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Adultery एक नंबर के ठरकी (from internet)
#21
(28-11-2019, 02:56 PM)duttluka Wrote: nice......

the story seems to be inspired by one by Asohka bhai............

Thanks
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#22
(28-11-2019, 11:59 PM)Suryahot123 Wrote: Excellent writing...
Update kab aayega ye hamesha intajar rehta he..
Aage kya hoga ye sochna padta he har baar. Thoda incomplete lagta he har baar

Thanks
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#23
बिल्कुल जलाती थी जनाब.

सभी की उम्र 30 - 4 0 के बीच थी, ये सब भी आपस में इतनी घुल मिल चुकी थी की अपने-2 पुराने बॉयफ्रेंडस और चुदाई के किस्से एक दूसरे से आसानी से शेयर कर लेती थी....हर जवान मर्द को ये सब भी ऐसे देखती थी जैसे आजकल के मर्द कमसिन लड़कियों को देखकर लंड सहलाते है...फ़र्क सिर्फ़ इतना होता था की इनके हाथ अपनी चूत की लकीरों पर चलते थे...यानी देखा जाए तो ये पूरा गैंग सेक्स के मामले में काफ़ी खुला हुआ सा था...बस थोड़ा बहुत परदा था आपस में ..और वो कितनी देर तक रहने वाला था ये वो भी नही जानते थे..

राहुल के आने के बाद अक्सर ये चारों औरतें उसी के बारे में बाते करती रहती थी....क्योंकि राहुल देखने में बिल्कुल मॉडल जैसा था...और एकदम जवान भी ...इसलिए उन्होने सबा को अपनी सहेली बना लिया था ताकि उसके और राहुल के अतरंग पलों को सुन सके...पर सबा थी की अपनी प्राइवेट बातों को छुपा लेती थी...वो काफ़ी उगलवाने की कोशिश करती पर उसके शर्म से लाल हुए चेहरे से कुछ निकलता ही नही था..



ऐसे ही दशहरे वाले दिन भी हो रहा था...जब उनके हस्बेंड्स एक टेबल पर बैठे थे और सबा इस गेंग के साथ एक बड़ी सी टेबल पर...सभी के हाथ में वोडका के ग्लास थे, वो सभी मिलकर आज भी सबा को छेड़ रहे थे ...


शशांक की बीबी, सुमन सिन्हा, जो इस ग्रूप में सबसे शरारती थी ,वो बोली : "सबा...बता ना...कल राहुल ने कितने राउंड लिए....वो तेरी एस्स फकिंग भी करता है क्या...तेरी बेक देखकर तो लगता है की वो इसके बहुत मज़े ले रहा है आजकल ...बोल ना...''

मिसेज काजल गुप्ता बोली : "यार...मुझे तो लगता है की राहुल इसके बूब्स ही चूसता रहता है...देख ना, कितने बड़े हो गये है पिछले 2 महीने में ...मेरा साइज़ भी ऐसे ही बढ़ता था,जब मेरी नयी-2 शादी हुई थी...अह्ह्हहह इसे देखकर तो मुझे अपने पुराने दिन याद आ गये...''

मिसेज नीरू कपूर बोली : "लेकिन जो भी है, इसकी चुप्पी देखकर तो लग रहा है की जो भी हम बोल रहे है वो सब सच है...काश हमारे पति भी ऐसे ही रोजाना हमारी अंदर की आग बुझा सकते....''

उनकी बात सुनकर सबा का चेहरा हमेशा की तरहा लाल हो उठा...उसे सेक्स बहुत पसंद था, इतना की राहुल उसे जितना भी चोदता था उसे कम ही लगता था ...लेकिन सेक्स के बारे में बात करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था उसे ...इसलिए आज भी वो अपना चेहरा झुका कर बस इतना ही बोल पाई : "नही...ऐसा कुछ भी नही है....''

और इस बार सोहनी सरदारनी डिंपल बोली : "क्या ऐसा कुछ नही है.....तेन्नु राहुल मज़े नही देंदा की .....दस मैन्नू ....मेरे सरदारजी तो मुझे सोने भी नही देते थे....रात को कपड़े भी नही पहने मैने तो शादी के 1 साल बाद तक...समझी....''

