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बहन फ़िदा हुई बुड्ढे नौकर पर
#1
बहन फ़िदा हुई बूढ़े नौकर पर 
इस कहानी में मेरी बहन और हमारे नौकर के बीच हुए रोमांस और....
     े क्स की    है... कुछ चीजें जो की मेरी 


फंतासी है वो मैंने लिखी हैं
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#2
ये कहानी मेरी बीच की बहन की है उसका नाम रश्मि है उसकी उम्र 19 साल है, बड़ी बहन वंदना की शादी हो चुकी है. उससे छोटी रश्मि 11वी मे पढ़ती है
मैं 17 साल का हूँ और 10वी मैं पढता हूँ. सबसे छोटी का नाम काजल है.
मम्मी एक कॉलेज टीचर हैं. हमारे घर के बाहरी हिस्से मैं हमारी एक छोटी सी फर्नीचर की दुकान हैं. जिसमे दो आदमी काम करते हैं.एक का नाम अनवर हैं उसकी उम्र 40 के करीब है दुसरे का नाम अजय हैं उम्र 15 साल है वो अभी हेल्पर है. पापा बाहर से ऑर्डर पकड़ते हैं और उनकी डिलीवरी करवाकर पेमेंट वगैरह लेने जाते हैं ज्यादातर वो घर से बाहर ही रहते हैं..
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#3
बहुत ही शानदार.......स्टोरी थीम है...
फास्टली अपडेट दो.....
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#4
All the best for new threat.
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#5
भाई शादिशुदा बहन वन्दना * अनवर से
Chudegi तो ज्यादा मज़ा आएगा....
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#6
Badiya kahani hai
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#7
Good Start Keep It Up.
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#8
nice theme pls continue........
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#9
बात पिछले दिसम्बर की है मुझे बहुत तेज बुखार हुआ था. पापा कही बाहर गए हुए थे मम्मी ने मुझे दवाई दिलायी और अगले दिन मेरी छुट्टी करवा दी.. 
अगले दिन दोनों बहनें और मम्मी कॉलेज  को चली गयीं.. घर पर मे अकेला बोर हो रहा  था.. सुबह 10,,, 11 बजे थोड़ा बुखार हल्का हुआ तो मे  दुकान  मैं  जाकर बैठ गया.. दुकान पर सिर्फ अनवर अंकल थे अजय भी पापा के साथ गया था.. 
अंकल ने तबियत के बारे मै पूँछा. मैंने बोला ठीक है  अंकल पर अभी बुखार है.. 
अंकल काफ़ी देर तक इधर उधर का बे फिजूल का ज्ञान बांटते रहे. ये नहीं खाना  वो नहीं खाना  ये नही करना वो नहीं करना.. 
मैं बुरी तरह पक रहा था.. 
कुछ देर बाद अंकल बोले  बेटा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है. 
मेरी कुछ समझ मै नहीं आया 
अंकल फिर बोले क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है. 
मैंने बोला नहीं अंकल मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है 
अंकल मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोले मुझे अपना दोस्त समझो और सही सही बताओ..... मै किसी से कह थोड़ा ही रहा हूँ. शायद किसी दिन मै तुम्हारे काम आ जाऊं 
मैंने फिर वही जवाब दिया 
अंकल बोले चलो नहीं है तो कोई बात नहीं पर होती तो तुम्हे बुखार भी अच्छा लगता. 
मै बोला वो कैसे अंकल..
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#10
बात पिछले दिसम्बर की है मुझे बहुत तेज बुखार हुआ था. पापा कही बाहर गए हुए थे मम्मी ने मुझे दवाई दिलायी और अगले दिन मेरी छुट्टी करवा दी.. 
अगले दिन दोनों बहनें और मम्मी कॉलेज  को चली गयीं.. घर पर मे अकेला बोर हो रहा  था.. सुबह 10,,, 11 बजे थोड़ा बुखार हल्का हुआ तो मे  दुकान  मैं  जाकर बैठ गया.. दुकान पर सिर्फ अनवर अंकल थे अजय भी पापा के साथ गया था.. 
