Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
(02-01-2020, 01:47 PM)@Raviraaj Wrote: क्या बात है कोमल जी,बिल्कुल सही खरीददारी हुई है ?
बस इस्तेमाल सटीक तरीके से होना चाहिए बिल्कुल कीमत वसूल ??
बस बहुत बेचेनी से इंतज़ार है समधन कब आये,,कब आप उस की कस कस के???
कोमल जी एक निवेदन है अभी ये स्टोरी बहुत आगे जाएगी आप प्लीज् दूसरी लेडीज़ ओनली नाईट वाला अपडेट बीच मे रख दो ना जहां समधन से पहले उस मिसेस मोइत्रा की अच्छे से रगड़ाई Punishment लेस्बियन रेसलिंग सभी हो जाये क्यों कि जहां कहानी अधूरी छुटी है वहाँ यहीं मोड़ है तो हमें उस चीज का बहुत इंतज़ार है साथ मे मंजुबाई जो मिसेज मोइत्रा की लेगी 24 घण्टे वो अपडेट जल्दी से दे दो ना हाथ जोड़ के प्रार्थना है प्लीज बाकी कहानी के हिसाब से पूरे साल वहां तक नहीं पहुंच पाएंगे हम अभी तो मोहे रंग दे पर जोर है , आज एक भाग पोस्ट भी किया है ,
ये कहानी भी मैं ' रिवैम्प ' कर रही हूँ , नए नए भाग इसमें जुड़ रहे हैं ,
और अब होली में भी कोशिश करुँगी की कुछ , ...
इसलिए जो आप कह रहे हैं काफी मुश्किल है , ... लेकिन देखती हूँ , ....
•
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
thanks frnds one lakh vies
•
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
(31-12-2019, 11:44 AM)@Raviraaj Wrote: कोमल जी बहुत बहुत आभार आप का ??
मोहे रंग दे कि शुरुआत कर दी है बहुत ही उम्दा कहानी शुरू की है चाहे कहानी कोई हो भी हो अगर उस की लेखक आप है फिर क्या देखना,क्या पूछना ?
हम आप की अद्धभुत लेखनी के दिल से मुरीद है,कोई एक कहानी शुरू कीजिए सिर्फ महिला संबंधों पर आधारित हो क्यों कि जिस प्रकार की प्रतिभा आप मे है निसंदेह आप प्रेमसागर के इस अथाह संसार में एक नीलकमल है आप महिला प्रेम पर एक कामुख कहानी पोस्ट करें नए साल पर आप से ये मांग है मेरी,, एक विधवा महिला हो एक उस की बॉस हो और बस अथाह प्रेम हो बस प्रेम और मीठी आहें सिसकारियां एक लंबा वृतांत लिखे बहुत सारा आभार आप का ??
(02-01-2020, 01:47 PM)@Raviraaj Wrote: क्या बात है कोमल जी,बिल्कुल सही खरीददारी हुई है ?
बस इस्तेमाल सटीक तरीके से होना चाहिए बिल्कुल कीमत वसूल ??
बस बहुत बेचेनी से इंतज़ार है समधन कब आये,,कब आप उस की कस कस के???
कोमल जी एक निवेदन है अभी ये स्टोरी बहुत आगे जाएगी आप प्लीज् दूसरी लेडीज़ ओनली नाईट वाला अपडेट बीच मे रख दो ना जहां समधन से पहले उस मिसेस मोइत्रा की अच्छे से रगड़ाई Punishment लेस्बियन रेसलिंग सभी हो जाये क्यों कि जहां कहानी अधूरी छुटी है वहाँ यहीं मोड़ है तो हमें उस चीज का बहुत इंतज़ार है साथ मे मंजुबाई जो मिसेज मोइत्रा की लेगी 24 घण्टे वो अपडेट जल्दी से दे दो ना हाथ जोड़ के प्रार्थना है प्लीज बाकी कहानी के हिसाब से पूरे साल वहां तक नहीं पहुंच पाएंगे हम
कन्या रस वाली बात , आप की बात काफी रुचिकर है , एक प्रौढ़ा और दूसरी कैशोर्य में कदम रखती कच्ची कली , थोड़ा बहलाना , फुसलाना , समझाना और थोड़ी जोर जबरदस्ती , सोलहवां सावन में जो आयु का संबंध था , गुड्डी और उनकी भाभी की माँ के बीच , ... मैं सोच रही हूँ इस फ़ोरम में चल रही अपनी होली की कहानी के सीक्वेल में , ... या सोलहवां सावन के सीक्वेल में , पर अभी कुछ कह नहीं सकती , ... सीक्वेल का फायदा यह होता है की स्टोरी के बिल्ड अप में वह समय नहीं लगता ,
अब आपकी दूसरी बात ,.... आप ही ने कहा था की इस कहानी के किसी प्रसंग को मैं छोड़ू , ... जौनपुर जी की कृपा और आर्शीवाद से खुलते बंद होते फोरमो के झंझावात में भी मेरी फागुन के दिन चार और जोरू का गुलाम ( अपूर्ण ) ऐसी कहानियां बच गयी , जिन्हे शायद उपन्यास कहना सही होगा , न सिर्फ आकार के दृष्टि से बल्कि घटनाओं की भी दृष्टि से , न सिर्फ घटनास्थल , बल्कि पात्र भी कई है जो कहानी के शुरू से लेकर अंत तक जुड़े हैं , और अगर सिर्फ एक प्रसंग अलग से तो जो इस कहानी से अच्छी तरह नहीं परिचित हैं , उनके लिए उस पृष्ठभूमि से जुड़ना कठिन होता है ,
पर जैसा मैंने कहा , मैंने मना नहीं किया ,
जोरू का गुलाम , अब जोरू का गुलाम रिवैम्पड है , इसमें नए पात्र या घटनास्थल तो नहीं जुड़ेंगे लेकिन घटनाये और जुड़ सकती हैं और जुड़ भी रही हैं , पुराने फोरम के बंद होने का दुःख तो है , लेकिन नए फोरम में मुझे लगता है क्रिएटिव लिबर्टी ज्यादा है , हर पोस्ट के बाद ये डर नहीं लगता की कोई मॉडरेटर झांक रहा होगा और बिना संदर्भ समझे कैंची चला देगा , और यह भी नहीं की हमेशा , हर कैरेकटर की हाईकॉलेज की मार्कशीट , बर्थ सर्टिफिकेट और आधार साथ में ले कर चलना पड़ेगा .