वो सब अपनी बाते सुनाकर उसे उकसा रही थी ,पर वो अपने बैडरूम के राज खोलने को राजी ही नहीं हो रही थी

वो बाते कर ही रही थी की राहुल वहां आया और सबा से बोला : "सबा....अब हमे चलना चाहिए....''

सबा भी वहां से भागने की फिराक में थी...वो जल्दी से उठी....उन दोनो ने सभी को गुड नाइट बोला और अपने फ्लैट में चल दिए...पीछे से डिंपल ने आवाज़ लगाकर सबा से कहा : "गुड नाइट जी....एंजाय करो...''
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#24
जवाब मे सबा ने मुड़कर उन्हे देखा और मुस्कुरा दी...राहुल कुछ ना समझ सका..वैसे भी वो राहुल को इन सभी की बातें बताती नहीं थी, उसे लगता था की राहुल को ये सब पसंद नहीं आएगा और वो उसका उनके साथ उठना-बैठना बंद करवा देगा, जो वो हरगिज नहीं चाहती थी, वो भले ही अपनी अतरंग बाते सोसायटी की इन औरतों के साथ शेयर नहीं करती थी, पर उनकी बाते सुनना उसे बहुत पसंद था, जिसे सुनकर वो एक्साइटिड हो जाया करती थी

दीवाली के दिनों में सोसायटी में ऐसी मस्ती आम बात थी...लेकिन इन सभी दंपतियो में सबसे ख़ास दिवाली का समय रहता था शशांक और सुमन के लिए.

दरअसल उन्हे शुरू से ही ऐसी मस्ती भरी दिवाली मनाने की आदत थी.

इन्हे मुंबई में आए हुए करीब 5 साल हो चुके थे...यहाँ आने से पहले शशांक बेंगलोर में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता था...शशांक और सुमन शुरू से ही सेक्स के मामले में एकदम खुले विचारो के थे..शशांक ने अपने ऑफीस की सेक्रेटरी को कई बार घर लाकर चोदा था...सुमन के भी कई अफेयर्स थे...दोनो एक दूसरे की सेक्स लाइफ में दखल नही देते थे...दोनो ने एक क्लब भी ज्वाइन किया हुआ था...जिसमें वीकेंड पर होने वाली पार्टीस में सभी मर्द अपनी-2 गाड़ी की चाबियाँ एक टेबल पर रख देते और जिसके हाथ जो चाबी आती वो उसी गाड़ी में जाकर वहां पहले से वेट कर रही उस गाड़ी के मालिक की बीबी को वहीं चोद देता था...इस खेल में सभी को हर बार नयी-2 चूतें चोदने को मिला करती थी...उस क्लब में शशांक और सुमन ने करीब 1 साल तक जमकर मज़े किए.

पर जब उसे नयी नौकरी मिली तो उसे मुंबई आना पड़ा..यहां भी उसने ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की पर उस तरह के खुल्ले विचारो वाले लोग उसे मिल नही पाए...फिर उसने अपना ये सोसायटी वाला ग्रुप बना लिया जिसमें वो एक दूसरे की बीबी के साथ तो नही पर दूसरे तरीके से मज़े ले सकता था...वाइफ स्वेपिंग करने की जब भी वो बात छेड़ता तो कोई उसमे इंटरेस्ट ही नहीं लेता, वहीं दूसरी तरफ सुमन ने भी कई बार अपनी सहेलियो के मन टटोलने की कोशिश की पर अपनी एक दूसरे के पतियों के साथ सेक्स करने की बात वो सिर्फ़ हँसी मज़ाक में ही टाल दिया करती थी...

और इस बार की दीवाली पर राहुल और सबा को शामिल करके, शशांक अपने दिल की वो आरजू भी पूरी करना चाहता था जो उसके मन मे कई सालों से थी...यानी अपने दोस्तो की बीबियों को चोदने की....उसकी खुद की बीबी तो हमेशा से उसके साथ थी...बस वो बाकी सभी को अपनी संगत में लेकर एक साथ मज़ा लेना चाहता था...थोड़ा मुश्किल था,लेकिन उसे पूरा भरोसा था की इस बार वो ज़रूर कामयाब होगा.

