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Adultery दीदी ने मेरी मदद की
#1
दीदी ने मेरी मदद की





वि

मेरी दीदी, जिसका नाम रिया है, उम्र में मुझसे चार साल बड़ी है। बचपन से उसी ने मेरी देखभाल की है। 


मां के जाने के बाद दीदी ने पढ़ाई छोड़ दी थी। दीदी मुझसे बहुत प्यार करती हैं। वे मेरा मां की तरह ख्याल रखती हैं।


दीदी दिखने में भी बहुत सुन्दर है, एकदम साउथ की हीरोइन कीर्ति सुरेश की तरह दिखती हैं। आप इस हीरोइन की फोटो देख कर मेरी दीदी की कल्पना कर सकते हैं।


जब मैंने 12वीं पास कर ली तो अब मुझे कॉलेज में एडमिशन लेना था। तब मेरी उम्र 19 और दीदी की 23 की हो गई थी।


मैंने सोचा कि दीदी भी मेरे साथ कॉलेज में एडमिशन ले ले। तो मैंने दीदी से बात की। लेकिन वे नहीं मानीं तो मैंने पापा को कहा। पापा ने दीदी को समझाया तो वो मान गई।


मेरा और दीदी का एडमिशन एक ही कॉलेज में हो गया। अब दीदी मेरे साथ ही कॉलेज जाती थी।


इस कॉलेज में करोड़पति लोगों के बच्चे ज्यादा थे। कुछ नेता लोगों के थे। उनका एक ग्रुप था जिसमें ज्यादातर लंडकियां ही थीं, जो बहुत सुन्दर, सेक्सी और एकदम चालू किस्म की थीं। सारी लड़कियां बड़े घर की होने के कारण कुछ नशे भी करती थीं।


मेरे भी काफी दोस्त बन गए। मेरे दोस्त उन लड़कियों के ग्रुप के मेंबर थे। वे अक्सर उन लड़कियों के साथ होटल में जाते और चुदाई करते।


सारी लड़कियां एक नंबर की रंडियां थीं। उन्होंने मुझे भी ग्रुप में शामिल होने होने को बोला।


मेरा भी मन करता था कि इन सुन्दर-सुन्दर अमीर लड़कियों की चुदाई करूं। इस लिए मैं उनके ग्रुप में शामिल हो गया।


मैं दीदी से छुपकर उनके साथ घूमता और पार्टी में भी जाता।


इनमें से एक राशिदा नाम की लड़की कॉलेज में सबके सामने मेरे साथ फ्लर्ट करने लगी। दीदी ने भी ये बात नोटिस की। तो दीदी ने कई बार मुझे उससे दूर रहने को कहा लेकिन मैं राशिदा की चुदाई करना चाहता था।


एक दिन क्लास रूम में राशिदा मुझे किस कर रही थी कि दीदी ने देख लिया।


दीदी ने मुझे उससे अलग कर एक थप्पड़ मारा और राशिदा को बुरा-भला कहा। यह बात राशिदा को अच्छी नहीं लगी।


घर आकर दीदी ने मुझे बहुत डांटा और रोने लगी।










मैंने कहा- दीदी, मेरे सारे दोस्त उनके साथ मजा करते हैं, मैं क्यों नहीं कर सकता? दीदी गुस्से से बोली- उन गंदी और बेशर्म लड़कियों के साथ क्या मजा आता है तुम्हें, अगर आज के बाद तुम उन लड़कियों के साथ दिखे तो मैं तुम्हारी शिकायत पापा से कर दूंगी।


अगले दिन कॉलेज गए तो आज राशिदा और उसकी सहेलियों ने दीदी को परेशान करना शुरू कर दिया। अब वे जानबूझ कर मेरे ही पास रहती, मेरे साथ फ्लर्ट करती।


एक दिन राशिदा ने मुझे अपने साथ चलने को बोला तो मैं उसके साथ चला गया। राशिदा मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी लेकिन मैंने उसे टाल दिया। वैसे मन तो मेरा भी बहुत था लेकिन मुझे दीदी का ख्याल आया तो मैं रुक गया, कि अगर दीदी को पता चला तो वो बहुत नाराज होगी।


मैं राशिदा की कार में घूम कर आ गया। दीदी ने मुझे राशिदा की कार से उतरते देख लिया तो दीदी ने बहुत डांटा। मैंने कहा- वो मुझे जिद करके अपने साथ घुमाने ले गई थी। 


अगले दिन दीदी कालेज में राशिदा और उसकी सहेलियों से भिड़ गई और उन्हें मुझसे दूर रहने को कहा। मैं दूर से दीदी को झगड़ते देख रहा था।









तभी राशिदा ने अपने मोबाइल में दीदी को कुछ दिखाया। दीदी की आखें बड़ीं और चेहरा शर्म से लाल हो गया।


