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Incest chamanpura
#1
to dosto ye meri new story hai ye ek story sapna ya hakikat se prabhavit h pr thodi si alag hogi wo aapko story pdte pdte smjh aajaiga dhanyawadh ummeeed krta hu aap sb story ko support kroge aur apni ptatikriyaaye dete rhoge
to chaliye shuru krte hai patra parichay se
is kahani me jaha editing ki jarurat hogi krunga aur waha aapko english me dikh jayenge font
ये कहानी उत्तरी भारत के एक नये बने कस्बे की है जिसका नाम चमनपुरा है । यहा मुख्य रूप से बाज़ार पुराने है और कुछ बैंक , स्कूल कालेज है बाकी किसी सरकारी कार्य और अन्य जरुरी शिक्षाओ , मेडिकल सेवाओ के लिए शहर जाना पड़ता है ।धीरे धीरे अब कुछ सुविधाएँ उपलब्ध होने लगी है और बाज़ार भी होने लगा है


मेरा नाम राज है और मेरे पिता जी रंगीलाल एक बर्तनों के व्यापारी है । ये कोई पुस्तैनी व्यापार नही है ये मेरे पिता जी द्वारा ही मेरे जन्म से कुछ साल पहले ही सुरु हुआ था और अच्छा खासा दर्जा है आज बाज़ार मे उनका ।

आईये अब थोड़ा अपने परिवार का परिचय करा देता हू ।

मै - राज , उम्र अभी 24 साल है , बॉडी से नॉर्मल हू अच्छी हाईट है और 7" लंड है और घर पर एक कास्मेटिक की दुकान अपनी मा के साथ चलता हू । ( इस दुकान का विस्तार आगे मिलेगा )

पिता - रंगीलाल , उम्र 49 साल , स्वभाव से गंभीर है लेकिन बहुत मजाकिया भी है और मैने इनका लंड ध्यान देखा नही तो क्या उसका वर्णन " हा हा हा हा " खैर आगे जरुर पता चलेगा
मेरे पिता 2 भाई और 2 बहन है उनका परिचय समय आने पर दिया जायेगा ताकि आपको किरदारो को याद रखने मे ना समस्या हो । ye apni patni se bhot pyaar krte hai sath me chudai bhi aur apni patni ke alawa kisi ki trf ni dekhte

मा - रागिनी देवी , उम्र 46 साल , बहुत ही आकर्षक और कामुक महिला और स्वभाव से थोडी चंचल भी है और मै भी मुख्य रूप से अपने मा के स्वभाव से जुडा हू , उनका शरीर हल्का शाव्ला है और भरा हुआ है साइज़ में देखे तो 38 35 42 , थोडी सी मोटी है लेकिन इस उम्र में भी इनका ये रूप जवान लड़कियो के हुस्न को भी मात दे दे
ye rhi inki pic
[Image: 942186cb449bb3b29b9714bbab12e6bf.jpg]

मेरी बड़ी बहन - सोनल , उम्र 23 , अभी सादी हो चुकी है और एक बच्चा भी है । मुहल्ले में ही लव मैरिज हुआ है इसका भी विस्तार आगे मिलेगा कि क्यो मेरी दीदी ने बगल के मोहल्ले में ही सादी की
ये भी मा की तरह गदरयी बदन वाली है लेकिन हाईट पिता जी की तरह कम है ।
इसका साइज़ इस समय 36 34 38 है ।


मेरा छोटा भाई जो इस समय 22 का हो चूका है उसका नाम अनुज है और उसका कोई खास किरदार अभी कुछ अपडेट तक नही है ।


दोस्तों ये था परिचय
और एक बात बता दू इस कहानी मे कोई मैजिक या अप्राकृतिक घटना या विज्ञान विरोधी चीजे नही होने वाली है
मेरा मानना है की कहानी को दैनिक जीवन में नेचूरल तरीके से चलाना ही अच्छा है ।

क्योकि मैने एक जगह पढा था साधरणता से लम्बा सफ़र तय कर सकते है ।


तो चलिये इस कहानी को शुरू करते ह मेरे पिता जी का दुकान घर पर ही था तब और हमारे मुहल्ले मे कच्ची सड़क ही थी और कुछ किराने की और कुछ कपड़े की और एक दर्जी की दुकान थी ।

