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Adultery साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ... (COMPLETE)
#1
साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ
 
प्रिय पाठक गण , अकसर मेरी कहानिया लम्बी होती हैं और शायद कुछ लोगोँ को बोरिंग भी लगे, क्यूंकि मैं कहानियों में पटकथा पर और जो भावावेश और जज्बा होता है उस पर ज्यादा बल देता हूँ। यह कहानी वैसे तो साधारणसी है पर इसमें वही भाव आपको दिखेंगे। अगर आपमें धैर्य एवं भाव को परखने की शूक्ष्मता के लिए जो समय और सोच चाहिए उसका अभाव है तो आपको मेरी कहानी नहीं भाएगी। 


banana banana 


मेरी फितरत नही किसी की चीज़ को अपने नाम करू...


so as i always say... all credit goes to original writer...


##

राज और कमल की दोस्ती स्कूल में मशहूर थी। उनके घर नजदीक ही थे और उनके माता पिता एक दूसरे को जानते थे। वह शुरू से सेकंडरी हाई स्कूल तक साथ साथ पढ़े, क्रिकेट खेले और बहोत मस्तियाँ भी की। कमल राज से एक क्लास सीनियर था। उनकी दोस्ती कैसे इतनी गहरी हुयी इसके पीछे एक कहानी थी। कहानी कुछ इस तरह थी की जब राज छठवीं क्लास में था तब उसीकी स्कूल में सीनियर क्लास में एक हट्टाकट्टा लड़का था जो हमेशा राज का मजाक उड़ा कर राज को तंग करता रहता था। एकबार जब राज ने उसका विरोध किया तो उसने राज को एक घूंसा मारा। राज गिर गया और उसके दाँतो से खून बहने लगा। तब कमल ने उस मोटे लड़केकी पिटाई की और राज को बचाया। उस लड़के से लड़ते कमल को भी चोटें आयीं और काफी खून निकला।


पर बात यहां ख़तम नहीं हुई। वही मोटा लड़का शहर के पुलिस अफसर का बेटा था। कमल से पिटाई होने के बाद वह तिलमिला उठा था और एक दिन मौक़ा मिलते ही उसने राज को स्कूल छूटते ही स्कूल के बाहर ही अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपनी गाडी में उठवा लिया और राज को शहर के बाहर दूर एक नाली के पास पिटाई करके लहू लुहान हालत में फेंक दिया। 

कमल जैसे ही स्कूल से बाहर निकला तो बच्चों ने उसे बताया की राज को उस मोटे लड़के ने दोस्तों से मिलकर कैसे अगुवा किया था। कमल आग बबूला हो गया, पर उसे राज की चिंता थी। वह तुरंत अपनी साइकिल पर निकला और उस मोटे लड़के के घर के बाहर कुछ पौधों की आड़ में छुपकर वह मोटे लड़के का इंतजार करने लगा। जब वह लड़का अपने घर पहुंचा की कमल ने लपक कर कार में बैठे हुए मोटे लड़के की गर्दन दबोच ली और जोर से दबायी। वह लड़का छटपटा ने लगा और कमल के हाथों से चार करारे थप्पड़ रसीद होने पर उसने अपना गुन्हा कुबूल किया। कमल के कहने पर उसने राज को जहां पिटाई कर के छोड़ा था वहाँ ले गया। 

उसी गाडी में कमल राज को अस्पताल ले गया और उसकी जान बचाई। मोटे लड़के के पिता जो पुलिस में थे वह बड़े सज्जन थे। अपने बेटे की करतूत पर बड़े शर्मिन्दा हुए और बेटे को सबके सामने 

दो थप्पड़ लगाए और कमल और राज के माता पिता को बेटे की शिकायत ना करने के लिए प्रार्थना की। राज के माँ बाप तो कमल के पाँव पकड़ कर उसका अहसान मानने लगे। इस वाकये के बाद राज के माता पिता कमल के घर आये और उसकी बड़ी प्रशंसा की। राज और कमल के कुटुंब की दोस्ती और गहरी हो गयी। राज की माँ और कमल की माताजी एक दूसरे की पक्की सहेलियाँ बन गयीं। राज कमल को बड़े भाई की तरह मानने लगा। कमल हमेशा उसे छोटे भाई की तरह प्यार करता था। राज की माँ कमल को इतना प्यार करती थी की वह सबको कहती थी की "अगर मेरी बेटी होती तो मैं कमल के साथ उसकी शादी जरूर करती।"

घरसे राज या कमल कोई भी चीज़ लाते तो वह मिल बाँट कर खाते। उनकी दोस्ती बचपन से ही गाढ़ी हो गयी। राज के लिए भी कमल का वजूद कोई देवी देवता से कम नहीं था। राज को कोई भी छोटा मोटा फैसला करना होता था तो वह कमल से पूछता और वही करता जो कमल उसे कहता। इतना ही नहीं, जब कभी कमल अपने घर में सोया होता था और राज उसे मिलने आता, तो तुरंत कमल के पाँव दबाने लगता था। 

कमल स्कूल में एक अच्छा खासा क्रिकेटर माना जाता था। नियमित व्यायाम करने के कारण उसका बदन गठीला और आकर्षक था। अपनी स्कूल की टीम का वह कप्तान था। कमल सुन्दर बदन का, आकर्षित आँखों वाला और मनमौजी था। उसकी एक आदत थी की वह जो दिल में आता था बोल देता था या कर देता था। कमल मजबूत शरीर का था और राज थोड़ा कमजोर, दुबला पतला था। पढ़ाई में राज हमेशा अव्वल आता था। कमल भी पढ़ाई में ठीक ही था। 

उनकी दोस्ती बढ़ती गयी और उन दोनों की जोड़ी पुरे स्कूल में मशहूर हो गयी। कमल रंगीन तबियत का था। राज थोड़ा गंभीर किस्म का था। छठी सातवीं कक्षा से ही अक्सर कमल राज से लड़कियों के बारेमें बातें करता। धीरे धीरे राज भी कमल के साथ स्कूल की लड़कियों के बारेमें बातें करने लगा। जब वह दोनों बात करते तो मालूम होता की उन दोनों की नजर अक्सर एक ही लड़की पर टिकती थी। एक बार कमल ने राज से पूछा, "राज यार हम दोनों को एक ही लड़की क्यों पसंद आती है? अगर हमने एक ही लड़की शादी के लिए भी पसंद की तो क्या होगा?"

राज ने फ़ौरन कहा, "तो फिर हम दोनों ही वह लड़की से शादी करेंगे।"

कमल: "पर एक लड़की से दो मर्द शादी नहीं कर सकते।"

राज: "तो फिर हम क्या करेंगे? तो मैं वह लड़की तुम्हारे लिए छोड़ दूंगा। मैं उससे शादी नहीं करूंगा।"

राजकी बात सुन कर कमल राज को गले लगा कर बोला, "नहीं यार, ऐसा नहीं हो सकता। हमारी यारी के बिच में कोई लड़की नहीं आनी चाहिए। अगर ऐसी नौबत आयी तो हम दोनों अलग अलग लड़कियों से शादी तो करेंगे, लेकिन दोनों लडकियां हम दोनों की पसंदगी की ही होंगीं और हमारी बीबियाँ हम दोनों की होंगी ना की किसी एक की। साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ..."

कमल हंस पड़ा, "यह तो बहुत अच्छा होगा। तब तो हम दोनों हमारी दोनों बीबियों के साथ ही रहेंगे और उनके साथ मिलजुलकर एन्जॉय करेंगे। कभी तुम मेरी बीबी के साथ रहना और मैं तुम्हारी बीबी के साथ। कैसी रहेगी? बोलो मंजूर?"

राज ने एक ही पल में कहा, "एकदम मंजूर।

उस समय इतनी समझ नहीं थी की बीबी कोई बपौती संपत्ति नहीं है की उसे मिलजुल कर बाँटा जाये।
 
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#2
हाई स्कूल पास करने के बाद वह दोनों को अलग अलग कॉलेज में दाखिला मिला और वह कुछ सालों के लिए अलग हो गए। पर उनकी बात फ़ोन पर होती ही रहती थी। कमल राज को अपनी हर बात बताता और राज कमल को। फ़ोन पर भी वह एक दुसरेकी टांग खींचते रहते की कोई लड़की फँसी के नहीं। 

कमल की शोहरत बढ़ने लगी, क्यूंकि वह क्रिकेट खेलनेमें अव्वल था। उसने अपनी स्कूल को इंटर स्कूल खेलों में चैंपियनशिप दिलाई थी। कॉलेज में वह टीम का कप्तान रहा और वहाँ भी उसने अपने झंडे गाड़ दिए। स्कूल और कॉलेज में लडकियां कमल पर फ़िदा थीं। कॉलेज में खेलते खेलते ही वह रणजी ट्रॉफी में भी खेलने लगा। उसके आकर्षक व्यक्तित्व के कारण वह काफी लोकप्रिय बना। उसके फोटो खेलकूद के और फैशन के मैगज़ीन में अक्सर आते रहते थे। यह कहा जाता था की एक एक दिन वह भारत के लिए जरूर खेलेगा। .

कॉलेज पास होते ही कमल को उसके क्रिकेट में लोकप्रियता के कारण मुंबई में एक बड़ी कंपनी में नौकरी मिली। उधर राज ने कॉलेज में मास्टर्स की डिग्री हासिल करने के लिए और पढ़ाई की। 

दो तीन सालों के बाद कमल की शादी की बात होने लगी। उस समय कमल ने यह शर्त रखी की जो भी लड़की वह पसंद करेगा उसे राज भी मिलेगा और हाँ कहेगा तभी बात आगे बढ़ेगी। कुमुद नामकी एक लड़की से शादी के बारेमें बात होने लगी तो कमल ने राज को बुलाया। राज को कुमुद से मिलाया। उसी समय कुमुद को पता लगा की कमल के जीवन में राज की कितनी अहमियत थी। राज की रजामंदी से कमल की शादी कुमुद के साथ तय हो गयी। कमल की शादी में राज उसका ख़ास दोस्त बना था। 

कुमुद कुछ गंभीर और अपनी उम्र से कहीं ज्यादा परिपक्व सी लड़की थी। पढ़ाई में वह काफी तेज थी और अपनी कॉलेज में काफी अच्छे नंबर से अव्वल रहती थी। वह देखने में बहुत सुन्दर थी, पर माँ बाप की तालीम के कारण वह धर्म में आस्था रखने वाली, शर्मीली और संकुचित विचारों की थी। कुमुद का नाक नक्श सुकोमल और बदन पतला था पर उसके स्तन उसके बदन के हिसाब से भरे हुए थे। उसकी कमर और नितम्ब उसके ड्रेस में खूब जँचते थे। राज को सबसे अच्छी लगी कुमुद की आँखें जो बिना बताये जैसे बहुत कुछ कह रही थी। कुमुद की आँखों में एक गंभीरता और सौम्यता थी जो कुमुद के व्यक्तित्व को भलीभाँती प्रदर्शित करते थे। 

कमल ने देखा की राज को उसकी भाभी पसंद आयी। कमल ने महसूस किया की कुमुद को देखते ही राज का चेहरा खिल उठता था और उस के चेहरे पर अजीब से भाव दिखाई पड़ते थे। शायद राज को कमल की होने वाली पत्नी कुमुद काफी भा गयी थी। कमल को लगा की राज के मन में कुमुद के लिये जरूर नरम भाव था। कमल ने राज से पूछा, "यार मेरी बीबी कुमुद कैसी लगी?"

राज जवाब देनेमें थोड़ा हिचकिचाया; पर जब राजने देखा की कमल जवाब लिये बिना उसे छोड़ेगा नहीं तब वह दबी आवाज में बोला, "भाभी बहुत सुन्दर है यार।"

राज ने कमल की और कुमुद की जोड़ी की खूब तारीफ़ की। खैर, शादी के दरम्यान उनके बिच खूब हंसी मजाक हुआ। कुमुद भी काफी खुशनुमा लड़की थी। 

राज कॉलेज में ग्रेजुएशन के आखरी साल में पढ़ रहा था उसी दरम्यान रानी कॉलेज में पहले साल में पढ़ती थी। जब राज अव्वल दर्जे से पास हुआ तो रानी पहली लड़की थी जिसने उसे बधाई दी। रानी को देखते ही पहली मुलाक़ात में ही राज उस पर फ़िदा हो गया पर उसने अपने मन के भाव जाहिर नहीं किये। रानी पढ़ाई में थोड़ी कमजोर थी और उसने राज से पढ़ाई में सहायता मांगी। राज तो रानी से मिलने के मौके ही ढूंढता था। राज ने रानी को शाम को थोड़ी देर कॉलेज में ही बैठ कर पढ़ाना शुरू किया। इस तरह उनकी मुलाकातों का दौर शुरू हुआ। 

रानी आधुनिक विचारों वाली लड़की और कॉलेज में खेलकूद में अक्सर अव्वल होती थी। कॉलेज की महिला क्रिकेट टीम की वह कप्तान थी। जब भी महिला टीम का कोई मैच होता था तो पूरा कॉलेज टीम को सपोर्ट करने पहुंचता था। यह बात और है की सारे लड़के महिला टीम को सपोर्ट करने कम और रानी को घूरने ज्यादा आते थे। रानी पुरे कॉलेज की शान थी। रानी के पिता और माँ अपने जमाने में माने हुए खिलाड़ी और एथलिट थे। रानी भी उन्हीं के नक़्शे कदम पर शारीरिक क्षमता पर काफी ध्यान देती थी और खेलकूद के मैदान में और जिम में खासी कसरत एवं परिश्रम कर उसने अपने बदन को फिट रखा था। 

