Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery होली में रंग लगाने के बहाने सगे देवर ने मेरी कसके ठुकाई की //
#1
Heart 
दोस्तों ! नमस्कार !
मैं कई कहानियां literotica dot com (किन्ही कारणों से ) अलग अलग नाम से पोस्ट की थी (जैसे की masterji1970, seksyseema, seemawithravi, raviram69 आदि), जो की मैं इस BIG PLATFORM पर पोस्ट करने जा रहा हूँ //

आपसे सहयोग की उम्मीद से ...

आपका

// सुनील पण्डित //
(suneeellpandit) [Image: horseride.gif] [Image: announce.gif]

होली में रंग लगाने के बहाने सगे देवर ने मेरी कसके ठुकाई की
हेल्लो दोस्तों, मैं आप सभी का में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मेरा नाम राधा है। ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी।

कुछ दिनों में होली आने वाली थी। मेरा इकलौता देवर अभी अमेरिका में ही था। उसे एक अच्छी स्कॉलरशिप मिल गयी थी और वो कैलीफोर्निया की एक यूनीवर्सिटी में पढ़ रहा था। सुबह से मैं उसे ५ बार फोन कर चुकी थी की वो हिंदुस्तान कब जाएगा। लेकिन होली तक वो आराम से घर पहुच गया था। आज होली थी। देवर मेरे साथ होली खेलना चाहता था।

भाभीआओं तुम्हारे रंग लगाता हूँ!!मेरा देवर तेजस बोला। मेरे पति मोहल्ले में होली खेलने गये थे, इसलिए हम देवर भाभी घर पर बिलकुल अकेले थे। मेरा देवर मेरे कमरे में रंग की बाल्टी लेकर आ गया। मैंने डरकर भागने लगी। मैं दूसरे कमरे में भागी पर उसने मुझे तेजी से पकड़ लिया। आँगन में काफी पानी फर्श पर पड़ा हुआ था। जैसे ही तेजस ने मुझे पकड़ा हम दोनों फर्श पर फिसल गये और धड़ाम से गिर गये। तेजस मेरे उपर ही गिर गया और बचने के लिए मैंने उसे बाहों से दोनों हाथों से कसकर पकड़ लिया। मेरी साड़ी का आँचल हट गया और मेरा गहरा ब्लाउस और उसके अंदर कैद मेरे २ बड़े बड़े सफ़ेद ३६के दूध साफ साफ़ दिख रहे थे। हम दोनों ऐसा फिसले थे की तेजस का मुंह मेरे मम्मो पर चला गया था।






// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#2
मेरे चूचे उसके मुंह में लग गये। ना जाने मेरे देवर को क्या हुआ की उसने मेरे गाल पर सब जगह रंग लगा दिया और मेरे रसीले होठो को चूसने लगा। हम दोनों अंगन में गीली जमीन पर ही लेटे हुए थे और मेरा देवर तेजस जोर जोर से मेरे ओंठ पीने लगा। सायद आज होली के दिन वो मुझे चोदना चाहता था। मुझे भी अच्छा लग रहा था, इसलिए मैंने भी कुछ नही कहा और देवर के होठों का चुम्बन लेती रही। इस तरह १० मिनट हो गये और हम दोनों की गर्मी बढ़ गयी।
भाभीआज मुझे तुम्हारी चूत चाहिए। आज होली है देखो मना मत करना!!मेरा देवर बोला
अंदर से मेरा भी चुदने का मन कर रह था।
देवर जी..तुम मुझे चोद लो लेकिन कहीं तुम्हारे भैया ना देख ले!!मैंने कहा