। मेरा एक मित्र था अमन ( इसकी चर्चा आगे मिलेगी ) और स्कूल से छुट्टी होने पर घर और फिर घुमने निकल जाता था मुहल्ले मे अपने दोस्तो के साथ जिसमे मेरा एक मनपसंद साथी था चंदू वो मेरा दूर के रिस्ते से भंजा लगता था और उसकी मा , मेरी दीदी लगती थी । मै अक्सर उसके घर जाया करता था ।

उसके पिता रामवीर थे उसकी मा रजनी एक कामुक महिला थी जिसकी चुचिया इतनी बड़ी थी लगता था कितना दूध भरा हो इनमे । रजनी का उम्र मेरे मा जितनी थी (जैसा कि मैने बताया ये दूर की रिस्ते मे दीदी लगती है ) उसका साइज़ 40 34 36 का था जो भी देखता तो चेहरे से पहले नजर चुचो पर ही जाती थी ।

चंदू की एक बड़ी बहन भी थी चम्पा, जो उससे 1 साल बड़ी थी वो थोडी नॉर्मल सी थी लेकिन उसकी गांड बाहर की ओर निकले थे और सुट सलवार या घाघरा मे उसकी गाड़ और बाहर आ जाती थी । मेरा चंपा से कुछ खास लगाव नही था मै अक्सर उससे शर्मा कर ही बात किया करता था ।


एक दिन mai chandu ke ghr gaya dukan se jaldi aakr

और आदत अनुसार घर आते ही मै चंदू से मिलने उसके घर गया म

मै उसके घर गया तो बरामदे मे कोई नहीं था मै चंदू करके पुकारता उससे पहले ही मुझे किसी के झगड़ा करने की आवाज सुनाई देने लगती है और मै धीरे धीरे गलियारे से कमरे की तरफ जाता हू


अन्दर देखने से पहले ही झगड़ा शांत हो जाता है और मुझे चंदू के मा की आवाज आती ह


अबतक :

मै उसके घर गया तो बरामदे मे कोई नहीं था मै चंदू करके पुकारता उससे पहले ही मुझे किसी के झगड़ा करने की आवाज सुनाई देने लगती है और मै धीरे धीरे गलियारे से कमरे की तरफ जाता हू ।अन्दर देखने से पहले ही झगड़ा शांत हो जाता है और मुझे चंदू के मा की आवाज आती है ....


अब आगे :

कमरे मे से पहले चंदू की मा रजनी की आवाज आती है

रजनी - आखिर हर बार तुम इतना नाटक क्यू करते हो मेरी चुत चाटने मे

तभी मुझे एक और आवाज सुनाई देती है जो चंदू के पिता रामवीर की थी

रामवीर - देख रजनी मुझे ऐसा सेक्स पसंद नही है मुझे इसमे घिन आती है

रजनी - अच्छा और रोज सुबह शाम चोदते टाईम उसी चुत मे लंड डालते हो तब नही आती

थोड़ा सिस्कते हुए रजनी फिर बोली ..... देखो चंदू के पापा मै कुछ नही जानती मुझे आज अपनी चुत चुस्वानी है आपसे , अगर नही हो तैयार तो मै मायके चली जाउंगी और फिर देखते रहना मुझे चोदने के सपने ।


ये सब बाते सुन के मेरे कान खड़े हो गये , हालाकि मैने पहले भी चुदाई की साधरण बाते सुनी थी लेकिन किसी औरत के लिए उसका चुत चटवाने का इतना पागलपन मैने नही सुना ,shyd gaon se tha isliye

मै ज्यादा देर तक वहा रुक नही सकता था और मेरा शरीर भी साथ नही दे रहा था , मेरी सांसे तेज़ होने लगी थी
वहा रूकने की इच्छा भी थी की रामवीर कैसे अपनी पत्नी की चुत को चाटेगा , लेकिन मन मे एक अन्जाना सा डर आ गया और मै वहा से निकल गया बागो की तरफ


काफी समय मै अकेले बाग मे घूमते हुए उस घटना को याद कर रहा था साथ ही ये भी सोच रहा था कि कैसा होता होगा वो अनुभव जब मेरी जुबान किसी की चुत को छुएगी ।

