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25-01-2020, 08:45 PM
(This post was last modified: 25-04-2021, 03:29 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
कच्ची कलियाँ
मुझे मालूम था उन्हें बड़े उम्र की , भारी बदन एम् आई एल ऍफ़ टाइप पसंद थी ,लेकिन वो इस हद तक ,
कम से कम ४-५ के साथ उन्होंने उस शाम और मजे की बात है कोई भी नाराज नहीं हुयी।
उसके बाद कच्ची कलियाँ ,एकदम मेरी छुटकी ननद की उम्र की एकाध तो उससे भी कच्ची।
भीड़ भरी बस में ही मैंने देखा ,एक किशोरी ,मेरी ननद की ही उम्र की होगी , वो उस के बगल में ,उ
न्होंने दोनों हाथ अपने सीने पे बाँध रखे थे लेकिन उससे आगे निकलते ,जैसे बहुत जल्दी में हों ,
और हलके से उन्होंने उसके उभरते उभार को ,दरेरते हुआ दबा दिया।
जहां वो उतरे , वहां वो लड़की भी उनके पीछे पीछे उतरी।
मैं तो एक बार डरी ,जब उस लड़की ने मुड़ के उनकी ओर देखा ,
लेकिन वो मुड़ी ,मुस्करायी उनकी ओर देखा और अपने रस्ते।
मैंने अपने साथ चल रही मॉम की ओर देखा ,वो जबरदस्त मुस्करा रही थीं और उन की ओर हाई फाइव कर रही थीं।
मतलब ये ट्रिक उन्हें मम्मी ने ही सिखाई थी।
कम से कम ८-१० लडकिया सब किशोरियां ,हाईकॉलेज इंटर में पढने वाली ,
किसी को देख के मुस्करा के इशारा तो किसी को फ़्लाइंग किस , और ५-६ के उभारों की नाप जोख तो उन्होंने की ही होगी
१०० में १०० नम्बर दिए मम्मी ने उन्हें और आशीर्वाद भी ,
बहुत जल्द अपनी बहन की नथ उतारो।
,
मुझे एक शरारत सूझी और मैंने मम्मी के कान में कुछ कहा ,
वो बहुत जोर से हंसी और बोलीं सब मैं ही करुँगी , कुछ तू भी तो कर।
और मैंने गूगल देव का सहारा लिया , और मैं सब को हांक के एक बार कम रेस्टोरेंट में ले गयी।
मम्मी से मैंने असल में बोला था ,
मम्मी आप इन्हें शिकार करना सिखा रही हैं अगवाड़े के मजे के लिए तो कुछ पिछवाड़े के मजे का भी तो इंतजाम करिये ,
आखिर आप नेइन्हें एक जबरदस्त गांडू बनने का भी तो आशीर्वाद दिया है।
वो जगह एक हॉट बार थी और वहां भी ,
हम लोगों ने डिनर वहीँ किया ,
लेकिन कम से कम ४ -५ ' टॉप ' ने उन्हें प्रपोज कर ही दिया और वो भी डायरेक्ट ,
' आर यू बॉटम ?"
और जिस तरह झिझक के वो मुस्कराये ,
उससे जोर की हाँ हो ही नहीं सकती थी।
गनीमत थी हम दोनों साथ थे वरना उनकी नथ वहीँ उतरजाती।
लेकिन रात को एक बार फिर रात भर , ...
हाँ आज वो मम्मी के साथ एकदम अकेले , सिर्फ सास दामाद , यहां तक की मैं भी कमरे से बाहर थी।
वैसे भी मेरी वो ५ दिन वाली छुट्टियां चल रही थीं , और मैं सोना भी चाहती थी और उन दोनों को अकेले मौका भी भी देना चाहती थी।
वैसे भी कल मम्मी का आखिरी दिन था हमारे साथ ,
परसों सुबह ही उन्हें चले जाना था वापस ,
और उसके अगले दिन ,सुबह सुबह ,हम दोनों को उनके मायके।
अगले दिन उन्होंने छुट्टी ले रखी थी , जिससे मम्मी के साथ पूरा दिन बिता सकें।
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saas to damaad ko jabrdast training de rahi...
lagi raho komaal raani..
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(26-01-2020, 03:58 PM)chodumahan Wrote: saas to damaad ko jabrdast training de rahi...
lagi raho komaal raani..
thanks so much
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I am trying to increase the pace of this story ...please do support me by sharing your views
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26-01-2020, 07:31 PM
(This post was last modified: 25-04-2021, 07:19 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मम्मी
अगले दिन उन्होंने छुट्टी ले रखी थी , जिससे मम्मी के साथ पूरा दिन बिता सकें।
……………………………………………………………………………..
अगले दिन उनकी तो छुट्टी थी , लेकिन सारा काम मेरे सर पे आया।
मंजू बाई भी नहीं आई
लेकिन अब गीता थी , उसकी लड़की , जो उसके न आने पर आती थी।
उसके बारे में तो आप सब को बता ही चुकी हूँ ,
मेरी छुटकी ननद से एकाध साल ही बड़ी , कुछ दिन पहले ही बियाई थी , लेकिन मायके उसकी सास ने अकेले ही आने दिया।
मेरी उससे खूब पटती थी , मिल के हम दोनों उनको खूब चिढाते थे।
मैंने और गीता ने मिल के सुबह का काम निपटाया।
वो और मम्मी देर तक सोते रहे , और बेड टी ,ब्रेकफास्ट सब मेरे जिम्मे।
ब्रेकफास्ट में भी वोऔर मम्मी चालू रहे।
मम्मी उनको जितनी ट्रिक सिखा सकती थीं , उससे भी कहीं ज्यादा सिखा रही थीं।
उनकी सारी झिझक शरम लिहाज सब कुछ तो उन्होंने कब की दूर कर दी थी ,चाहे गाली दे के बात करने की हो , लड़कियों औरतों पर लाइन मारने की हो , उन्हें पटाने के लिए स्किमिंग करने की हो या पटने पर उन पर चढ़ाई कैसे करनी है , सब कुछ और सबसे बढ़ कर , मम्मी से एकदम खुल के ,
उनकी जो जो फन्तासियाँ बचपन से मन के किसी कोने में बंद थी ,
जो मैंने उनके लैपटॉप के अंदर पासवर्ड से छुपी फाइलों और चैट रूम में देखी थी ,
फेम डाम की , सिसिफिकेशन की
जो एम् आई एल ऍफ़ और
कच्ची कलियों के फोटों का जखीरा उन्होंने छुपा रखा था ,
सब कुछ , ...