राशिदा दीदी से कुछ बोलकर चली गई। तब मैं दीदी के पास गया तो दीदी अपना सिर झुकाए खड़ी थी।


मैंने दीदी से पूछा- क्या हुआ? दीदी बोली कि आज से कॉलेज में मैं हर समय उनेक साथ ही रहूं।


अब दीदी अपनी सहेलियों को छोड़कर मेरे साथ मेरे बेंच पर बैठने लगी और घर से कॉलेज और कॉलेज से वापस घर तक वो अक्सर साये की तरह मेरे साथ ही रहती।


फिर एक दिन मेरे पास राशिदा का फोन आया, बोली- तूने तो नया बॉडीगार्ड रख लिया है। मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है, दीदी नहीं चाहती कि मैं तुमसे मिलूं। 


मैंने राशिदा से पूछा- और कल तुमने ऐसा क्या दिखाया था दीदी को? वह बोली- हमारे ग्रुप का सेक्स वीडियो था। जिसमें मैं और मेरी सहेलियां लंडकों से गांड चटवा रही थीं। अगर कुछ करना है तो मुझे क्लास के समय कॉलेज के बाथरूम में मिलना। मैंने भी हां कर दी क्योंकि मेरा भी सेक्स करने का बहुत मन था।







अगले दिन मैं क्लास से दीदी को बाथरूम में जाने का बोल कर चला आया। एक यही जगह थी जहां दीदी मेरे साथ नहीं आ सकती थी। 


राशिदा मुझे गर्ल्स के बाथरूम में ले गई और वहां उसकी एक सहेली खुशी भी पहले से मौजूद थी। 


वहां राशिदा ने मुझे एक पाउडर की पुड़िया दी और बोली- इसे चाट! मैंने उससे पूछा- यह क्या है, तो दोनों हंस कर बोली- ये तुम्हें मर्द बना देगी, तुममें घोड़े जैसी ताकत आ जाएगी। तो मैंने उस पाउडर को चाट लिया।


मुझे अजीब सा महसूस होने लगा। राशिदा ने अपनी जींस को घुटनों तक उतार लिया और मेरे सामने घोड़ी बन गई।


उसने गुलाबी पैंटी पहनी हुई थी जिसमें उसकी गांड बहुत मस्त लग रही थी, एकदम गोरी और गोल शेप में! फिर बोली- जल्दी करो अब!









मैंने भी उसकी पैंटी खीच कर नीचे कर दी। अब उसकी चूत भी मेरे सामने आ गई। 


मैंने कहा- लेकिन मेरे पास कंडोम नहीं है। वो बोली- कोई बात नहीं, गांड मार लो। 


मैंने उसकी गांड में लंड डाल दिया। लंड आराम से अंदर चला गया। राशिदा बहुत चुदी हुई लड़कियों में से थी। 


उस लड़की राशिदा की गांड चुदाई मैंने जमकर की।


मैंने चोदते हुए अपना सारा माल उसकी गांड में उड़ेल दिया। फिर मैं जल्दी से क्लास में लौट आया। 


दीदी को शक हो गया और बोली- क्या बात है, बहुत समय लगा दिया बाथरूम में? मैंने कहा- बस, ऐसे ही बाहर घूम रहा था मैं तो!


वे बोली- क्लास के समय बाहर क्यों घूम रहे थे, पढ़ाई करनी है या नहीं? मैं बोला- बस मेरा मन नहीं था। 


बस फिर दीदी ने कुछ नहीं कहा। 






उस दिन के बाद क्लास के समय मैं रोज ही अब राशिदा की गांड और चूत चोदने लगा। 


अब मुझे धीरे धीरे इसकी लत पड़ने लगी। वे लोग मुझे रोज वो पाउडर देती थीं और मुझे चुदाई का पूरा मजा आता था। मैं अब इस सब के बिना एक दिन भी नहीं रह सकता था। 


फिर अचानक राशिदा कॉलेज में से गायब रहने लगी। मैंने उसकी सहेलियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि वह अपने पापा के साथ विदेश घूमने गई हुई है एक महीने की छुट्टी लेकर!


यह सुनकर मेरी तो हालत खराब हो गई और मैं सोचने लगा कि मैं एक महीना बिना चुदाई के कैसे रहूंगा। मुझे अजीब सी बेचैनी होने लगी। अब तक मुझे नशे और चूत की लत लग चुकी थी। 


कई दिन तो मैंने मुठ मारकर काम चला लिया लेकिन अब चूत के बिना नहीं रहा जा रहा था।


मैंने राशिदा की सहेली खुशी से कहा कि वह मेरी मदद करे, मेरे साथ सेक्स कर ले। लेकिन वह भी पूरी रंडी थी, वह पहले तो मानी ही नहीं। 