तो मैं कोशिश करुँगी की जिन प्रंसगों की ओर आपने इशारा किया है , उन्हें रिवैम्प में अगर हो सके तो , ... लेकिन तब तक यही अनुरोध रहेगा इस कथा यात्रा में आप साथी बने रहें , ... हर पग पर पोस्ट के बाद , हौसला बढ़ाते रहें , ...
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
धन्यवाद ,आभार इस यात्रा में साथ निभाने के लिए , ... एक लाख व्यूज , ... मेरी किसी भी कहानी के व्यूज से ज्यादा है और यह इस कहानी के प्रति लोगों के रूचि का प्रेम का परिचायक है , एक बार फिर से धन्यवाद
बस साथ बनाये रखिये और इस बार यह कहानी अपने अंतिम मुकाम तक जरूर पहुंचेगी , बस पाठक /पाठिकाएं साथ बनाये रखें
एक बार फिर से
धन्यवाद
•
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
वो कौन थी ? का जवाब नहीं मिला
•
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
•
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
वो
थोड़ी देर में हम दोनों के सामने हाई हील्स का ढेर लगा था।
तीन इंच साढ़े तीन इंच , लेकिन सोफी भी न उसने सेल्स गर्ल को उकसाया,बस यही हैं शो सम स्टिलेटो।
और उस समय वो आगयी ,वही लड़की जो सोफी के साथ थी ,सुरु के पेड़ की तरह छरहरी ,बहुत ही अलग ढंग की नमकीन , वो भी दूकान में दिखी और मुझे देख कर मुस्करायी
।
सेल्स गर्ल स्टिलेटो लेकर आ गयी।
चार इंच ,साढ़े चार इंच , और पेन्सिल हील्स , नीचे खूब नुकीली , ...
सोफी भी न , ... पेन्सिल हील्स सहलाते मुझे आँख मार के बोली ,
" अपने उनके लिए ले लो न पहनने में भी सेक्सी और जब चाहो तो ये पूरा अंदर घुसेड़ सकती हो। "
और हम दोनों खिलखिलाने लगे ,
मैंने भी हाथ में ले कर देखा , पिंक ,डार्क रेड ,मेरे फेवरिट कलर , स्मूथ हाई क्वालिटी लेदर , और हील वाकई लंबी भी थी ,हार्ड भी।
हील टच करते हुए मैंने सोफी से बोला " यार तेरी आइडिया तो धांसू है लेकिन , वो या कोई भी इसे पहनके चलेगा कैसे। "
वो ( वही सोफी की परिचिता /सहेली ) जैसे अपने शूज देखते हुए भी हमारी बात सुन रही थी , मुस्कराके ,मुझे देख के बोली ,
" एकदम आराम से चल सकती है , क्यों नहीं चलिए मैं चल के दिखाती हूँ ,"
और सोफी ने स्टिलेटो ,साढ़े चार इंच वाले उसे पकडा दिए।
और पहन के थोड़ी देर में जब वो चली , हम लोगों से दूर , दूकान के दूसरी तरफ तो बस ,
हम दोनों का कलेजा मुंह में आ गया।
क्या कॉन्फिडेंस , क्या इलेन ,स्टाइल ,बैलेंस ,
लेकिन जिस तरह से टाइट स्कर्ट में उसके छोटे छोटे लेकिन खूब कसे कड़े नितम्ब कसर मसर ,कसर मसर कर रहे थे ,लेफ्ट राइट ,लेफ्ट राइट,...
मुझसे नहीं रहा गया ,मेरे होंठ गोल हुए और मैंने जोर की सीटी मारी , और मेरे मुंह से निकल ही गया ,
" साल्ला ,क्या मस्त पिछवाड़ा है , बहुत मजा आएगा मारनेवाले को। "
लेकिन तब तक वो ,सोफी की फ्रेंड ,हम लोगों की ओर मुड़ चुकी थी और लगता है उसने मेरा कमेंट सुन लिया था ,
जबरदस्त ब्लश किया उसने। गुलाबी गाल एकदम लाल हो गए , गुलाब मात।
लेकिन सोफी हंसती हुयी मेरी तरफ से बोली ,
"सही तो कह रही है , तू। अरे मारने लायक चीज होगी तो मारी ही जायेगी , कब तक बचेगी बिचारी। "
और साथ में सोफी अपनी फ्रेंड से भी बोली ,
" अरे जानू , अब ज़रा फ्रंट व्यू भी तो दिखा दे "
और अब वो दूकान के दूसरे कोने से हम लोगों की ओर फेस करके मटकती चलती साढ़े पांच इंच की स्टिलेटो पहन के आयी ,
बलखाती पतली कमर , छोटे छोटे लेकिन खूब मटकते , उभरते बूब्स , एकदम मस्त ,
मैंने और सोफी ने खड़े होकर जोर जोर से ताली बजायी , जबरदस्त कैट वाक।
और आते ही मैंने हाथ मिलाया ,
मजनू की पसलियां और लैला की उँगलियाँ माफिक ,खूब गोरी गोरी ,पतली लंबी नाजुक उँगलियाँ , जबरदस्त नेल आर्ट।
कुछ पहचानी पहचानी सी वो पकड़ लग रही थी , एक बार मैंने फिर ऊपर से नीचे तक देखा ,कुछ पहचानी सी लग रही थी , लेकिन मैं प्लेस नहीं कर पा रही थी।
मैंने मुड़ के सोफी की ओर देखा तो वो बड़ी मुश्किल से अपनी मुस्कराहट दबा रही थी , किसी तरह बोली
" ऊप्स मैने तुम दोनों को प्रॉपर्ली इंट्रोड्यूस नहीं कराया " लेकिन जब तक सोफी कुछ बोलती ,
मेरे हाथ को पकड़े ' वो बोली '
" नाइस टू मीट यू कोमल सिन्हा ,
आई ऍम मीता , मीता सिन्हा। "
अब मेरी चमकी ,उनकी आँखों की ओर की देखा , वही दुष्ट भोली नाचती हुयी शैतान मासूम मुस्कराहट ,
और अब हम तीनो जोर से हंसे।
सोफी जीत चुकी थी बाजी ,
उसने बोला था उसके 'जादू 'के बाद मैं उन्हें पहचान नहीं पाउंगी।
और सच में ,...
