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रीतू भौजी , उनके नन्दोई
मैं और छुटकी दोनों भौजी को निहुराये थीं , वो एकदम उस रंग भरे चहबच्चे के किनारे पर थी और किनारा पकड़ कर , ...
लेकिन वहां भी सीने तक पानी भरा था।
जिसने पानी में चोदा चुदवाया होगा उसको मालूम होगा सबसे पहली परेशानी आती है लंड को सही जगह पर सेंटर करने में , ...
पर यहाँ दो दो सालियाँ किस काम के लिए थीं , और ननदों के लिए तो भौजी की रगड़ाई करने का मौका तो बहुत कम मिलता है ,
बस लीला ने भाभी की चूत फैलाई ,
रीमा ने लंड सेंटर पर किया ,
थोड़ी देर तक दोनों ननदें सिर्फ सुपाड़े को रगड़ती मसलती रहीं , भौजी के बुर पर ,
और भौजी ने एक गलती कर दी , अपने नन्दोई को चैलेंज देने की ,
" अरे नन्दोई राजा , ये आपकी कच्ची सालियाँ नहीं , रसीली सलहज है , देखतीं हूँ ताक्कत ,
किससे किससे चुदवा के मेरी ननद की सास ने आपको जना है। आपके साले का तो रोज घोंटती हूँ , आज आपका भी घोंट लूंगी। "
बस इतना काफी था , और ऊपर से सालियों ने आग में घी डाल दिया ,
" जीजू , बस इज्जत का सवाल है , आज फाड़ दीजिये , आज हमार भौजी अपने मायके के यारों को भूल जाएँ। "
लीला ने रीतू भाभी की बुर फैला रखी थी ,
और रीमा ने अपने कोमल कोमल हाथों से उनका सुपाड़ा भौजी की बुर में सटा रखा था , उन्होंने कस के अपनी सहलज की कमर कस के पकड़ रखी थी , बस उन्होंने जो करारा धक्का मारा की उनकी सलहज की चीख निकल गयी ,
लेकिन अभी तो शुरुआत थी ,
आप में से जिस ने पानी में चुदवाया होगा , कभी स्वीमिंग पूल में , किसी पांड में , ... उसका मज़ा ही अलग है ,
लेकिन एक दिक्कत होती है , लंड एक तो घुसता मुश्किल से है और उसके बाद एक दम ,
एक तो बुर खूब कसी हो जाती है पानी के असर से , और लंड भी कुछ ज्यादा ही कड़ा मोटा लगता है , जो लंड लौंडिया बाहर हंस हंस के घोंट लेती है उसी को लेने में , पानी में , छठी का दूध याद आ जाता है ,
और इनका तो वैसे ही बियर कैन सा मोटा और पूरे बित्ते भर लम्बा था ऊपर से सलहज का चैलेन्ज ,
और ये भी कम बदमाश नहीं थे , उन्होंने पहले तो अपने दोनों पैरों को सलहज के दोनों पैरों के बीच डाल कर अच्छी तरह फैला दिया , उनकी जाँघे बुर सब फ़ैल गयी ,
बस एक हाथ भौजी की गदरायी जोबन को पकड़ा और दूसरे से उनकी कमर को पकड़ के वो करारा धक्का मारा ,
की बस आधे से ज्यादा बियर कैन सा लंड बुर में
बेचारी उनकी सलहज ,
लेकिन चार चार उनकी ननदों ने दबोच रखा था ,
और मैं जानती थी एक बार उनका सुपाड़ा घुस गया तो , बस
वही हुआ , बेचारी भौजी छटपटा रही थीं और वो हचक के चोद रहे थे
लेकिन अभी तो ये शुरुआत थी ,
थोड़ी देर में पानी के अंदर देखा तो उन्होंने अपने पैर रीतू भाभी की पैरों के बीच से निकाल लिया था ,
... और अब अपने दोनों पैरों के बीच रीतू भाभी के पैरों को दबोच लिया था ,
मैं समझ गयी क्या होने वाला है।
और वही हुआ , उनकी सहलज और हम ननदों की भौजाई बहुत जोर से चीखीं।
उईईईईई उईईईईई
एक तो पानी में वैसे ही बुर बहुत टाइट हो जाती है ,
ऊपर से इन्होने कस के रीतू भाभी की टांगो को जो भींच रखा था उसमें तो चार चार बच्चो की माँ का भोंसड़ा भी कच्ची कली की तरह टाइट हो जाती है , हमार भौजी तो एकदम नयी नवेली , दो साल पहले ही बियाह के ,...