अगले दिन से जुए का प्रोग्राम शुरू होना था...यानी मौज मस्ती से भरी रातें जो दिवाली तक चलने वाली थी..

और शशांक ने जाने से पहले सभी को एक ख़ास बात कही...इस बार की ताश की पार्टीस में सभी सिर्फ़ नाइट सूट्स में ही आएँगे...उसकी इस बात पर किसी ने भी आपत्ति नही की,क्योंकि तैयार होकर 2-3 घंटे तक बैठना काफ़ी मुश्किल होता था..

पर उसकी इस बात के पीछे उसका उद्देश्य वो नही समझ पाए...जो आने वाले दिनों में काफ़ी मददगार होने वाला था.
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#25
bhai ye to shayad @ashokafun30 ki kahani diwali ka jua ka sequal hai
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#26
ये कहानी पहले भी xossip पर आ गई है जिसे अशोकजी ने दीवाली का जुआ के एक भाग में लिखा था बड़ी ही मजेदार कहानी है। देखते हैं कि आप इसे किस प्रकार से पेश करते हैं।
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#27
लॉन्ग अपडेट
अपने फ्लैट में पहुँचते ही सबा ने राहुल को पीछे से पकड़ लिया और अपनी नुकीली छातियाँ उसकी कमर में धंसा कर उससे बुरी तरह से लिपट गयी...

राहुल समझ गया की सबा इस वक़्त काफ़ी गर्म है....

और वो हो भी क्यों नही...अभी कुछ देर पहले जिस तरह से सोसायटी की लेडीज़ उसके और राहुल की चुदाई के बारे में उससे पूछ रही थी उन्हे सुनने के बाद जो आग उसके अंदर सुलगनी शुरू हुई थी,वो अब पूरी तरह से भड़क चुकी थी...वो गहरी -2 साँसे लेती हुई अपने बूब्स को उसकी पीठ पर रगड़ रही थी..

राहुल को हमेशा से सबा का सेक्स के बारे में पहल करना पसंद आता था...आज भी वो ऐसा ही कर रही थी...लेकिन आज वो और दिनों से कुछ ज़्यादा ही उत्तेजित लग रही थी...और उसे पता था की जब भी ऐसा होता है तो उसे मिलने वाला मज़ा काफ़ी बढ़ जाता है...और ऐसे में वो अपने आप को उसके हाथो में छोड़कर निश्चिन्त हो जाता था...जो भी करती थी,सबा ही करती..उसे तो अपने आप मज़े मिल जाया करते थे..

राहुल अपनी मस्ती में मस्त था और सबा के जहन में उसकी सहेलियो की बातें घूम रही थी...

'राहुल तेरी एस फकिंग करता होगा न......देख न इसकी गांड कैसे फ़ैल गयी है '

वैसे तो आज तक सबा ने अपनी गांड नहीं मरवाई थी,लेकिन उनकी बाते सुनकर वो भी मरवाने का मन करता था
'राहुल तेरे बूब्स काफ़ी चूसता है ना...देख तो कितने बड़े हो गये है...'

बस ये याद आते ही सबा ने राहुल को अपनी तरफ घुमाया और एक ही झटके में अपना टॉप उतार कर नीचे फेंक दिया...नीचे उसने डिज़ायनर ब्रा पहनी हुई थी...जो उसने बड़ी बेरहमी से नोच फेंकी...और एक ही पल के अंदर वो राहुल के सामने टॉपलेस होकर खड़ी थी...उसके गोरे-2 बूब्स देखकर राहुल की आँखे चुंधिया गयी...



सबा ने उसके सिर को पकड़कर अपनी छाती की तरफ धकेला और चिल्लाई : "चूसो इन्हे राहुल.....सक्क माय बूब्स नाउsssssssss ....''

राहुल तो उसके इस रवैय्ये को देखकर हैरान रह गया...पर उसे क्या फ़र्क पड़ रहा था...उसे तो दूध पीने से मतलब था..बस फिर क्या था...वो भी अपने पैने दाँतों और गर्म जीभ के साथ टूट पड़ा उसके नर्म मुलायम बूब्स पर...और ऐसे चूसने लगा जैसे वैक्यूम क्लीनर किसी चीज़ को अपनी तरफ खींचता है..

