine apna purana gaon wala kameez-salwaar pehena tha in case mummy na gayee ho toh….Shaam ko gaon pahunchi toh ghar mein koi nahin tha. main khet ki taraf chaldi. Ab khet ki fasal meri height se oonchi ho gayee thee isliye koi khet mein asaani se dikhta nahin tha…Maine socha yeh bhi toh achcha hi hai
Itni oonchi fasal mein maine papa ko dhoond hi liya
Main : papa…main aa gayee
Main papa se jaakar lipat gayee….aur haan..papa sirf lungi mein theh.
Papa : arre beti, tu kab aayee
Main : abhi abhi, pehle ghar gayee thee toh wahan koi naa tha
Main apne breast papa ki chest se ragadne lagi….maza aa raha tha
Papa : teri mummy apne maaike gayee hai….
Main : kab gayee mummy
Papa : aaj subeh hi toh…usse pata hota ki tone aana hai toh ruk jaati
Isiliye toh main shaam ko aayee hoon….tum kya jaano. Main papa ko aur kus ke lipat gayee
Papa : zohra tum toh kuch zyada hi udaas rehne lagi ho
Maine socha sab kuch abhi karne se kaam bigad sakta hai….aakhir ek baap apni beti ko itni asaani se nahi chodega…mujhe apne papa ke dande ko apni choot ki taraf dheere dheere aakarshit karma hoga. Main alag hui
Main : haan papa, ghar ki yaad kuch zyaada hi aane lagi hai…kher, main ghar chalti hoon aap jaldi aa jaana
Papa : theek hai..
Ghar aa kar main plan sochne lagi. Mujhe pata tha ki agar main ek dum se open ho gayee toh baat bugad saktee hai….main chahati thee ke papa khud hi bebus ho jaaye aur unhe lage ki iss kaam ke wo khud bhi responsible hain.
Maine socha saara kaam kal se shuru kiya jaaye. Raat ko haum baap-beti ek saath toh soye lekin maine kuch nahin kiya…aur papa ne kya karma tha, unke liye toh main beti ke alaava aur kuch na thee. Main raat ko bhi wahi purane salwaar-kameez mein soyee.
Agle din subeh maine papa ke liye nashta banaya
Main : papa main dupher ko khet par roti le aaoongi
Papa : achcha..
papa ke jaane ke baad main nahaayi aur apna shahar mein silwaya hua tight , deep-cut suit pehna.
Dupher hui toh papa ka khana khet par lekar chaldi…main toh excitement se maree jaa rahi thee. Mere deep-cut kameez mein se mere ubhaar (breast) kafi exposed theh…button kholne ki der thee ki ubhaar saaf dikhte…bra to aaj maine pehnee hi nahin thee.
main : papa
papa :zohra, le aayee roti
Mera suit floroscent green color ka thaa…
jab papa ne mujhe dekha toh vo thode haeraan se hue…aakhir apni beti ke ubhaaron ki jhalak pehlee baar mili thee
main : chalo pehle kha lo
papa : toone kha liya ?
main : mujhe abhi bhook nahin hai
papa roti khane lage
main : papa, aapne mera suit nahin dekha
papa : haan, rang achcha hai…par kya yeh thoda tight aur chota nahin hai..
main : chota…kahan se ?
papa : saamne se..
main : saamne se ? kahan saamne se ?
papa : saamne se…mera matlab hai…chaati se..
main : ohh..chaati se, nahin toh, yeh toh shahar mein aam hai
papa : kya tumhe college mein aise suit pehene dete hai
main : sab aise pehente hain……balki yeh toh kuch bhi nahin..
papa : koi mujhe bata raha tha ki shahar ka mahaul aisa hi hai
main : haan vo toh hai…lekin mujhe toh apne par control hai
papa : achchi baat hai beti….tujhe apne aap ko aise mahaul se bachaa ke rakhna chaiye
papa ne roti khaa lee toh main ghar jaane ke liye chali, do teen kdam par hee maine per (foot) mudne (sprain) ka bhana kiya aur gir gayee
main : ooohh……papa..
papa bhagte hue aaye
papa : kya hua beti ?
main : papa..per mud (sprain) gaya..bahut dard ho rahi hai
papa ne mera sandal nikala aur dekhne lage
papa : kahan se muda hai…kahan dard ho rahi hai ?
main : oohh..papa….bahut dard ho rahi hai
papa : chal ghar chal….koi davaa laga le…chal beti khadee ho
main jaise hi khadi ho kar thoda chalne ki koshish ki toh phirse gir gayee
papa : arre, kya hua beti…chala nahin jaa raha
main : nahin papa…chalne mein toh aur bhi dukhtaa hai
papa : beti, thodi koshish kar, ghar jaa kar davaa laga kar hi dard khatam hoga, ghar toh jaan hi hai, hena….
Main phirse uthi , thoda chali par phir gir padi
Main : nahin papa, mujhse bilkul nahin chala jaa raha
Papa : phir toh tujhe uthaa ke hi le jaana padega
Yehi toh main chahti thee…papa mujhe uthaaein…unka ek haath meri taangon ke neeche aur doosra haath meri peeth ke neeche…aur main unke nange jism se chipki hui…
Jab papa mujhe uthaa rahe theh toh maine jaldi se apne suit ke saamne ke button khol diye…aur mere aadhe se zyaada ubhaar bahar aa gaye..
Ab main papa ki goad mein thee aur meri chaati khula darbaar bani hui thee
Main : papa bahut dard ho rahi hai
Papa ne meri taraf dekha toh unki eyes pehle wahin gayee toh main chahti thee……
mere ubhaaron ko dekhte hue bole
Papa : bus beti ghar chal ke sab theek ho jaayega
Maine jhoot-moot mein aankhein band karleen aur dekha ki papa ruk-ruk kar meri golaaiyaan (breast) dekh rahe hain……..kisi baap ke saamne uski beti ki aadhi chaati nangi ho toh vo bechara khul ke dekh bhi nahin sakta……
Papa ne mujhe uthaa rakha tha, isliye meri hips papa ki penis ki height par thee….suddenly mujhe hips par kuch hard feel hua….main samajh gayee yeh kya….mere papa ka lora…….aaj baap beti kitne paas hokar bhi kitne door theh….dande aur ched mein mushkil se chaar inch ka faasla tha
Ghar pahunchte hi papa ne mujhe litaa diya……meri aankhen band thee….par chati toh khulee thee
Papa : beti ghar aa gaya hai
Main : papa, kuch karo na..dard ho raha hai
Papa : almaari mein davaa rakhi hai…main lata hoon
Papa disprin ki goli laaye aur saath mein paani. Paani peete waqt maine jaan-moojh kar paani apne breast par girne diya….ab mere aadhe nange ubhaaron par paani tha. Maine goli le lee aur phirse aankhein band karke let gayee….papa baar baar mere ubhaaron ko dekh rahe theh….jawaan beti ke geele ubhaar….baap kare toh kya kare.
maine socha itna kafi hai abhi ke liye
Main : papa, aapko jaana hai toh jaao, khet mein kaam poora kar aao, ab dard mein pehle se farak hai
Papa : theek hai….main jald hi kaam karke aata hoon
Maine socha kaam karke aata hoon yaa kaam karne aata hoo…….
Raat ko papa aaye toh main thoda chalne lagee thee
Papa : beti farak pada ?
Main : haan papa, thoda thoda
Phir humne roti khaayee…………
Ab mera jalwa dikhaane ka time aa gaya tha…maine shahar se lee hui maxi (fully covered nighty) pehenee…..is maxi ka advantage yeh tha ki yeh bina kuch expose kiye bhi sab kuch expose kar sakti thee….maine lipstick aur rooz bhi lagaa liya……..maxi pehen ke main papa ke saamne aayee toh papa mujhe dekh kar thode haeraan aur thode khush bhhi. Haeraan isliye ki unhone pehlee baar aisee dress dekhee thee aur khush isliye ki unki beti sunder lag rahi thee
Main : papa, maine yeh shahar se yeh kapde bhi liye hain..kaise hain ?
Papa : achche hain, par isme neend aa jaayegi ?
Main : aur kya, shahar mein toh ladkiyaan aur aurtein raat ko yehi pehan kar soti hain
Papa : achcha
Zameen pe bistar lag chukka thaa…..Main papa ke paas jaa kar baith gayee
Main : papa, jo davaa aapne shaam ko dee thee vo bahut puraani ho chuki hai aura uska asar nahin hoga
Papa : achcha..mujhe toh pata hi nahin tha…
Main : dheere dheere dard bad raha hai
Hamare gaon mein dard ke liye sarson ka garam tel lagate theh……mujhe pata tha ki papa mujhe tel lagane ke liye zaroor kahenge…nahin kahenge toh main khud kehdoongi……tel se hi toh saara raasta khulega
Papa : phir ek kaam kar, sarson ka garam tel laga le
Oh yes…
Papa : tu mat uth, main tel garam karke lata hoon
Papa tel le aaye
Papa : le beti, lagaa le
Main : laao
Maine maxi thodi see oopar ki aur haathon se thoda thoda tel lagaane lagee
Main : oooooo…..aaaaaaa…
Papa : kya hua ?
Main : tel lagaane pe aur dard hota hai……main nahin lagati
Papa : dard hona matlab iska asar ho raha hai….lagale beti…tabhi theek hoga
Maine thoda sa tel aur lagaya
Main : ooooo…..mujhse nahin lagega
Papa : iss waqt teri mummy ko yahan hona chiye tha….la main lagata hoon
Maine thodi see maxi oopar karlee…….papa mujhe per pe tel lagane lage
Main : oooohhh…..aaa…mar gayee….
Papa : tel se toh achche se achcha dard theek ho jaat hai…
Main : oooohhh…papa…dard poori taang mein aa raha hai
Main let gayee aur maxi aur oopar kar lee……maine apni doosri taang thodi oopar kar lee so that papa ko maxi ke andar ka scene dikh sake…….papa thoda sharma rahe theh aur thoda ghabra rahe theh
main : papa, thoda tel taang pe bhi laagaao……
maine apni taange khol dee aur dono ghutne (knees) oopar kee tarah kar diye jisse ki papa ko meri taangon ke beech mein se meri safed (white) kachchi (panty) dikhne lage…….
Ab papa ki nazar meri taangon ke beech mein se meri kachchi par thee
Main : ooo..papa…dard toh oopar badta jaa raha
Papa : beti himmat se kaam le….tel khatam ho gaya hai…main aur garam karke lata hoon
Tel toh thanda ho jaayega….par baap beti toh garam ho rahe theh
Papa : main aur tel le aaya…..bhavna yeh kaam teri mummy ko karna chahiye…..
Main : theek hai toh aap chordo…..dard thodi der se hi sahi par apne aap hi theek ho jaayega
Papa : nahin, kabhi kabhi baap ko hi maa ka dharm nibhana padta hai….chal bata kahan lagana hai
Main : papa, dard doosri taang mein bhi ho raha hai….aap dono taangon par lagaa do
Papa meri dono taangon ke beech mein baith gaye aur tel lagaane lage
Main : papa ghutno par bhi lagaa do
Papa : beti tel lagne se tere yeh naye kapde toh kharab nahin honge
Main : ho sakta hai…..main thoda oopar kar leti hoon
Maine maxi thighs tak oopar kar lee…………ab meri knees oopar..taangein khuleen….maxi thighs tak…aur papa meri taangon ke beech mein….meri choot unke face ke seedh mein…
Main : papa, aap tel bahut achcha lagate ho……kuch kuch aaram mil raha hai
Papa : teri mummy ki bhi dard hoti hai toh main hi lagata hoon…..isliye mujhe tajurba ho gaya hai
Main : achcha…papa ab main pet ke bal (with stomach towards floor) let jaati hoon aur aap taangon ke pichle bhaag par bhi achchi tarah tel lagaa do
Main pet ke bal let gayee….maine maxi thoda aur kar liya….ab maxi meri hips taka a gayee thee….mera maksad apne baap ko apni fleshy hips dhikhaane ka tha……meri taangein toh ek tarah se poori exposed thee…
Maine thoda sa mud kar dekha toh papa meri hips ko dekh rahe theh……..halaki meri hips abhi exposed nahin thee….
Main : ek baat bolu……is waqt aap meri mummy ho na
Papa : haan
Main : pehle mummy mrei sarson ke tel se maalish kiya karti thee, isliye meri hadiyaan mazboot thee, ab nahin karti toh hadiyaan naazuk ho gayee hain
Papa : ho sakta hai……….maalish toh karni hi chaiye
Main : toh agar aapko koi dikkat nahin hai toh aap meri maalish hi kardo……..agar aapko koi dikkat nahin hai toh, varna main ab chaar maheene baad aaongi toh mummy se kara loongi
Papa : ab tu chaar maheene baad aayegi………….is waqt main teri mummy hoon…kar toh deta hoon….lekin tu kisi ko batana mat……apni mummy ko bhi nahin
Main : kabhi nahin bataoongi…
Papa : phir main tel aur le aata hoon
Ab baat ban rahi thee…..garmi sahi nahin jaa rahi thee……lekin mujhe ab bhi lag raha tha ki papa ki niyat ab bhi saaf hai…..mujhe lag raha tha ki unke liye maalish ka matlab sirf maalish hi hai aur kuch nahin…kher ab main phirse seedhee let gayee (peeth ke bal)….amine maxi aur oopar karlee…..kachchi tak….
Papa tel lekar aa gaye
Papa : chal beti…..lagta hai aaj saara tel maalish mein lag jaayega
Main seedhe leti hui thee……maxi kachchi tak chadi hui.
Main : papa , maalish thoda kas ke karma……jaise mummy karti hain
papa meri taangon ki maalish kar rahe theh
main : papa maine shahar mein tv dekha
papa : achcha…kaunsi filme dekhee
main : usmein kya kya dikhatein hain main bata nahin sakti
papa : aisa kya dikhate hain
main : taangein baad mein kar lena…pehle oopar ka bhaag kar lo
papa : theek hai
main : main kapde oopar karoon toh aapko koi dikkat toh nahin hai……aap ek kaa karo…aap aankhein band karlo main apne kapde oopar chadati hoon
papa : haan, yeh theek hai….is tarah baap beti mein parda bhi rahega
my foot !
maine apni maxi apne galle (neck) tak chadalee….ab main apne papa ke saamne ek tarah se sirf bra aur kachchi main thee
main : ab aap tel ki katori ko mere side mei rakh do aur oopar aake mere pet maalish karo…jaise mummy karti hain
papa ne tel ki katori ek side mein rakhi….aur doggie style mein mere oopar aa gaye…ek haath zameen par rakha support ke liye aur doosre haath se mere pet par tel lagane lage…..ab vo mere saamne nahin balki oopar theh isliye hum almost face to face theh….
Main : haan papa..toh main keh rahi thee ki jo cheezein tv par dikhaaten hain vo aapne pehle kabhi nahin dekhi hongi
Papa : aisa kya hai ?
Main : lekin main nahin maanti ki vo sachaayee hai
Papa : kya nahin maanti ?
Main : vo dikhaten hain ki……….nahin main vo bol nahin sakti
Papa : bata na..aisa kya hai ?
Main : nahin…kaise bolu…..nahin bol sakti…
Papa : aisa kya hai jo tu bol nahin sakti ?
Main : main toh kabhi soch bhi nahin sakti ki asia bhi hota hoga ?
Papa : kya hota hoga ?
Main : karke dekhoon…..par aap bura toh na manoge ?
Papa : nahin manugaa.
Main : toh phir apna chehra idhar laao
Maine papa ka face apni taraf kiya aur unke hoton par kiss kar diya….papa ne aankhein khol lee….
Main : papa aapne kaha tha ki aap bura nahin manoge
Papa : mujhe yaad hai
Main :maalish kyon rok di….vo toh karte raho
Papa : kya tv par yeh dikhaatein hain
Main : haan papa….aap hi bataao , kya ladka ladki ek doosre se hnot (lips) milaate hain ?
Papa : maine toh nahin suna
Main : tv mein toh ladka ladki aise hnot milate hain jaise hnot se hnot ki maalish kar rahe ho………………papa yeh aap maalish kar raho ho yaa sirf haath pher rahe ho……achchi tarah karo….aap toh mere kapdo par bhi tel lagaa rahe ho……ek kaam karo……………..aankhein khol lo..
Papa : aankhein toh khol leta hoon lekin tum kisi ko batana mut
Main : kaha na…kabhi nahin bataoongi
Ab papa ne aankhein khol lee aur unki jawan beti almost fully nagni unke saamne unse maalish karati hui…….apni beti ka badan dekhte hi vo thoda sharma gaye…
Main : thode lambe lambe haath chalaao……………tv par toh ladka ladki ki hnoto se itni achchi maalish kar raha tha aur aap toh haathon se bhi achchi nahin kar rahe…
Papa : nahin aisee baat nahin hai…..ab main kas ke karta hoon
Papa ne lungi aur baniyaan pehni hui thee
Main : papa dekho na, aapki baniyaan par tel lag raha hai, yeh kharab na ho jaaye…..isse nikaal do
Papa : theek hai..
Aur papa ne baniyaaan utaar di….ab meri maxi mere bra se oopar thee, papa sirf lungi mein theh aur mere oopar chad kar mere pet ki maalish kar rahe theh
Main : papa…hnot se hnot milaanaa toh maine pehlee baar dekhaa hi…lekin isse badi cheez bhi dekhi….jo main nahin maanti ki aslee mein hota hoga
Papa : achcha…kya dekha
Main : bata nahin sakti….apna chehra idhar laao
Papa ka face apne haathon mein leke main phirse papa ke hnoto pe kiss karne lagi….kuch der tak hamare hnot aise hi ek doosre se chipke rahe…phir papa ne kaha
Papa : par yeh toh tu bataa chukee hai
Main : haan yeh toh bataa chukee hoon….ab jo karna hai vo karne mein thoda sa ajeeb lag raha hai…….chalo kartee hoon…laao apne hnot
Humne phirse kiss shuru kee. Ab maine apnee jeebh (tongue) papa ke hnoto par chalaaee aur papa ke mooh (mouth) ke andar daalni chaahi……papa ne halke se apna mooh khol diya…toh maine apnee jeebh papa ke mooh mein daal dee….
Main papa kee jeebh ko chaatne lagi……ab papa bhi apnee jeebh meri jeebh par ghumaane lage…unhone apnee jeebh mere daanton (teeth) par maaree…kuch der ek doosre kee jeebh choosne ke baad papa ne apna face oopar kiya….
Main : papa, achcha laga
Papa : maine toh yeh sab pehlee baar suna…..mera matlab pehlee baar kiyaa hai
Main : toh main kaunsaa roz karti hoon…maine bhi pehlee baar kiya, papa ek baat kahoon….aapkee jeebh hai badee swaad
Papa : achcha…..
Main : meri jeebh ka swaad aapko kaisa laga?
Papa : hmmm….
Main : yaad nahin toh phir chakh (taste) kar dekh lo
Maine papa ka face pakar kar apnee taraf liya aur apnee jeebh bahar nikal dee…papa meri jeebh ko chaat-ne lage…………is dauraan maine tel kee katoree se thoda tel liya aut papa kee peeth pat lagaane lagi.
kuch der tak chaatne ke baad papa alag hue..
Main : papa, ab toh bataao kaisa hai meri jeebh ka swaad
Papa : achchaa hai………par tu yeh sab kisi se bataana mat
Main : bilkul nahin…papa main apnee maxi nikaal hi deti hoon
Maine apnee maxi utaar dee….ab main sirf bra-panty mein thee aur papa sirf lungi mein…
Main : papa..ab aap meri peeth (back) kee kaamish karo
Yeh keh kar main pet (stomach) ke bal let gayee. Papa ke saamne meri nangi peeth aur meri hips thee. Papa meri peeth kee maalish karne lage
Main : mere koolhon (hips) par lagaao tel….dabaa dabaa kar karo maalish…
Papa mere hips par tel lagaane lage…meri hips umar ke hisaab se badi hain
Main : papa, aap mummy ke koolhon (hips) par bhi maalish karte ho
Papa : haan…lekin ab toh uski maalish kiye paanch cheh saal ho gaye
Papa meri hips kee maalish bahut dabaa dabaa ke kar rahe theh………mujhe yaheen tha kee ab tak papa ka lauda pooree tarah kadak ho chukaa tha….
Main : papa, chalo ab aap thoda aaraam karlo…kaafee der se maalish kar rahe ho…kuch der main aapki maalish kar deti hoon
Ab papa let gaye aur main unke oopar aa gayee…maine haath mein tel liyaa aur unki chaati par lagaane lagee….papa kee nazrein mere badan pe thee…….unki jawaan beti bra panty mein unki maalish kar rahi thee
Main : papa aap anpnee lungi nikaal do toh main aapki taangon kee bhi maalish kar doon
Main jaanti thee kee papa ka lauda khadaa hoga
Papa : nahin beti…..mujhe toh maalish kee zaroorat hee nahin…tu oopar se hi kar le
Main : kyun papa…aaj aapne kachchaa (underwear) nahin pehna
Papa : pehna hai..lekin mujhe maalish kee zaroorat nahin..
Main papa ke oopar doggi style mein thee…unki chaati par tel lagaa rahi thee..
MAIN JHAAN MOOJH KAR SLIP KAR GAYEE AUR PAPA KE OOPAR AA PADI…..HUM DONO KE NANGE JISM CONTACT MEIN AA GAYE…AB MAIN PAPA KE OOPAR LETI HUI THEE…MERE BREAST PAPA KEE CHAATI SE SATE HUE THEH
Main : oh….
Papa : kya hua
Main : papa vo haath chikne hain na isliye fisal gaye aur main aapke oopar aa padi….main thoda thak gayee hoon…thodi der aise hi raho
Papa : meri chaati par tel lagaa hai…tera kapda (bra) kharaab ho jaayegaa
Main : ab toh ho hee gayaa…jaane do…..lekin aapke haath khaalee hain..aap meri peeth ke maalish kar sakte ho
Ab papa lete hue theh, main papa ke oopar, apne breast papa kee chaati par dabaaey, aur papa ke haath meri peeth par tel mal rahe theh…dono mein garmee badtee jaa rahee thee…hum dono ke nange pet ek doosre se sate hue theh
Main : oohhh…papa….meri maalish karo…achchi tarah….
Papa : zohra kya hum theek kar rahe hain..?….ek baap beti aise karte hain..
Main : (dheere awaaz mein) kaise…
Papa : jaise tu aur main kapdon ke bina ek doosre se chipke hue hain..
Main : kapde pehene toh hain…maine bra aur kachchi aur aapne lungi…..bachpan mein toh aapne mujhe bilkul nanga dekha hoga..
Main apne boobs papa kee chaati pe ragadne lagee…
Papa : bachpan kee baat aur thee…ab tu jawaan hai
Main : papa…kya aapko mera jism achcha laga.?…
Papa : par main tera baap hoon..
Main : hum jo bhi karenge main kisi se na kahoongi…..hum thoda sa hi karenge…ab bataao aapko mera jism achchaa laga ?…
Papa : haan….sach kahoon toh tere koolhe (hips) bahut akarshak hain…
Yeh keh kar papa mere hips ko press karne lage
Main : oooo…papa…badan se badan kee maalish ka maza hi kuch aur hai…mere koolhon ko dabaao…..
Papa : ooohh…zohra…tere koolhe toh teri maa se bhi zyaada achche hain….
Main : papa….aap mere oopar aa jaao
Papa mere oopar aa gaye aur meri gardan (neck) to choomne lage
Main : ooooo….papa…..i lov you so much….main aapse kitna pyaar karti hoon yeh aap nahin jaante…….choomo…apni beti ko choomo
Papa : zohra….tere badan ne mujhe paagal kar diya hai…
Main : aapki maalish ne mujhe bhi paagal kar diya hai…….
Papa ka ek haath mere boob par gayaa aur usse halkaa halkaa dabaane lage….veh meri gardan aur mera chehra choomte jaa rahe theh…..
Main : paappaaa….ooo….aapke chumban mujhe paagal kar denge……yeh aapka ek haath meri chaati par kyoon hai….kya karoge uskaa
Papa : jee chahtaa hai teri chaati ko masal doon..
Main : oyeemaa….jo karma hai kar lo…..meri chaatiyaan mere papa ke kaam nahin toh kiske kaam aayengee…..yeh bra baap beti ke beech mein aa raha hai…..nikaal do is-e….kar do mere santaron (oranges) ko aazaad..
Papa ne mera bra nikaal diya……vo meri chaati ko dekhte hi paagal se ho gaye….dono haathon se dono boobs ko dabaane lage…
Papa : bhavna….teri chaatiyaan santare nahin..naarial (coconut) hain….kitne bade aur bhare bhare
Main : oohh….dabaate raho…kitna maza aa raha hai….maine apne naarialon main aapke liye bahut saara paani bhara hua hai…….piyo na apni beti ka naarial paani….
Yeh kehne kee der thee ke papa ne mere stun (boob) apne mooh (mouth) mein le liye aur choooosne lage..
Main : uummm….aaahh….oooo…chhoooooooooooooooooos..oo……mer e achche papa….dooth piyo mera…..
Papa aur zor se mere stun choooosne lage..beech beech mein mere nipples ko apne daaton (teeth) se kaat rahe theh………….jab bhi veh mere nips (nipples) ko kaat – teh , meri jaan nikal jaati..lekin maza aa raha tha..
Main : ooomaaa….saara dooth pee jaao mera….khaali kar do mere dooth ke katore….main aapki maa hoon, aur aap mere..bete ho…mere bete meri chaati se dudoo pee meri jaan…
Maine apnaa ek haath papa ki lungi mein daalaa aur lungi khol dee…….papa ne andar kachcha pehna tha…..papa mera dooth peeeeeeeeennnne mein magan theh..mere nips ko ruk ruk ke jeebh se chaat – teh….aur daaton se kaat – teh….
Maine papa ki lungi mein haath daalaa…aur unke hips ko masalne lagee…such kahoon toh mujhe papa ke hips bahut aakarshak lagte theh…main imagine kiya karti thee ke unke hips kitne bade aur kitne hard hongeh……
Maine papa ki saari lungi nikaal dee…ab papa sirf kachche mein aur unki beti sirf panty mein….mere dono haath papa ki hips par theh..
Main : ooo papa…aapkaa jism kitna kathor (strong) hai….
Papa : beti tere ang jitney mulayam hain mere ang utne hi kathor hain…tera doodh bada meetha hai…tu khud bhi cheenee hai…..
Baap beti ke nange jismon ka milan aur garam hota jaa raha tha…..papa ab mera doodh khatam kar ke mere pet ko choom rahe theh………………….vo meri naabhi (navel) mein apnee jeebh chalaa rahe theh………meri choot toh poori geelee ho chukee thee………….ab papa meri kaali panty ko choom rahe theh….
Main : ooohh….ppp..aappaa……..mmm….yy..yeh..aapnnne…kya kar diyaaa…hai……..mujhse ab aur sahen nahin hotaa…………aur mut tadpaao..oo……bujjjhaaa….bhujhaa do meri pyaas……..bhujhaa do apnee pppppyaari beti ki pyaaas…..
Papa : ab mujhse bhi aur sahen nahin ho raha…….
Yeh keh ke papa ne pehle meri panty nikaal dee…phir apna kachcha…..oh no…papa ka lauda dekh kar main ghabra gayee….itna mota……….
Papa : chal meri beti…..
Main : ohhhh…papa….kitna mota danda hai aapka…..mujhe bahut dard hogee
Papa : thodi dard toh hogee……lekin kuch der baad achcha lagegaa……..chal jaldi kar….dalvaa..
Maine aankhein band (close) karlee…..papa ne ek jhatke mein meri choot mein lauda daal diyaa……main dard se karaha uthee…
Main : oohhh…papa..main mar jaaoongi…..nikaal lo ise..
Papa : bus thodi der kee hi baat hai…….sabar ka phal bahut meethaa hoga….
Ab papa laude ko meri choot ke andar bahar karne lage…..aaage..peeche..aage..peeche….andar…bahar..a ndar..bahar………mujhe maza aane lagaa..
Main : aaahhh…..mere papa…..
Papa : ohh..zohra….meri jaan………mere laude ki bhookhee…..
Main : meri jaan….le le meri…..mere harami baap……..aaaa….ooo…..apnee beti kee le raha hai……itna mota danda hai tera….karta reh andar bahar…..aage..peeche..ffff…
Papa : aa..mmm……betii…..teri choot kitneeeeee..mazzedaar hai….jitna mulaayam tera badan hai..utni hi tight teri choot hai….
Main : aayee……..mmmmmmm…..tukkk..tukkkkkk…….letaa reh meri…aaahh…….meri jaaann…mere badan kee maalish toh bahut karlee…ab mere andar kee maalish bhi kar….oo..papa…kab se aapke laude ke liye mar rahi hoon……
Papa ne dhakke aur tez kar diye…
Main : aaaa…yehhhhhhhhh……..aur …..aur tez…….aur tez daalo papa…..aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa……….mera nikalne wala hai
Papa : ushhhhhhh…….eeeshhhh………aaaaa……..
Main :aa…………hhhhhhhhhhhh………mmmmmmmmmaaaaaaa……………aaaaaaa ahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh
Main poori mastee main…mera nikal gayaa….mujhe itna mazaa aaj tak nahin aayaa tha…..choot-rus nikalte samah mai toh janat mein pahuch gayee thee……………jab mera orgasm khatm hua toh papa ne meri choot se apna lauda nikal liya…aur meri choot ke oopar jhad diya….unkaa garam garam semen ka meri choot aur pet par girnaa bahut achcha lagaa……
Hum dono thak gaye theh…..isliye jhadte hi kuch der baad so gaye…..
Subah meri aankh khulee toh papa jag chuke theh…unke bathroom mein nahane ki awaaz aa rahi thee….main poori nangi thee par papa mere oopar chaadar daal gaye theh……
maine jaldi se uth kar kapde pehne aur papa ke liye naashta banaane lagee….maine skirt aur tight top pehna tha…ghee khatam ho raha toh main shelf pe chad gayee drawer mein se naya packet nikaalne ke liye…….main shelf pe chad ke ghee ka packet dhoond rahi thee tabhee papa rasoi (kitchen) mein aa gaye….
Papa : kya hua…kya dhoond rahi hai…
Main : papa vo ghee ka packet nahin mil raha tha
Main shelf par khadi thee…papa zameen par……hamari shelf itni oonchee nahin thee isliye..papa ka face meri hips ki height tak tha…………………meri skirt kafi choti thee jisse meri taange nangi thee…………….papa dheere se mere paas aaye aur meri taangon par haath pherne lage….main toh ghee nikaalne mein busy thee….. papa ne apnaa haath meri skirt ke andar daal liya..aur meri hips ko press karne lage…..maine kuch nahin kaha…..kyun kehtee….. papa skirt ke oopar se hi meri hips pe kiss karne lage……unhone meri skirt hips se oopar kar dee…maine kachchi nahin pehnee thee……..meri hips pe kiss karne lage..
Main : oohh..papa….
Papa : zohra….kal raat tere koolhon ka sevan (taste) nahin kiya……..
Papa mere hips/butts ko jeebh se chaat-ne lage………………………….papa shelf par meri taangon ke beech mein baith gaye aur meri choot par jeebh maarne lage…..mere jism mein se ek current sa dauda..
Main : uuushhshhhhhhh…..oohh..papa yeh kya kar rahe ho….
Papa : chup kar…..mujhe naashta karne de….
Main : meri choot ka naashtaaaa…..uuuummm…ooo……..chaato………….ek beti naashte mein apne baap ko apnee choot se zyaada aur kya de sakti hai……….aaaaaaaaaaa…pet bhar ke khaao apnee beti ki choot……ooyeee…………..haayy…..mere ppitaaaji………khalo apnee beti ki jawaan choot………..uuuuuffffffffffff………………..ispe aapkaa hi toh naam likha hai……meri choot mein apnee jeebh toh ghusssaao…….oooooooo…
Papa meri choot mein apne jeebh ghusaa ghusaa ke chaat-ne lage….
Papa : chal ab zameen par aa jaa..
Main shelf se utar ke zameen pe aa gayee……..papa zameen par baith gaye…maine khade hokar taangen khol lee…papa ne baith kar meri taangon ke beech apna mnooh (face) de kar kaha..
Papa : chal ab apne koolhe meri taraf kar..
Maine apnee hips papa ke face ki taraf kar dee
Papa : meri jaan ab tere koolhon ko chaknaa hai……ghutnon ke bal ho jaa
Main doggie style mein aa gayee jis-se ki meri hips asaani se khul jaayen……………………….papa ne meri dono hips ko pakad kar alag kara……aur mere hips ke beech ke bhaag mein jeebh maarne lage………………meri hips ke beech mein baal hain…..veh un baalon ko bhi chaat-ne lage…………dheere dheere veh mere peeche ka ched (asshole) chaat-ne lage……………….
Main : ooooohhhhh…..papa…..i ..love..you……….aaahh…kitna achcha lag raha hai……..iss ched ke baare mein toh maine khud bhi kabhi nahin socha……oooo……..apnee jeebh daalo ismein…..apnee beti ke har ko ched ko bhog lo…………
Main : janeman aap zara let jaao………….main aapke moonh ke oopar baith-tee hoon
Papa let gaye aur main papa ke mnooh ke oopar potty karne kee position mein baith gayee…………maine tv par 69 position dekhi thee………papa mera asshole chaat rahe theh…usmein jeebh de rahe theh….maine papa ki lungi utaar dee……unhone kachcha nahin pehnaa tha…….shayad soch kar aaye theh ki apnee jawaan beti ko phirse chodna hai……….lungi utaar kar maine papa ka kathor mota lauda haath mein ke liya………………phir thoda jhuk kar maine lauda apne mnooh mein le liya aur choosne lagi………………
Papa : aaaaaahhhhhh…………zohra………yeh tone kahan se seekhaa……………yeh toh teri maa neb hi aaj tak nahin kiya
Main : papa seekha kahin nahin….socha jab aap naashta kar rahe ho toh main bhi naashta kar loo…………….jab main aapka danda choostee hoon toh aapko kaisa lagtaa hai ?..
Papa : bahut achchaa lagtaa hai………choostee reh..
Main phirse papa ka lauda choosne lagi aur papa mera peeche ka ched…………………kuch der baad
Papa : chal beti………..chaatnaa aur choosna bahut ho gayaa……ab ghusaane wala kaam kiya jaaye……….chal apne dono haathon aur ghutno par ho jaa……….ghodi (horse) ban……………
Main : kyun saale…….ghusaane ke liye ghodi banne ki kya zaroorat hai
Papa : tere peeche ke ched mein ghusaana hai….
Main : saale kahan kahan ghusaaeygaa……….
Main ghodi ban gayee…………………papa ne apna lauda mere tatty ke ched pe rakha aur dheere dheere andar karne lage………mujhe dard ho raha tha par main ab kuch bhi rokna nahin chahtee thee……isliye socha dard seh liya jaaye……papa ne poora lauda meri gand me daal diya………main dard se karraha uthee..
Main : ohhh……harami baap…..kya kar diya yeh………meri jaan nikal dee…ooooo….uuyeee..
Papa : meri jaan thoda seh le…phir bahut maza aayega kal raat jaise…….
Phir papa andar bahar andar bahar karne lage………….mera dard bhi kum ho gayaa
Main : ooooooooooooohh……..papa……maro meri……..lelo apnee beti kee………..chod do mujhe………aage se bhi…peeche se bhi….oopar se aur neeche se bhi……….aaaayee…..raat choot lee thee…ab gand lelo…
Papa : saali….apne baap se maalish karvaati hai….tel lagvaati hai………apne papa ko apna doodh pilaatee hai……aur ab apnee gand marvaati hai………besharam tera badan bahut makhmali hai…….tera baap tere jawaan badan ka mazaa lekar rahega..
Main : toh main bhi toh yehi chahtee hoon…….aaaaaaaa………mere papa mere har ek ched mein apna mota danda ghusaayen…..mere chedon ko apne dande se roz saaf karen…….ek doosre ke badan ko roz bhogen..
Papa : uff tere yeh bade bade gore kooleh…….teri meethi gand………
Main : eeeeeeeee……..peeche ka ched na hota toh kitna mazaa adhoora reh jata…..kitni meethee dard hai apne baap se gand marvaane mein….
Kuch der meri gand maarne ke baad papa ne gand se nikal kar lauda meri fuddi mein daal diya aur phir shuru ho gaye…
Main : aaaaahh.shhhh…..papa..mera ek bhi ched na chor-na……
Papa : zohra…….meri jaaneman………meri chutiya beti………tera har ched makkhan hai…..tera badan bhi makkhan hai
Main : mere betichod papa……..meri jaan…………..chod do apnee jawaan beti ko………lelo iski……..maarlo iski….beraham ban jaao….besharam ban jaao………
Papa : meri mast beti…..roz mujhe apna doodh pilaayegee na…………meri malayee khaayegee na
Main : papa aur tez…main nikalne waali hoon…….aur tez…….yes……..aaaaaaaayyyyyee
Main nikal gayee………
kuch baad papa ne meri fuddi se lauda nikala……aur lauda mere mnooh ke paas le aaye…..maine unka lauda mnooh mein daal kar unki saari malayee khaalee….
Ab main aur papa jab mummy nahin hoti toh ghar mein pyaar karte hain…..aur jab mummy hotee hain toh khet mein. Kahani padhne ke baad apne vichar niche comments me jarur likhe, taaki hum apke liye roz aur behtar kamuk kahaniyan pesh kar sake – DK
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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Didi Ko Jijja Se Chheena
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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Maine apni Radha didi ko apna lene ki tab se thaan li thee jab se maine didi ko jijja ji ke saath suhagraat manatae huye dekha tha. Main uss wakt 18 saal ka tha aur didi 22 saal ki. Jijja ji ek bahut amir adami thay aur hamare shahr se 30 kilometer par ek kamyab business ke malik thay. Unka naam Vinod tha aur vo bahut handsome thay. Maa bhi jijja ji se bahut impressed thee. Lekin mujhe dal mein kuchh kala lagata tha. Radha didi ki shadi ki pehli raat Vinod ne didi ko pyar se nahin zabardasti se choda tha. Main janta tha kion ki mera room unke bilkul saath vala tha, Dono rooms mein common bathroom tha. Main Radha didi ka ashik bachpan se raha hoon aur ye kaise ho sakta tha ki meri pyari Radha didi ki suhagraat ho aur unka pyara bhai dekhe naa! Mera lund to tan jata hai jab bhi didi ki yaad aaye!!

