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Romance मोहे रंग दे
नन्द भौजाई की अंतरंग बातें और कौन जान सकता है उन दोनों के अलावा।
आप ही बताइए कि क्या कहा था। वैसे बताई तो कोई गहरी और अंदर की बात ही होगी।
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Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
chaliye agali post men pata chal jaayega
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(03-11-2019, 07:14 AM)chodumahan Wrote: आपकी अन्य कहानियो में एक मेन हीरो और बाकी साइड में कुछ और पुरुष पात्र होते थे
लेकिन इसमें शादी के माहौल में सबको बराबर का मौका दिया
ये एक बड़ा बदलाव है.
Hats off to you

nice observation
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सलहज की बात 



[Image: teej-2.jpg]





मुझे इनकी सलहज की बात याद गयी , 

कितनी बार तो मुझे हड़काया था , 

पाहुन से पिछवाड़ा चटवाया था की नहीं , 


[Image: ass-licking-G-4def11368d3395b4c342513348...-04-22.jpg]


गांड चटवायी

 
और आज एक बार  नहीं दो बार , ... 


पहले तो खड़े खड़े , 

और उन्होंने ही खुद ही , मैंने रबड़ी वहां भी तो लथेड़ भी दी थी ,
 
और अभी उनके ऊपर चढ़ कर , बुर तो कितनी बार चटवायी थी , 



लेकिन आज सरक कर , ... और इस लड़के ने , 


[Image: facesitting-19051664.gif]
उसके बस का भी नहीं  था ना नुकुर करना , मैं इस तरह ऊपर चढ़ी थी , 


लेकिन मजे ले लेकर उन्होंने चाटा
 
 
मैं कौन पीछे रहने वाली थी , अगर वो अपनी रीतू सलहज के नन्दोई थे , 


तो मैं अभी अपनी रीतू भाभी की ननद थी , ...
 
बस मेरी जीभ , ..एक पल के लिए सोच बोलूं , ...मैं हिचकिचाई , .. पर , अभी जो उन्होंने किया था ,
 
हलके हलके , गोल छेद पर नहीं उसके आस पास , ... जीभ वहां पहुँच भी नहीं पा रही थी ,
 
 
मैंने फिर उन्ही की ट्रिक अपनायी , ... 


बिस्तर पर के जितने तकिये , कुशन थे सब उनके कमर के नीचे , 


एक दो उनके चूतड़ के भी , बस उसे उठा के , और अब जीभ वहां आराम से पहुँच रही थी , 


पर थोड़ी देर उस गोलकुंडा के दरवाजे के चारों ओर मेरी जीभ ने चक्कर काटे , जैसे नई जवान होती लौंडिया के घर के बाहर मोहल्ले के लौंडे चक्कर काटने लगते हैं ,
 
बस फिर हिम्मत कर के सीधे छेद पर , ...

[Image: gay-tumblr-nykhce-DCa-C1uoa85jo1-540.jpg]
 
जिस तरह से वो गिनगिनाये , खूंटा उनका फनफनाया , ... मैं समझ गयी मुझे उनकी एक जादू की बटन मिल गयी , ... फिर तो ,  जीभ सीधे छेद पर
 
लपड़ लपड़ , सपड़ सपड़
 
मेरे मन ने खुद से कहा ,
 
कोमल , प्यार में कुछ भी गन्दा , असहज , मना नहीं होता , जो मन को अच्छा लगे , वही अच्छा , और मेरे लिए तो सिर्फ एक कसौटी थी , 


मेरे आनंद को जो आनंद दे , ... 

बस मैंने कस के दोनों हाथ से उनके नितम्ब फैलाये और
 
 
जीभ की टिप  अंदर , ...

[Image: ass-licking-G-tumblr-mj4a08-Ppx31rszotwo1-400.gif]

 

गोल गोल , कभी अंदर बाहर
 
और मेरा  एक हाथ अभी भी खड़े तन्नाए , खूंटे को सहला देता तो कभी उनके बॉल्स को हलके से छू देता , पकड़ के हौले से दबा देता ,
 
जीभ मैंने बाहर निकाली , जैसे बच्चे थूक से बबल गम बनाते हैं , उसी तरह मुंह में खूब ढेर सारा थूक भर के ,
 
 और अबकी दोनों हाथों को लगा के दोनों हाथ के अंगूठे से कस के पकड़ के , 

पिछवाड़े वाले उनके छेद को पूरी तरह से चियारा ,


 
वो जोर जोर से सिसक रहे थे , छटपटा रहे थे , मचल रहे थे , ...



 पर वो कौन मुझे छोड़ते थे जो मैं उन्हें छोड़ दूँ
 
और पूरा थूक का गोला उनके पिछवाड़े वाले खुले , चियारे हुए छेद में , पूरा थूक उनकी गांड में , ...



[Image: ass-licking.jpg]

और एक बार नहीं , दो बार , तीन बार , ... और उसके बाद ,
 
फिर से मेरी जीभ , ... और अबकी सिर्फ टिप नहीं ,
 [Image: ass-licking-G-tumblr-msar48-Fn-W61rmckp8o2-500.jpg]
 
क्या कोई लड़की बौरायेगी , 


जिस तरह से वो चूतड़ पटक रहे थे , 

जैसे उनकी जीभ मेरी क्लिट से जब छू जाती थी , जब वो कस कस के मेरी क्लिट चूसते , और मैं मिनट भर में झड़ जाती , बस एकदम उसी तरह ,
 
और न वो छोड़ते थे , न मैंने छोड़ा , ... मेरी जीभ अंदर कस कस के , साथ में मेरे दोनों होंठ भी चिपक गए थे
 
ये सब ट्रिक मैंने उन्ही से सीखा था , 

मेरी गुलाबो के दोनों होंठों को अपने होंठो के बीच दबा के कस कस के चूसते हुए , वो अपनी जीभ मेरी बिल में पेल देते थे , 

और फिर , ... अंदर की दीवालों पर , उन्हें यहाँ तक की पता था की मेरा जी प्वाइंट कहाँ है , ...