लम्बी, सुन्दर और भरे हुए बदन की रानी जब लेग्गीन पहन कर कॉलेज आती तो सारे लड़के उसकी गाँड़ को घूरते ही रहते। रानी की कमर, जांघें और गाँड़ एकदम सुआकार और सुडौल थी। वह अक्सर जीन्स और टॉप पहनकर कॉलेज आती थी। रानी की कमर के निचेसे उसकी जांघों पर से घूमती हुई उसकी गाँड़ का फैलाव और उसके फुले हुए गालों के बिच की दरार की हलकी सी झलक देखकर लड़के आह भरने लगते। कोई कोई बार जब वह स्कर्ट पहनकर कॉलेज में आती तो रानी की कमल की डंडी के सामान जांघें देखकर अच्छे अच्छों की हालत खराब हो जाती थी और ख़ास कर लड़कों में शर्त लगती थी यह जानने के लिए की उस दिन रानी ने कौनसे रंग की पेंटी पहनी होगी। 

कॉलेज में रानी को महिला टीम में क्रिकेट खेलते हुए देख कर कई लड़के रानी पर मरते थे और उसके करीब आने की भरपूर कोशिश करते थे। रानी का अच्छा खासा फैन क्लब था, पर रानी को राज ज्यादा अच्छा लगा क्यूंकि वह उसकी हर बात मानता था, रानी के बारेमें हमेशा चिंतित रहता था और उसकी बहुत इज्जत करता था। दोनों में मुलाकातें होती गयीं और देखते ही देखते दोस्ती प्यार में बदल गयी। 


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#3
राज कमल को रानी के साथ प्यार के बारे में बताता था। उसने कमल से कहा की कई बार उसने रानी को किस किया और उसके स्तनों का मजा लिया था। राज रानी के भरे हुए स्तनों के बिच कैसे अपना सर सटा कर कई बार रानी की गोद में लेट जाता था यह बताते राज और कमल दोनों अपने हाथों से हस्तमैथुन कर अपना माल निकालते थे। पर रानी ने राज को उससे आगे बढ़ने की कतई इजाजत नहीं दी। रानी का कहना था की पहले शादी फिर सब कुछ। राज ने कमल से और अपने माता पिता से रानी के बारेमें बात की तो सब बड़े खुश हुए। दोनों की शादी की बात होने लगी।


राज ने ख़ास कमल की पसंद जानने और रानी से मिलाने के लिए कमल को बुलाया। हालांकि रानी कमल से पहले मिली नहीं थी पर कमल की क्रिकेटर के रूप में शोहरत से वह भली भाँती वाकिफ थी। पहली बार रानी को जब पता चला की कमल राज का दोस्त है, तब रानी की ख़ुशी का ठिकाना ना रहा। कमल उसका हीरो था। क्रिकेट खेलनेमें वह कमल को अपना आदर्श मानती थी और उसके बारेमें अखबारों में बड़े चाव से पढ़ती रहती थी। रानी ने तो कमल के कई फोटो अपने रूम में दीवारों पर सजा रखे थे। रानी कमल को मिलते ही उसकी दीवानी हो गयी। 

कमल की रानी से जब पहली बार मुलाक़ात हुई तो कमल भी रानी को देखता ही रह गया। रानी की तेज और कटीली आँखों ने कमल के दिल को जैसे अपनी नजर की छुरी से काट सा दिया। रानी के पुरे फुले हुए बड़े स्तनों को वह देखता ही रह गया। रानी के घने लम्बे बाल देखते ही बनते थे। वह उतनी सुन्दर पीछे से थी जितनी आगे से।


जब राज ने कमल से रानी के बारे में पूछा और उस से शादी करने की इजाजत मांगी तब कमल ने उसे फ़ौरन हाँ कह दिया। उन शुरूआती मुलाकातों में ही रानी और कमल की भी अच्छी खासी दोस्ती हो गयी थी।

रानी से मिलने के बाद जब राज ने कमल से पूछा की क्या कमल को रानी पसंद है? तब कमल के मुंह से अनायास ही निकल गया की, "यार तेरी गर्ल फ्रेंड तो बड़ी मस्त है।

राज ने कमल को झकझोरते हुए कहा, "कमल भैया, मुझे हमारा एक दूसरे से किया वादा याद है। अगर तुम्हें रानी बहुत पसंद है तो तुम जब बोलो तो मैं तुम्हारे लिए रानी को छोड़ सकता हूँ। शायद रानी को भी कोई आपत्ति नहीं होगी क्यूंकि वह तो वैसे ही आपके पीछे पागल है।"

कमल ने राज से कहा, "तू पागल है? मैं शादी शुदा हूँ। मेरा कहने का मतलब था की रानी मस्त है और तू उसके साथ खूब मजे कर।" कमल राज से रानी की ज्यादा तारीफ़ करने से डरता था क्यों की राज कहीं ऐसा ना सोचे की कमल की नजर रानी पर है।


राज ने देखा की कमल भैया मना तो कर रहे थे पर कमल भैया की नजर उस की होने वाली बीबी रानी पर थी इस बात में कोई शक नहीं था। हालांकि कमल भैया ने ना तो ऐसा वैसा कुछ कहा और ना ही कुछ किया, पर राज समझ गया की कमल भैया को रानी भा गयी है। राज जानता था की रानी थी ही इतनी सुन्दर और देखने में सेक्सी की अगर मौक़ा मिले तो कमल भैया तो क्या, कोई भी मर्द रानी को चोदना चाहेगा। 

वह जानता था की कमल भैया तो वैसे ही रंगीन मिज़ाज के थे, तो भले ही वह कुछ ना बोलें पर उनके मन की मंशा क्या होगी वह राज जानता था। उसी वक्त राज ने मनमें प्रण लिया की अगर कमल भैया के मनमें की कहीं कहीं रानी को चोदने की थोड़ी सी भी इच्छा है तो वह कमल भैया के मन की ख्वाहिश जरूर पूरी करने की भरपूर कोशिश करेगा। 

राज ने रानी को साफ़ साफ़ बता दिया था की कमल भैया उसकी आत्मा थे और वह कमल भैया के लिए कुछ भी कर सकता है। एक बार जब रानी ने राज से हंसी मजाक में पूछा की क्या वह कमल को रानी से भी ज्यादा प्यार करता है तो राज ने पट से कहा, "तुम मेरी जान हो और कमल भैया मेरी आत्मा है। तुम मेरे जीवन में अब आयी हो। कमल भैया तो मुझसे बचपन से जुड़े हैं। भगवान् करे ऐसी घडी ना आये, पर अगर मुझे तुम दोनों में से कोई एक को चुनना पड़े तो मैं कमल भइया को चुनूंगा।

यह सुनकर रानी दंग रह गयी। आज तक रानी ने किसी व्यक्ति में भी अपने दोस्त के लिए इतना समपर्ण का भाव कभी नहीं देखा था। पर रानी खुश भी हुई क्यूंकि वह कमल को तो वह वैसे भी अपना हीरो मानती थी और कमल के खेल और उसके व्यक्तित्व की वह दीवानी थी। 

राज की शादी में कमल और कुमुद ख़ास मेहमान रहे। राज की शादी के दरम्यान कुमुद की भी रानी से अच्छी खासी दोस्ती हो गयी थी। शादी के बाद अक्सर कमल की पत्नी कुमुद राज की बीबी रानी से फ़ोन पर बात करती रहती थी। फ़ोन पर बात करते करते रानी और कुमुद भी ख़ास दोस्त बन चुके थे। हालांकि उसके बाद ज्यादा मिलना हुआ नहीं।


राज को अहमदाबाद में अच्छे ओहदे वाली सरकारी नौकरी मिली। शादी के पहले एक डेढ़ साल तक तो राज की और उसकी बीबी रानी की रति क्रीड़ा धमाके दार हुआ करती थी। राज की बीबी रानी बिस्तर में आक्रमक थी। पर डेढ़ साल गुजरने के बाद दोनो का सेक्स का जोश धीरे धीरे कम होने लगा। तो कमल का भी तो वही हाल था। राज और कमल फ़ोन पर चर्चा करते यही सोच रहे थे की शादी के पहले उन्होंने सोचा था की शादी के बाद खूब मजे करेंगे पर डेढ़ साल के बाद ही पति पत्नी को एक दूसरे से सेक्स करने में मजा इतनी जल्दी कम कैसे हो जाता है? ख़ास तौर से महिलाओं को तो यह बात सटीक लागू होती है।
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#4
राज अपनी पत्नी रानी को कमल के बारे में हर रोज कुछ कुछ बताता ही रहता था। एक रात रानी को उसने बातों बातों में उनके बचपन के बारे में बताया। राज ने बताया की कमल और राज ने एक दूसरे को वचन दिया था की वह एक ही बीबी के साथ शादी करेंगे। और अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह दोनों एक दूसरे की बीबी को मिल बाँट कर एन्जॉय करेंगे। 

राज की पत्नी रानी हंसने लगी। उसने कहा, "तुम दोनों पागल हो क्या? मिलजुल कर एकदूसरे की बीबी को एन्जॉय करने की बात कहाँ से आयी? ऐसा कभी होता है क्या? अगर मान भी लिया जाए की पति की ऐसी इच्छा हो तो भी बीबियाँ थोड़े ही मानेगीं? ऐसे थोड़े ही होता है? यह सारी बातें बचपन की बातें हैं। अब तुम दोनों बड़े हो गए हो।"

तब राज ने कहा, "ऑफिशियली ना होता हो। पर मैंने सूना है की छुपे छुपे तो सब होता है। कई दोस्त ऐसे भी हैं जो मौक़ा मिलने पर एक दूसरे की बीबी को बदलते हैं और उनके साथ सेक्स का मजा लेते हैं। ऐसे कई क्लब भी हैं।"

रानी ने कहा, " पागल हो गए हो क्या? आपका कहने का मतलब है की दो पति मिलकर दोनों में से किसी एक की बीबी को चोद सकते हैं या फिर दो पति एक दूसरे से मिलकर एक दूसरे की बीबियों को चोद सकते हैं? क्या बात करते हो? अगर ऐसा हो तो फिर शादी का वजूद ही क्या रह जाता है?" 

राज ने रानी की बात का कोई जवाब नहीं दिया। रानी ने राज को सीधा सटीक जवाब तो दे दिया पर उसके मन में इस वार्तालाप से जरूर एक आशंका जगी की कहीं उसके पति के मनमें उस को कमल भैया से चुदवाने की इच्छा तो नहीं? यह सोचते ही रानी के मनमें एक अजीब सा तूफ़ान उमड़ने लगा। हालांकि रानी ने उस विचार पर उस समय ज्यादा ध्यान नहीं दिया और फ़ौरन उसे अपने मन से खारिज कर दिया।


लोग अक्सर अपनी शादी शुदा जिंदगी की नाजुक बातें छुपा के रखते हैं। पर राज और कमल फ़ोन पर अपने निजी वैवाहिक जीवन के बारेमें अक्सर बात किया करते थे। खास तौर पर राज कमल को अक्सर फोन किया करता और अगर कोई नयी ताज़ी बात हो तो बताने में संकोच नहीं करता था। उसने बचपन से ही तय किया था की कमल उसका दुसरा रूप है। वह कमल से कुछ भी छिपाना नहीं चाहता था। कमल यह समझ नहीं पाया की क्या राज कमल को सारी बातें बता कर अपना छोटे भाई का फर्ज निभा रहा था या फिर उसकी कुछ और मंसा थी। 

कमल राज और रानी की गोपनीय बातें सुनकर बड़ा उत्तेजित हो जाता था। रानी पर कमल वैसे ही फ़िदा था, हालांकि वह अपने आप को बड़ा नियत्रण में रखता था। जब राज कमल को फ़ोन पर उसकी और उसकी बीबी रानी के सेक्स की बातें बताता था तो कमल का लण्ड खड़ा हो जाता था और कमल बगैर रुके अपने हाथों से ही मुठ मारकर अपना माल निकाल लेता था, या फिर अपनी बीबी कुमुद पर उस रात कहर ढा देता था। 

हालांकि कमल की बीबी कुमुद, कमल को राज और कमल के बिच फ़ोन पर होती बातों के बारेमें ज्यादा कुछ पूछती नहीं थी, पर जब कमल राज के साथ फ़ोन पर बात करता था और वह पास ही होती थी तो सुनकर थोड़ा बहुत समझ जाती थी की दोनों दोस्तों के बीचमें क्या बातें हो रही थीं। कमल भी कुमुद को बताता था की उनकी क्या बात हो रही थी। कमल की बात सुन कर कुमुद आश्चर्य में पड़ जाती थी की उनकी दोस्ती इतनी गहरी थी की एक दूसरे को इतनी निजी गोपनीय बातें बतानेमें दोनों दोस्तोंको कोई ख़ास झिझक नहीं होती थी। खैर उसे उनकी दोस्ती के बारेमें तो पहले से पता तो था ही। 

राज और कमल और कमल की पत्नी कुमुद और राज की पत्नी रानी भी फ़ोन पर एक दूसरे से बात करते रहते थे। कुछ समय बाद कमल के मन में यह स्पष्ट हो गया था की राज की नजर उसकी बीबी कुमुद पर कुछ ज्यादा ही थी। कमल तो खैर राज की पत्नी रानी पर पहले से ही फ़िदा था। कमल जानता ही था की रानी भी उसे पसंद करती थी। फ़ोन में दोनों एक दूसरे की बीबी के साथ हल्का फुल्का मजाक जरूर कर लेते थे बस। पर बात उससे आगे नहीं बढ़ी।