फिर मुझे भी थोडी घृणा हुए लेकिन मेरे चडडी मे मेरा नुन्नु खड़ा हो रहा था और बार बार मुझे कल्पना मे रामवीर का सर रजनी दिदी के साडी मे घुसा हुआ दिखने लगा ।


काफी समय इसी उधेड़बुन मे शाम हो गयी और घर गया तो मेरी बड़ी बहन ने मुझे बताया कि आज मा बहुत गुस्सा है और हो भी क्यो ना मै पीछले 4 घन्टे से गायब था ।

फिर मा आई और थोड़ा बहुत डाँटा फिर चाय पीने को दिया
मेरी एक आदत थी भले ही मै कितना बड़ा हो गया था मै अपनी मा से लिपट जाया करता था वो भी खुश हो जाया करती थी

और फिर चाय पीकर मै मा की गोद मे उन्के पेट से लिपट कर लेट गया ।
थोडी देर बीता था समय की अनुज bhi aagya

फिर मै भी अनुज के साथ tv dekkhne laga
लेकिन मेरे मन से वो घटना नही जा रही थी और मै सोचने लगा क्या मेरी मा भी पापा से अपनी चुत चटवाती होगी ।

फिर मैने सोचा की क्यो ना थोडी जासूसी की जाय घर पर



मै रात का इंतजार किया फिर सब खाना खा कर सोने चले गये
अब मै आपको अपने घर के बारे मे बता दू

मेरा 2 मंजिला मकान है ज्यादा बड़ा नही है लेकिन छोटे परिवार के लिए गाव मे ठीक है ।
मेरे घर मे ही बर्तन का दुकान है और दुकान के बगल से छत पर सीढी जाती है जहा एक किचन और एक बेडरूम और एक छोटा स्टोर रुम है और नहाने के लिए बाथरूम और टॉयलेट रुम सबसे ऊपर की मंजिल पर है ।

अनुज और मेरी बहन एक साथ बेडरूम सोते थे और मैं स्टोररुम मे एक तख्ते पर सोता था
और मम्मी पापा नीचे दुकान मे सोते थे ।

अब आते है कहनी पर


गाव के लोग अकसर जल्दी सो जाते है
मेरे यहा दुकान की वजह से 9 बजे तक सब सोने के लिए जाता था ।
और दिन भर की थकान के वजह से मुझे भी नीद आ रही थी लेकिन मन मे एक जिज्ञासा थी कि आज अपने मा और पिता की चुदाई देखनी है


करीब 10 बजे एक बार पिता जी पानी लेने ऊपर आये जो कि वो रोज आते है और मुझे उस दिन पता चला कि वो ये देखने आते थे कि हम लोग सोये है या नही

उन्होने मेरे तरफ भी टॉर्च मारी मैं सोने का नाटक किया फिर वो चले गए

और फिर मै धीरे से उठा और नंगे पाव सीढ़ी से नीचे जाने लगा

और मुझे थोडी थोडी खुसफुसाहट मे बात चित की आवाज आ रही थी
फिर मै आखिरी सीढ़ी से पहले ही रुक गया और ध्यान से सुनने लगा

मुझे मेरी मा की चूडियों की खनखन सुनाई दे रही थी साथ मे पिता जी की सिसकी भी
तभी


पापा - ओह्ह्ह्ह रागिनी मेरी रान्ड कहा से सीख आई हो ये लंड चूसना आह्ह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही मेरी जान और गिला करो जीभ से उफ्फ़ हा ऊह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह हा राआआअग्ग्ग्ग्गीईई ओह्ह्ह (maa papa aksar gandi baatein krke chudai kiya krte the)


मा - सच बताऊ कहा से सिखा , लंड को मुह से निकल्ने की आवाज स्स्स्स्स्ररर्र्र्र्र्र्र्रृउप्प्प्प्प के साथ बोली
और उसकी चूडियो की खनखन से साफ पता चल रहा था कि अभी भी वो लंड हिला रही थी ।


पापा - आआह्ह्ह्ह मेरी रान्ड बता ना कहा से सीखी

मा - अपने दीदी से हिहिह्हिहिही

मा ने खिलखिलाते हुए जवाब दिया और फिर गुगुगुगू के साथ चूडियों की खनखन की आवाजे आने लगी