उस लड़के ने पहली दो रात में मेरी देह के हर रहस्य खोल लिए थे



 
मैं चूस भी रही थी , चाट भी रही थी और अपनी जीभ से उनकी गांड , 


.. यस ,... उनकी गांड मार भी रही थी ,


[Image: ass-licking-kj-jkg-tumblr-n9s66ee6-GZ1szb6gco1-540.jpg]
 



थोड़ी देर उन्हें एकदम पागल करने के बाद मैं एक बार फिर उन्हें छोड़कर , ... रजाई में घुस गयी , ... और कहाँ उन से दुबक कर ,
 
हाँ लेकिन मेरी पीठ उन से चिपकी थी , ...





 मैं सोच रही थी देखती हूँ अब जनाब ये क्या करते हैं ,
 
लेकिन ये लड़का सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं तेज था ,
 
उन्होंने कुछ नहीं किया
 
सिरफ पीछे से मुझे दबोच लिया




[Image: Sleep-original.jpg]
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मैं साजन की , ...साजन मेरा 

[Image: couple-2.jpg]
लेकिन ये लड़का सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं तेज था ,

 
उन्होंने कुछ नहीं किया
 
सिरफ पीछे से मुझे दबोच लिया


हम दोनों करवट लेटे , मैं उनकी ओर पीठ किये , वो मुझे पीछे से पकडे , दबोचे ,... मेरे उभार को जकड़े पकडे ,
 
हम दोनों सर से पैर तक रजाई ओढ़े थे , पर रजाई के अंदर ही ,
 
कुछ देर तक तो मेरा जोबन ही कस कस के रगड़ते मसलते रहे , 


[Image: boobs-s-tumblr-nso25e9bpw1sajoh5o1-500.jpg]


अपने पैर के जोर से ही उन्होंने मेरी जाँघे पीछे से खोल दी , मैंने भी टांग अपनी उठा दी।
 
बस इतना काफी था , 


उनका खूंटा तो वैसे ही मेरी गुलाबो को लगातार धक्का मार रहा था , 

बस जो उन्होंने कस के मेरे उभार को पकड़ के धक्का मारा तो बस ,

[Image: sideways-fucking-8-21018995.gif]
 
दो तीन धक्कों में उनका मोटा सुपाड़ा मेरे अंदर था , फिर तो वो एक धक्का वो आगे की ओर मारते तो दूसरा धक्का , पीछे की ओर मैं मारती , ...
 
न उन्हें जल्दी थी , न मुझे , ...
 
कुछ ही देर में आधे से ज्यादा लंड मेरी चूत के अंदर ,
 
न मैं कुछ बोल रही थी , न वो , 

 बस जब मैं पीछे की ओर धक्का मारती तो मेरी हजार घुँघरू वाली चांदी की पायल , रुनझुन रुनझुन कर के खिलखिला पड़ती ,  

[Image: Kardhani-silver-kamarband-500x500.jpg]



तो कभी जो मेरी सास ने करधनी दी थी वो  गाने लगती। 
 
आधा से ज्यादा डाल के वो रुक गए , और मैं भी , क्योंकि फिर उनके होंठ , हाथ मैदान में आ गए। 


 पीछे से लेटे लेटे वो कभी कचकचा के मेरे गोरे गोरे गाल चूम लेते तो कभी कचकचा के काट लेते ,

 एक हाथ जो जोबन पे था , अब मेरे निपल को कभी फ्लिक करता तो कभी गोल गोल घुमाता , 

और दसरा हाथ मेरी सहेली को सहला रहा था ,

[Image: sideways-fucking-2221404944.gif]
 
मैं मस्ता रही थी , सिसक रही थी  , 



इसी का तो हफ्ते भर से मैं इन्तजार कर रही थी , 


और फिर आज ही मेरी वो पांच दिन वाली छुट्टी ख़तम हुयी थी , 


उस दिन तो ऐसी आग लगती है , कोई नयी ब्याही दुल्हन ही ये आग समझ सकती है ,



 
उनका हर एक टच , हर चुम्बन , और मेरी गुलाबो  घुसा उनका वो मोटा खूंटा , ... बस आग लग रही थी ,


[Image: fucking-CU-16379831.jpg]
 
धक्के रुके नहीं थे , बस धीमे हो गए थे , ...अब सिर्फ मैं धक्का लगा रही थी  , धीरे धीरे , 



अपनी कमर के जोर से , नितम्बो के जोर से , और वो मूसलचंद सूत सूत कर , सरक सरक कर , आगे बढ़ रहा था ,
 
था भी तो स्साला एक बीत्ते का , एकदम बांस , ... मोटा बांस ,...

[Image: Fucking-ruff-G-tumblr-m6e8pz-XIxh1rwqxxno1-500.gif]
 
मम्मी ने जाने कहाँ से चुन कर दामाद अपना , ...
 
और मम्मी क्यों , पसंद तो मैंने ही किया था , ... पहल भले इन्होने की थी , लेकिन घंटी तो मेरे दिल में भी उन्हें देखते ही जोर जोर से बजने लगी थी ,
 
कोमल यही है जिसका तू सत्रह साल से इन्तजार कर रही थी , 

कोमल छोड़ना मत इस लड़के को चाहे जो हो जाय ,... 
[Image: Teej-e407f59904afd00aa5e9bf607b4dd1c1.jpg]


उन्होंने मेरी जेठानी से बात करवाई थी , 

लेकिन मैंने भी तो रीतू भाभी से कह के , पीछे पड़ के , ...
 