एक बार कमल और कुमुद अपने गाँव जाते हुए राज के यहां एक दिन रुके। तब कमल ने महसूस किया की कुमुद को देखकर राज भी कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो रहा था। कमल को लगा जैसे राज को कुमुद का बदन (वह पतली और सुडौल थी), उसका पहनावा, उसकी चालढाल उसका मुस्काना खूब पसंद आता था। शायद राज सोच रहा होगा की कमल की पत्नी कुमुद राज के ही टाइप की है।

जब कमल ने राज को कुमुद को ताकते हुए पकड़ा तो एक आँख मारकर उसे चिढ़ाया। कमल की आँखों का इशारा देख कर राज सहमा गया और उसने बरबस अपनी निगाहें कुमुद के बदन से हटा ली। ऐसे ही बातों में मुलाकातों में धीरे धीरे दोनों जोड़ी के बिच आपसी सम्बन्ध गहरे होते चले गए।

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#5
शादी के करीब दो साल बाद राज का मुंबई जाने का प्रोग्राम बना। राज के आने की खबर सुनते ही कमल ने आवभगत की तैयारियां शुरू कर दी। कमल बार बार अपनी बीबी कुमुद से कहने लगा, "डार्लिंग राज मेरी जान है। वह मेरा दोस्त और भाई नहीं वह मेरा सब कुछ है। जितना मैं तुम्हें चाहता हूँ उतना ही या शायद उससे ज्यादा मैं राज को चाहता हूँ। राज की आवभगत मैं कोई कसर नहीं होनी चाहिए।" कुमुद भी जानती थी की राज कमल की जान है। कुमुद को भी तो राज की सभ्यता और शर्मीलापन खूब पसंद था। राज की चोरी छुपी नजरें कुमुद भी भांप गयी थी।


कमल ने मुंबई में एक छोटा सा फ्लैट ख़रीदा था। राज सबेरे ही कमल के घर पहुँच गया और अपनी आवभगत देख कर खुश हुआ। कमल की बीबी कुमुद पहले से ही भजन कीर्तन में कुछ ज्यादा ही विश्वास रखती थी। उन्होंने एक छोटा पर खूबसूरत मन्दिर रसोई घर में ही सजा रखा था। 

उस शाम, कमल कुछ सामान खरीदने बाहर निकला था। वापस आते हुए कमरे में दाखिल हो रहा था की कमल ने देखा की राज एक कोने में बैठे हुए कमल की बीबी कुमुद को ताड़ रहा था, जो की उस समय दूसरे कमरे में फर्नीचर की डस्टिंग कर रही थी। कुमुद ने चुन्नी नहीं डाली थी और अपना घाघरा अपनी जाँघों पे चढ़ा कर वह सफाई के काम में तल्लीन थी। वह राज की हाजरी से बेखबर सफाई में लगी हुई थी और कोई गाना हल्के हल्के गुनगुना रही थी। कमल ने तब राज की आँखों में जो भाव देखे तो कमल समझ गया की उसकी बीबी को देख कर राज के मन में कुछ कुछ जरूर हो रहा था। 

उस रात कमल ने अपनी बीबी कुमुद को चिढ़ाया और कहा, "मेरा दोस्त राज तुझ पर फ़िदा है, ऐसा लगता है। उसे तेरी पतली कमर, सुआकार गाँड़ और करारी चूँचियाँ बहुत पसंद है। मैंने देखा है की जब तू चलती है तो वह तुझे पीछे से ताकता ही रहता है और तेरी गाँड़ हिलाती हुई चाल पर वह फ़िदा लगता है। बेचारा दूसरे कमरे में सोते हुए भी शायद तुम्हारे ही सपने देख रहा होगा।"

जब कमल की बीबी कुमुद ने यह सूना तो वह कमल पर आग बबूला हो गयी और बोली, "तुम्हें क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं यह पता ही नहीं है। वह तुम्हारा गहरा दोस्त है और मैं तुम्हारी बीबी। राज ने कभी भी आज तक गलत अंदाज से मुझे छुआ नहीं है। वह एक आदमी है। आदमी की नजर औरत के शरीर पर स्वाभाविक पड़ ही जाती है। पर इसका मतलब यह नहीं की वह बुरा है। तुम्हारी नजर में ही कुछ गड़बड़ है।" यह कह कर कुमुद रिसिया गयी। कमल ने उसे शांत करने की कोशिश की पर वह मानी। आखिर में कमल थक हार कर करवट बदल कर बिस्तर में खिसक कर कुमुद से थोड़ी दूर लेट गया। 

कमल की बात सुन कर कुमुद को चैन नहीं पड़ रहा था। वह शयन कक्ष से दरवाजा खोल कर बाहर निकली। बाहर के कमरे में लेटा हुआ राज अंदर के कमरे से रही आवाजें सुन कर यह समझ गया था की कमल भैया और कुमुद के बिच कुछ कहा सुनी हो रही थी पर कुछ स्पष्ट नहीं सुनाई पड़ रहा था। एकाध बार उसने अपने नाम का जिक्र होते हुए सूना जरूर था। 

राज ने जब देखा की कुमुद बाहर गयी थी और वह दुखी और नाराज लग रही थी तो वह भाग कर कुमुद के पास गया उसकी आँखें नम हो रही थी। राज ने कुमुद से सम्मान और प्यार से पूछा की क्या बात थी। जैसे ही राज ने कुमुद से थोड़ी सी सहानुभूति जताई की कुमुद की आँखों में से गंगा जमुना बहने लगी। कुमुद राज से लिपट कर और उसके कंधे पर सर रख कर रोने लगी। राज ने अपनी बाहें फैलायीं तो अनायास ही कमल की बीबी कुमुद राज की बाहों में समा गयी। वह बोल नहीं पा रही थी। राज थोड़ी देर उसकी भाभी के सर पर हाथ फिराता रहा। कमल सारा नजारा अंदर से देख रहा था। 

 
अपने भाई समान दोस्त की बीबी को देखते ही राज के दिल में कुछ अजीब सी हलचल होने लगती थी। उसको कुमुद की पतली कमर और उसपर भी तने हुए कर्रारे स्तन मंडल और नोकीली और सुरम्य नाक बड़ी लुभावनी लगती थी। राज का एक हाथ कुमुद के कधों पर था और इधर उधर जाने के लिए बेकरार हो रहा था। 

कमल सोने का ढोंग करके बिस्तर पर पड़ा पड़ा सारा नजारा देख रहा था। राज ने कुमुद से पूछा की क्या हुआ था। कुमुद थोड़ी सहमा कर राज से बोली, "आपके दोस्त मुझसे आजकल लड़ते हैं और बड़ी उटपटांग बातें करते हैं। लगता है जैसे वह मुझसे संतुष्ट नहीं है।"

राजने जवाब में कहा, "कमल भैया आपसे संतुष्ट नहीं है? कमाल है! आप के जितनी सुन्दर और सभ्य बीबी पाकर तो कोई भी अपने आप को भाग्यशाली समझेगा। रानी भी सुन्दर है पर आपके मुकाबले नहीं। मैं तो कमल भैया की ईर्ष्या करता हूँ की उसे आपके जितनी सेक्सी पत्नी मिली

राज के मुंहसे अनायास ही "सेक्सी" शब्द निकल गया। कमल बड़ा हैरान हो गया यह सुन कर की उसका प्यारा दोस्त राज जिसको अबतक वह बच्चा समझता था, वह उसी की बीबी को सेक्सी कह रहा था! कमल सोच रहा था की कहीं उस की बीबी कुमुद राज के मुंह से सेक्सी शब्द सुन कर तिलमिला ना उठे। पर ऐसा कुछ हुआ नहीं। 
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#6
उलटा कुमुद राज की आँखों में आँखें डाल कर पूछने लगी, "मजाक मत करो राज। मैं कोई सुन्दर नहीं हूँ। अगर मैं सुन्दर होती और तुम्हारे भैयाको पसंद होती तो वह मुझसे इस तरह की उटपटांग बाते करते।


कुमुद को इतना करीब पाकर राज की हालत खराब हो रही थी। उसके पजामेमें उसका लण्ड फर्राटे मार रहा था। वह अपने आप को बड़ी मुश्किल से रोक पा रहा था। राज के दिमाग में खून का बहाव एकदम तेज हो रहा था। लगता था कहीं उत्तेजना में उसके बदन में खून की धमनियां फट जाएँ।

बड़ी मुश्किल से अपने आप को सम्हालते हुए राज ने पूछा "कैसी बातें?" तो कुमुद बोली, "वह हर रात तुम्हारे बारे में....." बोल कर वह शर्मा गयी और बोली, "जाने दो मैं क्या कहूं? मुझे शर्म आती है।" और कुमुद थोड़ी देर चुप हो गयी। 

कमरे में थोड़ी देर के लिए सन्नाटा छा गया। राज और कुमुद की गहरी साँसों की आवाज कमल को साफ़ सुनाई दे रही थी। राज के पजामेमें उसका लण्ड खड़ा हो गया था। कुमुद जब राज से लिपट कर खड़ी थी तब राज का लण्ड कुमुद के पाँव के बिच ठोकर मार रहा था। कमल की बीबी कुमुद ने राज के लण्ड को अपने पॉंव के बिच ठोकर मारते हुए महसूस किया तो वह बोल पड़ी, "अरे राज भैया, तुमभी.....? यह ... क्या है?" यह कह कर कुमुद राज से थोड़ा हट कर खड़ी हुई।

राज बेचारा क्या बोलता? ना तो उससे रहा जा रहा था ना उससे सहा जा रहा था। वह लज्जा से तार तार हो रहा था। उसका भेद खुल गया था। उसके लिए तो अब एक ही रास्ता था। वह एकदम करुणा भरी आवाज में कुमुद से क्षमा मांगते हुए बोला, "भाभी, मुझे माफ़ कर दीजिये। मैं पहले से ही कुछ नर्वस था। आपको देखकर, आपकी सुंदरता से मैं कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो गया। मैंने फिल्मों में तो सुन्दर लडकियां देखि हैं, पर साक्षात् आपके जितनी सुन्दर लड़की आपके अलावा नहीं देखि। प्लीज आप माफ़ कर दीजिये। आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा।"

जब एक औरत अपनी सुंदरता की इतनी भूरी भूरी प्रशंसा सुनती है तो उसे प्रशंसा करने वाले के दोष नहीं दीखते। कमल की बीबी कुमुद अपनी प्रशंसा सुनकर आधा शर्म से और आधा सहानुभूति से राज की और देख कर बोली, "ठीक है बहुत हो गया। मेरी जूठी तारीफ़ करके अब तुम मेरी टांग खींचना बंद करो। मैंने माफ़ किया। बस? " 

राज ने कहा, "तो फिर ज़रा हंस भी दो भाभी।

सुन कर कुमुद हंस पड़ी और राज को कमर में नकली घूँसा मारते हुए बोली, "तुम भी ना, तुम्हारे दोस्त से कम नहीं हो। मुझे लगता है तुम्हारे भाई तुम्हारे बारेमें सच ही कह रहे थे।

बिस्तर पर लेटा हुआ कमल अपनी बीबी और अपने दोस्त राज के बिच की बातें सुन रहा था। 

इस हादसे के बाद राज और कुमुद में थोड़ी और पटने लगी। राज कमल और कुमुद के साथ दो दिन और रुका। जाने से एक दिन पहले शाम को जब सब एक साथ बैठे थे तो कुमुद ने अपने पति कमल से राज के सामने ही बातों बातों में कहा, "कमल, तुम्हारा दोस्त राज, तुमसे कहीं ज्यादा सयाना है।

कमल जोर से हंसा और बोल पड़ा, "अच्छा? तुझे भी राज पसंद है? मेरा दोस्त है ही ऐसा। अगर वाकई में तुम्हें राज इतना पसंद है तो चल, आज रात राज को हमारे साथ ही सोने के लिए बुला लेते हैं। हम सब मिलकर मौज करेंगे।

कमल की बात सुन कर राज का मुंह खुला का खुला ही रह गया। कुमुद गुस्से से तिलमिला उठी और कमरे से झाड़ू निकाल कर जोर जोर से चिल्लाकर कमल से कहने लगी, "तुम समझते क्या हो अपने आपको? जो मन में आये सो बोल देते हो?" वह कमल के पीछे झाड़ू ले कर मारने के लिए दौड़ पड़ी। कमल भाग कर घर के बाहर की और दौड़ पड़ा। राज एकदम बिच में आया और कुमुद के हाथ से झाड़ू लेकर कोने में फेंक दिया और कमल के पीछे भागती हुई कुमुद को रोका और अपनी बाहों में खिंच कर दबा कर उसे शांत करने लगा।

उस दिन की तरह राज का लण्ड फिर से एकदम खड़ा होकर कमल की बीबी कुमुद के बदन को टॉच रहा था। इस बार तो दोनों के बदन के हिलने से और राज का कुमुद को अपने काफी करीब दबाने से शक की कोई गुंजाइश ही नहीं थी की राज का लण्ड कुमुद ने जरूर अनुभव किया था। पर इस बार कुमुद इस बारेमें कुछ नहीं बोली और राज की बाहों में कमल को कोसती रही। 

राज कमल की और मुड़ा और बोला, "हद है भैया। आप जो कुछ मन में आता है वह बोलते जा रहे हो। ज़रा अपने आप पर नियत्रण रखो। ऐसा बोलोगे तो फिर मैं तुम्हारे घर नहीं आऊंगा।"