एकदम खुल के न उन के बारे में बातें करते थे बल्कि मजा लेते थे।
मम्मी से उनकी ट्यूनिंग इतनी परफेक्ट हो गयी थी की थी की मम्मी कुछ कहतीं उसके पहले ही वो काम कर भी देते।
बहुत से चीजें उन्हें ना पसंद थी , कर्टसी उनके मायकेवालियों के ,
मैंने उनमे से बहुत सी चीजें उन्हें चखा दी थीं ,शुरू करा दी थीं ,
थोड़ी जबरदस्ती थोड़ी मान मनऔवल लेकिन कर्टसी मम्मी अब वो उनकी पहली पंसद बन गयी थीं।
जैसे स्मोकिंग मैंने उन्हें शुरू कराई ,कुछ चिढा के कुछ चढ़ा के ( लेकिन बहुत कंट्रोल्ड ,सोशल स्मोकिंग , सिर्फ पार्टी वार्टी में या जब मैं कहती )
लेकिन मम्मी ने एक तो दम उन्हें ,... सिगरेट रोल करना भी और 'स्पेशल मसाले ' वाले भी ,
और उसका असर भी ,इस्तेमाल भी मम्मी ने अच्छी तरह समझा दिया था।
जब मैंने ब्रेकफास्ट के बाद टेबल समेट रही थी , तो मैं मुस्कराये बिना नहीं रह सकी।
वो 'स्पेशल वाली ' सिगरेट रोल कर रहे थे ,
और मम्मी उन्हें कुछ सिखा पढ़ा रही थीं ,और वो एकदम गुरु ज्ञान की तरह सुन रहे थे ,
" अपनी उस कच्ची कली को ,जब मायके जाओगे न अपने ,बस किसी तरह पटा के इस स्पेशल सिगरेट का एक दो सुट्टा लगवा देने खुद खोल के खड़ी हो जायेगी ,साली।
दिमाग का उसके रायता बन जाएगा ,
और फिर जो कुछ करोगे न उसकी नयी नयी आती चूंचियां मीजोगे ,
गुलाबी गली में ऊँगली करोगे ,सब करवाएगी और खुद ही पानी पानी हो जायेगी।
और एक बार जो उसे ये मजा मिल गया तो बस मौका पाते ही टांग उठा के , ...अरे कब से वो तेरे लिए चुदवासी है ,तुझे पता भी नहीं। "
" एकदम मम्मी ,मस्त आइडिया दिया आपने ,एकदम सही है ,
मन तो मेरा भी पहले बहुत करता था लेकिन पहले डर भी लगता था ,झिझक भी। पर ये आपने अच्छी ट्रिक बता दी। "
वो हंस के खुल के अपनी ममेरी बहन के बारे में बातें कर रहे थे।
मैं मुस्कराती हुयी किचेन में चली गयी।
जब थोड़ी देर बाद लौटी तो ५२ पत्ते की किताब खुली थी।
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26-01-2020, 07:59 PM
(This post was last modified: 25-04-2021, 07:36 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
५२ पत्ते की किताब
जब थोड़ी देर बाद लौटी तो ५२ पत्ते की किताब खुली थी।
( शादी के बाद ,एक बार इनके घर में ज़रा सा कभी ताश का जिक्र कर लिया था तो ,
मेरी जिठानी और इनकी उस बहन कम माल ने वो हालत कर दी ,
भाभी आप ये सोच भी कैसे सकती है इस तरह के खेल ,और मेरे भैय्या तो ,... }
थोड़ा बहुत ताश तो मैंने और मुझसे ज्यादा उनकी असली से भी ज्यादा बढकर पक्की साली ,मेरी सहेली सुजाता ने सिखा दिया ,
लेकिन तब भी वो कच्चे खिलाड़ी ही रहे ,पक्का खिलाड़ी उन्हें मॉम ने बनाया
और सिर्फ ताश में नहीं बल्कि दांव लगा के जुए की तरह खेलने में ,रमी हो ,तीन पत्ती हो या पोकर।
एक बार तो उन्होंने सुजाता ,अपनी साली को हरा भी दिया था।
पर आज मम्मी ने तगड़ी शर्त लगाई थी , उन दोनों ने मुझे भी बुलाया पर मैं किचेन में आज बिजी थी ,
" साले गांडू ,रोज हार जाता है। ध्यान लगा के खेल अगर आज हार गया न तो अपनी समधन का नाम ले के तुझसे सड़का लगवाउंगी। "
हार तो वो उस बार भी गए लेकिन मम्मी ने उन्हें मेरी सास के नाम दस गाली दिलवा के छोड़ दिया ,
पर अगला राउंड उनके हाथ में ही रहा।
ये बात अलग थी की उस समय मैं आके उनके पास बैठ गयी थी ,
और कुछ मैंने उन्हें हिंट दी , कुछ नकल कराई , मम्मी के पत्ते भी इधर उधर से देख के उन्हें इशारे से बताये।
बिना बेईमानी के आखिर ताश के खेल का क्या मजा ,और आखिर मेरा पति सिर्फ मेरा है , और उसकी जीत में मेरी जीत थी।
लेकिन एक खतरनाक बात और थी मम्मी ने धमकी दी थी ,
अगर तू हारा न तो बस भले ही तेरी बीबी लाख बहाने बना के बचाने की कोशिश करे ,
उस दस इंच के डिलडो से मैं तेरी कुँवारी गांड मार के ही रहूंगी।
उनकी कोरी गांड बच गयी ,कम से कम आज।
और फिर तीसरी बाजी लग गयी थी ,दांव पर एक बार मेरी सास थीं ,
और अपनी सास को बचाने के लिए तो मैं उनकी हेल्प करने से रही।
लेकिन खेल वो अच्छा रहे थे।
तभी एक बार दो बार तीन बार घंटी बजी , मुश्किल से बाजी बीच में छोड़ के वो उठे और दरवाजा खोला।
गीता थी .