 
भले ही उनके होंठ हाथ अपने काम में मस्त थे उन्होंने धक्के लगाने बंद कर दिए थे , 

पर मेरे धक्के का साथ देते अब वो सिर्फ पूरी ताकत से पुश कर रहे थे , 

दोनों हाथों ने उनके मुझे न सिर्फ जकड़ रखा था बल्कि उनकी ओर खींच रखा था , मेरी कोमल कोमल जाँघे पूरी तरह खुली ,
 
मेरे धक्के , उनका पुश , ... वो बहुत धीरे धीरे ही लेकिन अंदर घुस रहा था , और बस जब थोड़ा सा बचा तो , उन्होंने मेरी कमर कस के पकड़ ली ,
 
मैं समझ गयी क्या होने वाला है , मैंने आँखे बंद कर ली ,
 
उन्होंने आधे से भी ज्यादा बाहर खींचा फिर क्या धक्का मारा ,
 
रजाई के अंदर भी मुझे तारे दिख गए , मैं जोर से चीखी , और सुपाड़ा सीधे बच्चेदानी पर मैं गिनगीना गयी ,

[Image: fucking-ruff-tumblr-mnfo3vtqmd1srt9kdo3-400.gif]

 
लेकिन फिर कुछ देर देर तो वो चुपचाप ,
 
इतने चुपचाप भी नहीं , ... उनके नाख़ून मेरे जुबना पे अपने निशान बना रहे थे और दांत गालों पे , ...
 
और मैं कौन इतनी सीधी थी , मैं भी तो उनकी सलहज की ननद , मेरी गुलाबो अब कस कस के उनके पूरे घुसे मूसल को भींच रही थी , दबोच रही थी , सिकोड़ रही थी ,
 
जाड़े की रात में सैंया के संग रजैया में ,
 
जितने जोर से उनके हाथ मेरी चूँची दबोच रहे थे , 


उतनी ही जोर से मेरी चूत उनका लंड दबोच रही थी , धक्के का तो सवाल ही नहीं था , वो मेरी बच्चेदानी तक घुसा हुआ था ,
 
मेरी गुलाबो की शरारतों का असर , या उनका अपना मन , ... धीरे धीरे कर के उन्होंने काफी बाहर निकाल लिया और अबकी फिर हौले हौले धक्के ,
 
एक उनका  पीछे से , आगे की ओर
 
दूसरा मेरा आगे से , पीछे की ओर
 
 
जैसे मैं झूला झूल रही होंऊ , एक पेंग ये मार रहे  , एक ओर से और दूसरी ओर से मैं पेंग मार रही हूँ ,
 
माघ पूस की रात में सावन का मजा आ रहा था ,
 
देर तक , एक नया मजा , ...
 
 
हाँ , अगर मैं कहीं किनारे पहुँचने को होती तो वो बस धक्के रोक देते , और साथ में अपने दांत कभी मेरे गुलाबी गालों पर गड़ा देते , तो कभी सीने के ऊपरी हिस्से पे , और कुछ देर रुक कर धक्के चालू हो जाते , पीछे से उनके , आगे से मेरे ,
 
 
बहुत देर बाद जब मैं झड़ी तो उन्होंने झड़ने दिया , लेकिन साथ साथ उन्होंने क्या कस के धक्का मारा सीधे मेरी बच्चेदानी पे , और साथ में वो भी झड़ रहे थे , ढेर सारी मलाई सीधे मेरी बच्चेदानी के मुंह पे ,
 
( शादी के महीने पर पहले से ही जो मेरी वो पांच दिन वाली छुट्टी ख़तम हुयी तो मम्मी और रीतू भाभी दोनों ने मिल के मुझे गोली खिलानी शुरू कर दी थी , इसिलए और कोई डर नहीं था , हाँ ये मुझे मालूम था , जिस दिन मैं चाहूंगी , गोली बंद , तो बच्चा अंदर , ... लेकिन हम दोनों ये बात पहले ही तय कर ली थी , अगले ६ साल तक जब तक मैं २३ साल की नहीं होउंगी , ... नो केंहां केंहां ,...  उसके बाद चार साल का गैप , फिर एक और ,.. फिर स्टाप बोर्ड )
 
वो एक बार में झड़ के कहाँ रुकते थे , कटोरी भर मलाई कस के , और थोड़ा सा रुक के फिर दुबारा , ...

[Image: Fucking-G-cum-tumblr-oihzgmn-Ecs1uo5lbio2-250.gif]
 
हम दोनों वैसे ही लिपटे रहे , न उन्होंने बाहर निकाला , न मैं सरकी , ...बैसे ऐसे ही हम दोनों करवट लेटे। 
 
 वो मेरे अंदर जड़  तक धंसे मेरे जोबन को पकडे , पीछे से चिपके  आगे की ओर प्रेस करते , और मैं पीछे  की ओर प्रेस करती ,
 
हाँ कुछ देर में रिस रिस कर कुछ मलाई की बुँदे सरक सरक के , मेरी चिकनी जाँघों पर , ... मैंने परवाह नहीं की उसी तरह लेटी रही रजाई सर से पैर तक ओढ़े ,...
 
हाँ कान में चार बजने के घंटे की आवाज सुनाई जरूर पड़ी , .. पास में एक बैंक था वहां का चौकीदार हर घंटे पर घण्टा बजाता था और रात के सन्नाटे में साफ़ सुनाई देता था ,
 
मुझे याद आया  थोड़ी देर पहले जब वो झड़े थे और मैं उनके ऊपर चढ़ी रबड़ी मलाई खिला रही थी , दीवाल घडी पर मेरी नजर पड़ी थी
 
ढाई बजा था ,
 
फिर , पता नहीं हम सो गए या वैसे ही जगे रहे , लेकिन उनका मूसल उसी तरह मेरे अंदर जड़ तक धंसा रहा , ...
 
सुबह सुबह सारे मर्दों की आदत होती है , इनकी तो और ,...
शायद पांच बजा था इनका खूंटा एकदम तन्नाया पीछे से मेरे चूतड़ के बीच ठोकर मार रहा था ,
 
न इन्हे कुछ कहने की जरुरत पड़ी , न इशारा करने की , ... मैं खुद समझ गयी। 
 
बस वही इनकी फेवरिट पोज़ , 







कुतिया वाली ,
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kay homal sach me kutiya wali pose me to bahto maja aata ahi jab agal upadte aayega to pata chal jayega kutiya ki pose me kutiya ko us loadke ne kasei choda
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Hot ! Hot! Hot!.......
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(10-11-2019, 01:58 PM)anwar.shaikh Wrote: kay homal sach me kutiya wali pose me to bahto maja aata ahi jab agal upadte aayega to pata chal jayega kutiya ki pose me kutiya ko us loadke ne kasei choda

ekdam sahi kaha aapne
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(10-11-2019, 03:33 PM)UDaykr Wrote: Hot ! Hot! Hot!.......
Thanks so much
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सुबह सुबह


[Image: morning-dsc-0004-copy.jpg]






सुबह सुबह सारे मर्दों की आदत होती है , इनकी तो और ,... 