पापा - सच मे रज्जो दीदी ने तुमको सिखाया है क्या ,,,, ओह्ह्ह आह्ह्ह उम्म्ंम अह्ह्ह्ह्ह


मा - हम्म्म्म्म्ं और फिर गुगुगुगगू के साथ चूडियो की खनखन

पापा - ओह्ह्ह जान फिर तो तुम्हारी दीदी भी अच्छा लंड चुस्ती होगी आह्ह्ह अह्ह्ह और अंडर लो मेरी रागु आह्ह्ह्ज


मा स्स्सरररउप्प्प करते हुए बोली - क्या बात जी मेरी दीदी की बात करते ही आपका लंड और कड़ा हो रहा है ,,,, हिहिहिहिही

पापा - hattt pagal tu janti hai na tere siwa mai kisi ki trf dekhta bhi ni wo to teri baaton ne ise kadak kr rkha hai

मा - ओहो क्या बात है !!

पापा - अरओह्ह्ह्ह हम्म्म्म्म्ं बस ऐसी ही चुसो जान



मा - आहहाहा ,

पापा - अरे जान bsss bsss krti rho

मा - अब रहने दो मक्खन ना लगाओ , मेरे हाथ थक गये है अब तुम करो

पापा - आजा मेरी रसीली जान तेरी चूचि चुस के तेरा दर्द कम कर दू

मा - उससे काम नही चलेगा मुझे जल्दी से ये लण्ड मेरी गरम चुत मे चाहिये


मेरे पापा और मम्मी के बिच हुए ऐसे बातचित से मै बहुत शौक हो गया मेरे मन में बहुत सारे विचार आने लगे और मै उनकी बाते सुनने लगा




अब आगे क्या होने वाला और कौन कौन सी बाते राज को पता चलने वाली है



अब तक :
मा - उससे काम नही चलेगा मुझे जल्दी से ये लण्ड मेरी गरम चुत मे चाहिये


मेरे पापा और मम्मी के बिच हुए ऐसे बातचित से मै बहुत शौक हो गया मेरे मन में बहुत सारे विचार आने लगे और मै उनकी बाते सुनने लगा


अब आगे :

मुझे अपने मा और पापा के बिच हुए इस सेक्सुअल बात चित से बहुत गरम मह्सूस हो रहा था
मै कल्पना करने लगा पापा की सिस्कियो मे कि लंड चुस्वाने का आभास कैसा होगा

फिर मुझे थपथप की आवाजे आने लगी
मा - ओह हा राजा ऐसे ही चोदो मुझे आह अह हम्म्म्म्ं अह्ह्ह्ह हम्म्म्म अऊओह्ह्ह
पुरा दिन चुत कुलबुलाने से तडप जाती हू राज के पापा

पापा - हाफ्ते हुए , हाअय्य्य्य्य हा मेरी रान्ड मै जानता हू तु बहुत गरम माल है
कहो तो कल दोपहर मे भी चोद दू


मा - नही नही कल रविवार है और बच्चे भी घर पर रहेंगे
मै रात का इन्तेजार कर लुंगी अह्ह्ह हाआआ ओह्ह्ह्ह हम्म्म्म और तेज़ राजा और तेज़जजज़्ज़ उह्ह्ह्ह हा ऐसे ही
ओह्ह्फ्फ्फ्फ हुउउउय उम्म्ंम अह्ह्ह

फिर मुझे लगा ये सब देर तक चलेगा और मुझे नीद भी आ रही थी

तो मै वापस चुपचाप ऊपर आया और थोड़ा देर मम्मी पापा की बात को सोचते हुए सो गया

अगले दिन रविवार था
मै इस दिन के हमेशा तैयार होता था

क्योकि इस दिन मै अपने चाचा के घर जाता था हर रविवार को
मेरे चचा और पापा के बीच अच्छी मेल जोड़ थी
मेरे मुहल्ले मे ही मेरे चचा रहते थे उनकी कपड़े की दुकान थी

नया परिच्य
चाचा - जंगीलाल , उम्र 46 , सादा जीवन उच्च विचार का स्वभाव लेकिन हमसे आमिर थे तब उन्के घर मै हर रविवार टीवी देखने जाया करता था और खाना पीना सब वही होता था ।