अंकल ने तबियत के बारे मै पूँछा. मैंने बोला ठीक है  अंकल पर अभी बुखार है.. 
अंकल काफ़ी देर तक इधर उधर का बे फिजूल का ज्ञान बांटते रहे. ये नहीं खाना  वो नहीं खाना  ये नही करना वो नहीं करना.. 
मैं बुरी तरह पक रहा था.. 
कुछ देर बाद अंकल बोले  बेटा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है. 
मेरी कुछ समझ मै नहीं आया 
अंकल फिर बोले क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है. 
मैंने बोला नहीं अंकल मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है 
अंकल मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोले मुझे अपना दोस्त समझो और सही सही बताओ..... मै किसी से कह थोड़ा ही रहा हूँ. शायद किसी दिन मै तुम्हारे काम आ जाऊं 
मैंने फिर वही जवाब दिया 
अंकल बोले चलो नहीं है तो कोई बात नहीं पर होती तो तुम्हे बुखार भी अच्छा लगता. 
मै बोला वो कैसे अंकल..
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#11
अंकल बोले अगर तुहारी अनारकली होती तो तुम अभी दुकान मै नहीं होते अनारकली के साथ कबड्डी खेल रहे होते. 
मुझे हसीं आ गई  फिर मै बोला अंकल मुझसे खड़ा तो हुआ नहीं जा रहा और आप कबड्डी खेलने की बात कर  रहे  हो. 
फिर अंकल हसकर बोले  बच्चे ये कबड्डी खड़े होकर नहीं खड़ा कर के खेली जाती है... 
अब तक मेरी समझ मै कुछ नहीं आया. 
तब अंकल ने दुकान मै रखे अपने थैले मैंने से एक किताब निकाली और मुझे दे दिन.. 
मैंने जैसे ही किताब खोली पहले पेज पर ही एक आदमी और एक औरत बिलकुल नंगे एक दुसरे से जुड़े हुए थे. मेरी आंखे उसी तस्वीर मैंने जाम हो गई. फिर अंकल ने दूसरा पन्ना खोला दुसरे मैंने औरत कुतिया बनी थी और आदमी उसके ऊपर कुत्ता बनकर लेटा था.. 
मेरे भीतर करंट दौड़ने लगा मेरा लण्ड खड़ा हो गया था... 
तभी दुकान पर कोई आ गया
अंकल ने वो किताब वापस ले... ज़ब वो आदमी चला गया तब अंकल बोले देखा बच्चे अगर तेरी अनारकली होती तो तुम भी ऐसे ही मजा ले रहा होता. फिर मै बोला अब नहीं  है तो नहीं है  अब कहाँ से लेना आऊं.. 
अंकल बोले अपने पड़ोस मैं ट्राई करो कॉलेज मै देखो और पटा लो.. 
मैंने बोला अगर मम्मी को पता चल गया तो बहुत पिटाई लगेगी.. 
फिर अंकल बोले तो घर मे ही ट्राई कर ले... 
मैं बोला घर  मै कैसे..... 
अंकल बोले रश्मि को देख ले या फिर काजल को............ 
.......
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#12
मैंने अंकल से बोला  अंकल  वो दोनों मेरी बहनें हैँ मै  कैसे ये सब कर सकता  हूँ. 
अंकल ने फिर कुछ फोटो दिखाए और बोले इसमें देख इस औरत की दोनों चूचियाँ हैँ और उन  दोनों की  भी दो  दो ही हैँ 
इस औरत की भी एक चूत है  उन दोनों के पास भी  एक  एक ही चूत है. फिर क्या दिक्कत है.. 
मैंने फिर बोला अंकल वो मेरी बहनें हैँ मैं कैसे उनके साथ ये सब कर सकता हूँ. 
फिर अंकल बोले लण्ड और चूत का कोई रिश्ता नहीं होता.. चूत तो चुदने के लिए ही है  चाहे वो तेरा लण्ड हो या मेरा.. 
अगर तू नहीं करेगा तो वो किसी और से करवाएंगी.. 
ले तू ये किताब ले जा और इसे देख कर मुठ मार.. 
