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Fantasy वो बात पूरानी है।
#1
छोटे से गांव मे रहनेवाली कमली के पति का पांच साल पहले एक अकस्मात की दुर्घटना मे निधन हो गया था।
उस दुर्घटना मे कमली की लड़की गौरी भी गंभीर रूप से घायल हो गई थी,डोक्टरों ने उसे बचा तो लिया पर ह्रदय के कुछ हिस्से मे लगी चोटें गौरी के लिए कभी भी जानलेवा हो सकती थी,डोक्टरों ने ये भी बता दीया था की गौरी  कभी बच्चे की मां नही बन पाएगी।

ये बात का पता सबको चल गया था,गौरी अब अठारह साल की हो चुकी थी।

कमली का पति काफि पैसे छोड़ गया था,कमली ने भी बारहवीं तक पढ़ाई भी की थी तो वो आराम से घर का गुजारा कर रही थी।

वैसे तो कमली सरल और सीधी-सादी थी पर उसका कामुक बदन उसके लिये कभी कभी दिक्कते खड़ी कर देता था।

गोरा गोरा शरीर,कद पांच फुट छह इंच है,होंठ खूबसूरत गुलाब की पंखुड़ियों जैसे,बल खाती पतली कमर के बीच नाभि की गहराई, काले रंग की नशीली आँखें।

उसके वक्ष पर उठी हुई 36 इंच की गोल और सख्त चूचियाँ,सपाट पेट,नितम्ब थोड़े भारी हैं, टांगें लंबी और जांघें सुडौल हैं तथा उसके नितम्बों तक पहुँचते हुए काले काले बाल।

कामुक बदन होने से उसकी उम्र 37 साल होने के बावजूद भी वो 26-27 साल की लगती है। 

गांव के नौजवान लड़कों से लेकर पचास-साठ साल के बुढ्ढे भी कमली के बदन का रसपान करने की फिराक मे रहते थे।उसकी मटकती चाल देखकर गांव के कई पुरूषों का लंड पेन्ट मे ही खड़ा हो जाता था और पानी छोड़ देता। 

गांव मे दो-चार कुंवारे लड़के तो ऐसे भी थे, जो उम्र मे अपने से दोगुना बड़ी इस 37 साल की विधवा औरत से शादी करके अपनी पत्नी बनाने को भी तैयार थे।

पर कमली कभी किसी आदमी को भाव नहीं देती थी,वो अपने आपको सबकी वासना भरी नजरों से बचाती।

पर कमली की एक और मजबूरी थी,उसकी बेटी गौरी शादी के लायक हो गई थी,गौरी की शारीरिक तकलीफ़ के कारण पहचान वाले सभी अच्छे लड़के उसके साथ विवाह करने से मना कर देते थे।

काफी खोज के बाद पास के ही एक गांव मे एक लड़का गौरी के लिए मिल गया,जो गौरी के साथ शादी करने के लिए तैयार था,
कमला की सहेली चंदा की मदद से रिश्ता पक्का हो गया,चंदा माधव की पडोस मे रहती थी। 
उसका नाम माधव था,वो अपने चाचा-चाची के पास रहता था,उसके चाचा ने ही उसे पाल-पोष कर बडा़ किया था पर उसकी चाची बहोत खराब थी वो हर बात पर माधव को तंग करती रहती थी,
वो एक छोटी सी प्राइवेट कंपनी मे काम करता था। दिखने मे वो सामान्य ही था पर गौरी के हिसाब से तो वो हजार गुना अच्छा था,कमली इस रिश्ते से खुश थी।

पर बात कुछ और ही थी , माधव अपना अलग घर बसाने के चक्कर मे गौरी से जल्दी से शादी कर लेना चाहता था।

गौरी और माधव की शादी हो गई। 
गौरी नवविवाहित जीवन का आनंद उठाने लगी।

फिर इसी तरह साल-देढ बित गया...

एक दिन गौरी और माधव कमली के घर गये थे।

गौरी और अपने दामाद को देखकर वो खुश हो गई। उसने जल्दी से खाना बना दिया।

सबने खाना खा लिया और कमली ने घर का काम निपटा लिया।
थकान की वजह से गौरी जल्दी सो गई थी।

गौरी और माधव एक कमरे मे सो रहे थे,कमली बाजूवाले कमरे सोने चली गयी।

रात के लगभग दो बजे होगे,गौरी गहरी नींद मे सो रही थी पर माधव करवटे बदल रहा था की अचानक घर के पिछवाड़े की तरफ दो लोगों की बात करने की आवाज आ रही थी। माधव ने धीरे से थोड़ी सी खिड़की खोल कर चुपके से देखने लगा।

एक लंबा,चौड़ा आदमी और दूसरी औरत माधव की सास कमली थी। चांद की हल्की रोशनी मे वो अनजान आदमी कमली को अपनी और खींच रहा था।

कमली : भोला,वो,विडियो मुझे दे दे.

भोला : पहले एक बार मुझे चोदना है तुझे.

कमली : नहीं,तूं पहले वो विडियो मुझे दे दे.

भोला : दे दूंगा पर मेरी रानी,चल अब कपड़े उतार.

कमली : मुझे तुज पर भरोसा नहीं है,पहले विडियो बाद मे ही कुछ होगा।

भोला : में अपना फोन घर पर भूल आया हूं।

कमली : तो ठीक है,कल रात वो विडियो मुझे दे देना और एकबार चोद लेना मुझे,इससे पहले की मेरी बेटी या दामाद जाग जाये मुझे घर मे लौट जाना चाहिए।

माधव को गुस्सा आ रहा था क्योंकि उसकी सास उस अनजान आदमी से रंडीयों की तरह चूदने की बात कर रही थी।

वो अनजान आदमी चला गया,कमली भी दबे पांव घर के भीतर आ गई.

माधव : इतनी रात को वो आदमी कौन था???

कमली के कानों मे माधव का प्रश्न टकराया। कमली चौंक गई। 

कमली : आप अभी तक सोये नहीं???

माधव : नही में खिड़की से आप दोनों को देख रहा था,वो कौन था???

माधव ने गुस्सा करते हुए पूछा,

कमली : आप जानकर क्या करोंगे ?