मेरे कुछ बोलने के पहले सोफी मुस्कराके बोली , मुझसे ज्यादा ही डिजर्व्स कॉम्प्लिमेंट , ऐट्टियूड ,हाउ टू वियर ड्रेस और मेकअप ,
तब तक उन्होंने अपनी हरी हरी आँखों से कांटेक्ट लेंस निकाल लिया था।
शाप गर्ल को मैंने सभी स्टिलेटो और हाई हील्स पैक करने के लिए बोल दिया और साढ़े पांच इंच की हील की ओर इशारा करते हुए ,
उनका पिछवाड़ा थपथपाते हुए मैं बोली ,
" जानते हो ये हील कहां जायेगी , ... ? "
" अच्छी तरह और तुम छोड़ भी दोगी तो मेरी सास नहीं छोड़ने वाली। जाए तो जाए। " हंस के वो बोले।
•
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
05-01-2020, 02:24 PM
(This post was last modified: 14-03-2021, 08:40 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
पहचान कौन
" जानते हो ये हील कहां जायेगी , ... ? "
" अच्छी तरह और तुम छोड़ भी दोगी तो मेरी सास नहीं छोड़ने वाली। जाए तो जाए। " हंस के वो बोले।
थोड़ी देर में ढेर सारा शापिंग बैग लटकाये हम सब एक रेस्टोरेंट में थे , उन्होंने ग्रीन कांटेक्ट लेंस फिर से लगा लिया था और मेकअप भी फ्रेश कर लिया था।
' इनकी सास न पहचाने तो फाइनल जीत तेरी , " सोफी से हाई फाइव करते मैं बोलीं।
थिंक आफ डेविल , और तभी मम्मी और सुजाता भी दाखिल हुयी दोनों केहाथ शापिंग बैग से लदे , और सीधे हमारी टेबल पे।
सोफी ने ' उनकी ' ओर इशारा करके बोला , मेरी फ्रेंड।
मम्मी और सुजाता ने ध्यान से देखा , सुजाता तो ठीक बगल में बैठ गयी , उनके मेरे बीच में। मम्मी मेरे बगल में , और 'उनके ' सामने।
बिना मेरे कहे , मम्मी ने अपनी शापिंग दिखानी शुरू कर दी , और सोफी ने हम सब के लिए बियर आर्डर कर दिया।
पहले तो सुजाता ने साड़ियों का पैकेट खोला , कांजीवरम , जार्जेट ,शिफॉन ,...
सोफी और सुजाता के बीच सैंडविच ये भी देख रहे थे , कभी छू कर कभी सहला कर ,
और सोफी के साथ हलकी आवाज में ही सही ,तारीफ़ भी कर रहे थे।
लेकिन मम्मी से नहीं रहा गया , बियर का दूसरा ग्लास खाली करते वो सुजाता से बोलीं ,
" अरे असली पैकेट्स तो खोल न स्पेशल वाले। "
मेरी कुछ समझ में नहीं आया ,
लेकिन जब सुजाता ने पैकेट एक ब्लैक बैग से निकाला तो मैं और सोफीएक दूसरे की ओर देखकर मुस्कराये ,
उसी 'खेल खिलौने ' वाली दूकान का बैग था।
सोफी ने एक खूब लंबा मोटा रफ़ डिलडो निकाल के सोफी की 'सहेली' के हाथ में रख दिया ,
हम लोगों ने जो स्ट्रैप आन डिल्डो ख़रीदे थे ,उससे भी बहुत लम्बा और बहुत मोटा ,
" अरे पकड़ के देख न , "
सुजाता ने उनसे बोला और मेरी ओर इशारा करके कहने लगी ,
" अरे इसके हब्बी , मेरे जीजू , बस उन्ही के लिए ,एकदम चिकने मस्त माल हैं , लौंडिया मात। मेरी और उनकी सास दोनों की ज्वाइंट पसंद , सरप्राइज गिफ्ट। है न खूब मोटा , बिचारे अभी कोरे हैं , ...अरे ज़रा दबा के देख न कित्ता कड़ा है। "
बिचारे , उनकी तो हालत खरा,ब , लेकिन अबकी मम्मी ने उनको थोड़ी हिम्मत दिलाई। बोलीं
" तुम भी ,न अरे ये ये उनकी माँ और मेरी समधन के लिए है ,
लेकिन सुजाता तेरा आइडिया बुरा नहीं है , दर्द तो उसे बहुत होगा लेकिन ट्राई करने में क्या हर्ज है। "
मैंने बात बदलने की कोशिश की ,और मॉम से पुछा ,
" लेकिन मम्मी आप मेरी सास पर तो अपने दामाद को चढाने की बात कर रही थीं न। "
" अरे मैं क्या अब तो तेरी सास खुद तैयार है मेरे दामाद का घोंटने को , एकदम चढ़ेगा मेरा मुन्ना लेकिन उस छिनार के पिछवाड़े का क्या होगा। जब वो तेरी सास के आगे के छेद की सेवा करेगा तो उनकी चबुतरे ऐसी चौड़ी गांड में , सटासट ,गपागप ,... फिर एक बार मलाई खिलाने के बाद कुछ तो रिचार्ज होने में टाइम लगेगा तो बिचारी के भोसड़े में , ... है न मस्त। "
और बियर की तीसरी ग्लास ख़तम करते बोलीं ,
लेकिन ये मत सोचो की तेरे उसके लिए हम कुछ नहीं लाये हैं ,सुजाता दिखा न।