जो उन्होंने अपना मूसल निकाला तो भौजी को अंदाज नहीं हुआ , लेकिन उन्होंने सुपाड़ा अंदर ही ठेल करके रखा , फिर जो कसके धक्का लगाया ,
दरेरते रगड़ते घिसटते फाड़ते हुए वो मोटा मूसल जिस तरह घुसा , भौजी की बुर की दीवाले एकदम परपराती , छरछराती ,
और वो भी धक्के धक्के पर धक्के ,
उईईई उईईईईई भौजी की चीखें हमारे बगीचे के बाहर आधे गाँव में तो पहुंची होंगी।
" क्यों भाभी मजा आ रहा है न नन्दोई के साथ ,... "
मैंने उनके मुंह पर कीचड़ मलते हुए कहा।
गाँव की होली तो बिना कीचड़ के पूरी भी नहीं होती।
और मेरे इशारे पर मेरी छोटी बहने , लीला ने सीधे भौजी के क्लिट पर हमला बोला ,
और रीमा ने भाभी के निपल पर पर ,
चीखें कम होती तो मजे की सिसकियाँ शुरू हो जाती , और साथ में गालियां , भौजी के पूरे मायके वालों का नाम ले ले कर ,
छुटकी बोली ,
" भौजी कहूं मायके वालों की तो याद नहीं आ रही है , ... "
रीमा ने पलट वार किया
" अरे तू भी न , देखा नहीं था भइया के शादी में , भौजी के सब भइया तो बचपन के गांडू , गंडुवे , झांट आने के पहले ही नेकर सरका के निहुर जाते हैं , गांड मरवाने को , .... "
" एकदम बचपन में गंडुवे , और बड़े हो कर भंड़ुवे ,... अपनी बहनों का सौदा करने के लिए तैयार ,... तो भौजी के भाइयों का क्या बस , ... और अपने जीजू का मोटा मूसल और भैया के सालों को तो हरदम नूनी ही रहती है , "
लीला ने छक्का मार दिया।
लेकिन ये नहीं की इन्हे गालियां नहीं पड़ रही थीं , भौजी की चीख पुकार , उन्होंने अपना मोटा मूसल पूरा नहीं ठेला था मुश्किल से सात इंच एक तिहाई अभी भी बाहर।
रीमा ने अपनी छोटी छोटी चूँचिया इनकी पीठ पर रगड़ते हुए इनके लंड के बेस पर अपनी किशोर उँगलियों से पकड़ कर इन्हे उकसाया ,
" क्यों जीजू , ये बाकी क्या दीदी की ननदों के लिए बचा रखा है , ठेलिए न इसे भी "
" अरे नहीं यार , जीजू की बहनों पर तो हमारे भाइयों का नाम लिखा है , ये उन्होंने दीदी की सास के लिए बचा रखा है , क्या जीजू , आपको सालियों की कसम ,... " लीला ने उन्हें और चैलेन्ज किया
बात तो लीला की एकदम सही थी , मेरी छुटकी ननदियाँ की सील कल ही तो मेरे ममेरे भाई चुन्नू ने फाड़ी थी , वो भी तो रीमा और लीला की उम्र की ही है।
सालियों की बात और अबकी रीतू भाभी की चीख सच्च में सारे गाँव में सुनाई पड़ी होगी , और उसके बाद तो क्या तूफान मेल चलाई उस पानी भरे चहबच्चे में
मैं छुटकी , उसकी दोनों सहेलियां रीमा और लाली हम सब अब बाहर हो गए थे और चुदाई देखने का मजा ले रहे थे , भौजाई को चिढ़ा रहे थे।
लेकिन उनकी फेवरिट पोज़ तो कुतिया बना के चोदने की , ...बीस पच्चीस मिनट के बाद बिना लंड बाहर निकाले वो और उनकी सलहज ,
सलहज कुतिया बनी निहुरी , एक आम के पेड़ के नीचे और पीछे से ये खचाखच , उनके दोनों बड़े बड़े जोबन पकडे
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20-10-2019, 09:28 PM
(This post was last modified: 20-10-2019, 10:28 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
पिछवाड़ा
सलहज कुतिया बनी निहुरी , एक आम के पेड़ के नीचे
