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25-12-2019, 12:30 PM
(This post was last modified: 01-03-2021, 03:25 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मलाई , गाढ़ी , थक्केदार
जब उन्होंने देखा की मम्मी एकदम थेथर हो गयी हैं , तो बिना एक इंच भी बाहर निकाले उन्होंने आसन बदल लिया ,
अब मेरी सास बनी उनकी सास उनके नीचे , टाँगे , जाँघे एकदम फैली ,
और उन्होंने उनके चूतड़ के नीचे तकिया कुशन लगा के एकदम उठा दिया था ,
धक्के उनके अब रुके लेकिन होंठ और हाथ चालू हो गए ,
जिस जोबन के वो दीवाने थे ,
अब उनके होंठ के बीच , चुसूर चुसूर चूस रहे थे वो अपनी सास की चूँची ,
जीभ से निप्स फ्लिक करते और दूसरा जोबन उनके हाथ के नीचे कुचला मसला जा रहा था ,
लंड एकदम जड़ तक धंसा था , लोहे की तरह कड़ा ,
और दूसरा हाथ , अब पहले तो कुछ देर फैली जांघों को सहला रहे थे , और धीरे धीरे उनका हाथ जादू के बटन की ओर ,
क्लिट छेड़ने के मामले में तो वो एकदम एक्सपर्ट थे , ...
बस पहले तो उनका अंगूठा , कुछ देर तक तो मम्मी की क्लिट वो हलके हलके दबाते रहे फिर अंगूठे और तर्जनी के बीच ,
उनकी सास की हालत खराब , वो सिसक रही थीं चूतड़ पटक रही थीं , मोटा खूंटा दामाद का अंदर धंसा हुआ था ,
" करो न " हलके से वो बोलीं ,
लेकिन दामाद भी उनका अब एकदम उन्ही की तरह , ... उन्होंने निप्स और क्लिट दोनों कस कस के मसलना शुरू कर दिया ,
मम्मी को भी याद आया की वो तो इनकी माँ बनी है ,
एकदम मेरी सास की आवाज में ,
कोई कह नहीं सकता था की किसी और की आवाज है ,
" मुन्ना कर न , चोद न अपनी माँ को , "
बस फिर तो वो एकदम तूफ़ान मेल हो गए , धक्के पर धक्का , ...
" ले माँ , ले , घोंट पूरा , ... अपने मुन्ना का "
मम्मी नीचे से चूतड़ उठा उठा कर हर धक्के का जवाब जोर जोर धक्के से दे रही थीं ,
अपनी बाहों में उन्होंने अपने दामाद को भींच लिया था , उनके लम्बे नाख़ून उनके कंधो पर धंस रहे थे ,
और साथ में गालियां
" चोद स्साले चोद , देखती हूँ ताकत तेरी "
और अपनी समधन की ऐक्टिंग कर रही थी तो उन्हें मौका मिल गया , उनकी , मेरी सास की खिंचायी करने की बोलीं ,
" ,आह ओह्ह , ... जब पहली बार राखी के दिन तेरे मामा ने फाड़ी थी मेरी झिल्ली ,
उस दिन भी इतना दर्द नहीं हुआ था , ओह्ह चोद न कस कस के ,
इतने मर्दों से शादी के बाद मैंने चुदवाया , इत्ते लौंडो से शादी के पहले ,
लेकिन मुन्ना जो मजा तुझसे चुदवाने में आ रहा है , ... "
फिर तो उनका हर धक्का सीधे बच्चेदानी पर , ...
और मम्मी फिर थोड़े देर बाद झड़ने लगीं ,
पर अबकी न वो रुके न उन्होंने पोज बदला ,
पूरे आधे घंटे तक बिना रुके ,
मेरी मम्मी को अपनी माँ समझ कर चोदने के बाद ही वो झड़े ,
और देर तक ,
पूरी कटोरी भर मलाई छोड़ी उन्होंने अपनी सास की बुर के अंदर , ...
और मैंने लाइट जला दी , ...
लेकिन उनकी सास ने उन्हें छोड़ा नहीं , वो भी साथ साथ झड़ती रही ,
मेरी बात पर उन्हें यकीन नहीं आता था की उनका दमाद बिना मुझे तीन बार झाड़े कभी भी ,...
लेकिन आज वो खुद तीन बार तब उनके दामाद ने मलाई उनकी बिल में ऊगली थी।
बड़ी देर तक वो दोनों एक दूसरे को पकडे दबोचे लेटे रहे।
दो बार की मलाई उनकी सास की बुर में बजबजा रही थी ,
एक तो हर बार कम से कम कटोरी भर मलाई छोड़ते थे ,
और दूसरे उनकी सास ने , जब वो उनकी माँ बनी उनसे चुदवा रही थीं ,
दोनों बार की मलाई एक एक बूँद अपनी बुर में भींच के रोक रखी थी ,
बस जैसे ही वो अलग होने लगे , ...
मम्मी ने उन्हें खींच कर , सीधे उनका मुंह अपनी बुर पे , जिसमें से उनकी मलाई छलछला रही थी ,
और कस के अपने दोनों हाथों से उनका सर , अपनी जाँघों के बीच ,
सच में उनका दमाद पक्का कम स्लट था , ...