और सुजाता ने एक और पैकेट खोला और एक नया जखीरा उनके सामने रख दिया ,
हैंडकफ्स स्टील ग्रे लेकिन अंदर से वेलवेट पैडिंग ,
ब्लाइंडफोल्ड ,
तरह तरह के गैग्स
और वो भी सोफी की 'सहेली ' के हाथ में दे दिया।
और उस के साथ ही एक सरप्राइज पैकेट भी ,
" खोल के देख न , ये असली चीज है मेरे जीजू के लिए मेरी ओर से गिफ्ट ,"
सिलिकॉन बट प्लग्स और जो पहला उन्होंने खोला ,वही खतरनाक था ,जायन्ट साइज ,
कम से कम साढ़े चार इंच अंदर और ढाई इंच मोटा , डेढ़ इंच बाहर रहता।
सोफी की 'सहेली ; बोल पड़ी ,
कुछ ज्यादा बड़ा तो नहीं है , चेहरे पर चिन्ता की रेखा साफ़ साफ़ दिख रही थी।
" अरे वो तो है लेकिन कुछ दिन के बाद शुरू के लिए ये है"
और सुजाता ने एक और पैकेट खोल के दिखाया ,
बिगनर्स ऐनल ट्रेनींग किट उस पर लिखा था और उस की साइज अंदर की मुश्किल से ढाई इंच रही होगी।
कुछ दिन ये ट्राई करने के बाद मीडियम साइज और फिर जो अभी तू देख रही थी न वो , फिर जीजू को पिछवाड़े का पूरा मजा मिलेगा।
और भी चीजें थीं ऐनल , ऐनल डाइलेटर ,एनिमा किट जो एक बट प्लग में फिट हो जाता था।
बियर का चौथा ग्लास ख़तम हो रहा था ,साथ में स्नैक्स।
मम्मी को लगता है कुछ शक होगया था ,सोफी से बोलीं ,
तेरी सहेली को लगता है पहले भी कभी देखा है और सोफी की सहेली को बुला के पास बैठा लिया।
मुझे लगा की चोरी अब पकड़ी गयी ,
लेकिन सोफी बोली , शायद आप लोग जब पहली बार मेरे पार्लर में आयी थीं तब देखा होगा ,उस दिन वो ,...
वो मॉम के पास में 'बैठी ' और मम्मी एकदम ध्यान से देख रही थीं ,
" हाँ हो सकता है लेकिन लगता है की कभी उससे पहले भी ,... ' वो बोलीं।
अब मुझसे नहीं रहा गया। सोफी तो बाजी जीत ही चुकी थी , मम्मी इतनी देर में भी नहीं पहचान पायी।
मैं जोर जोर से हंसने लगी ,
" अरे मम्मी आपने मेरी शादी में देखा होगा इन्हें सबसे पहले। "
और मेरे साथ सोफी और वो भी हंसने लगे , अब पहचानी मम्मी ,
मम्मी खुश भी बहुत हुयी ,तुरंत उन्होंने सोफी की उनकी नजर उतारी लेकिन हजार गारिया पड़ी उनपर ,
" अइसन मस्त माल चलो घर बताती हूँ तुझे। '
•
Posts: 600
Threads: 0
Likes Received: 275 in 206 posts
Likes Given: 2,036
Joined: Dec 2018
Reputation:
8
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
(05-01-2020, 11:06 PM)bhavna Wrote: मस्त!
thanks so much , next post now
•
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
07-01-2020, 08:23 AM
(This post was last modified: 17-03-2021, 11:22 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मंजू
सुजाता को छोड़ के जब हम घर पहुंचे तो मंजू बाई पहले से खड़ी थी , रात के बर्तन के लिए ,
पर मम्मी ने बोला की हम खाना बाहर खा के आये हैं ,
लेकिन मंजू बाई की आँखे तो बस उन को सहला रही थीं , नए आये रंग ,रूप ,रस और जोबन को।
" हे कुछ और माजना रगड़ना हो तो रुक जा , "
मम्मी भी न ,
उन्होंने खुल के मंजू बाई को निमन्त्रण दिया और वो क्यों चूकती।
उतरते ही उनके चूतड़ पे कस के एक हाथ मार के मंजूबाई बोली ,
" अरे इस माल को रगडने माजने के लिए तो मैं एकदम रुकूँगी ,"
मम्मी और मैं सोफी के आर्ट वर्क को नहीं पहचान पाए थे लेकिन मंजू बाई की खेली खायी आँखों ने उन्हें झट पहचान लिया।
मम्मी तो कपडे वपड़े बदल के बाद में मैदान में उतरी , मंजू पहले ही , न उसने अपना कपड़ा उतारा न उन्हें उतारने दिया बस सीधे ,
एकदम जो कहते हैं न तसल्लीबख्श रिपयेर बस वही ,
" चल साले चाट मेरा भोंसड़ा ,देखती हूँ बचपन से माँ का भोसड़ा चाट रहा है मादरचोद ,कितना सीखा है ,
अगर बिना झाड़े हटा न तो तेरे पूरे खानदान की गांड आज रात मार के रहूंगी ,गांडू साल्ला। "
उनके कंधे को जबरन दबा के कमरे में जबरन फर्श पर बैठा दिया ,मंजू बाई ने और अपनी साडी कमर तक उठा के ,