फिर मैंने उससे मिन्नतें कीं कि वह जो कहेगी मैं करने के लिए तैयार हूं। ये सुनकर वो मुस्कराई और बोली- सोच लो? मैंने कहा- सोच लिया, अब मैं बिना चुदाई करे नहीं रह सकता हूं। और मैं किसी लड़की से भी नहीं मिल सकता हूं क्योंकि दीदी हर वक्त मेरे साथ ही रहती है। अब तुम ही मेरी मदद कर सकती हो।








वह बोली- ठीक है, लेकिन तुम्हें मेरी दूसरी सहेलियों को भी चोदना होगा। यह सुनकर मैं तो और ज्यादा खुश हो गया। 


वह बोली- लेकिन तुम्हें वैसे ही सेक्स करना होगा, जैसे हम कहेंगी। 


खुशी मुझे बाथरूम में ले गई। वहां पर उसकी और भी सहेलियां थीं जिनका नाम रेणु और प्रीति था। 


खुशी ने कहा कि मुझे उन तीनों को एकसाथ खुश करना होगा।


फिर खुशी ने अपनी जींस पैंट खोल कर पैंटी खींचकर नीचे कर दी और कहा- मेरी गांड को खुश करो।


मैंने अपना लंड निकला और गांड पर लगाया तो खुशी मेरी तरफ मुस्करा कर बोली- ऐसे नहीं। मैं उसे देखने लगा तो पास खड़ी रेणु और प्रीति भी हंस पड़ीं।


रेणु बोली- ये तो एकदम बुद्धू है। खुशी इसे बताओ कि कैसे खुश करना है। खुशी मुस्कराते हुए बोली- बहन के लंड, पहले इसे चाट!


मैंने उन लड़कियों के मुंह की तरफ देखा तो तीनों मुस्करा रही थीं।









अब मुझे भी बहुत जोर से चुदाई की तलब लगी थी इस लिए मैंने उसकी गांड चाटना चालू कर दिया।


पहले खुशी, फिर रेणु, और फिर प्रीति … तीनों ने जमकर अपनी गांड चटवाई और एक-एक करके सभी ने मेरे मुंह में पानी भी झाड़ा और मेरे मुंह में ही मूता भी। उन्होंने मेरा लंड हाथ से हिलाकर मेरा पानी निकलवा दिया।


अब रोज वे मुझे गांड-चूत चटवती और मेरे मुंह में ही पेशाब करती, और अपना चूत का पानी निकालती।


मैं दीदी से दूर रहने लगा। दीदी मुझ पर नजर रखती लेकिन फिर भी मैं उन तीनों से किसी न किसी तरह मिल ही लेता था।


राशिदा भी आ गई कुछ दिन बाद … अब चारों मेरे साथ सेक्स करने लगीं।


मुझे तो अब इनकी गांड चाटने की लत लग गई थी। अब पढ़ाई में भी मैं बहुत कमजोर हो गया और शरीर से भी!


दीदी ये सब नोटिस कर रही थी, दीदी ने कई बार मुझसे बात करने की कोशिश की लेकिन मैं दीदी से कुछ नहीं बोलता था। तो दीदी ने पापा को भी बोल दिया.


पापा ने मुझे बहुत डांटा क्योंकि मेरे नंबर बहुत कम आए थे जबकि दीदी फर्स्ट डिविजन से पास हुई थी।


एक दिन जब हम चारों सेक्स कर रहे थे तो मैं राशिदा और खुशी की बारी बारी से गांड चाट रहा था।


तभी दीदी बाथरूम में आ गईं। मुझे इस हालत में देख कर वो गुस्से से चिल्लाई। 







मैंने दीदी को नजरंदाज कर दिया तो वे चारों भी हंसने लगीं। खुशी बोली- ये तो हमारी गांड का कीड़ा है; हमारा कुत्ता है ये! 


प्रीति बोली- आ जा, मेरा पानी निकलने वाला है, पी ले।


मैं दीदी से बोला- तुम जाओ, मुझे बहुत मजा आ रहा है। यह बोलकर मैं प्रीति की चूत चाटने लगा।


दीदी ने बाहर चलने के लिए कहा लेकिन उन चारों ने कहा कि अगर मैं बाहर गया तो फिर वे मुझसे कभी नहीं मिलेंगी। 


इतने में रेणु पेशाब करने बैठ गई और बोली- आ, मेरा अमृत पी ले!






मैं उसकी चूत से मूत की धार देखकर पागल हो गया। मैंने दीदी से अपना हाथ छुड़ाया और रेणु का पेशाब पीने लगा।

दीदी मुझे वहीं पर छोड़कर आ गई।









—-




————————-



फिर मैं होश में आया और मुझे खुद पर बहुत गुस्सा आया। मैं लंड को निकाल कर उसे खींचने मरोड़ने लगा, कि सब इसी के कारण हो 


दीदी ने उठकर मुझे थप्पड़ मारा। फिर वे उठकर दूसरे रूम में चली गई जिससे मुझे बहुत गुस्सा आया।


मैं जैसे तैसे मन मारकर सोने की कोशिश करने लगा।


अगले दिन फिर मैं दीदी से कॉलेज में दूर रहने लगा। यह सब देखकर राशिदा और उसकी सहेलियां मेरे आसपास घूमने लगीं।


मैं दीदी को जलाने के लिए उनके पैरों में गिरकर माफी मांगने लगा। वे बोलीं- आ गई हमारी गांड की याद? 