[Image: morning-wood-2-download.jpg]


शायद पांच बजा था इनका खूंटा एकदम तन्नाया पीछे से मेरे चूतड़ के बीच ठोकर मार रहा था ,
 
न इन्हे कुछ कहने की जरुरत पड़ी , न इशारा करने की , ... मैं खुद समझ गयी। 
 
बस वही इनकी फेवरिट पोज़ , कुतिया वाली ,
 
मैं बिस्तर पर निहुर गयी , 



दोनों हाथों के सहारे झुकी , मेरे नितम्ब हवा में उठे , ... जाँघे खूब फैली और खुलीं ,
 
पहले तो मुझे इस पोज में बहुत दर्द होता था , एकदम रगड़ रगड़ के घिसटते हुए जाता था , 


लेकिन इस समय एक फायदा था , पिछली बार जो ये मेरी बिल में झड़े थे ,  

मैंने एक एक बूँद अपनी चूत निचोड़ कर अंदर बचा ली थी , '


और रीतू भाभी की बाकी बातों की तरह ये बात भी एक काम की थी कि मर्द की मलाई से बढ़िया कोई चिकनाई नहीं होती , ... 


और मैं समझ रही थी की सुबह सुबह बिना कुतिया बनाये ये लड़का छोड़ने वाला नहीं है , बस बुर एकदम अंदर तक चिकनी थी ,
 
 
लेकिन  इनका वो भी तो , ...
 
ये केयरिंग बहुत थे , 




पहले हलके से मेरी दोनों फांको को फैलाया , 


फिर उसमें हलके से अपने सुपाड़े को सटा के , एक धक्का हलके से मारा ,

[Image: Fucking-doggy-CU-G-3401346.jpg]

 
वही धक्का किसी की जान लेने लिए के काफी था
 
पर मैं जोर से होंठों को दांत से काट कर सारा दर्द पी गयी।  दो चार धक्के में सुपाड़ा जब अंदर अड़स गया तो बस ,



[Image: fucking-doggy-17597749.gif]


 जो दोनों हाथ उन्होंने कस के मेरी पतली कमरिया पर दबोच रखा था , एक मेरे जोबन पर ,
 
डॉगी पोज के यही तो मजे थे , हचक हचक के चोदने  के साथ मेरे दोनों उभार , जब मैं झुकी रहती थी तो मसलने रगड़ने के लिए , ...
 
कुछ देर बाद मैं भी साथ देने लगी , 


[Image: fucking-doggy-ruff-tumblr-p6nwhr-EOk-C1wgsvito1-540.gif]


उनके हर धक्के का जवाब धक्के के साथ , कभी अपनी प्रेम गली सिकोड़ लेती  इनके मोटे डंडे पर ,
 
जाड़े की रात का यही तो फायदा है , सुबह खूब देर से होती है , ... 


और आज बाहर कुछ कुहासा सा भी था , खिड़की से कुछ भी नहीं दिख रहा था


[Image: a-foggy-morning.jpg]

 
लेकिन सुबह कितनी भी देर से हो , मन यही करता था की बस ,... सुबह हो ही न , ... 

हम दोनों एक दूसरे की बांहों में चिपके , एक दूसरे की देह में धंसे  बस ऐसे ही पड़े रहें ,.. 


और आज तो मेरा मन नहीं कर रहा था , ... 




मैं जानती थी जैसे ही दिन हुआ , कुछ देर बाद ये लड़का फुर्र हो जाएगा , ... फिर हफ्ते भर इन्तजार।  ,
 
लेकिन इस समय तो वो मजे ले रहे थे मैं मजे ले रही थी , 


उनके धक्को की ताकत और रफ़्तार बढ़ गयी ,
 
दरेरता , रगड़ता घिसटता , और हर चार पांच धक्के के बाद एक जोरदार धक्का , सीधे मेरी बच्चेदानी पर ,

[Image: Fucking-Thick-cock-tumblr-p5fna2a-PBJ1w16zoxo1-400.gif]

 
मैं चीख पड़ती , सिसक पड़ती
 
और उनका धक्का और जबरदस्त होता , ... 


इत्ते दिनों में ये बात वो समझ गए थे की चुदवाती हुयी लड़की की चीख , कराह  दर्द नहीं मजे की पहचान होती है ,
 
लेकिन ये लड़का जो पहले दिन इतना सीधा लग रहा था , एक से एक  नयी नयी बदमाशियां सीख रहा था ,
 
आप कह सकते हैं मेरी संगत का असर , और आप गलत नहीं होएंगे , पर

असली गुरु उनकी थी , उनकी सलहज , ... मेरी रीतू भाभी , जो रोज सुबह उनसे रिपोर्ट भी लेती थीं और अपनी ननद की और दुरगत कराने के नए नए तरीके अपने नन्दोई को सिखाती थीं
 
बस , आज पता नहीं क्यों उन्होंने अपनी दोनों टाँगे मेरी टांगो के अंदर डाल कर , मेरी दोनों टांगों को खूब अच्छे से फैला दिया ,


 
 मेरी जाँघे एकदम से फैली थी लेकिन अब तो एकदम खुली , फटी पड़ रही थीं , और मैं समझ गयी
 
उन्होंने धक्के की रफ़्तार बढ़ा दी , और जब लंड जड़ तक अड़स जाता , 


तो मेरी खुली जाँघों के नीचे से हाथ  लगाकर कभी मेरी गुलाबो को छू देते सहला देते तो कभी क्लिट को ,
 
एक हाथ तो उनका लगातार मेरे नए नए आये उभारों को मसल रगड़ रहा ही था , ...
 
