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प्यारे दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार! मेरा नाम जसदीप कौर है व उम्र 25 साल है. मैं ठेठ पंजाब के मोगा ज़िले में एक गाँव से हूँ. मैंने अपनी पढ़ाई कम्प्यूटर्स में की थी, इसलिए मुझे कॉलेज में टीचर की नौकरी मिल गयी थी. लेकिन इस नौकरी से मैं कुछ खुश नहीं थी. मैं वेब डेवलपर की नौकरी करना चाहती थी लेकिन मेरे घर वाले मुझे दूर भेजना नहीं चाहते थे.
फिर मैंने उन सभी को किसी तरह मना लिया और मैं नौकरी के लिए दिल्ली चली गयी.
मैं अब आपको अपनी देहयष्टि के बारे में बता देती हूँ. मेरा कद 5 फ़ीट 7 इंच है. मुम्मे मोटे, रंग एकदम दूध सा गोरा है और मेरा शरीर भरा हुआ है. मैं जब टीचर थी, तब भी सूट ही पहनती थी और दिल्ली में भी सूट ही पहनती थी.
मैं नौकरी करने के लिए दिल्ली आ गयी. मुझे कंपनी ने रहने के लिए कमरा भी दिलवा दिया. मेरे साथ एक लड़की और रहती थी. वो दिल्ली की ही थी. उसकी उम्र 26 साल थी और वो बहुत खूबसूरत थी.
मैंने तो अब तक सूट ही पहने थे, पर यहाँ मेरी साथ वाली बहुत मॉडर्न थी. वो कई बार बहुत छोटे कपड़े पहनती थी.
आपको मैंने उसका नाम नहीं बताया, उसका नाम मनु था. हम दोनों कमरे में छोटी स्कर्ट ही डालते थे. मैं अब उसको देखकर अपने पूरे शरीर पर वैक्सिंग करवाने लग गयी थी. मेरे ऑफिस में सभी लड़कियां बहुत चालू थीं. मेरा बॉस, जिसकी उम्र 42 साल थी, उसने बहुत अच्छी बॉडी बनाई हुई थी. वो मुझे बहुत ध्यान से देखता था. लेकिन मैंने कभी उसको मौका नहीं दिया था कि वो मेरे साथ कुछ आगे बढ़ सके. मैंने यही बात मनु को बताई, तो उसने कहा कि वो तुमसे दोस्ती करना चाहता होगा और कुछ नहीं.
धीरे धीरे मेरी अपने बॉस से दोस्ती हो गयी और वो मुझसे फ़ोन पर भी बात करने लगा.
एक दिन मनु ने मुझसे कहा- क्या तुमने और तुम्हारे बॉस ने अब तक कुछ किया है या नहीं?
मुझे मनु की ये बात सुनकर बड़ा गुस्सा आया. मैं बोली- हमारे बीच ऐसा कुछ नहीं है, हम सिर्फ दोस्त हैं.
मनु बोली- तुम्हारे बॉस ने तुमसे दोस्ती सिर्फ तुमको चोदने के लिए की है.
यह सुनकर मेरा गुस्सा और बढ़ गया, मैंने तमतमामते हुए उससे कहा- मैं तुम्हारे जैसी नहीं हूँ.
इस पर मनु हंसकर बोली- तुम जो मर्ज़ी कर लो, वो तुम्हारी चूत में अपना लंड घुसेड़ कर ही मानेगा.
मैंने भी कह दिया- मैं एक पंजाबन सरदारनी हूँ. ऐसे कोई मुझे छू भी नहीं सकता.
तभी मनु बोली- मैं तुम्हारे जैसी बहुत सरदारों की लड़कियों को जानती हूँ, जो पहले तुम्हारी तरह ही नखरे दिखाती थीं, पर अब वो खुद लंड को अपने हाथों में लेकर उसे अपनी चूत में डालती हैं.
मैंने उससे इस बात पर और बहस करना ठीक नहीं समझा. हमारी ये बात समाप्त हो गई.
कुछ दिन बाद मेरे बॉस ने मुझसे रात का खाना किसी होटल में करने के लिए पूछा, तो मैंने हाँ कर दी. मैं डिनर पर बैकलेस सूट और पटियाला सलवार पहन कर गयी.