और पीछे से ये खचाखच ,
उनके दोनों बड़े बड़े जोबन पकडे ,
रीमा और छुटकी थोड़ी दूर बैठी नजारा देख रही थीं ,
लेकिन मैं और लीला इनके और इनकी सलहज के पास ,
इनकी सलहज के चूतड़ बहुत गजब के थे ,
और अभी मैं देख भी चुकी थी की गांड भाभी की अभी भी बहुत कसी , टाइट है , बस मैंने इन्हे ललकारा
"सलहज के इतने मस्त बड़े बड़े चूतड़ , इतनी कसी गांड ,... बेचारी इतने दिनों से इंतजार कर रही थीं , नन्दोई आएंगे तो गांड मरवाउंगी , और आप भी न ,... "
वो तो बचपन से गांड के रसिया मेरे ममेरे भाई की नहीं छोड़ी तो , वो भी मेरे सामने चलती ट्रेन में उसकी तो सामने तो रसीली सलहज थी ,
रीमा और लीला को भी मौका मिल गया अपनी भौजाई से पुराना हिसाब किताब चुकता करने का
रीमा ने छेड़ा , अपने जीजा को समझाते ,
" अरे जीजू , मायके से भी इनका पिछवाड़ा कोरा ही ,... जबकि ये मायके की मशहूर छिनार थीं , हमार भौजी "
" रीमा तू भी न , अरे भाभी के मायके वाले सब पैदयशी गांडू ,
मौका मिलते ही कल के लौंडे नेकर सरका के , निहुर के , गाँड़ मरवाने को तैयार , सब गंडुवे , वो क्या हमार भौजी की गांड मारते। "
लीला ने और आग में घी डाला ,
और एक अंगूठा रीमा ने , दूसरा लीला ने , भौजी की गांड के कैसे दुबदबाते छेद में और कस के गांड का छेद फैला दिया ,
मेरी छुटकी काहें को पीछे रहती , आखिर उनकी सबसे छोटी साली , ...
बस अपने जीजू का मोटा मूसल , उनकी सलहज की गाँड़ के छेद पर
मन तो मेरी भौजी का खूब कर रहा था , लेकिन घबड़ा भी रही थीं ,
पर घबड़ाने डरने से अगर गाँड़ बच जाती , तो आज तक न किसी लौंडे की गांड मारी जाती न लौंडिया की।
उन्होंने दोनों हाथों से रीतू भौजी की कमर पकड़ रखी थी , वो बगीचे में आम के पेड़ के नीचे निहुरि , बस हचक के धक्का मारा उन्होंने
" इइइइइइइइइ ओह्ह्ह्ह नहीं , "
जोर की चीख मारी उनकी सलहज ने ,
पर उनकी तीन तीन सालिया थीं , तीनो ने कसम धरा दी ,
" क्या जीजू ज़रा भी मज़ा नहीं आया , जब तक सलहज की चीख पूरे गाँव में न सुनाई पड़े तो गाँव वालो को क्या मालूम होगा की नन्दोई सलहज की होली चल रही है , हमारी कसम , अगला धक्का ,... "
और सच में अगले दो तीन धक्के एकदम कस के ,
भौजी चीखती रहीं चिल्लाती रहीं और वो पेलते रहे ठेलते रहे , ढकेलते रहे ,
एक तो इनका सुपाड़ा भी इतना मोटा , किसी की मुट्ठी जैसा , ...
दूसरे सालियों की बदमाशी , ज़रा भी चिकनाई न तो सुपाड़े में न भौजी की कसी सूखी गांड में
बस चूत की गिलाई , ...
और थोड़ी देर पहले जो रीमा ने उनकी गांड में डिलडो घुसेड़ा था , उससे भी रीतू भाभी की गांड थोड़ी बहुत छिल गयी थी ,
बस सुपाड़ा जैसे उस छिले हुए हिस्से पर रगड़ता घिसता जाता , उनकी सलहज की हालत खराब हो जाती।
और चार पांच धक्के के बाद लीला ने अपनी भौजी से कहा ,
" भौजी अब जरा जोर से चीखिये चिल्लाइये , अब सुपाड़ा जीजू का आपकी गांड में अच्छी तरह से धंस गया है , चाहे जितना चूतड़ पटकिये , अब बिना गांड मारे जीजू का लंड निकलने वाला नहीं है "
लेकिन अभी खैबर का दर्रा तो बाकी था , गांड का छल्ला ,...