उनका सर अपने रसीले खूब चूदे भोंसडे पर सता के उसने अपना इरादा जाहिर कर दिया।
जब शुरुआत ही छक्के से शुरू हो तो मैं समझ गयी की आज की रात इनकी सब रातों पर भारी होगी ,आज तो एकदम डबल धमाका होने वाला है , मंजू और उनकी सास,
मैं आज मुकाबले से बाहर थी , मेरे ' वो वाले पांच दिन ' मेरी ' मासिक छुट्टी ' चालू हो गयी थी।
लेकिन देख तो सकती ही थी ,और देखने के साथ उनकी हिम्मत बढ़ाने के साथ मम्मी और मंजू बाई को उकसा भी रही थी ,
और एक दो बार मैंने उनकी 'रक्षा ' भी की लेकिन वो बात बाद में ,
अभी तो मैं देख रही थी किस शिद्दत से से वो मंजू बाई का भोंसड़ा चूस रहे थे , और उसमें उनसे ज्यादा हाथ मंजू बाई का था।
क्या कोई मर्द किसी नए जोबन वाली टीनेजर के रसिले होंठों के बीच अपना मोटा लन्ड घुसा के ,जोर जोर से पेल के जबरन चुसवायेगा ,
पूरी तेजी के साथ मंजू बाई ने उनके सर को दबोच रखा था और जोर जोर से उनके मुंह पे अपने भोंसडे को कस कस के रगड़ रही थी और वो भी कौन से कम थे ,
उनकी जीभ उस भोंसडे के अंदर घुसी ,गोल गोल घुमती तो कभी आगे पीछे होती ,
जोर जोर से और उनके होंठ भोंसड़ी की रसीली पुत्तियों को दबोचे जोर जोर से चूस रहे थे।
और साथ में मंजू ,बाई के मुंह से गालियों की बौछार और सब की सब उन के माँ को उन से जोड़ के ,
"चाट मादरचोद ,चाट चूस कस के , बोल मजा आता था न तेरी माँ के भोंसडे का रस चूसने में ,
अरे वही समझ के सोच अपनी माँ का भोंसड़ा चूस रहा है हाँ एकदम मजा दूना हो जाएगा ,
भँडुआ ,अपने मामा का जना चूस कस कस के , "
दस मिनट से वो पूरी ताकत से चूस रहे थे , और मंजू बाई की गालियां सुन के उन का जोश और दूना हो जाता था ,
तभी मम्मी ने इंट्री ले और उन्होंने पलंग पर जो ' खेल खिलौने ' हम लोगो ने अडल्ट शाप से ली थी सब बिखेर दिया ,
बॉन्डेज वाले हैंडकफ , ब्लाइंडफोल्ड , गैंग ,डिल्डो सब कुछ ,
और मंजू बाई की गालियां सुन के खिलखिलाती बोलीं ,
"एकदम सही बोली , अगर ये अपने मामा का जना है , तो इसकी ममेरी बहन तो सगी ही हुयी ना ,
अब उसको चोद के तो ये पक्का बहनचोद बन जाएगा। '
जोर जोर से उनके खुलेमूंह में अपने भोंसडे से धक्का मारती वो बोली ,
" सही तो है जिसने इनकी माँ चोद दी कुंवारेपन में उसकी बेटी चोदना तो बनता है न ,हचक हचक के फाड़ना ,
जो बहन भाई से सील तुड़वाती है न वो एकदम पक्की छिनार बनती है ,पूरे शहर का दिल खुश कर देगी ,बस एक बार तू उसकी सीलतोड़ दे "..
और मम्मी और मंजू बाई ने पकड़ के उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया , हाथ पैर सब फैला के बाँध दिए
और कुछ देर में बंधे छने पड़े थे बिस्तर पर।
मम्मी ने जो हैंडकफ्स अपने प्यारे दामाद के लिए लायी थी वो इस्तेमाल किये अपने दामाद को बाँधने के लिए
तो मंजू बाई ने झट अपनी साडी ब्लाउज खोल के ( इससे ज्यादा कुछ वो पहनती नहीं, थी )
उनके हाथ को पलंग से अच्छी तरह फैला के बाँध दिया और फिर दोनों पैर भी , x की तरह फैला के ,
और जहां और कपडे लगे तो मम्मी के कपडे भी ब्रा पैंटी सहित ,
साथ में उनकी ड्रेस भी उतर गयी।
लेकिन सब मस्त चीज जो दिख रही थी ,
न किसी ने छूआ ,न दबाया , न पकड़ा ,न रगड़ा ,
लेकिन एकदम टनाटन , क़ुतुब मीनार मात ,एकदम खड़ा।
उनका मोटा तगड़ा लन्ड।
" क्यों माँ के मीठे रसीले भोंसडे की याद आ रही है जो इत्ता मस्त खड़ा है , "
उनके गोरे गोरे लौंडिया माफिक नमकीन गाल जोर से पिंच करते हुए मैंने चिढ़ाया।
मम्मी से नहीं रहा गया ,उन्होंने अपने दोनों हाथों से मथानी की तरह अपने दामाद के खूंटे को पकड़ा और जोर से रगडती मसलती बोलीं ,
" तो गलत क्या है ,अरे मेरे मुन्ने को माँ के रसीले भोंसडे की याद आयी तो , बचपन से ही तो चूसता चाटता आ रहा है , पहली बार मुट्ठ माँ के भोसड़े को सोच के मारा, अरे जल्द ही दिलवाऊंगी तुझे उसके भोंसडे का मजा ,यहीं इसी पलंग पे ,बस १५ दिन और ,हचक हचक के चोदना। "