पर जबतक मुझे असली बदमाशी समझ में आये , बहुत देर हो गयी थी
 
खूंटा जड़ तक धंसा था , सुपाड़ा एकदम मेरी बच्चेदानी को रगड़ता ,
 
और उन्होंने अपनी दोनों टांगों को बाहर निकाल कर , कैंची ऐसे , मेरी दोनों टांगों के बाहर और हलके हलके दबाना शुरू किया , बस थोड़ी देर में  मेरी दोनों टाँगे एकदम सटी , जाँघे चिपकी हुयी और कैंची की तरह उन्होंने अपनी दोनों टाँगे ऐसे फंसा रखी थी मेरी टांगो के बीच , मैं लाख कोशिश करूँ , टाँगे  जरा भी नहीं फैला सकती थी , 

और नतीजा ये हुआ की जाँघे भी एकदम चिपक गयी , गनीमत थी की खूंटा अभी आलरेडी पूरा धंसा हुआ था ,

[Image: fucking-g-ruff-tumblr-nd1rxr-PUz-I1re7wffo1-400.gif]
 
पर वही मैं गलत थी ,
 
अब जब उन्होंने खूंटा निकालना शुरू किया तो बस ,
 
वो दर्द हुआ मैं बता नहीं सकती , मेरी सहेली एकदम चिपकी , जैसे पहली रात को मेरी हालत थी एकदम वैसे ही ,
 
पर वो हलके हलके , जिस तरह निकाल रहे थे , उसी में मेरी जान निकल रही थी , आधे से ज्यादा बाहर निकाल कर , जब उन्होंने ठेलना शुरू किया ,
 
और वो एकदम कसी चिपकी मेरी चूत को फाड़ता , घिसटता , ...


दर्द से मेरी हालत खराब हो रही थी , पर , ... वो धकेलते पेलते जा रहे थे
 
लेकिन असली असर दूसरा हो रहा था ,
 
 
मजे से मेरी हालत ख़राब हो रही थी , 


मैं एकदम झड़ने के करीब पहुँच गयी , 


पर  वो उसी तरह मेरी जाँघों को भींचे , कस के चोदते रहे , जिस तरह से रगड़ते हुए , फाड़ते हुए लंड घुस रहा था ,
 
और दो मिनट के अंदर मैं झड़ गयी , ...


 पर वो बदमाश उसी तरह , मेरी दोनों जाँघों को दबोचे , भींचे कस कस के धक्के मार के , हचक हचक के चोदता रहा पेलता रहा ,
 
मेरी एक बार फिर से हालत खराब हो रही थी , गनीमत थी , उन्होंने अपनी टांगो को पहले तो ढीला किया , फिर , पहले की तरह बाहर निकाल लिया , मैंने भी जाँघे फैला ली ,
 
कुछ देर के  लिए वो रुके , मेरा मतलब सिर्फ ये है की चुदाई रुकी ,
 
मेरे जोबन की मसलाई , गालों की चुमायी उसी तरह जारी रही , ... 

और मैं एक बार फिर से गरम हो गयी , ... पर जब तक मैंने ग्रीन सिग्नल नहीं दिया , 

अपनी और से धक्के मार के , उनकी ओर गर्दन मोड़ के प्यार से नहीं देखा उन्हें उकसाते , अपनी चूत को लंड पे भींच के ,
 
 
उन्होंने फिर से धक्के मारने शुरू नहीं किये , फिर तो न उन्हें जल्दी थी , न मुझे , ... मैं वैसे ही एक बार झड़ चुकी थी ,
 
डॉगी पोज में सिर्फ एक दिक्कत थी मैं उन्हें चूम नहीं सकती थी , न उन्हें बाँहों में ले सकती थी , पर उस का इलाज मैंने ढूंढ लिए था , मेरे गोल गोल नितम्ब और मेरी सहेली
 [Image: fucking-ruff-tumblr-oup8kx3-A9-O1vz5sogo1-400.gif]



मैं उनके धक्के के जवाब में धक्के मारती , जब मूसलचंद एकदम अंदर घुस जाते , तो मैं उसके बेस पर अपनी सहेली को रगड़ती , जोर जोर से से उसे भींचती
 
 न उन्हें टाइम का अंदाज था न मुझे , बस देर तक वो चोदते रहे मैं चुदती रही ,
 
और अगली बार जब मैं झड़ी तो साथ साथ में मेरे साजन भी , मेरे अंदर पूस की रात में सावन भादों की बारिश हो रही थी ,
 
मैं भी साथ साथ सिकुड़ती रही , उन्हें भींचती रही , मेरी देह ढीली हो गयी थी आँखे मूंद गयी , बस सिर्फ उन्हें , उनके झड़ने , गिरने को अपने अंदर मह्सूस कर रही थी , 



कुछ देर तक मैं वैसे ही अपने हाथों और पैरों के सहारे , ... लेकिन देह ऐसी हो रही थी ,
 
कटे पेड़ की तरह बिस्तर पर गिर पड़ी मैं , और साथ में वो भी मेरे साथ बिस्तर पर , ... उसी तरह
 
लेकिन अभी उनके दोनों हाथ मेरे दोनों जुबना पर , और वो बदमाश बांस मेरे अंदर घुसा , धंसा , ...
 
 
बहुत देर तक हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे , फिर जब उन्होंने निकाला तो मैंने एक बार फिर अपनी गुलाबो को कस के भींच लिया , एक बूँद भी बाहर नहीं निकलने दी। 
 
 हम दोनों एक दुसरे की बाँहों में थोड़ी देर रहे , फिर मेरी निगाह इनकी कलाई घड़ी पर पड़ी , साढ़े छह बज रहे थे ,
 
" बेड टी हो जाये , ... " मैंने उन्हें उकसाया।
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हम दोनों एक दुसरे की बाँहों में थोड़ी देर रहे , फिर मेरी निगाह इनकी कलाई घड़ी पर पड़ी , साढ़े छह बज रहे थे ,

 
" बेड टी हो जाये , ... " मैंने उन्हें उकसाया।

[Image: tea-111.jpg]
 
