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भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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09-01-2020, 11:01 AM
(This post was last modified: 09-01-2020, 01:42 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(06-01-2020, 02:15 PM)neerathemall Wrote: उन्होंने अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर के अपनी उत्तेजना और रोमांच पर काबू किया. फिर उन्होंने अपने हिप्स उसके मुह की तरफ उठा दिये जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लिंग उसके मुह मे जा सके और वो उसके पूरे मुह की गरमाहट अपने लिंग पर महसूस कर सके. लेकिन उनकी उत्तेजना इतनी बढ़ गई थी कि वे निराली का सर पकड़ कर उसे अपने लिंग पर ऊपर नीचे करने लगे. अब निराली का मुह पूरे लिंग को अपने अंदर समा चुका था.
निराली कुछ देर और उनके लिंग को अपने मुह में लिए चूसती रही पर पंकज का यौन-तनाव अब बर्दाश्त के बाहर हो गया था. उन्होंने माला को चित लिटा दिया. वो समझ गई कि अब वक्त आ चुका है. उसने अपनी टाँगे चौड़ी कर दी. पंकज उस की फैली हुई टाँगों के बीच आये और उसके ऊपर लेट गये. वे उसके गरम और मांसल शरीर का स्पर्श पा कर और भी कामातुर हो गए. उनका उत्तेजित लिंग निराली की योनि से टकरा रहा था. उनकी बाँहें निराली के गिर्द भिंच गयीं और उनके नितम्ब बरबस ऊपर-नीचे होने लगे. निराली ने अपनी टांगें ऊपर उठा दी. लिंग ने अनजाने में ही अपना लक्ष्य पा लिया और योनी के अन्दर घुस गया.
पंकज अपने लिंग पर योनि की गरमाहट को पूरी तरह से महसूस कर पा रहे थे. योनी की जकड़ उतनी मजबूत नहीं थी जितनी उनकी पत्नी की योनी की होती थी. लेकिन लिंग पर नई योनी कि गिरफ्त रोमांचकारी तो होती ही है और पंकज भी इसका अपवाद नहीं थे. लिंग पर नई योनी का स्पर्श, शरीर के नीचे नई स्त्री का शरीर और आँखों के सामने एक नई स्त्री का चेहरा – इन सब ने पंकज को उतेजना की पराकाष्ठ पर पंहुचा दिया.
उनका लिंग जल्दी वीर्यपात न कर दे इसलिये अपना ध्यान योनी से हटाने के लिए पंकज ने निराली के निचले होंठ को अपने होंठों में दबाया और उसे चूसने लगे. निराली ने भी उनका साथ दिया और वो उनका ऊपर वाला होंठ चूसने लगी. अब पंकज ने अपनी जीभ निराली के मुह में घुसा दी. निराली भी पीछे नहीं रही. दोनों की जीभ एक-दूसरी से लड़ने लगीं. इसका परिणाम यह हुआ कि पंकज अपनी उत्तेजना पर काबू खो बैठे. उनके नितम्ब उन के वश में नहीं रहे और बेसाख्ता फुदकने लगे. उनका लिंग सटासट योनि के अंदर-बाहर हो रहा था. उसमे निरंतर स्पंदन हो रहा था. उनकी साँसे तेज हो गई थी. उनके मचलने के कारण लिंग योनि के बाहर निकल सकता था.
निराली ने इस सम्भावना को ताड़ लिया. उसने अपने पैर उनके नितम्बों पर कस कर उनके धक्कों को नियंत्रित करने की कोशिश की. वह सफल भी हुई पर एक मिनट बाद पंकज का लिंग फिर से बेलगाम घोड़े की तरह सरपट दौड़ने लगा. उनका मुंह खुला हुआ था और उससे आहें निकल रही थी. लिंग तूफानी गति से अंदर बाहर हो रहा था. अचानक पंकज का शरीर अकड़ गया और उनके लिंग ने योनी में कामरस निकाल दिया. वे निराली के ऊपर एक कटी हुई पतंग की तरह गिर गए. … वे अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझ रहे थे कि एक लम्बे अर्से के बाद आज उन्हें एक पूर्ण तृप्ति देने वाले संभोग का अनुभव हुआ था.
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(10-01-2020, 12:57 PM)neerathemall Wrote: https://i.ibb.co/Dgd0Wk8/02-1ku.jpg अचानक पंकज का शरीर अकड़ गया और उनके लिंग ने योनी में कामरस निकाल दिया. वे निराली के ऊपर एक कटी हुई पतंग की तरह गिर गए. … वे अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझ रहे थे कि एक लम्बे अर्से के बाद आज उन्हें एक पूर्ण तृप्ति देने वाले संभोग का अनुभव हुआ था.