सबा भी उसकी सकिंग पावर से उसके मुँह की तरफ खींचती चली गयी...और अपने पंजों पर खड़ी होकर अपना पूरा का पूरा मुम्मा उसने मुँह में घुसेड़ दिया...और साथ ही साथ एक सुरीली और सेक्सी आवाज़ में कराह भी उठी...
''उफफफफफफफफफ्फ़........माआआआआआआआयययय डार्लिंग.................उम्म्म्ममममममम.........ज़ोर से........ऐसे ही.........आआआआआआआआआअहह .............. हाआआआआआआअ.....''



राहुल की उंगलियाँ उसकी गद्देदार गांड के अंदर धँस गयी....और उसने उसे उपर हवा में उठा लिया...और अपने लंड के उपर उसकी चूत को रगड़ते हुए उसके बूब्स को चूसने लगा...दोनो के कपड़े बीच में ना आए होते तो एक ही झटके में राहुल ने उसकी चूत में दाखिला ले लेना था...

सबा के पैरों के नीचे से ज़मीन क्या गायब हुई वो हवा में फड़फड़ाती हुई अपने दर्द भरे मज़े बयां करने लगी..

''ओह राहुल........मार डालो मुझे आज.....आआअहह चबा जाओ.....इन्हे.........ज़ोर से चूसो.......काटो.....मेरे निप्पल्स को.....उम्म्म्मममममममममम.....''

राहुल को वो ये सब ना भी कहती तो वो यही करता...और कर भ रहा था...अपने तेज दांतो से वो उसके बर्फ़ी जैसे नर्म मुम्मों की मिठास को अपने मुँह में लेकर मज़े ले रहा था....उसके निप्पल्स के चारों तरफ जो घेरा था,उनमे भी नन्हे दाने चमक उठे...उनको भी राहुल के निर्दयी दाँतों ने नही छोड़ा और उन्हे ज़ोर -2 से चबा कर पहले से ज़्यादा लाल कर दिया...

सबा : "बाइट मी राहुल......बाइट मीइइइइइइइइइ ........मार्क बनाओ इनपर......अपने प्यार के टैटू छाप दो इनपर.....''

ये सबा हमेशा करवाती थी....उसे अपने गोरे-2 बूब्स पर राहुल के दांतो के निशान काफ़ी पसंद आते थे...वो सुबह उठकर जब बाथरूम में नहाने जाती तो उन मार्क्स को देखकर उसे काफ़ी मज़ा आता था...और अपनी चूत सहलाकर वो अक्सर वहीं झड़ जाया करती थी..

आज भी वो अपने बूब्स पर राहुल की कला का नमूना बनवाना चाहती थी...जिससे वो अगले दिन की मूठ का इंतज़ाम कर रही थी...

राहुल ने उसके मुममे चूसते -2 उसकी जीन्स भी उतार दी...साथ में उसकी कच्छी भी लिपट कर उतर गयी...अब वो पूरी तरह से नंगी थी...

उसका नंगा हुस्न देखते ही बनता था..

सबा ने भी राहुल की टी शर्ट उतारने में मदद की और उसके बाद उसकी पेंट भी...

और फिर उसने राहुल को बेड पर खींच लिया ..और खुद उसकी टाँगो के बीच लेट गयी...उसकी नज़र अब राहुल के लंड पर थी...जो कुतुब मीनार की तरह एकदम सीधा खड़ा हुआ था..



उनकी सोसायटी की मेंबर, डिंपल सरदारनी उसे हमेशा लंड चूसने के बारे में ही पूछा करती थी...आज शाम भी उसने एक-दो बार उसके
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#28
उनकी सोसायटी की मेंबर, डिंपल सरदारनी उसे हमेशा लंड चूसने के बारे में ही पूछा करती थी...आज शाम भी उसने एक-दो बार उसके लिए पूछा था...बस उसी के बारे में सोचते -2 सबा ने राहुल के लंड को पकड़ा और मुँह में लेकर चूसने लगी..