चाची - शलिनी , उम्र 45 , सुन्दर और कामुक महिला थी
उनका साइज़ 36 34 36 है लेकिन और चाचा चाची मे प्रेम बहुत था ।
मेरी मा बताती थी की पहले जब चचा और चाची की सादी तय हुए तो उसी समय मेरी दादी की मौत हो गयी जिससे मेरे दादा जी वो रिस्ता तोड़ने वाले थे लेकिन मेरे चाचा ने जिद की अगर उससे सादी नही हुई तो वो अपनी जान दे देने और फिर बाद मे उन दोनो की सादी हुई

निसा - चचा की बेटी , वर्तमान मे 22 साल की है थोडी हलकी भारी बदन वाली है 34 32 36 का साइज़ है और इसी साल सादी हुई है । मेरा इन्से बहुत लगाव था और वो भी मुझे बहुत मानती थी

राहुल - उनका बेटा , अभी वर्त्मान मे इसकी उम्र 19 साल है और 12वी कर रहा है हमेशा घर पर ही रहता था और इसिलिए सब इसे मन्द बुद्धि कह्ते थे लेकिन चाची का दुलारा था ।


मै हर रविवार की तरह उठा और डब्बा मे पानी लेकर चंदू को आवाज देने उसके घर पहुच गया
क्योकि मै रोज सुबह उसी के साथ शौच के लिए खेतो मे जाता था , भले ही मेरे यहा टॉयलेट की वयवस्था थी लेकिन जैसा गाव मे बड़े बुजुर्ग कह्ते ही सुबह का हवा पानी लेना चाहिए
फिर मैने चंदू को आवाज दी तो उसकी मा ने दरवाजा खोला

उनको देख्ते ही मुझे कल दोपहर की घटना याद आने लगी और मै थोड़ा हिचकते हुए रजनी से पुछा

मै - दीदी चंदू कहा है उठा नही क्या अभी
रजनी - रुक बाबू मै अभी जगा के भेजती हू
रजनी उस समय एक ढीली मैक्सि मे थी फिर भी उसकी चुचिया पुरा उबार लिये हुए थी
ज्यो ही वाह घूमी अंडर जाने को उसकी गांड हिलोरे खाते हुए जा रही थी

फिर थोडी देर बाद चंदू आँख मल्ते हुए डब्बे मे पानी लेके आया

फिर हम दोनो खेत की तरफ चले गये ।
मै और चंदू काफी गहरे दोस्त थे वो अक्सर अपने घर की बात बताया करता था और मै भी ।

मै रास्ते भर रजनी की चुचियो का उभार को अपनी कल्पना मे सोचते हुए चल रहा था
मुझे चुप देख चंदू बोला

चंदू - अबे का हुआ काहे चुप हो नानी ने गाड़ पर रख तो नही न दिये सुबह सुबह
( क्योकि मै चंदू की मा को दीदी कहता था इसिलिए वो मेरी मा को नानी और पापा को नाना बोलता था लेकिन मुझे नाम से और मेरी बहन को दीदी कहता था )

मै - रजनी के ख्यालो से बाहर आते हुए ,,,,,नही बे रात मे देर से सोया था तो नीद आ रही है


चंदू - कही नाना नानी की चुदाई तो नही ना देख रहा था ,,, ठहाका लगाते हुए बोला

मै - अबे साले नही बे ,,, मेरे साथ ऐसा कभी कुछ नही हुआ मैने झूठ बोला ताकि उससे कुछ बात निकलवा सकू

मै - तु बता जैसे कि बड़ा देखा हो अपने मम्मी पापा की चुदाई ,,, जो ऐसे बोल रहा है


चंदू - हा देखी ना कल दोपहर मे ,,, जब तु कान लगा के सुन रहा था मेरी मा के रुम के बाहर

मै चौक गया की इसको कैसे पता ये सब



आगे के अपडेट मे हम देखते है कि दोपहर की बात खुलने चंदू और राज मे क्या बाते होगी ।

आपके प्यार और स्नेह भरी प्रतिक्रया की प्रतीक्षा रहेगी ।
धन्यवाद

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दू - हा देखी ना कल दोपहर मे ,,, जब तु कान लगा के सुन रहा था मेरी मा के रुम के बाहर