उस दिन मनु ने मुझसे कहा- आज तुम बहुत गजब की माल लग रही हो, अपने बॉस से बच कर रहना.
मैंने अपने आपको शीशे में देखा. मेरे चूचे बहुत कसे हुए थे और चूतड़ भी पूरे बाहर को निकले हुए थे. मुझे कहीं न कहीं अपने ऊपर गर्व हो रहा था. मैं डिनर के लिए होटल गयी और मैंने महसूस किया कि मेरा बॉस मुझे काम भरी निगाहों से देख रहा था. वहां पर उसके और दोस्त भी थे वे सब अपनी गर्ल फ्रेंड्स के साथ उधर आए हुए थे. वो मेरे साथ बहुत मज़ाक कर रहे थे.
तभी उनमें से बॉस के एक दोस्त ने मुझसे कहा- मेरा जन्मदिन आ रहा है, मेरी पार्टी पर तुम जरूर आना.
मैंने कहा- ठीक है.
होटल से आने के बाद मैंने मनु को पूरी बात बताई. साथ ही बॉस के दोस्त के जन्मदिन की पार्टी पर जाने लिए भी बताया.
उसने मुझसे कहा- तुम पार्टी में जरूर जाना.
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पार्टी वाले दिन शाम को मेरे बॉस ने मुझे पिक किया और वो मुझे देखते ही बोला- वाह आज तुम बहुत सेक्सी लग रही हो.
मैंने हंस कर बॉस की बात पर उनको थैंक्स बोला.
पार्टी उसके दोस्त के किसी फार्महाउस पर थी, वहां पर सिर्फ उसके दोस्त और उनकी गर्ल फ्रेंड्स थीं. सभी ने बहुत सेक्सी कपड़े पहने हुए थे. पार्टी शुरू हो गयी और उसके दोस्त मेरे पास ड्रिंक ले कर आ गए. मैंने शराब पीने से इंकार किया, पर उन्होंने मुझे मना लिया और कुछ ड्रिंक्स पिला दी.फिर हम सभी डांस करने में लग गए. मैं अपने बॉस के साथ डांस कर रही थी. रात के 10 बजे का टाइम हुआ था. डांस करते हुए मेरे चूचे उसकी छाती से टच हो रहे थे. मेरी जांघें उसकी जांघों से टच हो रही थीं. हम दोनों नशे में थे.तभी उसने मेरी पीठ पर प्यार से सहलाना शुरू कर दिया. अब मैं मस्त होती जा रही थी. तभी मैंने देखा उसका एक दोस्त अपनी सहेली को गोद में उठाकर ऊपर किसी कमरे में ले गया. इसी बीच मेरे बॉस ने मुझे अपनी तरफ खींचा और मुझे कसकर अपनी छाती से लगा लिया. इससे मेरे शरीर में एक कम्पन सी होने लगी. मेरे बॉस के सभी दोस्त हमारी तरफ देख रहे थे. मुझे बहुत गुस्सा आया, पर मैंने सोचा यह मेरा बॉस है. अगर मैंने कुछ कहा, तो काम खराब हो सकता है, मुझे नौकरी में भी दिक्कत आ सकती है.बॉस ने अपना हाथ मेरी पीठ से चूतड़ों पर सहलाना शुरू कर दिया. मैंने सोचा कि चलो इतना तो मैं झेल सकती हूँ. मुझे मजा भी आ रहा था. तभी मेरे बॉस ने मेरे कान में मुझसे कहा- मैं तुमसे प्यार करता हूँ.
यह कह कर उसने अपने होंठ मेरे होंठों से जोड़ दिए. मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था. मैं अभी भी यही मान रही थी कि इससे ज्यादा कुछ नहीं होगा.
कुछ देर किस करने के बाद मैंने कहा- सब देख रहे हैं.
तभी मेरे बॉस ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मुझे ऊपर किसी कमरे में ले गया.
उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और दरवाज़े को बंद कर दिया. जब दरवाजा बंद हुआ, तब मुझे अहसास हुआ.
मैं भगवान को स्मरण करने लगी- हे भगवान . … आज तो मेरी चूत पक्का चुदेगी.