और वो तो मैं जानती थी की इनका मूसल जैसे ही उसे फाड़ता हुआ घुसता है , जान निकल जाती है
बस वही हुआ , इनकी सलहज के साथ।
खूब चिल्लाईं वो , चीखी गांड पटकी ,... हम ननदों को खूब मजा आ रहा था।
भौजाई की जब पहली बार फटती है ,
तो उस समय भी सब ननदें कमरे के बाहर कान पारे खड़ी रहती हैं , पहली रात , कब कमरे से चीखने की आवाज आये
लेकिन मानना पडेगा रीतू भौजी को ,
थोड़ी देर में वो गांड मरौवल का मजा ले रही थीं , धक्के का जवाब धक्के से दे कर ,
और अपने नन्दोई की माँ बहन सब गरियाकर ,
सिर्फ मैं और लीला वहां थे , छुटकी और रीमा खाने का इंतजाम करने चले गए थे।
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नन्दोई की सलहज
लेकिन मानना पडेगा रीतू भौजी को ,
थोड़ी देर में वो गांड मरौवल का मजा ले रही थीं , धक्के का जवाब धक्के से दे कर ,
और अपने नन्दोई की माँ बहन सब गरियाकर ,
सिर्फ मैं और लीला वहां थे , छुटकी और रीमा खाने का इंतजाम करने चले गए थे।
पक्की नन्दोई की सलहज ,
' बचपन से हमारी ननद की सास के चौड़ी चाकर गांड मार मार के लगता है आदत पड़ गयी है चलो देखती हूँ आज तोहार ताकत , "
और जवाब में वो सुपाड़ा तक निकाल कर अपना बित्ता भर का मूसल एक धक्के में अपनी सलहज की गांड में ठूंस देते
और ऊपर से वो भी , अपनी गांड मटकाकर पीछे धक्के का जवाब धक्के से देतीं।
मैंने देखा की उनकी सलहज ने कुछ इशारा किया और वो झुक कर , दोनों नन्दोई सलहज के बीच कानाफूसी चलती रही ,
फिर बजाय धक्का मारने के अपना आलमोस्ट तीन चौथाई लंड उन्होंने अपनी सलहज की गांड में मथानी ऐसा , गोल गोल ,...
चार पांच मिनट तक , और फिर अपने हाथ से पकड़ कर गांड की दीवारों पर रगड़ रगड़ कर ,...
जैसे कोई चम्मच से खरोंच खरोंच कर , ...
कुछ तो मैं समझ रही थी , लेकिन साफ़ साफ़ ननदोई सलहज की प्लानिंग साफ़ नहीं हो रही थी ,
लीला भी बगल में बैठी ,
और वो तो अपना मुंह एकदम भौजी के पिछवाड़े चिपकाए साफ़ साफ़ खेल तमाशा देख रही थी।
और अचानक ,
उन्होंने कस के एक हाथ से अपनी साली का , लीला का गाल दबा दिया ,
और उसने गौरेया की चोंच की की तरह अपना मुंह खोल दिया , बस।
उसके जीजा ने दोनों हाथों से कस के अपनी साली का सर कस के दबोचा और उस के खुले मुंह में ,
अपनी सलहज गाँड़ से निकला
लिथड़ा चुपड़ा ,
मक्खन मलाई , नहीं नहीं मलाई अभी नहीं निकली थी , लेकिन सलहज की गांड का मक्खन अच्छी तरह लिथड़ा , लगा
लिसलिसा , चुपड़ा ,
और अब स्साली के छटपटाने की बारी थी और भौजाई के छेड़ने चिढ़ाने की ,
उनके आगे किसी स्साली की चली है जो लीला की चलती ,
उसके सम्हलते सम्हलते उन्होंने अपनी सलहज की गांड से निकला सुपाड़ा पूरा ठोंक दिया ,
उसने मुंह बंद करने की कोशिश की तो उनकी नाक दबा दी ,
आँख बंद करने की कोशिश की तो जोर से निप्स पिंच कर लिए ,
और ऊपर से भौजी
" अरे ननद रानी , जरा देख देख के स्वाद लो , आज जीजा के लंड के साथ भौजी के पिछवाड़े का भी , देखो , आराम से कोई जल्दी नहीं , चाट चूट के स्वाद ले ले के चाटो ,
अरे बिना साफ़ सुथरा किये नन्दोई छोड़ने वाले नहीं , और ,...