और एक्सपर्ट भी ,
पहले तो उन्होंने अपनी जीभ की नोक से जांघ के ऊपरी हिस्से पर , अपनी सास की गुलाबो के चारो और , एक एक बूँद चाट डाली ,
फिर जैसे कोई आम की दो फांको को फैला के चाटे , ..दोनों भगोष्ठों को उन्होंने फैलाया , और पूरा मुंह सीधे वहीँ लगा के ,
सपड़ , सपड़ ,
मम्मी ने कस के दोनों हाथों से उनके सर को पकड़ के अपनी रस से डूबी रसमलाई पर चिपका रखी थी , वो इंच भर सरक नहीं सकते थे
वीर्य से लिथड़ी बुर को कस कस के पहले तो उन्होंने चाटा , फिर जम कर चूसना शुरू कर दिया ,
सच में देख कर मेरी हालत भी ख़राब होने लगी थी ,
हम तीनों एक साथ बिस्तर पर लेटे थे ,
लाइट मैंने सब जला दी थीं , एक एक चीज साफ़ साफ़ दिख रही थी ,
उन की सास ने मुझसे तीन तिरबाचा भरवाया था की आज रात सिर्फ उनकी सास के नाम ,
और आज वो उसे पक्का मादरचोद बना के छोड़ेंगी , ...
आज वो मूसल मुझे नहीं मिलेगा ,
लेकिन चोर चोरी से जाय , हेरा फेरी से थोड़े ही जाता है , ...
मैं पलंग के दूसरी ओर बैठी , सास दामाद की प्रेम लीला देख रही थी , ...
लेकिन मुंह उनका सास की सेवा कर रहा था ,
पर ' वो ' ऊन के मोटे मूसलचंद तो खाली थे ,
हाँ दो बार अपनी सास को मेरी सास समझ कर जो उन्होंने पूरे जोश से चोदा था , ....
तो वो भी थोड़ा सोया , थोड़ा थका ,...
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ye role play me saasu ko maa samajh ke....
ekdam tan tana ke khada ho gaya...
lekin plan asli maadarcho... banane ka tha...
aur wo 22 din baad hoga...
ye 22 din kaatne mushkil honge daamad ko...
mera matlab joru ke gulaam ko...
upari prasang ko mila ke mere anumaan ke mutaabik aapne lagbhag 25 naye page likh daale..
aur ye revamp kahani ko nayapan deta hai...
aapki jaadui lekhni ko shat shat naman...
thodi raftar se update dene ki apeksha hai...
Ko(maal) bhabhi aur xossipy ke sabhi members ko Christmas ki badhaai...
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(25-12-2019, 03:07 PM)chodumahan Wrote: ye role play me saasu ko maa samajh ke....
ekdam tan tana ke khada ho gaya...
lekin plan asli maadarcho... banane ka tha...
aur wo 22 din baad hoga...
ye 22 din kaatne mushkil honge daamad ko...
mera matlab joru ke gulaam ko...
upari prasang ko mila ke mere anumaan ke mutaabik aapne lagbhag 25 naye page likh daale..
aur ye revamp kahani ko nayapan deta hai...
aapki jaadui lekhni ko shat shat naman...
thodi raftar se update dene ki apeksha hai...
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Thanks for enjoying , we all know that JKG is not a story , it is closer to a novel with many dimensions , multiple characters and happening at many places. so when the story moves to His Maykaa , certainly story of township like Ms Moitra and her young teen daughters will go to back burner but only temporarily , and when the story will come back where we are now, again characters, actions change ,... more aka Phagun ke Din Chaar ,... this one is even bigger than that ....
Thanks so much for enjoying the revamp.
will try to post two to three times , every week ... and comments like your certainly push me to write and post more ....
Comments do help
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(26-12-2019, 02:56 PM)bhavna Wrote: Good one!?
Thanks
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Every post is filled with energy
Time has passed from xossip to xossipy
But hotness is still on
Keep it up !!
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(26-12-2019, 12:08 PM)komaalrani Wrote: Thanks for enjoying , we all know that JKG is not a story , it is closer to a novel with many dimensions , multiple characters and happening at many places. so when the story moves to His Maykaa , certainly story of township like Ms Moitra and her young teen daughters will go to back burner but only temporarily , and when the story will come back where we are now, again characters, actions change ,... more aka Phagun ke Din Chaar ,... this one is even bigger than that ....
Thanks so much for enjoying the revamp.
will try to post two to three times , every week ... and comments like your certainly push me to write and post more ....
Comments do help Yes...it has much larger canvas than phagun ke din chaar.
And each time you justify characters presence with quick witted response and dialogues among themselves and even time and place with graphic, deep/obscure details.
thanks for considering to increase the pace.
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(26-12-2019, 10:19 PM)UDaykr Wrote: Every post is filled with energy
Time has passed from xossip to xossipy
But hotness is still on
Keep it up !!
Thanks soooooooo much ....nice words always help
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29-12-2019, 09:31 AM
(This post was last modified: 07-03-2021, 02:30 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
पग घुंघुर बाँध
उन की सास ने मुझसे तीन तिरबाचा भरवाया था की आज रात सिर्फ उनकी सास के नाम ,
और आज वो उसे पक्का मादरचोद बना के छोड़ेंगी , ...
आज वो मूसल मुझे नहीं मिलेगा ,
लेकिन चोर चोरी से जाय , हेरा फेरी से थोड़े ही जाता है , ...
मैं पलंग के दूसरी ओर बैठी , सास दामाद की प्रेम लीला देख रही थी , ...
मुंह उनका सास की सेवा कर रहा था ,
पर ' वो ' ,... मोटे मूसलचंद तो खाली थे ,
हाँ दो बार अपनी सास को मेरी सास समझ कर जो उन्होंने पूरे जोश से चोदा था , ....तो वो भी थोड़ा सोया , थोड़ा थका ,...