मॉम की ,ट्रेनिंग का असर , गीता को आज थोड़ी देर हो गयी थी , वो बोल उठे,
" कमीनी ,किससे चोदवा रही थी ,जो इतनी देर हो गयी आज ,... "
" हरामजादे ,, अरे तेरी माँ के यार से , चल हट। "
गीता कौन कम थी , अदा से जुबना उभार के , बड़े नखड़े से उसने जवाब दिया ,और किचेन की ओर चल दी।
" अरे अपनी माँ का सबसे बड़ा यार तो यही है , ... "
हँसते हुए मम्मी ने और आग में घी डाला , और गीता रुक गयी।
सीधे उनके शार्ट के ऊपर से ,उनके थोड़े सोये ,थोड़े जागे बल्ज को पकड़ते बोली ,
" अररे , ... तभी तो मैं कहूँ जिस बुर से निकला है उसी भोंसडे में , गपागप्प , ... जा जा के ये इतना मस्त मूसल हो गया है।
चल चेक करके देखतीं हूँ सारी ताकत उसी के भोंसडे में खर्च कर दी या कुछ मालमसाला बचा के भी रखा है। "
गीता हंस के उनका औजार पकड़ के ड्रैग करते बोली।
वो थोड़ा सकपकाए , हिचके पर गीता ने जोर से दबाते ,मसलते बोला ,
" अरे बहुत काम करवाना है तुझसे अभी ,चल। "
मैंने और मम्मी ने इशारा किया उन्हें आँख से ,लाइन क्लियर और गीता उन्हें खींचते किचन में ,
थोड़ी ही देर में किचेन से सडप सडप की आवाजे आ रही थीं।
मम्मी मुझे देख के मुस्करा रही थीं।
" मुन्ना दुध्धू पीना है तो नीचे अर्जी लगाना पडेगा। "
किचेन से गीता की आवाज आ रही थी।
और कुछ देर बाद टारगेट बदल गया , गीता ने उनके सर को दबाते बोला ,
" अरे बहन के यार ज़रा पिछवाड़े का भी तो स्वाद चख ले, हाँ हाँ अरे जीभ पूरी अंदर डाल के। "
लेकिन थोड़ी देर बाद उनकी मुराद पूरी हो गयी थी , गीता ने अपनी दूध से छलकती एक छाती उनके मुंह में लगा दी थी ,
यही नहीं , उस पहलौठी की बियाई ने थोड़ा सा दूध ले के उनके औजार पर भी लपेट कर हलके हलके मुठियाना शुरू कर दिया,
उधर वो सपड़ सपड़ कर गीता के छाती से दूध,
मम्मी ने उनके लिए शिलाजीत,अश्वगन्धा ,शतावर ,कौंच और न जाने क्या क्या मिला के ताकत का स्पेशल मलहम बनाया था ,
लेकिन उनका भी मानना था की पहलौठी के दूध का कोई मुकाबला नहीं ,
दस पंद्रह दिन भी लन्ड पे कस के लगाया जाए तो एकदम लोहे का खम्भा ,
और सच में उनकी हालत अब वही हो गयी थी। साइज में भी कड़े पन में भी,
" अरे अबकी मायके जाओगे न तो बस अपनी उस बहिनिया को पटा के लाना ,
बस आगे की जिमेदारी मेरी , कैसे उसे तेरे नीचे लिटाना है , कैसे तेरे वीर्य से उसे गाभिन कराना है ,
और एक बार गाभिन हो गयी न बस , ९ महीने बाद बियाएगी ,
फिर एक बार पहलौठी के दूध का मजा मिलेगा , ...सारी जिम्मेदारी मेरी,सीधे से नहीं मानेगी तो जबरन ,
गाभिन तो उसे करवा के रहूंगी मैं तुमसे , ... "
गीता उनके मोटे कड़े लन्ड पे अपने दूध की मालिश करती उन्हें समझा रही थी।
वो गयी लेकिन बिना उन्हें झाड़े।
बिचारे का एकदम तना ,खड़ा ,
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26-01-2020, 08:26 PM
(This post was last modified: 26-04-2021, 02:08 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
मस्तराम
बिचारे का एकदम तना ,खड़ा ,
और मॉम भी आज एकदम ,
कहने लगी चल आज तेरा एक टेस्ट लेती हूँ ,
देखती हूँ कही किसी अनपढ़ से मैंने अपनी सोनचिरैया तो नहीं ब्याह दी ,ये ज़रा पढ़ के दिखाओ।
मस्तराम की एक ६४ पेजी निकाल के मम्मी ने उनके हवाले कर दी।
मैं समझ रही थी कोई पेंच जरूर होगा।
पर वो पेंच लगाने का काम मम्मी ने मेरे हवाले कर दिया और मैंने शर्त सूना दी।
" बस एक थोड़ा सा चेंज , जहां भी किसी लड़की का नाम होगा बस तुम अपनी उस ममेरी बहिनिया का नाम लोगे
और जहां लड़के का नाम होगा ,तुम अपना या अपनी ससुराल के किसी मर्द का ,मेरे कजिन ,जीजू कुछ भी चलेंगे।
बस अब चालु हो जाओ , नो हेजिटेशन , नो स्टाप , टाइम बिगन्स नाउ।
कहने की बात नहीं थी की मम्मी ने टेप रिकार्ड आन कर दिया था ,और वो बिचारे भी झिझकते शर्माते चालु हो गए ,
और रास्ता भी क्या था उनके पास।
" गुड्डी के गोरे गोरे मक्खन मलाई ऐसे चिकने चिकने गाल ,छोटे छोटे कड़े कड़े रसीले जोबन लौंडों का मन लूट लेते थे , गुड्डी ने अपने गुलाबी रसीले होंठों के बीच मोटे कड़क लन्ड को ले कर पहले तो हलके हलके चुभलाना चूसना शुरू किया।
गुड्डी की मखमली कुँवारी जीभ कड़े सुपाड़े के चारो ओर सपड़ सपड़ चाट रही थी। साथ में गुड्डी के कोमल हाथ पेल्हड़ को सहला रहे थे। "
उन्होंने पढना शुरू किया ,और असर जादू की तरह तुरंत हुआ।
उनका चेहरा तमतमाया था ,सांस खूब गहरी लंबी चल रही थी
जैसे सच में ही उनकी छिनार बहन उनका लन्ड चाट चूस रही हो।
उन्होंने आगे पढ़ना जारी रखा।
"उसने भी कस कस के गुड्डी का सर पकड़ के हचक पेलना जारी रखा। गुड्डी गों गों कर रही थी।
लेकिन बिना रुके आधे से ज्यादा लन्ड उस कोरी लौंडिया के मुंह में उसने पेल दिया।
लेकिन गुड्डी भी ,गों गों करते हुए भी अब कस कस के चूस रही थी जैसे मोटा गन्ना। गुड्डी के गाल लन्ड से एकदम फूले हुए फटे पड़ रहे थे। गुड्डी की जीभ नीचे से लन्ड चाट रही थी ,
और अब वो पूरी जोश में हचहच लन्ड गुड्डी के मुंह में पेल रहा था , सटासट। "
जोश से उनकी हालत खराब थी और सबसे बड़ा उसका सबूत था शार्ट को फाड़ता ,एकदम खड़ा , तंबू में बम्बू।
मम्मी ने मुझे इशारा किया ,और मैंने शार्ट थोड़ा सा सरका दिया।
जैसे पिंजड़े में से शेर बाहर आये , उसी तरह से उनका मोटा कड़क लन्ड , झट से बाहर और गप्प से मैंने गपुच लिया
और लगी हलके हलके मुठियाने।
मम्मी उनके कान में कुछ हलके हलके बोल रही थीं लेकिन ऐसे की मम्मी की आवाज टेप पर ना आये ,
" सोच साली के बारे में सोचने में बोलने में इत्ता मजा आ रहा है तो उसके कुंवारे कोरे मुंह में पेलने में ,
उसकी कसी कच्ची चूत फाड़ने में कितना मजा आएगा। "
वो अगली लाइन पर आये ,मस्तराम की कहानी जारी रखते
" गुड्डी की लंबी चिकनी गोरी टाँगे ,अब उसके कंधे पर थी ,जाँघे पूरी खुली ,लन्ड ममखमली १७ साल की कच्ची कुँवारी चूत पर रगड़ रहा था। जैसे ही उसकी कमर पकड़ केउन्होंने एक करारा धक्का , मारा ,सुपाड़ा चूत फाड़ता अंदर घुस गया।
गुड्डी जोर से चीखी ,
" नहीं भैया नहीं ,बहुत दर्द हो रहा है "
मैं मम्मी की ओर देख के मुस्करायी , मस्तराम की कहानी में भैय्या कहीं नहीं था।
मम्मी भी समझ के मुस्करायी और मेरे साथ लन्ड मंथन में ,
मैं अब जोर जोर से लन्ड मुठिया रही थी और मम्मी की लंबी उंगलिया शार्प नाख़ून ,उनके पेल्हड़ पर रगड़ रहे थे।
मस्ती से हालत खराब हो रही थी।
,
उनकी आँखे लेकिन अब घडी की ओर लगी थीं , तीन बस बजने वाले ही थे।
मम्मी को भी कल की टेलीफोन वार्ता पूरी मालुम थी और ये भी की ,उन्होंने अपनी ममेरी बहन से वादा किया है ३ बजे फोन करने का।
,:
" इन्तजार करने दो साली छिनार को ,तुझे भी तो उस कमीनी ने बहुत इन्तजार किया है , पढ़ो न आगे "
मम्मी ने पुश किया और जहां वो रुके थे वही से फिर चालु हो गए.