इससे पहले मैं कुछ कहती, बॉस मेरे ऊपर चढ़ गया. वो मुझे किस करने लगा. मैं भी काफी दिन से चुदी नही थी तो मुझे भी नशे की मदहोशी में उसका साथ अच्छा लगने लगा. कुछ ही देर में हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे के होंठों को चूसने में मस्त हो गए थे.
कुछ देर बाद उसने मेरी गालों को चूसना शुरू कर दिया. उसने अपने दांतों से मेरे गालों को दबा दबा कर उनका पूरा रस पी लिया. उसके बाद मुझे पता ही नहीं चला कि कब उसने मुझे पूरी नंगी कर दिया और खुद भी पूरा नंगा हो गया.
मैंने आंखें खोलीं और उसका लंड देखा, तो मैं हैरान सी हो गई. बॉस का लंड बहुत मोटा और लम्बा था.
जब एक लड़की किसी मर्द के सामने नंगी हो जाती है. उसके बाद लड़की के हाथ में कुछ नहीं बचता है. फिर मर्ज़ी उसी मर्द की होती है कि वो लड़की की चुदाई कितने टाइम तक करता है.
मैंने अपने हाथ अपनी चूत पर रख दिए. मेरा बॉस मुस्करा रहा था. उसे मेरे चूचे दिख रहे थे, वो कसे हुए थे.
तभी उसने मेरे मम्मों को अपने हाथों में लेकर निचोड़ना शुरू कर दिया. मैं ज़ोर ज़ोर से मादक सिसकारियां लेने लगी थी. वो मेरे निप्पलों को अपने दांतों से दबा कर बड़े प्यार से काट रहा था. कभी निप्पल काटता, कभी उनको चूसता.
अब तक मेरे दिमाग पर भी वासना चढ़ चुकी थी. सब कुछ बहुत तेज़ी से हो रहा था. बॉस के हाथ में एक खूबसूरत पंजाबन सरदारनी थी. मेरे जिस्म को वो एक भूखे भेड़िए की तरह नोंच रहा था. मैं अब कुछ नहीं कर सकती थी, उसके दांतों के निशान मुझे अपने शरीर पर महसूस होने लगे थे.
कुछ पल बाद उसने मुझे उल्टा कर दिया और मेरे चूतड़ों को चूसना शुरू कर दिया.
मुझे कोई होश नहीं रह गया था. बॉस ने मेरी टांगों को उठाया और मेरी फूल जैसी चूत को चूसना शुरू कर दिया. चूत पर बॉस की जीभ का अहसास होते ही मेरे पूरे शरीर में कम्पन होने लग गयी.
मेरी आवाजें आने लगी थीं- आह … आई … उह ओह शीउई!
कुछ देर तक मेरी बुर चूसने के बाद उसने मेरी टांगों को उठाकर मुझे बोला कि इनको पकड़ो.
मैंने न जाने किस मद में मस्त होकर अपनी दोनों टांगें पकड़ लीं.
इसके बाद बॉस ने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ना चालू कर दिया.
मैंने बॉस से कहा- प्लीज़ सर अन्दर मत डालना.आपका बहुत बड़ा है.
वो बोला- कुछ नहीं होगा मेरी जान … बस ऊपर ऊपर ही करूंगा, पूरा अन्दर नहीं डालूँगा.
ਅਮਨ ( ਪੰਜਾਬਣ ਜੱਟੀ )
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Nice. Kisi religious sardarni ko v add kro plj
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Bht badia dear.. keep it up n update regularly
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वो अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ता जा रहा था. जितना ज्यादा वो सुपारे को मेरी चूत की फांकों में घिसता, मैं उतनी ही अधिक मदहोश होती जा रही थी. मेरी धड़कनें बहुत तेज़ हो गयी थीं. मुझे समझ में आने लगा था कि आज यह मेरी चूत का पूरा पूरा मजा लेगा … मनु ने जो कहा था, वही हो भी रहा था. शायद मेरे दिल के किसी कोने में खुद उस बन्दे से चूत चुदवाने की मंशा बलवती होने लगी थी.तभी वो बोला- वैसे भी सरदारनी की चूत रोज़ नहीं मिलती.