माधव : एक तरफ आप शरीफ़ होने का ढोंग करती हो और रात मे अनजान पुरुष के साथ मजे करती हो !!!

कमली : बस,अब आगे कुछ मत बोलिए,में वो सब अपनी मर्ज़ी से नहीं कर रही थी।

माधव : तो फिर क्यों?

कमली : एक बार में अपने कमरे मे उंगली से हस्तमैथुन कर रही थी,गलती से कमरे की पिछली खिड़की खुली रह गई थी तो गांव के सरपंच के बेटे ने मोबाइल मे मेरा विडीयो बना दीया,अब वो मुझे परेशान कर रहा है की अगर मैंने उसकी बात नहीं मानी तो वो मुझे पूरे गांव मे बदनाम कर देगा...

कमली रोने जैसा मुंह नीचा करके शर्म से खड़ी थी लगी।

माधव : सच मे ???

कमली : दामादजी,भगवान गवाह है कि इसके पहले मेरे पति के सिवा किसी और ने मुझे गलत नीयत से छुआ भी नहीं था। दामादजी,मेरा यकीन करो मैं ऐसी वैसी बिल्कुल नहीं हूँ।

माधव को सारी बात समज आ गई।

अगली रात कमली और माधव ने योजना बनाई,रात मे भोला को चुदाई का लालच देकर कमली ने घर के पिछवाड़े बुलाया और माधव ने उससे वो विडियो वाला माेबाइल जबरदस्ती छिनकर तोडफोड कर उस नंगे विडीयो का नाश कर दिया।

माधव : अब आप को उससे डरने की जरूरत नहीं है...

कमली : अगर आप मेरी मदद नही करते तो वो गंदा आदमी मेरा क्या हाल कर देता!!!
माधव : जो होता है वो अच्छे के लिए ही होता है,अगर उस रात मेेंने आपको नहीं देखा होता तो मुझे सब पता भी नहीं चलता।

कमली : आपका मुझ पर ये एहसान रहेगा।

माधव : कैसी बात कर रही है ?आप तो मेरी अपनी है।

यह सुनकर कमली रोने लगी,
रोने की आवाज सुन के कोई भी आ सकता था, ‘कोई बात नहीं,चलो भूल जाओ उस बात को!’ माधव ने उसे सांत्वना दी लेकिन उसकी रोना रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था।
फिर कमली ने भावुक होकर माधव अपने से लगा लिया,माधव उसकी पीठ सहलाते हुए उसे सांत्वना देने लगा। कमली प्यार भरे आलिंगन की अनुभूति करके जोर से रोने लगी जैसे कि औरतों में होता ही है।

‘अब जल्दी से चुप हो जाइए,वरना गौरी आपके रोने की आवाज सुन के कभी भी यहां आ सकता ही।’ माधव उसके बालों में हाथ फेरते हुए उसे सांत्वना दी।

माधव बात सुन के कमली ने खुद पर काबू किया और उसका सुबकना कम हो गया लेकिन वो माधव के आलिंगन में बंधी रही।
माधव ने प्यार से उसके आंसू अपने हाथों से पौंछ दिए और उसे फिर से छाती से लगा लिया और उसकी पीठ और सिर पर आहिस्ता आहिस्ता दुलारते हुए उसे शान्त करने लगा, वो भी माधव की छाती में सिर छुपाये चुप हो गई !
समय जैसे थम सा गया और दो जिस्म जैसे आपस में बातें करने लगे।

एकांत नर मादा को एक दूसरे की तरफ खींचता है,उन दोनों बीच भी वही हुआ,माधव के स्नेह प्यार का बंधन, आलिंगन बहुत जल्दी काम-पाश में बदलने लगा और अब माधव के बाहुपाश मे जकड़ी हुई एक भरपूर जवान नारी देह थी जिसे माधव कभी गलत नज़र से देखा नही था।

कमली के जिस्म की गरमी,उसके मांसल भरे भरे स्तनों का वो मादक स्पर्श माधव मे वासना की आग भरने लगा जिसके प्रत्युत्तर मे उसका लंड भी फुंफकार करने लगा।
माधव को लगा कि जैसे कमली ने अपना बदन उसके और नजदीक ला दिया हो!
कमली पिछले कई समय से अनचुदी थी तो उसका तन मन भी जरूर उसी सुख की लालसा करने लगा था।

हालांकि माधव के अंदर से आत्मा का एक क्षीण सा प्रतिवाद उठा,उसके उसूलो ने उसे झिंझोड़ा,चेताया कि यह पाप मार्ग है,अब भी संभल जा लेकिन मन ने अपना ही तर्क दिया कि अगर तू न होता तो वो हरामी भोला तेरी सास को चोद देता,कोई और उसे फसाकर चोदे उससे बेहतर यहीं होगा की क्यो न तूं ही उसे चोदे ???

और माधव चाह कर भी कमली को अपने बाहुपाश से मुक्त न कर सका और न कमली माधव से छूटने का कोई प्रयास कर रही थी जबकि माधव खड़ा लंड उसके पेट पर दस्तक दे रहा था और यह भी संभव था कि कमली लंड के स्पर्श से अनजान रही हो!!!

कमली को माधव की बाहों मे सलामती का एहसास हो रहा था।

थोड़े से वक्त बाद वो अलग हुए,एक दूसरे की आंखों मे देंखा,पर दोनों के देखने का नजरिया बिल्कुल बदल गया था।

इस छोटी सी घटना ने दामाद और सास के भीतर वासना की बड़ी आग लगा दी थी !!!

कमली :अब आप सो जाइए।

माधव:आप भी सो जाइए,वो अब कभी आपको तंग नहीं करेगा !!!