अगर और चहिये तो तो जहाँ से ये निकला है न वहीँ से और मिल जाएगा , "
बेचारी लीला ,
और धीरे धीरे वो लिथड़ा चुपड़ा , आधे से ज्यादा ,.. और उसने चूसना चाटना शुरू कर दिया।
भौजी अभी भी निहुरी कुतिया बनी ,
लेकिन वहीँ से अपनी छोटी किशोरी नौंवे में पढ़ने वाली ननद की हालत देख रही थीं।
" लीला ,लीला. अरे हमार सास तोहैं गाँव भरे से चोदवाय के लीलने के लिए तो ही अपने भोंसडे से निकाली हैं , छिनार बचपन की रंडी।
आज अपने जीजा क लीला , तो कल से अपने जीजा क साले क लीला। अगवाड़े , पिछवाड़े कुल छेद में लीला। "
ऐसा मौका कौन भौजाई छोड़ती है तो रीतू भौजी भी चालू हो गयीं।
लीला चाट चूस तो रही थी रीतू भौजी के गांड से निकला ,
भौजी के माल मसाले से लिथड़ा लंड , लेकिन बहुत कुनमुना रही थी ,
तो रीतू भाभी फिर चालू हो गयीं,
" अरे ननद रानी , अबहीं कल , ... भूल गयी ,... तोहरी गंडिया से निकाल निकाल के तोहरे मुंह में ,
तब तो गप्प गप्प लीलत रहु और आज हमारे पिछवाड़े क हौ तो एतना नखड़ा चोदत हो , बिना चाटे चूसे कउनो बचत ना हौ।"
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bahot badhiya ekdam jabrdast upadte
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ननद -भौजाई और होली का स्वाद
ऐसा मौका कौन भौजाई छोड़ती है तो रीतू भौजी भी चालू हो गयीं।
लीला चाट चूस तो रही थी रीतू भौजी के गांड से निकला ,
भौजी के माल मसाले से लिथड़ा लंड ,
लेकिन बहुत कुनमुना रही थी , तो रीतू भाभी फिर चालू हो गयीं,
" अरे ननद रानी , अबहीं कल , ... भूल गयी ,... हमार और कुल भौजाइन क दो दो ऊँगली , तोहरी गंडिया से निकाल निकाल के तोहरे मुंह में ,
तब तो गप्प गप्प लीलत रहु और आज हमारे पिछवाड़े क हौ तो एतना नखड़ा चोदत हो , बिना चाटे चूसे कउनो बचत ना हौ।"
बात रीतू भाभी की एकदम सही थी , इसके बिना तो ननद भौजाई की होली पूरी नहीं होती थी।
और भौजाइयों में भी सबसे ज्यादा मिश्राइन भौजी ,... कल मेरे और छुटकी के साथ भी तो ,
जैसे ननद की उमर नहीं देखी जाती ,
वैसे ही भौजाई की ,... खाली रिश्ता , ... मिश्राइन भौजी तो मम्मी से खाली ३-४ साल छोटी होंगी , मुझसे १३- १४ साल बड़ी , ३३ -३४ की ,
छुटकी के कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल भी हैं लेकिन होली में सिर्फ ननद भाभी का रिश्ता ,
और पिछवाड़े ऊँगली करने का काम वही शुरू करती ,
किस भी उमर की ननद हो , कच्चे टिकोरे वालों की तो और ,... कल छुटकी की सबसे ज्यादा रगड़ाई उन्होंने ही की ,
और सिर्फ ऊँगली ही नहीं ननद को बोलना भी पड़ता ,
अपने भाई का नाम ले ले कर , भाई नहीं तो कजिन , गाँव का कोई उसकी उम्र का लड़का
जब छुटकी के पिछवाड़े मिश्राइन भौजी ने ठेला , वो भी एक नहीं दो दो ऊँगली , पूरे दो पोर तक ,
छुटकी जानती तो थी , क्या बोलना है , बिना बोले छुट्टी नहीं है , वो जरा सा हिचकिचाई तो मिश्राइन भौजी खुद बोलीं
" बोल छिनार तोहरे गाँड़ि में केकर ,..... "
" चुन्नू भैया क ,... "
( मैंने बताया न हमारा कोई सगा भाई तो था नहीं वही , चुन्नू जो मुझे लेने गया था मेरा ममेरा भाई छुटकी से दो साल बड़ा होगा )
एक चांटा जोर से छुटकी के चूतड़ पर पड़ा , ...
"स्साली रंडी छिनार खोल क बोल , पूरा ,...
" भौजी , चुन्नू भैया क लंड , हमरी गाँड़ में ,... "
छुटकी बिलबिलाती बोली।
और हचाक से मिश्राइन भौजी ने पूरे जड़ तक अपनी दोनों ऊँगली उसकी गांड में पेल दी , और गोल गोल , दीवालों पर रगड़ते करोचते , खुरचते , साथ में गालियां
" भाइचोद , ले घोट भइया का लौंड़ा अपनी गाँड़ में "
तब तक किसी दूसरी भौजाई ने एक ऊँगली छुटकी की कसी चूत में , दो भौजाइयां उसके कच्चे टिकोरों की रगड़ घिस कर रही थीं ,
ये कहने की बात नहीं ,
मिश्राइन भौजी की ऊँगली छुटकी के पिछवाड़े से निकल कर कहाँ गयी ,
सीधे उसके मुंह में ३२ बार गिन कर दंत मंजन ,
और भौजाइयां गाँव के लड़कों का सिर्फ नाम ही नहीं नंदों से लगवाती थीं ,
बल्कि उसकी साइज , लम्बाई मोटाई सब कुछ पूछ लेती थीं ,
और न बताये तो एक तमाचा जोरदार गाल पर , ... छाप छोड़ दे , ... उस तरह का , और उस के बाद भौजाई बता देतीं थीं ,...
