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बहन फ़िदा हुई बुड्ढे नौकर पर
#41
Uncle ki lottery lag gayi
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#42
gazab!!!!!!!
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#43
Waiting dear
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#44
updates ?
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#45
Update ???????
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#46
update dear writer....
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#47
Waiting for the big update with photos bro
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#48
Waiting for the big update with photos bro
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#49
रश्मि आज इतनी बेचैन हो रही थी कि आधे घंटे मैं उसने 4,,, 5,, बार अंकल के बारे मै पूँछ चुकी थी.. 
खैर थोड़ी देर बाद अंकल आ गए.. उनके आते ही 



सॉरी दोस्तों कल अपडेट दूंगा
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#50
Ok Dear writer .
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#51
बड़ी मजेदार स्टोरी लिख रहे हो आप ऐसे ही इसे आगे बढ़ाते हुए वक़्त पर अपडेट देते रहिये।
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#52
waiting.......
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#53
अंकल के आते ही उसके चेहरे पर खुशी दीखने लगी... वो नीचे मुँह करके बड़ा मुस्कुरा रही थी. उसके झुकने से उसकी चूचियों की कुछ गहराई दिख रही थी... 
अंकल ने सामान साइड मै रखा और रश्मि के सामने वाली कुर्सी पर बैठ गये  उन दोनों की आँखों मैं  गजब का कांटेक्ट चल रहा था ये मैंने कई बार देखा .... 
अंकल बार  बार उसकी चूचियों की गहराईयों में झाँक रहे थे.. 
ये बात रश्मि को भी पता थी.. वो जान बूझ कर उनको दिखा रही थी... 
फिर अचानक अंकल बोले.. रश्मि आज चाय नहीं पिलाओगी.. 
रश्मि अचानक होश मे आई फिर बोली क्या कहा अंकल... 
अंकल बोले रश्मि क्या चाय मिलेगी... 
रश्मि बोली अंकल दूध नहीं है.. 
अंकल बोले कल भी कहा था दूध ढक कर रखा करो नहीं तो कोई भी मुँह लगा देगा.. 
रश्मि बोली आज अंकल दूध  निकल गया था...... 
थोड़ा ही बचा था... वो भी खत्म हो गया.... 
फिर कुछ देर शांति रही फिर रश्मि अंकल से बोली. अंकल कल आप किसी डॉक्टर के बारे मै बता रहे थे.. उनका क्लीनिक कहां है... 
अंकल अनजान बनकर बोले कौन सा डॉक्टर... किसलिए.. 
रश्मि शर्माकर बोली अंकल कल से मेरे पेट मे दर्द हो रहा है   और बार  जल्दी  सही  हो   जाता था इस बार कुछ    ज्यादा दिन हो गए अभी       तक      आराम नहीं मिला उसी   को  दिखाने डॉक्टर के पास जाना है......... 
अंकल उठे और बोले रश्मि तुम बार बार पेट दर्द से परेशान होती हो और तुमने मुझे नहीं बताया... मुझे लगता है तुम्हाी नाभि खिसक गयी है... जरा लेट जाओ मै अभी देख लेता हूँ..... मैंने अपने गांव मे बहुत से आदमियों  की नाभि सही करी है..... 
रश्मि बोली नहीं अंकल मेरी
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#54
रश्मि बोली नहीं अंकल मेरी नाभि सही है... इसलिए ही तो डॉक्टर के पास जाना है.... ये बात उसने अपने निचले होंठ को दांतो से हल्का सा
दाबते हुए कही... अंकल ये देखते ही मुस्कुराकर बोले चलो ठीक है.. 
तुमको ले चलता हूँ अंकल ने स्टोर मे घुसकर अपनी साइकिल निकाली और रश्मि से बोले चलो रश्मि बैठो... 
रश्मि और अंकल की आँखों मे कुछ इशारे चल रहे थे.. और मे ये सब जान रहा था पर अनजान बन रहा था.. अंकल ने फिर रश्मि को बैठने को बोला... 