पर मुझे इससे क्या फरक पड़ता था , .... वो मुझे छोड़ते थे क्या , ...
मैंने अपने महावर लगे गोरे गोरे पैरों की ओर देखा ,
इन पैरों के तो वो , ... सच्ची में वो चरणदास थे ,
और मेरे बिछुओं की रुनझुन , ...
मैंने हलके से अपने पैरों को हिलाया ,
बिछुए मेरे झुंझुनाये , ...
असर उनके सोते खूंटे पर हुआ , ...
और अगले पल वो ' मोटू ' मेरे गोरे चिकने मखमली पैरों के बीच ,
कई बार ' मेरे उन पांच दिनों में ' मैंने उन्हें सिर्फ तलुवों से रगड़ के पैर से रगड़ के झाड़ चुकी थी , ...
कुछ देर तक मैं सिर्फ अपने दोनों पैरों के बीच ' उसे ' दबाये रही ,
फिर हलके हलके मेरे पैरों ने हिलना शुरू किया ,
मम्मी मेरी शरारत देख रही थीं , मुस्करा रही थीं ,
उनके दामाद की हम दोनों मिल के रगड़ाई कर रहे थे ,
मेरे घुंघरू वाले बिछुए गुनगुना रहे थे ,
थोड़ी देर में मेरे पायल के घुंघरू भी गाने लगे साथ साथ , मैंने रफ़्तार बढ़ा दी थी , और सोया शेर जाग रहा था , ...
मम्मी ने उनके सर पर जोर कुछ कम किया ,
और वो भी अब मम्मी का एक एक इशारा समझने लगे थे ,
हलके से उन्होंने सर उठाया , मम्मी की बुर में लगी सब मलाई उन्होंने चाट चाट कर साफ़ कर दी थी ,
पर प्रेम गली के अंदर अभी भी ,
बस अपनी दोनों उँगलियों से उन्होंने अपनी सास की दोनों फांकों को फैलाया और कस एक जीभ पूरी जड़ तक ठेल दी ,
और फिर गोल गोल , ...
मैंने पैरों के बीच मथानी की तरह , उनके उस मोटे मुस्टंडे को मसल रगड़ रही थी।
अब वह जग गया था
और उधर वो पूरी तरह मुंह अपनी सास की बिल से चिपकाए , जीभ अंदर ठेले , पूरी ताकत से सास की बुर से अपनी मलाई की एक एक बूँद चाट रहे थे
उनकी सास कस के अपने दामाद का सर अपनी जाँघों के बीच में दबाये अपनी बुर चुसवा , चटवा रही थीं , ...
दामाद के दोनों होंठ सास की बुर से चिपके , वैक्यूम क्लीनर से भी जोर से चूस रहे थे , ..
और जीभ उनकी सास की पूरी गहराई में घुसी , उनके अपने लंड की मलाई चाट चाट के साफ़ कर रही थी , ...
मम्मी मेरी ओर तारीफ़ की नजर से देख रही थीं की कैसे पक्का कम स्लट मैंने इन्हे बना दिया , ...
और तभी उनकी निगाह मेरे दोनों पैरों के बीच में दबे इनके मोटू की ओर पड़ी तो वो मुस्करा उठीं ,
अब वो एकदम जग गया था , पूरा तन्नाया , खड़ा , फनफनाया , कड़ा , मोटा , ... पूरे बालिश्त भर का ,
अब वो भी एक एक बून्द अपनी सास के अंदर से मलाई चाट चुके थे , ...
बस झुक के सास ने मोटा खूंटा गड़प कर लिया ,
दामाद के चूसने चाटने का असर उनपर भी होगया था वो भी एकबार फिर से गरमा रही थीं ,
मेरे चेहरे की ओर देख कर मम्मी समझ गयीं ,
और उन्होंने इशारा किया मैं भी आ जाऊं उनके दामाद का खूंटा चूसने चाटने में ,
ऐसी तैसी करने में ,
बस हम दोनों मिल के , ...
लेकिन मैं मान गयी मम्मी को ,
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29-12-2019, 09:55 AM
(This post was last modified: 08-03-2021, 11:16 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
उनकी सास,
और सास की बेटी
मेरे चेहरे की ओर देख कर मम्मी समझ गयीं , और उन्होंने इशारा किया मैं भी आ जाऊं उनके दामाद का खूंटा चूसने चाटने में , ऐसी तैसी करने में ,
बस हम दोनों मिल के , ... लेकिन मैं मान गयी मम्मी को ,
सिर्फ जीभ की टिप से , ...
पहले तो मम्मी ने अपने दोनों होंठों से दबा के बहुत हलके से सुपाड़ा का चमड़ा हटा दिया ,
वो मोटा , पहाड़ी आलू ऐसा सुपाड़ा पूरी तरह खुल गया था ,
और अब मम्मी की सिर्फ जीभ की टिप से सुपाड़े के चारों ओर ,
बहुत हलके से फिर सीधे पेशाब वाले छेद के अंदर उन्होंने जीभ की टिप गड़ा दी ,
और लगी सुरसुरी करने ,
उनकी हालत खराब हो रही थी , वो सिसक रहे थे ,उचक रहे थे ,
पर उनकी सास इत्ती जल्दी छोड़ने वाली नहीं थी , अब वो जीभ से चाट रही थीं , ...
लेकिन इतना मोटा गन्ना , रसदार , उनसे भी नहीं रहा गया ,
गप्पांक से उन्होंने पूरा सुपाड़ा घोंट लिया , ...