•
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
07-01-2020, 08:40 AM
(This post was last modified: 17-03-2021, 11:41 AM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
जबरदस्त रगड़ाई
" क्यों माँ के मीठे रसीले भोंसडे की याद आ रही है जो इत्ता मस्त खड़ा है , "
उनके गोरे गोरे लौंडिया माफिक नमकीन गाल जोर से पिंच करते हुए मैंने चिढ़ाया।
मम्मी से नहीं रहा गया ,उन्होंने अपने दोनों हाथों से मथानी की तरह अपने दामाद के खूंटे को पकड़ा और जोर से रगडती मसलती बोलीं ,
" तो गलत क्या है ,अरे मेरे मुन्ने को माँ के रसीले भोंसडे की याद आयी तो , बचपन से ही तो चूसता चाटता आ रहा है ,
पहली बार मुट्ठ माँ के भोसड़े को सोच के मारा, अरे जल्द ही दिलवाऊंगी तुझे उसके भोंसडे का मजा ,यहीं इसी पलंग पे ,
बस १५ दिन और ,हचक हचक के चोदना। "
मम्मी ने मुठियाते हुए एक झटके में जो लन्ड को झटका तो चमड़ा हटा और खूब मोटा भूखा सुपाड़ा बाहर
"और तब तक माँ समझ के यह भोंसड़ा चोद , "
मैं मंजू बाई को उनके ऊपर चढ़ाते बोली।
मैं अपनी पांच दिन की छुट्टी के चक्कर में आउट आफ एक्शन थी लेकिन मजे लेने का कोई मौका छोड़ने वाली नहीं थी।
मंजू बाई झट से ऊपर और देखते देखते ७ इंच का मूसल उसकी बुर में गायब।
और पल भर में ' उनकी माँ ' के रोल में , बिना धक्के लगाए अपने रसीले भोंसडे में जोर जोर से दबाती निचोड़ती ,
उनके चेहरे से लग रहा था उन्हें कितना मजा आ रहा है।
झुक कर के मंजू बाई ने पहले तो हलके से उनके होंठ दुलार से चूमे
फिर कचकचा के गाल काट लिए जैसे कोई किसी लौंडिया के गाल काटे।
वो चीख पड़े।
" याद आ रहा है जब पहली बार तुझे अपना भोंसड़ा चूस्वाया था , क्लास में फर्स्ट आया था तू , ... फिर तो कॉलेज से आके , कपडे बाद में उतारता था ,नाश्ता बाद में ,सबसे पहले तो माँ के भोसड़े का भोग ,है न। "
मंजू बाई बोली।
उनके चेहरे पर एक मुस्कान सी आ गयी। होंठो पर अभी भी कुछ देर पहले जो वो मंजू बाई की भोंसडे को चूस रहे थे उसका पूरा रस चमक रहा था।
मैं और मॉम एक दूसरे को देख के बिना मुस्कराये न रह पाए।
" मन करता है न माँ के भोसड़े को चोदने का बोल न मुन्ने ,"
धीमे से उनके मुंह से हाँ निकल गया।
" अरे जोर से बोल न मुन्ना ,शर्माने की क्या बात। "
मंजू बाई इतने आसानी से नहीं छोड़ने वाली थी।
और अबकी उन्होंने जोर से कबूल किया , " हाँ मन करता है , सच में बहुत। "
फिर तो जैसे इनाम के तौर पे मंजू बाई ने अपनी कमर की गोल गोल चक्की चलानी शुरू कर दी ,
बिना ऊपर नीचे किये उनके खूंटे को मस्त मजा दे रही थी वो।
और कुछ देर बाद धीमे धीमे अपनी कमर ऊपर कर तीन चार इंच खूँटा उसने बाहर किया , और फिर जैसे सरकते हुए ,एक बार फिर पूरा लन्ड गड़प।
' असली मजा तो माँ चोदने में आता है न। "
मंजू बाई ने फिर पूछा।
कुछ मस्ती से कुछ यादों में कुछ फैंटेसी में उनकी आँखे बंद थी ,मुंह से उनके निकल गया ,
" हाँ ,हाँ ,... "
और मंजू बाई ने धक्कों की ताकत और रफ़्तार तेज कर दी ,बोली
मुन्ने ज़रा पूरी ताकत से चोद न अपनी माँ को देखूं तो बेटे की ताकत ,
और नीचे से वो पूरी ताकत से धक्के लगाने लगे , चूतड़ उठा उठा के।
एकदम लग रहा था की वो यही समझ रहे हैं की माँ की चोद रहे हैं।
सिसकियाँ , उह्ह्ह आह्ह्ह्ह
और मंजू बाई ने गियर चेंज किया ,
एक साथ झुक कर मंजू बाई ने उनके गाल कचकचा के काटे और अपने नाखून से उनके निप्स स्क्रैच कर लिए ,
उईईई आह्ह्ह्ह्ह उईईईईई माँ लगता है ,
वो जोर से चीखे।
" ये गौने की दुल्हन की तरह चीख रही है छिनार , इसका मुंह बंद करना पडेगा। " मंजू बाई मॉम से बोली।
और अगले पल मॉम के रसीले निचले गुलाबी होंठों ने उनका मुंह सील कर दिया ,
और फिर तो वो फ्री फार आल हुआ ,