मेरी समझ मैं नहीं आयी की कैसे मुठ मारी जाती है.. फिर उन्होंने बताया की ऐसे लोडा पकड़ कर हाथ आगे पीछे चलाते हैँ.. 
मैं किताब लेकर घर मै  घुस गया और फोटो देखकर लंड हिलानेलगा
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#13
आज जिंदगी मैं पहली बार मुठ मार रहा था  फोटो देखकर.. 
तभी मेरे ख्यालों मे मेरी बहन रश्मि आयी अब फोटो वाली लड़की की जगह मुझे रश्मि चुदती दिख रही थी मैं उस फोटो वाली लड़की के होटों पर लण्ड रख कर जोर जोर से हिलाने लगा  थोड़ी देर  बाद  फोटो  पर ही   मैं  डिस्चार्ज हो  गया मुझे बहुत मजा आया.. 
इसके बाद  अंकल ने मुझे बुलाया और मुझसे फोटो वापस मांगे. मैं ने वो किताब  देखी तो वो  बिलकुल  ख़राब  हो गई  थी. मुझे बहुत    शर्म सी आ रही  थी फिर   अंकल  बोले  ये फोटो तो  तूने  ख़राब कर दिए  अब मैं क्या   देखकर हिलाऊँगा....
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#14
nice updates
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#15
mast chal rahe ho dost.......

sab saale tharki hain.......hahahha.......
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#16
Nb
M
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#17
मैने बोला  अंकल जहाँ से पहले ये किताब लाये थे वही से फिर ले आओ. फिर अंकल बोले ये किताब  मै अपने  गांव से  लेकर  आया था  अब 20  रूपये  की किताब के  लिए 100   रूपये खर्च करूँ और दो दिन  बर्बाद करूँ.... 
अभी एक महीना भी नहीं हुआ है गांव से आये हुए... 
मैने बोला अंकल यहीं मार्किट मे देख लो किसी दुकान पर शायद मिल जाये... 
अंकल बोले मैने बहुत ढूंडी है यहाँ कहीं नहीं मिलती तभी तो अपने गांव से लाया था.. 
मैंने बोला अंकल किराया मै दे दूंगा  आप गांव  जाकर ले आओ.. 
अंकल बोले मै ले तो आऊंगा पर जरुरत तो अभी है.... 
मैं शांत रहा..... 
फिर अंकल बोले तू अपने घर मै से फोटो एल्बम उठा ला... 
मैंने पूँछा अंकल एल्बम से क्या करोगे.. 
वो बोले ज्यादा मत सोच बच्चे  बस ले आ... 
मै घर मै गया और एल्बम निकाल लाया.. 
एल्बम देखकर उनकी आँखों मै चमक आ गई.... फिर  वो एल्बम लेकर दुकान मै दूसरी तरफ चले गए.. फिर वो एल्बम मे फोटो पलटने लगे. 
लास्ट मै उन्होंने एक फोटो निकाल कर साइड मै रख ली और मुझसे एल्बम एल्बम वापस रखने को कहा.. 
मै एल्बम लेकर चला गया ज़ब वापस आया तब अंकल बोले अब दुकान तू देखना मै थोड़ी देर मे बाथरूम से आता हूँ.... 
फिर अंकल बाथरूम मै  चले गए... 
बहुत देर बाद वो वापस आये. उनके माथे पर ठंड मै भी पसीना आ रहा था.. मैंने उनसे फोटो के बारे मै पूँछा तो वो बोले वो फोटो तो खराब हो गई... 
मैंने बोला अंकल वो फोटो तो वापस रखनी थी.. 
अंकल बोले मेरी किताब तूने खराब कर दी मैंने तो तुझसे कुछ नहीं कहा. तू एक फोटो के लिए रो रहा है... 
फिर मै वहां से कमरे मै चला गया.. थोड़ी देर बाद मुझे फिर से किताब देखने का मन हुआ.... पर किताब तो फ़ेंकी  जा चुकी थी.. मै किताब को ढूंढ़ने की सोचने   लगा तभी  मुझे एल्बम के फोटो  का  ख्याल   आया 
मै फटाफट बाथरूम मै गया पर मुझे फोटो नहीं मिली मैने इधर उधर काफ़ी तलाश करी पर फोटो नहीं मिली.. फिर मै बाथरूम की छत पर चढ़ गया वहाँ मुझे वो फोटो मिल गई मैंने वो फोटो उठाई तो फोटो बहुत गंदी हो चुकी थी फोटो मै मेरी तीनो बहने थी... ये पिछले महीने की फोटो थी ज़ब वंदना दी पिछले महीने घर पर आयी थीं.. 