कमल ने कहा, "भाई मैं तो जो मनमें आता है वह बोल देता हूँ। मुझे माफ़ करदे पर ऐसे कभी मत कहना की तू मुझसे दूर हो जाएगा।

कमल और राज गले लग गए। दोनों की आँखें आंसुओं से नम हो गयी।
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#7
कुमुद भी उनके पास आयी और उन दोनों से लिपट कर बोली, "यह तो इमोशनल अत्याचार हो गया।अब बस भी करो। तुम दोनों सगे भाई ना होते हुए भी एक दूसरे को इतना चाहते हो की एक दूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हो। यह अद्भुत है। भगवान आप दोनों की जोड़ी सलामत रखे।


अगले दिन राज को वापस जाना था। उस रात राज, कमल और कुमुद तीनों बिस्तर पर लेटे हुए देर रात तक बातें करते रहे। कुमुद राज और कमल के बिच में लेटी हुई थी। उस रात बातें करते हुए पता नहीं कितनी बार राज और कुमुद में शारीरिक स्पर्श हुआ होगा। देर रात तक बातें चलती रहीं। फिर राज अपने कमरे में सोने के लिए चला गया। दूसरे दिन राज वापस अहमदावाद चला गया।

जब भी उनकी फोन पर बातचीत होती तो कमल रानी के बारेमें पूछता और राज कुमुद के बारेमें। 

एक दिन राज कुछ ज्यादा ही दुखी था। कमल से फ़ोन पर बात करते करते वह बोल पड़ा, "भैया, अब तो जिंदगी बोझ बन गयी हो ऐसा लगता है। शादी के शुरू में तो मेरी और रानी की खूब जमी। हमने खूब मजे किये। पर अब तो सेक्स का जोश धीरे धीरे कम हो गया है। इस लिए नहीं की हमें सेक्स करना अच्छा नहीं लगता, पर इस लिए की सारी नवीनता ख़त्म हो गयी है। मुझसे ज्यादा रानी पर इस का असर दिखाई देने लगा है। क्या बताऊँ? मेरी सेक्स करने की इच्छा को वह अक्सर "थक गयी हूँ।" कह कर टाल देती है या फिर टाँगे फैला कर कहती "चलो जल्दी निपटाओ, मुझे नींद रही है। मुझे बड़ा दुःख होता है पर क्या करूँ? मेरी समझ में नहीं आता की क्या किया जाय।"

तब अचानक कमल को वह लेख याद आया जो उसने कोई ब्लॉग में पढ़ा था। कमल ने कहा, "राज मेरे पास एक फॉर्मूला है। अगर तुझे पसंद आता है तो अमल कर।" कमल ने फिर उसका प्लान जो उस ब्लॉग के लेख पर आधारित था, राज को विस्तार से बताया।

सुनकर राज खिल उठा। राज ने कहा, "भाई, तुम्हारे प्लान में दम है। तुम कहो तो मैं इसे आज से ही अमल करना शुरू कर देता हूँ।"

कमल ने कहा, "राज यह पहला सोपान है। इस प्रोग्राम के तीन सोपान है। दुसरा और तीसरा बाद में बताऊंगा। "

राज ने कमल को विश्वास दिलाया की वह उसे एकदम अमल करना शुरू कर देगा और कमल को बताता रहेगा की असर कैसा रहा। 

करीब दो हफ्ते गुजर गए पर कमल को राज का कोई फ़ोन ना आया। कमल बेचैन था, क्यूंकि ऐसा कभी नहीं हुआ की राज दो या तीन दिन में कोई फ़ोन ना करे। कमल ने फ़ोन नहीं किया क्यूंकि उसे पता था की राज रानी के साथ व्यस्त होगा। तब फिर एक दिन अचानक ही राज का फ़ोन आया। राज ने सबसे पहले तो इतने दिन तक फ़ोन करने के लिए माफ़ी मांगी और फिर तब तक का विस्तार पूर्वक विवरण दिया।

राज ने कमल से कहा, "कमल भैया तुम तो यार कमाल के जादूगर हो। जैसा तूम ने बताया था, मैं रानी को बाहर घुमाने के लिए ले जाने लगा हूँ। पहले मैं खुद तो बाहर घूमता था और नए नए लोगों से मिलता रहता था। शाम को मैं जब घर लौटता तो "थक गया हूँ" कह कर यातो टीवी देखने लगता यातो अखबार पढ़ने। रानी बेचारी रसोई में लगी और घरमें बैठ कर वही पुरानी घिसी पिटी जिंदगी जी रही थी। उसके लिए आज और कल में कोई भी फर्क नहीं था। मैं धीरे धीरे रानी को मेरे साथ शामको बाहर खाने, तो कभी उसकी सहेलियों से मिलने तो कभी क्लब में ले जाने लगा। मेरी बीबी में इस कारण जो परिवर्तन आया वह मुझे हैरान करने वाला था। रानी की मुस्कान लौट आने लगी। भैया वाकई फॉर्मूला जबरदस्त है।

कमल ने कहा, "मैं जैसा कहता हूँ ऐसा करते जाओ। देखो तुम्हारे जीवन में कैसे बहार लौट आती है। अब दुसरा कदम आगे बढ़ाओ। रानी को थोड़े भड़कीले कपडे पहनने का आग्रह करो। कोई उनको लाइन मारेगा तो वह कभी किसी को थोड़ी छूट भी देगी। चिंता मत करो, तुम्हारी बीबी तुम्हारी ही रहेगी। इस बिच तुम भी कभी कभी किसी की बीबी पर लाइन मारोगे तो रानी भाभी तुम्हें कुछ नहीं कहेगी।"

राज ने कुछ निराशा से कहा, "भैया रानी बाहर जाने के लिए तो तैयार होती है, उसे सजधज ने का भी बड़ा शौक है पर आजकल वह अपने अंग प्रदर्शन करने से डरती है। कहती है, "अब मैं एक माँ बन गयी हूँ। यह सब मुझे शोभा नहीं देता। कॉलेज की बात और थी। ऐसे भड़कीले वेश में मुझे देख कर लोग हँसेंगे। कहेंगे बूढी घोड़ी जवान बनना चाहती है।

कमल ने हंसकर कहा, "तुम एक काम करो। तुम रानी से कहो की वह शादी के बाद तो और भी सुन्दर और सेक्सी हो गयी है। दूसरे मर्द रानी को देख कर हँसेंगे नहीं, उसे देखकर घूरेंगे और रानी के पति की यानी तेरी इर्षा करेंगे। कहेंगे यह साले बन्दर ने मोरनी को फाँस लिया।
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#8
देखो राज यह सब कहने की बातें हैं। पर पत्नी को रिझाने के लिए यह बातें हैं बहुत जरुरी। रानी को कहना की तुम्हारे दोस्त तो अभी भी कहते हैं की भाभी शादी के बाद अब तो और भी सुन्दर लग रही है। देखो मेरे शब्दों का बुरा मत मानना, पर तुम रानी भाभी से स्पष्ट शब्दों में कहो की उनके स्तन, उनकी गांड और उनकी कमर, नाभि इत्यादि शादी के बाद तो और आकर्षक रूप से उभरे हैं और बड़े ही सेक्सी लग रहे हैं। उन्हें देखकर अच्छे अच्छों का लण्ड खड़ा हो जाता है। दूसरों को उन्हें देखने दो, जलने दो और तुम उसे एन्जॉय करो। अपनी बीबी से यह कहो की, "मेरी बीबी सब की बीबियों से ज्यादा सुन्दर लगनी चाहिए।"


कमल की बात सुन राज हैरान रह गया की उसकी बीबी के बदन के बारेमें कमल कितनी सटीक जानकारी रखता था। 

खैर राज ने माना की पहले जब रानी ब्यूटी पार्लर जाने की बात कहती तो राज उसे कहता था, "बगैर मेकअप के ही तुम तो इतनी सुन्दर लग रही हो। जिसको तुम्हें पटाना था वह तो पट गया। अब ब्यूटी पार्लर जाने से क्या फर्क पडेगा?" और रानी निराश होकर ब्यूटी पार्लर जाने का प्रोग्राम कैंसिल कर देती थी। 

पर अब राज ने तय किया की वह रानी को सिर्फ ब्यूटी पार्लर जाने से नहीं रोकेगा बल्कि उसे प्रोत्साहित करेगा।राज ने कमल के इशारे पर प्लान का अमल करना शुरू कर दिया। एक दिन राज ने अपनी बीबी से पूछा, "डार्लिंग आज कल तुम ब्यूटी पार्लर क्यों नहीं जा रही?" तो रानी कुछ अजीब तरीके से राज की और देखने लगी। 

राज ने कहा, "तुम कितनी ज्यादा सुन्दर हो, यह तुम्हें नहीं पता। मैं चाहता हूँ यह सुंदरता मेकअप से और निखरे और मेरी बीबी का बदन पूरी दुनिया को ढंढेरा पिट पिट कर पूछे की "है मुझसे कोई और ज्यादा सुन्दर?" 

यह सुनकर रानी की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसे सज धज ने का शौक तो था ही। ऊपर से उसे पति का प्रोत्साहन मिला, तो वह जब भी कहीं जाने का प्रोग्राम बनता तो बड़ी खुश होकर पार्लर जाने लगी। आकर राज को सेक्सी पोज़ देकर पूछती, "मैं कैसी लग रही हूँ?" 

राज उसे बाहों में लेकर कहता, "वाह भाई। आज तुम्हें देखकर मेरे सारे दोस्त इर्षा से मुझसे जलेंगे। आज तो मेरी बीबी एकदम सेक्स की मूर्ति लग रही है। मुझे यही चिंता हो रही है की तुम्हे देखकर मेरे दोस्त मेरी और इशारा कर कहेंगे यार इस बन्दर को ऐसी सुन्दर मोरनी कैसे मिल गयी? इस पोज़ में तुमको देखकर अच्छे अच्छों का लण्ड खड़ा हो जाएगा, और उनका तुम्हें चोदने का मन करेगा। तुम्हंज़ ऐसे देखकर मेरा भी तो मन कर रहा है मैं तुम्हें अभी, यहीं और इसी वक्त चोद डालूं।"

रानी हमेशा उसकी बातें सुनकर खिल जाती और "धत्त, ज्यादा ड्रामा मत करो। ज़रा शर्म करो। धीरज रखो, रातको तुम खूब चोदना।" कह कर हंस पड़ती।

फिर एक दिन राज ने कमल की कही दूसरी बात भी थोड़ी बढ़ाचढ़ा कर अपनी सुन्दर बीबी को कह ही डाली। राज ने रानी को कहा, "रानी डार्लिंग, तुम्हारे स्तन, तुम्हारी गांड और तुम्हारी कमर, नाभि इत्यादि शादी के बाद तो और आकर्षक रूप से उभरे हैं और बड़े ही सेक्सी लग रहे हैं। उन्हें देखकर अच्छे अच्छों का लण्ड खड़ा हो जाता है। मैंने तुम्हारी जितनी सुन्दर बीबी किसी की नहीं देखि। तुम्हें अगर मर्द लोग ताकते हैं तो उसे एन्जॉय करो। मैं तुम्हें सबसे ज्यादा सेक्सी देखना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ की तुम जब भी मौक़ा मिले तो भड़कीले कपडे पहनो। मैं चाहता हूँ की गैर मर्द तुम्हें ताकें और तड़पें। वह लोग तो तुम्हारे बारे में सोच कर मुठ मारें और मैं उनपर तरस खाकर तुम्हें प्यार से चोदूँ।"

धीरे धीरे राज की खूबसूरत बीबी रानी अपना रूप और सुंदरता को ऐसे सजाने लगी की सब देखते ही रह जाएँ। रानी को उसे खूबसूरत दिखाने की राज की चाहत बहुत भायी। वह सेक्सी वेश भी पहनने लगी। बल्कि कई बार वह अपनी नाभि के निचे तक साडी पहनके राज के साथ पार्टी में और मार्किट में भी गयी। जब लोग उसे लालच भरी नज़रों से देखते थे तो वह उसका मजा लेने लगी। 

राज जिस क्लब का सदस्य था उस क्लब में रानी को शाम को ले जाने लगा। रानी ने उसी क्लब की युवा महिलाओं से मिलकर एक महिला क्रिकेट टीम बनायी और वहाँ और बाहर की टीम के साथ खेलने लगीं। राज ने कमल से यह बात की कमल बड़ा खुश हुआ और बोला की अगर रानी चाहे तो कमल उसे क्रिकेट के बारे में कुछ टिप्स दे सकता है। 
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#9
उन्ही दिनों में कमल का तीन दिन के लिए क्रिकेट खेलने के लिए अहमदाबाद आने का प्रोग्राम बना। रानी यह सुनकर ख़ुशी के मारे उछल पड़ी। उसने राज से कहा की राज कमल भैया को कहें की वह दो चार दिन उनके वहाँ आकर रुकें और रानी को क्रिकेट की कोचिंग दें। राज ने जब कमल से यह कहा तो कमल ने राज की बात मान ली और कमल का प्रोग्राम तय हो गया। कमल ने बताया की वह तीन दिन तक तो होटल में टीम के साथ रुकेगा पर चार दिन वह राज के साथ गुजारेगा। 