और लगी चुभलाने चूसने , जीभ से साथ लिक भी कर रही थी ,
और अब दोनों हाथों से कस के अपने दामाद के मोटे गन्ने को उन्होंने पकड़ भी लिया ,
मुठिया भी रही थीं , चूस भी रही थीं ,
और मैं देख रही थी ललचा रही थी
मम्मी ने कनखियों से देखा मुझे और इशारा किया ,
बस ,
अब गन्ना सास चूस रही थी , और
दोनों रसगुल्ले सास की बेटी , ....
कुछ ही देर में मम्मी ने इनका पूरा बित्ते का घोंट लिया ,
और मुझे भी कुछ इशारा किया
उनका सबसे सेंसिटव प्वाइट , ...पिछवाड़े का छेद
रसगुल्ले के चूसने के साथ , मेरी उंगलिया अब गोलकुंडा के आस पास चक्कर काट रही थीं , ..
फिर सीधे छेद पर , पहले तो दबाया फिर ऊँगली की टिप हलके हलके ,
उनकी हालत अब एकदम खराब हो रही थी ,
उनका सुपाड़ा अब बार मम्मी की हलक में ठोकर मार रहा था ,
वो कस कस के चूस रही थी ,
साथ में उनकी जीभ दामाद के मूसल के निचले हिस्से को रगड़ रगड़ के चाट रही थीं ,
और अब उनका मन कर रहा था सास उनकी अब चूस चूस कर के ही झाड़ दें ,
मम्मी ने उन्हें छोड़ दिया ,
और मैंने भी ,...
हम दोनों दूर बैठे , मम्मी उन्हें देख के मुस्करा रहीं थी , उनका खूंटा एकदम खड़ा , परेशान ,
लेकिन मम्मी से बहुत देर देखा नहीं गया और अपने दामाद को खींच के अपने पास बुला लिया और सीधे अपने गदराये ३६ डी डी के जोबन को ,
पहले उनके हाथों में , फिर होंठों पर , ...
हम दोनों को मालूम था मम्मी के उभार उन्हें किस तरह ललचाते थे ,
लेकिन असली चीज तो कुछ और थी ,
मम्मी ने खुद उनके खूंटे को पकड़ के अपने उभारों के बीच , और खुद उनके ऊपर चढ़ कर टिट फक करने लगीं ,
कुछ देर बाद वो ऊपर थे ,
अपने सुपाड़े को मम्मी के निप्स के ऊपर फ्लिक कर रहे थे
पर कुछ देर में ही अपने मोटे बालिस्त भर लम्बे लंड से अपनी सास की बड़ी बड़ी चूँचियों को चोद रहे थे ,
मम्मी भी न
अपनी लम्बी जीभ निकाल के उनके खुले सुपाड़े को चाट लेती थीं।
लेकिन अब उनकी सास ने नहीं रहा गया ,
उन्होंने धक्का देकर दामाद को पलंग पर पटक दिया , और खुद ऊपर
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29-12-2019, 10:18 AM
(This post was last modified: 08-03-2021, 12:06 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
सास चढ़ीं दामाद पर
लेकिन अब उनकी सास ने नहीं रहा गया , उन्होंने धक्का देकर दामाद को पलंग पर पटक दिया , और खुद ऊपर
कुछ ही देर में दामाद का खूंटा , उनकी बुर में और अपनी नज़रों से उन्होंने बरज दिया था
अब हिलना मत , जो कुछ करुँगी मैं ,
मैं करुँगी तू करवाएगा ,
और फिर क्या धक्के मारे उन्होंने ,
किसी कच्ची उमर वाली कुँवारी की सील तोड़ते समय कोई चोदू मर्द भी उत्ते जोर जोर से धक्के नहीं मारता होगा ,
सास ने उनके दोनों कंधे जोर से दबोच रखे थे ,
और हर दूसरे तीसरे धक्के में पूरा का पूरा खूंटा उनके अंदर होता था ,
फिर वो बिना हिले डूले ,
सिर्फ आगे पीछे हिल हिल कर अपने दामाद का खूंटा अपनी बिल में ,
और उसके बाद फिर धक्के पर धक्के ,
८-१० मिनट तक इसी जब्बरदस्त अपने दामाद को चोदने के बाद ,
एक बार जब पूरा खूंटा उनके अंदर था वो रुकी और दामाद के दोनों हाथ पकड़ कर सीधे अपने जोबन पर
और जब उनके दामाद ने कस के मसलना रगड़ना शुरू किया , ... तो
वो जोर से मुस्करायीं ,,
और मैं समझ गयी उनकी ऐसी की तैसी होने वाली है ,
वही हुआ ,
और उनके चेहरे पर उनकी हालत देख कर किसी तरह मुस्कान रोकी मैंने ,
मैं समझ गयी थी क्या हो रहा है ,
नट क्रैकर ,
किसी संस्कृत के कामशास्त्र से , ... थोड़ी बहुत मम्मी से मैंने भी सीखा था , (मम्मी के पास पूरा संकलन था , और कुछ तो बहुत ही दुर्लभ , मूल संस्कृत में )
और जितना सीखा था उतने से ही इनकी हालत मैं खराब कर देती थी ,
योनि में लिंग को पकड़ के कस के भींचना ,
एकदम जैसे कोई निचोड़ ले , पूरी ताकत से , इसके लिए केजल एक्सरसाइज से योनि की मसल्स एकदम टाइट और पावरफुल रहती हैं ,
लेकिन मम्मी तो अल्टीमेट , ...