Mera naam Rocky hai (Rakesh). Main Radha didi ko jab se nahate huye dekh chuka hoon, meri zindagi hi badal gayi. Radha didi uss wakt sabun mal ke nahane mein lagi hui thee jab maine dekha ki bathroom ka door lock nahin kia hua. Didi apni chut ko mal rahi thee aur bar bar usski kamukta bhari siski nikal jati thee. Meri didi ka dudhiya jism pani ki boondon se chamak raha tha aur unki chuchi mujhe deewana bana rahi thee. Didi ki ankhen band thee kion ki unhon ne chehre par sabun laga rakha tha. Maine dekha ki didi ab chut mein ungli kar rahi thee. Meri didi masti mein aa kar masurbation kar rahi thee. Maine socha ki zarur kissi mard ke bare kalpna kar rahi hogi. Kash vo mard main hota!!! Didi ki saansen tezi se chal rahi thee. Usski siski mujhe sunayi pad rahi thee. Tabhi mera haath apne aap mere lund par chala gaya aur main ussko upper neechey hilane laga. Didi achanak mudi aur ab usski gaand meri taraf aa gayi. Gol gol gore chutad meri nazar ke samne thay aur didi ab shower ke neechey khadi thee aur shower ki dhara seedhi didi ki chut par gir rahi thee. Mera haal bura ho raha tha aur maine apna lund bahar nikal kar muth marni shuru kar dee. “Ohhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh……….aaaaaaarrrrghh” ki awaz Radha didi ke honthon se nikali. Main samajh gaya ki didi jhad gayi thee. Main seedha apne room mein gaya aur muth marta raha. Jab mera lund pichkari chhod raha tha to Radha didi ka jism meri ankhon ke samne tha. Itna lava mere lund se aaj tak na nikla tha.