दीदी ने ये सब देखा और उनके पास से हटने को कहा। 


राशिदा बोली- इतनी ही चिंता है तो अपनी गांड चटवा दे इसको! दीदी बोली- मैं तुम्हारे जैसी नहीं हूं, मुझे रिश्तों और इज्जत का ख्याल है। 


फिर हम लोग घर आ गए। 


मैंने दीदी से कहा- या तो आप मुझे अपने साथ करने दो, नहीं तो फिर मुझे उनके पैरों में पड़ा रहने दो। 






मेरी बात सुनकर वो रोने लगी और बोली- मैं तेरे साथ नहीं कर सकती। हम भाई-बहन हैं। और अगर तू उन लड़कियों के पास जाएगा तो वे तुझे बर्बाद कर देंगी। मैं नहीं माना और बोला- मैं अपनी जान दे दूंगा।


फिर मैं घर से बाहर निकल गया और शाम को लौटा। पापा भी आ चुके थे। 


दीदी खाना बना रही थी। मैं अपने कमरे में चला गया।


दीदी मुझे खाना खाने के लिए बुलाने आई लेकिन मैंने मना कर दिया कि भूख नहीं है। वे बोली- नहीं खाएगा तो पापा सवाल करेंगे। 


फिर मैं खाना खाने आ गया। मैं खाकर फिर रूम में चला गया। 


रात को दीदी मेरे पास आई और मुझे समझाने लगी- अगर किसी को इस बारे में पता चला तो हमारी कितनी बदनामी होगी, हम किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।












[Image: 24542525_019_3762.jpg]


मैंने दीदी से कहा- मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं और आपको पाना चाहता हूं।


दीदी कुछ देर चुप रही फिर बोली- लकी, इस सब में बहुत खतरा है। अगर मैं प्रेगनेंट हो गई तो? मैंने कहा- गोली ले लेना, उससे बच्चा नहीं होता। दीदी बोली- मुझे पता है लेकिन उससे लड़कियां बांझ भी हो सकती हैं। 


मैंने कहा- तो मैं कंडोम लगा लूंगा। दीदी बोली- नहीं, तुम्हारा भरोसा नहीं है। तुम ऊपर से ही कर लो जो करना है, अंदर नहीं देना। 


यह सुनकर मैं तो खुश हो गया। मैं पकड़ कर दीदी के होंठों को चूसने लगा। वे भी मेरा साथ देने लगी। 


धीरे धीरे मैंने दीदी के सारे कपड़े उतार दिए।

[Image: 24542525_074_97bc.jpg]


अब मैं दीदी की चूचियां दबा कर चूसने लगा।


मैंने दीदी की चूचियां मसल कर लाल कर दीं।


दीदी बोली- लकी, धीरे धीरे करो, मैं कहीं भागी नहीं जा रही।


चूचियां चूसने के बाद मैं दीदी की नाभि चूसने लगा। दीदी आंखें बंद किए मज़ा ले रही थी। 


अब मैंने दीदी की चूत को देखा। दीदी की चूत एकदम सील बंद थी; दीदी की चूत छोटी सी, और गुलाबी रंग की थी।


अब दीदी की चूत गीली होने लगी थी। मैंने अपना मुंह दीदी की सील पैक चूत पर रख दिया और चूत चाटने लगा। 


दीदी एकदम होश में आई और बोली- यह गंदी है, इसे मत चाट! मगर मैंने दीदी की एक ना सुनी।


दीदी के मुंह से आवाज आती रही- मत चाट … ये गंदी जगह है … आहह … मत चाट … छोड़ दे … आह्ह मर गई। इतने में दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया। 


[Image: 42362150_016_9508.jpg]



मैं दीदी की सील पैक चूत का सारा पानी चाट गया। उनकी चूत का पानी बहुत स्वादिष्ट था।


वे लंबी सांसें लेने लगी, बोली- अब तो खुश है ना? मैंने कहा- अभी मेरा पानी नहीं निकला है। वो बोली- मैं हाथ से कर देती हूं। 


मैंने कहा- नहीं, मुझे मजा नहीं आता। वे बोली- चूत में तो नहीं डालने दूंगी। मैंने कहा- कोई बात नहीं, और भी तो छेद हैं उसके अलावा! तब मैंने दीदी की गांड की ओर इशारा कर दिया। 