राज तो कमल के आने की खबर से मारे ख़ुशी के बाँवरा सा हो गया। उसने कमल भैया की आवभगत के लिए काफी तैयारी की और नया फर्नीचर, परदे, तौलिये और पता नहीं क्या क्या नयी चीज़ें खरीद लाया। राज का उत्साह देखकर उसकी की बीबी रानी हैरान रह गयी। वह जानती तो थी की कमल के लिए राज के मन में खूब प्रेम और सम्मान था, पर इस हद तक का प्रेम और उत्साह तो उसने पहली बार देखा। राज बार बार कहता, "कमल मेरा दोस्त नहीं, भाई भी नहीं, भगवान है। मैं उसके लिए जो भी करूँ कम है। उसने मुझे नयी जिंदगी दी है।"

तीन दिन जब कमल मैच खेल रहा था तो रानी रोज मैच देखने जाती थी। कमल का प्रदर्शन बैटिंग और बोलिंग में सर्वोत्तम रहा। रानी रोज खेल के बाद थोड़ी देर के लिए कमल से जरूर मिलती और मिलकर उसे बधाई देती। मैच खतम होने के दूसरे दिन राज कमल को सुबह ही सुबह घर ले आया। 

कमल को जैसे ही घर में प्रवेश कराया की राज ने कमल की आरती उतारी, उसके पाँव खुद छुए और रानी से छूने को कहा। पर कमल ने राज की बीबी रानी को पाँव नहीं छूने दिया, बल्कि प्यार से गले लगाया। फिर राज ने कमल के ललाट पर तिलक लगाया, उसे जलपान कराया और सीधे ही अपने बैडरूम में ले जा कर थोड़ी देर लेट कर आराम करने को बाध्य किया। 

कमल के लेटते ही राज पलंग के ऊपर कमल के पाँव के पास बैठकर कमल के पाँव दबाने लगा। एक कोने में खड़ी खड़ी रानी अपने पति का ऐसा मित्र प्रेम देखती रही। राज ने अपनी बीबी रानी को अपने पास बिठाकर उसके कंधे पर एक हाथ रख कर कहा, "रानी डार्लिंग, कमल भैया मेरा सर्वस्व है। जैसा मैं तेरे लिए सबकुछ हूँ वैसे कमल भैया मेरे लिए सब कुछ है। उनकी इच्छा भी मेरे लिए आज्ञा सामान है।"

पति की इतनी गहरी मित्र भक्ति देख कर रानी थोड़ी सी भावुक हो गयी और धीरे से राज के पास पलंग पर बैठ कर कमल का दुसरा पाँव अपनी गोद में लेकर उसे प्यार से दबाने लगी। कमल के मना करने पर भी वह नहीं मानी और जब तक कमल सो नहीं गया तब तक दोनों कमल की पाद सेवा करते रहे।

कमल ने महसूस किया की बरबस ही उसकी नजर चाहते हुए भी रानी के सुन्दर और कमनीय बदन पर चली जाती थी। कमल को भी ऐसा लगा की रानी भी शर्माते हुए अपनी नजरें निचीं कर हल्का सा मुस्का कर उसे कुछ कुछ प्रतिक्रिया (रिस्पॉन्स) दे रही थी। जब कमल साथ होते तो रानी की बातें ख़तम ही नहीं होती थीं। वह कमल को उसके क्रिकेट के बारे में काफी पूछती रहती थी। 

उन चार दिनों में राज तो अपने ऑफिस चला जाता पर रानी रोज कमल को क्लब में ले जाती और कमल और रानी क्लब में क्रिकेट की प्रैक्टिस करते। कई बार जब क्लब में ज्यादा लोग ना होते तो कमल रानी के पीछे सट कर खड़ा रहता और कैसे बैटिंग करना है वह सिखाता। कई बार कमल रानी के पीछे खड़े होकर रानी की बाहें पीछे से पकड़ कर कैसे गेंद फेंकी जाती है वह दिखाता। 

उस समय कमल का लण्ड पतलून में खड़ा हो जाता और रानी को अच्छी तरह अपनी जाँघों के बिच में या फिर अपनी गाँड़ की दरार में कई बार कमल का लण्ड महसूस होता था। रानी जान गई थी की कमल बहुत उत्तेजित हो रहा था। बॉलिंग करते समय कैसे शरीर का संतुलन रखना चाहिए यह सिखाने के लिए कई बार कमल रानी के पीछे खड़ा होकर रानी की छाती पर अपने दोनों हाथ रख कर उसे सिखाता। ऐसा करते हुए उसे रानी के स्तनों को दबाने का पूरा मौक़ा मिलता। 

रानी शायद समझ गयी थी की कमल भैया सिखाने के साथ साथ उसके बदन का मजा ले रहे थे पर वह कुछ नहीं बोलती। रानी कमल भैया की क्रिकेट खेलने की सूझबूझ और सिखाने की लगन से खुश थी। शायद रानी के मनमें भी तो कुछ कुछ सेक्स की आग लगी हुई थी।
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#10
उन चार दिनों में रानी कमल के साथ काफी कुछ घुलमिल गयी थी। अब वह पहले की तरह कमल से ज्यादा अतड़ी अलग सी नहीं रहती थी। रानी ने जाते समय कमल को रात ट्रैन में खाने के लिए खाना पैक कर दिया। जब कमल ने डिब्बा खोला तो उसमें से एक पर्ची निकली जिसमें लिखा था "हमारे घर आने का बहोत बहोत शुक्रिया। हमें भूल मत जाना और आते रहना।" कमल की समझ में नहीं आया की वह कोई ख़ास सन्देश था या फिर एक साधारण धन्यवाद। 


राज का अपने प्रति इतना बदलाव और राज का रानी को इतनी छूट देना रानी को बहुत अच्छा तो लगा पर रानी के मनमें उत्सुकता हुई की आखिर कुछ कुछ बात है जिससे की उसका पति रानी की और इतना ध्यान देने लगा है। आखिर बात क्या है? एकदिन राज से रानी ने वह बात पूछ ही डाली जिसका राज को डर था। उसने राज को बात बात में पूछा की, "राज एक बात बताओ। पहले तो आप अपने काम में इतने व्यस्त रहते थे की मेरी और ज़रा भी ध्यान नहीं देते थे। पर आजकल आप मेरे बारे में, मेरे शरीर के बारेमें और मुझे सेक्सी दिखाने में आपका इंटरेस्ट इतना क्यों बढ़ गया है? आपमें अचानक इतना जबरदस्त परिवर्तन कैसे आया?"

तब राज ने जवाब दिया की "यह सब कमल का कमाल है।" और फिर राज ने रानी को कमल से हुई बातचीत के बारेमें बताया। 

रानी राज की बात सुनकर हैरान रह गयी, फिर धीरे से बोली, "कमाल है। कमल भैया बड़े ही समझदार हैं। पत्नी का कैसे ध्यान रखना चाहिए यह वह बखूबी जानते हैं।" राज समझ गया की सेक्स लाइफ में सुधार होने से रानी भी खुश लग रही थी और दूसरे रानी को यह भी शिकायत नहीं थी की उसका पति राज कमल से रानी के बदन के बारेमें खुल्लम खुल्ला बात कर रहे थे। 

जब राज ने कमल से यह सब कहा तो कमल ने राज से पूछा, "एक बात तो हमारे पक्षमें है। रानी थोड़ी ही सही पर तैयार तो हो रही है। मैं तुम्हें तो मार्गदर्शन दे रहा हूँ, पर मेरी बीबी को तैयार करने में नाकाम हूँ। अच्छा एक बात बताओ, रानी को कभी ज्यादा रोमांटिक वाली; अरे साफ़ साफ़ कहूं तो ब्लू फिल्म दिखाते हो क्या?"

जब राज ने कहा, "नहीं। अरे मैंने खुद ही कोई ब्लू फिल्म नहीं देखि तो रानी को कहाँसे दिखाऊंगा?" 

कमल ने अपना सर पीटते हुए कहा, "तुम तो बड़े भोंदू निकले यार। आजकल यह सब मिल जाता है। ज़रा कोशिश करो। अपनी बीबी रानी को गरमा गरम हॉट ब्लू फिल्म दिखाओ। मैं एक काम करता हूँ। मैं तुम्हें एक लिंक भेजता हूँ। तुम उस ब्लू फिल्म को देखो और भाभी को भी दिखाओ। फिर देखो, भाभी में और कितना बदलाव आता है!"

तब राज ने पूछा, "भैया तुमने यह सब किया है क्या? जब मैं वहाँ आया था तो मुझे लगा की तुम्हारी अपनी विवाहित जिंदगी भी कुछ ज्यादा बढ़िया नहीं चल रही थी।"

कमल एक लम्बी और बड़ी गहरी साँस लेकर बोला, "अरे भाई, यह सब अपने तजुर्बे से ही तो कह रहा हूँ। हम कोई आसमान से नहीं टपके। मुझे किसीने रास्ता दिखाया। अब मैं तुम्हें राह दिखा रहा हूँ। पर हाँ, मेरी कहानी तुमसे थोड़ी अलग है। कुमुद और रानी में अंतर है। मेरे दबाव के कारण कुमुद थोड़ी बदली तो है, पर उसे तैयार करना मेरे लिए तो भाई पहाड़ पर चढ़ने जैसा है। पर मेरी छोडो, जहां आगे बढ़ सकते हैं वहाँ तो कोशिश करें।

कमल की बात सुन कर राज मन ही मन में दुखी हुआ की कमल भैया और कुमुद भाभी की जोड़ी अच्छी चल नहीं रही थी। शायद कुमुद भैया को कुमुद भाभी को चोदने में भी मजा नहीं रहा था। राज की यह बात समझ में नहीं आयी क्यूंकि राज को तो कुमुद बड़ी सेक्सी लगती थी और राज के मनमें एक ख्वाहिश थी की अगर मौक़ा मिले तो और अगर कमल भैया को कोई आपत्ति ना हो तो राज भी कुमुद भाभी को चोदना चाहता था। राज ने फिर दुबारा दृढ निश्चय किया की एक एक दिन वह जरूर अपनी बीबी रानी को तो कमल भैया से जरूर चुदवायेगा। शायद कमल भैया भी कुमुद को राज से चुदवाने के लिए राजी हो जाएँ। पर सबसे ज्यादा जरुरी यह था की पहले अपनी बीबी रानी को कमल भैया से चुदवाने के लिए तैयार करना। 

राज ने कमल से वह ब्लू फिल्म वाली लिंक भेजने को कहा तो कमल ने राज को एक वेबसाइट की लिंक भेजी और कहा, "इसे एकदम गुप्त रूपसे अपने लैपटॉप पर डाउनलोड कर देखना और फिर रानी भाभी को भी दिखाना। फिर मुझे बताना की क्या हुआ?"
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#11
राज ने लिंक खोल कर वीडियो देखा तो उस वीडियो में दो मित्र अपनी पत्नियों के साथ कोई हिल स्टेशन जाते हैं। संयोग वश उन्हें एक ही कमरे में रुकना पड़ता है। वहाँ वह एक दूसरे की बीबियों को कम कपड़ों में देखते हैं। 


दो पलंग एकसाथ जुड़े हुए होते हैं और रात को दोनों पति अपनी पत्नियों से लिपट कर सोते हैं तभी रातको अचानक ही एक कपल उत्तेजित हो जाता है और पति पत्नी से चोदने की रट लगाने लगता है। आखिर में पत्नी पति की बात मानकर कपडे पहने हुए ही अपना घाघरा ऊंचा करके उसे चोदने देती है। 

जब दूसरा कपल यह देखता है तो पति अपनी पत्नी के विरोध करने पर भी अपने और पत्नी के कपडे निकाल कर पत्नी पर चढ़ कर उसे चोदने लगता है। उसे कोई परवाह नहीं की दुसरा कपल उन दोनों को नंगा चोदते हुए देख रहा था। पत्नी भी अपने आपको रोक नहीं पाती है और पति का पूरा साथ देती है। तब पहला कपल हैरान हो कर उन दोनों को चोदते हुए देखता ही रहता है। तब वह पति दूसरे कपल को देखकर अपने सारे कपडे निकाल देता है और अपनी पत्नी को भी नंगी कर चोदने लगता है। दोनों पति एक दूसरे को उछृंखलता से अपनी अपनी बीबियोंको चोदते हुए देखते हैं। 

दोनों पत्नियां अपने पति से चुदवाने में मग्न होती हुई अपनी आँखें बंद करके मजा लेती हैं तब एक पति दूसरे पति को आँख मार कर इशारा करता है और फिर एक पति दूसरे की पत्नी की जाँघों पर हाथ रखता है। उसे देख कर दुसरा पति दूसरे की पत्नी के स्तन दबाने लगता है। दोनों में होड़ लगती है और उससे पहले की दोनों पत्नियां अपने पति के खेल को समझे, दोनों पति फुर्ती से अपनी बीबी के ऊपर से हटकर एक दूसरे की पत्नी पर चढ़कर उन्हें चोदने लगते हैं। पत्नियां समझ जाती हैं; पर जैसे असहाय है ऐसा ढोंग करके अपनी आँखें बंद करके इसका मजा लेती हैं और बादमें बिंदास होकर (अपने पति की इजाजत जो मिल गयी) अलग अलग तरीके से दूसरे के पति को चोदती है और उससे चुदवाती है। ऐसे कई तरह से लण्ड चूसना, चूत चाटना, चूँचियों को चूसना और निप्पलों को काटना इत्यादि होता है और आखिर में दोनों पति दूसरे की पत्नियों की चूत में अपना वीर्य निकालते हैं। 