ऐसा नही था की ये सबा का पहली बार था...आज से पहले भी वो हमेशा चुदाई से पहले राहुल के लंड की पूजा मुँह में लेकर करती थी...बाद मे उसके गीले लंड को अपनी भीगी हुई चूत में लेकर मज़े किया करती थी..

पर किसी के उकसाने के बाद जो चूसने का मज़ा उसे आज मिल रहा था वो थोड़ा अलग ही था...जो राहुल को बहुत ज़्यादा ज्यादा मजे के रूप में महसूस हो रहा था....उसके चूसने की गति उतनी ही तेज थी जितनी ज़ोर से राहुल ने उसके बूब्स चूसे थे...

सबा तो उसके लंबे लंड को मुँह में लेकर ऐसे सक्क कर रही थी जैसे नारियल पानी पीते हुए स्ट्रा को मुँह में लेकर चूसते है...फर्क बस इतना था की ये स्ट्रॉ थोड़ी मोटी थी...और यम्मी भी...और इसका पानी निकलने में भी अभी टाइम था , लेकिन बूँद-२ करके जो मलाई उसमे से बाहर आ रही थी वो उसे बड़े मजे से निगलती जा रही थी

सबा के होंठों के साथ-2 उसकी जीभ भी उसके लंड पर फिसलकर उसका मज़ा ले रही थी..

सबा को लंड चूसना सबसे ज़्यादा पसंद था....या ये कह लो की ये उसकी कमज़ोरी थी....वो जब अपने हनिमून पर शिमला गयी थी तो घंटो तक राहुल के लंड से खेलती रहती थी...उसे चूमती...सहलाती...चूसती ....और जब वो झड़ जाता तो अगली बार के लिए फिर से उसी तरह से उसे तैयार करती...आज तक उसकी लगन में कोई कमी नही आई थी..वो अब भी राहुल के लंड पर अपनी जान न्योछावर करती रहती थी...

और राहुल को भी उसकी चूत की चुसाई सबसे ज़्यादा पसंद थी...कारण था उसकी खुश्बू...जिसे सूँघकर राहुल किसी दूसरी दुनिया में पहुँच जाय करता था...सबा को हमेशा से मीठा खाने का शोंक था...खट्टी चीज़े उसे पसंद ही नही थी...इसलिए उसकी चूत से भी मीठापन बरसता था...

राहुल का लंड पूरी तरह से खड़ा था अब.....उसने सबा को बेड पर लेटने को कहा...अब उसकी नज़रें उसकी चिकनी चूत पर थी....जिसकी गुलाबी फूल जैसी पंखुड़ियों में शहद जैसा रस चमक रहा था



उसने धीरे-2 अपना सिर उसकी चूत पर झुकाया.....थोड़ी देर तक उसकी भीनी खुश्बू को सूँघा...और फिर धीरे-2 अपनी जीभ से उसके निचले होंठ कुरेदने लगा...

सबा तो सिसक उठी.....उसके मुँह से ऐसी आवाज निकली जैसे गर्म तवे पर पानी के छींटे मार दिए हो...

''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.......आआआआआआआअहह.........उम्म्म्मममममममम राहुल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल.....''

सबा की पीठ तीर जैसी तिरछी होकर उपर उठ गयी....और राहुल को उसकी चूत और सॉफ तरीके से चूसने को मिल गयी....वो उसकी फांको को फेला कर अंदर तक चूस पा रहा था....या ये कह लो की वो अपनी जीभ से उसकी चूत की चुदाई कर रहा था...



सबा के लिए ये भी चुदाई के एहसास जैसा ही था....लेकिन असली लंड का एहसास अलग ही होता है...इसलिए वो सिसकती हुई बोली...

''ओह राहुल...प्लीज़......अब ना तरसाओ ......जल्दी से डालो......अपना ...........लंड ......मेरी चूत में .....''

सिर्फ़ सेक्स के दौरान ही सबा ऐसे शब्दो का प्रयोग करती थी....इसके अलावा जब भी वो इन्हे सुनती,बस शरमा कर रह जाती थी.