बॉस अपने कड़क लंड को मेरी चूत के अन्दर डालने की कोशिश कर रहा था. पर तंग चूत में उसका मोटा लंड अन्दर नहीं जा पा रहा था. बॉस ने मेरे होंठों पर अपना हाथ रख दिया और लंड को ज़ोर से मेरी चूत के अन्दर पेल दिया.
मोटे लंड के इस आक्रमण से मेरी आँखों से आंसू आ गए. आधा लंड अन्दर जा चुका था. मैं दर्द से छटपटाने लगी थी. मेरी हालत देख कर कुछ देर तक बॉस रुका रहा. फिर उसने आधे लंड को धीरे धीरे करके चूत के अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. मैं तो बेहोश जैसी ही हो गयी थी. कुछ देर बाद मुझे होश आया. चूत में कुछ चिकनाहट हो जाने से लंड अब जल्दी जल्दी अन्दर बाहर होने लगा था. बॉस ने अपना पूरा लंड अन्दर तक पेल दिया था. मुझे भी दर्द का अहसास कम हो चला था.
कोई 10 मिनट के बाद मुझे भी मज़ा आना चालू हो गया. उसका पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर जड़ तक जा रहा था. फिर बॉस ने दोनों हाथों से मेरे मम्मों को कसकर पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से चूत में धक्के मारने चालू कर दिए.
उसने मेरी चूचियों को मसल मसल कर उनका हलवा सा बना दिया था, मेरी चूचियों का बुरा हाल हो चुका था. पर इससे मेरी चुदाई से होने वाला दर्द मुझे कम महसूस हो रहा था.
अब मेरे मुँह से मादक आवाजें निकलने लगी थीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मर गई … आहह …
इसके बाद मेरे बॉस ने मुझे छोड़ दिया और मुझे घोड़ी बना दिया. फिर पीछे से लंड पेल कर मुझे ज़ोर ज़ोर से चोदना चालू कर दिया. मुझे लग रहा था कि मेरी चुदाई की कामुक आवाजें कमरे से भी बाहर तक जाने लगी थीं.पर मेरे बॉस को मुझ पर कोई तरस नहीं था. वो इतनी ज़ोर से मेरी ठुकाई कर रहा था, जिससे मेरा पेट और टांगें कांप रही थीं.
मेरी चूत अब परपराने लगी थी, ये दो बार झड़ चुकी थी. कोई पांच मिनट तक बॉस ने मुझे तेज रफ्तार से चोदा और अपना सारा वीर्य मेरी चूत में ही निकाल दिया.
उसने झड़ते हुए कहा- कुछ देर हम आराम करते हैं … और फिर तुम्हारी चुदाई शुरू करेंगे.
वो मुझसे चुदाई को लेकर बात कर रहा था. वो बोला- तुमको मज़ा आया?
मैंने कहा- हां मजा बहुत आया, पर दर्द भी हुआ.
उसने कहा- जब मैंने पहली बार तुमको देखा था, उसी वक्त सोच लिया था कि इस सरदारनी की चूत तो मैं पक्का चोद कर रहूंगां.
तभी मेरे मन में आया कि यह बंदा तो शिकारी है, इसने तो मेरा शिकार कर लिया है. अब मैं कुछ नहीं कर सकती थी. मेरी चूत तो अब उसके लंड की हो चुकी थी.
उसने मुझे चूमते हुए कहा- तुम्हारे गोल गोल चूतड़ और गोल गोल मम्मों पर मैं फ़िदा हो गया था.
मैं उसको सुन भर रही थी.
उसने आगे कहा- डिनर पर तुम एक माल लग रही थी, तभी मैंने तुमको चोदने का प्लान बना लिया था. अब तुम्हारी गांड और चूचे पहले से और बड़े हो जाएंगे.
मैं बस मस्त पड़ी थी.
बॉस ने कहा- अब तुमको मेरे लंड को फिर से खड़ा करना है. लंड को अपने मुँह में ले लो.
उसने अपना लंड कपड़े से साफ़ करके मेरे मुँह में दे दिया और मेरी चूत को अपने मुँह में ले लिया. उसका लंड बहुत मोटा था. मेरे चूसने से वो बहुत सख्त हो गया.