आखिर मिश्राइन भौजी , भौजाइयों में सबसे बड़ी थीं , तो गाँव के सारे लड़के , मरद उनके देवर लगते थे ,
और कोई नहीं बचता था सबके पाजामे का नाड़ा भी खुलता था और भौजी रंग लगा के नाप जोख भी सही सही करती थीं ,
सोते का भी जागते का भी , ... तभी जब उन्होंने अपने नन्दोई का, ' इनका' पकड़ा तो मुझसे खूब खुश होके बोली
" एह गाँव वालों से तो कम से कम डेढ़ इंच ज्यादा ,... "
और जबसे रीतू भाभी आ गयी थीं , दो साल से तबसे तो और ज्यादा , कोई गाँव का लड़का बचता नहीं थीं ,
एकदम नयी उमर की नयी फसल वाला भी ,
भले ही खड़ा न होता हो ठीक से लेकिन रीतू भाभी बिना वहां रंग लगाए , मुठियाये ,
और उस से उसकी बहन को दस पांच असली वाली गाली सुनाये छोड़ती नहीं थी ,
और जैसे ही नंदों से उनके भाइयों के खूंटे का हिसाब किताब पूछा जाता था
वैसे ही देवरों से ,
उनकी बहनों की साइज , निम्बू या संतरा , ब्रा का नंबर , अभी पहनती भी है की नहीं , ...
और नहीं मालूम होने पर भौजाइयां तो तो थीं ही बताने के लिए ,
और जबसे रीतू भाभी आ गयी थीं , फिर से मिश्राइन भाभी और रीतू भाभी की जोड़ी तो , ...
जैसे कच्ची कलियों वाली ननदों पर भाभियों की विशेष कृपा होती थीं उसी तरह नयी उम्र के लड़कों पर भी , ...
और मिश्राइन भाभी और रीतू की जोड़ी में कोई बेचारा फंस गया तो , अगवाड़े पिछवाड़े रंग की, कीचड़ की रगड़ाई तो होती थी ,
उस के पजामे , नेकर में हाथ डाल कर पकड़ कर मुठियाना , और सबसे बढ़कर ,
उससे उसकी बहन का नाम ले लेकर उसकी चूँची , बुर , दस गाली , ...
लेकिन रीतू भाभी ने एक नयी बदमाशी शुरू कर दी , ...
उसके पिछवाड़े पहले तो सहलाती थी , फिर कचाक से एक ऊँगली ,
अगर ऊँगली घुस गयी न , फिर तो दस गाली ,
" कहो देवर जी , लागत हाउ खूब गाँड़ मरौव्वल होत हाउ , ... केतना लौंड़ा घोटले हौआ "
और जबतक वो मानता नहीं था , एक के बाद दूसरी ऊँगली ,... फिर तो मिश्राइन भाभी भी , ...
" अरे गांडू साफ साफ़ बोलो नहीं तो अभी पटक के पूरी मुट्ठी पेलती हूँ , गांड में , गंडुवे स्साले , अपनी बहिन के यार , ... "
और एकाध बार अगर कही उसकी सगी चचेरी पट्टीदार की भी बहन साथ में पकड़ में आगयी ,
फिर तो दोनों की शामत , सिर्फ मुठिया कर नहीं ,... जब तक सफ़ेद मलाई न निकले , ...
और वो मलाई सीधे उसकी उसी बहिन के गाल पे , मुंह पे ,...
और अगर न ऊँगली घुसे , लगे की की अभी कोरा है , तो और गालियां ,...
पिछले साल चुन्नू वही मेरा ममेरा भाई जो मुझे लेने गया था
और जिसके पिछवाड़े का इन्होने और नन्दोई जी ने जम कर बाजा बजाया था , उसकी कोरी गाँड़ उसके जीजा और जीजा के ने मिलकर फाड़ी थी , ... वही
होली में हमारे यहाँ आया था , और रीतू भाभी , मिश्राइन भौजी के जुगल जोड़ी की पकड़ में आ गया था , बस ,...