फोटो मैं वंदना दी की मांग मै तो पहले ही सिंदूर था जबकि रश्मि और काजल की मांग मै लाल पेन से माँग भरी गई थी.. 
तीनो की चूचियों की निप्पल भी पेन से बनाये गए थे और तीनो की चूत वाली जगह पर पेन से आर पार सुराख़ करा गया था.. 
तीनो के चेहरे पर और पूरे शरीर पर अंकल ने अपना वीर्य खाली करा था छेदो मै हो कर वीर्य दूसरी तरफ पार निकल गया था.. 
अब मुझे जोश चढ़ने लगा था मैं उस फोटो को उठा कर बाथरूम मैं घुस गया और फोटो को देखकर हिलाने लगा. वन्दना दीदी साडी मे थी उनका पेट साफ दिख रहा था मैंने कई बार उनके होंठों पर अपना लण्ड छुआया और आखिर मैं बुरी तरह कांप कर खाली होने लगा.. 
मैंने लण्ड को वंदना दीदी के मुँह पर इतनी तेज दबा दबा कर वीर्य खाली करा कि फोटो से कागज़ छूटने लगा.. 
जब मै शांत हो गया तब मैंने देखा कि वंदना दीदी तो फोटो मैं दिख ही नहीं रही जबकि रश्मि और काजल कुछ कुछ दिख रहे थे.. 
मैंने वो फोटो फिर बाथरूम कि छत पर ही डाल दी और फिर जाकर सो गया.... 
शाम को 4 बजे रश्मि आयी तब उसने मुझे जगाया और मेरे लिये चाय बनाई... 
चाय पीकर मैं घूमने चला गया.... 
शेष अगले भाग मै............. 
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#18
superb story in making
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#19
शाम को मैं 6बजे के करीब वापस आया तब तक अंकल गए नहीं थे. मै भी   जाकर दुकान मे बैठ गया अंकल बोले कहां घूमने गया था मैंने बोला यहीं पार्क मै गया था 
फिर वो बोले पार्क मैं ही गया था या कहीं आंखे सेकने.. 
मैंने बोला नहीं अंकल ऐसा कुछ नहीं है मैं तो बस घूमने ही गया था 
अंकल बोले बच्चे कहीं ऐसा ना हो तू बाहर आँखे सेकने जाए और कोई तेरे घर मैं सिकाई कर दे.. 
मैंने बोला नहीं अंकल ऐसा नहीं हो सकता 
अंकल बोले थोड़ा रश्मि की  चूचियाँ तो देख दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं लगता है कोई पूरे मन से मेहनत कर रहा है  इनपर.. ऐसा कहकर वो हँसपडे..  
फिर अंकल बोले भाई चाय नहीं मिलेगी मै बोला अभी बोलता हूँ 
मैंने रश्मि को चाय के लिये आवाज लगाई. रश्मि थोड़ी देर मे 2 कप चाय लेकर आयी
रश्मि ने एक टाइट सा काला सूट और काले रंग की लच्चेदार सलवार  पहन रखी थी ऊपर चुन्नी   नहीं थी.. 
 शूट  बड़े गले वाला था.. रश्मि ने पहले चाय अंकल को दी फिर मुझे.. 
अंकल बोले बेटा चाय तो काली सी लग रही है क्या दूध कम  था 
रश्मि बोली अंकल दूध तो था पर बिल्ली ने झूठा कर दिया.. 
ये तो एक कप चाय मेरे लिए बची थी उसी मै पानी पत्ती बढ़ा कर ले आयी हूँ.... 