मंजू बाई ने मुझे इशारा किया ,और जितने कुशन तकिये बिस्तर पर ही नहीं पूरे घर में थे , सब निकाल के ढूंढ के मैंने उनके गोरे चिकने चूतड़ों के नीचे लगा दिए।
उनके गोरे नमकीन उठे हुए चूतड़ ,
स्पैंक ,स्पैंक , मंजू बाई के तगड़े हाथ ,
और कुछ देर में ही उनके चूतड़ों पर कमल खिल उठे खूब लाल लाल ,
और बिचारे चीख भी नहीं सकते थे
उनके होंठों पर तो उनकी सास के बुर का कब्जा था ,
वो जोर जोर से रगड़ रही थी उन्हें चटवा रही थी और मेरी सास को एक से एक गन्दी गालियां सूना रही थी।
साथ में मॉम के लंबे शार्प नाख़ून , उनके निपल्स को स्क्रैच कर रहे थे , कभी वो उनके निपल पकड़ के गोल गोल पकड़ के घुमा देतीं , पूरी ताकत से।
दो प्रौढ़ महिलायें , उनके एम् आई एल ऍफ़ फैन्टेसी से भी बढकर , एक साथ
दर्द और मजे का मिश्रण।
मॉम उन्हें मंजू बाई को चोदने के लिए उकसा रही थीं ,
" चोद साले , अपनी माँ के भंडुए चोद , दिखा किस ताकत से चोदेगा अपनी माँ को ,मेरी चूतमरानो समधन को। चोद चूतर उठा उठा के "
और सच में वो अपने चूतर उठा के पूरी ताकत से चोद रहे थे , मंजू बाई बस उन्हें पकडे हुए थी अब धक्के वही लगा रहे थे।
और मंजू बाई भी ,
" साले अगर हम दोनों की बिना झाड़े तू झड़ा न तो तेरे सारे खानदान की गांड मार दूंगी। वो भी बिना तेल लगाए "
मंजू बाई ने उन्हें वार्न किया और ये भी बोला ,
" अरे ज़रा भोंसड़ा चूस के तो दिखा ,देखूं क्या सिखाया है तेरी माँ ने बचपन में तुझे , खूब चूसता था न बचपन में अपनी माँ का भोंसड़ा ,"
और सच में जोरदार धक्कों के साथ मंजू बाई को चोदने के साथ जिस मस्त ढंग से वो अपनी सास की रसभरी बुर चूस रहे थे ,
दस पंद्रह मिनट तक लगातार ,
•
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
07-01-2020, 09:15 AM
(This post was last modified: 19-03-2021, 08:30 AM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
डबल धमाका
और सच में जोरदार धक्कों के साथ मंजू बाई को चोदने के साथ जिस मस्त ढंग से वो अपनी सास की रसभरी बुर चूस रहे थे ,
दस पंद्रह मिनट तक लगातार ,
और साथ में गालियों की बारिश के साथ मंजू बाई कभी अपनी बड़ी बड़ी कड़ी चूँचियों से उनके सीने को रगड़ देती तो
कभी अपनी ऊँगली झुक के उनकी गांड के छेद पे कस के रगड़ देती , तो कभी कचकचा के उनके निप्स काट लेतीं ,
लेकिन मंजू बाई सिर्फ उन्हें तंग नहीं कर रही थीं ,उनकी पूरी कोशिश थी की किसी तरह वो उससे पहले झड़ जाएँ।
लेकिन वही हुआ ,
पहले मंजू बाई
फिर उनकी सास ,
और जब वो दोनों हटी तो मंजू बाई ने तारीफ़ की नजर से मुझे देखा ,
वो नहीं झड़े , उनका झंडा वैसे ही ऊँचा का ऊंचा
और उनकी सास और मंजू बाई दो दो बार झड़ गयीं .
एक को चोद कर झाड़ा उन्होंने एक को चूस चूस कर के ,
अरे आखिर वो किसी को चोदें ,
किसी से भी चुदे ,
माल तो मेरे ही थे।
और मैंने ओनरशिप और तारीफ़ की निगाह से उनकी ओर देखा।
झंडा अभी भी लहरा रहा था ,
लेकिन वो भी बस अब झड़ने के कगार पर ही थे ,
अब गए तब गए।
बस मंजू बाई ने उनके लन्ड के बेस पर खूब जोर से , पूरी ताकत से चुटकी काट ली।
और उनका जोश एकदम से ,
'वो ' अभी भी खड़ा ,तना था लेकिन झड़ने का ख़तरा नहीं था।
उनकी सास और मंजू बाई दोनों ही लस्तपस्त थकी पड़ी थीं ,
कभी एक दूसरे को देख के मुस्कराती तो कभी उनको देख के।
मस्त झड़ी थीं दोनों , उनकी सास और मंजूबाई। हिलने की हालत भी नहीं थी।
मैं ख़ुशी से तारीफ़ से उन्हें देख रही थी और वो मुझे , टू मिनट वंडर तो वो कभी भी नहीं थे।
पहली रात ही उन्होंने मुझे तोड़कर रख दिया था। ८-१० मिनट से ज्यादा ही
जो मेरी भाभियों ने सहेलियों ने सीखा पढ़ा के भेजा था ,
कम से कम कम १५ -२० मिनट ,
लेकिन आज तो एक साथ दोनों प्रौढ़ाओं ,
इस खेल में एक्सपर्ट ,
और वो भी नीचे लेटे लेटे ,
आधे घंटे तो कम से कम , ...