" गुड्डी जोर से चीखी ,नहीं भैया बहुत दर्द हो रहा है , ओह्ह्ह्ह फट गयी मेरी।
लेकिन जोर से दोनों किशोर चूंचियां दबाते मसलते उसने एक और फर दूसरा करारा धक्का मारा।
गुड्डी दर्द से दुहरी हो रही थी ,जोर जोर से चीख रही थी।
उसकी कसी कुँवारी चूत फट चुकी थी। हलके हलके खून की बूंदे बाहर भी छलक के आ रही थीं। "
उनकी आँख एक बार घडी की ओर गयी ,तीन बजकर पांच मिनट हो गए थे।
" चलो न तुम रुको मत ,खुद करेगी वो छिनार फोन ,उसकी चूत में तेरे लन्ड के लिए मोटे मोटे चींटे काट रहे होंगे ,पढ़ो आगे. न "
मैं बोली और गप्प से उनके मोठे सुपाड़े को मैंने गपक लिया और लगी जोर जोर से चूसने ,
मेरी जीभ उनके पेशाब के छेद को चाट चूस रही थी।
साथ में मेरी नरम कलाई उनके लन्ड के बेस को पकड़ के रगड़ रगड़ के आगे पीछे कर रही थी।
चूड़ी की रुनझुन कमरे में गूँज रही थी।
गुड्डी की फट गयी ,फाड़ दी उसके भैय्या ने चल आगे पढ़ न ,मम्मी बेताबी से बोलीं।
" ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह ,ईईईईई ,गुड्डी की चीख गूँज रही थी , उसके चिकने गाल पर आंसू की दो बूंदे छलक आयीं
लेकिन वो बड़ी बेरहमी से उसकी चूत पूरी ताकत से चोद रहे थे।
भईया निकाल लो प्लीज , गुड्डी बोली पर जैसे ही उन्होंने धक्के मारने बंद किये नीचे से खुद चूतड़ उठा के वो बोली ,
नहीं नहीं भैया ,रुक मत चोद और चोद मेरे दर्द की चिंता मत कर , मेरा कब से मन कर रहा है तुझसे चुदवाने का।
चोदो न भैय्या ,प्लीज अच्छे भैया डाल दो पूरा लन्ड मेरी कुँवारी बुर में।
गुड्डी बोली और एक बार फिर से वो धक्के मारने लगे। "
तब तक फोन की घंटी घनघना उठी , वही थी उनकी ममेरी बहन ,एलवल वाली , गुड्डी।
मैंने झट से दूसरे हाथ से फोन काट दिया , उनको मुठियाना जारी रखा और जोर जोर से लन्ड को चूसना भी।
" तू पढ़ न , बहुत बेताब हो रही है तेरी बहना , मैं कह रही थी न एकदम चुदवासी हो रही है आज उससे खुद उगलवा लेना ,
कित्ती चुदवासी है ,चल पढ़ आगे। "
मम्मी बोलीं और उन्होंने कहानी आगे शुरू की ,
" कमरे में तूफ़ान मचा था चुदाई पूरी तेजी से चल रही थी ,नीचे से गुड्डी हर धक्के का जवाब चूतड़ उठा के दे रही थी ,
खुद अपनी चूंची उनके सीने से रगड़ रही थी। पूरा लन्ड उसकी चूत ने घोंट लिया था। "
तभी फिर फोन की घंटी बजी ,वही थी ,गुड्डी मेरी ननद।
और अबकी फोन उठा के मैंने उन्हें दे दिया।
आफ कोर्स ,स्पीकर फोन आन था। मैं और मम्मी उन दोनों की हर बात सुन रहे थे।
" आज बहुत इन्तजार कराया भैय्या , तूने। "
बड़े नखड़े से गुड्डी बोली।
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आज बहुत इन्तजार कराया भैय्या , तूने। "
बड़े नखड़े से गुड्डी बोली।
और आधे में लटका कर संवाद की (अपनी सास , नन्द) कर दी
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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(27-01-2020, 01:36 AM)Black Horse Wrote: आज बहुत इन्तजार कराया भैय्या , तूने। "
बड़े नखड़े से गुड्डी बोली।
और आधे में लटका कर संवाद की (अपनी सास , नन्द) कर दी
आप भी क्या याद करेंगे , बहुत बेताब हैं आप गुड्डी रानी की बात सुनने के लिए तो अभी सुना देती हूँ
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27-01-2020, 02:29 PM
(This post was last modified: 26-04-2021, 02:26 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
गुड्डी रानी
तभी फिर फोन की घंटी बजी ,वही थी ,गुड्डी मेरी ननद।
और अबकी फोन उठा के मैंने उन्हें दे दिया।
आफ कोर्स ,स्पीकर फोन आन था। मैं और मम्मी उन दोनों की हर बात सुन रहे थे।
" आज बहुत इन्तजार कराया भैय्या , तूने। "
बड़े नखड़े से गुड्डी बोली।
" अरे इन्तजार का फल बहुत मीठा होता है। "
आज वो भी मूड में थे ,उसे चिढाते बोले।
" अच्छा जी , तो कब मिलेगा ,वो मीठा वाला फल। "
उसी अदा से उस शोख ने जवाब दिया।
" बहुत जल्द , बस परसों ,४८ घंटे के अंदर , मैं तेरे सामने होऊंगा। "
ख़ुशी से वो बोले
अब उनकी ममेरी बहन की आवाज से भी ख़ुशी छलक रही थी , खिलखिलाती वो बोली।
" सच्ची ,चलिए आप भी याद करियेगा किसी दिल वाली से पाला पड़ा था। "
गुड्डी बोली।
उसे चिढाते , वो बोले ,
" क्या बोली तू , बिल वाली ,लगता है लाइन में कुछ प्राब्लम है जोर से बोल न ,साफ़ सुनाई नहीं दे रहा। "
मुझे लगा की अब मेरी ननदिया गुस्सा हो जायेगी ,लेकिन आज वो भी गरमाई हुयी थी , पहले तो जोर से हंसी , फिर बोली ,