पिछवाड़े का मौका मुआयना करने के बाद ,
बड़ी कोशिश की उन्होंने ऊँगली घुसाने की ,... फिर भी नहीं घुसी , ... तो उन्होंने एलान कर दिया
" स्साले भंडुए , ... इत्ते चिकने गाल , इत्ता मक्खन सा पिछवाड़ा , ... किसके लिए बचाकर रखा है , अपनी बहन के यार के लिए ,... अगर अगली होली तक नहीं फटी न , तो ये मुट्ठी देख रहा है , पूरी की पूरी तेरी गांड के अंदर ,... "
और मंझली को कुछ भौजाइयां पकड़ के ले आयीं , ... बस फिर क्या था , जबरदस्ती , मंझली का हाथ चुन्नू के नेकर के अंदर ,
" चल जल्दी से मुट्ठ मार के झाड़ इसे , वरना मेरी मुट्ठी देख रही है , अभी निहुरा के तेरे भाई की कुँवारी गाँड़ फाड़ती हूँ , ...चल जल्दी कर , ... "
मिश्राइन भाभी ने वार्निंग दे दी .
और जब मंझली ने ६१ -६२ चालू कर दिया तो मिश्राइन भौजी खुश , उन्होंने दोनों को असीसा ,
" चल अगली होली तक , तुम दोनों की कोरी कोरी फट जाएगी , और ऐसे मूसल से फटेगी , जिसे अपने भोंसडे में लेने में चार बच्चो की माँ को भी पसीना आ जाए . "
मिश्राइन भाभी की भविष्यवाणी पूरी तरह सच हुयी ,
चुन्नू की भी इन्होने फाड़ी , मेरी ससुराल में , और मंझली की अपने ससुराल में ,
लेकिन सबसे ज्यादा रगड़ाई ननदों की ही होती थी ,
कल जब मिश्राइन भाभी की ऊँगली छुटकी के पिछवाड़े लस्सी मथ रही थी ,
रीतू भाभी की ऊँगली मेरे पीछे घुसी हुयी थी , और मैंने रीतू भाभी के मरद का ही नाम लिया , ..
तो खिलखलाती हुयी रीतू भाभी बोलीं ,
" अरे तेरे भैया को तो पिछवाड़े का ज्यादा शौक नहीं है , ... "
मैं भी अब शादी शुदा थी मैंने साफ़ साफ पूछ लिया और उन्होंने बता भी दिया शादी के बाद बस दो चार बार ,
और अभी तो वो दुबई गएँ हैं तो पांच छह महीने से तो ,...
छुटकी जब मिश्राइन भाभी के चंगुल से छूटी तो रीतू भाभी ने उसे दबोच लिया ,
और हर बार गांव के नए लड़के का नाम लेना पड़ता था तो अबकी छुटकी ने जो लड़का हमारे यहाँ भैंस दुहता था उसका नाम लगा के ,
इसलिए भौजी सही बोल रही थीं ,
हर ननद को अपने पिछवाड़े का तो स्वाद मिलता ही था , लेकिन आज लीला को भौजी के पिछवाड़े का स्वाद ,
पांच मिनट तक कस के चाट चूट के लीला ने इनका मोटा लंड एकदम चिक्कन कर दिया
तो एक बार फिर से रीतू भाभी की गांड मरुअवल्ल शुरू हुयी ,
लेकिन अब वो निहुरि नहीं थी बल्किपीठ के बल लेटी , और उन्हें आलमोस्ट दुहरी कर के हचक हचक के ,
साली के चूसने से लंड फिर एकदम कड़ा हो गया था लोहे का रॉड जैसा ,
और अब हम ननदें भी मैदान में थी , लीला ने भाभी का क्लिट पकड़ा , उसे रगड़ना मसलना शुरू किया और मैंने उनके निप्स , ... बस थोड़ी देर में वो झड़ने के कगार पर पहुँच गयीं तो मैंने और लीला ने उन्हें छोड़ दिया ,
दो तीन बार इसी तरह से तड़पा तड़पा के , तीसरी बार भाभी को झड़ने दिया।
और जब वो दूसरी बार झड़ रही थीं तो साथ में उनके नन्दोई भी , उनकी गांड के अंदर तक जड़ तक घुसे , देर तक
कटोरी भर मलाई तो उन्होंने छोड़ी ही होगी ,
और जब अबकी मूसल बाहर निकला तो
मलाई मक्खन , साली सलहज , लीला और रीतू भाभी दोनों ने मिल के
दोपहर चढ़ रही थी , मम्मी की दो बार खाने के लिए आवाज आयी ,
पर आज की होली
दो सालियाँ, और सलहज
( छुटकी बची थी पर उस का प्रोग्राम तो शाम का था ,
और वैसे भी उस के जीजू अपने जीजू को उसके कोरे पिछवाड़े का प्रॉमिस कर के आये थे , इस लिए इस का कोरा पिछवाड़ा तो अब मेरे ससुराल में ही,…)
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छुटकी बची थी पर उस का प्रोग्राम तो शाम का था ,
और वैसे भी उस के जीजू अपने जीजू को उसके कोरे पिछवाड़े का प्रॉमिस कर के आये थे , इस लिए इस का कोरा पिछवाड़ा तो अब मेरे ससुराल में ही,…)
सही कहा आपने,
प्रोमिस- प्रोमिस होता है, वो भी जीजू से किया गया, निभाना तो पड़ेगा, वरना कहीं उसकी जगह, जीजा के साले का नम्बर ना लग जाए।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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bahot badhiya ekdam mast hot upadte
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(21-10-2019, 11:58 PM)UDaykr Wrote: Wow!!