वे बोली- नहीं, गंदी जगह है। इससे अच्छा तुम मेरे मुंह में कर लिया करो। यह बोलकर दीदी मेरा लंड चूसने लगी। 


साथ ही दीदी ने मेरे मुंह में अपनी चूत रख दी। अब वे मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत! हम एकसाथ एक दूसरे के मुंह में झड़ गए। 

[Image: 83913252_105_f509.jpg]

मैंने दीदी को कहा- लंड का पानी मुंह में रोक ले। इधर मैंने भी दीदी की चूत का पानी अपने मुंह में रोक लिया।

[Image: 28674355_076_3efb.jpg]

फिर हमने लिपलॉक किया और एक दूसरे का पानी पी लिया। 


तब हम लिपटकर सोने लगे।


सुबह मैंने एक बार फिर दीदी को लंड पकड़ा दिया तो दीदी ने मेरे लंड का पानी चूसकर निकाल दिया। फिर हम कॉलेज चले गए। 


आज मेरा मूड दीदी की गांड मारने का था इस लिए आज मैं जानबूझ कर राशिदा के पास जा रहा था।


दीदी बोली- लकी तुमने वादा किया किया था कि नहीं जाओगे। मैंने दीदी को कहा दीदी- मेरा मन चुदाई को कर रहा है।


वे बोली- ठीक है, तू उसके पीछे मत जा; मैं तेरा पानी निकाल दूंगी घर जाकर! मैंने कहा- नहीं, मुझे चुदाई ही करनी है। 


यह बोलकर मैं राशिदा के पीछे बाथरूम में जाने लगा। 


दीदी रोकने लगी तो मैंने कहा- मुझे नहीं पता, मेरा पानी अभी निकलवाओ, नहीं तो राशिदा अपनी गांड खोले खड़ी है अंदर!


तो दीदी मेरा हाथ पकड़ कर मुझे दूसरे बाथरूम में ले गई और मेरी चेन खोल कर लंड बाहर निकाल कर चूसने लगी। दीदी ने चूस कर मेरा पानी झाड़ दिया और चुपके से वहां से निकल गई।

[Image: 90181686_009_ccb0.jpg]


घर आकर मैं रात होने का इंतजार कर रहा था।


जब दीदी काम खत्म करके रूम में आई तो मैंने उन्हें पकड़ लिया। मैं दीदी के होंठों को चूसने लगा और उसे जल्दी से नंगी कर दिया। 


मैंने दीदी को पलंग पर लिटा लिया। मैं दीदी की चूचियों को मसलने लगा। वे आंख बंद करके सिसकारियां लेने लगी। 


चूचियां चूसने के बाद मैं दीदी की चूत चाटने लगा। दीदी ने मुझे रोक दिया, दीदी बोली- आज मेरे पीरियड्स हैं, आज यहां भी गंदी है।


यह सुनकर मुझे गुस्सा आ गया। मैंने दीदी से कहा- आपका कुछ गंदा नहीं, आज तो मैं आपकी टट्टी भी खा जाऊंगा। इतना बोल कर मैं दीदी की चूत चाटने लगा।


दीदी की चूत से खून और बहुत सारा पानी निकल रहा था। मैं दीदी की चूत चाटने लगा तो दीदी का सारा शरीर कांपने लगा, बदन पसीने से भीग गया था।


मैंने एकदम से दीदी को उल्टा कर उनके चूतड़ों को फैलाकर उनकी गोरी, चिकनी, गुलाबी गांड के छेद पर अपनी जीभ लगा दी। दीदी एकदम से हड़बड़ा कर उठ गई।


वे बोली- लकी ये मत करो, ये गंदी जगह हैं। यहां मत मुंह मार! लेकिन मैंने दीदी की एक ना सुनी और दीदी को पकड़ लिया।


मैंने अपना लंड दीदी की चूत पर रख दिया। दीदी मुझे रोकती, उससे पहले ही मैंने जोर से दबा कर झटका मारा और मेरा लंड दीदी की सील तोड़ता हुआ अंदर चला गया।


इससे दीदी की जैसे जान निकल गई। दीदी रो रही थी और मैं दीदी को चोद रहा था। 


उसकी चूत बहुत टाइट थी। मेरा लंड ज्यादा देर दीदी की चूत की गर्मी नहीं झेल पाया और दीदी की चूत में ही झड़ गया।


जब दीदी को गर्म वीर्य का अहसास हुआ तो वो होश में आई। वे जोर जोर से रोने लगी। उन्होंने कहा- लकी, तुमने ये क्या कर दिया! 