Jab bhi didi ki shadi ki baat chalti to main udas ho jata. Kai rishte aaye lekin Vinod jijja ji ka rishta final kar liya gaya. Mummy ke kehne par jijja ji ne suhagraat hamare ghar par manayi. Maine socha ki agar apni behan ke saath suhagraat nahin mana saka to kia hua, kam se kam apni behan ko suhagraat manate huye to dekh sakta hoon. Bathroom ka darwaza thoda khula tha jissko jijja ji band karna bhul gaye. Meri kismat achhi thee. Raat ke 10 baje didi bed par jijja ji ki wait kar rahi thee. Meri behna rani laal jode mein saji hui kissi pari se kam nahin lag rahi thee. Tabhi jijja ji ne parvesh kia. Lagata tha ki unhon ne pee hui thee. Vo seedha apna pajama kholte huye apna lund Radha didi ke honthon se lagane lage aur bole,”Janeman, bahut dil kar raha hai lund chuswane ke liye, jaldi se chus kar jhar de issko fir chodunga teri chut aur gaand aaj!!” Didi ne nafrat se muh dusri taraf mod liya. “Ye kia bad-tamizi hai? Kitni gandi baat kar rahe hain aap? Peshab wala…Chhhee..aur ye kia bol rahe hain aap?” Lekin jijja ji ne didi ko balon se kheencha aur apna supada didi ke kanth tak dhakel diya,”Chal haramzadi, nakhre karti hai? Sali shadi ki hai tere saath. Achhi tarah chus aur fir mere lund ke maze lutna apni chut mein” Didi ke mukh se Gooooo….gooooo ki awaz aa rahi thee aur vo lund ko mukh se bahar nikalne ki koshis kar rahi thee. Lekin jijja ji zabardasti apne lund ki chuswayi karwa rahe thay. Jijja ji apni kamar hila hila kar didi ke muh mein lund dhakel rahe thay. Akhir didi ke muh mein jijja ji ke lund ka fowara chhoot pada. Didi ke jhalak se ek cheekh nikali aur jijja ji ke lund ras ki dhara didi ke honthon se unke chehre par fail gayi. Didi ke muh se lund ras tapakne laga aur didi ne ulti karni shuru kar dee.

“Ye kia kar rahe thay? Ufffff mera man kharab ho gaya…..ufff kitna ganda hai……” Didi bol rahi thee aur jijja ji hairani se dekh rahe thay. “Sali kia hua? Lund chusna to aurat ko bahut achha lagata hai…Tujhe kion pasand nahin? Ulti kion kar dee? Tumne kabhi lund nahin chusa kia?’ Didi ne naa mein sir hilaya. Main samjh gaya ki jijja ji ek chalu insan hain aur didi bholi bhali ladaki thee. Jijja ji shayad randibazi karne wale thay aur meri didi ko bhi ek randi ki tarah chodna chahte thay. Didi ne muh saaf kia aur bathroom ki taraf badhi. Main jaldi se khisak gaya. Didi bathroom mein pani se apna muh saaf karti rahi. Mujhe jijja ji par bahut gussa aa raha tha aur apni didi par pyar. Uss raat Radha didi bahut chillayi aur cheekhi. Shayad jijja ji zabardasti didi ko chod rahe thay. “Bas karo…Bhagwan ke liye chhod do mujhe…main nahin le sakti itna bada…….aaaahhh….ooohhhh..naaaaaaa….bahut dard hota hai…..naahin…pleaseeeee, chhod do mujhe!!!!!” Main didi ki halat dekh kar sari raat so na saka.

Agli subhah Didi ka chehra uttra hua tha. Maine mummy ko kehte huye suna,’Radha.mard sab kuchh karte hain…..bas jhel le Vonod ka…thodi der ki baat hai…adat pad jaye gi…beti bada to kismat wali ko milta hai…..maze karogi..Vinod bahut amir hai..teri to aish ho gi!!!” Lekin maine man bana liya. Meri didi aish to karegi lekin Jijja ji ke paise se aur apne bhai ke lund se. Jijja ji apne shahar chale gaye aur main jijja ji ki jasoosi karne lag pada. Mujhe pata cha;la ki Jijja ji didi ko pyar nahin karte. Agar chodte bhi to zabardasti. Jijja ji ke office mein unka chakar unki secretary ke saath chal raha tha. Mujhe ye bhi pata chala ki, jijja ji ki mausi ki ladaki Neeta bhi unke ghar mein rehti thee jo ki shadi ke baad apne pati se alag ho kar Jijja ji ke saath hi rehti thee. Jijja ji ke ghar ke naukar ne bataya ki jijja ji ne apni mauseri behan ko rakhail bana rakha tha. Auart sab kuchh bardasht kar leti hai lekin sautan nahin. A b mujhe apni didi ko vapis apne pass bulana tha. “Jijja ji, agar apni didi ko aap se vapis na le liya to mera naam Rocky nahin” maine apne aap se vada kia.

Ab maine jijja ji ke naukar ko rishwat de kar jijja ji aur unki behan ke saath chudayi ki tasveeren kheenchne ke liye razi kia. Naukar bada harami tha. Fir maine jijja ji ke office se pata lagaya ki Jijja ji har shani vaar apni secretary ke saath kab ran raliyan manane jate hain. Har hafte unki secretari Mona aur Jijja ji business trip ka bahana bana kar subha chale jate thay aur raat ko vapis laut aate thay. Ek bar maien peechha kia aur dekha ki shahr ke bahar ek Hotel Sangam mein unka kamra book hota tha. Kamra number tha 439. Main plan bana kar hotel mein gaya aur ek din pehle maine 439 room book kar liya. Room ke andar camera fit kar liya aur ek recoder laga diya aur fir hotel ke manager se bola,’ Mujhe 440 number kamra bhi chahiye. Manger bola,”Sir, 439 number aako khali karna padega. Bas ek din ke liye. Usske baad aap fir kamra rah sakte hain” Main bhi yahi chahta tha. Camera bilkul bed ke samne tha aur apna kaam theek karega. Uss shani vaar ko jab Jijja ji vapis laute to main 440 numberr kmare mein baith kar jijja ji ki sari film dekh raha tha. Ab wakt tha Jijja ji ko 440 volt ka jhataka dene ka.

Udhar jijja ji ka naukar bhi mere pass jijja ji aur unki mauseri beahn ki photo le aaiya. Maine ussko paise diye aur Radha didi ko milne unke ghar chala gaya. Sham ka wakt tha. Didi pink sari pene huye thee. Gulabi reshmi sari mein didi ka gulabi jism bahut mast lag raha tha. Deep cut blouse se didi ki chuchi ka katav saaf dikhayi pad raha tha. Didi ka jism kuchh bhar chuka tha aur unke nitambh bahut sexy ho chukey thay. Mujhe dekh kar didi meri taraf daud kar chali aayi. Maine didi ko bahon mein bhar liya. Lekin ab maine didi ko bahon mein liya jaise ek ashik bahon mein lta hai, bhai nahin!! Didi ne mere muh chum lia aur mujh se lipatne lagi,”Rocky, mere bhai!!Itni der se mujhe kion nahin milne aaiya? Apni behan se naraz ho kia? Teri bahut yaad aa rahi thee, bhai!!” Mere haath didi ke badan par reng rahe thay aur main bhi didi ko chum raha tha. Mere haath achanak didi ke nitambhon par gaye aur mera lund khada ho gaya. Didi ke nitambh mano resham hon.

Jab hum alag huye to maine jaan bujh kar puchha,”Didi jijja ji kahan hain?” Radha ke mathey par thode bal pade lekin vo muskurate huye boli,”Office mein honge” Main bhaamp gaya ki didi khush nahin hai. Didi sheeshe ke samne apne baal sanwar rahi thee aur meri nazar didi ki gaand par thee. “Didi, tum khush nahin dikh rahi. Jija ji tera khyal bhi rakhte hain ya nahin. Mujhe to jijja ji ka chal chalan thek nahin lagata.” kehte huye main didi ki peeth ke saath sat kar khada ho gaya. Sheeshe mein didi ki gori chuchi upper neechey hoti dikh rahi thee. Meri didi Malika Sherawat lag rahi thee. Maine didi ko peechhey se alingan mein le liya. Maine apne honth didi ki gardan mein chhupate huye kaha,” Kahin jijja ji tumko dhokha to nahin de rahe? Maine suna hai ki jijja ji bahut aiash kism ke adami hain. Unka apni secretary ke saath affair chal raha hai aur ……..” Didi ke honth kaamp rahe thay “Aur kia?’ Maine didi ki chuchi par haath rakh diya aur bola,”Suna hai ki Jijja ji ka sambandh unki mauseri behan ke saath bhi hai” Didi mujh se alag hone lagi,” Rakesh, kia bak rahe ho? Aur tum mere jism ko kion chhed rahe thay? rakesh, main teri behan hoon!!! Mere apti ke bare mein jhuth muth mat bolo!!!” Maine didi ko fir se alingan mein le liya aur iss bari unke hothon par hoth rakh diye kion ki main ab unke samne aa gya tha. Didi ke jism se bheeni bheeni ittar ki khushbu mujhe pagal bana rahi thee. Uss wakt andhers ho raha tha aur main halke andhere mein Didi ki ankhon mein ek ajib see chamak dekh raha tha. Shayad didi ka jism mere alingan mein pighalne laga tha aur ya fir mere dimag ka veham tha.

“Main nahin manti ye sab. Neeta unki behan hai!!Ye kia bak rahe ho!!!” Neeta jijja ji ki mauseri behan ka naam tha. Maine jijja ji ki apni secretary ke saath nangi tasveeren didi ke samne fenk dali. “Ye kia hai, Rocky?” Lekin sawal be matalab tha. Photos mein jijja ji secretary ki chuchi chus rahe thay to dusri photo mein usski chuty chat rahe thay. Jijja ji ki secretary thee bahut hi mast. Didi ka chehra sharam aur gussey se laal ho gaya. Maine dusra vaar kia aur unke naukar ne jo photo jijja ji aur Neeta ke saath khenchi thee samne rakh dee. Ek photo mein Neeta jijja ji ko rakhi bandh rahi thee aur dusre mein unka lund chus rahi thee. Photos itne clear thay ki mera khud ka lund kahda ho gaya aur maine didi ki chuchi ko zor se bheench diya. Ab mera lund akad kar didi ke pet se takra raha tha. Didi khud b khud mujh se lipatne lagi. Auarat ke andar irsha ki aag kaise bhadakti hai main janta tha. Mera man bol utha,”Meri didi ab meri ban ke rahegi, Rocky beta!!”

Tabhi phone baj utha,”Hello, kaun, kia? nahin aayoge? Kia baat hui? Kahan ho tum? Achha, theek hai” Didi ne phone rakha aur kaha,”Tere jijja ji aaj ghar nahin aa rahe. Kissi meeting mein Delhi agye huye hain” Main janta tha ki meeting kaun see hai. Maine phone mein se vo number padha jahan se phoen aaiya tha. Jab maine vo number dial kia ti ek ladaki ki awaz aayi,” Hotel Sangam! Priya speaking” Maine phone rakh diya. “Radha didi, dekhogi ki jijja ji kaun see meeting mein hain? Jijja ji meeting mein nahin rang ralian mana rahe hain. Didi tum inke saath zindagi kion kharab kar rahi ho? Chalo mere saath aur aap hi faisla kar lo” Maine didi ko pehle to bahon mein bhar kar khub pyar kia. Khub chuma, chata. Hamarae honth bheeg gaye kiss karte huye. Maine didi ko bed per lita liya aur usski janghon par haath ferta raha. Jab mera haath didi ki chut par gaya to ussne mujhe rok doya,’Nahin bhaiya, nahin. Ye theek nahin hai. Tum mere bhai ho, bas. Hum ye nahin kar sakte” Main bola,”Didi, lekin Jijja ji….” Didi boli,”Nahin keh diya to matlab nahin”

Lekin main didi ko apne motor cycle par bitha kar Sangam hotel ki tarf chal pada. Didi mere peechhey sat kar baithi thee aur usska haath bar bar meri jangh par reng jata tha. Maine hotel ja kar ek room book karwaya aor anadra ja kar whiskey order kar dali. Didi pehle kuchh sak pakayi lekin usske andar tanav itna tha ki do peg ek saath pee gayi. “Bhenchod kahin ka!!! Main ussko nahin chhodungi agar teri baat sach nikali!!! Rocky tu jo kahe ga karungi mere bhai agar teri baat sachi hui” Maine ek peg aur diya didi ko aur ussko fir chumne laga. Didi bhi ab garam ho chuki thee. Lekin jab maine didi ka haath apne lund par rakha to ussne ladkhadati awaz mein kaha,” Rocky abhi nahin!!Pehle dikhayo Vinod behanchod kisske saath hai sala rang rajian mana raha hai” Main didi ko le kar jijja ji ke room ki taraf le gaya aur darwaza khol diya. Kismat ki baat thee ki un logon ne lock nahin kia tha. Bistar par Neeta nangi jijja ji ke neechey padi thee aur jijja ji usska jism chum rahe thay.” Neetu meri jaan, jab se vo kutti Radha aayi hai, hum ko to chhup chhup kar chufdayi karni pad rahi hai!! Mera dimag kharab ho gaya tha jo maine uss se shadi kar li!! Sali dhung se chodne bhi nahin deti aur na hi ussko chudayi ka koi gyan hai. Aur usske samne tujhe didi kehna padta hai, ye baat alag hai. Asal mein to sali vo meri didi hai aur tu mera maal, Neetu meri rani behna main to tujhe apni patni maan chuka hoon,sach!!” Neeta jija ji ke lund ko tham kar boli,”Aur bhaiya main aapko apna pati maan chuki hoon. Esse chhup chhup kar kab tak milte rahenge Bhaiya?”