" दुष्ट ,बदमाश। मुझे सब मालूम है ,प्राब्लम कहाँ है , तू भी न ,आओ जल्दी बताती हूँ ,पिटाई करनी पड़ेगी सब सही हो जाएगा। "
और फिर वो खुद बोली ,
" भैया आपने इंतजार तो बहुत करवाया है लेकिन कभी चखाया नहीं ,कैसा होता है ये फल , "
अब वो भी उन्ही के लेवल पर आ रही थी।
मैं और मम्मी सोच रहे थे देखें ये क्या जवाब देते हैं लेकिन मम्मी की ट्रेनिंग का अब इनपर पूरा असर हो गया था ,बोले ,
" तूने केला देखा है न ,... "
वो भी एकदम पक्की छिनार , हंस के उन की बात काटती बोली ,
" अरे भैय्या ,समझते क्या हो मुझको अब बच्ची नहीं हूँ। अरे देखा भी है ,छुआ है ,पकड़ा है ,चखा भी है , वो छोटा वाला न। "
" तभी तो मैं कहता हूँ तू न अभी भी बच्ची है ,अरे छोटा वाला नहीं , बड़ा वाला , पूरे ७ इंच का , और मोटा भी खूब ,... "
वो भी अब रंग में थे।
और मैं भी उनको और गरम करने के लिए अब खूब जोर जोर से चूसने लगी ,
साथ में मेरी तर्जनी जो ऊनके पिछवाड़े के छेद पर घिसर मसर कर रही थी ,
सटाक से गांड के अंदर घुस गयी।
हलके से उन्होंने सिसकी ली और उधर से उनकी उस छिनार बहना की भी सैक्सी सिसकी सुनाई पड़ा ,
पक्का उसकी ऊँगली भी उसकी पैंटी के अंदर रगड़ घिस्स कर रही होगी।
गुड्डी अब पूरे जोश में थी और थी भी वो बचपन की छिनार , बड़ी अदा से ठंडी सांस लेते बोली ,
" भैया , सच में इत्ता बड़ा , इत्ता लंबा , उईईइ ये तो बहुत ही बड़ा है। "
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27-01-2020, 02:49 PM
(This post was last modified: 26-04-2021, 02:40 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
इन्तजार
गुड्डी अब पूरे जोश में थी और थी भी वो बचपन की छिनार , बड़ी अदा से ठंडी सांस लेते बोली ,
" भैया , सच में इत्ता बड़ा , इत्ता लंबा , उईईइ ये तो बहुत ही बड़ा है। "
" अरे तूने इन्तजार भी तो बहुत लंबा किया है , जित्ता लंबा इन्तजार उत्ता लंबा , ... "
वो भी अब आलमोस्ट खुल के ,...
"न न भइय्या , मेरी तो सोच के हालात खराब हो रही तू सच बोल रहे हो ,परसों ,... लेकिन क्या एकबार में ,... "
अब वो खुल के सिसक रही थी ,लंबी साँसे लेरही थी जैसे जोर जोर से ऊँगली कर रही हो अपनी चुनमुनिया में।
" और क्या एकबार में ,... पूरा , और सिर्फ एक बार नहीं बार बार , आठ दिन रहूंगा मैं तेरे पास ,इत्ते दिन बाद मिलूंगा तुझसे , तू ही तो कह रही थी बहुत इन्तजार किया तूने। "
मैंने उनकी गांड में ऊँगली जोर जोर से गोल गोल घुमाने के साथ अब सीधे उनकी प्रोस्ट्रेट पर दबाना शुरू कर दिया ,
वो एकदम झड़ने के कगार पर थे।
उनकी सिसकी , सेक्सी साँसे उस तक भी पंहुंच रही थी ,
" क्यों भैया कुछ हो रहा है क्या , "
वो सिसकते हुए बोली।
" अरे , तुझसे बात करूँ और कुछ हो न कैसे हो सकता है। "
वो बोले लेकिन साथ साथ झड़ने भी लगे ,मुठियाने ,चूसने और गांड में ऊँगली का असर तो था ही साथ में उस छिनार से बात का भी असर था।
और उधर वो भी पक्का झड़ रही थी , फोन रखतीजोर जोर से हंसती बोली ,
" ठीक है भैया वेट करुँगी ,तुम्हारा सच में बहुत मन करता है ,जल्दी से आ जाओ न परसों। "
वो बार बार झड़ रहे थे , अपनी उस मस्त माल को याद करके ,कम से कम कटोरी भर मलाई उन्होंने मेरे मुंह में छोड़ा होगा।
और मैं भी जब तक वो झड़ते रहे ,उनकी कसी गांड में मैं घसर मसर ऊँगली करती रही ,
फिर उन्हें चूमते हुए सारी उनकी मलाई उनके मुंह में ,मैंने और मुंझसे ज्यादा उनकी सास ने उन्हें कम स्लट बना था।
झड़ें वो कहीं लेकिन सारी मलाई वापस उन्ही के मुंह में जाती थी।
दो चार बड़ी बड़ी बूंदे गाढ़ी थक्केदार , उनके होंठों पर लगी थी ,
उनकी सास ने वहां से अपनी ऊँगली पर ले के सीधे उनके पिछवाड़े चुपड़ दिया ,और आशीष भी दिया ,
" अरे इस मस्त कोरे छेद में खूब गाढ़ी गाढ़ी मलाई अंदर जाए ,
नयी सुहागन की तरह तेरी गांड से भी हरदम रबड़ी मलाई छलकती रहे ,
जल्द ही मेरे समधन के भोंसडे से भी चौड़ा हो जाए। "
और फिर मम्मी ने उनकी बहन के बारे में भी बोला ,
"देखा कित्ता मस्त झड़ी ,सीधे बाथरूम गयी होगी।
और इत्ता जोर जोर से हँस रही थी ,हंसी तो फंसी ,
बस अब पहला मौक़ा पाते ही उसे निहुराओ ,सटाओ और घुसेड़ दो ,एक झटके में पूरा ७ इंच। "
वो बोले नहीं ,
लेकिन उनकी मुस्कराहट और चेहरे की दमक कह रही थी ,
"एकदम मम्मी।'
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Update pe Update !!
Very erotic
Keep going....