तेजस भागकर गया और दरवाजा बंद कर आया। अब हम दोनों के बीच में कोई नही था। देवर की आँखों में सिर्फ और सिर्फ वासना भरी हुई थी। आज होली के दिन वो मेरी चूत के साथ अपने लौड़े से होली खेलना चाहता था। देवर से एक बड़ी सी बाल्टी में नीला रंग घोला और मेरे उपर डाल दी। फिर मैंने भी ऐसा ही किया। मैंने भी पूरी १ बाल्टी देवर पर डाल दी। हम दोनों के चेहरे बिल्कल नीले और बंदर जैसे हो गये थे। देवर से मुझे आँगन में ही पकड़ लिया और मेरे रसीले होठो पर किस करने लगा। मेरे होठ भी गहरे नीले रंग में रंग गये थे। हम दोनों आंगन में खड़े थे और देवर ने मेरी पतली सेक्सी कमर को पकड़ रखा था और मेरे होठो को चूसे जा रहा था। इधर मुझे भी बहुत मजा मिल रहा था।
धीरे धीरे मेरे देवर तेजस ने मेरी गीली साड़ी निकाल दी। अब मैं सिर्फ ब्लाउस पेटीकोट में आ गयी थी। देवर ने मुझे कसकर पकड़ लिया और सीने से लगा लिया। वो मेरे जिस्म को हर जगह छूने लगा जैसे मैंने उसकी औरत हूँ।
भाभीआज मैं तुमको कसके चोदूंगा.देवर बोला
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
Like Reply
#3
“देवर जी..आज आपको फुल छूट है। तुम मुझे आज कसके चोद लो!!” मैंने कहा

उसके बाद देवर ने मेरे चेहरे की ठुड्डी को पकड़ लिया और १५ मिनट तक मेरे रसीले होठ चूसता रहा। दोस्तों आज मैं एक गैर मर्द से चुदने वाली थी। रोज अपने पति का लंड खाती थी पर आज देवर का लंड खाने वाली थी। देवर के हाथ मेरे ब्लाउस पर पहुच गये थे और वो मेरे कसे कसे दूध दबा रहा था। मेरे रसीले होठ जो की अभी होली के रंग से नीले हो गये थे उसे चूस रहा था। मुझे भी बहुत आनंद आ रहा था। मेरा देवर मेरे होठो को बिना रुके चूसे ही जा रहा था। हम दोनों घर के आंगन में खड़े होकर ही रोमांस कर रहे थे। देवर के हाथ मेरे कसे कसे दूध को दबा रहे थे। मैं “..हाईईईईई.. उउउहह.. आआअहह”बोलकर चीख रही थी। मैंने देवर के गले में अपने दोनों हाथ डाल दिए थे और हम दोनों ही आँखें बंदकर एक दूसरे के होठ चूस रहे थे।
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
Like Reply
#4
देवर के हाथ मेरी चूचियों को ब्लाउस के उपर से ही दबा रहे थे। बड़ा मजा आ रहा था दोस्तों। बड़ी देर तक देवर मेरे नीले रंग में रंगे होठ चूसता रहा और मजा लेता रहा। फिर उसने मुझे आंगन के फर्श पर लिटा दिया और मेरे भीगे ब्लाउस की बटन खोलने लगा। मेरा कजेला तो धकर धकर कर रहा था। आखिर देवर ने मेरा ब्लाउस खोल दिया और ब्रा भी निकाल दी। मेरे २ बेहद खूबसूरत गोरे गोरे मम्मो देवर के सामने थे। उसे मस्ती सूझी। उसने अपनी पैंट की जेब से एक हरे रंग की पुडिया निकाली और फाड़ने लगा।
“नही…नही..देवर जी, मेरे चूचो में रंग मत लगाओ!!” मैंने घबराकर कहा
पर मेरा ठरकी देवर नही माना। उसने अपने हाथ में रंग घोल लिया और और मेरे दोनों ३६” के चूचो में बड़ी आराम से चुपड़ दिया। हे भगवान मेरे मम्मे तो गहरे हरे रंग के हो गये।
“बुरा ना मानो..होली है!!!!” मेरा ठरकी देवर बोला
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
Like Reply
#5
मैं ठुनठुनाने लगी। उसके हाथ अब भी मेरे नंगे मम्मो में रंग चुपड़ रहे थे। मेरी दोनों रसीली चूचियाँ अब हरे रंग की हो गयी थी। मुझे ये इकदम अच्छा नही लगा। पर देवर मेरे उपर लेट गया और मेरे हरे रंग के भरे भरे दुधारू चुच्चे पीने लगा। धीरे धीरे मुझे भी ये सब अच्छा लगने लगा। फिर तो देवर से आधे घंटे तक मेरे हरे रंग के मम्मे हाथ से तेज तेज दबाए, मजे लिए और मुंह में भरके पीने लगा।