और दोनों अपने अपने कमरों मे जाकर सो गए।

सुबह गौरी सो रही थी,कमली जल्दी उठकर कपड़े धो रही थी,
उसका पूरा बदन पानी से लथपथ था,ब्लाउज भिगने की वजह से पारदर्शी बन गया था,जिसके कारण ब्रा मे कैद बड़े बड़े स्तनों का आकार साफ़ दिखाई पड़ता था।
माधव की निगाहें हर पल कमली की छाती को ही देखने लगी थी,गौरी के स्तन साधारण थे पर कमली के वक्ष की बात कुछ और ही थी !!!
जैसे ही कमली को पता चला की उसके दामाद की नज़र उसकी छाती पर है तो उसने साड़ी से अपने वक्ष को ढक दिया।

कमली सुबह जब माधव को नास्ता परोसने के लिए नीचे झुकी को माधव उसके दो स्तनों के बीच की घाटी मे खो गया !!!
कमली के कंधे पर उसकी गुलाबी ब्रा की पट्टियों माधव को साफ दिखाई दे रही थी, कमली के टाइट स्तन माधव को बहोत आकर्षित करने लगे थे।

फिर गौरी और माधव वापस अपने घर  चले गये।

एक दोपहर को कमली उस रात की घटना को याद कर रह थी,तब वो उठकर कमरे मे गई और आयने मे अपने आप को देखने लगी।
कमली के यौवन का ये भी रहस्य था कि उसके पति के सिवा किसी और पुरुष को उसने अपने बदन को छूने भी नहीं दिया था,गौरी के पेदा होने के बाद उसका पति भी उसे कभी कभी चोदता था,और पिछले कई सालों से उसके शरीर को आदमी के स्पर्श नहीं हुआ था,चूत की गरमी वक्ष पर फूट रही थी,कुंवारी लड़की की तरह स्तन दिन ब दिन तंग हो रहे थे !!!

कमली सारा वक्त अब माधव के बारे मे ही सोचती रहती थी। वो खुद को ऐसा करने से रोकना चाहती पर पता नही क्यों बार बार उसका ही खयाल आ जाता।

कमली ने गांव की कई औरतों के बारे मे सुना था जो अपने देवर,जेठ या भतीजे से चुदवाती थी। इन्हीं बातों ने उसकी वासना को बढावा दे दिया।

अपने दामाद को याद करते करते कमली का हाथ कब उसकी चूत पर पहुंच गया उसे पता ही नहीं चला,वो धीरे धीरे अपनी उंगली चूत मे डालकर हस्तमैथुन करने लगी,थोडी देर मे ही वो झड़ गई।

उसके दिमाग और दिल के बीच टकराव होने लगा,
उसका दिमाग कहता था की अपनी बेटी के पति के साथ नाजायज़ संबंध रखने के बारे मे सोचना भी पाप है...

पर दिल तो कुछ और ही बोल रहा था की,,,
ये जवानी बार बार थोड़े ही मिलती है ?

आज नही तो कल तूं गलत कदम उठा ही लेगी,तेरे अरमान नही है की कोई तुझे भी बेपनाह प्यार करे ?

तूने माधव को नही देखा वो तेरी कितनी फिकर करता है ?

और तूं कहां गौरी को नुकसान पहुंचा रही है ?

अगर गौरी माधव को पूरी तरह संतुष्ट नही कर पाती होंगी तो वो किसी के और औरत के चक्कर मे पड़ गया तो ?

प्यार और शरीर सुख की प्यासी कमली वासना के आगे हार गई,उसने आगे बढ़ना तय कर लिया।

दूसरी और माधव का हाल भी ऐसा ही था। उसे भी अपनी खुबसूरत सास लुभाने लगी थी।

पर सवाल यह था की अब शुरुआत कौन,कैसे करे ???

समय तो अपनी ही रफ़्तार से बढ रहा था।

माधव कमली का हाल-चाल पूछने बहाने दो-तीन दिन मे एकबार फोन जरूर करता था।
गौरी को थोड़े दिनों के लिए अपनी एक सहेली की शादी मे जाना था,
काम की वजह से माधव ने उसके साथ जाने से मना कर दिया।
पर गौरी ने माधव को खाने-पीने और कपड़े धोने मे दिक्कत ना हो इस लिए थोड़े दिनों के लिए अपनी मां को माधव के साथ रहने के लिए बुला लिया। 

एक रात घड़ी मे दो बजे थे,कमली के मोबाइल फोन की घंटी बजने लगी...

कमली : हल्लो,दामादजी,आप सब ठिक तो है ना ?

माधव : हां.

कमली : इतनी रात को आपका फोन आया तो मुझे चिंता होने लगी.

माधव : बस,मुझे नींद नहीं आ रही थी तो आपको फोन किया.

कमली : नींद तो मुझे भी नही आ रही थी,में भी आप ही के बारे मे सोच रही थी।

माधव : कया सोच रही थी मेरे बारे मे ?

कमली : कुछ नही,बस यूंही.

माधव : गौरी ने आपको बताया है की कल आपको यहां आना है ?

कमली : हां,में सुबह ही आ जाउंगी.

माधव : और एक बात कहनी थी आपसे...

कमली : कहिए...

माधव फोन काट देता है,वो अपने दिल की बात नही बता पाता।

कमली समज गई थी की उसका दामाद भी उसके रूप का लट्टू हो चुका है !!!
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#2
सुबह कमली के आने के बाद गौरी अपनी सहेली की शादी के लिए रवाना हो गई और माधव अपने काम पर चला गया।

दूसरे दिन सुबह माधव काम पर जाने से पहले कमली के कमरे मे एक कागज़ छोड़ गया था,

कमली कमरे की साफ-सफाई कर रही थी तब वो उसके हाथ लगा,

उसमे लिखा था,'क्या आप मुझे पसंद करती है ?,शाम तक आपके जवाब का इंतज़ार रहेगा'

कमली ये देखकर माधव के भोलेपन से हंसने लगी।

शाम को जब माधव जानबूझकर देर से वापस आया और चूपचाप खाना खाने लगा।

तब तक कमली ने घर का सारा काम निपटा दिया था।

कमली चाहती थी की इसकी शुरुआत उसका दामाद करे तो सही रहेगा,अगर खुद ने पहल दिखाई तो माधव समझेंगा की उसकी सास का चरित्र पहले से ही खराब है।

जब कमली सोने जा रही थी तब माधव ने हिम्मत करके पूछ लिया,'आपने मेरी बात का कोई जवाब नही दिया?'

कमली अनजान बनते हुए बोली,' किस बात का ?'