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(27-01-2020, 10:16 PM)UDaykr Wrote: Update pe Update !!
Very erotic
Keep going....
Thanks next part soon and
Mohe Rang de will also start after a short break, today ....
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Woooow.......
Liked that you have increased the pace...
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(28-01-2020, 10:40 PM)chodumahan Wrote: Woooow.......
Liked that you have increased the pace...
yessssssss and now it is for my frnds , to increase the pace of the comments , ....
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29-01-2020, 01:06 PM
(This post was last modified: 28-04-2021, 09:05 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मॉम का आखिरी दिन
मॉम का आखिरी दिन था और वो कुछ भी कर रहे थे , बस मॉम किसी तरह खुश रहें।
और मॉम भी एकदम उन्हें चिपकाये, एक मिनट के लिए भी एक दूसरे को दोनों छोड़ नहीं रहे थे।
और साथ में मम्मी की ट्रेनिंग भी ,
उन्हें सिखाना पढ़ाना ,उनकी आदते सुधारना जारी था।
मम्मी का सारा सामान भी उन्होंने ही पैक किया अपने हाथ से।
मम्मी ने यहां तक की उस समय की अपनी पहनी ब्रा और पैंटी भी उन्हें उतार के दे दी ,
वो उसे चूम के अपनी वार्डरोब में रखने लगे तो ,
डाँट और चपत एक साथ पड़ गयी उन्हें ,
अरे बुद्धू तुझे पहनने के लिए दिया है , चल पहन अभी।
अरे तुझ तुझे इससे लगेगा न की मैं तेरे पास हूँ।
किचेन में भी मम्मी उनके साथ ,शाम का खाना उन्ही दोनों के जिम्मे था।
मम्मी उन्हें धीमी आंच पर मसाला भूनना सिखा रही थी ,
और साथ में मम्मी का एक हाथ उनके गुदाज गोरे चिकने पिछवाड़े को सहला रहा था , और एक अँगली का अंदर घुसा हुआ था , मम्मी कभी उनके इयर लोब्स को हलके से बाइट कर लेतीं ,कभी अपने भारी जोबन उनके पीठ पर रगड़ देतीं ,
और हलके हलके उनके कान में बोल रही थीं ,
मैं किचेन में किसी काम से गयी , और उन लोगों की फुसफुसाती आवाज,
" अरे तू फालतू में घबड़ाता है ,बेकार में झिझकता है। सिर्फ गांड मराने से कोई गे थोड़े ही हो जाता है।
अरे तुझे तो बुर चोदने का इत्ता जबरदस्त शौक है और सच बोलूं तो तू चोदता भी जबरदस्त है।
और अभी अपने मायके जाएगा न , तो अपनी कच्ची कुँवारी बहन को ,
और फिर अब तो तेरी माँ के भोसड़े में घुसने का इंतजाम पक्का हो गया है , बस दस दिन बाद मैं आउंगी तो ले आउंगी , तो चोदना मेरी समधन को ,... "
" नहीं लेकिन ,... " अभी भी उनमें कुछ झिझक थी। कढ़ाई में हलके हलके कलछुल चलाते वो बोले।
" नहीं लेकिन मतलब , क्या तू मेरी समधन को नहीं चोदना चाहता , "
मम्मी ने उनके गाल को हलके से बाइट करते पूछा और मुझे सुनते देख के हलके से आँख मार दी।
" नहीं नहीं , उन्हें तो मैं कब से , ... मेरा मतलब कब से चोदना चाहता हूँ ,जरूर पेलुँगा भले ही थोड़ी जबरदस्ती करनी पड़े ,मैं उस के बारे में सोच रहा था ,... "
वो बहुत हलके से बोले।
" अरे साफ़ साफ़ क्यों नहीं गांड मरवाने के बारे में सोच रहे थे।
अरे भंडुए ,मादरचोद , इसमें तुझे क्या सोचना है , तुझे तो बस निहुर जाना है , कुतिया बन के , लेट जाना है ,
बस आगे का काम तो गांड मारने वाला करेगा।
अरे कुछ दिन गांड मरवा लेगा न तो तू खुद ही लौंडेबाज ढूंढेगा। "
और ये बोलने के साथ मम्मी ने उनकी गांड में घुसी ऊँगली आधी और ठेल दी।
" नहीं लेकिन लोग , कुछ गलत नहीं है ,इसमें ,... " उन्होंने अपने मन की आशंका साफ़ साफ़ उगल दी।
" गलत क्यों है ,देख तू अपनी बहना को फंसा के लाएगा , तो तेरी बीबी भी तो उससे मजे लेगी ,उससे अपनी चूत चटवायेगी। मैं भी कच्ची कलियों को तो खूब रगड़ रगड़ के भोगती हूँ ,लेकिन तेरे ऐसे लन्ड को देख के उसे भी नहीं छोड़ती हूँ , ज्यादातर औरतें लड़कियां ,शायद ही कोई ऐसी हों जिन्होंने एक दुसरे के देह का रस नहीं लिया हो। ननद भौजाई का तो रिश्ता है इस पर बना है। लेकिन इसका मतलब ये थोड़े है की वो हार्डकोर लेस्बियन हो गयीं और उन्हें लड़के नहीं पसन्द है।
अरे ऐसे के लिए ' बाई ' शब्द है , जो दोनों का मजा लेते है , तो बस उसी तरह से तू भी लड़कों का भी मजा ले और लड़कियों का भी।
अपनी माँ बहनों को चोद और गांड मरवाने का भी मजा ले। "
मम्मी ने फैसला सूना दिया था। लेकिन एक सवाल और दाग दिया ,
" तू जानता है किसी को जिसे गांड मारने ,मरवाने का शौक हो , ... "
अबकी उन्होंने ख़ुशी से अपना ज्ञान प्रदर्शित किया ,
हंस के बोले ,
' बहुतों को , अपने कमल जीजू ही, पूरे कालेज में मशहूर थे गांड मारने के लिए। शायद ही कोई चिकना माल बचता था उनसे ,
कॉलेज में मुझसे तीन साल सीनियर थे ,
और जिसकी वो एक बार मार लेते थे खुद ही अगली बार उनके सामने पहुँच जाता था अपनी नेकर सरका के,
और आके सबको गाता था कित्ता मजा आया उसे मरवाने में। "
"एकदम, सही बोला तू लेकिन तुझे मालूम पहली रात ही उन्होंने चीनू की ऐसी फाड़ दी की , और अगली सुबह उसे टाँके लगवाना पड़ा। तो बोल न , वो गे थोड़े ही हो गए , अरे वो मैक्सिसमम मजे वाला है जैसे मैं हूँ मजे लेने का कोई मौका नहीं छोड़ती।
और जो लोग लड़कियों की गांड मारते है ,आधी ब्ल्यू फ़िल्में तो ऐनल सेक्स की होती हैं , तो वो क्या अननेचुरल है , फिर तो मुंह में चुसवाना , चूंची चोदना भी ,... अच्छा चल ये बोल तेरे साथ कॉलेज में कोई था जो मरवाता था। "
मम्मी ने अगला सवाल पूछा।
ये कन्फेशन टाइम था ,
" अरे मम्मी ये पूछिये कौन नहीं था , मेरा कॉलेज ,ब्वायज हाई कॉलेज तो इसी बात के लिए मशहूर था। ८० % से ज्यादा लड़के , मेरी भी तो चार पांच बार , ,बहुत मेरे पीछे पड़े थे ,लेकिन बस मैं हर बार बाल बाल बच गया। मेरे कितने क्लोज फ्रेंड्स थे रेगुलर ,बिना नागा मरवाते थे"