उस वीडियो को देखकर राज की तो हवा निकल गयी। जब वह ही इतना हैरान था, तो इसको रानी को दिखाना तो नामुमकिन सा लग रहा था। पर राज को एक बात अच्छी लगी की कमल भैया ने वही वीडियो चुना जिसमें दोनों पति अपनी पत्नियों को दूसरे से चुदवाते हैं। राज के मनमें आशा जगी की शायद कहीं कहीं कमल भैया के मनमें खुद रानी को चोदने की और कुमुद को राज से चुदवाने की मंशा हो सकती हैं। पर राज यह बात कमल को पूछने की हिम्मत ना जुटा पाया।

जब राज ने कमल से कहा की शायद रानी ऐसी फिल्म देखने के लिए तैयार नहीं होगी तो कमल अपनी हँसी नहीं रोक सका। कमल ने कहा, "तुम निश्चिंत रहो। एक रात को रानी से कहो की तुम्हें कहीं से एक वीडियो मिला है। तुम यह मत कहना की मैंने भेजा है। रानी से कहना की वह थोड़ा सेक्स के बारेमें है और उसे सिर्फ बीबी के साथ ही देखना है ऐसा कहा गया है। पहले तो रानी थोड़ी ना नुक्कड़ करेगी, की यह अच्छा नहीं लगता, पर फिर वह इसे देखती रहेगी और आखिर में तुम खुद देख लेना क्या होता है।"

राज ने एक शनिवार की रात रानी से यह बात कह डाली। राज ने रानी से कहा की वीडियो थोड़ा सा अश्लील है। उसे आश्चर्य हुआ जब रानी वीडियो देखने के लिए तैयार हो गयी। शायद उसे पता नहीं था की वह क्या देखने वाली थी।

जैसे राज ने वीडियो चालु किया और पति पत्नी के रोमांस के सिन आये तो राज की प्यारी बीबी रानी राज के करीब बैठ गयी और राज की टाँगों के बिच हाथ डालकर उसके ढीले लण्ड को टटोलने लगी। जब पति पत्नी की चुदाई के दृश्य आये तो वह राज का लण्ड पाजामे में से निकाल कर उसे फुर्ती से हिलाने लगी। जैसे जैसे परदे पर दृश्य ज्यादा उत्तेजित होने लगे, अपना घाघरा ऊपर कर रानी ने राज का हाथ उसमें डाला। राज ने महसूस किया की उसकी बीबी रानी की चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी और उसमें से उसका रस रिस रहा था। राज समझ गया की रानी उससे उँगलियों से चुदवाना चाहती है। 
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#12
पर जब रानी ने देखा की दोनों पति एक दूसरे की बीबियों पर चढ़कर उन्हें चोदने लगे थे तो उससे रहा नहीं गया वह राज से चिपक गयी जैसे वह यह सब देखने से डर गयी हो। तब राज ने अपनी उत्तेजित खूबसुरत पत्नी को अपनी बाहों में लिया और उसे यह कह कर प्यार जताने लगा की देखो जानूं यह सब होता रहता है। इसका आनंद लो। एन्जॉय करो।"


राज के बार बार आश्वासन देने से और अत्यंत उत्तेजक भड़कीले सिन के कारण राज और रानी दोनों का उन्माद बढ़ता जा रहा था। जब राज ने रानी के कपडे उतार कर रानी की चूत में उंगलिया डाल कर उसे उकसाना शुरू किया तो वह एकदम उत्तेजित हो गयी और राज पर चढ़ गयी और राज को जोरशोर से चोदने लगी। उसका पानी कई बार छूट गया। राज ने कभी भी उसकी बीबी को इतनी बार निढाल होते हुए नहीं देखा। राज को चोदते हुए वह बोल रही थी, "राज ऐसा कभी नहीं हो सकता। यह गलत है।"

तब राज ने रानी से कहा, "जानू, इस दुनिया में सारी अच्छी चीजें या तो या गलत, या असामाजिक, या तो कानूनी दृष्टि से अवैध मानी जाती है। पर होता सब कुछ है।"

रानी भोलेपन से ताकते हुए पूछा, "क्या ऐसा भी होता है की एक औरत का पति अपने दोस्तको अपनी पत्नी को अपने सामने ही चोदते हुए देख सकता है?"

राज ने कहा, "ना सिर्फ पति अपनी पत्नी को उसके सामने चुदवाते हुए देख सकता है बल्कि वह देखना चाहता है।"

रानी ने पूछा, "कमाल है यार! ऐसा कैसे हो सकता है?"

राज ने कहा, "होता है तभी तो दिखाया है। "

रानी ने कहा, "तुम मुझे वैसे ही बरगला रहे हो। वास्तव में ऐसा कैसे मुमकिन है? भला कोई मर्द अपनी बीबी को दूसरे से चुदते हुए कैसे देख सकता है? और कोई बीबी अपने पति को किसी और औरत को चोदते हुए कैसे देख सकती है? क्या तुम मुझे तुम्हारे किसी दोस्त से चुदवाते हुए देख सकते हो?"

राज ने कहा, "चलो अपनी ही बात करो। तुम्हारा सवाल था की क्या मैं तुम्हें मेरे किसी दोस्त से चुदवाते हुए देख सकता हूँ? तो सुनो मैं तुम्हें मेरी और तुम्हारी पसंद के कोई भी गैर मर्द से चुदवाते हुए ना सिर्फ देख सकता हूँ बल्कि देखना चाहता हूँ।"

रानी ने राज की और तेज तर्रार आँखों से देखते हुए कहा, "तुम क्या बक रहे हो? क्या तुम वास्तव में ऐसा कर सकते हो? पर मैं तुम्हारे अलावा किसीसे भी चुदवाना नहीं चाहती। मैं तुम्हें भी किसी गैर औरत को चोदते हुए देख नहीं सकती।" रानी की बात सुन कर राज निराश हो गया। राज चुप रहा। उसने उस बातको उस समय आगे बढ़ाना ठीक नहीं समझा। 

दूसरे दिन राज ने सारी बातें विस्तार से कमल को सुनाई। कमल ने राज की कही सारी बातें सुनी। उसे सुनकर कमल को कोई आश्चर्य नहीं हुआ। कमल ने कहा, " राज तुम ज़रा भी हौसला मत खोना और चिंता मत करो। तुम ठीक जा रहे हो। आगे देखते जाओ, क्या होता है। अब तुम एक काम और करो। तुम भाभी से सेक्स करते समय उसे ऐसी कल्पना करने को कहो की वह तुमसे नहीं कोई और पुरुष से सेक्स कर रही है। उसे ऐसा नाम सोचने को कहो जिसे वह जानती हो और जिस को वह पसंद करती हो।" फिर कमल ने राज का अगला कदम क्या होगा उसके बारेमें विस्तार से बताया। 

बात होने के एक दिन बाद रात में राज ने सहज रूप में ही अपनी बीबी रानी से पूछा की पिछली रात वाला वीडियो कैसा लगा तो रानी ने कहा, "देखो, सोचनेमें तो यह बड़ा लुभावना लगता है; और तुम जो चाहे कहो, पर ऐसा वास्तव में हो नहीं सकता। मेरे साथ तो कतई नहीं। गैर मर्द के बारेमें तो तुम सोचना भी मत। मैं कोई ऐसी वैसी औरत नहीं हूँ। कमाल करते हो। तुमने क्या सोचा की मैं किसी भी गैर मर्द से ऐसे ही चुदवाने के लिए तैयार हो जाउंगी? नहीं जी नहीं, यह नहीं हो सकता।
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#13
राज अपनी बीबी की बात सुनकर निराश हो गया। उसे लगा की उसके प्लान पर उसकी बीबी ने ठंडा पानी डाल दिया था। वह सोच में पड़ गया। तब अचानक उसे रानी की दो बातें सूचक लगी। 


पहले तो रानी ने कहा "देखने में तो यह सब लुभावना लगता है।" इसका मतलब यह हुआ की रानी को दो मर्दों से चुदवाने वाली बात लुभावनी लगी। 

दुसरा जब रानी ने यह कहा की , "मैं कोई ऐसी वैसी औरत नहीं हूँ जो किसी भी गैर मर्द से ऐसे ही चुदवाने के लिए तैयार हो जाउंगी।" इसका मतलब रानी ने यह कहा की वह किसी ऐरे गैरे से चूदवाने के लिए नहीं तैयार होगी और वह वैसे ही नहीं मानेगी। वह एक इज्जतदार औरत है और अपनी इज्जत आसानी से किसी ऐरे गैरे के साथ दाव पर नहीं लगा सकती।

पर जो रानी ने नहीं कहा वह यह था की अगर कोई ख़ास व्यक्ति हो तो वह तैयार हो सकती है और उसे काफी मनाना भी पडेगा। शायद बातों बातों में ही रानी ने मना करते हुए भी इशारा कर ही दिया की वह मान सकती है। उसे किसी और से चुदवाना लुभावना तो लगता है लेकिन वह आसानी से मानने वाली नहीं है। उसके पीछे काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। सबसे ज्यादा सूचक रानी ने यह इशारा किया की वह किसी साधारण व्यक्ति को अपना सर्वस्व समर्पण नहीं करेगी। 

तब राजने बड़े ही प्यार में धीरे से रानी से कहा, "ठीक है। चलो मैंने तुम्हारी बात मान ली। तुम किसीसे हकीकत में चुदवाना नहीं चाहती हो तो सही। पर मेरा मन रखने के लिए मेरी उत्तेजना के लिए ही सही; तुम जब मुझसे चुदवाती हो तो तुम्हारा मन पसंद कोई भी गैर मर्द से चुदवाती हो ऐसा नाटक तो तुम कर सकती हो ? मुझसे चुदवाते समय तुम मुझे उस गैर मर्द के नाम से बुला तो सकती हो ? उसमें तो तुम्हें कोई एतराज नहीं होना चाहिए?"

थोड़ा सोचने के बाद रानी ने कहा, "चलो ठीक है। जब तुमने मेरी बात मान ली है तो फिर तुम्हारे लिए मैं इतना तो कर सकती हूँ। "

राज ने कहा "तो फिर बोलो; तुम्हारा मनपसंद पराया मर्द कौन है? तुम कल्पना मैं किस मर्द से चुदवाना पसंद करोगी? मुझे किस नाम से बुलाना पसंद करोगी?"

रानी ने कहा, "जब कल्पना ही करनी है तो कोई भी नाम ले लो, चलेगा। संजय, धनञ्जय, सुरेश, रमेश कोई भी नाम लो, क्या फर्क पड़ता है? तुम बताओ। तुम जो कहोगे मैं वही नामसे तुमको बुलाऊंगी। असल में तो तुम ही मुझे चोदोगे ना?"

राज ने कहा, "हाँ, चोदुँगा तो मैं ही। पर तुम मुझे ऐसे वैसे नाम से नहीं बुलाओगी, ऐसा वैसा कोई भी नाम नहीं चलेगा। कल्पना में ही सही पर चोदने वाला एक जाना हुआ और तुम्हारा पसंदीदा व्यक्ति होना चाहिए। मान लो की तुम्हें मजबूर किया जाए की तुम्हें तुम्हारे पति के अलावा जाने पहचाने मर्दों में से किसी एक से चुदवाना ही पडेगा तो तुम जिसे पसंद कर सकती हो ऐसा व्यक्ति होना चाहिए। वह ऐसा होना चाहिए की तुम दूसरों के मुकाबले उससे चुदवाना पसंद करोगी। तभी तो तुम्हें कल्पना में उससे चुदवाने का असली मजा आएगा ? तो फिर बोलो तुम्हारा पसंदीदा मर्द कौन है?"

रानी सोच में पड़ गयी। "मेरे पसंदीदा मर्द? वैसे तो कई हैं, मेरे रिश्तेदार। पर यहां बात तो चुदवाने की है। रिश्तेदार नहीं चलेंगे। सेक्स करने के लिए किसको पसंद करना है? मेरे दोस्तों के पति जैसे नविन, सूरज, राजन। मुझे कोई नहीं जँचता। तुम्हारे दोस्त को देखते हैं जैसे रवि, सुरेश, सागर। सब वैसे ही हैं। नहीं इनमें से कोई नहीं। सब के सब फ़ालतू हैं। और चन्दन और कमल भैया? कमल भैया?"