माधव : क्या आप मुझे पसंद करती है ?

कमली : हां,आप इतने अच्छे जो हो.

माधव : आप सच मे मुझे पसंद करती है ?

कमली : हां,और कितनी बार बोलूं ?

माधव कमली की मर्जी को समझ गया,उसे आगे बढ़ने मे कोई खतरा नही लगा।

कमली अपने कमरे मे जाकर बिस्तर पर बैठ गई तो माधव भी उसके नजदीक बैठ गया।

कमली : मुझे डर लगता है, में गौरी को धोखा दे रही हूं ,अगर गौरी को इस बात का जरा सा भी पता चला तो में तो मर ही जाउंगी।

माधव : में वादा करता हूं की ये बात सिर्फ हम दोनों के बीच ही रहेगी।

कमली कुछ नहीं बोलती.

माधव : तो आप मुझे बस यूंही पसंद करती है ?

कमली : नहीं,पर ये सब करना मेरे लिए आसान नहीं है।

माधव: मुझे पता है की आपको बहोत शरम आ रही है.

कमली :जी दामादजी.

माधव : आप मुझे दामादजी मत कहीए,मेरे नाम से बुलाइए.

कमली : में ऐसे आपको नही बुला सकती.

माधव कमली के एकदम चिपक कर बैठ जाता है,
माधव कमली के इयररींग को देखता दै और छूता है, 'बहोत ही सुंदर है आपकी तरह,एकदम फूल जैसे नाजुक'.

कमली शरमा कर नीचे देखने लगती है,उसे पता नहीं की कैसे उसका प्रतिभाव दे!!!

23 साल का दामाद और 37 साल की विधवा सास एक बंद कमरे मे !!!

एकांत माधव को उतेजित कर रहा था,उसने कमली के मुलायम हाथ को अपने हाथ मे लिया और सहलाने लगा,कमली माधव के मजबूत हाथ को महसूस कर रही थी। 
माधव ने अपना दायना हाथ कमली के कंधे पर रख दिया और कमली के बायें कंधे को जोर से दबा दिया।

माधव: में जानता हूं ये सब अजीब लगेगा आपको,पर "आइ लव यू "में जीवन मे आपका साथ देना चाहता हूं,आपको कभी अकेला नहीं छोड़ूंगा,आप भले ही मेरी सास हो पर उससे मेरा प्यार कम नहीं होगा,आप की खुबसूरती ने मुझे आपका दिवाना बना दीया है,में आपको किसी चीज़ की कमी नहीं होने दूंगा,आपकी एक खुशी के लिये में जान भी दे सकता हूं।

इतना कहकर माधव ने अपना चेहरा कमली के बालों मे लगा दिया और कमली की रेशमी जुल्फों की खुशबू लेना लगा।

फिर धीरे से,'ओह...मेरी कमली 'इतना कहते ही माधव ने अपने होठ कमली की सुराहीदार गरदन पर रख दिया और चुमने लगे। 
कमली के मन मे अजीब सा एहसास हो रहा था,वो इन सब चीजों को टालना चाहती थी। पर कैसे ?

कमली :कोई आ जाएगा...

माधव: इतनी रात को कोई नहीं आ सकता।

माधव ने कमली पर अपनी पकड़ मजबूत की,वो गरदन को चाटे जा रहा था,माधव ने दायें हाथ से कमली के बायें हाथ को पकड़कर दबाने लगा,कमली के जिस्म से उठ रही खुशबू से वो और भी रोमांचित हो रहा था,वो सोचता है की आज उसकी सास बाहों मे है तो वो ज्यादा उतेजित हो रहा था,उसका लंड पेन्ट के अंदर ही एकदम लोहे के डंडे की तरह सख्त हो रहा था।

माधव बिस्तर पीठ के बल सीधा लेट गया और साथ ही कमली को अपने उपर खींच लिया,वो कमली को चूम रहा था,उसकी गरदन को चाट रहा था,
कुछ देर मे कमली भी गरम हो गई,
उसके मुंह से 'आहहह....आहहह...' की आवाजें निकालने लगी,कमली की सांसें तेज़ हो गई थी।

माधव के पैर कमली के पैरों को स्पर्श करते है,उसने कमली की ओर देखा और एक मुस्कान के साथ आगे बढकर कमली के गुलाबी होठों को चुम लिया,
वो अपने होठ कमली के होठों पर रखकर कमली के होठों के रस का स्वाद लेने लगा।
वो अपने होठों से कमली के नीचले होठ को मुंह मे लेकर चुसने लगता है,शरम से कमली की आँखें बंद हो जाती है।

माधव का हाथ कमली की साड़ी के अंदर,कमली के पेट पर रख देता है,और हल्के से फिराता है।
वो अपनी जीभ बाहर निकालकर कमली के मुंह मे डालने की कोशिश करता है।

कमली मुंह नही खोलती,वो टालना चाहती है,वो कमली के दोनों होठों को अपने होठों के बीच दबा दैता है...
माधव बोलता,'मुंह खोलो ना'

कमली न चाहते हुए भी माधव का साथ देने लगती है,कमरे मे चुंबनो की मधुुर आवाज़ गूंजने लगती है,
एक 23 साल का जवान लड़का है और दूसरी 37 साल की कामुक सास।

माधव कमली के पेट मे उसकी नाभि को ढूंढने की कोशिश करता है,जैसे ही वो मिलती है,वो उसमे उंगली डाल देता है। 
कमली माधव की उंगली अपनी नाभि  मे पाकर ज्यादा गरम हो जाती है और अपने होठ से माधव के होठों को जोर से चूसने लगती है।
कुछ देर दोनों एक दूसरे के होठ चूसने के बाद अलग होते हैै,माधव की उंगली अभी भी कमली की नाभि मे थी। 
माधव ने नीचे कमली की नाभि को देखा,वो पहली बार कमली की नंगी नाभि देख था,वो अपने आप पर काबू खो बैठा,उसने अपने होठ कमली की नाभि पर चूमने लगे,कमली की पतली कमर पकड़ते हुए अपनी जीभ उसकी नाभि मे डाल दी।

माधव के होठ अपनी नाभि पर पडते ही मुंह से निकल गया, 'आहहह...दामादजी...आहहह...नहीहीही...ये क्या कर रहे है...'