अब अंकल की साइकिल मे पीछे वाली सीट नहीं थी... और वो रश्मि को आगे बैठने को बोल रहे थे.. 
रश्मि अंकल से बोल रही थी अंकल मे आज तक आगे नहीं बैठी हूँ हम गिर पड़ेंगे.... इसलिए पैदल ही चलते हैं.. हम कुछ देर बात चीत भी कर लेंगे और शायद पैदल चलने से पेट मे भी आराम मिल जाए... 
अंकल बोले रश्मि आज मे बहुत थक गया हूँ..  और सर्दी जुखाम भी है शरीर भी टूट रहा है  पैदल नहीं चला जायेगा...  चलो साइकिल से ही चलते हैं.. 
रश्मि आगे को बढ़ी और अंकल के सामने बैठने लगी.. 
उसकी लम्बाई ज्यादा नहीं थी 4 फुट  8 या 9 इंच होंगी   इसलिए  वो साइकिल पर नहीं चढ़   पायी.. उसने 3,,,,, 4    बार कोशिश करी पर नहीं चढ़ पायी.. अब अंकल ने रश्मि की कमर को दोनों हाथों से पकडा 
और उसे उठा कर अपने आगे  बैठा लिया..
फिर अंकल मुझसे बोले क्लीनिक थोड़ी दूर है.. और वहाँ अभी डॉक्टर होगा की नहीं. ये भी नहीं पता इसलिए थोड़ी देर हो सकती है. तुम दुकान  देखते रहना... अब उन्होंने अपना दायां हाथ रश्मि के पेट से छुआ और बोले रश्मि चलें??? 
रश्मि ने अंकल के चेहरे की ओर देखा ओर चलने के लिए अपनी गर्दन हिला दी...... 
मुझे दाल मे कुछ काला लग रहा था... मे उनका पीछा करने की सोच रहा  था  पर कोई साधन नहीं था जिससे मे उनका पीछा 
  करूँ.... 
मे मायूस होकर बैठा था ओर सोच रहा था की कहीं इन दोनों की कोई प्लानिंग तो नहीं है... 
.. 

.. 
तभी मेरा दोस्तों अपनी नई साइकिल   मुझे    दिखाने के लिए लाया.. 
मैंने उससे बोला यार थोड़ी देर के लिए अपनी साइकिल मुझे दे दे थोड़ा बाजार जाना है जरूरी काम है.. उसने मुझे साइकिल दी  ओर बोला सही सलामत वापस करना.. मैंने उसे धन्यवाद किया और घर और दुकान मे
ताला लगा कर चल दिया..... 
अब मेरे दिमाग़ मे कई सवाल थे... इतने बड़े बाजार मे मैं उन्हें कैसे ढूढूंगा... 
अब वो बाजार ही गए हैँ या कहीं और... 
मैं उन्हें कहां देखूँ... बस बुझा हुआ सा चला जा रहा था...
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#55
super erotic story
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#56
Awesome..
Aage update do
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#57
Superb bro
But gave a fast and big update
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#58
मे उनको ढूंढ़ने तो निकला था पर मुझे  बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी की वो मुझे मिलेंगे.... क्योंकि मुझे साइकिल मिलने मे 5,, 10   मिनट खराब हो गए थे.. रास्ता बहुत खराब था रास्ते मैं जगह जगह पानी भरा था    
मुझे रास्ते पर बहुत गुस्सा आ रहा था. और साइकिल चलाते जा रहा था  
मैं सोच रहा था क्या सच मे अंकल ने रश्मि फ़ांस ली है. या ये मेरा भ्र्म है.. कहीं अंकल उसे अपने कमरे पर तो नहीं ले गए... 
उनका कमरा भी मुझे नहीं पता था... 
मुझे वो बात याद आ रही थी ज़ब अंकल खाली प्लॉट मे हिला रहे थे और ज़ब मैंने रश्मि को  देखा तो वो उनको खिड़की से देख रही थी... 