जैसे अजगर दबोच कर हड्डी हड्डी तोड़ देता है , एकदम वैसे , ...
योनि का अंतिम भाग जब सुपाड़े को कस के निचोड़ता है तो हिस्सा नामरमल रहता है , उसके बाद का हिस्सा जब लिंग के बीच के भाग को दबोचता है तो निचला भाग ढीला हो जाता है , और फिर उसी तरह जब लिंग का बेस सिकोड़ जाता है , बाकी हिस्सा ढीला हो जाता है ,
मम्मी लेकिन इतनी तेजी से करती थीं ये की एक वेव की तरह ,
कोई दूसरा होता तो दो मिनट में पानी फेंक देता , लेकिन ये तो उनके दामाद थे ,
पर उनके दामाद भी समझ गए थे की बिना सास की इज्जाजत के कुछ नहीं होने वाला था , ...
उन्होंने लाख कोशिश की , अपने चूतड़ पटके , नीचे से धक्का लगाने की कोशिश की ,
सास को अपनी ओर पकड़ कर खींचने की कोशिश की ,
लेकिन कुछ नहीं , ...
मंम्मी सिर्फ उन्हें देख कर मुस्करा रही थी और अपनी बुर से उनके लंड को कस के निचोड़ रही थीं ,
फिर प्यार से एक हल्का चांटा मारते हुए बोलीं ,
" बोल अपनी माँ के भँड़ुये , चोदेगा न। "
" हाँ , ... "
मुस्कराते हुए वो बोले , और अबकी मम्मी का चांटा पूरी तेजी से उनके गाल पर पड़ा ,
" स्साले , खुल के बोल "
" हां , मैं अपनी माँ चोदूगा , हचक ह्च्चक के पेलुँगा अपना लंड। "
अबकी वो खुल के बोले पर मम्मी इत्ती आसानी से थोड़े छोड़ने वाली थीं ,
आज वो उन की सारी शरम ख़तम करने वाली थीं जिससे जब वो अपनी समधन को फुसला के पटा के यहाँ ले आएँगी ,
उसी रात में अपनी समधन पर उनके बेटे को चढ़ा दें , और एक दो बार नहीं , जबतक मेरी सास यहाँ रहें तब तक , रोज लगातार ,
मम्मी अभी भी नहीं मानी , बोली ,
स्साली रंडी छिनार का नाम ले कर बोल , ,
मुझे अपने कान पर विश्वास नहीं हुआ , ...
वो मेरी सास का नाम ले ले कर बोल रहे थे , ...
और मम्मी ने ऊपर से धक्के लगाने शुरू कर दिए ,
धीरे मम्मी ने चोदने की रफ़्तार बढ़ाई , साथ में इंस्ट्रक्शन ,
स्साले अगर मेरी समधन को तेरी गालियां बंद हुयी न , तो मैं न सिर्फ रुकूंगी , बल्कि तुझे न सास मिलेगी , न माँ , चल बोल मादरचोद ,
मान गयी मैं मम्मी को ,
कोई भी गाली बची नहीं थी जो अपनी माँ को वो नहीं दे रहे थे ,
रंडी , छिनार , गदहा चोदी , कुत्ता चोदी ,
कुछ गालियां तो उन्होंने मम्मी से सीखीं थी ,
मम्मी उनसे उनकी माँ के बारे में बिना गाली के बात नहीं करती थीं ,
पर कुछ में तो उन्होंने हद पार कर दी , आज रात में जब उनकी सास बनी जो कुछ थोड़ी फैंटेसी ,
थोड़ी लगा बढ़ा के बातें कर रही थीं , वो सब उन्होंने सच मान लिया था और वो जोड़ के ,
" अपने भाई से मामा से राखी के दिन फड़वाती हो , ..आओ अबकी तेरे भोंसडे को , ... "
मम्मी इत्ती खुश हुईं की झुक के उनके गाल चूम लीं और हलके हलके अब वो नीचे से धक्के उन्हें मारने दिया ,
मैं चुपचाप बैठी देख रही थी , सास दामाद की काम क्रीड़ा और उम्मीद कर रही थी की जल्द ही माँ बेटा की भी ऐसी ही , ...
लेकिन मुझसे नहीं रहा गया , उनके गाल पर जोर से पिंच करती बोली
" अरे स्साले बहनचोद , तेरे मामा ने तेरी माँ चोद दी , तो तू अबकी जब अपने मायके जाएगा तो उसकी बेटी चोद लेना। "
वो जोर से मुस्कराये और जैसे मेरी बात की हामी भरते हुए नीचे से अपनी सास की बुर में पूरी तेजी से धक्का मारा जैसे अपनी ममेरी बहन , गुड्डी की कच्ची कसी चूत में लंड पेल रहे हों ,
फिर तो दोनों ओर से धक्का पेल चुदाई ,
लेकिन मम्मी ऊपर ही रहीं , आधे घंटे से भी ज्यादा , बिना रुके ,
न नीचे से उनके धक्के रुक रहे थे न ऊपर से उनकी सास के धक्के , ...
बीच बीच में उनकी सास कभी अपने बड़े बड़े जोबन अपने दामाद की छाती पर रगड़ देतीं तो कभी अपनी बुरिया में लंड को दबोच कर निचोड़ देती
और उनके दामाद अपनी माँ को लगातार गाली , एक से एक ,...
लेकिन झड़ी वो दामाद से पहले , ...
और कैसे झड़ी एकदम बार बार , पूरी देह उनकी काँप रही थी , जैसे तूफ़ान में पत्ता ,
और साथ में ये भी , .... बार बार , अपनी पिचकारी अपनी सास की बुर में , ...