अंकल रश्मि की चूचियों को देखते हुए बोले बेटा दूध ढक  कर रखा करो नहीं तो कोई भी झूठा कर सकता है.. रश्मि ने शर्मा कर सिर झुका लिया 
फिर रश्मि अंदर चली गई  
थोड़ी देर बाद अंकल बोले बच्चे एक फोटो और निकाल ला एल्बम से. 
मैने कहा क्या अंकल एक दिन मे 2 दो फोटो खराब करोगे 
इस तरह तो एक महीने मै ही पूरी एल्बम ही खत्म हो जाएगी.. 
अंकल बोले वो फोटो बड़ा मस्त था कंट्रोल नहीं हुआ इसलिए खराब हो गया.. एक और दे दे अब खराब नहीं  करूंगा.. 
मै फोटो लेने अंदर गया पर अंदर मौका नहीं मिला.. 
मै वापस आ गया और अंकल को बोला अंकल फोटो अभी नहीं मिल सकती.. 
अंकल बोले देख ले बच्चे बता  अब मै क्या करूँ 
मै चुप रहा... 
फिर अंकल बोले एक काम कर रश्मि की कोई कच्छी ही निकाल ला मैने बोला अंदर मम्मी रश्मि काजल सब हैं अभी  नहीं   ला  सकता . 
फिर वो बोले छत पर जो भी सूख रही हो वही उठा ला.... 
मैं ना चाहते हुए भी छत पर गया
छत पर सिर्फ रश्मि के कपड़े सूख रहे थे पर उनमे कच्छी नहीं थी 
मैने सलवार उठा कर देखा तो उसकी एक लाल कच्छी मिली गयी. मैंने जल्दी से उसे उतारा और पेंट की जेब मैं   रख लिया और  निचे    आने लगा तभी रश्मि    कपड़े उतारने   के लिए   छत पर आ गई.. 
रश्मि को देखते ही मै डर गया. रश्मि कपड़े उतारने लगी मैं जल्दी से नीचे उतरने लगा मुझे डर था  कहीं वो कच्छी ना मिलने पर मेरी   जेब   ना देखने  लगे.. 
जल्दबाजी मैं कच्छी भी जेब मैं अच्छी तरह नहीं घुस पायी थी मेरे बगल से देखने पर कच्छी आराम से दिख जाती.. 
मैं फटाफट नीचे आया और कच्छी निकाल कर अंकल को दी.. 
कच्छी देख कर अंकल खुश हो गए उन्होंने कच्छी को फैला कर अपनी नाक पर लगाया और बहुत जोर से सूंघने लगे. फिर बोले इस कच्छी की खुशबू ज़ब इतनी  मस्त है  तो   उसकी चूत की खुशबू तो बडी    नशीली
होगी.. वो खुशबू सूंघने मै मस्त हो रहे थे तभी रश्मि ने मुझे आवाज लगाई भाई दवा खा ले दवा का टाइम हो गया है... 
अंकल बोले पता नहीं मुझे दवा कब मिलेगी... 
उन्होंने कच्छी को जेब मै रख लिया और अपने रूम पर चले गए... 
मैंने दुकान बन्द कर दी और घर मै चला गया.. 
रात के आठ बज चुके थे मैंने खाना खाया और सोने चला गया 
हमारे घर मै 5 कमरे थे एक छोटा कमरा था जहाँ पापा अपने हिसाब किताब की   चीज रख़ते  थे और उसी कमरे   मै वो सोते थे एक   गेस्टरूम था जो की किसी  मेहमान के आने पर ही खुलता था एक कमरे   मैं हम सब की पढ़ाई लिखाई का   सामान रखा जाता था एक कमरा दुकान के जस्ट   पीछे लगा हुआ था जिसमे दुकान के पुराने टूल्स    एक्स्ट्रा कुर्सी जैसी चीजें   रखी    जाती थीं लास्ट   कमरा हमारे    सोने  के लिए  था इसमे   दो सिंगल   बेड    थे एक बेड पर मम्मी  और  काजल  सोती थीं दुसरे   पर मै और रश्मि सोते थे.. 
उस दिन मै जल्दी सो गया..
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#20
मेरे भाइयों और प्यारी बहनों 
कहानी कैसी लग  रही है 
रिप्लाई मै बताओ
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