राहुल से भी अब रुका नही जा रहा था....उसने उसकी टाँगो को दोनो दिशाओं में फेलाया....उसकी शरबती नज़रों को देखा...और अपने लंड को उसकी जाँघो के बीच पहुँचा दिया....

बेसब्री सबा ने जल्दी से अपना हाथ नीचे करते हुए उसके लंड को अपनी चूत पर लगाया और अपनी टांगो से उसकी कमर को लपेट कर उसे अपने उपर खींच लिया....राहुल का लंड दनदनाता हुआ सा एक ही वार में उसकी चूत की दीवारें रगड़ता हुआ अंदर तक जा धंसा....और दोनो के मुँह से मादकता भरी चीखे निकल पड़ी...

''उम्म्म्मममममममममममममममममम........ओह..............सबाआाआआ.......मेरी ज़ाआआअन्*नन् ...... आआआआआआआआआआअहह''

राहुल का लंड जब पूरा अंदर तक डूब गया तो उसने उसे धीरे-2 बाहर खींचा....सबा की नज़रें सीधा अपनी चूत की तरफ चली गयी...उसे अपनी चूत में लंड जाते और निकलते हुए बड़ा अच्छा लगता था...राहुल ने धक्के लगाने शुरू किए और वो उसे पिस्टन की तरह अंदर बाहर होते हुए देखकर सिसकारियाँ मारने लगी....

''अह्ह्हह्ह्ह्ह राहुल्ल्ल......फककक मी राहुल..............आअहह ....उूुउउम्म्म्ममममम..... यसस्स्स्स्स्स्स्सस्स...... अहह''

दोनो को पता था की अंदर का तूफान जल्द ही निकल सकता है....इसलिए दोनो अपनी तरफ से झटके और ज़ोर से लगाने लगे...

और करीब 5 मिनट तक की चुदाई के बाद सबा की आँखे उपर की तरफ घूम कर बंद हो गयी...और वो आनंद सागर मे गोते लगाती हुई अपने ऑर्गॅज़म को महसूस करने लगी...




''उम्म्म्मममममममममम....राहुल..................... आई लव यू .......''

राहुल को भी अपने प्यार का एहसास उसे दिलाना था...इसलिए उसे झड़ता देखकर वो और तेज़ी से धक्के मारने लगा...और जैसे ही उसके लंड से प्रेशर के साथ पिचकारी निकली....उसका शरीर झनझना उठा....जिसे सबा ने भी महसूस किया.....और आख़िरी के 4-5 झटके रुक-रुककर मारने के बाद वो उसके उपर लुडक गया...और उसके कानों में उसने भी बोल दिया....''आई लव यू टू सबा......''
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#29
(03-12-2019, 01:10 PM)kamdev99008 Wrote: bhai ye to shayad @ashokafun30 ki kahani diwali ka jua ka sequal hai

I have no idea about the original weotwr of this story. But all credits to the original writer !
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#30
Mast mind blowing
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#31
Please update more
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#32
(05-12-2019, 11:02 AM)Suryahot123 Wrote: Mast mind blowing

Thabks buddy
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#33
(05-12-2019, 11:02 AM)Suryahot123 Wrote: Please update more

Sure
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#34
अगला दिन नॉर्मल ही रहा .....राहुल ऑफीस गया...शशांक ने इधर-उधर की बातों में उसे रात के ताश के प्रोग्राम के बारे मे फिर से याद दिलवाया...राहुल ने उसे आश्वस्त किया की वो और सब रात को 8 बजे उनके घर पर पहुँच जाएँगे..

रात को 8 बजते ही सभी अपनी-2 बीबियों के साथ शशांक के घर की तरफ चल दिए...और जैसा की सबने डिसाइड किया था,सभी ने नाइट सूट्स ही पहने हुए थे..ज़्यादातर पुरुष टी शर्ट और पायजामे में थे...सिर्फ़ गुरपाल सिंह ने ट्रेक सूट पहना हुआ था...शायद वो उसी में सोता था...