और सबसे पहले मंजू बाई एक्टिव हुयी , उनकी माँ , मेरी सास का नाम लेकर उन्हें चढाने ,चिढ़ाने लगी।
" ठीक है ,ठीक है , लेकिन कम से कम दो बार झाड़ के लस्त पस्त करोगे न अपनी माँ को और बिना रुके तीसरी बार चोदोगे ,
मेरी गारंटी है एकदम तेरे लौंड़े की छिनार दीवानी हो जायेगी।
सब सरम लिहाज भूल के ,खुद ही तेरे पीछे पड़ेगी , सबके सामने चुदने को तैयार हो जायेगी , ... "
और मैंने भी मजा लेते हुए टुकड़ा लगाया ,
" मंजू बाई एकदम सही कह रही है , अरे जंगल में मोर नाचा किसने देखा ,
जब तक हमारे सामने मेरी सास पे चढ़ाई न हुयी तो कैसे हम माने की तुम असली मादरचोद हो की नहीं। "
मॉम भी ना , कुछ भी हो जाए वो हरदम अपने दामाद की तरफदारी ही करती थीं , बोलीं ,
" अरे तू समझती क्या है मेरे दामाद को ,आने दो तेरी सास को , अब १५-१६ दिन तो ही बचे हैं न।
हाथ कंगन को आरसी क्या , अरे इसी कमरे में ,बरामदे में सारे घर में , जैसे कातिक में कुतिया चुदती है न ,
वैसे घिर्रा घिर्रा के , रगड़ रगड़ के ,तेरे सामने ,मेरे सामने ,मंजू बाई के सामने चोदेगा।
अरे इसमें कौन सरम ,बोल मुन्ना चोदेगा न हम सबके सामने , ... "
और वो तो मुझसे ज्यादा उनके गुलाम , जोर जोर से उन्होंने सर हिलाया।
मैंने मुश्किल से मुस्कराहट रोकी।
शादी के बाद कभी मजाक में ही सही ,चिढाने के लिए ,गारी वारी गाने में मैं उनके किसी मायके वाली का नाम ले के ,
कुछ बोल देती तो वो एकदम अलफ ,
लेकिन अब खुल के उनकी माँ के बारे में , और वो ,... मुस्करा के हामी में सर हिला रहे हैं।
लेकिन मम्मी ने मंजू बाई की बात की ताईद की।
" बात वो सही कह रही है , पहली बार हचक के चोद चोद के अपनी माँ के भोसड़े की ऐसी तैसी कर देना , कम से कम दो बार झाड़ना ,ठीक है न मुन्ना ,उसके बाद अपनी मलायी जब वो तीसरी बार झड़ें न तो बस सीधे बच्चेदानी में उड़ेल देना , "
मम्मी की बात अबकी मैंने काटी ,
" अरे मम्मी आप क्या कह रही है , अरे अगर ये अपनी गाढ़ी मलाई मेरी सास की सीधे बच्चेदानी में ,... कहीं गाभिन हो गयीं तो। "
मैंने बनावटी घबराहट से कहा।
" अरे गाभिन हो गयी तो क्या हुआ , पेट फुलाये घूमेंगी , नौ महीने बाद सोहर होगा।
तुझे एक मस्त ननद मिलेगी और इन्हें एक बहन ,बस उसकी झांटे निकलने का इन्तजार करना, ... "
मंजू बाई बोल रही थी लेकिन अबकी मैंने फिर बात काटी ,
" अरे मंजू बाई इनकी वो बहन लगेगी की बेटी , भले भोसड़ा इनकी माँ का होगा लेकिन लन्ड तो इनका , ... "
मैंने फिर अपना शक जाहिर किया।
अबकी मुझे डांट पड़ गयी , और कौन डाँटता। मम्मी। झुंझला के बोलीं ,
" तू भी न , तुझसे मेरे मुन्ना का कोई फायदा देखा नहीं जाता , अरे बहन या बेटी , बिना चोदे उसे मेरा मुन्ना छोड़ेगा नहीं , अरे मादरचोद ,बहनचोद तू उसे बना सकती है तो बेटीचोद , .... "
और अबकी बात उन्होंने काटी।
बिचारे बड़ी देर से बोलने की कोशिश कर रहे थे लेकिन हम तीनों के बीच में उनकी कौन सुनता ,लेकिन अबकी जोर से वो बोले ,
" ऐसा कुछ नहीं होने वाला। "
मतलब , .... हम तीनों एकसाथ चीखे।
कुछ देर बिचारे रुके फिर उन्होंने राज खोला ,
" आप लोग भी न " ,...
फिर उन्होंने थूक घोंटा , गहरी सांस ली और बोले ,
" बात ये है की जब मैं पैदा हुआ था , तभी , उसके तुरंत बाद , माँ ने ऑपरेशन करवा लिया था की अब दो बच्चे हो गए तो , इसके बाद नहीं , बस ,... तब से , तब इसलिए उनके , ... "
जो बात कहने में वो हिचक रहे थे मैंने पूरी कर दी , आखिर पत्नी थी उनकी , उनकी माँ की छोटी बहू।
" तो तेरा मतलब ये है की तुम कितना भी मेरी सास को हचक हचक के चोदोगे ,मलाई उनकी बुर में डालोगे , सीधे बच्चेदानी में भी ,तब भी वो गाभिन नहीं होगीं। "
मैंने मुद्दा साफ़ किया।
जोर जोर से सर हिलाने के साथ उन्होंने खुल के हाँ बोला .
•
Posts: 162
Threads: 0
Likes Received: 51 in 51 posts
Likes Given: 81
Joined: Jan 2019
Reputation:
5
मस्त, गर्म और अति उत्तेजित
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
Posts: 173
Threads: 0
Likes Received: 123 in 99 posts
Likes Given: 134
Joined: May 2019
Reputation:
5
Posts: 14
Threads: 0
Likes Received: 9 in 9 posts
Likes Given: 5
Joined: Dec 2019
Reputation:
2
बहुत ही कामुक उपडेट दिया है कोमल जी
आप को बहुत बहुत धन्यवाद,
पूरा तन मन बदन हिला दिया आप ने,
आप जो हिंदी में लिखती है उसका जवाब नही है आप की लेखनी का ही जादू है जो कि इस हद तक कामूक है,
हर अपडेट कुछ नया कुछ हर बार कुछ अलग ही होता है, जिस तरह से आप लिखा रही है ओ लाजवाब है●
एक बार फिर बहुत बहुत धन्यवाद●
Posts: 162
Threads: 0
Likes Received: 51 in 51 posts
Likes Given: 81
Joined: Jan 2019
Reputation:
5
(04-01-2020, 07:47 AM)komaalrani Wrote: Thanks so much , an important mile stone both for me and this story but it was not possible without your support
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
(07-01-2020, 09:53 PM)UDaykr Wrote: Very nice update!!
Thanks so much ...as i said this is ' revamped ' version ...so some few new episodes and more importantly pictures ...just keep on supporting this venture
•
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
(07-01-2020, 05:35 PM)Black Horse Wrote: मस्त, गर्म और अति उत्तेजित
thanks so much , next part soon
•
Posts: 2,727
Threads: 13
Likes Received: 1,217 in 788 posts
Likes Given: 494
Joined: Jan 2019
Reputation:
47
(07-01-2020, 09:53 PM)UDaykr Wrote: Very nice update!!
Thanks so much
•
|