दीदी की चूत से खून और वीर्य निकल रहा था। पीरियड्स के कारण दीदी की चूत से इतना खून और पानी निकाला कि दीदी की गांड के नीचे खून और वीर्य का बड़ा दाग़ बन गया।


वे बोली- तुमने तो मेरी इ ज्जत लूट ली। फिर वे गालियां देने लगी। 


लेकिन मैंने उनको उल्टी कर कुत्ते की तरह गांड को चाटना शुरू कर दिया। 


दीदी की गुलाबी गांड को चाट चाटकर मैंने साफ कर दिया। वे पलंग पर उल्टी पड़ी अभी भी रो रही थी। 


मैं दीदी के ऊपर लेट गया और दीदी के चूतड़ों को फैलाकर अपना लंड गांड के छेद पर लगा दिया। 


वे गुस्से में देखते हुए बोली- कुत्ते, अपनी औकात दिखा दी!


इससे पहले वे कुछ और कहती, मैंने एक झटके में दीदी की गांड में लंड घुसा दिया। वे तिलमिला उठी और चिल्लाने लगी। 


दीदी की गांड फट गई और खून निकल आया। मैं जोर जोर से गांड चोदने लगा।


फिर कुछ देर बाद वे शांत होने लगी।


तब दीदी बोली- अब बहुत अजीब सा लग रहा है। लेकिन मैं नहीं रुका और गांड को चोदता रहा।


मेरा वीर्य निकलने वाला था। चोदते हुए ही मैं दीदी की गांड में झड़ गया और दीदी के ऊपर लेट गया।


वे कराह रही थी। मैंने उन्हें पकड़ कर सीधी किया। 


फिर मैंने उनके होंठ चूसे और उन्हें बाथरूम में ले गया.


वहां मैंने दीदी की चूत गांड को साफ किया और फिर वापस रूम में लाया।


वे चुदाई के कारण थक गई थी। 


मैं भी फिर चिपक कर लेट गया और हम सो गए।


आधी रात को जब नींद खुली तो देखा दीदी ने गांड मेरी तरफ कर ली थी।


मेरा लंड खड़ा हो गया। मुझे चुदाई का मन करने लगा।

लेकिन दीदी सोती हुई बहुत सुंदर दिख रही थी। मुझे दीदी पर बहुत प्यार आया और मैंने उसे नहीं जगाया और मैं दीदी के चूतड़ों में लंड डालकर ऐसे ही सो गया।

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
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जवानी दीवानी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#7
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#8
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#9
(30-01-2024, 12:20 PM)neerathemall Wrote:
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#10
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#11
(30-01-2024, 12:19 PM)neerathemall Wrote:
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जवानी दीवानी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#12
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#13
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#14




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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#15
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#16
(30-01-2024, 12:32 PM)neerathemall Wrote:
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पहला मजा, बड़ी बहन के साथ
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#17
पहला मजा, बड़ी बहन के साथ





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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#18
(27-04-2024, 01:41 AM)neerathemall Wrote:
पहला मजा, बड़ी बहन के साथ