मैं जानती थी , अब ये आ गए हैं तो बेड टी बनाने का काम इनका , पहले दिन से ही मुझे बेड टी यही पिलाते थे , और इनकी सबसे पहली तारीफ़ भी सुहागरात के अगले दिन वाली सुबह मैंने इनकी सास से यही की थी ,
 
" आपके दामाद चाय बहुत अच्छी बनाते हैं "
 
पर रीतू भाभी इतनी आसानी से नहीं छोड़ने वाली थी अपनी ननद को , मम्मी के हाथ से फोन ले कर पूछा ,
 
" चाय वाय तो ठीक है , पर बोल चोदते कैसे हैं , कितनी बार चोदा "



 [Image: 011737-Copy.jpg]
मैं जानती थी स्पीकर फोन आन होगा , मम्मी भी ,... लेकिन मेरे मायके में मम्मी से ऐसा कई छुपाव दुराव नहीं था ,
 
 
लेकिन बजाय बेड टी बनाने के उन्होंने बहाना बना दिया
 
" यार चल पहले ब्रश , फ्रेश हो जाते हैं।
 
" अरे ब्रश करवाने वाली है न , "मैं बोली और उनके ऊपर चढ़ गयी
 
फिर मेरी जीभ सीधे उनके मुंह में , उनके दांतो के ऊपर , गिन कर ३२ बार पूरे।  रगड़ रगड़ कर ब्रश करवा दिया अपनी जीभ से
 
पर  वो मानने वाले नहीं थी और थोड़ी देर में हम दोनों बाथरूम में
 
तीसरी रात के बाद से ही बाथरूम में हम दोनों साथ साथ , ... पहले दिन तो वो मुझे गोद में उठा के ले गए थे उसके बाद ,  मैं खुद उनके साथ ,
 
बिस्तर पर से सीधे , जैसे बिस्तर पर उसी हालत में , निसुते , नंग धड़ंग ,
 
 
बाथरूम में

[Image: shower-18772ae465aa138215aee15659d027c7.jpg]
 
जैसा मुझे उम्मीद थी वो अपना टूथ ब्रश नहीं लाये थे ,
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जैसा मुझे उम्मीद थी वो अपना टूथ ब्रश नहीं लाये थे ,

तो क्या हुआ, सजनी की जीभ ने टूथ ब्रश काम कर दिया होगा।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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(12-11-2019, 05:44 PM)Black Horse Wrote: जैसा मुझे उम्मीद थी वो अपना टूथ ब्रश नहीं लाये थे ,

तो क्या हुआ, सजनी की जीभ ने टूथ ब्रश काम कर दिया होगा।

मंजन कैसे हुआ ये तो अगली पोस्ट में ही पता चलेगा 

[Image: jethani-teeth-9.jpg]
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next post soon
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बाथरूम में
 

[Image: shower-20799990.jpg]


जैसा मुझे उम्मीद थी वो अपना टूथ ब्रश नहीं लाये थे ,
 
वैसे भी सुहागरात के दो दिन बाद से , जब से हम दोनों साथ साथ नहाने लगे थे , हम दोनों एक ही ब्रश यूज करते थे , 


और वहां भी मैं ही ब्रश में पेस्ट लगा के उनके दांत में , ... 


उनके हाथ के पास तो बस एक काम था , ... मेरे दोनों उभार ,... 




और फिर उसी ब्रश से मैं भी ,

[Image: tooth-brush-B5-D6bz8-CAAAc-Yv-N.png]
 
तो मैंने अपना ब्रश निकाला लेकिन उनका एक और ,... व्हाइट कलर वाला टूथ पेस्ट , गुलाबी या मिंट कलर नहीं , ... 


बस , अब उन्होंने वही सवाल खड़ा किया 
 
" हे व्हाइट वाला नहीं है , ... "
 
" है एकदम है , मेरा मुन्ना सफ़ेद वाले पेस्ट से ब्रश करेगा , कराती हूँ न , बस मुंह खोल के रखना , ... " 

[Image: nude-aa.jpg]


मैंने हँसते हुए उन्हें छेड़ा , ...
 
उन्होंने मुंह खोल दिया ,
 
और मेरी गुलाबो में दो दो बार की मलाई पूरी भरी पड़ी थी ,  अभी अभी  जो उन्होंने  निहुरा के कटोरी भर मलाई छोड़ी थी , और उसके पहले बिस्तर पर पीछे से , ... वो भी मैंने भींच कर , सब बचा रखी थी ,
 
और अपनी गुलाबो को थोड़ा ढीला किया , दो ऊँगली लगाई और ढेर सारी मलाई सीधे ब्रश में ,


[Image: creampie-17997094.jpg]
 
और जब तक कुछ वो समझते मेरी चूत से निकली ढेर सारी मलाई , उनके दांतों पर , ... 


गिन के पूरे ३२ बार , तीन मिनट तक जैसा डेंटिस्ट कहते हैं , दांतो के आगे पीछे , चारो ओर
 
उन्हें सफ़ेद वाला पेस्ट पसंद था और उसकी कोई कमी नहीं थी , 

दो बार मैंने ऊँगली अंदर डाल डाल कर , ...
 
हाँ मैंने भी जब उनके मुंह से ब्रश निकला तो हर बार की तरह उसी ब्रश से मंजन किया , ...
 
लेकिन हर बार वो कटोरी भर मलाई छोड़ते थे अंदर मेरे , ... 

आखिर उन्ही का माल था , 

थोड़ी सी मैंने जाँघे फैलायीं कस के दो ऊँगली अंदर तक घुसा के चम्मच की तरह , करोच करोच के , 

[Image: fingering-a-16977090.gif]


और अबकी जितना भी निकला , सब मलाई उन के गोरे चिकने चिकने गालों पर रगड़ रगड़ के बोलीं ,
 
चलों ब्रश भी हो गया , अब फेसियल भी करा देती हूँ , हो गयी न तैयारी , ... 


मैंने फिर छेड़ा ,
 
लेकिन उनका ' वो ' फिर कड़ा लग रहा था , लेकिन उनके चेहरे से लग रहा था 'मामला कुछ और है,'
 
" हे जरा तुम बाहर जाओ न , बस एक मिनट के लिए " 

वो बड़ी परेशान हालत में बोले ,
 
मेरी परेशानी की कौन वो ,... पूरा एक बार में  ठेल देते थे , ... 