मै चौक गया कि इसे कैसे पता ये सब

अब आगे :

मै - कब देखा बे मै अया ही नही

चंदू - अबे जा मेरे से झुट ना बोल ,,, जब तू गलियारे मे दरवाजे के पास कान ल्गा के सुन रहा था तो कमरे के सामने वाली चारपाई पर सोया था मै रजाई मे घुस के
मै चुप हो गया जैसे मेरी चोरी पकड़ी गई हो लेकिन तभी चंदू ने ऐसा कुछ बोला कि मेरे पास खुद को बचाने का आइडिया मिल गया


चंदू - लेकिन तू रुका क्यो नही भाग क्यू गया ,,,, मै तो तुझे भी रजाई मे बुलाने वाला था


मैने तुरंत इसका जवाब देते हुए बोला - साले मै तेरी तरह थोडी हू जो मम्मी पापा की चुदाई देखू ,,, वो तो जल्दी छूटी होने से मै तुझे खोजने आया था और जब दीदी की बात सुनी तो भाग गया ।

चंदू मेरी बात पर मज़ा लेते हुए बोला - चल जाने दे अगली बार देख लेना

मै फिर से चौक गया और कहा - तू पागल हो गया है क्या अगर दीदी को प्ता ल्गा तो तेरे साथ मुझे भी मार मिलेगी ।

फिर ऐसे ही बात करते हुए हम घर आ गये ।
चंदू की बातो का मुझ पर ज्यादा जोर पड़ रहा था और मै सोचने लगा कि मै उसे गलत बोल रहा हू जबकि मै खुद ही अपने मा पापा की गुप्त बाते सुना हू ।



फिर मै नहया नास्ता किया और करीब 11बजे तक चल दिया चचा के यहा टीवी देखने
क्योकि हर रविवार 12 बजे से फिल्मोत्स्व आया करता था और फिर शाम को 4 बजे से नयी फिल्म



मै चचा के घर गया तो दुकान से ही अंडर जाने का रस्ता था तो मै अन्दर गया

अन्दर चाची स्ब्जी बना रही थी, राहुल और निशा दीदी टीवी देख रहे थे

मुझे देखते ही दिदी बोली - आ राज अच्छा हुआ जल्दी आ गया आज मोहरा फिल्म आने वाला है ।

मै खुश हो गया क्योकि मेरे फ़ेवरेट हीरो अक्षय कुमार की फिल्म आने वाली थी फिर हम लोग खाना खाये तो फिल्म देखने लगे ।

फिर कुछ टाईम बाद वो गाना आता है टिप टिप बरसा पानी
उसमे भिग्ती हुई रवीना टंडन को देख कर मै बार बार चाची को देखता था क्योकि वो काफी morden तरीके से साडी पहना करती थी

ब्लाऊज स्लिवलेस और साडी नाभि से 4 उंगल नीचे जो उनको और भी कामुक बना देता था ।


दोस्तो इसी तरह मेरे दिन गुजरने लगे । मै अब हर पति पत्नी के जोड़े को सेक्स का भूखा जोडा समझने ल्गा ।
समय के साथ मैने चंदू के घर नजर रखना शुरू कर दिया क्योकि मुझे उसका स्वभाव अलग लगने ल्गा

और साथ ही कभी कभी रात मे सीढ़ी पर उतर कर मम्मी पापा की बाते सुनने लगा मुझे एक बात समझ में आ गया मेरे पापा मेरी maa ki daily ki chudai krte hai aur unse pyaar bhi

ऐसे ही समय कटने लगा

मेरे साथ मेरी बहन सोनल , चंदू और उसकी बहन चंपा और अमन ने भी उसी कालेज मे दाखिला लिया ।

हम साथ ही आते जाते थे
6 महीने तक मुझे सब सामान्य लगा लेकिन फिर अचानक चंदू की बहन को उसके पापा ने हॉस्टल भेज दिया ।

मुझे बहुत अजीब लगा तो मै इसके लिए बात करने चंदू के घर गया



देखते है दोस्तो आगे के अपडेट मे चंदू के यहा कौन सा राज खुलने वाला है ।

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#2
namaskar dosto new story post krne jaa rha
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#3
Waiting
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#4
Good start
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