रानी कमल का नाम बोलकर अचानक कुछ पल चुप रह गयी फिर बोली, "नहीं, कमल भैया नहीं कमल भैया अच्छे तो हैं, पर.... यार, यह तो बड़ी समस्या है। तुम जानो बाबा। तुम तो सबको जानते हो। चलो जो तुम कहोगे वही नाम ले लुंगी। बस? अब तो खुश हो?" रानी ने झिझकते हुए कहा।
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#14
"कमल का नाम तो तुम्हारी जुबान पर ही गया है, तो फिर कमल का ही नाम ले लेते हैं। कमल तो तुम्हें पसंद है ना? तुम्हें कमल भैया से चुदवाने में तो कोई एतराज नहीं है ना?" राज ने पट से पूछा।


जब रानी ने गुस्से से राज की और देखा तो राज ने सहम कर बोला, "अरे भाई सिर्फ कल्पना में।

रानी थोड़ी देर के लिए चौक गयी। उसके चेहरे पर दुविधा साफ़ नजर रही थी। पर क्या बोले? उसके खुदके मुंह से कमल का नाम निकल गया था। और फिर उसने तो कह दिया था की कोई भी नाम चलेगा। तो अब तो मानना ही पडेगा। और फिर अपने आपको सम्हालते हुए बोली, "कल्पना ही तो करनी है ना? ठीक है। क्या फर्क पड़ता है? कोई भी नाम ले लो। कमल भैया का नाम भी ठीक है।"

राज ने कहा, "देखो यह गड़बड़ है। कल्पना में ही सही, पर जब तुम कमल से मानसिक रूप से चुदवाने के लिए तैयार हो ही गयी हो तो कमल को कमल भैया मत कहो। समझो की अब मैं कमल हूँ। मुझे भैया कह कर मेरा मूड मत खराब करो। मुझे सिर्फ "कमल" कह कर ही बुलाओ और बोलो, कमल मैं अब तुमसे चुदवाना चाहती हूँ। मेरे पति राज से तो मैं रोज चुदती हूँ पर आज कमल मुझे चोदेगा।"

रानी बड़े ही असमंजस में पड़ गयी। उसने सोचा नहीं था की बात ऐसा रुख ले लेगी और कमल भैया का नाम बिच में जाएगा। और फिर कल्पना में ही सही पर अपने पति को कमल भैया समझ कर उन से चुदवाना पडेगा और चुदवाते हुए अपने पति को कमल कह कर बुलाना लड़ेगा। रानी को लगा की उसके पति ने उसको अपनी जाल में ऐसा फाँस लिया था की अब वह उस चंगुल में से निकल नहीं सकती थी। दूसरी तरफ रानी ने महसूस किया की उसके मनमें कोई अँधेरे कोने में पनप रही कमल की और वासना की चिंगारी को जैसे उसके खुद के पति ने हवा देना शुरू किया हो। रानी की चूत में से बरबस ही रस चूने लगा। 

उसने सोचा, चलो सिर्फ कल्पना ही तो करनी है? जब बात इतनी आगे बढ़ ही गयी थी तो फिर पति की बात माननी तो पड़ेगी ही। थोड़ा सा हिचकिचा कर रानी ने राज का लण्ड अपने हाथ में लिया और बोली, "ठीक है। चलो मैं तुम्हें कमल कह कर ही बुलाऊंगी।" फिर बोली, "कमल, आज मैं तुमसे सेक्स करना चाहती हूँ। मेरे पति राज तो रोज मुझ से सेक्स करते हैं। मुझे अब राज से सेक्स करने में मजा नहीं आता। आज तुम मुझसे सेक्स करो।"

तब राज ने झल्ला कर चिल्लाते हुए कहा, "मेरी रानी, यह क्या सेक्स सेक्स लगा रखा है? जैसे तुम मुझे कहती हो ना की चोदो मुझे। तो समझो की मैं कमल हूँ और तुम कमल से चुदवा रही हो। खुल जाओ। अब खुल्लमखुल्ला बोलो की कमल, मैं आज तुमसे चुदवाना चाहती हूँ। तुम मुझे चोदो।

राज की ऊँची आवाज से उसकी बीबी रानी थोड़ी सहम गयी और बोली, "राज तुम मुझे परेशान कर रहे हो।

राज ने तब रानी को प्यार से धीरे से कहा, "डार्लिंग, हम सेक्स में कुछ उत्तेजना पैदा करना चाहते हैं ? तो क्या तुम मेरा साथ नहीं दोगी?"

तब फिर रानी ने कहा, "गुस्साओ मत। मैं कह रही हूँ ?"

राज ने अपनी बीबी के गाल पर चुम्मी की तो वह बोली, "मैं कुछ इधर उधर बोल गयी तो तुम बुरा तो नहीं मानोगे ना?" राज ने अपनी बीबी रानी से हंस कर कहा की वह बिलकुल बुरा नहीं मानेगा। 

रानी: "कमल तुम्हारा लण्ड भी तो राज के जैसा ही है। आज मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूँ। मेरे पति राज तो रोज मुझे चोदते हैं। मुझे अब राज से चुदवाने में मजा नहीं आता। आज तुम मुझे चोदो।

राज की और देखते हुए रानी आँखें मटकाकर बोली, "मेरे सेक्सी राजा, बस? अब तो खुश?"

राज ने कहा "ऐसे नहीं, भाव से बोलो।"

राज की बीबी रानी ने राज के ढीले लण्ड को जोर से हिलाते हुए कहा, "भाव तो तभी आएगा जब तुम तैयार होगे? चलो पहले तुम अपना लण्ड कड़क करो और मैं बोलती हूँ।

फिर रानी ने बड़े प्यार से राज के लण्ड को कड़क करने के लिए हिलाते हुए कहा, "कमल तुम्हारा लण्ड तो गजब है। आज मैं तुमसे चुदवाने के लिए बाँवरी हो गयी हूँ। मेरे पति राज से चुदवा कर मैं अब ऊब चुकी हूँ। मुझे अब राज से चुदवाने में मजा नहीं आता। कमल आज तुम मुझे खूब चोदो। आज तुम मुझे ऐसे चोदो जैसे तुमने कभी किसीको नहीं चोदा। चलो अपना लण्ड खड़ा करो और मुझे चोदो। तुम्हारा यह मोटा लण्ड मेरी चूत में जल्दी डालो और उसकी भूख शांत करो।
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#15
रानी की बात सुनकर राज तो जैसे पागल सा हो गया। उसे लगा जैसे उसकी मेहनत सार्थक हुई। आखिर में कल्पना में ही सही, रानी कमल से चुदवाने के लिए तैयार तो हुई। उसके लिए यह बड़ी उपलब्धि थी। 


राज ने कहा, "सुनो डार्लिंग। अब मैं कमल हूँ। तुम सोचो की आज तुम कमल से चुदवा रही हो। यह मेरा लण्ड नहीं है। यह कमल का काफी बड़ा, मोटा और लंबा लण्ड है जो तुमने आज पहली बार देखा है। तुम उस लण्ड को अपनी चूत में डलवाने के लिए बेचैन हो। मेरी रानी तुम राज से हर रोज चुदवाती हो, तो आज जानेमन तुम मुझसे, कमल से भी तो चुद्वाओ। आज मेरा लण्ड भी तो चखो।"

रानी ने भी उसे लहजे में जवाब देते हुए कहा, "हाँ मेरे कमल डार्लिंग। आज राज घर में नहीं है। वह बाहर गया है। आज मैं और तुम अकेले हैं। मैं कई दिनों से तुम्हारे लण्ड के बारे में ही सोच रही हूँ। कैसा होगा तुम्हारा लण्ड? राज कहते हैं तुम्हारा लण्ड काफी लंबा और मोटा है। मैं ज़रा देखूं तो सही?"

रानी ने राज का कड़क लण्ड को अपनी उँगलियों में सहलाते हुए यह वाक्य ऐसे कहे की राज को ऐसे लगा की सचमुच वह अब कमल के साथ ही चुदाई करने जा रही हो। वह अपने नए रोल में जैसे डूब चुकी थी।

राज रानी के ऊपर चढ़ गया। रानी ने फ़ौरन राज का लण्ड पकड़ कर अपनी चूत की पंखुड़ियों को थोड़ा फैला कर उनके के बिच टिकाया और राज के लण्ड को अपनी चूत पर थोड़ा रगड़ते हुए बोली, "कमल, आज मैं तुमसे कोई प्राथमिक खेला किये बगैर मुझे चोदने के लिए ही कह रही हूँ क्यूंकि मुझे तुम्हारे लण्ड का अनुभव करना है। मुझसे अब तुम्हारे चोदने में देरी सही नहीं जाती।"

राज का लण्ड यह सुनकर एकदम लोहे की छड़ के समान खड़ा हो गया। रानी को अपने पति राज का लण्ड शायद रोज से ज्यादा ही लम्बा और मोटा लग रहा था। रानी ने जल्दी ही उसको अपनी चूत में घुसाया और राज को धक्के मारना शुरू करने के लिए इंगित किया।

उस रात उन दोनों ने जमकर चुदाई की। और पूरी चुदाई के दरम्यान रानी उसे "कमल चोदो, कमल और जोरसे" कह कर पुकारती रही। राज को ऐसा लगा जैसे रानी अब राज को कमल ही समझ कर जोश से चुदवा रही थी।

उस रात जब राज और रानी की चुदाई ख़तम हुई तब कुछ समय बाद धीरे से रानी ने राज से पुछा, "सच सच बताओ, कहीं यह आइडीया भी कमल का तो नहीं?"

राज ने हिचकिचाते हुए कहा, "हाँ आईडिया तो कमल का ही है, पर उसने अपना नाम लेने के लिए नहीं कहा था। वह आईडिया मेरा था। बाकी सारे आइडियाज कमल के ही थे।"

"
फिर तो वह ब्लू फिल्म वाला आईडिया भी कमल का ही होगा?" रानी ने पूछा। राज क्या बोलता? उसने सर निचा करके मुंडी हिला करके "हाँ" कहा। 


रानी ने अपने सर पे हाथ रख कर कहा, "है भगवान! तुम कैसे पति हो? अपनी बीबी को किसी गैर मर्द के सामने नंगी करोगे क्या?"

"
मैं तुम्हें कोई गैर मर्द के सामने थोड़े ही नंगी कर रहा हूँ? कमल कोई गैर मर्द थोड़े ही है? वह तो अपना है। है की नहीं?" राज ने पूछा। उसने सोचा देखूं तो सही की किसी गैरमर्द के सामने नंगी होने के लिए तैयार ना होने वाली उसकी बीबी कमल की बात आती है तो क्या कहती है।


रानी चुप हो गयी। फिर थोड़ी देर बाद बोली, "वह तो ठीक है। पर फिर भी तुम्हें हमारी गुप्त बातें उनको नहीं बतानी चाहिए थी। क्या तुमने कमल को हमारी सारी बातें बतादीं?" 

राज समझ गया की "वह तो ठीक है"बोलते ही उसकी बीबी पकड़ी गयी थी। दूसरों के सामने नंगी होने वाली बीबी कमल का नाम सुन कर चुप हो गयी थी। राज का माथा ठनक गया। किसी गैरमर्द के सामने नंगी ना होने वाली उसकी बीबी को क्या कमल के सामने नंगी होने में कोई एतराज नहीं था?

राज ने रानी से कहा, "जब वह अपना है तो उससे क्या छुपाना। मैं तो उसको सब बता देता हूँ। कमल चाहता है तुम भी उससे खुलकर बात करो।" रानी चुप होकर सुनती रही। उसने राज की बातका कोई जवाब नहीं दिया।
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#16
दूसरे दिन जब राज ने कमल को अपनी बीबी के साथ हुई बातें बतायीं तो कमल बोला, "राज तुम पहला सोपान (स्टेप) पार करने में सफल रहे हो।"


राज , "अब दुसरा सोपान क्या है?"

कमल: "दूसरे सोपान की भूमिका बन चुकी है। मुझे जो कुछ करना था वह मैंने कर दिया है। अब तुम्हें जो करना है वह तुम करो।" कमल ने फिर राज को दूसरे सोपान में क्या करना है उसकी जानकारी दी और कमल खुद क्या करेगा वह भी बताया।

उस रात राज को बड़ा आश्चर्य हुआ जब रानी ने ही कोई भी पूर्व भूमिका के बगैर बिस्तरे में लेटे हुए राज से कमल के बारे में पूछा की वह क्या बात थी जिसके बारेमें कमल रानी से बात करना चाहता था। 

राज ने कहा, "कमल तुमसे अकेले में बात करना चाहता था। दर असल बात कुछ नाजुक भी है और गंभीर भी। कमल की अपनी कुछ समस्या है। वह तुमसे कुमुद के बारेमें कुछ बात करना चाहता है। पर थोड़ा सा हिचकिचाता है। वह डरता है की तुम कहीं बुरा मान जाओ। बात कुछ कमल और कुमुद के बिच में सेक्स को लेकर है। पता नहीं क्यों, पर दर असल इस बात के बारेमें कमल मुझसे भी खुलकर बात नहीं करना चाहता। तुम औरत हो और कमल मानता है की तुम बड़ी सुलझी हुई हो इस लिए औरत की साइड बेहतर समझ सकती हो। इस लिए कमल तुम्हारी राय लेना चाहता है। कमल कहता है उसको पूरा भरोसा है की अगर तुम मान जाओगी तो तुम्हारी सोच समझ से कमल की समस्या मात्र तुम ही हल कर सकती हो। उसके पास तुमसे बात करनेके अलावा कोई रास्ता नहीं है।

अपनी तारीफ़ सुन कर रानी थोड़ी खुश हुई। रानी ने कहा, "ऑह तो यह बात है! खैर, अगर मामला ऐसा है तो फिर बात तो करनी ही पड़ेगी। इसमें बुरा मानने से काम नहीं चलेगा। ठीक है। मेरी बात करा देना।"

दूसरे दिन राज ने कमल को फ़ोन पर रानी से हुए बात के बारे में बताया। कमल ने राज की पूरी बातें सुनकर कहा, "देखो भाई, अब बात थोड़ी गंभीर हो रही है। अब जब रानी मुझसे बात करेगी और मैं उससे बात करूंगा तो उसमें सेक्स के बारेमें खुली बात होगी। तुम्हें कोई आपत्ति तो नहीं है ?"