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(13-01-2020, 12:44 AM)bhavna Wrote: मस्त अपडेट।
thanks
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जब पंकज कामोन्माद से उबरे तो उन्हें एहसास हुआ कि निराली ने तो उन्हें तृप्ति दे दी थी पर वे उसे तृप्त नहीं कर पाए थे. वे निराली के ऊपर से उतर कर उसकी बगल में लेट गए. लंबी साँसे लेते हुए वे बोले, “निराली, बहुत जल्दी हो गया ना! तुम तो शायद प्यासी ही रह गई.”
निराली उनके सीने पर हाथ फेरते हुए बोली, “पहली बार नई औरत के साथ ऐसा हो जाता है. पर अभी हमारे पास वक़्त है. आप थोड़ी देर आराम कीजिये, मैं चाय बना कर लाती हूं.”
वो सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज पहन कर पहले बाथरूम में गई और फिर किचन में. उसके जाने के दो मिनट बाद पंकज बाथरूम में गये. वापस आ कर उन्होने अंडरवियर पहना और कुर्सी पर बैठ गये. पिछले कुछ मिनटों में जो उनके साथ हुआ था वो उनके दिमाग में एक फिल्म की तरह चलने लगा. उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि उन्होंने अपनी पत्नी के अलावा किसी और स्त्री के साथ सम्भोग किया था! पर सामने पड़े निराली के कपड़े बता रहे थे कि यह सच था.
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आज पंकज ने अपनी सीमायें लांग दी थी, एक परायी स्त्री के साथ सम्बन्ध बना लिए. वो अभी अपनी कामवाली के साथ!
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निराली उनके सीने पर हाथ फेरते हुए बोली, “पहली बार नई औरत के साथ ऐसा हो जाता है. पर अभी हमारे पास वक़्त है. आप थोड़ी देर आराम कीजिये, मैं चाय बना कर लाती हूं.”
वो सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज पहन कर पहले बाथरूम में गई और फिर किचन में. उसके जाने के दो मिनट बाद पंकज बाथरूम में गये. वापस आ कर उन्होने अंडरवियर पहना और कुर्सी पर बैठ गये. पिछले कुछ मिनटों में जो उनके साथ हुआ था वो उनके दिमाग में एक फिल्म की तरह चलने लगा. उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि उन्होंने अपनी पत्नी के अलावा किसी और स्त्री के साथ सम्भोग किया था! पर सामने पड़े निराली के कपड़े बता रहे थे कि यह सच था.
वे थोड़े लज्जित भी थे – एक तो इसलिये कि उन्होंने एक नौकरानी के साथ यह काम किया था और दूसरे इसलिये कि वे उसे तुष्ट नहीं कर पाए.
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Nice update... Aage kaisa kya raha... Janenge agle update me...
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(14-01-2020, 11:33 PM)bhavna Wrote: Nice update... Aage kaisa kya raha... Janenge agle update me...
वे थोड़े लज्जित भी थे – एक तो इसलिये कि उन्होंने एक नौकरानी के साथ यह काम किया था और दूसरे इसलिये कि वे उसे तुष्ट नहीं कर पाए.
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कोई बात नहीं, एक समझदार पार्टनर इसको सकारात्मक ही लेती है। अबकी बार जो खड़ा हुआ सच मे जल्दी नहीं झड़ेंगे।
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(16-01-2020, 01:20 PM)bhavna Wrote: कोई बात नहीं, एक समझदार पार्टनर इसको सकारात्मक ही लेती है। अबकी बार जो खड़ा हुआ सच मे जल्दी नहीं झड़ेंगे।
केसर डाल के पीने से चेहरे का रंग निखर जाता है क्या यह सच है ... आप नहीं झड़ेंगे.
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(14-01-2020, 11:33 PM)bhavna Wrote: Nice update... Aage kaisa kya raha... Janenge agle update me...
(16-01-2020, 01:20 PM)bhavna Wrote: कोई बात नहीं, एक समझदार पार्टनर इसको सकारात्मक ही लेती है। अबकी बार जो खड़ा हुआ सच मे जल्दी नहीं झड़ेंगे।
(16-01-2020, 01:56 PM)neerathemall Wrote: केसर डाल के पीने से चेहरे का रंग निखर जाता है क्या यह सच है ... आप नहीं झड़ेंगे.
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(This post was last modified: 20-01-2020, 10:54 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
आज पंकज ने अपनी सीमायें लांग दी थी, एक परायी स्त्री के साथ सम्बन्ध बना लिए. वो अभी अपनी कामवाली के साथ!
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वे थोड़े लज्जित भी थे – एक तो इसलिये कि उन्होंने एक नौकरानी के साथ यह काम किया था और दूसरे इसलिये कि वे उसे तुष्ट नहीं कर पाए.
पंकज अपने ख्यालों में खोये हुए थे कि निराली उनके लिए चाय ले कर आ गई. उन्हें चाय का कप दे कर वह उनके सामने जमीन पर बैठ कर चाय पीने लगी. उनको उदास देख कर वह बोली, “दुखी क्यों हो रहे हैं, बाबूजी? मैंने कहा ना कि हमारे पास वक्त है. इस बार सब ठीक होगा!”
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