“O behanchod Vinod, tu iss madarchod randi ko bana lo apni patni!!! Aur Neeta, tu iss behanchod ko bana lo apna pati!! Vinod main ja rahi hoon aur tumko dekhungi court mein talak ke case mein!!!” Didi ki awaz kaamp rahi thee. Main ussko kheench kar room mein le gaya aur didi fir se whiskey peene lagi. Iss halat mein didi ko ghar nahin le ja sakta tha. Didi pee kar behoshi ki halat mein so gayi aur agle din main ussko ghar le aaiya. Maa ne puchha kia baat hui to maine kaha baad mein bataunga. Didi sara din soti rahi. Dopahar ko maine maa ko sari baat batayi,” Maa, vinod sala didi ko koi sukh nahin de sakta. Neeta hi usski patni hai usske liye, maa!! Didi ko to ek khilauna bana kar rakha hai uss kamine ne. Kal raat to didi ne khud dekha hai ussko Neeta ke saath bistar mein. Ab main didi ko Vinod ke saath nahin rehne doonga. Meri itni sundar behan ki zindagi barbad nahin hone doongga. Akhir main didi se pyar karta hoon!!” Maa mujhe gaur se dekhti rahi. Zarur mere chehre se vo mere man ko bhaamp gayi thee. Jiss tarah maine didi ko tham rakha tha maa se chhupa nahin tha.”Rocky, sach bata kia baat hai? Tu ani behan ka ghar barbad karen par kion tule huye ho? Tum apni behan ke saath lipate huye thay jab vo ghar aayi. Kahin tum khud hi to apni behan se pyar nahin karte?”

Main maa ki baat sun kar bola,”Agar main didi se pyar karta hoon to kia farak padta hai? Vinod ne to pehle din hi didi ko ek janwar ki tarah chod dala tha. Maa, tum nahin janti ki didi uss raat kitna royi thee!! Kitni peda hui thee meri behan ko!! Main usska bhai hoon……Ussko sukh dena chahta hoon….Maa main ussko pyar karta hoon aur didi ka anubhav jo jijja ji ke saath hua hai Didi par bahut bura asar dal chuka hai…Didi sabhi mardon se nafrat karne lagi hai…sex bhi ussko achha nahin lagata…Main didi ko sahi raste par la sakta hoon” Maa mere pass aayi aur boli”Beta main teri baat samajhati hoon. Lekin ye samaj nahin samajhega. Tu apni didi ke pati to nahin ban sakte? Sabhi jante hain ki tum bhai behan ho!!” Maa ki baat theek thee lekin meri plan bhi thee, Main didi ka talak karwane wala tha. Iss game mein hum jijja ji ko blackmail karne wale thay. Mere pass jijja ji ki photos thee. Hum Jijja ji se badi rakam hasil kar lenge aur fir hum teeno iss shahar ko chhod denge. Main aur didi pyar se zindagi basar karenge, Maa meiri baat sun kar sochne par mazbur ho gayi. Maa mere gale lag gayi aur boli,”Tumne Radha se poochh liya hai kia? Ussko pasand hai teri plan?” “Maa, didi ko abhi tak sex ka maza nahin mila…Jab milge to didi khil uthegi….aur didi ki sex ki shuruyat main karunga…ek suhavani sex ki shuruyat…Mujhe tum sehyog dene ka vada karo….Mujhe aur didi ko akele chhod do…Mujhe didi ko sex ka sukhad anubhav karane mein madad karo,…Radha didi zarur par jayegi, maa”

Maa ne khush ho kar mujhe honthon par kiss kar liya aur jab maine maa ko vapis kiss kia to meri maa bhi garam ho uthi aur apni chut mere khade lund par ragadne lagi. Lekin maine maa ko apne aap se alag kia aur didi ke kamre ki taraf badh gaya. Didi bistar mein thee lekin jag rahi thee. Maine ussko bahon mein bhar kar zor se honthon par kiss kia aur chuchi bhi masal dali. Ab natak karne ka wakt nahin tha. Ab meri pyari didi ko pata chal jana chahiye tha ki usska bhai ab usski chut ka dewana hai aur apne jija ji jagah lena chahta hai. Didi kokhub chumne ke baad main utejit ho gaya. Didi nahane chali gayi. Jab vo bahar nikali to ek safed nighty pehne hui thee aur neechey koi bra ya panty nahin thee. “Aaj raat apne bhai ke room mein hi sona, dekhna kitna maza aata hai!!!” Keh kar main apni almari se ek adult kahani wali book didi o dete huye bola,”Iss kitab ko padh lena. Pata chalege ki pyar kia hota hai aur kaise kia jata hai. Raat ko whiskey le kar aayunga…mummy se chori…hum thodi see pee lenge agar meri pyari didi chahegi to…Sach didi, bahut sundar ho tum….tera husan mere dil ka kia haal bana raha hai, mujh se puchho!!!” Didi sharam se lal ho rahi thee. Jo kitab maine didi ko dee thee ek bhai behan ki chudayi ka mast kissa tha. Agar didi ne vo kitab padh lee to mere aaney tak usski chut machal rahi hogi chudne ke liye. Bhar jate huye maine maa ko sara plan bata diya aur vo sharati dhang se muskurane lagi.

Raat jab main vapis lauta to didi mera intzar kar rahi thee jaise koi patni apne pati ka intzar karti hoi. Mujh par hawas ka bhoot sawar tha. Maine didi ko bahon mein bhar liya aur chumne laga. Didi ke jism par mere haathon ke sparsh uss par jadu kar raha tha. Fir maine glass mein whiskey dali aur didi ko glass pakda diya. Didi bina kuchh bole pee gayi. Thodi der mein nasha hone ki vajah se didi ke andar vasna ne zor pakad liya lagata tha. Maine apna haath didi ki chut par rakha aur ussko ragadne laga.”Didi, main janta hoon ki jijja ji ne tujhe pyar nahin kia. Iss wakt bhi Vinod Neeta ke saath chudayi mein vyast hai. Tum apne pati se usski be vafayi ka badla nahin logi? Aur didi meri kitab padhi aapne/ Kaisi lagi? ” Didi muskurate huye boli ,”Achhi thee lekin kia bhai apni behan ke saath essa karte hain?” Main bhi muskurata hua bola”Zarur karte hain agar behan aap jaisi sexy ho aur bhai mujh jaisa pyar karne wala ho”

Dusra peg pee kar maine didi ko apne agosh mein bithaya aur usske jism ko nighty ke upper se sehlane laga. Didi ke mast chuttar bahut gudaz thay aur mera lund unke chuttar mein ghusne laga,”Rocky mujhe tera….chubh raha hai….ui…..bas kar…” Main ani didi ko lund se pyar karna sikhana chahta tha. ‘Didi, tujhe kitab wali kahani kaisi lagi…Kahani mein bhai kaL,,,tujhe pasand aaya? Kahani mein behan apne bhai ke lund ko kitna pyar karti hai na? Tum mere lund ko pyar karogi? Issko sehlayogi? Didi main bhi tere jism ko chumumnga, chatunga, itne pyar se jitne pyar se Vinod ne bhi chuma hoga” Main ab Radha didi ke jism ke har ang ko pyar se sehla raha tha. Aur didi bhi garam ho rahi thee.”Vinod kutte ka naam mat lo, mere bhai. Ussne mujhe itna dard diya hai ki bata nahin sakti. Mujhe iss pyar se bhi dur lagne laga hai. Rocky mujhe dard na pahunchana, mere bhai”

Maine dekha ki didi garam hai aur ab ussko taiyar karne ka wakt aa gaya hai. Maine didi ki night upper utahayi aur usska jism nanga kar diya. Meri ebhan ka gulabi jism bahut katilana lagata tha. Radha didi ki janghen kele ki tarah mulayam thee aur usske nitambh bahut sexy thay. Safed bra aur panty mein didi bilkul heroine lag rahi thee. Maine apna mukh didi ke seene par rakh kar usski chuchi ko kiss karne laga. Didi ne aankhen band ki hui thee aur vo siskian bharne lagi, Maine didi ka haath apne dehak rahe lund par rakh diya. Didi apna haath kheenchne lagi to main bola,”Didi, issko mat chhodo. Pakd lo apne bhai ke lund ko. Ye tujhe dard nahin dega, sukh dega. Jiss tarah kitab mein behan apne bhai ki premika ban kar maxe lootati hai, ussi tarah tum meri premika ban jayo aur fir jawani ke maze loot lo aaj ki raat. Mera lund apni behan ki pyari choot ko sawarg ke maze dega. Agar maine tujhe dard hone diya to kabhi mujh se baat mat karna. Meri rani behana ye lund tujhe hamesha khush rakhega!!” Didi kuchh na boli lekin ussne mera lund pakade rakha. Mera lund kissi kabutar ki tarrah phad phada raha tha apni behan ke haath mein. Maine fir didi ki bra ko khol diya aur usski chuchi masti se bhar ke mere haathon mein jhul uthi. Didi ke satan bahut mast hain,”Ahhhhh….oooohhhh…Rocky kia kar rahe ho?”Vo siski. “Kion didi, apne bhai ka sparsh achha nahin laga?”Maine didi ke gulabi satan par kali nipple ko ragad kar kaha.

“Achha laga, Rocky, lekin essa pehle kabhi mehsoos na hua hai mujhe. Essa anubhav pehli bar ho raha hai!!!” Maine hairani se poochh liya,”Kion didi, kia Jijja ji esse nahin karte thay tujhe pyar?”Ab mera dusra haath didi ki phuli hui chut sehla raha tha aur didi apni chut mere haath par zor se ragad rahi thee.”Tera jijja madarchod to bas mere muh mein dal deta tha apna badbu dar lund aur baad mein meri chut mein dhakel deta tha. Mere bhai main dard se cheekhti rehti thee aur vo mere upper sawar ho jata tha. Lekin tu to pyar karta hai mere bhai…mujhe anand aa raha hai…tera lund bhi bahut khushbudar hai…bahut sundar hai..tera sparsh bahut sexy hai..Rocky yaar tere haath mere andar ek mazedar aag bhadka rahe hain…Teri unglian meri chut mein khalbali macha rahi hain….Meri chut se ras tapak raha hai…Tera sparsh hi mujhe aurat hone ka ehsaas kara raha hai…Main tere andar sama jana chahati hoon….chahti hoon ki tu mere andra sama jaye….Mere jism ka har hissa chum lo mere bhai…Mujhe apne jism ka har hissa chum lene do!!!!!”

Main jan gaya tha ki didi ab taiyar hai. Maine ek peg aur banaya aur hum dono ne pee liya. Main nahin chahta tha ki didi apna faisla badal le. Aaj main didi ko chod kar sada ke liya apna bana lena chahta tha. Didi ne apni panty apne aap utaar dali aur mere lund se khuleyam khelne lagi. Ek haath se didi apni chut par haath fer rahi thee. Maine jhuk kar didi ke nipples chusna shuru kar diya aur didi mere balon mein unglian ferne lagi. Didi ki chuchi kathor ho chuki thee aur ab maine apne honth neechey sarkane shuru kar diye. Jab mere honth didi ki chut ke nazdeek gaye to vo utejna se cheekh padi,” Rocky, mere bhai…kion pagal kar rahe ho apni behan ko? Mujhe chod dalo mere bhai…teri behan ki chuty ka pyar maine tere lund ke liya sambhal rakha hai…Dal do issko meri chut mein!!!” Main apne sare kapde kholte hua didi ke upper chadh gaya. Didi ka nanga jism mere neechey tha aur ussne balen khol kar mujhe alingan mein bhar liya. Didi ki chut ro rahi thee, aansu baha rahi thee. Maine pyar se apna supada didi ki chut ki lambayi par ragadna shuru kar diya. Hum bhai behan ki kamukta had paar kar gayi aur didi ne binati ki,”Bhaiya, ab raha nahin jata..ghused do meri chut mein…hone do dard mujhe parvah mat karo, pelo meri chut mein apna lund!!”

Lekin maine apna supada chut ke mukh par tika kar halka dhaka mara. Chut ras ke karan supada asani se ghus gaya aur didi tadap uthi, jiss mein dard kam aur maza adhik tha”Hai bhaiya…mar gai…aaaaah…..hai…bahut maza de rahe ho tum….aur dhakel do andar…pelte raho bhaiya…oooohhhh..meri chut pyasi hai….aaj pehli bar chud rahi hai……bahut pyare ho tum mere bhai………dal do pura!!!!” Maine lund dheere dheere aage badhana shuru kar diya. Didi ko taklif nahin dena chahta tha main. Didi ka man jijja ji ki zabardasti se ki gayi chudayi se jo dar ban gaya tha ussko maze mein badal dena chahta tha. Chut geeli hone se lund esse andar ghjhus gaya jaise makhan mein chhuri. Radha didi ki chut kia thee bilkul aag ki bhathi. Main bhi nashe mein tha. Didi ke nipples chuste huye amine pura lund thel dia andar. Didi ki siskarian unchi awaz mein goonj rahi thee. Mujhe shak tha ki maa na sun le. Lekin mere man ne kaha,”Agar maa sun leti hai to sun le..usski beti pehli bar chudayi ke maze loot rahi hai…Akhir meri didi ko bhi to lund ka sukh chahiye hi na!!Agar usska pati nahin de saka to bhai ka farz hai ussko vo maza dena!!”

Fir maine dhakon ki speed badhani shuru kar dee. Didi bhi apne chutad upper uthane lag padi. Ussko lund ka maza mil raha tha. Didi ne apni tangen meri kamar par kas dee aur mujh se pagalon ki tarah lipatne lagi. Mera lund toofani gati se chudayi kar raha tha. Didi ke haath mere nitambhon par kas chuke thay,” Didi kaisa laga ye chudayi ka maza? Mera lund? Teri chut mein dard to nahin ho raha? Meri behna tera bhai aaj pehli baar chod raha hai kissi ladaki ko aur vo bhio apni sagi behan ko!!” Didi neechey se dhake marti hui boli,”Rocky mujhe kia pata tha ki chudayi essi hoti hai..itni mazedar!!Bhai mere andar kuchh ho raha hai…meri chut pani chhodne wali hai…main jahrne ko hoon…zor se…aur zor se chod mere bhai…uuuuffff…jor se bhaiyaaaaaa!!!” Main bhi tez chudayi kar raha tha. Mera lund chut ki gehrayi mein ja kar chod raha tha aur mujhe bhi jharne mein time nahin lagane walal tha”Phacha Phach “ki awazen aa rahi thee. Tabhi mere lund ki pichkari nikal padi”Aaaaaaaahhhhhhhhhhhhh…..Didiiiiiiii…main bhi gaya…..main gayaaaaa” Didi ki chut se ras ki dhara girne lagi aur hum dono jhar gaye. Hum iss baat se anjan thay ki do ankhen humari chudayi dekh chuki thee.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Maa hum bhai behan ko dekh rahi thee. Lekin hum iss baat se anjan thay. Main Radha didi ke saath lipat kar so gaya. Chudayi itni zordar thee ki mujhe pata hi nahin chala ki main kab tak sota raha. Jan neend khuli to dopahar ke 12 baj chuke thay. Didi mere bistar mein nahin thee. Uth kar kapde pehne aur main nahane chala gaya. Pichhle din ki sharab ka nasha mujhe kuchh sochne se rok raha tha.. Sir bhari tha. Naha kar jab bahar nikla to main chust mehsoos karne laga. Didi ke saath chudayi ki yaad mujhe abhi bhi utejit kar rahi thee. Raat ke baad didi kia apna man to na badal legi? Kahin maa iss sambandh se naraz to na hogi? Ye sawal mere dimag mein kaundh rahe thay.

Jab mein maa ke room se guzar raha tha to mujhe maa aur didi ki awaz sunayi padi,” Maa, Rocky ne mujhe zindagi ka asal anand diya hai kal raat. Sach maa, Vinod ne to jitna dard dia sab bhula diya bhai ne!! Chahe duniya iss pyar ko jo chahe naam de, ya paap kahe lekin mere liye Rock kissi bhagwan se kam nahin hai. Main to apne bhai ke saath ye zindagi bitane ke liye kuchh bhi karne ko taiyar hoon. Kal tak Lund, Chut Chudayi jaise shabd mujhe gali lagate thay, lekin aaj ye sab meri zindagi hain!! Maa tu to meri maa hai. Tujhe to meri khushi ki prarthna karni chahiye. Ab to tujhe bhi mard ka sukh na milne par dukh ho raha hoga. Maa mujhe Rocky se mila do, please. Hamari shadi karwa do!! Bhai behan ko pati patni bana do, maa!!!!!!!!” Mujhe khushi thee ki Radha didi khud mujh se shadi karne ke liye maa ko mana rahi thee. Wah!!Behan ho to essi!!!

Radha didi aur maa ko akele chhod kar main apne room mein chala gaya. Kapde change kiye aur ghar se nikal gaya. Sham ko jab vapis aaiya to maa mujhe ajib nazaron se dekh rahi thee. Maa ne bhi aaj low cut gale wala kameez aur salwar pehni hui thee. Mere samne maa aata goondhne lagi. Jab vo aage jhukti to usski chuchi lag bhag puri jhalak jati meri nazar ke samne. Mera lund khada hone laga. Socha ki chalo didi ko kamre mein le ja kar chodta hoon. Tabhi maa fir se aage jhuki aur meri taraf dekhne lagi. Usski nazar se nahin chupa tha ki main maa ki gori chucho ko ghoor raha hoon. Tabhi usski nazar meri pant ke samne wale ubhar par padi. Meri pyari maa muskura padi. Maa ki muskurahat ko dekh kar mere man mein aaiya ki ussko bahon mein bhar loon aur pyar karun. “Maa, Radha didi kahan hai? Dikhayi nahin pad rahi kahin bhi!!”

“Ab sara pyar apni Radha didi ko hi deta rahega ya maa ko bhi kuchh hissa dega? Beta, Radha tujh se bahut khush hai. Lekin hum logon ko plan karna padega. Hum teeno ko kissi na kissi cheez ki zarurat hai. Sab se badi cheez paisa hai. Jo hum ko Vinod se lena hai. Jamai raja ne jamai ka kaam to kuchh nahin kia lekin ussko hum blackmail zarur kar sakte hain….Neeta ke saath sambandhon ko lekar…Jab tak Radha ka talak nahin ho jata tujhe bhi samajhdari se kam lena hoga. Maine Radha ko vakil se milne bheja hai. Aaj raat ko aram se baith kar plan banayenge. Theek hai na? Tum essa karo ki kuchh beer vagera le aayo aur hum mil kar raat ko beer pee kar baat karenge” Mere man mein maa ke liye itna pyar aaiya ki maine ussko bahon mein le kar chum liya. Maa ki saans bhi tez ho gayi aur usske seene ka uthan upper neechey hone laga. Maa ka seena meri chhhati se chipak gaya. Mujhe wohi feeling ho rahi thee jo Radha didi ko kiss karte huye ho rahi thee. Mujhe lag raha tha ki mera pyar neri bahon mein hai. Jab maine maa ke mukh mein apni zuban dal dee to maa ussko chusne lagi. Mujhe bahut maza aa rah atha aur mera lund ab maa ke pet se takra raha tha. Maine ab har had par karte huye maa ka haath apne tadapte huye lund par rajh diya. Maa ne pehle to mera lund tham liya lekin fir achanak peechhey kheench liya,’ Nahin Rocky beta…nahin …ye theek nahin hai…..chhod do mujhe!!”