बाहर रात की कालिख पुंछ रही थी , पूरब से हलकी हलकी लालिमा की हलकी सी झलक दिख रही थी ,
तीन राउंड चोदा उन्होंने मेरी सास बनी अपनी सास को , और वो भी खुल के बोल के।
रोल प्ले खत्म हुआ जब सुबह वो बेड टी ले के आये ,
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29-12-2019, 10:50 AM
(This post was last modified: 10-03-2021, 11:34 AM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
'बेड टी '
रोल प्ले खत्म हुआ जब सुबह वो बेड टी ले के आये ,
लेकिन उसके पहले हम दोनों ने उन्हें 'बेड टी ' पिलाई।
असल में मेरी चुनमुनिया कुलबुला रही थी , सास दामाद की प्रेमलीला देख देख कर ,
लेकिन उससे भी ज्यादा जिस तरह से वो आदरणीया सास की , अपनी माँ को एक से एक मस्त गालियां दे रहे थे ,
अब ये पक्का हो गया था ये बेटा बिना अपनी माँ को चोदे नहीं रहेगा ,
और ये सुन सुन के मैं और , ... रहा नहीं जा रहा था
मैंने मम्मी को प्रॉमिस किया था की आज रात इनके खूंटे को मैं हाथ भी नहीं लगाउंगी , ...
( इसीलिए तो मैंने पैर से उस मोटे को पकड़ जकड के रगड़ा था )
और अपने किसी भी छेद में इनका मूसल नहीं घोंटूंगी ( इसलिए बहुत ललचायी , तो इनके 'रसगुल्ले ' को ही घोंट के ही ,.. )
लेकिन ये तो मेरी चुनमुनिया को चाट चूस सकते थे ,
इसलिए जैसे ही ये अपने सास से अलग हुए , इनकी सास इनके ऊपर से हटीं , मैं चढ़ गयी ,
मेरी चुनमुनिया सीधे इनके मुंह के ऊपर , ...
ये न एकदम पक्के लालची , नदीदे , लगे चाटने चूसने ,
पर मैंने अपनी जाँघों को थोड़ा सा ऊपर कर दिया , और कंधो को कस के दबा दिया ,
अब बेचारे वो सर उठा के अपनी जीभ निकाल के मेरी गुलाबो पर , नीचे से ही ,
लेकिन मन तो मेरा भी उतना ही कर रहा था मैं एक बार फिर से बैठ गयी ,
और उनके खुले होंठों के बीच अपने निचले होंठों को ,
जैसे थोड़ी देर पहले उनकी सास उन्हें चोद रही थीं , कस कस के ,
उसी तरह मेरी गुलाबो भी कस कस के उनके होंठों को रगड़ रही थी
सच में चूसने में उनका जवाब नहीं था , पक्का चूत चटोरा , ... दोनों होंठ मेरी फांको के ऊपर और चूत के अंदर उनकी जीभ ,
क्या कोई लंड से चोदेगा जैसे वो जीभ से चोद रहे थे , हुआ वही जो होना था , दस मिनट और मैं ऐसी झड़ी की , ....
एकदम थेथर लेकिन उनका चूसना चाटना बंद नहीं हुआ ,
और मैं भी ,
लेकिन थोड़ी देर में एक और परेशानी आ गयी , ... सुनहली धूप की पहली किरण छन के आना शुरू हो गयी थी , पिघलते सोने की तरह ,
और जो सुबह सुबह होता है ,...
बहुत जोर से आ रही थी ,
मैंने छुड़ाने की कोशिश की
लेकिन मम्मी के दामाद की पकड़ , पहली रात से ही मैं समझ गयी थी की मैं इससे छूट नहीं सकती थी ,
मैंने हलके से बोला भी , ...
छोड़ न यार , ...आ रही है बहुत जोर से , ...
जवाब में उन्होंने और कस के पकड़ लिया मुझे ,
मुस्कराते , उन्हें समझाते मैंने हलके से एक चपत लगाई और वार्न किया ,
" हे छोड़ यहीं हो जायेगी यहीं "
पर वो ऐसे मुस्कराये जैसे कह रहे हों , हो जाने दो न ,...
और फिर कस के अपने दोनों होंठ मेरी गुलाबो से चिपका दिया एकदम और इतनी जोर से चूसने लगे की ,
किसी तरह से मैंने अपनी गुलाबो को उठाने की कोशिश की ,
उनका मुंह एकदम खुला था ,
सुनहली धुप हम दोनों पर बरस रही थी ,
और मेरी गुलाबो से
एक सुनहली बूंद ,
दूसरी सुनहली बूंद ,...
और फिर तो मैं चाह के भी नहीं रोक सकती थी ,
तेज धार छलछल ,
सीधे मेरे निचले होंठों से उनके होंठ के बीच ,
वो मुंह खोल के एक एक बूँद रोप रहे थे , ...
मुझे बहुत प्यार आ रहा था , उनपर
प्यार से उनके गाल पर चपत मारते हुए मैंने बोला ,
" देख , स्साले माँ के भंडुए , ... एक भी बूँद अगर बाहर छलकी न तो बहुत मारूंगी मैं, ... "
मम्मी मुझे देख कर मुस्करा रही थीं ,
मुझे उकसा रही थीं , और फिर तो जैसे बाँध टूट पड़ा ,
लेकिन सच में एक भी बूद बाहर नहीं छलकी ,
और फिर मैंने अपनी चुनमुनिया उनके होंठों के बीच चिपका दिया , और अब सीधे मेरे निचले होंठों से उनके होंठों से होते हुए , ...