मुझे लग रहा था जैसे आज रश्मि जरूर चुद कर ही वापस आएगी... 
जाने क्यों मे रश्मि को चुदते देखना चाहता था... पर अभी ये सम्भव नहीं लग रहा था... मेरा मूड खराब हो रहा था 
मेने वापस लौटने का फैसला किया... तभी मुझे रश्मि और अंकल  दिखाई दिए.... दोनों लोग  पैदल  चल रहे  थे और दोनों के पूरे 
कपड़ों पर कीचड लगी हुई थी.. साइकिल भी पूरी गंदी थी.. तब मुझे पता लगा ये दोनों साइकिल से कीचड़ मे गिर पड़े हैं.. मैंने तुरंत साइकिल रोक ली.. और उतर कर धीरे धीरे चलने लगा 
अब मुझे वो रास्ता बड़ा अच्छा लग रहा था.. 
मैंने सोचा इनके कपड़े तो गन्दे हो गए अब ये डॉक्टर के पास तो नहीं जायेंगे.. मतलब अब अंकल उसे शायद अपने कमरे पर ही लेकर जायेंगे 
धीरे धीरे वो दोनों आबादी से दूर कस्बे के बाहरी साइड पहुंच गए फिर एक  ऊँची सी बाउंड्री मै घुस गए बाउंड्री का कोई गेट नहीं था अंदर बीच मै सिर्फ एक कमरा था   उसके चारों तरफ 1,, 1  की जगह   छोड़ी   गईं थी शायद हवा और उजाले    के लिए... 
वो दोनों कमरे के अंदर चले गए
 कमरे का गेट  अब भी  खुला हुआ था..
मेरा मन कह रहा था आज जरूर कुछ घपला होगा.. मैंने पास की झाड़ियों मे साइकिल को छिपा दिया.. अब 
में अंदर जाने की सोच रहा था पर कुछ समझ नहीं आ रहा था कैसे अंदर जाऊं... सामने कमरे का दरवाजा खुला हुआ है वो दोनों मुझे      देख   लेते    इसलिए       इधर    से   मेरा घुसना बेकार था 
मै जल्दी से उस बाउंड्री के चारों तरफ देखने चल दिया  शायद   कहीं से ऊपर चढ़ने का रास्ता    मिल जाए... 
पीछे    वाली  दीवार से कुछ दूर कुछ   ईट पड़ी मिली जो शायद क्रिकेट खेलने वालों ने वहाँ डाल रखी थी.... 
मैंने ईट उठाकर  दीवार के पास एक के ऊपर एक लगा दी फिर मे उनपर   चढ़ गया और फिर मैं दीवार पर चढ़ कर उस कमरे की छत पर कूद गया कमरा काफ़ी बड़ा था  ... 
छत के बीच मैं एक जाल लगा था नीचे उजाले के लिए.. इतने बड़े   कमरे मैं   दोनों तरफ  एक  एक कमरा अलग   अलग बन सकता था 
मैंने आहिस्ता से जाल से नीचे देखा तो अंदर एक टूटी हुई सी चारपाई पड़ी हुई थी और पूरे घर मै कुछ ही बर्तन एक पानी का ड्रम और एक  मिट्टी के तेल का stob था... और पूरा कमरा खाली था... रश्मि चारपाई पर बैठी थी और अंकल से कह रही थी.. 
अंकल आप इस वीराने मैं कैसे रहते हो.. यहाँ दूर दूर तक कोई भी नहीं रहता... आपके पास कोई सामान भी नहीं है.. 
अंकल बोले सब कपड़े और फालतू सामान मैंने अपने दोस्त के यहाँ रख दिया है  ज़ब मेरी बेगम आ जाएगी तब ले आऊंगा... यहाँ अभी कोई रहता नहीं है कहीं कोई चोर सामान चोरी नहीं कर ले इसलिए वहाँ रख दिए हैँ.... 