Main bhi sambhal gaya aur maine maa ko chhod diya aur maa kitchen mein chali gayi. Maine socha ki shayad maa apne bete ke saath pehle najayaz sampark se ghabra gayi thee. Lekin chinta ki koi baat na thee. Raat ko beer wali baat mere liye fayademand hogi. Sharab se adami ki jhijhak kahtam ho jati hai. Main bazar se kuchh beer aur ek bottle vodka ki le aaiya jissko maine fridge mein rakh diya. Radha didi bhi vaps aa chuki thee. Ussne ek silk ki halke neele rang ki pardarshi sari pehni hui thee. Ma aaur didi drawing room mein baithey huye thay. Main didi ke saath sat kar chhote sofe par baith gaya. Didi ke jism se bheeni bheeni sugandh uth rahi thee aur usska makhmali badan mujhe utejit kar raha tha. “Maa main beer laya hoon. Kion na thodi see ho jaye.

Didi ka mood bhi theek ho jayega aur hum vakil se hui baat bhi discuss kar lenge” Maa ne sir hila diya aur main teen glass mein beer ke saath vodka mix kar ke le aaiya. Maa aur Radha didi ne glass pakad liye aur dheere se peene lagi. Sharab ke andar jate hi mere lund mein aag bhadak uthi. Mujhe apbni didi aur maa bahut hi kamuk lagne lagi. Ek plate mein maine fried fish aur sauce rakhi hui thee. Didi ne jab chuski lene ke baad fish khayi to usske honthon par sauce fail gayi.” Radha dhyan se kha…dekh apna mukh ganda kar liya hai timne…main napkin le kar aati hoon” Maa uthi aur bahar chali gayi. Maine dekha ki didi ke mukh par sauce lagi hui thee. Maine didi ko bahon mein lete huye usske honthon se sauce chatni shuru kar dee,”Maa to pagal hai…mere sweet didi ke sweet honthon se sauce saaf karne ke liye jab usska bhai baitha hai to napkin ki kia zarurat…bhai hai na didi ke honthon ko pyar se saaf karne ke liye!!!” Maine didi ko kas kar alingan mein le liya aur usske chehre ko chumne laga. Didi bhi utejit ho rahi thee kion ki vo mujhe vapis kiss kar rahi thee.

Jab maa vapis aayi to hum bhai behan ke mukh ek dusre se esse jude huye thay jaise ki koi premi hon. Maa chup chap baith gayi.”Rocky beta, maine tujhe yahi sabak dia tha ki jab tak teri didi ka talak nahin ho jata tab tak dhyan se. Tu yahan apni didi se kiss kar raha hai aur bahar darwaza khula hai. Agar koi andar aa jata to? Mere bacho, meri khushi tumhari khushi main hi hai. Maine kal raat sab kuchh dekh liya tha aur Radha ne mujhe sab kuchh bata diya tha. Main tum dono ke saath hoon. Rocky beta, vakil ne kaha hai ki Vinod ko usski behan ke saath sambandh ke saath blackmail kar ke achha paisa banaya ja sakta hai…khas kar jab tere pass unki photos ke saath. Agar hum uss se 3-4 crore le lete hain to iss shahar ko chhod kar kissi dusri jagah ja sakte hain. Lekin tab tak bahut dhyan se rehna hoga. Beta tu jawan hai…par thoda dhyan se!!!”

Maine dusra glass banaya jab sab ne pehla glass khali kar diya tha. Iss bari maine glass mein vodka ki matra badha dee ta ki sab ko nasha jaldi ho jaye. Meri plan aaj raat ko apne pariwar ki dono auraton ko chod lene ki thee. Radha didi ke saath main raat bita chuka tha jisska maa ko pata tha. Ab maa ko chhod dena bewkoofi hogi. Akhir maa ki bhi kuchh zaruraten thee. Meri maa ki bhi lund ki bhookh mujhe hi mitani hogi. Apni maa ke gadraye jism ko dekh kar main pagal ho raha tha. Main didi ko glas pakada kar maa ke saath sat kar baith gaya. Maa ne ghunt bhara to sharab usske honthon se neechey beh gayi aur usski gardan tak sharab ke karan usska jism bheeg gaya. Maine jeebh se sharab chatna shuru kar diya. Maa ne apne aap ko chhudane ka prayas kia lekin maine ussko jakad rakha tha. Kucch hissa maa ki chuchi tak chala gaya jissko main chum chum kar chatne laga. Didi chup chap dekh rahi thee jab mere haath maa ki chuchi par kas chukey thay. Maa ki saans esse chal rahi thee jaise koi janwar chudte wakt saans leta ho.

Main thodi der mein maa se alag hota hua bola”Maa, aaj se hum dono teri har baat manege, lekin meri ek baat tum dono ko manani hogi. Tum dono ke saath mera rishta vaisa hi hoga jaisa tumne kal raat didi ke saath dekha tha. Aj se mera kabza na sirf Radha par hoga bal ki maa, tujh par bhi hoga. Main janta hoon maa, ki tujhe bhi jism ki bhookh lagati hai aur didi ke bhi kuchh armaan hain. Main ghar ka mard hoon. Aap dono ka mere jism par pura hak hai aur mera tum dono par. Yani pati ek patnian do. Rocky kal bana tha behnchod aur aaj banega madarchod!!! Bolo mazur hai aapko?” Kehte huye main maa ka haath apne lund par rakh diya. Iss bari maa ne apna haath nahin kheencha. “Radha kia tum mujhe maa ke saath baant sakti ho?” maine puchha to Radha apni seat se uthi aur maa ke honthon par honth rakh kar kiss karne lagi. Kisi jawab ki zarurat na thee. Maa mere lund se khelne lagi aur apni beti ko kiss karne lagi.

Maine maa ki janghon par haath ferna shuru kar diya aur didi ki sari khol dali. “Rocky beta, tu aur Radha to theek ho, mujhe iss kaam mein mat ghaseeto. Main ab jawan nahin hoon. Yum dono ki shadi main karwa doongi. Mera vada raha. Mujhe tum jaisa jamai aur Radha beti jaisi bahu kahan milegi aur main tum dono ka pyar apni ankhon ke samne dekh sakungi” Main maa ki baat sun kar khush to hua lekin bina maa ke meri garahsthi puri hone wali nahin thee. Aj raat ko meri maa mere liye meri pyari Sujata ban jayegi. Bilkul meri behan jaisi ek chodne wali aurat. Meri ek aur patni!!! Maine apni zip khol dee aur maa ka haath apne garam liund par rakh diya,” Sujata, apne bete ka lund pakad kar dekho ki aapke pati se bada hai ya nahin? Meri pyaru Sujata, chahe ye lund teri choot se nikla ho, aj teri chut ko chod kar tujhe auarat ka sukh dega, tujhe mere baap ki kami mehsoos na hone dega!!!”

Maa ne mera lund sehlaya aur vo aur bhi kada ho gaya. Radha didi ne apna haat maa ki kameez mein dal kar usski chuchi ko sehlana shuru kar diya. Meri maa Sujata ka jism ap vasna se gulabi hone lag chuka tha. Radha didi bhi bahut sexy andaz se mee ko kiss kar rahi thee. “Maa, Rocky tujhe bhi ussi tarah pyar karega jiss tarah mujhe kar chuka hai. Bahut pyara hai mera bhai….tera beta…..humara khyal rakhega….hamara mard Rocky….hum dono isski ban ke rahengi…aur ye hamara….na mera …na tera…maa aur beti ka ek mard…ek yaar..ek lund…..jo mera bhi hai aur tera bhi!!!!!”

Maa ka chehra aur gulabi ho gaya. Shayad sharam aur vasan ka mila jula asar tha.”Haan beti, jissko jamai banaya tha vo to dhoka de gaya. Ab apne khoon par hi bharosa hai mujhe. Rocky mera beta bhi hai aur damad bhi aur pati bhi….Hey bhagwan mere pyar bhare pariwar ko kissi ki nazar na lage. Haan Rocky, mere bete, tera lund tere baap se bhi bada hai aur mota bhi…mujhe yakeen hai tu iss se hum maa beti dono ko santusht rakhoge. Tere lund ka sparsh mere andar ek jawala bhadka raha hai. Mere andar ki aurat ko jaga raha hai. Mujhe koi apati nahin agar Radha mujhe bhi tera pyar baantne ke liye razi hai. Mere beta jaisa mast jawan humarae liye bahut hai. Jo man main aaye kar le tu beta!”

Main uth khada hua aur maa ki kameez uttarne laga. Maine maa ki balon ka juda bhi khol dia. Radha didi ne apna blouse aur petticoat uttar diya. Radha didi ka gora jism pyar aur sharab ke nashe se bahut gulabi ho raha tha.”Maa, Radha didi ko chod chuka hoon main. Tujhe chod kar aaj ki raat yadgaar banana chahta hoon. Sujata kahun to koi etraz to nahin hoga? Mujhe yakeen hai ki Radha didi ko bhi jalan na hogi agar main aap dono ko chodun!!!” Radha ne apni panty uttarte huye kaha”Rocky, mere bhai, maa beti mein kaisi jalan? Ghar ka maal ghar mein hi to rahega. Aur vaise bhi Sujata ki marzi se hi hamara milan sambhav hoga. Tera jitna hak apni behan par hai, utna hi apni maa Sujata par hoga. Main tum dono ko chudayi karte dedkh kar maa se kuchh seekh loongi. Kion Maa?”

“Theek hai beti. Mujhe bhi aaj 20 saal ke baad lund nasib ho raha hai aur vo bhi apne bete ka. Sach beta, tera lund bilkul tere baap jaisa hai, bas mota thoda adhik hai. Aj apni maa ko vo sukh de do jo tera baap deta tha. Radah beti, chudayi ka sab se pehla kadam hai mard ka lund sehlana, muthiana, iss se pyar karna, issko chumna, chatna. Jo main karti hoon tu bhi vaise hi karna. Jitna maza Rocky ko aayega, utna hi tujhe aur mujhe bhi aayega.” Maa ne mera lund apne garam haathon mein le lia aur upper neechey karne lagi. Ussne mere supade par zuban feri to Radha didi ke muh se aah nikal gayi. Radha ab maa ki har harkat gaur se dekhne lagi. Mera lund bekabu ho arha tha. Radha didi ne maa ki nakal karte huye mere lund par zuban ferni shuru kar dee. Drawing room mein ye sab karna mujhe aramdayak nahin lag raha tha. Maine dono se kaha,”Humko bed par chalna chahiye. Yahan maza nahin aayega. Mujhe lagata hai ki maa ke bed par chala jaye. Ussi bed par jahan maa ko pehli baar papa ne chod kar garbhwati kia tha, ussi bed par beta bhi apni pyari maa ki chudayi ka mahurat karna chahta hai!!Kion kia vichar hai Sujata?”

Maa ke chehre par ek khas muskan ubhar aayi. Aaj maa ka chehra esse chamak raha tha jaiese kissi nai naveli dulhan apni pehli chudayi ki parteeksha kar rahi ho. Hum teeno puri tarah se nange ho kar maa ke bedroom ki taraf badh gaye. Jab maa aage aage chal rahi thee to mujhe usski gaand bahut utejak lag rahi thee. Sujata meri maa ke chutad bahut sexy thay. “Ek din Sujata ke makhmali nitambhon ke beech se usski gaand zarur chodunga” maine apne aap se vada kia! “Tum dono bistar par chalo, main ek last peg bana kar lata hoon” Maine kaha aur peg banane lag pada. Sharab ke nashe ko vasna ne doguna badha diya tha. Maine teen bade peg banaye aur maa ke room mein ja ghusa. Bistar par jo nazara tha dekh kar dil khush ho gaya. Meri maa aur behan dono ek lesbian 69 ki position mein side by side leti hui thee. Sujata ki chut par Radha ke honth aur Radha ki chut par Sujata ke honth thay. Main samajh gaya ki dono auraten chudasi ho rahi hain. Radha didi ki jeebh Sujata ki chut ki phankon ko chus rahi thee aur maa apni beti ki chut ka ras chat rahi thee. Maine glass table par rakhe aur nazdeek ja kar mujh se na raha gaya aur maine ek ungli maa ki gaand mein dhakel dali. Suajata ko iss baat ki koi umeed nahin thee aur had badahat mein ussne Radha ki chut ko kat khaya. ‘Ui…maa ye kia…mar gayi!!!!” Radha didi chhat pata padi.

Maa ne apna muh Radha didi ki chut se hata liya aur banawati gussa dikhati hui boli,”Sorry beti, ye sala Rocky madarchod shararat kar raha tha. Issne meri gaand mein ungli dal dee thee jiss ke liye main taiyar nahin thee” Maine maa ke nitambh par kiss kia aur bola” Koi baat nahin Sujata Rani, ab gaand to tabhi sparsh karunga jab tu taiyar hogi, apne madarchod bete se gaand marwane ke liye. Tab tak Radha didi ko bhi taiyar karo. Sach kahun to mera vichar tum dono ko apni patni banane ka hai, agar tum dono chaho to! Main jijja aur baap dono ka farz nibhana chahta hoon. Tumhari dono ki gaand hai hio bahut sexy!!!”

Radha didi ne jhat se apna glass uthaya aur ek hi saans mein gatak gayi. Main Sujata se lipat kar ussko chumne laga aur usski chuchi ko masalne laga. Radha didi ne mera lund chusna shuru kar diya. Ab ussko apne bhai ke lund se pyar ho gaya tha,aur hota bhi kion nahin. Main apne lund ko sabun se dho kar rakhta hoon aur vo bhi khushbudar sabun se.

Radha didi ne pehle to apne galon par mera supada fera aur fir pyar se ussko kiss kia. Main kiss karte huye ek haath se maa ki chuchi masal raha tha aur dusre se usski chut sparsh kar raha tha. Teen jism ab hawas ki aag mein jal rahe thay. Rukna munasib na tha. Radha ne ab mera lund haath mein le liya tha aur mere andkosh chusne shuru kar diye thay. ‘Beta, ab jaldi se dal do meri chut mein apna lund. Bahut tarsi hoon main lund ke liye. Kal raat jab maine tera lund Radha ki chut mein jate huye dekha tha, tab se meri nigodi chut bhi isski kamna kar rahi hai. Tere lund ki chamak abhi tak mere dilo dinag mein basi hui hai. Bas deri na karo, Rockt beta. Thok do apni maa ko, apni Sujata ko chod kar nihal kar do. Hum maa beti ke swami ban jayo. Ohhhhh Beta, meri chut mein aag lagi hui hai!!!

Maine maa ko lita liya aur usski janghon ko kholte huye usski chut ko pyar se soongha. Maa ki chudasi chut ro rahi thee khushi ke maare. Fir maine apna supada Sujata ki chut par tikaya aur chut par ragadne laga. “Uffffff Rocky!!!! Kion tarsa rahe ho? Dal do na!!” Radha didi meri peeth se sat kar mujh se lipatne lagi.”Bhai, pel dalo apni Sujata ko. Fir meri bari aayegi apne payare bhai ke lund se chudwane ki. Rocky, Sujata ki chut masti se bhari padi hai. Masal dalo issko apni maa ki pyasi chut ko. Jo kam papa ne kia tha aaj unka beta bhi kar dale. Bhaiya maa ke baad fir mujhe kal aat wali jannat dikha dena. Main mehsoos kar rahi hoon ki aaj tera lund kal se bhi adhik utawla ho raha hai. Aur mera raja bhaiya ka lund utawla ho bhi koin na? Aj behan ke saath saath maa bhi mere bhai ki humbistar ho rahi hai. Shabash bhai, chodna shuru karo, tab tak main maa se apni chut chuswati hoon. Meri chut bhi jal rahi hai!!!” Fir Radha didi ne mera lund pakad kar maa ki chiut ke andar dhakel diya. Meri maa ki chut se itna pani beh raha tha ki lund asani se chut ki gehrayi mein uttar gaya. Maa ki tangon ne meri kamar ko kas liya aur vo apni gaand uchhalne lagi.

Radha didi ne apni tangon ko faila kar apni chut maa ke mukh par rakh dee aur Sujata ne apni zuban usski chut mein ghusa dee. Radha ab maa ki zuban par chut hilane lagi. Radha ki saans bhi bahut bhari ho chuki thee. Maa aur didi dono kamuk siskarian bhar rahi thee. Maine Sujata ki chuchi ko zor se masalte huye dhakkon ki speed badha dali. Lund phacha phach chut ke andar bahar hone laga. Jab maine maa ke nipples chusna shuru kia to vo bekabu ho gayi aur pagalon ki tarah chudwane lagi. Sujata ne apna mukh meri behan ki chut se alag karte huye kaha,” Wah beta, Wah, chod mujhe….chod apni maa ki chut….chod meri chut!!….apni maa ki chut se paida ho kar aaj ussko chod, madarchod….Tu apni maa ko jo anand de raha hai, usska ka koi mukabla nahin…aaaaaahhhhhh….Rocky!!!!! Ohhhh madarchod………Radha…tera bhai vakai hi bahut dumdar hai…tujhe hamesha khush rakhega…hum dono ko khush rakhega…khub chodega hum dono ko!!!!”

Radah ab uth kar aayi aur mere andkosh se khelne lagi aur maa ki gaand mein ungli karne lagi. Lagata tha ki ab meri behna chudayi mein adhik dilchaspi lene lagi thee. Jion hi Radha ki ungli maa ki gaand mein gayi to maa ka jism ainthne laga. Usski gaand toofani gati se upper uthne lagi. Maa ab jhadne wali thee. Maine bhi chudayi aur tez kar dee lekin mujh se pehle maa jahr gayi.” Ohhh beta….main gayi….Rocky…Teri sujata jhareeeee…Teri maaa jhar rahi hai…aaaaahhhhh!!” Sujata ki chut ka ras usski janghon se hota hua bistar par girne laga. Koi 2 minute chhat patane ke baad Sujata shant ho gayi. Lekin main abhi nahin jhara tha. Maine apna bhega hua lund Sujata ki chut se nikala aur maa ki bagal mein hi Radha didi ko lita diya. Didi mere lund ko bhookhi nazaron se dekh rahi thee. Vo aage jhuki aur mere lund ko chusne lagi, chatne lagi. Radha didi mki ankhen utejna karan band thee aur vi kissi raand ki tarah apne bhai ka lund chus rahi thee. Mujhe khushi thee ki vo Radha jissko apne pati ka lund ganda lagata tha, aaj apne bhai ke lund ko kiss tarah pyar se chum rahi thee.