कुछ देर तक उनका गाल फुला रहा , फिर सब का सब पेट में , ...
और मेरे बाद मम्मी ने नंबर लगाया लेकिन टिपिकल उनकी सास , उनसे खुल कर कहलवाया , उनसे बुलवाया
न गोल्डन शावर , न सुनहली शराब , बल्कि साफ साफ ,
और उसके बाद जम कर ,
दो कप बेड टी उन्हें हम माँ बेटी ने पिलाई , सुबह हो रही थी
और उसके बाद हम दोनों सो गए , वो घर के काम में लग गए।
सुबह का ब्रेकफास्ट , बाकी सब कुछ,
ब्रेकफास्ट टेबल पर हम दोनों ,मैं और मम्मी उन्हें चिढाते रहे ,खूब छेड़ते रहे। उनकी माँ का नाम ले ले ,
मम्मी तो सीधे उन्हें मादरचोद कह के ही बुला रही थीं ,
अरे चोदने में लाज नहीं तो नाम में क्या लाज , बिचारे बीरबहूटी हो रहे थे।
और मैं भी उन्हें बार बार याद दिला रही थी ,
" याद हैं न आज से ठीक २२ दिन ,बल्कि २१ दिन बाद ,देखते देखते २१ दिन बीत जाएंगे पता ही नहीं चलेगा तुझे , लांग वीकेंड है , दो तीन दिन की छुट्टी ले ले ,बल्कि आज ही अप्लाई कर देना , चार पांच दिन मातृभूमि की सेवा में , है न। "
और जब मेरी निगाह सामने टंगे कैलेण्डर पर गयी ,
उनकी चोरी पकड़ी गयी , मैं और मम्मी खिलखिलाहटों में डूब गए।
२१ दिन बाद वाली ' उस तारीख ' को आलरेडी उन्होंने लाल गोले से घेर दिया था।
" आफिस में आज एक जल्दी मीटिंग है ,निकलना है। "
कह के शरमाते लजाते वो उठ खड़े हुए , लेकिन मम्मी भी उनके उठते उठते भी उनकी पेंट खोल चेक चेक कर लिया।
सब ठीक था , फार्मल ग्रे पैंट के अंदर
मम्मी की दो दिन की पहनी पैंटी ,
और उनका ' वो ' भी थोड़ा सोया ज्यादा जागा।
अपनी पैंटी के ऊपर से ' उसे ' रगड़ते मम्मी बोलीं ,
" बहुत याद आ रही है मेरी छिनार चूत मरानो समधन के भोंसडे की न , जा जा अरे जल्द ही दिलवाऊंगी तुझे रसीले भोंसडे का रस , उन के भी भोंसडे में तुझ से ज्यादा चींटे काट रहे हैं , अभी आता होगा बुरचोदो का फोन। "
और सच में वो निकले भी नहीं थे की मेरी सास का फोन आ गया , आफ कोर्स स्पीकर फोन था ,
और आज तो कल से भी दस गुना ज्यादा खुल्लम खुला दोनों समधनों के बीच बातें हो रही थी।
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सब से पहले तो प्रणाम @सुभ प्रभात कोमल जी ??
बता नहीं सकता इस खुशी को व्यक्त कैसे कर पाऊंगा ?
में आप की कहानियों ओर आप की उत्कृष्ट लेखनी का एक बहुत बड़ा पाठक हूँ ! जोरू का गुलाम Xossip पर मैने जेठानी की आप के द्वारा दुर्दशा करने तक पड़ी थी फिर अचानक वो साइट बंद हो गयी मेरे साथ साथ लाखों दिल जो आप को किसी रति किसी देवी से कम नहीं मानतें है टूट गए !
तब से आज तक आप को हर जगह ढूंढा, हर किसी से पूछा सब कुछ किया आप से पुनः जुड़ने के लिए पर सब निर्थक ही साबित हुआ !!?
24 को भगवान ने पुनः आप से मिलवा दिया है ,,कोमल जी इस खुशी को में व्यक्त नहीं कर पा रहा हूँ बस ये आग्रह है आप इस परिवार की मुखिया है हम सब आप के परिवार के सदस्य है ओर अब कभी इतना दूर मत होना जी नहीं पाएंगे !!
मैंने इस महनीय रचना को पुनः शुरू से पढ़ना आरंभ किया है एक निवेदन है कोई पार्ट मिस मत करना वोही क्रम बनाये रखना ये कोई कहानी नहीं है ये आप की अदभुत लेखनी का एक अमूल्य संग्रह एक प्रेमग्रहंथ है !! उस कहानी की तरह पहले जेठानी फिर गुड्डी फिर समधन सब की लेना और वो भी भर पेट खिला पिला के बखीर के साथ ?????
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pahle manju ko maa samjh ke...
aur ab saas ko...
puri taiyai hai madachod banane ki..
ab to sholay ka wo dialogue yaad aa raha hai..
holi kab hai, kab hai holi...
lekin wo to abhi 21 din dur hai..
bahut umda update diya hai...
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You have created magically scenes. They work like an aphrodisiac.
Would love to see some scenes on public exhibition, groping/disgrace
•
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(29-12-2019, 12:17 PM)@Raviraaj Wrote: सब से पहले तो प्रणाम @सुभ प्रभात कोमल जी ??
बता नहीं सकता इस खुशी को व्यक्त कैसे कर पाऊंगा ?