तभी उसने मुझे उठाकर अपने ऊपर लिटा लिया. अपना लंड फिर से मेरी चूत में डाल दिया और फिर से मेरी चुदाई शुरू हो गयी. अब मुझे दर्द भी कम हो रहा था और चुदाई का मज़ा भी बहुत आ रहा था.
बॉस ने मेरे होंठों को अपने होंठों से बंद कर दिया और एक ज़ोरदार चुदाई शुरू कर दी. पचक पचक की आवाजें पूरे कमरे में गूँज रही थीं. मेरी चूत अब काफी खुल गयी थी.
बॉस मुझे बहुत तेज़ पेल रहा था. इसी बीच उसका लंड मेरी चूत से बाहर निकल गया, तभी मैंने अपने हाथों से लंड को अपनी चूत में डाल लिया.
उसी वक्त मुझे मनु की बात याद आ गयी, जब उसने कहा था कि तुम्हारे जैसी खुद लंड को अपनी चूत में डालती हैं. मैं मन ही मन मुस्कुरा दी.
कुछ देर बाद बॉस खड़ा हो गया और मुझे अपनी गोद में उठा उठा कर चोदने लगा. उस रात मेरे बॉस ने मुझे बहुत सारे आसनों में चोदा. वो मुझसे खिलौने की तरह खेल रहा था. कभी मुझे उल्टा करके चोदता, कभी मेरी टांगें उठाकर ज़ोर ज़ोर से चुदाई करने लगता.
बॉस ने मेरे मम्मों को इतना ज्यादा मसला, मेरे निप्पलों को इतना काटा और अपनी उंगलियों से दबाया कि मैं उनका दर्द ही भूल गयी थी. क्योंकि मैं अपनी चुदाई में मदहोश हो चुकी थी. मेरी चूत सुन्न पड़ गयी थी. मुझे तो यह भी नहीं पता था कि मैं अब तक कितनी बार झड़ चुकी थी.
चुदाई के बीच बॉस ने मुझे कई बार पैग पिलाए, जिससे मुझे होश आ जाता था. मेरे होश में आते ही मेरी चुदाई फिर से शुरू हो जाती थी. सारी रात वो मुझे चोदता रहा.
रात 3 बजे मेरी चुदाई बंद हुई. उसने अपने वीर्य से मेरी चूत को भर दिया था. बॉस ने कसकर मुझे अपनी छाती से लगा लिया. मुझे कोई होश नहीं था, बस इतना पता था कि आज मेरी चूत का भोसड़ा बन गया है. अब यह पहले जैसी कभी नहीं होगी.
हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए. अगले दिन सुबह 10 बजे जब मेरी आंख खुली, तो मैंने देखा कि बॉस पहले ही उठ गया था. मैंने अपने आपको देखा, तो ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा पूरा रस निचोड़ लिया गया हो. मेरे मम्मों में दर्द हो रहा था … वो एकदम लाल थे. मेरी चूत सूज गयी थी. जब मैं चलने लगी तो मुझे पूरे शरीर में दर्द हुआ.
मैंने अपने आपको शीशे में देखा. मेरा शरीर पूरा लाल हो चुका था. बॉस ने मुझे सारी रात चोद कर मेरा बुरा हाल कर दिया था.
तभी मेरा बॉस कमरे में आया. उसने मुझे उठाया और बाथरूम में ले गया. मुझे पेशाब करते हुए भी दर्द हो रहा था.उसने मेरी चूत पर एक क्रीम भी लगाई. उस दिन मेरा पेट भी ख़राब हो गया था. मुझे प्रेग्नेंसी रोकने के लिए गोलियां खानी पड़ीं.
बॉस मुझे मेरे कमरे में छोड़ कर आया. जब मनु आयी और उसने मुझे देखा तो वो बोली- अरे, तुम्हारे बॉस ने तो तुम्हारा पूरा रस ही पी लिया. मैं शर्मा कर उस को गले लग गई.
उसके बाद तो मैं बहुत बदल गयी. अब मेरे चूचे और भी बड़े हो गए हैं और मेरे चूतड़ बाहर को निकल आए थे.बॉस अब मुझे हर शनिवार को कहीं ले जाने लगा था और मेरी खूब चुदाई करता था.