मैं  कुछ कुछ तो समझ रही थी ,लेकिन उनके मुंह से सुनना चाहती थी ,
 
कुछ बातों में वो इतना अभी भी शरमाते झिझकते थे न , ..

सच में जब तक एक बार वो अपनी ससुराल नहीं जाएंगे , और सास सलहज  जम के रगड़ाई नहीं  करेंगे , वो लाज , हिचक जाने वाली नहीं थी ,
 
" क्यों क्या हुआ , " 

मैंने बड़ा सीरयस सा मुंह बनाते कहा।


[Image: guddi-cute-961f0c05a6c9dc9a1642e9848f18da05.jpg]
 
" वो , .... वो  आ रही है , कस के , ... तुम जाओ न ज़रा बाहर ,... "  


बुरी हालत में थे  बेचारे  ,
 
उनके चेहरे से लग रहा था ,  बड़ी जोर से आ रही है , पर मैं भी आज भी मूड में थी उनकी रगड़ाई करने के ,
 
" साफ़ साफ़ बोल न , मुझे समझ में नहीं आ रहा है " 


पूरी तरह समझते हुए भी मैं बोली।
 
" अरे यार सुसु आ रही है , बहुत कस के , ... जाओ न , अच्छा चल उधर मुंह कर के ,.... "
 
वो बोले सच में उनकी हालत ख़राब लग रही थी।
 
" यार सु सु तो छोटे बच्चे करते हैं , तुम तो ,... तुम्हारा वो भी ,...  तो कर लो न , ... "
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शावर 


[Image: shower-319439404.gif]

" यार सु सु तो छोटे बच्चे करते हैं , तुम तो ,... तुम्हारा वो भी ,...  तो कर लो न , ... "

 
 मैं टॉयलेट की ओर इशारा करते बोली  और जोड़ा ,
 
" कहो तो मैं पकड़ कर जैसे तेरी मम्मी बचपन में पकड़ कर सुसु करवाती थीं , वैसे करवाना हो तो ,... "


[Image: 0b3e053ced423c62adb382d53ae1a7b5.jpg]

 
बेचारे एकदम उनके चेहरे से लग रहा था , .... 


बात मैंने मान ली , और कमोड की ओर पीठ कर खड़ी हो गयी , और  वो ,...
 
 
वो भूल गए थे की मैं बाथरूम के मिरर में सब कुछ देख रही थी , ,,,, उनकी आँखे बंद थीं एकदम ,
 
दो समय उनकी आँखे एकदम जोर जोर से बंद कर हो जाती थीं , 

एक तो जब वो झड़ते थे और दूसरा , जी एकदम सही समझा आपने ,
 
सु सु करते समय ,


 
मेरा मन बदमाशी करने का कर रहा था , किसी तरह मैं अपने को कंट्रोल कर पा रही थी , निगाह मेरी उसी जगह टिकी थी , लेकिन ,...


 
कितनी देर मैं अपने को रोक पाती , ... 

वो भी आलमोस्ट ,... 


पर आँखे अभी भी बंद थी ,
 
मैं दबे पाँव उनके पीछे गयी सीधे उनके पीठ से सट कर खड़ी हो गयी , और उसे पकड़ लिया ,
 
अभी भी वो फनफनाया तन्नाया , धार थोड़ी हलकी सी , ... लेकिन
 
मैंने ' उसे ' पकड़ कर एक झटके से सुपाड़ा खोल दिया , 

और अब धार , सब कुछ बदल गया ,


[Image: Holding-cock-gggg.jpg]
 
और बेचारे वो , उन्होंने भी आँख खोल दी , ... मेरे उभार उनके पीठ से रगड़ रहे थे और ' वो ' मेरी मुट्ठी में ,
 
" हे छोड़ न , ... "


 
बिचारे वो , पहली बार  ऐसा हुआ होगा की मैंने मूसलचंद को पकड़ा हो और उन्होंने छोड़ने को कहा हो ,
 
मैंने नहीं छोड़ा ,


मैंने नहीं छोड़ा , छोड़ती क्यों छोड़ने के लिए थोड़े ही पकड़ा था , वैसे भी जब वो पूरे जोश में होता था , तो मेरी मुट्ठी में नहीं आ पाता था ,

[Image: holding-cock-tumblr-o050lrr-Zd-H1uk76xgo1-400.gif]


 
मांडव में  उन्हें खूब गारियाँ सुनाई गयीं थी , उनकी माँ को भी ,


 
दूल्हा स्साला , गदहे का जना , घोड़े का जना
 
....
 
दूल्हे की माई गदहवा चोदी , घोड़वा चोदी
 
मुझे क्या मालूम था वो सब गारियाँ सही निकल जाएंगी , मुझे गदहा , घोडा मारका मिलेगा।  वैसे ही लम्बा , मोटा और कड़क ,


 
मैंने उनसे एक सवाल पूछ लिया ,"
 
" अच्छा यार छोड़ती हूँ न , चल पहले ये  बोल की इसे सबसे  पहले किसने पकड़ा ,... 
बोल न जैसे सही जबाब देगा , मैं छोड़ दूंगी , ....सबसे पहले "


[Image: 1ac8125301a05f3129c2b21dce900f66.jpg]

 
कुछ झिझकते हुए वो बोले ,

 " तूने "
 
मैंने कचकचा के उनका गाल पूरी जोर से काट लिया , मेरे बरछी कटार ऐसे निप्स उनकी पीठ में छेद कर रहे थे , 





एक हाथ में तो वो मूसल कस के मैंने पकड़ रखा था , दूसरे से मैंने उनके निप्स कस के स्क्रैच कर लिया , ...
 
