28-11-2019, 12:57 PM
Mast kahani hai bhai
बहन फ़िदा हुई बुड्ढे नौकर पर
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28-11-2019, 02:25 PM
nice.......
28-11-2019, 03:11 PM
U made me horny.
28-11-2019, 11:30 PM
उस रात मैं जल्दी सो गया.......
आधी रात को मेरी नींद खुल गई मैने टाइम देखा रात के 1:30 बज रहे थे.. मैंने पानी पिया फिर मैं बिस्तर पर लेट गया अभी मुझे नींद नहीं आ रही थीं फिर मुझे आज के दिन भर की घटना याद आने लगी. मैं सोच रहा था की अंकल को कच्छी देकर कोई गलती तो नहीं कर दी ..अंकल रश्मि की कच्छी ले गए हैं वो उसे सूंघकर कहाँ वीर्य खाली करेंगे.. कहीं फोटो की तरह कच्छी का भी नाश तो नहीं कर देंगे.. क्या कल वो कच्छी को वापस लाएंगे इस तरह के बहुत सारे सवाल मेरे मन मै घूम रहे थे... मै सोच रहा था कहीं अंकल मुझे ब्लैकमेल करके मुझ से और क्या क्या करवाएंगे.. कहीं अंकल रश्मि को चोदने के मूड मैं तो नहीं है. अगर अंकल उसे चोदेंगे तो क्या वो राजी हो जाएगी. रश्मि की चुदाई की सोच कर मेरा लण्ड खड़ा होने लगा मैंने सोचा बाथरूम मैं जाकर हिला लेता हूँ मैं जाने के लिए उठा ही था की रश्मि के ऊपर से कंबल उतर गया रश्मि एक ढीला ढाला टॉप पहनी हुई थी और उसके नीचे वही काली शलवार थी टॉप उसकी नाभि तक उठा हुआ था उसका पेट और कमर की साइड बड़ी सेक्सी लग रही थी मेरी आँखे उसकी नाभि पर जम गई.. मन कर रहा था अभी उसमे जीभ डाल कर चाटने लगूँ फिर मैंने मम्मी और काजल को देखा वो भी बिलकुल बेसुध होकर सो रही थी फिर मेरा मन करने लगा क्यों ना बेड पर ही मुठ मार लूं.. मैं बेड पर लेट गया और रश्मि के और अपने ऊपर कंबल डाल लिया. अभी मैं उसके होठ देख कर हिलाने लगा मन कर रहा था की उसके मुँह मैं ही लण्ड डाल दूँ पर डर भी बहुत था.... मैंने धीरे धीरे हिलाते रहा..मुझे जोश बढ़ते जा रहा था मैंने एक बार बिलकुल निडर बनकर उसकी ऊँगली से अपना लण्ड छुआ दिया. उसकी ऊँगली से टच होते ही लण्ड जोर जोर से फूंकार मारने लगा फिर जोश और ज्यादा बढ़ गया तो मैंने लण्ड उसकी हथेली मैं रख दिया.. अभी लण्ड बार बार ऊपर झटके मारता और फिर वापस उसकी हथेली पर गिरता उसके हाथो मैं कोई भी हरकत नहीं हो रही थी फिर मैंने अपना लेफ्ट हाथ धीरे से उसकी लेफ्ट चूची पर हल्के से रख दिया उसमे कोई हरकत नहीं हो रही थी बस सांस लेने से चूचियाँ ऊपर निचे हो रही थी लण्ड तो मैंने उसकी हथेली पर खुला छोड़ रखा था.. और वो भी बार बार झटके देकर अपना काम कर रहा था... कई बार उसकी उंगलियों मै हलचल सी हुई मैं डर गया अभी मै उसके निप्पल को महसूस करना चाहता था मैंने अंदाज से उसकी निप्पल वाली जगह पर उंगलियां घुमानी शुरू कर दी.. उसने अंदर कुछ नहीं पहना था और टॉप भी बहुत हल्का था तो थोड़ी ही देर मै उसके निप्पल महसूस होने लगे उसकी चूचियाँ भी ज्यादा बड़ी नहीं थी और निप्पल भी छोटे छोटे ही उभरे थे .. अभी तक रश्मि गहरी नींद मै थी इससे मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी अभी मेने उसकी दूसरी चूची के निप्पल पर ऊँगली घुमाने लगा. मेरे लण्ड से लार टपकने लगी थी फिर मैंने अपनी एक ऊँगली पर लार उठायी और उसके दोनों होठों के बीच मै टपका दी लार गिरते ही वो हड़बडा कर उठ गयी मेने तुरंत अपना हाथ हटा लिया और अपनी आंखे बंद कर ली पर मेरा लण्ड अभी भी उसकी हथेली पर ही था.. फिर उसने उसने अपनी मुठ्ठी बंद करी मेरा डर के मारे बुरा हाल हो रहा था मै थोड़ी सी आंखे खोल कर देख रहा था उसने एक बार मेरी तरफ देखा फिर मुझे सोया समझ कर दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गयी.. मैंने भी फटाफट आराम से अपना लण्ड अपने अंडरवीयर मैं डाल कर सो लेट गया.. अब मेरी नींद उड़ चुकी थी मुझे डर लग रहा था ज़ब सुबह रश्मि मम्मी को मेरी बात बताएगी तब मुझे कितनी मार पड़ेगी.. सुबह के 4 बज चुके थे मुझे डर भी बहुत लग रहा था और टेंशन भी बहुत हो रही थी.. फिर मुझे याद आया की उसने अपने होठों से लार तो पोंछी ही नहीं थी. कहीं वो भी जाग कर एन्जॉय तो नहीं कर रही थी... यहीं सब सोचते सोचते मुझे नींद आ गई.. और मै सो गया... ..... .... ...
29-11-2019, 12:20 AM
haha bahut khoob super hot
29-11-2019, 08:32 AM
अगली सुबह मे बहुत लेट उठा सब लोग जा चुके थे. मैंने उठकर चाय गरम् करी फिर चाय पीकर दुकान मै चला गया दुकान मै अंकल और पापा बैठे हुए थे और किसी आर्डर के बारे मै बात कर रहे थे पापा कह रहे थे अजय 10 दिनों के लिए गांव जा रहा है ये आर्डर जल्दी से जल्दी तुमको ही पूरा करना है 2या 3दिनों का काम है अपनी घरवाली को बोल देना तुम घर नहीं आ पाओगे.. यहीं अपना स्टोर साफ कर लेना एक चारपाई डाल लेना खाना पीना हमारे घर से ही हो जायेगा..
अंकल बोले मेरी घरवाली तो मायके गई हुई है 10, 5 दिनों मैं उसकी डिलीवरी है .. मे रूम पर अकेले ही रहता हूँ.. वहाँ सोता हूं सो यहीं सो जाऊँगा फिर पापा बोले तुम साफ सफाई कर लो मै चलता हूँ ऐसा कहकर पापा चले गए.. फिर मै दुकान मैं जाकर बैठ गया थोड़ी देर बाद अंकल बोले बेटा कैसी तबियत है मेने कहा अभी बुखार है अंकल बोले किसी 2थन वाली का दूध पियो सब बुखार उतर जायेगा.. ऐसा कहकर वो हँस पड़े उनका इशारा किधर था मैं भी समझ चूका था फिर अंकल बोले बेटा जरा अपनी एल्बम तो दिखा दे.. मैने कहा अंकल देखनी ही है तो दिखा दूंगा पर उसमे से कोई भी फोटो नहीं निकालना अंकल बोले तू एल्बम लेकर आ मै अपने रूम से अपना बैग उठा कर लाता हूँ मैं एल्बम उठा कर ले आया अंकल अपने रूम पर चले गए और एक घंटे बाद वापस आए अंकल एक बड़ा सा बैग लेकर आये थे जिसे लाकर उन्होंने स्टोर मै रख दिया फिर उन्होंने मुझे चाय लाने भेज दिया... ज़ब मैं चाय लेकर वापस आया तब तक अंकल ने कुछ फोटो निकाल लिए थे.. मैंने उनसे पूँछा अंकल आज फोटो तो नहीं निकाले.. उन्होंने मना कर दिया
29-11-2019, 01:55 PM
Bahut badiya mast kahani hai
29-11-2019, 02:14 PM
great going.........