फिर रश्मि बोली अंकल मुझे ठंड लग रही है अब ज़ब तक ये कपड़े सूखेगे तब तक मै क्या pehnoogi... अंकल ने इधर उधर देखा और खिड़की से पर्दा उतार कर रश्मि को दी फिर बोले यहाँ तो कुछ नहीं है 
तुम ये  पर्दा लपेट लेना... पर्दा भी लम्बी चौड़ी है इसे तो    हम दोनों 
भी ओढ़ सकते हैँ... ये कहकर अंकल हंस पड़े... फिर रश्मि बोली 
  अंकल  आप जल्दी से बाहर चले जाओ तो मै अपने कपड़े धो कर सुखा लूं.... 
फिर अंकल बोले रश्मि ठण्ड तो मुझे भी लग रही है मुझे भी कपड़े धो कर पहनने हैँ.. तुम अपने कपड़े उतार कर मुझे दे दो और तुम पर्दा लपेट कर बैठ जाओ... रश्मि को शर्म सी आ रही थी फिर अंकल बाहर निकल गए और रश्मि ने अपने कुर्ती और सलवार उतार कर ड्रम के पास डाल दी.. मैंने आज रश्मि को पहली बार नंगा देखा था.. उसकी चूचियाँ ज्यादा बड़ी तो नहीं थी पर कमाल की थीं उसने कच्छी नहीं उतारी और पर्दा ओढ़ कर चारपाई पर लेट गई... फिर उसने अंकल को अंदर आने के लिए आवाज लगाई. 
अंकल  अंदर आ गए.. रश्मि इस तरह लेटी थी की उसके पैर अंकल तरफ थे रश्मि ने अपना मुँह नहीं ढका था वो अंकल को देख सकती थी 
अब उन्होंने अपना कुरता पायजामा उतारा और रश्मि के कपड़ों के साथ उठाकर बाल्टी मै डाल दिया... फिर रश्मि से बोले.. रश्मि तुमने अंदर वाले कपड़े नहीं दिए..... 
रश्मि  उनके  इस   सवाल से चौंक गई फिर धीरे से 
बोली नहीं अंकल जी मै अंदर सिर्फ कच्छी पहनती हूँ और कुछ नहीं.. 
फिर अंकल बोले लेकिन इन कपड़ों मै तुम्हारी कच्छी तो है ही नहीं.. अब 
 रश्मि की आंखे बड़ी हो गईं उसने अंकल की तरफ देखा फिर बोली.. नहीं अंकल मैंने उसे पहन रखा है... 
फिर अंकल बोले रश्मि कच्छी भी मुझे दो मे उसे धो देता हूँ.. उस कच्छी पर गंदी कीचड लगी होगी.. और उस कीचड मैं कितनो की पेशाब मिली होगी तुम्हारे नीचे इन्फेक्शन हो जायेगा.... 
फिर रश्मि बोली नहीं अंकल  रहने दो   मैं बिलकुल नंगी नहीं होना चाहती...
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#59
अंकल  ने दीवार के छेद  (दीवार मैं  एक   ईट निकली  थी )   मे  हाथ डालकर एक कच्छी   एक ब्रा निकाली और   रश्मि     के  हाथों मैं 
रख दी और बोले रश्मि  ये मेरी बेगम के कपड़े हैं इन्हे अंदर पहन लो.. 
रश्मि ने बोला अंकल मैने आज तक ब्रा नहीं पहनी है... और ये तो मुझे बहुत बड़ी भी लग रही है.. 
फिर अंकल बोले  ज़ब मेरी शादी हुई थी तब बेग़म 15 साल की थी और उसकी छातियां तुमसे भी छोटी थी.. मेने बहुत मेहनत करके उन्हें बड़ा करा है 
 तुम्हारी छाती बहुत  छोटी हैं शायद तुमने आज तक किसी को हाथ नहीं लगाने दिया है
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#60
माफ़ करना दोस्तों..... 
            अपडेट थोड़ी लेट मिलेगा......
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