माधव को लगा की कमली को भी अब मजा आने लगा है,पर वो जानता था की उनकी विधवा सास बहोत शर्मीली है,यह सोचकर उसे भी मजा आ रहा था।

उसने अपनी जीभ जा सके उतनी अंदर जाने दी और हल्के से उसे काटने लगे,
कमली बिस्तर पर अपने पैर पटक रही थी,उसके मुंह से आहहह...आहहह की आवाजें निकालने लगी थी। तब माधव ने कमली की नाभि को चूमना बंद कर दिया।

फिर माधव ने कमली की साड़ी का पल्लू पकड़कर साड़ी को पूरी तरह बदन से खींचकर अलग कर दिया,

जैसे ही माधव ने कमली की साड़ी को निकालकर कोने मे फेंक दिया,उसकी आंखों के सामने कमली के स्तन जो की उसके ब्लाउज मे एकदम टाइट थे वो उजागर हो गये।
कमली का ब्लाउज इतना टाइट था की वो कमली की चूचियाें को संभाल नहीं पा रहा था,ब्लाउज का गला इतना खुला था की कमली की चूचियां की पूरी घाटी नज़र आ रही थी,माधव ने उसकी सारी जींदगी मे एसा नजारा नहीं देखा था!!!

माधव कमली के उपर चढ जाता है,माधव  और कमली के पेट एक दूसरे से चिपक गये है,माधव कमली के दो स्तनों के बीच की घाटी को चूम रहा है,कमली अपना हाथ माधव के कंधे पर रख देती है,वो अपने दामाद के होठों को स्पर्श अपनी मुलायम छाती पर महसूस करती है,माधव नीचे की तरफ कमली के पेटीकोट के उपर से हल्के हल्के धक्के मारने लगता है।

कमली अपनी सांसों को काबू करने की कोशिश करती है,पर कमली का मजबूत दामाद उसके उपर लेटकर दो स्तनों के बीच की दरार को चाट रहा है।

अचानक कमली महसूस करती है की उसके दामाद का एक हाथ दायीं चूची पर था,उसे बहोत शर्म आती है अपनी चूची पर अपने दामाद के हाथ से छूने से...
माधव धीरे से कमली की दायीं चूची को ब्लाउज के उपर से ही दबाता है,
जैसे ही वो कमली की टाइट चूची को दबाता है उसके पूरे शरीर मे एक अजीब सा संवेदन महसूस होता है,ये वही पल था जब वो अपनी कामुक सास की टाइट,सख़्त,मुलायम चूची को छू रहा था। 

माधव कमली की आंखों मे देखता है और कमली माधव की आंखों मे देखती है,माधव अपना बायां हाथ कमली की बायीं चूची पर रखकर मुस्कुराता है तो कमली शरम के कारण अपनी आंखें बंद कर देती है,माधव कमली की दोनों चूचियों को दबाने लगता है।

ये दृश्य काफ़ी रोमांचित है,जब एक दामाद अपनी खूबसूरत विधवा सास के साथ  संभोग करने के लिए बेताब है। 
माधव कम्मो के ब्लाउज का पहला हूक खोल देता है और फिर दूसरा भी।
तभी कम्मो माधव का हाथ पकड़कर रोक देती है।

कम्मो : दामादजी,,,मत करो ऐसा...

माधव : बस थोड़ा और फिर कुछ नहीं करूँगा...

कम्मो के मना करने के बाद भी माधव उसके ब्लाउज के हूक खोलना जारी रखता है और माधव ब्लाउज निकालकर नीचे फेंक देता है। 
जैसे ही ब्लाउज निकल गया,माधव कमली की सफेद ब्रा मे कैद चूचियाँ देखकर पागल हो जाता है !!!

माधव : आहहह...मेरी प्यारी सास...आपको भगवान ने सिर्फ मेरे लिए बनाया है,में सारी उम्र इसी तरह देखना चाहूँगा,आपका ये खूबसूरत बदन,ये मस्त जवानी शायद मेरे ही नसीब मे लिखी थी,बस अब और मुझे कुछ नही चाहिए!!!

इतना कहते ही माधव ने पहली बार कमली की दायें तरफ की चूची को ब्रा के उपर से दबाया और उसका मुंह कमली की ब्रा के उपर रखकर उसकी चूची को चूमा। फिर माधव ने कमली ब्रा के उपर से अपने मुंह से उसके निप्पल को पकड़कर धीरे से काट लिया।

कमली : आहहह....दामादजी,ये ठीक नहीं है,में आपकी सास हूं,यह पाप है।

माधव : नहीं,आप मेरी सास के सिवा एक कामुक औरत भी हैं,आप मुझे वो सुख दे रही हो जो आपकी बेटी मुझे कभी नहीं दे पायी थी और नहीं कभी दे पाएगी।

कुछ देर ऐसे ही कमली की चूचियां चूसने के बाद माधव ने कमली को उल्टा लिटा दिया,फिर वो उस पर चढ़ गया,माधव उसकी पीठ चाटने लगा,कमली की गोरी कमर पर हाथ फिराने लगा,नीचे कमली सिर्फ पेटीकोट मे ही थी,और उसकी गांड बिलकुल उभर कर दिखाई दे रही है,वो पूरी तरह कमली के उपर चढ़ जाता है,कमली माधव के मजबूत शरीर के नीचे साधारण सी दब जाती है।

माधव का लंड कमली की गांड का स्पर्श पाकर एकदम लोहे जैसा कडक हो जाता है और वो लंड को उसकी गांड पर रगड़ने लगता है,माधव उठकर कमली की गांड पर बैठ जाते है,और अपना शर्ट उतार के कमली के उपर वापस लेट जाता है।
और फिर वो कमली को कस के पकड़ लेता है।
कमली को माधव की मजबूत छाती महसूस होती है अपनी पीठ पर,माधव पागलों की तरह कमली की पीढ,गरदन,कान को चाटता है...