लेकिन ,.. " लेकिन उनका पीछा नहीं छोड़ रहा था।
" अरे अब क्या लेकिन ,
मम्मी ने अब उन्हें हड़काते हुए जोर जोर से उनके चूतड़ पे दो चांटे जमाये।
" डर लगता है ,दर्द बहुत होगा पहली बार। "
वो हिचकते हुए बोले।
" अरे वो तो तेरी बहन को भी होगा जिस की तू कोरी चूत फाड़ेगा , तो क्या तू छोड़ेगा उसको दर्द के डर से। अरे डर तो मन का होता है ,चल तुझे दो ट्रिक बताती हूँ , पहले तो लन्ड को खूब चूसना ,खास तौर से सुपाड़े को ,खूब थूक लगा देना। एक तो वो चिकना हो जाएगा , दूसरा तेरे मन से लन्ड का डर निकल जाएगा।
एक बात और करना , गांड खूब ढीली रखना ,बस असली दर्द तो तब होता है जब गांड का छल्ला पार होगा ,लेकिन ढीली रखोगे तो चला जायेगा ,और जहाँ दो चार बार गया , फिर तो मजे ही मजे हैं। "
उन्हें चूमते मम्मी बोलीं।
मसाला भून गया था , वो कढाई उतारने में लग गए और मैं किचेन से बाहर चली आयी।
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29-01-2020, 01:33 PM
(This post was last modified: 28-04-2021, 09:26 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
उनकी सास , मेरी सास
मसाला भून गया था , वो कढाई उतारने में लग गए और मैं किचेन से बाहर चली आयी।
खाने की टेबल पर भी दोनों लोग चालू थे , मम्मी की छेड़छाड़ , खास तौर से उनके मायकेवालियों को लेकर।
उनकी समधन और मेरी छोटी ननद दोनों उनके निशाने पर थी।
और वो भी अब मम्मी की हाँ में हाँ मिला रहे थे थे , हंस के खुल के मेरी सास और और अपनी टीनेज ममेरी बहन के बारे में ऐसी ऐसी बातें कर रही थे की , ... बस।
और यही नहीं मम्मी ने अबकी उन्ही से अपनी समधन को फोन कराया , मेरी सास की ट्रेन बस एक घण्टे में थी , वो निकलने वाली ही थीं , लेकिन खूब लहक लहक के उन्होंने बातें की बल्कि तीन बार कहलवाया भी की तीरथ से लौट के बस अगले दिन ही वो हम लोगों के पास आएँगी ,
लेकिन जब उन्होंने पूछा की सब तैयारी हो गयी तो मम्मी ने उनके हाथ से फोन लेते हुए बोला ( आफ जोर्स स्पीकर फोन आन था )
" अरे इसका मतलब है की इसकी मातृभूमि साफ़ सूफ कर ली है न ,चिक्कन मुक्कन ,आपका लौंडा नम्बरी चूत चटोरा है। अभी से इसकी जीभ लपलपा रही है ,सोच सोच के टनटना रहा है। "
कहने की बात नहीं ,मम्मी ने उनके शार्ट से उनका खूँटा बाहर कर दिया था और जोर जोर से रगड़ मसल रही थीं।
लेकिन बजाय बुरा मानने के मेरी सास खिलखिला के हंसी , बोली ,
" एकदम तैयारी कर ली है , और इसके पास आउंगी तो एक बार फिर से ,... कर लूंगी। :"
" और इतनी पूजा मनौती करियेगा तो एक मेरी भी अर्जी लगा दीजियेगा , "
मम्मी ने गुजारिश की।
" एकदम बोलिये न आपकी इच्छा तो मेरी इच्छा से भी पहले पूरी होगी , एकदम अर्जी लगाउंगी। "
मेरी सास हंस के बोलीं।
" मेरा दामाद आपकी ओखली में धमाधम मूसल चलाये , दिन रात ,"
मम्मी ने आज एकदम खुल के बोल दिया।
वो बीर बहूटी हो गए ,लजा के लेकिन मम्मी ने एकझटके से ऐसे रगड़ा की चमड़ा हट के मोटा सुपाड़ा बाहर ,
और उनकी मम्मी के जवाब ने तो उनकी और हालत और खराब कर दी. हँसते हुए वो बोलीं ,
" फिर तो मेरी और आपकी अर्जी एक ही हुयी , जरूर पूरी होगी ,डबल जोर जो है।
बस दस दिन बाद मैं लौट के आ जाउंगी , आप तो आइयेगा ही न बस उसके अगले दिन आपके दामाद के पास। "
पीछे से मेरी जेठानी की बार बार आवाज आ रही जल्दी चलिए ट्रेन का टाइम होने वाला है।
मेरी सास फोन रखतीं उसके पहले मॉम से फोन ले के मैंने फोन पर ही अपने सास का पैर छुआ , बेस्ट आफ जर्नी बोला ,
और भी की चलती गाडी से कोई अंग बाहर नहीं निकालिएगा। "
पर मम्मी भी , पीछे से उन्होंने स्पीकर फोन पर ही टुकड़ा जोड़ा, अरे तू गाडी से अंग निकालने की बात कर रही है या साडी से।
मेरी सास जोर से खिलखलाने लगीं और बोलीं ,बहू तेरी कई मिनती हो तो बता दे , वो भी मान लूंगी ,जरूर पूरी होगी। "
मैं क्यों छोड़ती ये मौक़ा ,हंस के बोली ,
" बस वही जो मम्मी ने आप को बताया था और आप की भी है , बस आप दोनों की अर्जी में मेरी भी जोड़ दीजियेगा। "
लेकिन मेरी सास भी ,एकदम मेरी सास थीं अपनी समधन की परफेक्ट समधन , तुरंत हंस के बोलीं ,
" एकदम अब हम तीनों की अर्जी है तो जरूर पूरी होगी ,लेकिन एक बात ये जरूर है की तू अपने मरद की पक्की चमची है।
पर ये समझ ले साफ़ तेरी सास न सिर्फ तेरे मरद से बल्कि तुझसे भी पूरी सेवा करवाएगी।
मैं बहू बेटे में कोई फर्क नहीं करती। हर तरह का स्वाद लेती हूँ। '
पीछे से मेरी जेठानी ने फिर से देर होने का उलाहना दिया तो मैं उनको क्यों बख्शती , सासु जी से मैं बोली ,
" एकदम मम्मी आप आइये तो , हम दोनों आपकी सेवा के लिए बेताब हो रहे हैं। और वो आपकी बड़ी बहू जल्दी जल्दी कर रही हैं उनसे बोल दीजिये न हमने नेट से चेक कर लिया है ,गाडी पूरे ४२ मिनट लेट है। असली बात ये है की आपकी बड़ी बहू ने किसी यार को टाइम दे रखा है बस इसी लिए आप लोगों को भेजने की जल्दी है , और इसी लिए हम लोग परसों आ रहे है जिससे एक रात का मौका उनको और मिल जाए। और उसके बाद तो मैं उनके देवर को ला ही रही हूँ ,देवर भाभी अपनी पुरानी यादें ताजा कर लेंगे। "
सासु जी खिलखला के बोलीं ,
" देवरानी जेठानी के बीच में मैं नहीं पड़ती , और देवर भाभी के बीच तो एकदम नहीं। परसों तू दोनों आ ही रहे हो सलट लेना आपस में। अरे वो टैक्सी वाला हल्ला कर हां है ,इसलिए। निकलती हूँ , और तेरी अर्जी जरूर लगाउंगी ,पक्की पूरी होगी। "
और उन्होंने फोन रख दिया।
फिर तो मैंने और मम्मी ने मिल के उन्हें ऐसा चिढाया ,
…………….