Maine didi ko balon se kheench kar ghodi banaya aur lund ghused diya ek hi jhatake mein,”Ummphhhfff… Ummphhff Innnnnnnnnnnmmmmmmm……mmmmffff…it…aaaahhhhhhhhh…… mmmfhhh…bhaiyaaaaa….dheere….maaaaaa….mar gayeeee” Radha bilbilane lagi. Main ab didi ko berehmi se chodne laga. “Radha…kaisa lag raha hai? Mera lund teri chut mein ghus chuka hai…bahut tight hai teri chut…..mujhre bahut maza de rahi hai ye” Udhar maa hum dono ko dekh kar muskura rahi thee aur muskurati bhi kion na. Akhir ghar ka mard ghar ki aurat ko chod kar anandit kar raha tha.

Mera haath kai baari Radha didi ki chuchi masal deta aur kai bar usske chutar par chapat mar deta jiss se meri didi ki kamukta aur tez ho jati. Didi aage ki taraf jhuki hui thee aur main ussko ghodi bana kar chod raha tha. Ghodi bana kar chodne ka maza hi kuchh aur hota hai. Kamre ke andar sex ki khushbu faili hui thee. Mujhe didi ke nange jism ki tasveer aur bhi kamuk bana rahi thee. Dhake toofani ho chukey thay aur didi apne chuttar peechhey dhakel kar mere maze ko doguna kar rahi thee.”Rocky mere bhai, teri behan ja rahi hai…meri chut pani chhod rahi hai…..aaaahhhh maij jhad rahi hoon…jor se….chodo bhai……main mar gayi….chodo bhaiyaaaa!!!” Mera lund bhi choot raha tha. Main apna ras didi ki chut ke andar chhodne wala tha. Maine Radha ko kas ke pakad rakha tha aur tabad tod chod raha tha.” Oooooohhh……uuuuuhhhhhh…mmmmmmmnnnn………..aaaaaaaammmmmm!!!!!!!!” mera lund apna fowara chhodne laga. Main kutte ki tarah haanf raha tha. Radha didi ka bhi haal bura ho raha tha. Main didi ki chut mein lund dal kar so gaya.

Agle din jab main utha to didi aur maa dono kamre mein nahin thee. Saver ke 8 baj rahe thay. Main uth kar bathroom mein gaya. Naha dho kar jab bahar nikla to dekha ki maa puja kar rahi thee aur didi usske saath baithi hui thee. Jab main wahan pahuncha to pehle didi ne aur fir maa ne jhuk kar mere pairon ko sparsh kia. Jab maine unko essa karne se roka to vo sharma kar boli,” Rocky tum aaj se hamare pati ho aur hum teri patnian. Duniya hamare rishtey ko kuchh bhi samjhe, lekin tum hamare swami ho
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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(29-01-2020, 03:14 PM)neerathemall Wrote: Sardi Me Diya Bhabhi Ne Garmi Ka Maza

main 20 saal ka hoon aur height 5’10” aur land 7” lamba aur 5 cm mota hai aur meri mail id hai “[email protected]” aur ye meri pehli real story hai agar koi galti ho to maaf kar dena, ab main story pe aata hoon ye meri real story hai aur ye story 5 din pehle ki hai jab main apne dadaji ke yaha ghumane gaya tha, jab gaon gaya to laga mamaji ke yaha bhi jana chahiye aur main waha shaam ko 4 baje pahuch gaya aur jab main pahucha to sab khush the mere 3 mama hai unme se chhote wale mama ka ladka wahi rehta hai aur jab main usse mila to hamari khub baate hui, fir maine usse puchha ki yaar sex karne ka man kar raha hai ye gaon ki ladkiyan kaise patayi jati hai bata na to tab usne mujhe bataya ki jo ladki pasand ho use akele me pakad lo aur use idhar udhar chhedo aur fir bolo ki mujhe chahiye to isse wo khud samajh jayegi ki tum kis baare me bol rahe ho.

Aur fir uski marzi puchh ke tumhe jo karna ho kar lo, itni baato me kafi time ho gaya aur khana khane ka samaye ho gaya to fir hamne khana khaya aur fir sone chale gaye thand kafi thi to sab rajayi odhe hue the to wahi meri bhabhi matlab bade mama ji ke ladke (jo delhi me rehte hai) ki wife wahi akeli leti hui thi, to main unke sath khisak ke let gaya aur mere aane ki wajah se kisi ko need nahi aa rahi thi tabhi mere man me khayaal aaya kyu na antakshari khele sab milke to sabko achha laga aur start kar di, rajayi me mujhe bhabhi ki garam garam tange mehsus hui aur achha bhi laga, jab baaki log gaana ga rahe the tabhi mujhse raha nahi gaya aur mujhe bhai ki baate yaad aayi aur maine jhat se bahut himmat karke bhabhi ke suit ka naada pakad liya to wo ek dam se chonk gayi aur mera hath chutane lagi par gym jane ki wajah se me kafi powerfull hoon aur wo mera hath alag nahi kar payi.

Fir maine dhime se kaan me kaha ki mujhe chahiye warna main naada tod duga to fir unhone itna sunke virodh band kar diya aur mere to jaise sare sapne sakar hone wale ho, tabhi mene unka naada kholne ki koshish ki aur thodi der me khul gaya aur fir maine dekha unhone panty nahi pehni hui thi to tabhi hamari bari aa gayi gaane ki aur maine bhabhi se kaha ki aap gaana gaao aur unhone gaana start kiya hi tha ki mene unka suit andhere me hi rajayi ke andar se upar kiya aur unke boobs masalne laga aur chusane laga isse unke gaane ki dhun bhi change ho rahi thi, thodi der baad gaana khatam ho gaya aur kisi aur ki baari aa gayi to fir bhabhi ne mera underwear utar kar land ko hath lagaya aur mere balls ke saath khelane lagi, mera land thand ki wajah se sikuda hua tha to fir unhone use aage piche kiya to wo dhire dhire khada ho gaya aur fir maine unki chut me khub ungli daali aur andar bahar karta gaya aur saath me boobs ki bhi chus raha tha.

Mujhko thand ka pata bhi nahi chala aur jaise thand lag hi nahi rahi thi aur bhabhi kafi garam ho chuki thi aur unse chupak ke letne ki wajah se mujhe bhi thand nahi lag rahi thi, fir bhabhi mere land ko chut me dalne ki koshish karne lagi par chadani raat ki wajah se kisi ko shak na ho isliye wo ghum gayi aur dusari taraf face kar liya aur fir mere land ko piche se chut pe lagaya aur ye mera first time tha aur wo bhi meri pyaari bhabhi ke saath to main bhi bahut excited tha to maine der na karte hue dhakka maara land fisal gaya, kyuki bhabhi kaafi dino se chudi nahi thi aur unke ek bhi baccha nahi hai to chut tight thi to fir unhone dubara se mera land pakad ke chut ke chhed pe lagaya to maine jor ka jhatka mara bhabhi ki dhire se aahhh nikal gayi par kisi ne suna nahi aur fir main dhire dhire dhakke marta raha aur karib 30 ya 35 mint baad mujhe garam garam mehsus hua sayad ye bhabhi ke jhadne ki wajah se hua tha “Diya Bhabhi”.

Fir mujhe laga mujhe khatam karna chahiye ye sab to maine jor jor se dhakke lagane shuru kiye aur fir 15 mint baad main bhi charam seema pe pahuch gaya aur main unki chut me hi jhad gaya aur fir wo uthi aur susu karne chali gayi aur aake fir mere sath so gayi, to main bhi puri raat bahut gehri need me soya aur subah sabke uthne se pehle ek round aur mara aur dusre din me chala aaya, ab next time jab jauga to bhabhi ki jarur maruga mujhe wo sardi ki raat me garmi ka maza hamesha yaad rahega ccccccccccccc
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Heart 
Radhika Ne Sikhai Bhatije Ko Chudai
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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Main radhika hajir hoon aap ke samne aapni new story ke sath.dosto ek baat kahu aap logo ko ki main jo bhi ye kahania likh rahi hoon bilkul sachi hain koi jhooth nahi hai in main ye mere sath ghati hui ghatnae hain han to dosto hum topic pe aate hain baat koi 2 saal purani hai.main aapne sasural main aapne pati or sasur ji ke sath maje lete hue din kat rahi thi ke ek din mere sasur ji ke bade bhai jo ki sath hi gaon main rehte hain wo aaye gaon main unke pass kafi jameen hai or unka ek hi ladka hai or do potian or pota ek hai badi poti ki shadi ho chuki hai or pota or usse choti poti abhi kunware hain. wo mere sasur ji se 10-12 saal bade hain is lie sabhi unki bahut izat karte hain. unka beta mere pati se koi 10 saal bada tha. or wo humare ghar aapne pote ki shadi ka naota dene aaye the. unhone batayea ki unke pote ki shadi 15 din baad hai .mere sas sasur ji ne pucha ki aapne pehle to batayea nahi to bole ki bas kal hi date final ki hai to maine socha ki sab se pehle tumhe hi bataoo.sare ghar main khushi ka mahool ban gayea tha ki shadi main jayenge.

Maine unhe chai wagehra pilai . fir wo ek dum se bole ke radhika beti tum tayar ho jao to main unhe dekhne lagi ki ye kya keh rahe hain to wo mere sasur ji ko bole ki radhika ko main sath le kar jaunga kau ki uske bhatije ki shadi hai or shadi main sirf 15 din baki hain or ghar pe kaam bahut hai to ye humari help kar degi kaam main. mere pati tour pe gaye hue the is lie main or sasur ji khoob mouj masti kar rahe the roj hi is lie ye sunte hi unka chehara udas sa ho gayea ki ab 15 din radhika se door rehna padega lekin fir ek dum se khush hote hue bole ki han han kau nahi bhai sahib le jaie aap ise aapne sath. babuji ne rajan ko phone kar ke bata dia tha ki tum tour se sidhe aapne tau ji ke ghar pe hi aa jana kau ki wahan pe shadi hai. or fir main tayar hone ke lie aapne room main chali gai. lekin tabhi main bahar aai or boli ke babuji kya hum kal chal sakte hain kau ki aaj main bajar se aapna saman le aaungi towo bole ki nahi beti ghar pe bahut kaam hai tum abhi bajar se aapna saman le aao hum sham tak chalenge. maine kaha ki thik hai. meri baten sun kar mere sasur ji bhi khush ho gaye the kau ki wo samaj gaye the ki main aaj ki raat unke paas rehne ka bahana bana rahi hoon. lekin babuji ki baat sun kar wo fir udas ho gaye.

Fir sabhi ne khana kha lie or shop pe jane ko tayar hone lage. bade bauji bhi bole ki chalo main bhi chalta hoon shop pe main ghar pe kya karunga. maine aapne sasur ji se kaha ki babuji aap mujhe bajar tak chod dijie main wapis aaapne aap hi aa jaungi. wo bole ki thik hai jaldi se tayar ho jao. main tayar hone chali gai or tayar ho kar aai to sabhi chalne ko redy baithe hue the. babuji ne gadi nikali or hum usmain baih gaye pehle babuji ne marei sas or bade babuji ko shop pe shod dia or fir mujhe bajar shodne ke lie chal die. shop se thoda door ja ke babuji ne gadi rok di or main aage wali seat pe aa gai or babuji bole ki radhika kaise nikalunga main tumhare bina ye 15 din or upar se raat ko bhi main tumhare paas nahi aa payea kau ki tumhari sasu mom ki tabiat thik nahi thi to maine babuji se kaaha ki mushkil to mujhe bhi hogi reh to main bhi nahi sakti aap ke bina lekin jana to padega hi fir maine babuji se kaha ki babuji abhi 10.30 hue hain main 11.30 tak ghar pe pahunch jaungi aap koi bahan kar ke aa jaiega or fir koi 2 baje ja kar bade bauji ko lunch ke lie le aaiega.

Mujhe bas thoda sa hi saman lena hai. wo bole ki main janta hoon ki saman to ek bahana hai sach main radhika main bhi tumhare bin reh nahi sakta main thik 11.30 ghar pe hounga or unhone mujhe bajar chod dia or chale gaye. maine jaldi se thoda sa saman lia or thik 11.25 pe ghar pahunch gai or thik 11.30 pe door bell baji . maine jaldi se door open kia too bahar sasur ji khade the. wo aandar aa gaye or unke hath main ek polithin tha maine pusha ki ismain kya hai to bole ki wo bhi dikhata hoon unhone aandar se door ki kundi lagi or mujhe god main utha lia or mere hothon ko choomte hue mujhe mere room main le gaye. mujhe bed pe bitha dia. maine kaha ki shop pe kya kaha aapne to bole ki keh dia ki kisis kaam se ja raha hoon 1-1.30 baje tak aa jaunga fir hum khana khane chalenge or sath hi bhai sahib or radhika ko bus main bhi bitha denge.

Maine kaha ki polithin main kya hai to bole ki baad main dikhunga or wo bed pemere sath baith gaye or mujhe bahoon main bha lia or mere hothon ko choomne lage or dheere dhheere se mere boobs ko sehlane lage. maine bhi unhe bahon main bhar lia or unka sath dene lagi. unka lauda puri tarhe se tan chuka tha mrea ek hath unke laude ko sehla raha tha. maine kaha ki aap subha udas kau ho gaye the to wo bole ki tumse door jo rehna padega to maine kaha ki main tabhi samaj gai thi isi lie maine aaj ki raat rukna chahti thi tanki aapko aaj pura maja de kar hi jaoo tan ki aapke bhi or mere bhi 15 din aaram se nikal saken to wo bole ki main tabhi samaj gaya tha main janta hoon ki tum mera bahut khyal rakhti ho tabhi to main tumhare pati se bhi jayada tumhe chodta hoon. maine kaha ki aaj ji bhar ke maja le lijie aiasa chodie ki 15 din mujhe aap ki kami mehsus na ho to wo bole ki chinta mat karo meri jaan aaj tumhe ji bhar ke maja dunga. fir unhone aapne hath meri kameej ke aandar dal die or mere boobs ko sehlane lage.fir unhone mere or aapne sare hi kapde utar die hum dodno bilkul nange ho gaye. ab wo mere ek boob ko suck kar rahe the or dusre ko masal rahe the mere mooh se siskian niklalne lagi thi. kabhi wo mere boob ko maslte to kabhi meri chut pe unglian firate mujhe maja de rahe the. maine bhi unke laude ko pakad rakha tha or use sehla rahi thi.

Wo mere boob ko suck kar rahe the or keh rahe the mmmmwwaaahh kya majedar hai or main guun guun ki awajen nikalti hui sisak rahi tha. oohhhh babuji aahhhbabuji hhhaaiii babuji ooohhhh mmom hhhhhaaiii mmain margai ahhhh fir wo mere sare badan ko chumte hue meri chut ki taraf bade or chut ke paas pahunchte hi zhat se aapne juban meri chut main dal di or use aandar hilane lage mere sare tan badan main aag si lag gai thi.main bhi jaldi jaldi se unke laude ko sehla rahi thi. main sisak rahi thi aaahhhhhhh oohhhhhh ahhhaiiiiiiii ahhahahahhhhhhhhhhhhh aahhhahhahh hhahaiiaiaiaiaiaiai ooohhhhhhhhhhh hhhaaiiiiii ahhahahahhhhhhhha hhhhhhhahhahahahhhhhhh haiiii babuji hahhiiiiiiiiiii ooohhhhhhhh babbuji hahhaiiii hhhhhiiii ahahahahhahahahahah ooohhhh mom hahahiiiiimmmaamammamawwwaahhahha hahhahahha hahha hahh ha h or kareeb 10-15 minat meri chut chatne ke baad unhone mujhe kaha ki ab tum mere laude ko suck karogi to maine kaha ki kab se redy hoon main to aap 69 ka poj banayea na. fir hum 69 ke poj main aa gaye ab wo meri chut chat rahe the or maine ounke laude ko mooh main le kar choope mar rahi thi unke meri chut chatne ki wajhe se main sisak rahi thi lekin unka lauda mere mooh main hone ki wajhe se siraf mere mooh se goon goon ki awajen hi nikal rahi thi.

Wo pure dil se meri chut ko chat rahe the unki zuban ne mere aandar tufan macha rakha tha ab main unka lauda aapni chut main lene ko tadap rahi thi so maine kaha ki haiiiiiiiii babuji ab to dal dijie aapne laude ko meri chut main ab or mat tadpaie plz chodiena ab mujhe haiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii plzzzzzzzzzzzzzzzzz babuji dal dijie na aapna lauda meri garam chut main haiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii ahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh plzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzz mat tadpaie na randi randi ko plzzzzzzzzzzzzz haiiiiiiiiiiiiii ahahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh hahhiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii wo bole ki dalta hoon meri randi bahu dalta hoon or meri chut ko or chatne lage maammmmmwwaaaahhh kya gajab ka sawad hai teri chut ka meri rakhail wwwwaaahhhh mmmaaaaawwaahhhhhhhhh dil hi nahi kar raha ismain abhi lauda dalne ka dil karta hai ise abhi or chatu bahut majedar khushboo aa rahi hai ismain se or bahut swad pani nikal raha hai or wo fir se meri chut chatne lage or fir kuch der baad wo sidhe hue mujhe bhi sidhi lita lia or meri tangn utha kar aapne kandhon pe rakh lee or aapne laudepe thoda sa thuk laga lia or laude ko meri chut ke dawar pe rakha. meri chut to pehle hi pani pani ho chuki thi laude ke chut ko touch karte hi meri chut machal uthi ki ab jaldi se lauda ghus jaye us main or meri chut main masti si bhar gai fir unhone ek jordar dhaka mara or ek hi dhake main lauda meri chut ko cheerta hua pue ka pura chut main ghus gaya. mujhe yu laga jaise koi road meri chut main ghus gai ho. bahut maja aayea jab lauda sarsrata hua aandar gusa tha.