29-11-2019, 03:31 PM
दोपहर को 12 बजे रश्मि आ गई... वो थोड़ी बुझी बुझी लग रही थी
रात की बात याद करके मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मै उससे कुछ पूछ सकूँ. थोड़ी देर अंकल ने काम करा फिर बोले बेटा कुछ खाने को बना है क्या. बहुत जोर से भूख लगी है.. मैं अंदर खाना लेने चला गया.. रश्मि लेटी हुई थी.. मेने खाना देखा तो खाना खत्म हो चुका था. मै रश्मि से बोलना तो नहीं चाह रहा था पर खाना बनाने के लिए मुझे बोलना ही पड़ा रश्मि बोली भाई कितना खाना खाता है तू.. मैंने बोला आज से अंकल भी कुछ दिन हमारे यहीं खाना खाएंगे रश्मि बोली ठीक है भाई मैं अभी खाना बनाकर लाती हूँ.. मैं जल्दी से बाहर निकल आया.. थोड़ी देर बाद रश्मि खाना लेकर आ गई उसने झुककर खाना अंकल को दिया.. झुकने से उसके सूट मे से उसकी चूचियाँ अंकल को दिखने लगी. अंकल उन्हें बड़े गौर से देखते रहे फिर अंकल ने खाना पकड़ा और रश्मि से बोले बेटा बड़ी जल्दी खाना बना लिया... और खुशबू भी गजब कि आ रही है.. फिर रश्मि जाने लगी तब अंकल बोले बेटा आज कुछ उदास लग रही हो क्या कोई परेशानी है.. रश्मि बोली नहीं अंकल कोई खास नहीं बस थोड़ा सा पेट मे दर्द है.. अंकल बोले कोई बात नहीं बेटा सब ठीक हो जायेगा.. फिर रश्मि चलने को हुई तो अंकल बोले बेटा बैठो कुछ देर हमारे साथ आज अजय नहीं है तो मेरा मन नहीं लग रहा है.. रश्मि वही बैठ गई... अंकल ने थोड़ा सा खाना खाया फिर रश्मि कि तारीफ करते हुए बोले काश इतना स्वादिस्ट खाना मेरी बीवी बनाती तो मै उसके हाथ चूम लेता रश्मि ने अंकल कि तरफ देखा फिर शर्मा कर नजर झुका ली थोड़ा खाना खाकर अंकल फिर बोले अगर ये खाना मुझे मेरी शादी से पहले खिलाया होता तो मै तुमसे ही शादी कर लेता..... ..... .... ... रश्मि शर्माती हुई सिर्फ सुन रही थी ज़ब खाना खत्म हो गया तब अंकल बोले बेटा अब तुम्हारा दर्द कैसा है रश्मि शर्मा कर बोली सही हूँ अंकल.. फिर अंकल बोले बेटा क्या डॉक्टर के पास ले चलूँ.. रश्मि फिर हंसकर बोली नहीं अंकल ऐसी कोई बात नहीं है अंकल जी मे अपने आप ठीक हो जाऊंगी.. फिर अंकल बोले बेटा बिना दवा के जल्दी ठीक नहीं हो पाओगी.. चलो मेरे साथ....... मेरी पहचान का एक बढ़िया डॉक्टर है कोई खास पैसे भी नहीं लेता और आराम तुरंत मिल जाता है.. रश्मि फिर नजरें घुमा कर बोली नहीं अंकल बस 2,,,, 3 दिन कि ही बात है मे ठीक हो जाऊंगी.... तभी दुकान पर कोई आ गया और अंकल उनसे बातें करने लगे... रश्मि घर मे जाने लगी
29-11-2019, 05:06 PM
superb story dear
30-11-2019, 07:19 AM
Mast story, can you add imges with it,if possible then do
30-11-2019, 02:19 PM
mast story......