लेडीज़ भी अपने-2 नाईट गाउन में ही थी....सिर्फ़ सबा ही थी जिसने ज़ारा का पयज़ामा और जीपर पहना हुआ था...उसमे उसके तने हुए बूब्स बड़े ही कातिल लग रहे थे...

और सबसे बड़ा सरप्राइज तो उन्हे शशांक के घर पर मिला...जैसे ही सब मिलकर उनके घर पहुँचे,शशांक की बीबी सुमन ने दरवाजा खोला....और उसके नाइट सूट को देखकर तो सभी की नज़रें फटी की फटी रह गयी...

औरतें तो उसकी हिम्मत की दाद दे रही थी...और मर्द अपनी लार टपकाए उसके शरीर को अपनी आँखो से पीने मे लगे थे..
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#35
Nice जी लिखते रहिए
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#36
(11-12-2019, 05:31 AM)asha10783 Wrote: Nice जी लिखते रहिए

Thanks ?
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#37
Update
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#38
(14-12-2019, 10:52 AM)Randiriya Wrote: Update

Soon
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#39
Nice story..
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#40
और सबसे बड़ा सरप्राइज तो उन्हे शशांक के घर पर मिला...जैसे ही सब मिलकर उनके घर पहुँचे,शशांक की बीबी सुमन ने दरवाजा खोला....और उसके नाइट सूट को देखकर तो सभी की नज़रें फटी की फटी रह गयी...

औरतें तो उसकी हिम्मत की दाद दे रही थी...और मर्द अपनी लार टपकाए उसके शरीर को अपनी आँखो से पीने मे लगे थे..

अब आगे
उसने नेट वाली रेड और ब्लेक कलर की शॉर्ट नाईटी पहन रखी थी...जो उसकी जाँघो को भी सही से कवर नही कर पा रही थी...और इस वजह से उसकी मोटी और चिकनी टांगे सभी को दिखाई दे रही थी....यहाँ तक की अंदर पहनी पेंटी की भी झलक दिख रही थी...उपर से वो काफ़ी टाइट था...और सबसे बड़ी बात की उसने ब्रा नही पहन रखी थी...भले ही छाती वाले हिस्से पर नेट नही बल्कि कॉटन का कपड़ा था...लेकिन उसके बड़े-2 बूब्स,जिनके निप्पल्स सॉफ उजागर थे, उसमे देखे जा सकते थे....इसलिए सभी को एक नज़र में ये एहसास हो रहा था की उसने ब्रा नही पहनी हुई...



आज की रात एक नया चैप्टर शुरू होने वाला था सभी की जिंदगी में ....







शशांक ने पहले से ही सब इंतज़ाम कर रखा था....एक कोने मे स्टैंडिंग बार बना रखी थी, जिसमे सभी मर्द जाकर खड़े हो गये और शशांक उन्हे सर्व करने लगा...लेडीज़ के लिए सुमन ने डाइनिंग टेबल पर वोड्का और ब्रीज़र की बॉटल्स रखी हुई थी...वो सब भी एक साथ शुरू हो गयी...सबा ने आज तक शराब को मुँह तक नही लगाया था...सब उसे पीने के लिए बोलने लगी तो उसने बेचारगी भरी नज़रों से राहुल की तरफ देखा...उसने आँखो ही आँखो में उसे पीने के लिए बोला..वैसे तो वो हमेशा से चाहता था की सबा भी पीने में उसका साथ दिया करे लेकिन जिस माहौल में वो पली-बड़ी थी,उसमें ऐसा करना पाप माना जाता था...इसलिए उसे थोड़ी बहुत हिचकिचाहट हो रही थी..



राहुल की स्वीकृति मिलने से और अपनी फ्रेंड्स के बार-2 कहने से उसने वोड्का का एक ग्लास ले ही लिया...और सुमन ने जान बूझकर उसे स्ट्रॉंग पेग बना कर दिया..पांचो ने हाथ में ग्लास लेकर चियर्स किया और एक ही घूंठ में आधे से ज्यादा ग्लास पी गए







1-2 पेग पीने के बाद सभी मर्द टेबल पर पहुँच गये, जहाँ पर ताश की गड्डी लगी हुई थी.