कमली सिर्फ,'आहहह...उफफफ...'करती है।
फिर माधव कमली के ब्रा के हूक खोलने लगता है,उसे थोड़ी सी दिक्कत होती है पर आखिर वो सब हूक खोल देता है,वो कमली को फिर उल्टा करता है पीठ के बल सूला देता है।

कमली के स्तनों को देखकर माधव का दिमाग हिल जाता है !!!
एकदम गोरे गोरे,बड़े बड़े दो स्तन,
जिसमे भूरी नसे भी दिखाई दे रही है हल्की हल्की,
दोनों स्तनों पर गुलाबी-भूरे मिश्र रंग की मध्यम आकार की निप्पल...

कमली तो माधव से नजरे ही नही मिला पा रही थी और चादर से अपने वक्ष को ढकने लगी,माधव चादर को हटा देता है,वो हल्के से कमली की दोनों चूचियों को पकड़ता है और दबाता है,फिर जोर से मसलता है।

कमली : उईईई...माआआआ...बस दामादजी...नाआआआ...

माधव बिना समय बराबर किए कमली के स्तन के निप्पल पर अपना मुंह रख देता है,कमली पागल सी हो जाती है!!!
वो निप्पल को मुंह मे रखकर खींचता है,फिर छोड़ देते है,वो 2-3 बार एेसा करता है।
कमली तो शरम के मारे अपने हाथ अपने दामाद के उपर भी नहीं रख सकती,वो सिर्फ चादर को पकड़े रखती है !!!
तभी माधव अपनी उंगलियों मे कमली की उंगलियों फसाता है और उसके हाथों को कमली के शिर के दोनों तरफ उपर ले जाता है,और अपना पूरा मुंह कमली के एक स्तन पर रखकर लगभग आधा स्तन मुंह मे घुसा देता है और चूसने लगता है।

कमली की हालत खराब हो जाती है,वो अपनी गांड उछालने लगती है,माधव को समज आ गया की उसकी सास को भी मजा आ रहा है !!!    
माधव स्तन चूसते चूसते कमली के पेटीकोट पर धक्के मारने लगता है,कमरे मे सिर्फ चूचियों चूसने की आवाज़ आती है।
दस मिनट तक माधव कमली के स्तनों को कभी दबाता है,कभी चूसता है,जब वो संतुष्ट हो जाता है तो कमली को देखकर कहता है,'कमली,आइ लव यू '

कमली ये सुनकर शरमा जाती है,पर न तो वो हसती है...नाहीं गुस्सा करती है,क्योंकि अभी तक वो उसे आदमी नहीं,अपने दामाद की तरह देखती है।

माधव थोडी देर बाद कमली के पेट को चूमता है,फिर उसकी पतली कमर को ध्यान से देखता है,वो नीचे कमली के पैर के पास जाता है और पैर की उंगलियों को चूसने लगता है। 
कमली,' अरे,पैरो मे नहीं...आप मेरे दामाद हो '
माधव उसकी बातों को अनसूना करके पैरो को धीरे धीरे चूमते हुए घुटनों तक आ जाता है.
कमली पर भी मस्ती चढ़ने लगती है,उसके मुंह से धीरे धीरे आहहह...आहहह...की आवाजें निकलने लगती है। 
माधव कमली के पैरों को चूमते हुए उपर जाने के कारण कमली का पेटीकोट भी घुटनों तक आ जाता है। 
कमली कई बार कोशिश करती है की पेटीकोट नीचे सरका दे पर उसका दामाद उसे उपर ही उपर खींचता रहता है,कमली मन मे सोच लेती है की अब बंद करना होगा नहीं तो उसका दामाद उसे चोदना चाहेगा।
कमली :दामादजी...बस..अब और नहीं हमें रूक जाना चाहिए यहां...
माधव :क्यों???
कमली :ये ठीक नहीं है।
माधव:थोड़ी देर और फिर में सो जाऊँगा।

कमली को समज नहीं आता की अब कैसे उसके दामाद को रोके ???
इसलिए वो बोल देती है,'ठिक है '

उधर माधव को अपनी सास की हल्की हल्की खुशबू आने लगती है,घुटनों तक पहुचने के बाद वो कमली के होठ पर चुंबन करता लगता है,फिर धीरे से कमली के पेट और नाभि पर हाथ फेरता है,वो अपने एक पैर से कमली के दोनों पैरों को दबाता है और उंगली को कमली पेटीकोट के नाड़े मे फसाकर फट से खींचता है,कमली को कुछ समज आता उससे पहले तो पेटीकोट घुटनों तक चला जाता है, और माधव अपने पैरों से धक्का मार कर कमली के पैरो से निकाल देता है। 
माधव कमली के उपर से उठकर उसे देखता है नज़र भर...और मुस्कुराकर कमली की ओर देखते हुए अपना पेन्ट उतार देता है,कमली उसकी तरफ देखती भी नहीं।
माधव का चौड़ा सीना,ताकतवर जांगें,और लंड एकदम तना हुआ है जैसे अभी उसका अंडरवियर फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो !!!
कमली एक नज़र घुमा के...फिर शरम से दूसरी तरफ देखती है।

दोनों सास-दामाद अब सिर्फ अंडरवियर मे बिस्तर पर लेटे है,बिस्तर का हाल बेहाल हो जाता है,चादर पूरी खींच जाती है,दोनों के कपड़े,कुछ कपड़े बिस्तर पर तो कुछ जमीन पर बिखरे पडे़ है। देखकर कोई भी बोल सकता है की यहां किसी मर्द और औरत के बीच जबरदस्त चूदाई हुई है !!!

माधव कमली के बगल मे लेटकर उसे चूमता है और फिर नीचे कमली की गोरी,चिकनी जांग पर जाके चूमने लगता है,घुटनों के उपर उसकी कमर तक जीभ से चाटता है,वो जीभ को पूरा कमली की चिकनी जांगों के अंदर तक जाने देता है,
और धीरे धीरे जांगों पर काटता है।
कमली आहें भरने लगती है तो वो फिर से उपर जाकर कमली के होंठ और गरदन को चूमता है।
माधव अपना एक हाथ अब धीरे धीरे कमली की पेन्टी पर रखता है,कमली की पेन्टी पर हाथ रखते ही माधव को एहसास होता है की कमली की चूत कितनी गरम है और पूरी पेन्टी गीली हो चुकी थी !!!