30-11-2019, 05:42 PM
30-11-2019, 06:50 PM
(This post was last modified: 30-11-2019, 06:51 PM by angad. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
रश्मि के जाने के कुछ देर बाद अंकल ने मुझसे कैंची और फेविकोल मांगी....
मेने पूँछा उससे क्या होगा अंकल... अंकल बोले बस कुछ जरूरी चीज बनानी है... मैंने अंकल को दोनों चीज लाकर दी.. अंकल दोनों चीज लेकर स्टोर मे चले गए.. साथ मे मुझसे कह कर गए की कोई भी स्टोर मे ना आये... मुझे कुछ अजीब लग रहा था.... मेने मन मे कहा कैंची से क्या काटा है मैं पता लगा कर रहूंगा..... एक घंटे बाद अंकल एक कूड़े की पन्नी लेकर निकले और पन्नी कूड़ेदान मे डाल दी फिर दुकान मे बैठ कर काम करने लगे... मे थोड़ी देर अंकल के साथ काम मे मदद करता रहा फिर उनसे छिप कर कूड़ेदान मे से उस पन्नी को उठाकर छत पर ले गया.. छत पर कोई भी नहीं था... मैंने पन्नी खोली तो उसमे फोटोग्राफ की कटिंग थीं मैंने गौर से देखा तो सब फोटो रश्मि के ही थे पर उनमे से चेहरा गोल काट कर अलग निकाला गया था. किसी भी फोटो मे चेहरा नहीं था.. फिर मैं छत पर दूसरी तरफ देखने लग गया बराबर वाला प्लॉट खाली पड़ा था बस उसकी बाउंड्री करी गयी थी हमारे घर की दीवार मे एक खिड़की बनी हुई थी ... उस खिड़की से हम हल्का कूड़ा उसी प्लॉट मे डाल देते थे...... आने जाने वाले लोगभी उसी प्लॉट में पेशाब कर लिया करते थे गली की तरफ से उस प्लॉट की एंट्री मै घने घास फूस थे जो की काफ़ी बड़े बड़े थे कई बार कूड़ा बीनने वाले उस प्लॉट मै संडास करने भी बैठ जाते थे. क्यों की बाहर से अंदर का कुछ भी दिखाई नहीं देता था.. मै काफ़ी देर तक सोचता रहा की उन्होंने ये फोटो क्यों खराब करे हैं.. मै यही सोच रहा था कि तभी मुझे वहाँ अंकल आते दिखाई दिए .. मैंने सोचा अभी घर की टॉयलेट मे कोई भी नहीं है तो फिर ये इस प्लॉट मे क्यों आये.. में तुरंत छुप गया.. उन्होंने मुझे नहीं देख पाया मे छिप कर उन्हें देखने लग गया.. वो बैठ कर पेशाब करने लगे ... कूड़े की पन्नी पर पेशाब करने से काफी आवाज आ रही थी.... फिर पेशाब करने के बाद उन्होंने जेब से पहले जैसी गंदी किताब निकाली और उस किताब को चूमने लगे.. और फिर अपना लण्ड निकाल कर हिलाने लगे... वो बार बार उस किताब को चूमते और तेज तेज लण्ड हिलाते.... मे सोच रहा था बुड्ढे ने मुझे किताब देने से मना कर दिया और खुद उसे देखकर हिला रहा है... मुझे उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था... मै नीचे उतर आया फिर मै कमरे मै जाने लगा... आज मुझे घर मै बड़ी शांति लग रही थी मै अपने रूम मै जैसे ही घुसने लगा मुझे खिड़की पर रश्मि दिखाई दी वो खिड़की से बाहर बड़ी गौर से देख रही थी उसे मेरे आने का पता ही नहीं चला. बाहर का मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. मे सोच रहा था ये इतनी गौर से बाहर क्या देख रही है... तभी मेरा माथा ठनका बाहर तो अभी अंकल हिला रहे थे... कहीं रश्मि उन्हें ही तो नहीं देख रही..... मै दबे पाँव वापस बाहर निकल गया .. और छत पर चला गया.. फिर छिप कर नीचे देखने लगा... नीचे अंकल अभी भी लण्ड हिला रहे थे पर अब अंकल खडे थे वो राईट साइड की दीवार के साथ खडे थे और उनके लेफ्ट मै हमारी खिड़की थी उस प्लॉट की चौडाई 12 फिट थी... अब भी ऊपर से मुझे तो लण्ड नहीं दिख रहा था पर रश्मि को 100%दिखाई दे रहा होगा
30-11-2019, 07:23 PM
hahah bahut badiya
30-11-2019, 10:02 PM
Good one but if you add images so it will me much fun thanks
30-11-2019, 10:21 PM
बहुत देर तक हिलाने के बाद अंकल कांपने लगे और जोर जोर से उस किताब को चूमने लगे.और . ओ रश्मि .. ओ रश्मि कहने लगे... फिर उनके वीर्य की पिचकारियां गिरने लगीं
जो काफ़ी दूर तक जा रहीं थी... उन्होंने 10..... 12 पिचकारी मारी फिर ठंडे हो गए.. फिर उन्होंने अपना पजामा ऊपर करा और कुर्ते की जेब मैं वो किताब फोल्ड करके रख ली.... अब वो प्लॉट से बाहर निकलने लगे.... मै छत पर ही रहा और छिप कर देखता रहा... अंकल आये और सीधे स्टोर रूम मैं घुस गए. फिर 1 मिनट बाद वापस दुकान मै चले गए... थोड़ी देर बाद मै उतरने ही वाला था कि तभी मुझे रश्मि कमरे से निकलती दिखाई दी मैं फिर रुक गया.. रश्मि ने दुकान मै झाँका फिर वापस घर मै आने लगी फिर सीधा स्टोर मै घुस गई... वो अंदर 2 ही मिनट रुकी थी फिर स्टोर से निकल कर घर मै जाने लगी उसने कुछ चीज अपने सूट के अंदर अपनी छाती से छुपाई थी... वो अंदर कमरे में घुस गई.. ज़ब काफ़ी देर बाद वो बाहर नहीं निकली तब मै उतर आया और दुकान मैं चला गया..... दुकान मैं अंकल कुर्सी पर आराम से बैठे थे और बड़े ही खुश लगा रहे थे.. मेने अंकल से पुछा अंकल खाली बैठे हो कुछ काम ही कर लेते... अंकल हसकर बोले बेटा अभी काम शुरू करा है जल्दी ही पूरा कर लूँगा... अब एकदम से तो सब कुछ नहीं कर सकता.. थोड़ा समय तो लगता ही है.... उनका जवाब मुझे अजीब लगा फिर मेने उनहें कुछ पैसे दिए और बाजार से कुछ कील और पेंच लाने को कहा.. अंकल पैसे लेकर चले गए.. उनके जाने के कुछ देर बाद ही मै उस किताब को ढूढ़ने स्टोर रूम मैं गया... स्टोर पूरी तरह साफ था थोड़ा बहुत ही सामान 2,, 3 कुर्सी और एक चारपाई थी.. सामने टेबल पर उनका बैग रखा हुआ था जिसकी चैन खुली हुई थी ... मेने उसे खोल कर देखा तो उसमे सिर्फ उनके एक जोड़ी कपड़े थे और एक कच्छा बनियान था... मैंने जल्दी जल्दी इधर उधर निगाह मारी पर मुझे वो किताब नहीं मिली.. मै मायूस होकर वापस दुकान में आकर बैठ गया... 