में आप की कहानियों ओर आप की उत्कृष्ट लेखनी का एक बहुत बड़ा पाठक हूँ ! जोरू का गुलाम Xossip पर मैने जेठानी की आप के द्वारा दुर्दशा करने तक पड़ी थी फिर अचानक वो साइट बंद हो गयी मेरे साथ साथ लाखों दिल जो आप को किसी रति किसी देवी से कम नहीं मानतें है टूट गए !
तब से आज तक आप को हर जगह ढूंढा, हर किसी से पूछा सब कुछ किया आप से पुनः जुड़ने के लिए पर सब निर्थक ही साबित हुआ !!?
24 को भगवान ने पुनः आप से मिलवा दिया है ,,कोमल जी इस खुशी को में व्यक्त नहीं कर पा रहा हूँ बस ये आग्रह है आप इस परिवार की मुखिया है हम सब आप के परिवार के सदस्य है ओर अब कभी इतना दूर मत होना जी नहीं पाएंगे !!
मैंने इस महनीय रचना को पुनः शुरू से पढ़ना आरंभ किया है एक निवेदन है कोई पार्ट मिस मत करना वोही क्रम बनाये रखना ये कोई कहानी नहीं है ये आप की अदभुत लेखनी का एक अमूल्य संग्रह एक प्रेमग्रहंथ है !! उस कहानी की तरह पहले जेठानी फिर गुड्डी फिर समधन सब की लेना और वो भी भर पेट खिला पिला के बखीर के साथ ?????
ब हुत बहुत धन्यवाद , सपोर्ट के लिए और कहानी पसंद करने के लिए भी
सच में , पुराना फोरम बंद हुए एक साल हो गए , लेकिन लगता है कल की बात है , जब अक्तुबर में यह पता लगा की ये फोरम बंद होने वाला है तो इस कहानी का अपडेट मैंने रोज पोस्ट करना शुरू किया की आज तक मैंने अपनी कोई कहानी बीच में नहीं छोड़ी , .... तो ये किसी तरह ,... कहानी का रास्ता भी मोड़ने की कोशिश की ,... और शायद अगर दिवाली तक वो फोरम चलता तो मैंने ऐसे तैसे कर के कहानी ख़तम भी कर देती , ...
बहुत लोगों ने कहा ,... जहाँ से कहानी मैंने छोड़ी है वहीँ से फिर लिखूं ,... लेकिन कहाँ से ,
बहुत से पाठक /पाठिकाओं ने आखिर पोस्ट तक नहीं पढ़ा होगा , कुछ लोग हफ्ते में कुछ दस दिन में आने वाले थे और उन्होंने शर्तिया बहुत सी पोस्ट मिस की होंगी , .... इसलिए मैंने फिर फिर तिनके तिनके जोड़ कर घोंसला बनाना शुरू किया ,... फिर मैं चाहती थी एक जगह कम से कम ये कहानी रहे , जो बाकी कहानियों से एकदम अलग है ,... और फिर फिर चित्र भी इस कहानी के अविभाज्य अंग थे ,...
और जब शुरू किया तो यहाँ तक आ पहुंची हूँ ,
और दुबारा पोस्ट करने का एक फायदा ये भी की कहानी में कुछ प्रसंग जुड़ भी जाते है , कुछ नए रंग , कुछ नयी बातें ,... थोड़ा और मिर्च मसाला ,.... तो ये मेरा प्रॉमिस , कुछ भी नहीं कटेगा , हाँ जुड़ेगा भी बस आप इस कहानी से जुड़े रहिये , ...
और हो सके तो मेरी नयी कहानी , मोहे रंग दे पर एक अदद दृष्टिपात करियेगा , ...
आप ऐसे मित्र ही इस कथा यात्रा के मेरे सहयात्री हैं , और आप के कमेंट्स, समर्थन , हुंकारी , ...
पाथेय , ....
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कोमल जी बहुत बहुत आभार आप का ??
मोहे रंग दे कि शुरुआत कर दी है बहुत ही उम्दा कहानी शुरू की है चाहे कहानी कोई हो भी हो अगर उस की लेखक आप है फिर क्या देखना,क्या पूछना ?
हम आप की अद्धभुत लेखनी के दिल से मुरीद है,कोई एक कहानी शुरू कीजिए सिर्फ महिला संबंधों पर आधारित हो क्यों कि जिस प्रकार की प्रतिभा आप मे है निसंदेह आप प्रेमसागर के इस अथाह संसार में एक नीलकमल है आप महिला प्रेम पर एक कामुख कहानी पोस्ट करें नए साल पर आप से ये मांग है मेरी,, एक विधवा महिला हो एक उस की बॉस हो और बस अथाह प्रेम हो बस प्रेम और मीठी आहें सिसकारियां एक लंबा वृतांत लिखे बहुत सारा आभार आप का ??
•
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वाह भौजी क्या अपडेट है.... एक समधन ने तेल लगाकर मजबूत किया ,तो दूसरे ने उसका ट्रायल किया है ।अब तो पहले वाले के मजे लेने का टाइम आ गया है , आखिर तेल लगाकर बडा करने में मेहनत जो किया है । अगले अपडेट के इंतजार में ......
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Wish you all a very Happy New Year 2020!????
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01-01-2020, 09:04 AM
(This post was last modified: 01-01-2020, 09:06 AM by Black Horse. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
???आपको और आपके पूरे परिवार को मेरी और मेरे परिवार की तरफ से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें. ये वर्ष आपके जीवन में उन्नति और खुशियाँ लेकर आये
Happy new year 2020
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