माधव हाथ को पेन्टी के इलास्टीक के अंदर डालने की कोशिश करता है पर कमली अपने हाथ से उसे रोकती है।

कमली, 'मेहरबानी करके उसे मत उतारीए'
पर माधव थोड़ी सी जबरदस्ती करता है और हाथ अंदर डाल देता है।

कमली के मुंह से उफ्फ्फ...आहहह...निकल जाता है !!!

माधव को छूने से लगता है की कमली की चूत एकदम साफ़ है,उस पर एक भी बाल नहीं है,माधव एक उंगली से चूत के छेद को ढूंढ कर उसमे डालने की कोशिश करता है,
पर गलती से वो उंगली दूसरे छेद मे घुस जाती है तो...

कमली : उईईई...दामादजी...वो वाला नहीहीही...
माधव खुश हो जाता है क्योंकि उसकी सा  सही वाले छेद मे डालने की बात कर रही थी।
वो कमली से शरारत करते पूछता है,'अगर इस छेद मे नही तो फिर किस छेद मे ???'

कमली उसकी बात का अर्थ समज कर शरमा जाती है।

वो कमली की चूत मे इस बार उंगली घुसाता है,

ओहहह...कितनी टाइट है !!!

माधव को पता था,ये फायदा होगा अपनी कामुक सास से संबंध बनाने का।
गोरी,खुबसूरत,जवान विधवा सास।

माधव अपनी बडी़ उंगली को कमली की चूत मे पूरा डाल देता है,कमली की हल्की चीख निकल जाती है और वो शरमा जाती है। 
कमली अपने आप को दोषी महसूस करती है की वो अपने दामाद को ये सब करने की इजाज़त दे रही है।

माधव को चूत के अंदर मुलायम,चिपचिपा सा लगता है,वो चूत से उंगली बाहर कर गीली को देखता है फिर कमली को देखता है,कमली तो शरम की मारी तकिये से मुंह छिपा लेती है,माधव उंगली को सूंघता है और अपने मुंह मे डालकर चाट लेता है।

माधव कमली से कहता है 'आपका रस तो काफी मीठा है'

फिर माधव कमली की तरफ मुस्कुराते हुए धीरे धीरे अपना अंडरवियर नीचे करने लगता है,
कमली के दिल की धड़कनें बढ जाती है,
देखते ही देखते माधव अपना अंडरवियर निकालकर फेंक देता है।

उसका लंड एकदम 7.5 इंच का,करीब 3.5 इंच मोटा,अपनी नंगी सास को देखकर लोहे का डंडा बन गया था !!!

वो कमली की पेन्टी को खींचता है,घुटने तक लाके देखता है तो पेन्टी मुड़कर  सींगल कपड़े की धार बनी लगती है,फिर वो पेन्टी को पूरी तरह खींच के निकल देता है,कमली के लाख मना करने पर भी उसका दामाद नही मानता,आज तो सास दामाद का मिलन तय है। 
माधव जल्दी से कमली की टाँगों की बीच जाकर मुंह से अपनी सास की चूत सूंघता है और अपने होठों को अपनी सास की चूत पर रख देता है और उसे चूमता है,चूत की खुशबू उसे पागल बना देती है।
  
माधव और जोर से मुंह सास की चूत मे डाल देता है,इससे कमली थोड़ा पीछे खिसक जाती है।
कमली की आंखें अब बंद हो जाती है और हाथ दामाद के सिर पर चले जाते है, 
माधव जीभ निकालकर कमली की चूत के छेद मे डालता है और चाटता है,जो थोड़ा पानी निकलता है वो कमली की चूत से नीचे गांड की तरफ बहने लगता है तो माधव वहां जीभ लगाकर चाट लेता है,
कमली अपने दामाद का सिर सहलाने लगती है,कमली मस्ती आकर नीचे से अपनी गांज उछालती हुए माधव के शिर को अपनी चूत पर जोर से रगड़ती है...

कमली :आहहह...दामादजी,मर गई...रूक जाइए...

तभी माधव उठकर खडा हो जाता है,
कमली की टाँगों को फैलाता है और दोनों टाँगों को अपने हाथों से पकड़े रखता है,
वो अपने गरम लंड को कमली की चूत पर रगड़ने लगता है,पहले धीरे धीरे फिर जोर जोर से।
कमली चिल्लाने लगती है,'आहहह...दामादजीईईई...हमएएए अब रूक...जानाआआआ...चाहिएएए...'

इससे पहले की कमली को कुछ पता भी चले,माधव एक जोरदार धक्का कमली की चूत पर मारता है और उसके लंड का टोपा कमली की चूत मे डाल देता है।
कमली की आंख से आंसू की एक बूंद निकल जाती है,उसकी आंखें कस के बंद हो जाती है,वो अपने दामाद के हाथों को पकड़ लेती है जो उसकी टांगों को पकड़े हुए है।
अब माधव को लगता है की सिर्फ एक धक्का और वो कमली को जीत जाएगा,
माधव एक और झटका मारता है और लंड आधा चूत के अंदर चला जाता है,

कमली : आहहह...बहार निकालो... दामादजी...नहीं जाएगा...आपका बहोत मोटा और लंबा है....

માધવે એક જોરદાર ધક્કો માર્યો અને તેનો આખોય લંડ કમલીની ભોસમાં ઘાલી દીધો,કમલીનો તો જાણે જીવ જ નીકળી ગયો!!!
આટલો અંદર તો કદી એના ઘરવાળાનો પણ નહોતો ગયો,એના ઘરવાળાનો માંડ ચાર ઈન્ચનો હશે,અને અહીં તો એના જમાઈએ આઠ ઈન્ચ લાંબો અને ત્રણ ઈન્ચ જાડો લંડ એની ભોસમાં ઘાલી દીધ
હતો!!!


माधव के चेहरे पर अजीब सी संतुष्टि आ जाती है,जो इंसान के चेहरे पर मनचाही चीज़ मिल जाने पर ही दिखाई पड़ती है !!!