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29-01-2020, 01:48 PM
(This post was last modified: 30-04-2021, 09:02 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
छुटकी ननदिया
और मम्मी ने भी रात में साढ़े ग्यारह बजे उनसे गुड्डी को भी फोन लगवाया ,पूरे पौन घण्टे बात की दोनों ने।
" भईया ,इत्ती रात को , ... "
अलसाती ,अंगड़ाई लेती आवाज में गुड्डी बोली।
थोड़ी शिकायत,थोड़ी नखड़ा।
" क्यों रात को नहीं कर सकता क्या मैं ,"
वो सीधे मम्मी के सिखाये लेवल पर आ गए ,पर मेरी छिनार ननदिया,दुहरी मीनिंग वाले डायलाग बोलने में उनसे भी २० थी।
बड़ी अदा से वो शोख किशोरी बोलीं,
" एकदम कर सकते हो भैया आप ,चाहे दिन को चाहे रात को , मैं मना नहीं करुँगी। "
फिर कुछ रुक के बोली ,
"लेकिन आज दिन में किया था न फिर से रात में ,"
वो लेवल बढ़ाती जा रही थी , उन्हें उकसा रही थी।
और अब वो भी पक्के बेशर्म ,लौंडिया पटाने में एक नम्बर के , वो भी बोले ,
" क्यों एक बार कर लूंगा तो दुबारा नहीं करवाएगी तू ,:
मुझे लगा अब वो गुस्सा हो जाएगी , या फोन रख देगी पर वो भी ,
कुछ देर वो खिलखलाती रही ,फिर बोली ,
" अरे भैया लगता है तुझे कुछ हो गया है ,इत्ती रात को ऐसी ऐसी बातें ,... "
फिर कुछ रुक के सीरियस होती बोली ,
" भइया तू नम्बरी भुलक्कड़ हो। दिन में क्या बोला था मैंने , भूल गए इतनी जल्दी। अरे मैंने बोला था , तू ही पीछे हट जाते हो मैंने आज तक मना नही किया। फिर ये भी तो कहा था न की मान लो मैं मना करूँ भी , तो कोई जरूरी है तू मान जा। "
" एकदम नहीं मानूँगा , मेरे पीछे हटने का सवाल ही नहीं ,अब तुझे भी पीछे नहीं हटने दूंगा ,और नहीं मानेगी तो जबरदस्ती। "
" उफ़्फ़ जबरदस्ती , ऐसे तो न थे आप ,खिलखलाती वो बोली ,फिर हंस के कहा , अच्छा समझी ,भाभी ने बताया था न दिन में ,उनकी पांच दिन की छुट्टी चल रही है इस लिए इतने जोश में हो आप। "
गुड्डी भी न ,
फिर गुड्डी ने उन्हें और उकसाया ,
" अच्छा चलिए आप इतना बोल रहे हो न तो बोलो ,क्या करोगे जबरदस्ती ,ज़रा मैं भी तो देखूं अपने प्यारे प्यारे भइय्या की हिम्मत। "
एक पल केलिए वो रुके ,
एकदम जोश में आ चुके थे वो ,पहले तो मेरी सास से एकदम खुल्लमखुल्ला और फिर अब ये छिनार ननद तो और ,...
तंबू पूरा तना और ऊपर से मम्मी ने शार्ट खींचकर उसे बाहर भी कर दिया ,
" तेरी ले लूंगा ,आने तो दो मुझे। "
" क्या ले लोगे ," गुड्डी अब भी उन्हें छेड़ रही थी ,चढ़ा रही थी
" सब कुछ ,कुछ भी नहीं छोडूंगा। " वो भी अब जोश में थे।
" पहले आओ तो , अभी भी ३४ घंटे १८ मिनट बचे है तेरे यहां आने में। "
बड़ी शिकायत से तल्खी भरे अंदाज में वो बोली।
लेकिन वो अब मूड में आ गए थे बोलते रहे ,
बोले ,
" तेरे गुलाबी होंठ ,प्यारे प्यारे गाल , ...मीठी सी चुम्मी ,... आगे बोलूं क्या क्या लूंगा। "
" नहीं नहीं , अब मुझे नींद आ रही है सोने जा रही हूँ , ... "
वो हंस के बोली।
" आ जाऊं मैं भी , बाकी का सपने में बता दूंगा क्या क्या लेनी है तेरी। "
वो अब एकदम जोश में थे।
"एकदम भैय्या आओ न , फिर कुछ रुक के हलके से बोली ,
" मैं तो तुझे सच में भी मना नहीं करुँगी ,सपने में कौन मना करता है , गुड नाइट एंड स्वीट ड्रीम ,लेकिन सपने में आना जरूर। "
और गुड्डी ने फोन काट दिया।
' साली ,छिनार , ऊँगली कर रही होगी तेरे लन्ड के बारे में सोच सोच के " मम्मी ने उनका लन्ड मुठियाते बोला ,
फिर जोड़ा ,
" देख न,कैसे गीली हो रही थी ,कित्ते मोटे मोटे चींटे काट रहे थे हरामजादी की चूत में ,
अरे जा रहे हो परसों तो पहला मौका पाते ही चांप देना ,वरना इतना गरमाई है किसी से भी भरतपुर लुटवा लेगी। "
" एकदम मम्मी। "
उन्होंने हामी भरी।
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