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मेरे और मेरी बड़ी बहन जिसका नाम अनुष्का (नाम बदला हुआ) है के बीच हुई एक रात का है. मैं अपनी फैमिली के बारे में बता दूँ. हम साधारण लोग है..
पापा सरकारी नोकरी में है. मम्मी हाउस वाइफ हैं. दीदी की शादी हो चुकी है और मैं अभी ग्रेजुयेशन कर रहा हूँ. हम आपस में ज्यादा बात नही करते है. हमारे घर में सेक्स को लेकर कभी कोई बात ही नही करता. अपनी बड़ी बहन के बारे में बता दूँ लम्बाई 5.3, साइज़ 38-26-36, कलर- गोरा है जो शादीशुदा हैं और उनकी शादी को 1 साल हो गया था. मेरे जीजा जी गावं में जॉब में है और उनका ट्रान्सफर रूरल एरिया में हो गया था जिससे दीदी को वो अपने परिवार की देखभाल के लिये कानपुर में ही छोड़ गये थे.
मेरे घर के सभी लोग शादी में गये थे इसलिये दीदी और मैं ही घर पर थे. सभी लोगो को बस में बिठाने के बाद मैं कॉलेज चला गया. रात को हमने खाना खाया और अपने–अपने कमरे में चले गये. रात को करीब 1 बजे दीदी मेरे कमरे में आई और मुझे जगाया में उठा और पूछा क्या हुआ तो बोली कुछ नही और वापस चली गयी. थोड़ी देर बाद फिर आई और पुछा विवेक सो गया क्या तो मैं बोला नही.
फिर मैने पुछा क्या हुआ तो बोली मुझे नींद नही आ रही है तो मैंने कहा आपकी तबीयत तो ठीक है ना. पर अब उनकी साँसे कुछ तेज़ चल रही थी और घबरा भी रही थी तो मुझे लगा की तबीयत ही खराब होगी मैने कहा आपकी तबीयत ठीक नही लग रही है. तो वो बोली तबीयत तो ठीक है पर तुमसे कुछ बात करनी है मैं बोला ठीक हैं बताओं. वो बोली की तुम अब बड़े हो गये हो. मेरी मदद करोगे तो मैने कहा हाँ क्यों नही. तो बोली मेरा दूध पीवोगे ? आज से पहले कभी हमारी इस तरह की बाते नही हुई थी (दीदी को कभी किसी लड़के के बारे में बात करते या मिलते नही सुना था) इसलिये ये सुनकर मैं दंग हो गया. मैने पुछा क्या? तो वो बोली हाँ..(अब उनकी साँसे काफ़ी तेज़ हो गई थी और दिल काफ़ी तेज़ धक धक कर रहा था जिससे उनके बूब्स के हिलने से पता चल रहा था.)
मैने पूछा किस लिये? कुछ देर चुप रहने के बाद उठकर चली गयी. इससे पहले मैने कभी किसी लड़की से ये बात नही की थी इसलिये मैं दंग था पर अंदर से अजीब सी खुशी हो रही थी जो मैं बता नही सकता. करीब 10 मिनिट के बाद वो फिर वापस आई और इस बार वो काफ़ी कॉन्फिडेंट दिख रही थी और पुछा क्या सोचा हैं. मैने कहा क्या हो गया है आपको? अब मेरी साँसे भी तेज़ हो गयी थी जिससे मेरी आवाज़ नही निकल रही थी पर मेरा लंड खड़ा हो गया था. वो बोली देखो मैं काफ़ी दिनो से तुम्हारे जीजा से नही मिली हूँ अब मुझे उनकी ज़रूरत है. मेरी तबीयत अब सेक्स करने से ही ठीक होगी. ये सुन कर मेरा लंड अब पेन्ट फाड़ने को तो तैयार था. वो बोली मैं जानती हूँ की तुम्हे भी एक लड़की की ज़रूरत है. मैने कहा पर आप मेरी दीदी हो.. वो बोली इसलिये तो कह रही हूँ अब उनका और मेरा चेहरा लाल हो चुका था.
मैने कहा पर मैने कभी किया नही है तो बोली मेने तो किया है. मैने कहा अगर कुछ हो गया तो वो बोली कुछ नही होगा और ना किसी को पता चलेगा. अब सब बंद करो. मैने ब्लू फिल्म कई बार देखी थी तो मुझे पता था पर रियल में तो उससे भी ज्यादा मज़ा आता है. फिर वो मुझे अपने रूम में ले गयी. उस दिन उन्होने लाल सिल्क नाइटी पहन रखी थी क्या गजब लग रही थी ये तब पता चला जब ये सब हुआ. दीदी बोली आओ फिर मेरा एक हाथ अपने बूब्स पर रख दिये और कहा इसे दबाओ. मेने वैसा ही किया पर थोड़ा डर रहा था की दर्द होगा.
Ghar me incest sex तारक मेहता में चुदाई कांड – भाग 7
फिर वो बोली थोड़ा ज़ोर से दबाओ मैने कहा दर्द होगा वो बोली दर्द नही होगा और अपने लाल होठों को एक बार मेरे होठों से किस किया मुझे तो जैसे शॉक लगा पर मज़ा आया. फिर मैंने अपने होठों को उनके होठों से लगाया और चूसने लगा वो बराबर साथ दे रही थी. मैने उन्हे बेड पर लेटा दिया और उनके उपर चड गया. मैने फिर किस करना स्टार्ट कर दिया. कुछ देर बाद में थोड़ा नीचे आया और उनके बूब्स को नाइटी के उपर से काटा उनके मुँह से अहह निकल गयी. फिर मैं बूब्स से नीचे आया और उनके पेट पर किस किया फिर और नीचे गया पर चूत को किस नही किया. अब में उनके पैर के अंगूठे को किस किया और उपर बढ़ने लगा. धीरे धीरे मैं उनकी नाइटी को उपर करता गया और पैरो को किस करता रहा.