मैं”आआआआअह्हह्हह..ईईईईईईई..ओह्ह्ह्हह्ह..अई-अई..अई…अई..मम्मी..” करके चिल्ला रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। आज एक गैर मर्द से मैं चुदने वाली थी। आज अपने देवर का मोटा लौड़ा मैं खाने वाली थी। देवर अपने हाथ से जोर जोर से मेरे आम दबा रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था।

फिर वो मेरी चूचियों की निपल्स को मजे से पीने लगा और दांत से काटने लगा

“”..मम्मी.मम्मी…सी सी सी सी.. हा हा हा …ऊऊऊ ..ऊँ.ऊँ.उनहूँ उनहूँ..” देवर जी आराम से चूसिये मेरे आम। दांत कम से कम गड़ाइए वरना तुम्हारे भैया जब मुझे नंगा करके रात में चोदेंगे तो मेरे चूचों के निशान देख लेंगे!!” मैं बोली पर मेरा अमेरिका रिटर्न देवर तो इकदम से पागल हो गया था। सायद उस पर अमेरिकी सभ्यता हावी हो गयी थी। वो मेरे कबूतरों को हाथ से पकडकर कसके दबा देता था और मेरी निपल्स को दांत से काट काट कर चूस रहा था और मुझे तडपा रहा था। घंटो यही खेल चला। अब मुझे भी शरारत सूझी। मैंने देवर को गीली जमीन पर ही लिटा दिया और और २ ४ बाल्टी रंग उसपर डाल दिया। फिर मैंने उसकी पैंट खोल के उतार दी, फिर कच्छा भी उतार दिया। देवर का ८” लंड मेरे सामने था। मैंने लाल रंग की पुड़िया फाड़नी शुरू कर दी।
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
Like Reply
#6
“नही भाभी…नही, प्लीस नही!!” देवर डरकर मुझे रोकने लगा

“गांडू…अब क्यों रोक रहा था। मेरे मम्मो में तो तूने जी भरकर रंग लगा दिया था बेटा। अब क्यों मुझे रोक रहा है!!” मैंने कहा और रंग घोलकर देवर के ८” लौड़े पर अच्छे से मल दिया। उसे बहुत बुरा लग रहा था। पर मैं तो फुल मजे कर रही थी। अब देवर का लौड़ा इकदम लाल लाल दिख रहा था। उसके बाद मैं अपने देवर का लंड चूसने लगी। मैंने हाथ में लेकर उसका लौड़ा फेटने लगी। धीरे धीरे उसे अच्छा लगने लगा। बाप रे…मेरे देवर का लौड़ा तो इकदम बोडी बिल्डर था। इतना मोटा था की मुश्किल से मेरे हाथ में आ पा रहा था। मैंने इतना बड़ा लौड़ा आज तक नही देखा था। देवर जी का लंड तो किसी गधे के लंड की मोटा और लम्बा था। मैंने डरते डरते देवर का लंड हाथ में लिया।

“देवर जी..ये तो बहुत लम्बा है। ये कैसे जाएगा मेरे भोसड़े में??” मैंने सहम कर पूछा