10 मिनट बाद मुझे रश्मि के आने कि आहट हुई.. रश्मि आयी और स्टोर रूम मे चली गई फिर एक मिनट बाद वो दुकान में आकर बैठ गई... उसका चेहरा पूरा लाल हो रहा था... उसने मुझसे पूँछा अंकल कहां हैं.. मैंने बोला वो कुछ सामान लेने बाजार गए हैं.. थोड़ी देर मे आ जायेंगे... फिर मैंने रश्मि से खाना लाने को कहा.. रश्मि बोली भाई मेरा शरीर टूट रहा है.. तू अंदर जाकर ही खाना खा ले ज़ब तक यहाँ मे बैठ लूँगी फिर मे अंदर चला गया... मैंने खाना रखा और खाने लगा.... आज मुझे सब अजीब लग रहा था... रश्मि कभी दुकान मे नहीं बैठती थी... आज बिना बोले ही बैठ रही है... अंकल भी बड़े ख़ुश थे... मे समझ नहीं पा रहा था कि क्या मैटर है.. अचानक मुझे याद आया कि रश्मि पहले स्टोर से कुछ लेकर निकली थी और बाद मे भी स्टोर मे गई थी... बार बार मे यही सोच रहा था कि... बाद मे स्टोर में क्यों गई होंगी...? मैंने जल्दी जल्दी खाना खाया और फिर दुकान मैं झाँका अंकल अभी तक नहीं आये थे ... मे दबे पाँव वापस आया और स्टोर मे घुस गया इस बार मेरी नजर सीधा बैग पर गई... मैं ये देखकर चौंक गया कि थोड़ी देर पहले बैग खुला हुआ था मेने बन्द नहीं करा था... तो अभी ये बैग बंद कैसे हो गया... फिर मैंने जल्दी से बैग खोला... बैग मे सबसे ऊपर रश्मि की वही लाल कच्छी थी जो उस दिन मैने अंकल को दी थी... मेने कच्छी अलग करके देखा तो उस पूरी कच्छी मैं तो अंकल ने अपना वीर्य बहाया हुआ था कुछ वीर्य सूखा था और कुछ गीला ..... पूरी कच्छी कहीं कहीं से ही लाल लग रही थी नहीं तो पूरी सफ़ेद हो चुकी थी... फिर मैने बैग मैं झाँका तो वो किताब मिल गई मैने कच्छी वहीं रखी और किताब उठा ली.. फिर मैंने किताब खोल कर देखी पहले फोटो मे एकदम अंग्रेज एक लड़की की चूचियाँ दबा रहा होता है ... और उस अंग्रेजन के चेहरे के ऊपर रश्मि का फोटो चिपका हुआ था..... दुसरे फोटो मैं अंग्रेज रश्मि की चूत चाट रहा होता है तीसरे फोटो मै रश्मि की चूत पर अपना लण्ड रगड रहा था.. चौथे फोटो मैं उसने अपना लण्ड रश्मि की चूत मैं डाल रखा है पाँचवी फोटो मैं उसने रश्मि को कुतिया बना रखा है और पीछे से उसके जोड़े हुए है.... छटे फोटो मे वो लेटा हुआ है और रश्मि उसके लण्ड पर बैठी हुई थी.. सातवे फोटो मैं रश्मि उसके लण्ड से ऊपर उठी हुई थी और उसकी चूत मे से अंग्रेज का वीर्य बह रहा था..... मेरा करंट बन चुका था मैंने जल्दी से किताब और कच्छी वापस रख दी और दुकान मै जाकर बैठ गया....... अब मेने रश्मि की तरफ देखा तो वो बड़ी बेचैन लग रही थी.. उसने फिर मुझसे पूँछा अंकल कब आएंगे... मैंने फिर जवाब दिया बस आ ही रहे होंगे.... ............. ........ शेष कल
30-11-2019, 10:57 PM
super hot story
01-12-2019, 12:04 AM
Very good. Keep writing.
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