माधव लंड को धीरे धीरे से कमली की चूत से बहार निकालता है,और फिर से एक झटके मे कमली की चूत के अंदर डाल देता है। कमली की आँखों से आंसू बहने लगते है,वो फिर से धक्का मारता है और लंड कमली की कोमल चूत मे घुस जाता है। वो इसी तरह लंड को गौरी की चूत के अंदर बाहर करने लगता है।

कमरे मे पच्च...पच्च की आवाजें आती है,
माधव जब भी लंड का धक्का कमली चूत मे मारता है तो कमली पीछे खिसक जाती है,अब माधव के धक्के रफ़्तार पकड़ते है,वो कमली की टाँगों को छोड़ के उसके उपर लेट जाता है। 
माधव कमली के स्तनों को चूसने लगता है,उधर कमली का हाल बेहाल था।

कमरे मे सिर्फ तीन आवाजें आती है,,,
लंड और चूत से पच्च...पच्च...पच्च...
कमली की आहहह...आहहह...
और बिस्तर हिलने की आवाज़।
कमली बिस्तर पर बिछाई गई चादर को पकड़कर खींच लेती है। 
माधव लगातार उसकी चूत को चोद रहा है,
और कमली के स्तनों को वो चूस चूस कर लाल कर देता है,एक दो जगह हल्के से काट भी देता है।

કમલી મોટેથી રાડો પાડી રહી હતી,
'ઓહહહ...માઆઅઅઅ...મરી ગઇઈઈઈ...હું તમારી સાસુ છું...થોડી શરમ કરો...ધીરેથી...આહહહ...તભારો લાંબો અને મોટો છે...આહહહ...આહહહ...'

कमली अपनी दोनों टाँगें अपने दामाद की कमर मे फसा देती है और हाथ गले मे डाल देती है। उसे कुछ होश नहीं रहता !!!

मौका पाते ही माधव कमली को लेकर बैठ जाता है,और उसका लंड कमली की चूत मे ही रहने देता है। इसी बैठक स्थिति मे माधव के होठ कमली के होठों के पास आ जाते है,और वो एक बार फिर कमली के होठों को अपने होठों के बीच दबाकर चूमने लगता है।
करीब पांच मिनट तक एसा होने के बाद माधव को लगता है की वो अब झड़ने वाला है तो वो कमली को फिर से बिस्तर पर लेटा देता है।और जोर जोर से आवाजें करने लगता है। 
माधव का लंड कमली की चूत मे फूलने लगता है,कमली भी समज जाती है की उसका दामाद झड़ने वाला है।

कमली : दामादजी,अंदर मत गिराना...अब आपका बाहर निकाल दीजिए...आहहह...
बससस....

तभी माधव के लंड से वीर्य की पहली धार छूटती है और सीधी कमली के गर्भाशय मे जाकर टकराती है...

कमली : उईईई...माआआआ... नहीहीही...ये क्या कर दीया???
             आहहह...आहहह...
   
फिर वीर्य की दूसरी धार...तीसरी धार...
लगातार वीर्य की बौछार से कमली की चूत भर जाती है। 
अब कमली भी झड़ने लगती है,

कमली : आहहह...आहहह...में गईईई...
            अहहह...अहहह...अहहह...

कमली की चूत से भी इतना पानी बहने लगता है ऐसा पहले कभी उसके पति के साथ चुदाई करने भी नहीं हुआ था। 
वो माधव को कसके अपनी बाहों मे भर लेती है,उन दोनों के लंड और चूत का रस मिश्र होकर कमली की चूत से बहने लगता है। 
सास दामाद दोनों पसीने से लथपथ है,कमला अपने आपको अब संभालने लगती है,उसे होश आ गया की वो क्या कर बैठी है!!!
वो शर्म के मारे अपना मुंह छिपा लेती है और अपने हाथ को अपने दामाद के जिस्म से हटा लेती है। 

उधर माधव शान्त हो जाता है,उसके लंड का सारा रस कमली की चूत मे जा चुका था। 
आधी रात से ज्यादा बीत गई थी। 
माधव कमली को प्यार से देखता है,उसके बालों को सहलाता है।
लगता नहीं की ये दोनों सास-दामाद है,ये सिर्फ आदमी और औरत है,23 साल का नौजवान लड़का और 37 साल की कामुक औरत।
माधव अब भी कमली के स्तनों को दबा रहा है और उसके मुंह मे जीभ डालकर चूस रहा है।

माधव नंगा ही उठकर बाथरूम की और जाने लगता है,कमली इस बार थोड़े पल उसे देखती है और सोचती है की इतना मजा तो शायद मेरे पति के साथ भी नहीं आया था,वो मन ही मन मे माधव की दीवानी हो गई थी।


वो बिस्तर से खड़ी होकर कपड़े पहनने लगी। 
माधव बाथरूम जाकर वापस आया, कमली तब तक ब्लाउज पहन लिया था और वो अपने पेटीकोट का नाड़ा बांध रही थी। 
माधव पीछे जाकर कमली की कमर मे हाथ डालकर कहता है की और एक बार करते है। 
કમુ,'બસ હવે,મારામાં એકવાર પણ કરવા માટે તાકાત નથી રહી,હવે સૂઈ જાઓ'
આમ કહીને કમુ પોતાના ચણિયા
इतना कहकर कमली अपने पेटीकोट का नाड़ा बांधकर उसी बिस्तर पर करवट लेकर सो गई।

કમુએ તો સપનામાં પણ નહોતું વિચાર્યું કે જે કામુક બદનને તે આખા ગામની ખરાબ નજરોથી બચાવી રાખ્યું હતું તેને એનો જમાઈ જ ચોદી નાખશે! 

कमली के पूरे बदन मे चुदाई की वजह से हल्का-हल्का,मीठा-मीठा सा दर्द हो रहा था,काफ़ी समय के बाद उसे चुदाई का मजा मिला था,उसे गहरी नींद आ रही थी।
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#3
Hot story
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#4
nice one
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#5
Kya ise story hinglish font me milsakta kya.
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#6
अच्छी कहानी है...................इक अलग तरह की

प्रतीक्षा में
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