“अरी भाभी!!…यही तो उपर वाले के कमाल है की चाहे कितना बड़ा या लम्बा लंड हो औरत की चूत में समा ही जाता है और मजे से उसकी चूत मारता है। तुम बिलकुल परेशान मत हो!!” देवर बोले। मैं सहमकर उनका लंड हाथ में लेकर फेटने लगी और जल्दी जल्दी अपने हाथ को उपर नीचे करने लगी। मन ही मन में मेरे दिल में लड्डू भी फूट रहा था की ये रसीला लंड आज मुझे चोदेगा और खूब मजा देगा। ये सब सोचकर मैंने देवर का लंड मुंह में ले लिया और किसी लोपीपॉप की तरह चूसने लगी। कुछ देर बाद मुझे भी मजा आने लगा। किसी रंडी छिनाल की तरह मैं देवर जी का लंड चूस रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं देवर के लंड से मंजन करने लगी। गले के आखरी छोर तक मैं उनके मीठे और रसीले लंड को मुंह में लेकर चूस रही थी। देवर जी “..आआआआअह्हह्हह… हा हा हा..ओ हो हो…” कर रहे थे।


मुझ जैसी खूबसूरत औरत के रसीले होठ से लंड चुस्वाने का सौभाग्य आज उनको मिल रहा था। ये बहुत ही बड़ी बात थी। फिर मैंने अपने मुंह से उनका लौड़ा निकाल दिया। मेरे मुंह में उनका २ ४ चम्मच माल छूट गया था। मुझे मजा आ रहा था। मैंने देवर के लंड से खेलने लगी। अपने चेहरे पर लंड से प्यार भरी थपकी देने लगा। देवर जी के ८” इंची लंड तो मेरे चेहरे के जितना बड़ा था। वो अपने रसीले लौड़े से मेरे चेहरे की लम्बाई नाप सकते थे। फिर देवर भी अपने मोटे लौड़े से मेरे चेहरे को मारने लगे।

फिर मैं उसकी गोलियां चूसने लगी। आज तो मैं किसी रंडी छिनाल की तरह बर्ताव कर रही थी। मैं ४० मिनट तक अपने देवर जी का रसीला लंड चूसा। उसके बाद देवर ने लेटे ही मेरा सिर अपने हाथो से पकड़ लिया और अपनी कमर उठा उठाकर मेरा मुंह अपने लौड़े से चूसने लगे। आह..मुझे कितना अच्छा लग रहा था। वो लेटे लेटे ही मेरा मुंह चोद रहे थे। इस वक़्त मेरे मुंह में उनका लोलीपॉप ही घुसा हुआ था। आज होली वाले दिन तो मुझे खूब मजा आया। मैंने उनका लंड रंग का लौड़ा जी भरकर चूसा। उसके बाद मेरे देवर को भी मस्ती सूझी। उन्होंने मेरी गीले और रंग में रंगे पेटीकोट का नारा खोल दिया और सर्र से निकाल दिया। मैंने अंदर लाल रंग की चड्ढी पहनी हुई थी। देवर से वो भी निकाल दी। अब मेरी गुलाबी चूत उनके सामने थी। देवर ने लाल रंग की एक पुडिया जेब से निकाली और हाथ में रंग घोलकर मेरी चूत और सफ़ेद जाँघों में अच्छे से निकाल दिया।
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
Like Reply
#7
“नही…देवर जी। चूत का रंग तो नही छूटेगा!!” मैंने घबराते हुए कहा

पर मेरा देवर नही माना और उसने मेरी चूत और जांघो को लाल रंग मजे से चुपड़ दिया और मेरी चूत की मालिश करने लगा। जैसे ही देवर के हाथो ने मेरी चूत को छुआ मैं उचल पड़ी। “…उई-उई-उई…माँ..ओह्ह्ह्ह माँ..अहह्ह्ह्हह.” मैं चिल्ला पड़ी। देवर तो जैसे आज नशे में आ गया था। बड़ी देर तक वो मेरी चूत में रंग मलता ही रहा। उसके बाद मेरा देवर झुक गया और मेरी लाल रंग में रंगी चूत पीने लगा। मैं मचलने लगी। उसने मेरी दोनों टाँगे पूरी तरह से खोल दी थी। इसके साथ ही उसने अपनी हाथ की बीच वाली ऊँगली मेरी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगे।