जिस घड़ी का सभी को इंतजार था, वो आ चुकी थी



तीन पत्ती का खेल शुरू हो चुका था



शशांक ने पत्ते बाँटने शुरू किए..पहली बाजी नॉर्मल थी ..यानी जिसके पत्ते बड़े ,वो बाजी ले जाएगा...



ब्लाइंड की रकम 500 रुपय थी...और चाल या शो डबल की ..



सभी ने 2-2 ब्लाइंड चली और उसके बाद एक-2 करके सभी ने अपने पत्ते उठा कर देखे..



इसी बीच सभी औरतें अपने-2 पतियों की बगल में आकर बैठ गयी...



सभी की नज़रें या तो शशांक की बीबी सुमन पर थी या सबा पर...क्योंकि इस वक़्त यही दोनो एक दूसरे को टक्कर दे रही थी...एक हुस्न के मामले में और एक सैक्सी दिखने के मामले में ..



सुमन तो जिस अंदाज से शशांक की बगल में बैठी थी वो देखते ही बनता था...उसकी नाईटी तो टांगे ढकने में बिल्कुल असमर्थ थी...और उपर से वो जान बूझकर अपने मखमली कपड़े को ऐसे खिसका रही थी जिसकी वजह से बार-2 उसकी नंगी टांगे सबके सामने उजागर हो रही थी...



और सभी मर्दों की नज़रें उसकी चिकनी टाँगो और उसके झांकते हुए बूब्स को को अपनी आँखो से चूस रही थी.







ये बात उनकी बीबियां भी नोट कर रही थी...लेकिन वो भी जानती थी की ऐसे में अच्छा भला मर्द भी देखे बिना नही रह सकता...वैसे भी उन सबमे इतनी टोका-टाकी चलती नहीं थी.



राहुल भी अपने बॉस की बीबी सुमन की नंगी टाँगो को देखकर थोड़ा बहुत विचलित हो रहा था...जबकि उसकी बीबी सबसे सुंदर थी...लेकिन दूसरी औरत ही ऐसी बेशर्मी से अपना बदन दिखाए तो वो भी भला क्या करे..



सबके मन में कुछ ना कुछ चल रहा था..लेकिन कोई भी बोल नही रहा था...बस गेम के बारे में ही बाते चल रही थी...गुप्ताजी तो बड़ी मुश्किल से अपने खड़े हो रहे लंड को संभालने की असफल कोशिश कर रहे थे...ऐसे में उनके पत्ते भी बेकार से आए...सिर्फ़ 3,4 और 8 नंबर...और वो भी अलग-2 कलर के..उन्होने एकदम से पेक कर दिया...



कपूर साहब का भी यही हाल था...उनकी नज़रे तो कभी सबा और कभी सुमन पर घूम रही थी..ऐसे में जब उन्होने पत्ते देखे तो वो ज़्यादा कमाल के नही थे...9, K और इक्का था इनके पास....काफ़ी सोचने के बाद उन्होने इकके और बादशाह के बल पर एक हज़ार की चाल चल दी..



और अपने सरदारजी गुरपाल सिंह ने दरियादिली दिखाते हुए बिना पत्ते देखे ही एक और ब्लाइंड चल दी..वो ऐसा हमेशा करता था.....और ब्लाइंड चलने के बाद उसने बड़ी ही बेबाकी से अपनी बगल में बैठी सरदारन की जाँघ पर हाथ रखा और उसे सहलाने लगा...और उसका सहलाना ऐसा था की हर कोई देख पा रहा था की वो क्या कर रहा है..पर वो सेक्स के मामले में औरों से थोड़ा अलग ही था...वो दिन दुनिया की परवाह किए बिना अपने काम में मग्न रहता था..ठीक शशांक की तरह...



क्योंकि वो भी अपनी बीबी सुमन की नंगी टाँगे इस वक़्त बड़े ही कामुक तरीके से सहला रहा था...और वहां बैठे दूसरे मर्द बस यही सोच रहे थे की काश सुमन की नंगी टांगो पर इस वक़्त उनके हाथ होते..


राहुल ने अपने पत्ते देखे और हज़ार का नोट फेंककर तुरंत चाल चल दी...उसके चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की उसके पास जानदा
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