11inc ke laude ne mere aandar tabahi macha di thi.mujhe darad bhi ho raha tha or maja bhi aa raha tha. maine babuji ko kaha ki aap mujhe ghodi bana ke chodie na to wo bole ki wo bhi chodunga pehle aise to chodne do or unhone dhake marne shuru kar die lauda aanadr puri masti se fanfna raha tha or meri chut ko mast kie hue tha. aaj to na jane unmain itna josh kahan se aa gaya tha ki wo pura lauda bahar nikal nikal kar strok mar rahe the meri to cheekhen nikal rahi thi lekin maja bhi aa raha tha main cheekh bhi rahi or keh rahi thi haiii main maarrr gaiiii aaahhh marrrr gai aaaahhhh bbbubuji or jor se marie na hai ahhhhhhhh ahhhhh or jor se hai pad dali meri chut haiiiii ooohhhh mommm haooo hhaaaiii mom aahhhhh orrr jor se or babuji bhi pure jor se lage hue the mujhe chodne main ab unki speeddd badti ja rahi thi or maionnn aaahahahahahaha ah ah ah ah aha haaha aha ha aha ha aha aha ha ahahahai hai hai hai hai ahi ahahahahahaha hai oh oh oh oh hai hai hai hai ah hah ah ah ahh ahh ahh ahh ah lauda puri speed pakadta ja raha tha fir mujhe laga ki main farig hone wali hoon ki tabhi babuji bhi bole ki main bhi farig hone wala hoon maine kaha ki sab plz bahar mat nikaliega aandar hi rehne dijiega laude ko or unki speed or bhi bad gai or wo aahhhhhhh radhika meriiii randi ahaahhhhhhh ahhhhhh ahhhhhh ahhhhh ahhhhhh karte hue tej tej dhake marne lage main bhi ab farig hone wali thi so or bhi josh main aa gai or jaise jaise dhakon ki speed bad rahi thi meri awaj bhi tej ho rahi thi aah ahh ahh ahh ahh aha ha ha hahahahaha ah ah ah ah ah ah ahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh ah ah oh oh ohhoh ohh ohhh ahhha hahh ahhh or tej haii haiii ahhhi haiii ahahahh or tej babuji plzzzzzzzzzzzzzzzzzzz or fir dono ek sath hi zhad gaye to babuji mere upar hi let gaye or mujhe bahon main le kar aram karne lagae. aaj to babuji ne meri chut ka halwa bana dia tha bahut zordar dhake mare the. or khoob maja dia tha. ab lauda aandar bilkul shant pada hua tha jaise ki koi sanp bil main ghus ke so raha hota hai.

Usne jam ke meri chut ka pani nikala tha. koi 15 mint aaram karne ke baad wo fir uthe or mere hothon ko chumna shuru kar dia. maine kaha ki babuji plz ab mujhe ek baar ghodi bana ke bhi chodie na jab aap mujhe ghodi bana ke chodte ho to bahut maja dete ho to wo bole ki tumhari wo tamana bhi puri karunga meri jaan lekin pehle ek baar main tumhari gand marunga. to maine kaha ki nahi babuji bahut darad hota hai to bole ki meri khatir kyaaaa atum darad bhi nahi seh sakti to maine kaha ki babuji sirf ek aap hi jo meri ye gand marte ho or aapke siva maine rajan se bhi kabhi aapni gand nahi marwai hai ye to aap ke laude ka sawad pad gaya hai meri gand ko nahi to main kabhi bhi nahi marwati ise aap ki khatir to main kuch nhi kar jaungi to wo bole ki sach main radhika jo maja tumhe chodne main or tumhari gand marne main hai na wo maja to kabhi tumhari sas ne bhi nahi dia maine sirf ek ya do baar hi uski gand mari hogi lekin tum ye to janti hi ho ki mere laude ko bhi tumhari gand se payar ho gaya hai jab tak main ek baar tumhari gand maar na loon tab tak ye shant hi nahi hota hai sach main koi zadu hi hai tumhari gand mai maine kaha ki mujhe bhi aap se chudne main jayada maja aata hai jab tak aap mujhe chodte nahi ho meri bhi payas kahan bhujti hai tabhi to aap se aapni chut or gand dono hi marwati hoon jab aap ka lauda aandar jata hai to mujhe ek ajeeb sa sakun milta hai meri chut ko ek ajeeb sa maja milta hai aap se chudai karwane main jo ki rajan se bhi nahi milta or meri gand ke malik to ho hi aap wo to sirf aap ki amanat hai aap ka jab bhi dil karta hai aap use bhi khoob marte ho to wo bole ki sach hai radhika jis din se tumhe chodna shuru kia hai zindgi hi badal gai hai meri ye kehte hue unhone mujhe ghodi banne ko kaha or meri tangen khol ke 69 ke poj main aa gaye or aapne laude ko mere mooh ke paas le aaye or khud meri gand ko aapni jeeb se sehlane lage.

Maine pehle unke laude pe lage hue cum ko chat ke saf kia or fir use mooh main le kar choosne lagi jaise ki lolypop choos rahi houn wo ek hath se mere boobs bhi masal rahe the or meri gand ko bhi chat rahe the. wo meri gand ke shed main aapni jeeb ghuma rahe the jis se ke mujhe bahut hi maja mil raha tha. fir babuji uthe or aapne laude pe or meri gand pe thoda sa oil lagaea or laude ko meri gand ke dawar pe rakh dia meri gand laude ke saparsh se hi sihar uthi kau ki use pata tha ki ab bahut darad sehan karna padega.babuji ne ek jordar strok mara or aadha lauda aandar ghus gaya gand ke or meri cheekh bhi nikal gai hai main mar gai babuji haiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii tabhi unhone ek or dhaka mara or pura 11inc ka lauda meri gand ko fadta hua aandar ghus gaya or main darad se mimane lagi hai main mar gai hai babuji aapne aaj itni jor se dhake kau mare age to aap bade aaram se meri gand marte ho aaj aisa kau to wo bole ki radhika meri jan aage sabhi ghar pe hote hain or kisi ke bhi uthne ka dar rehta hai aaj mauka mila tha is lie jordar strojk laga dia kau ki gand marne ka maja hi tab aata hai jab ladki cheekhti hai aaj tumhari cheekhen sun ke laude ko or bhi josh aa gaya hai ab chinta mat karo aaj to puri tasali karunga main bhior unhone laude ko aandar bahar karna shuru kar dia. meri tight gand main lauda khalbali macha raha tha main chheeek bhi rahi thi or maje bhi le rahi thi haii babuji mar gai main haiiii haiii hiiiii hiiii aahhhhh ahhhhh ahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh ahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh ahhhhh ahhhh ahhhh aha ooohjhhh hhaiiii or jor se marie meri gand hhhaiii hhhn nn hhhhannnn hhhiiii oooohhh aahhhhhhh jor se plz or jor se uuuiii mmmom ahhhh hahhhiii ooohhh hhhjii hhi hi aahhh ahhh hai mar gai aahh mar gaiiii oohhhh hhhhhhhhhhiiiii ahhhh ahhh uuuiii mommmm or babuji or tej hote jate the.

Mujhe bahut maja aa raha tha main khush thi ki mera bahana chal gaya or mujhe abuji ka sath mil raha tha. babuji ab farig hone wale the ab unki sapeed or bhi bad gai thi or fir unhone sara cum meri gand main hi shod dia or mere upar yu hi let gaye. kareeb 10 mint baad uthe or bole ki time kya ho gaya hai to maine kaha ki 1 baj gaya hai to bole ki thik hai main ab chalta hoon tumhari sas or bade bhai sahib ko lunch ke lie le kar aata hoon to main ek dum se uthi or boli ki babuji ye to cheeting hai wo bole ki wo kau to maine kaha ki aapne mujhe abhi ghodi bana ke nahi choda hai or aap ko pata hai jab tak aap mujhe ghodi bana ke nahi chodenge meri chut ko sdantusti nahi milgi kau ki jab tak aap se main ghodi ban ke na chudu tab tak main tadpti hi rehti hoon. wo bole ki mujhe pata hai main to sirf majak kar raha tha jab tum mere itna khyal rakhti ho to kya main nahi rakhunga or fir unhone dubara se mujhe garam karna shuru kar dia. wo fir se meri chut ko chatne lage or boobs ko sehlane lage.

Fir maine unhe khada kia or baith kar unke laude ko aapne hathon main pakad lia wo fir se fanfna utha tha. maine use mooh main le kar choopne lagi or sath hi unki golion se khelne lagi. ab siskne ki bari babuji ki thi or wo sisk rahe the ohhhh radhikammmmmmmmmmmmmmmm haiiiiiiiiiii merriiiiiiiii jaaannnnn kaya gajabbbbbb se chhooooooptiii hoooo laude koooooooooooooooooooooooooooooooooooo aaahhhhhhhhhhhhhhhh oooohhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh haiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii aahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh or fir unhone mujhe ghodi bana lia or laude ko meri chut ke dawar pe rakha or jordar dhake se pura lauda ghusa dia chut main.

Ab mujhe lag raha tha ki jaise main sach main hi ghodi hoon or ghoda mere upar chada hua mujhe chod raha hai babuji ke dhake tej hone lage or room main chap chap ki aawaj gunjne lagi.main puri tarhe se mast ho kar chudai karwa rahi thi kya maja aa raha tha laude ka saparsh meri chut ko mast kie ja raha tha or main bhi aage piche ho kar pura sath de rahi thi babuji ka unka har ek strok mujhe puri tarhe se hila deta tha. ab unki sapeed badne lagi thi or main or bhi mast ho rahi thi hhhhhaiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii babujiiiiiiiiiiiiii ahhhhhhhh babujiiiiii hhhhooooooooooiiii uuuiiiiiiiiiiiiii ahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh hahhiiiiiiiiiiiiiii ooorrr tej han or tej hai hai hai hai hai or tej han or tej aahhhhh ahhhh ah ah ah ah ah ah ah ah ah ah ah ah ah han han han hai hai ahhh ah ha or babuji or bhi josh se chodne lagte the.main puri mast ho kar chud rahi thi kya maja aa raha tha.or fir babuji ki sapeed itni bad gai ki ab to stroks gin pana bhi mushkil ho raha tha or main ah ah ah ah ah ah ahahahahahahaha ahahaha ahaha ha ah oh oh oh ohohohohoho ohohohoh ahahaha kar rahi thi or fir main farig ho gai lekin babuji abhi bhi dhake mar rahe the or koi 10- 12 strok ke baad wo bhi farig ho gaye or mujhe bahon main bhar ke wahin pe hi let gaye.

Meri chut or gand dono hi darad kar rahi thi lekin kise parwah thi is sab ki jo maja mila tha uske aage to ye darad kuch bhi nahi tha. babuji bole ki ab kaisa lag raha hai to maine kaha ki aaj to aap ne mast kar dia hai mujhe bahut hi maja dia hai kya chudai ki hai aaj aapne sach main aisi chudai to aapne aaj tak nahi ki meri wo bole ki ab 15 din nikal jayenge na to maine kah ki koshish karungi kau ki aisi mast chudai kar ke to aap ne meri payas meri aap se chudne ki lalak or bhi bhadka di hai to ye sun ke wo hans pade or bole ki sach main tumhe chodne ka maja hi kuch or hai agar din main tumhe 10 bar bhi chodo to har bar pehle se jayada josh se chdai karwati ho maja aa jata hai tumhe chodkar. koi 10 mint baad uthe or mujhe god main utha lia or bathroom main le gaye fir hum dono hi naha lie or bahar aa gaye. time 1.45 ho chuke the tabhi meri sasu mom ka ph. aayea babuji ke ph. pe ki kahan ho to wo bole ki 2 baje tak pahunch jaunga or unhone ph. kat dia. main kapde pehnne ke lie uthi to meri nazar us polithin pe padi jo babuji le ke aaye the maine pusha ki ismain kya hai ab to bata dijie to wo mere pass aye or wo polithin utha ke usmain se ek black colour ki bra or penty nikal kar mujhe dete hue bole ki ye main tumhare lie le kar aayea hoon or unhone khud hi mujhe bra or penty pehna die maine kaha ki main itni jaldi khana kaise tayar karungi to bole ki tum sirf roti bana lo sabji main bajar se leta hua aaunga or keh dunga ki tumne kaha tha ki ho sakta hai main let ho jau to sabji bajar se le aayeaga or roti main bana loongi. maine kaha ki thik hai or fir wo jaldi se tayar hue or chale gaye or kareeb 2.15 baje ghar pe aa gaye main tab tak tayar ho chuki thi or bed ka cover bhi dho chuki thi jo ki hum logon ne aaj ganda kar dia tha. babuji sabji le aaye the or maine rotian ban di or sab ko khila di or fir khud bhi kha lee.

Kareeb 4 baje babuji hume bus main bitha aaye or hum log main or bade babuji unke gao ki or chal pade kareeb 4.5 baje hum unke gaon pahunch gaye. wahan pe pahunch kar maine sab ko parnaam kia. ghar pe bade babuji ki patni yani meri badi sans unka beta yani mere jeth ji or unki patni or mera bhatija sabhi the. sabhi mujh se milkar bahut khush hue waise bhi sabhi ghar wale mujhe bahut hi pasand karte the. meri jethani se to meri kafi banti hai. fir humne raat ka khana khaea or baith kr salah mashwara karne lage.unhone aapni kothi kafi badi bana rakhi hai. 3 bed room kitchan or lobi niche hai or 3 bed room hi upar hain. har ek room main attach bathroom hai. niche babuji or sasu mom or jeth jethani or ek room main meri jethani ki choti beti radha soti hai. unhone mujh se pucha ki tum kahan pe soogi to maine kaha ki main to upar hi soungi to mere lie upar ek bed room ko saf kar dia gaya. mera bhatija bhi upar hi sota tha. sab ke room main alag tv tha. mujhe meri jethani ne kaha ki raju ke room main tv hai agar tum kahao to tumhe wo room de dete hain to maine kaha ki nahi agar mujhe dekhna hoga tv to main raju ke room main baith kar hi dekh loongi. next day se humne shadi ki tayarian shuru kar di or sabhi aapne aapne hise ka kaam niptane main lag gaye main or meri jethani dono ki ghar main safai wagehra ki thi. hum dono ne sath mil kar 3 din main sare ghar ki safai ki or is kaam main humne mere bhatije raju ko bhi sath laga lia tha. wo kareeb 20 saal ka tha hight koi 5.7 ke kareeb or sehat bhi thik thi lekin hai wo bahut hi sidha sada sa. kisi se bhi jayada baat nahi karta or har dum aapne aap main hi mast rehta tha. lekin han meri wo har baat manta tha or mere se thoda bahut majak bhi kar leta tha warna wo kisi se bolta bhi nahi tha.

Humne 3 din main pure ghar ki safai kar di or next day main or meri jethani dupehar ko unke room main baithe hue baten kar rhe the ki tabhi wahan pe raju aa gaya or humari baten sunne laga. fir wo utha or bahar chala gaya ki tabhi maine aapni jethani se pusha ki didi ye raju to bahut hi sidha hai hai na to wo boli ki sahi main ye bilkul hi sidha hai hum iski shadi to kar rahe hain pata nahi ise kuch maloom bhi hai ki nahi ki shadi kya hoti hai or hum yu hi baten karte rahe.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Raat ko mere jeth or jethani koi 9.30 ke kareeb so jate the lekin main or raju 10.30-11 baje tak tv dekh kar sote the. 11 din mere aaram se nikal gaye the lekin ab mujhe aapne pati or sasur ji ki yaad satane lagi thi us din main raju ke room se koi 11 baje gai lekin sari raat karwaten badalti rahi lekin so nahi pai. ab mera man sex ke lie machal raha tha lekin main kya kar sakti thi is lie main last do din se kuch udas si bhi thi lekin kisi se kuch bhi keh nahi sakti thi. next day main ghar ke kaam kar rahi thi ghar ki safai kar rahi thi upar wale roomas ki . wahan pe raju ke room main uske kuch dost aaye hue the jo ki use shed rahe the.wo usse puch rahe the ki raju tumhe pata bhi hai ki shadi kya hoti hai kya karte hain shadi ke baad.suhagrat kya hoti hai or kya karte hain us raat ko or raju bilkul chup baitha hua tha or wo sabhi keh rahe the ki jab pata hi nahi hai to shadi kar ke kya karega. un sab ki baten sun ke mujhe bahut ajeeb sa laga or main janbuj kar unke room ki taraf gai or boli ki kya kar rahe ho chalo mujhe safai karne do or mujhe dekte hi sabhi chup kar gaye or bole ki chachi thik hai hum niche jate hain or wo sabi niche chale gaye lekin raju wahin pe baitha hua tha or gumsum sa baitha hua tha. maine pusha ki kya hua to bola ki chachi ye sabhi mujhe shedte hain. maine kaha ki thik hai abhi tum niche jao hum dono raat ko baat karenge tu mujhe batana ki ye tumhe kau pareshan karte hain. wo bola thik hai chachi or niche chala gaya.

Main safai karne lagi lekin mere man main ye vichar aa raha tha ki raju ko kuch bhi nahi aata hai or upar hum dono hi sote hain agar main raju ko sabkuch sikhane ki koshish karoon to wo sikh bhi jayega or meri bhi payas bujayega or ye vichar man main aate hi mera man khushi se uchal padi or main raat ka intjar karne lagi. raat ko hum dono hi tv dekh rahe the koi 10 baj chuke the ki maine hi baat huru ki ke han raju ab batao kya baat hai o wo bola ki chachi ye sabhi mujhe shdte hain kehte hain ki kya tumhe pata hai ki suhagrat kya hoti hai kya karte hain us din agar nahi pata to main shadi kau kar raha hoon to maine kaha ki ismain kon si badi baat hai kya tumhe nahi pata ye sab tum bata dete to wo bola ki chachi mujhe sach main nahi pata ki us din kya karte hain. main chup kar gai or wo mera mooh dekhne laga maine aapna jaal bishate hue kaha ki agar main tumhe bata doon ki us din kya karte hain to tum kisis ko bataoge to nahi ki ye sab maine tumhe bataea hai to wo khush hote hue bola ki nahi bataunga balki kahunga ki mujhe to sab pehle se hi pata hai, mujhe or kya chahie tha.