और अंगूठे से उनके पी होल को छेड़ते हुए ( अभी भी वो 'रुके नहीं ' थे ) मैंने पूछ लिया
 
" अरे नहीं यार जब ये इतना खूंखार नहीं हुआ था ,... नूनी था ,...  छोटा सा, ... किसी ने पकड़ा होगा , ये सुपाड़ा खोल के अच्छी तरह से तेल लगाया होगा , मालिश की होगी तभी तो ये इतना मुस्टंडा हुआ , बोल न सबसे [b]पहले  , पकड़ के सुसु कराया होगा ,... "[/b]
 
समझ तो वो गए थे पर बोल नहीं रहे थे ,
 
मैंने कस के दबाते हुए कहा ,
 
" तो मैं छोडूंगी भी नहीं , बोल न , ऐसा क्या शर्मा रहे हो , बोल न किसने पकड़ा था इसे सबसे पहले , ..... "

[Image: holding-cock-6.gif]

 
मुश्किल से उनके बोल फूटे ,  " मम्मी ने "
 
बस मुझे तो मौका मिल गया ,
 
" अच्छा तो बचपन से अपनी मम्मी को अपना हथियार पकड़ा रहे हो , पकड़वा के हिलवा रहे हो ,  और उनके सामने , ... 

शरम नहीं , और मुझसे नयी नयी लौंडिया की तरह लजा रहे हो सुसु करने में ,... "
 
मैंने जोर से  चिढ़ाया।
 
वादा किया था इसलिए मुट्ठी से तो छोड़ दिया , लेकिन अपने मुंह में गपक लिया ,
 
पी होल , ... सुपाड़े के छेद पर अभी भी दस पांच बूँद ,.... मैंने जीभ की टिप से सीधे पी होल वाले छेद में डाल कर , ...  



[Image: BJ-lick-pic-41-big.jpg]

फिर सुपाडे के चारो ओर भी लपड़ सपड़ , साफ़ सुफ्फ , चिक्कन मुक्कन कर के ,...



 
हालत उनकी खराब थी , ... किसी तरह शिकायत के अंदाज में बोले ,
 
" ठीक है , फिर  तुम भी न ,... जो कुछ होगा सामने , समझ लो ,... "


 
" यार मैं नहीं शर्माने वाली , शर्माउंगी किससे ,.... तुमसे ? अरे मैं तो ,... तुम्ही घबड़ा जाते हो ,... चलो अभी पहले नहा लो " 
 
उन्हें  उलटे चैलेन्ज देती मैं उन्हें शावर के नीचे खींच कर ले गयी ,
 
 
जब हम दोनों साथ साथ नहाते थे तो शावर साथ साथ , फिर मैं उन्हें साबुन लगाती और वो मुझे , ... 

जाहिर है वो कुछ ख़ास जगहों ओर ज्यादा रगड़ रगड़ कर के साबुन लगाते , ... 

[Image: shower-5-12002188.gif]



आज भी हम दोनों साथ साथ चिपके शावर में , ...
,
उनके बालो में ऊँगली करते मुझे लगा ,... कि
 
" हे कितने दिन से शैम्पू नहीं किया '
 
झिझकते  हुए उन्होंने कबूल किया , यहाँ से जाने के चार दिन पहले , ... जो मैंने किया था वही , यानी ११-१२ दिन हो गए  थे ,
 
 
 " तुम भी न , एक हफता वहां ऐसे ही , अच्छा चलो मैं करती हूँ " 

और जम के मैंने उनके बालों में शैम्पू किया फिर देह में साबुन लगाने लगी।जब से मैं आयी थी , इस लड़के की कुछ चीजों की जिम्मेदारी मेरी हो गयी थी , पूरी।  देह की , कपडा कौन सा पहनना है , नाख़ून कटा की नहीं , ... शैम्पू , ...
 
साबुन लगाते समय जैसे मेरे उभारों पर इनका ध्यान रहता था , मेरा ध्यान भी , जी आपने सही समझा , 

इनके कमर के नीचे , न सिर्फ उस मोटे मूसल को मैं रगड़ रगड़ के साफ करती थी , बल्कि उसके आस पास के हिस्सों को भी ,  

सुपाड़ा अच्छी तरह खोल के , ... वहां भी ,
 
बस मैं उसी तरह साबुन लगा रही थी , ... 

और जिस दिन शैम्पू होता था मेरा फायदा ही फ़ायदा , उनकी आँखे बंद रहती थीं , कम से कम दस पंद्रह मिनट , जब तक शैम्पू का झाग सर से निकल कर इनके चेहरे पर , ... 

और अगर  मेरी शरारतों से तंग हो कर इन्होने आँख खोलने की कोशिश की भी तो मैं तुरंत चिल्लाती ,
 
" हे आँख में चला जाएगा , आँख बंद कर , ... आँख बंद। "
 
और ये घबड़ा कर आँख बंद कर लेते थे। 
 
मोटे खूंटे पे रगड़ के साबुन लगाते लगाते मुझे कल रात का ध्यान आया , ...रबड़ी जिस के नाम से ये चिढ़ते थे , मैंने न सिर्फ अपने अगवाड़े ही नहीं पिछवाड़े भी लगा के ,... पहली बार इस तरह से बंद मैंने उनसे अपना पिछवाड़ा चुमवाया , चटवाया , ... और मैंने भी तो उनके पिछवाड़े भी , ... पहली बार , किस भी और जीभ अंदर डालकर , ... बहुत मजा आ रहा था उनकी तड़प देख के , ,
 
बस हाथ के इशारे से मैंने उन्हें निहुराया , पिछवाड़ा ऊपर , फिर ढेर सारा दोनों नितम्बों पर  ,
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Wow...shower sex...uummmm..tasty ,naughty ..I like it..
Please continue in detail..
[+] 3 users Like roxanne_lara's post
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ohh my god kya update diay hai sach me yar bahtojabrdast chudai huyi woh bhi ghodibana ke kay mast choda hi us ladke ne maja aa gaya
[+] 1 user Likes anwar.shaikh's post
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बस हाथ के इशारे से मैंने उन्हें निहुराया , पिछवाड़ा ऊपर , फिर ढेर सारा दोनों नितम्बों पर ,


क्या,

रात की बची हुई रबड़ी, मलाई , साबुन का झाग या फिर........
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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Nice update
[+] 1 user Likes UDaykr's post
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