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Very hot update!
thanks so much
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Finally...
Ritu Bhabhi ki achhe se sewa hui..
Kitna Khush ho gayi hogi wo..
Wow update..
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लेकिन मंझली के पिछवाड़े का उद्घाटन तो नहीं किया जीजा जी ने , सिर्फ अगवाडे का किया।
चुन्नु का तो मिला पर मंझली के साथ ये नाइंसाफी क्यों ।
और मिश्राइन भौजी की भविष्यवाणी तो दोनों के लिए same same थी ।
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(23-10-2019, 08:08 PM)roxanne_lara Wrote: लेकिन मंझली के पिछवाड़े का उद्घाटन तो नहीं किया जीजा जी ने , सिर्फ अगवाडे का किया।
चुन्नु का तो मिला पर मंझली के साथ ये नाइंसाफी क्यों ।
और मिश्राइन भौजी की भविष्यवाणी तो दोनों के लिए same same थी ।
होगा , होगा , अभी तो सैंया जी का ससुराल में समय बाकी है , और अभी मंझली है भी तो नहीं , बताया तो था उसका पेपर है , रीतू भाभी के यहाँ है , ...शाम को ही आएगी ,...
कोमल के यहाँ देर है , अंधेर नहीं , ये तो आप भी मानेंगे।
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(22-10-2019, 06:33 PM)Black Horse Wrote: छुटकी बची थी पर उस का प्रोग्राम तो शाम का था ,
और वैसे भी उस के जीजू अपने जीजू को उसके कोरे पिछवाड़े का प्रॉमिस कर के आये थे , इस लिए इस का कोरा पिछवाड़ा तो अब मेरे ससुराल में ही,…)
सही कहा आपने,
प्रोमिस- प्रोमिस होता है, वो भी जीजू से किया गया, निभाना तो पड़ेगा, वरना कहीं उसकी जगह, जीजा के साले का नम्बर ना लग जाए।
एकदम सही कहा आपने प्रॉमिस निभाना पड़ता है , इसलिए छोटी का पिछवाड़ा कोरा कुंवारा ही रहेगा , जबतक वो अपने दीदी की ससुराल नहीं पहुंचेगी , ,,,
कहते हैं न दाने दाने पर लिखा है , ...
बस वही बात यहां पर भी लागू होती है , .. छुटकी के पिछवाड़े पर तो मेरे नन्दोई का नाम लिख ही दिया गया है , इसलिए वो बात साजन के ससुराल ने नहीं , छुटकी के दीदी के ससुराल में
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(23-10-2019, 09:34 PM)komaalrani Wrote: होगा , होगा , अभी तो सैंया जी का ससुराल में समय बाकी है , और अभी मंझली है भी तो नहीं , बताया तो था उसका पेपर है , रीतू भाभी के यहाँ है , ...शाम को ही आएगी ,...
कोमल के यहाँ देर है , अंधेर नहीं , ये तो आप भी मानेंगे।
कहीं ऐसा तो नहीं , रीतू भाभी के घर मंझली अपने भैया के साथ होली खेलने लगी हो ।
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ॐ गणेशाय नमः
||लक्ष्मीजी और गणेशजी की कृपा से आपको कामयाबी, सुख, शान्ति और समृद्धि प्रदान हो।
शुभ दीपावली
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(27-10-2019, 08:27 AM)Black Horse Wrote: ॐ गणेशाय नमः
||लक्ष्मीजी और गणेशजी की कृपा से आपको कामयाबी, सुख, शान्ति और समृद्धि प्रदान हो।
शुभ दीपावली
बहुत बहुत धन्यवाद आप सब को बहुत बहुत शुभकामनाएं
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(21-10-2019, 11:58 PM)UDaykr Wrote: Wow!!
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thanks and next part soon
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(23-10-2019, 09:32 AM)anwar.shaikh Wrote: bahot badhiya ekdam mast hot upadte
thanks so much next post today
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(25-10-2019, 01:55 PM)roxanne_lara Wrote: कहीं ऐसा तो नहीं , रीतू भाभी के घर मंझली अपने भैया के साथ होली खेलने लगी हो ।
nahi nahi ....aage dekhiye agli post men
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