Maine use kaha ki thik hai main tumhe sikhati hoon ki tuhe kya karna hai lekin usmain tumhe wo sab mere sath karna hoga jo tum aapni patni ke sath karoge to wo bola ki kya karunga to maine kaha ki thik hai main sikhati hoon tumhe. maine tv band kar dia or light off kar ke o wat ka balab jala dia or usse kaha ki tum ye samaj lo ki tumhari mujh se shadi hui hai or main hi tumhari patni hoon to wo bola ki ye kaise ho sakta hai aap to meri chachi ho to maine kaha ki tumhe siraf sochna hai to wo bola ki thi hai. fir maine bed pe ghungat nikal ke baith gai or usse kaha ki suhagrat wale din tum sab se pehle aandar aaoge or aapni patni ka ghungat uthaoge or use aapne paas bula ke aapna ghungat uthane ko kaha or us ne waisa hi kia.

Firmaine use kaha ki paas baitho or do char mithi mithi baten karo to wo mere paass baith gaya fir mane use aapni galon pe kiss karne ko kaha or maine bhi uske galon ko kiss kia fir use aapne hoton pe kiss karne ko kaha or use aapni bahon main bhar lie or fir main uske honthon ko chumne lagi or use bhi aisa hi karne ko kaha. wo to abhi dar raha tha ki chachi mujhe sharam aa rahi hai to maine kaha ki sharmao mat main to tumhe siraf sikha rahi hoon tumhe ye sab mere sath thoda hi karne hai ye sab to tumhe aapni patni ke sath karna hai main to sirf sikhungi hi tumhe. fir maine uska ek hath pakada or aapne boobs pe rakh lia or use aapne boobs ko sehlane ke lie kaha or main uke hoton ko choosne lagi ab uska bhi mood banne laga tha wo bhi mere boobs ko sehlane laga. maine use kaha ki fir tum uska ek hath pakad ke aapni pent pe rakh dena or use mera hath pakad ke aapni pent pe rakhne ko kaha or raju ne mera hath pakda or aapni pent ke upar rakh dia or maine aapna hath uske lund pe rakh die to maine mehsus kia ki uska lund khada hua tha or fanfna raha tha.

Maine mehsusu kia ki wo kareeb 8 inc lamba or 2.5 inc mota to hoga hi. fir maine us ke hath ko aapni shirt ke aandar dal dia or aandar se boobs sehlane ke lie kaha. kuch der main bhi uske lund ko sehlati rahi fir maine use kaha ki mere sare kapde utar do to wo bola ki nahi mujhe sharam aati hai to maine use sajayea ki kuch nahi hota main to siraf tumhe sikha hi rahi hoon nahi to tum kya karoge us din or wo maan gaya or pehle usne meri kameej utari or fir salwar bhi utar di. ab main sirf bra or penty main thi maine use meri bra bhi utarne ko kaha or wo bhi usne utar di or mere boobs ajad ho gaye or wo fati aankhon se unhe dekhne laga.

Fir maine kaha ki tum khade ho jana or aapni patni ko tumhare kapde utarne ko kehna or maine uske kapde utar dia. ab wo sirf underwear main tha.fir main baith gai or use mere boobs ko suck karne ko kaha maine kaha ki inhe aise chooso jaise ki dood peete hain or wo bachon ki tarhe bahut hi payar se boobs suck karne laga.uska lund underwear main uchal raha tha. maine uska underwear niche kar dia or unke lund ko hath main pakad lia sach main wo 8 inc se kuch lamba hi hoga or 2.5 inc mota hoga. wo mere boobs suck kar raha tha mujhe bahut maja aa raha tha. fir maine use khada kia or use kaha ki jase maine tumhare lund ko choos rahi hoon aise hi aapni patni ko ise choosne ko kehna wo bola ki thik hai or main uske lund ko choope marne lagi or wo ahhhh ahhhh ahhh karne laga.

Fir main bed pe let gai or use aapni tangon ke bich main bitha la or dono hathon se aapni chut ke lips ko kholti hui boli ki ismain aapni zeeb chalao ise aapni zeeb se chato or wo meri chut chatne laga.uuf wo kya masti se chat raha tha meri chut ko main uske balon main hath ghumati hui keh rahi thi haiii ahhh ohhh ahhh haiiii raju or jor se chato puri zeeb ghusa do aandar or usne puri zeeb hi aandar gusa di or mujhe mast kar dia hia raju aahhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh oooohhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh haiiiiiiiii plzzzzzz or chato or koi 5-7 mint wo meri chut ko chatta raha ab mere man main aag si bhadak rahi thi ab meri chut bhi keh rahi thi ki ab zeeb se kaam nahi chalega ab to lund chahie lekin ek anjan lund se chudna thoda mushkil to hai hi tha lekin mujhe ye sakun jaroortha ki agar aaj ye seekh gaya to kal se ye mera kaam asani se kar dia karega. fir maine bed pe let gai or use kaha ki bathroom se oil le kar aao kau ki wo abhi naya tha to usse bina oil lagaye lund aandar nahi ghusna tha nahi to jo maja bina oil lagaye lund ghuswane main hai wo oil laga ke ghuswane main kahan hai.wo oil le kar aa gaya maine use uske lund pe oil lagate hue samjayea ki thoda sa oil aise hi aapne lund pe or thoda sa aapni patni ki chut pe lagana jaise ki maine aapni chut pe lagayea hai wo bola ki thik hai.

Fir maine use aapni tangon ke bich main bula lia or uske lund ko pakad ke aapni chut ke dawar pe tika dia use kaha ki ise jor laga ke meri chut main ghusana hai or fir usne ek baar jor lagayea to lund fisal ke ek taraf ko ho gaya maine use samjayea ki ise bilkul sidha rakho or fir jor lagao ab ki bar usne jor lagayea to lund meri chut ki dewaron ke sath sarkta hua annadar ghus gaya bahut hi majedar lag raha tha mujhe wo pal jab uska lund meri chut main ghus raha tha. fir maine use kaha ki ab ise age piche karo yani ki aapni kamar ko hilao fir wo aapne lund ko aandar bahar karne laga or main bhi uchal uchal ke uska sath dene lagi bahut hi maja aa raha tha. ab se bhi maja aane laga tha lekin abhi usne 5-7 strok hi lagaye the ki wo farig ho gaya kau ki uska pehla time tha ye or mere uper hi let gaya to maine pucha ki kaisa laga raju to bola ki chachi ismain to bahut maja aata hai to maine usekaha ki beta tumne to maja le lia lekin mujhe abhi maja nahi aayea hai. fir maine use aapne upar se uthaea or uske lund ko bahar nikala jo ki cam se bhara hua tha maine use chatne shuru kar dia kya gajab ka swad tha uske cum ka ek anjan ladkeka cum mujhe madhosh kar raha tha maine uske lund ko chat ke saf kia or use mooh main le kar choopna shuru kar dia or 10 mint baad uska lund fir se fanfnane laga tha wo ek dum dande ki tarhe akada hua tha.

Ab maine use niche lita lia or khud uske upar chad kar baith gai or uske lund ko aapni chut ke dawar pe rakh ke maine ek hi zhatke main use aandar ghusa lia ab main khud upar niche ho rahi thi maine use kaha ki jab main nich hoti hoon to tum aapni kamar ko upar utha lia karo aisa karne se pura aandar ghusega or wo aisa hi karne laga bahut hi maja aa raha tha or main to mast ho gai thi aahhhhhhh ooohhh haiiii hhhiiii ahhh ahhh raju kaya maja de rahe ho mere raja haiii or jor se maro niche se ahhhhh hann or jor se aahhhh hiii ooofffff uuuffff ahhhh ahhh haiiiiiii or fir mainfarig hone ki stage pe pahunchi to meri speed bahut hi bad gai or main sirf aah ahh ahh ahhahh ahh hi kar rahi thi or fir main farig ho gai or uske upar hi let gai lekin ab wo bhi farig hone wala tha so ab wo khud niche se aapni kamar hil raha tha or 2 mint baad wo bhi zhad gaya. maine raju se pusha ki kaisa laga to bola ki chachi ismain to bahut maja aata hai to maine kaha ki beta tabhi to sabhi log shadi karte hain. accha ek baat bata kisi ko batayega to nahi na ki maine ye sab sikhaea hai tujhe to bola ki nahi bataunga to maine kaha ki agar nahi batayega to tujhe teri shadi tak roj hi ye maja dilwaungi tan ki tu puri tarhe trand ho jaye bol manega na meri baat to bola ki han chachi kau nahi manuga or fir main aapne room main ja kar so gai.

Next day, main bahut khush thi or raju bhi bahut khush tha kau ki usne maja lia tha or main to khush thi hi kau ki mera kaam ban gaya tha. next subhe main saafai kar rahi thi meri jethani kitchan main thi or main unke room ki safai kar rahi thi or khush thi ki tabhi mere jeth ji bole kya baat hai radhika pichle do din se tum udas udas see thi lekin aaj bahut chehak rahi ho aisa kya mil gaya hai tumhe raat raat main to maine kaha ki kuch bhi to nahi or aapne kaam main mast ho gai. jab main unke room se bahar aai to maine mehsus kia ki unki najren meri matkati hui gand ko nihar rahi hain or fir us din main kai baar dekha ki jab bhi main aapne jeth ji ke pass se ghujrti to wo meri taraf dekh kar muskura dete or piche se meri matakti hui gand ko niharte rehte the. main bhi unhe dek kar muskura deti thi. or fir us raat jab sab so gaye to main raju ke room main gai to wo to pehle se hi meri wait kar raha tha or muje dekhte hi bola chachi jaldi aao na or aapne underwear ko hatata hua bola ki dekho na ye kaise akda hua hai maja lene ke lie plz ise maja do na or bhag ke mujhe bahon main bhar lia or us raat maine use kuch bhi nahi batayea or usne mujhe do bar choda or bahut hi payar se choda. next subhe main uthi to khush thi ab 2 din reh gaye the uski shadi main. jab mainagle din aapni jethani ke room main safai karne gai to jeth ji meri pehle se hi wait kar rahe the mujhe aai dekh kar wo sofe pe tange pasar kar baith gaye or main roo ki safai karne lagi or main jab bhi unki taraf dekhti to maine dekha ki wo mrei chuchion ko or piche se meri gand ko niharte hue hi dekha unhe mujhe unki niat pe kuch kuch shak hone laga tha.

Lekin mere man main aisa koi vichar nahi aayea tha kau ki mere kaam to unke bete se chal hi raha tha us din bhi wo sara din jab mere samne aa kar mujhe ye jatane ki koshish karte rahe ki wo mujh se kuch chahte hain or us raat maine unke bete se2 baar chudai karwai or wo meri usse chudne ki aakhri raat thi kau ki naet raat se use niche sone ke lie bula lia gaya tha or mainbhi uski behan ke sath uske room main soi thi.agle di means 13th day ko jab main gai jeth ji room main safai karne to wo mujhe dekh kar muskurae or main bhi muskura di lekin main unki harkat dekh kar dang reh gai unhone meri taraf dekte hue muskura kar aapne ek haat se aapni pent main tan hue lund ko sehla dia or us din maine pehli baar unke tane hue lund ki taraf dhyan dia or main sakpka gai or safai karne lagi.

Ye dekhkar unki himat bad gai ki maine kuch bhi nahi kaha hai or us din unhone kai bar mere samne aa kar aapne lund ko sehlaea lekin main sirf muskura hi deti thi or us raat mujhe aapni bhatiji radha ke sath sona pada or main sari raat karwaten badalti rahi ek to mujhe raju se aaj na chudne ka malal tha or dusra mujhe reh reh kar mere jeth ji yaad aa rahe the jo ki mujhe dekh kar baar baar aapne lund ko sehla rahe the. maine sari raat karwaten badlte hue nikal di or rat hi rat main maine ye bhi nische kar lia tha ki agar ho saka to aaj jeth ji ko ishar de dungi tan ki wo koi mauka dhund len or mujhe chod dalen kau ki raju ne meri payas ko or bhi bhadka dia tha ab to mera dil daily chudne ko karta tha. next subhe 14 ven din main jab jeth ji ke room main gai to unhone mujhe dekh karmuskurate hue aapne lud ko sehla dia or main ye dekh kar muskura di or unki pent ko tent bana ke khade hue lund ko niharne lagi or fir safai karne lagi lekin aaj main janbhuj kar baar unke tane hue lund ko nihar rahi thi. jab main safai kar ke jane lagi to maine mud ke unki taraf dekha to unhone ek baar fir se aapne lund ko sehla dia to maine bhi muskura ke unhe aankh mar di or aankhon se bahar aane ka ishara kar dia. mera respons milte hi wo to ek dum se uchal pade or main upar wale rooms ki safai karne k lie chal padi or upar jo room mere paas tha us main ja kar wait karne lagi kau ki mujhe pata tha ki jeth ji jaroor aayenge.

Main wahan pe safai karne lagi. niche sabhi log aapne aapne kamon main viast the kau ki aaj mehman aane wale the so sabhi busy the. kuch hi der main jeth ji upar aa gaye unhone mujhe is room main aate hue dekh lia tha or maine bhi room main aate samye unki taraf mud ke dekha tha. main safai kar rahi thi ki unhone mujhe piche se aa kar pakad lia or meri chochin ko dono hathon main bheench lia. maine jan kar kaha ki are jeth ji aap ye kya kar rahe hain to wo bole ki payar kar raha hoon to main nakhra karte hue boli ki aap ko sharam aai chahie aap ko aisi baten karte hue sharam nahi aati hai kya shodie mujhe nahi to main chilaungi ek baar ko to dar gaye or bahar jane lage main bhi dar gai ki ab to kaam hi kharab ho gaya hai lekin fir himat kar ke wo meri taraf aaye or mere hothon ko aapne hothon main bheench lia or mere boobs malne lage ab maine bhi koi virodh nahi kia orkareb koi 3 mint baad wo boe ki usam jis din se tum aai ho tab se try mar raha hoon lekin tum ne kabhi dekha hi nahi meri taraf lekin aaj ja ke tum mani ho aaj raat ko mujhe khush kar do na to maine kaha ki main to khud tadap rahi hoon jeth ji aap hi koi rasta nikalie or waise bhi aaj sabhi mehman aa jayenge koshish kijie ki koi rasta nikal aaye

Or itna keh kar maine unhe niche bhej dia. sham ko sabhi mehman aa gaye the rajan bhi aa gaye or mere ghar wale sabhi aa gaye the us raat mujhe aapni jethani ke paas sona pad gaya is lie us raat bhi kuch nahi ho saka or main tadpti hi reh gai agle din shadi thi or shadi ke din sara din jeth ji busy rahe or raat ko koi 10 baje the jeth ji jethani ji or baki sab gappen mar rahe the ki main jan bhuj kar jeth ji ko sunate hue aapni jethani se kaha ki main kitchan ke sath stor room main sone ja rahi hoo wahan pe ek jane ke sone ki jagahe or hai aap aa jaiega to wo boli ki thik hai or ye sun kar mere jeth ji ne chor najron se meri taraf dekha or wo mera ishara samaj gaye or kareeb 11 baje jab sab sone ke lie chale gaye. meri jethani ne sabhi ko sula dia or jeth ji ko boli ki aap chat pe cahale jaie or wahin pe dekh lijie koi na koi bed fo hga hi mere jeth ji anjan bante hue bole ki tum kahan pe soogi to wo ye bhul gai thi ki main kahan pe soi hoon so boli ki maia radha ke paas so jati hoon to jeth ji bole ki thik hai main stor main so jata hoon wahan pe ek jna to so hi jayega na. meri jethani boli ki thik hai so jaie or main aandar ye sab sun rahi thi mujhe neend kaha aa rahi thi ye sab sun kar to mera aman khushi se bahr gaya ki shaayad aaj kaam ban hi jayega aaj to jeth ji ke lund ka kamal bhi main dekh hi loongi or jeth ji stor room ke gate ke pass pahunche hi the ki meri jethani ko yaad aa gaya ki aandar to main soi hui hoon so wo boli ki are nahi aap aandar mat jayeaga kau ki aandar to radhika so rahi hai main uske sath yahan pe so jati hoon aap kahin or so jaie or ye sun kar main bahut hi udas ho gai or jeth ji bhi man mar ke shat pe ja kar so gaye or jethani mere paas hi so gai. next subhe jab hum uthe to sabhi mehman wapis jane shuru ho gaye the or 12 baje tak siraf hum log hi ghar pe reh gaye the. hum sabhi ko sham ko ghar wapis aana tha so sabhi aaram kar rahe the.

Maine jeth ji ko ishara kia shat pe jane ka to wo pehle hi mere upar wale room main pahunch gaye koi 10 mint baad main saman lene ke bahane se upar gai to wo mera intjar kar rahe the mujhe dekhte hi bahon main bhar lia or bole ki raat ka tumhara idea to bahut accha tha lekin tumhari jethani ne sara kaam kharab kar dia or mere hothon ko chumne lage to meine kaha ki abhi aap niche jaie koi bhi aa jayega to bole ki mujhe upar kau bulaea tha to maine kaha ki aap ko ek baar kiss karne tha is lie or ek baat or aap mujhe bahut payare lagne lage ho ye wada hai mera ki ek baar to main aap se jaroor chudungi lekin kab ye keh nahi sakti or main niche baith gai or unki pent ki zip kholne lagi to wo bole ki kya kar rahi ho to maine kaha ki jiske lie tadap rahi hoon uske dedar to kar loon or fir maine unke lund ko pent se bahar nikala t dekhti hi reh gai wo 3 inc mota or 9inc ke kareeb lamaba tha. maine use mooh main lia or choopne lagi. wo to bilkul akda hua tha. koi 3-4 mint main hi usne pani shod dia or mainwo sara pani gatak gai ki tabhi niche se meri jethani ki awaj aai radhika chai redy hai pee lo to maine kaha ki aati hoon or maine aapne jeth ji ko palang ke niche ghusne ko kaha ki agar koi aa gaya to muskil ho jayegi or unse wada kia ki jab bhi mauka milega unko jaroor khush karungi or niche aa gai. fir sham ko hum ghar wapis aa gaye or us raat maine rajan se 3 baar jam ke chudai karwai kau ki meri payas bahut bai hui thi. rajan bole ki aaj bahut maje se chud rahi ho to maine kaha ki kau na chudu aa 20 din baad chod rahe ho aap mujhe or unhone mujhe bahon main bhar lia.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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