जब मैने उनकी नाइटी को कमर पर किया तो देखा उन्होने सिल्क लाल पेंटी पहन रखी थी पर वो कुछ भीगी लग रही थी जब मैं उनकी जांघो को किस कर रहा तो एक मधहोश कर देने वाली सुगंध पेंटी से आ रही थी. मैने पेंटी को किस किया तो मेरे होठ भीग गये. मैंने धीरे धीरे नाइटी को उपर चढ़ाया और उनके बूब्स तक पहुच गया. उन्होने गुलाबी कलर की ब्रा पहन रखी थी मैंने ब्रा के उपर से ही चूसना शुरू कर दिया वो एकदम कड़क हो गई. फिर उन्हे उठाया और नाइटी उतार दी दीदी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिये. दीदी बोली तुम तो कह रहे थे कुछ नही जानते हो तब ये सब कैसे? मेंने कहा आप को देख कर हुआ जा रहा है. मैने उन्हे किस किया और ब्रा उतार दी अब बूब्स नंगे थे मैने तुरन्त उनके निपल को चूसना और काटना चालू कर दिया वो बोली आराम से चूसो में कहीं नहीं जा रही हूँ.
मैंने कहा आपने ही तो बोला था दूध पीने को वो बोली तो दूध पीने का मज़ा आया मैने कहा बहुत. अब मैं नीचे आया और उनकी पेंटी निकाल दी. क्या चूत थी यारो. गुलाबी चूत वो भी रियल लाइफ में पहली बार तो आप लोग समझ सकते हैं उस वक़्त क्या महसूस हो रहा होगा मुझे. चूत के बाल छोटे छोटे थे. मैने उनके पैर फैलाये और लग गया चूत चाटने को जैसे ही मैने अपनी जीभ उनकी चूत की फाको पर रखी मधहोशी छा गयी. मैने धीरे धीरे चाटना जारी रखा पर दीदी ने मेरा सर पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत पर रगड़ने लगी फिर कुछ देर में उनका पानी मेरे मुँह पर निकल गया. मैं कुछ समझ नही पाया पर टेस्ट अच्छा लगा तो चूत और चाट ली. दीदी बिल्कुल शांत हो गयी थी पर मैने चूत चाटना जारी रखा. कुछ देर बाद बोली उपर आ जा मैं उपर गया तो उन्होने फिर से किस स्टार्ट कर दिया. मैने रेस्पॉन्स दिया और साथ में बूब्स दबाता रहा अब वो फिर तैयार हो गयी.
मैं भी एग्ज़ाइटेड था इस बार में चूत मेंने एक उंगली डाली और अंदर बाहर करने लगा फिर एक और उंगली डाल दी. दीदी बोली उंगली निकाल लंड डाल उंगली करने से अगर ये शांत हो जाती तो तेरी क्या ज़रूरत थी. ये सुनकर मुझे जोश आ गया और मैने लंड दीदी की चूत के मुँह पर रख दिया और धक्का मारा. मेरे लंड का अगला सिरा ही बड़ी मुश्किल से गया की मुझे दर्द होने लगा. दीदी बोली जा क्रीम ले कर आ मैं क्रीम ले आया और उन्होने अपने हाथो से मेरे लंड पर क्रीम लगाने लगी में एग्ज़ाइटेड होने की वजह से उनका हाथ लगते ही मैने उनके उपर ही वीर्य गिरा दिया. मैं डर गया पर वो बोली कोई बात नही ऐसा होता है. उन्होने वीर्य साफ किया और फिर मेरा लंड अपने मुँह मे ले लिया थोड़ी देर चूसने के बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.
फिर उन्होने क्रीम मेरे लंड और अपनी चूत पर लगाई और चूत की तरफ़ इशारा करके कहा चलो लग जाओ काम पर. उन्होने अपनी टाँगे फैला ली और मैने चूत पर अपना लंड रगड़ा. चूत के मुँह पर लंड रख कर झटका मारा पर थोड़ा ही लंड अंदर गया की मुझे फिर दर्द होने लगा. दीदी बोली फर्स्ट टाइम होता है दर्द. चलो मर्द बनो और अपनी दीदी की चूत को फाड़ डालो. ये सुन कर मुझे जोश आ गया एक जबरदस्त झटका मारा और मेरा पूरा लंड अंदर चला गया मैं और दीदी दोनो ही चीख पड़े. मेरा लंड थोड़ा मोटा है और लंबा भी इसलिये. मुझे ज़्यादा दर्द हो रहा था तो दीदी बोली मेरा दूध पीओं तो ताक़त मिल जायेगी और लंड चूत में डाले डाले ही में उनके लिप्स और बूब्स बारी बारी से चूसने लगा.
अब मुझमे और ताक़त आ गई मैने धीरे धीरे लंड आगे पीछे करने लगा.

दीदी भी साथ दे रही थी और मेरे झटको की गति बढ़ती जा रही थी. दीदी के मुँह से आआआआहह ओंऊऊऊओहूऊ की आवाज़ निकल रही थी जिसे सुनकर जोश बढ़ रहा था. दीदी अपनी टांगो को सिकोड़ने लगी जिससे मुझे ज्यादा ताक़त लगानी पड़ रही थी. फिर दीदी का पानी निकल गया. उन्होने रुकने को कहा. मैं रुक गया और उनके बूब्स को चूसने लगा कुछ देर में वो फिर तैयार हो गई और कहा तुम भी काम पूरा कर लो. में तुरन्त झटके मारना चालू कर दिया कुछ देर बाद मेरा माल निकलने वाला तो मैने कहा मेरा निकल रहा है वो बोली अंदर ही डाल दे कुछ नही होगा जब तक गर्म लावा अंदर नही पड़ेगा तब तक शांति नही मिलेगी. फिर हम दोनो झड़ गये और मैं उनके उपर ही लेट गया. अब सुबह के 5 बज रहे थे.
और हम सोने चले गये थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#19
Nice pics
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#20
next t
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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