“आऊ… आऊ…हमममम अहह्ह्ह्हह..सी सी सी सी.. हा हा हा..” करके मैं तेज तेज चिल्लाने लगी। मैं क्या करती दोस्तों, मेरी चूत में अजीब से सनसनाहट हो रही थी। देवर जल्दी जल्दी अपनी मध्यमा से मेरी बुर फेटने लगा। मैं अपनी कमर और पेट उपर उठाने लगी। मेरा गला बार बार सुख रहा था। अजीब हालत थी ये। मेरे तन मन में सनसनाहट हो रही थी। एक तरफ देवर की ऊँगली, तो दूसरी तरह उनकी जीभ और होठ। आज मेरा बच पाना मुश्किल ही नही नामुमकिन था।

देवर को जाने क्या मजा मेरी चूत पीने में मिल रहा था, मैं नही समझ पा रही थी। उनकी जीभ मेरे जिस्म के सबसे कोमल और सम्वेदनशील हिस्से से खेल रही थी। ये विचित्र और अलग अहसास था। मेरे चूत के दाने को वो अपने दांत से पकड़ लेते थे और उपर की तरह खीच लेते थे। मैं पागल हो रही थी।

“प्लीससस..प्लीससस.. उ उ उ उ ऊऊऊ…ऊँ-ऊँ..ऊँ.देवर जी अब मुझे चोद लो वरना मैं मर जाउंगी!!” मैंने कहा
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
Like Reply
#8
देवर मुझे चोदने लगा। मेरी चूत से चूं चू की आवाज आने लगी। मैं उससे चिपक गयी और हम दोनों दो जिस्म एक जान हो गये। देवर अपनी कमर मटका मटकाकर मेरी चूत में तेज धक्के मारने लगा। मुझे अजीब सा नशा चढ़ रहा था। हम दोनों की ठुकाई गीले आंगन में ही चल रही थी। देवर ने मेरे दोनों पैर उठाकर अपने कंधे पर रख लिए थे और मुझे तेज तेज ठोंक रहा था। मेरी चूत में प्रेशर कुकर की तरह देवर ने ६ ७ सीटियाँ लगा दी थी मुझे ठोंक ठोंककर। मेरी कमर अपने आप मोर की तरह नाच रही थी। मैं अपनी गाड़ और दोनों गोरी गोरी जांघे उठा रही थी। फिर देवर का पेट और पेडू मेरे पेट और पेडू से टकराने लगा और चट चट की मदहोश कर देने वाली आवाज पुरे आंगन में सुनाई देने लगी।

ये मीठी आवाज, ये मीठा शोर.. मेरे चुदने का ही शोर था। देवर गमागम मुझे पेल रहा था। मेरी चूत बहुत रसीली हो चुकी थी और कभी कभी उसका झरना छूट जाता था। देवर का लंड बड़े आराम ने मेरी चूत में फिसल रहा था। हम दोनों वास्तव में दो जिस्म और एक जान हो चुके थे। मैं अभी तक सिर्फ अपने पति से चुदवाया था पर मैं कहूँगी की देवर का लंड बिलकुल लोहे जैसा सख्त था जो मुझे सबसे जादा मजा दे रहा था। मेरी हड्डियाँ चट चट चटक रही थी। उसकी आवाज मैं अपने कानो से सुन सकती थी।

जो इस बात का संकेत कर रही थी की मुझे देवर का भरपूर प्यार और सेक्स मिल रहा था। कुछ देर बाद उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाल दिया और मेरे पेट और मम्मो पर उसने अपना माल गिरा दिया। मैं अच्छी तरह से चुद चुकी थी।
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
Like Reply
#9
wwwwwwwwwwwwwwoooooooooooooooooowwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwww
Like Reply




Users browsing this thread: 1 Guest(s)