राज ने उसकी बात को बिच में काट कर बोला, "भैया तुम भी कमाल करते हो। सारी बातें सेक्स की ही तो हो रही हैं। अब तक हम क्या कोई हिस्ट्री ज्योग्राफी की बात थोड़े ही कर रहे थे? जब मैं सामने चलकर तुम्हें कह रहा हूँ की तुम मेरी बीबी से बात करो तो फिर तुम्हें ऐसे विचार क्यों आते हैं? अब आगे बढ़ना है। आगे तुम जानो की रानी से क्या बात करनी है।"

कमल ने कहा, "ठीक है।"

दूसरे दिन सुबह राजने कमल का नंबर मिलाकर अपनी बीबी रानी से कहा, "लो, कमल से बात करो। मैं दूसरे कमरे में जाता हूँ, क्यूंकि कमल नहीं चाहता की तुम्हारे अलावा कोई और उस बात को जाने। बेशक, तुम मुझे बादमें सब कुछ बता देना पर कमल को पता लगे की मुझे सब मालुम है।

खुद को जब इतनी अहमियत मिलती है तो भला कौन खुश नहीं होगा? रानी बोली, "लाइए मैं बात करती हूँ।

राज ने जब रानी को लाइन दी तो कमल ने रानी से पूछा, "रानी, राज है की चला गया?" रानी ने कहा की उसने अपने पति को दूसरे कमरे में भेज दिया था। 

तब कमल ने रानी से कहा, "रानी, बात कुछ नाजुक है। बात कुछ सेक्स के बारेमें है। मैंने राज से पूछा था तो उसने कहा की उसने तुमसे बात की है और मैं तुमसे सेक्स के बारे में खुल्लम खुल्ला बात कर सकता हूँ। तो क्या मैं तुमसे बात करूँ? तुम्हें कोई आपत्ति तो नहीं हैं ना? मैं नहीं चाहता की तुम इस बारे में राज से और ना तो मेरी बीबी कुमुद से बात करो। यह बात हमारे दोनों के बिच में होनी चाहिए। ठीक है?" 

रानी: "ठीक है, आप बेझिझक बात कर सकते हो।

कमल: "पिछले कुछ दिनों से पता नहीं क्या हुआ है की मेरी बीबी कुमुद मेरे साथ सेक्स करने से मना कर रही है। आज तक उसने ऐसा कभी नहीं किया। पता नहीं अब क्या हो गया है। मैं बहुत परेशान हूँ और मैं देख रहा हूँ की कुमुद भी परेशान है, मैं बहुत मनाने की कोशिश करता हूँ पर वह है की मानती ही नहीं। पहले हम रात को एक दुसरेसे लिपट कर बिना कपड़ा पहने ही सोते थे और सेक्स करते थे। पर अब वह रात भर मुझसे दूर पलंग के दूसरे छोर पर एक कोने में कर सो जाती है और रात को हाथ भी लगाने नहीं देती। हमारी जिंदगी वीरान हो रही है। मुझे समझ नहीं आता मैं क्या करूँ।"
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#17
कमल की बात सुनकर रानी सोच में पड़ गयी। रानी ने कमल से कुछ सवाल पूछे जैसे, "आपके ख्याल से क्या कारण हो सकता है? क्या आप दोनों में कुछ झगड़ा तो नहीं हुआ? क्या रानी की तबियत तो ठीक है? उसे माहवारी तो नहीं है?" इत्यादि। कमल ने उन सब उन सब का सही उत्तर दिया। तब रानी बोली, "कमल, मुझे सोचने दो। मैं तुम्हें आजकल में सोचकर फ़ोन करुँगी।"


फ़ोन काट कर रानी सोचने लगी की क्या किया जाए जिससे कमल और कुमुद में जो मन मुटाव है उसे मिटाया जा सकता है। रानी ने अपने पति राज से इसके बारेमें बात करना ठीक समझा, हालाँकि कमल ने मना किया था। रानी ने अपने पति राज को सारी कहानी सुनाई और पूछा की राज की क्या राय है। 

राज ने रानी से कहा, "मुझे ऐसा लगता है की कमल भैया और कुमुद के बिच कोई ख़ास बात को लेकर यह मन मुटाव हुआ है। इस मसले को हल करने के लिए इसकी जड़ में जाना बहुत जरुरी है। तुमको यह जानना पड़ेगा की आखिर कमल और कुमुद के बिच यह मनमुटाव हुआ क्यों? वह क्या बात थी जिससे कुमुद इतनी नाराज हो गयी की सेक्स की बात तो दूर, वह अपने पति को पास फटकने तक नहीं देती? शायद कमल तुमसे सारी बातें साफ़ साफ़ करने में हिचकिचा रहा है। उसे कहो की किसी भी तरह की झिझक के बगैर वह तुमसे खुल्लम खुल्ला बात करे।"

दूसरे दिन रानी ने कमल से पूछा, "कमल भैया, मुझे लग रहा है आप मुझे सारी बात साफ़ साफ़ बता नहीं रहे हो। आप जरूर मुझसे कुछ छुपा रहे हो या बताने में झिझक रहे हो। अगर आप चाहते हो की इसे सुलझाने में मैं आपकी कुछ मदद करूँ तो आप को मुझे बिना छुपाये पूरी बात सच सच बतानी ही पड़ेगी। अगर आप मुझसे बेझिझक और खुल्लम खुल्ला साफ़ साफ़ बात नहीं करोगे तो मैं कैसे समझूंगी की बात क्या है?"

कमल: "रानी तुम एकदम सही हो। मैं सच सच और सारी बात बताने से डरता हूँ। अगर मैं सच बताऊंगा तो मुझे ऐसे अश्लील शब्द इस्तेमाल करने पड़ेंगे जो तुम्हें अच्छे ना लगे। क्या तुम अश्लील शब्द सुनने के लिए तैयार हो? और दूसरी बात, मैं सच बताना इस लिए भी नहीं चाहता क्यूंकि अगर मैंने सच बताया तो हो सकता है तुम मुझसे बहुत नाराज हो जाओ और मुझे ड़र है की सच जान कर कहीं तुम हमारे साथ रिश्ता ही ना तोड़ दो। अगर तुम्हें सच सच सारी बात जाननी है तो तुम मुझे वचन दो की जो मैं कहूंगा उस बात का तुम बुरा नहीं मानोगी और मेरी बात सुनकर मेरी गलतियों को माफ़ कर दोगी।

रानी कुछ पल सोचने लगी। फिर बोली, "कमल भैया, ऐसी क्या बात है? अब हमारे सम्बन्ध नाजुक नहीं रहे। वह इतने गाढ़ हो चुके हैं की हम चाहते हुए भी इन्हें तोड़ नहीं सकते। अब कोई औपचारिकता वाली बात नहीं रही। मेरे पति राज तो कहते हैं की तुम्हारे लिए वह उनकी जान भी कुर्बान कर सकते हैं। जब देखो वह आपके ही गुण गाते हैं। तब मेरे बुरा मानने वाली बात ही नहीं रही। आप बेझिझक कहो जो कहना है। इस लिए अगर आपको अश्लील शब्द बोलने पड़ेंगे तो मैं सुन लुंगी और मैं वचन देती हूँ की बुरा नहीं मानूंगी। बस? अब तो कहो की बात क्या है।"
तब कमल ने कहा, "तो फिर सुनो रानी, प्लीज मेरी एक बात मानलो। तुम मुझे कमल भैया कह कर मत बुलाओ। भाई बहन के सम्बन्ध में एक मर्यादा होती है। जब हम सेक्स के बारेमें बात करते हैं तो हमने वह मर्यादा पार कर ली है। हमारा सम्बन्ध भाई बहन, भाई भाभी की सीमाओं को लाँघ कर कहीं आगे बढ़ चुका है। राज मुझे भले ही भाई कहे, तुम मुझे भाई या भैया मत कहना। तुम मुझे सिर्फ कमल कह कर बुलाना। मैं तुम्हें सिर्फ रानी कह कर बुलाऊंगा। ठीक है? तुम्हें कोई एतराज तो नहीं

रानी तो वैसे ही राज को कमल कह कर ही अपने पति से चुदवाती थी। उसने फ़ौरन कहा, "नहीं, मुझे कोई एतराज नहीं। अब मैं तुम्हें कमल भैया नहीं, कमल कह कर ही बुलाऊंगी और तुम तो मुझे रानी कह कर बुला ही रहे हो।"

कमल: "और दूसरी बात: अब मैं साधारणतया अश्लील माने जाने वाले शब्द जैसे चूत, लण्ड, चोदना इत्यादि शब्दों का प्रयोग करूंगा क्यूंकि जो मैं बताने जा रहा हूँ उस बात में यही शब्द सही लगते है। और मैं चाहता हूँ की अब तुम भी सारी औपचारिकता छोड़ कर मुझसे भी इसी शब्दों का प्रयोग कर के बात करो। क्या ऐसा कर सकोगी?"

रानी असमंजस में पड़ गयी। थोड़ा रुकने के बाद रानी बोली, " मैं और राज, हम पति पत्नी तो ऐसे स्पष्ट शब्दों में ही बात करते हैं। भला आप के साथ मैं ऐसे शब्द कैसे प्रयोग कर सकती हूँ? पर जब आप कहते हैं की बात समझने और समझाने के लिए यह जरुरी है तो फिर ठीक है। मुझे ऐसे शब्द सुनने में कोई आपत्ति नहीं है और अगर आपको कोई हर्ज नहीं है तो फिर ऐसा ही सही। मैं भी वही शब्द इस्तेमाल करने की कोशिश करुँगी।"
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#18
कमल: :फिर वही आप? मुझे तुम कहो; आप नहीं। यह बहुत जरुरी है।"


रानी: "ठीक है ठीक है यह भी मान लिया बस? कमल अब मैं भी तुमसे साफ़ साफ़ बात करुँगी और स्पष्ट अश्लील कहे जाने वाले शब्दों का ही प्रयोग करने की पूरी कोशिश करुँगी। तुम भी बुरा मत मानना।"

जब कमल ने रानी से यह सूना तो वह ख़ुशी के मारे उछल पड़ा। फिर अपने आपको सम्हालते हुए बोला, "रानी तो सुनो, अब मैं तुम्हें सारी बात स्पष्ट और खुल्लम खुल्ले शब्दों में बताने जा रहा हूँ। सच बात यह है की मेरा लण्ड बड़ा और मोटा है। जब की कुमुद की चूत का छिद्र छोटा है। इस कारण मैं जब कुमुद को चोदता हूँ तो उसे तकलीफ होती है। मुझे भी कुमुद को तकलीफ होती है तो अच्छा नहीं लगता। दुसरा शादी के इतने सालों के बाद हम दोनों को शायद एक दूसरे को चोदने में उतना मझा नहीं आता। इसलिए मैं कुमुद को चोदते हुए कोई और औरत की अपने मन ही मन में कल्पना करता रहता था। ऐसा करने से मुझे बड़ा आनंद मिलता था और मैं और कुमुद हम दोनों ही खुश रहते थे। सब कुछ ठीक चल रहा था।"

कमल थोड़ी देर चुप रहा तो रानी ने सोचा की शायद फ़ोन का कनेक्शन कट गया था। उसने "हेलो, हेलो" बोला तो कमल ने कहा, "मैं लाइन पर ही हूँ।" तब रानी बोली, "तो कमल, इसमें चिंता की कौनसी बात है? अक्सर कई कपल एक दूसरे से सेक्स करते समय, सॉरी यार, चोदते समय किसी और का नाम लेकर या उनको चोदते हैं ऐसा सोच कर आनन्द लेते हैं। इसमें झगड़े की बात क्या है?" (रानी कैसे बताती की वह खुद भी ऐसा ही कर रही थी?)

कमल की आवाज थोड़ी गंभीर हो गयी। कमल ने कहा, "पर सुनो तो सही। सारी समस्या तो अब आएगी। एक रात मैं और कुमुद हम दोनों बड़े अच्छे मूड में थे और कुमुद भी चुदवाने के लिए बड़ी बेबाक हो रही थी। मैं कुमुद को उसके ऊपर चढ़ कर चोदने लगा। कुमुद भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। अचानक जोश ही जोश में मेरे मुंह से तुम्हारा नाम निकल गया। मैंने मेरी बीबी से पूछा, "रानी डार्लिंग, कैसा लग रहा है? तकलीफ तो नहीं हो रही है ना? ऐसे ही कुछ बोल गया।"

कमल की बात सुन कर कुछ पलों के लिए रानी फ़ोन पर ही स्तंभित हो गयी। उसने सोचा की कमल शायद बोलने में गड़बड़ कर गया। उसने पूछा, "क्या कहा? कमल, तुम ने किसका नाम लिया?"

कमल ने जवाब में कहा, "तूम ने मुझे वचन दिया है की तुम गुस्सा नहीं करोगी, तो मैं तुन्हें कह रहा हूँ की अक्सर मैं तुम्हारे बारे में ही सोचता था और कल्पना करता था की मैं कुमुद को नहीं तुम्हें चोद रहा हूँ। जब कुमुद ने तुम्हारा नाम सूना तो मुझ पर आग बबूला हो गयी और दहाड़ कर बोली, 'यह रानी बिच में कहाँ से गयी? क्या तुम्हारे रानी के साथ कुछ शारीरक सम्बन्ध है, या फिर तुम मुझे रानी सोच कर चोद रहे हो?" मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं था। मैं चुप रहा। बस तब से ही मेरी बीबी कुमुद मुझसे बात नहीं करती और मुझे रात को अपने पास फटकने नहीं देती। अब तुम्ही बताओ मैं क्या करूँ? रानी प्लीज, मेरी गलती के लिए मुझे माफ़ करना और मुझसे सम्बन्ध मत तोड़ना।"

कमल की बात सुनकर राज की बीबी रानी के पॉंव के निचेसे तो जैसे जमीन ही खिसक गयी। कमल अपनी बीबी कुमुद को रानी समझ कर चोद रहा था यह सुनकर रानी एकदम गरम भी हो गयी। रानी ने महसूस किया की कमल की बात सुनकर उसकी चूत से पानी रिस ने लगा था। रानी खुद अपने पति राज को कमल कह कर उनसे चुदवा रही थी तो उधर कमल अपनी बीबी कुमुद को रानी समझ कर चोद रहा था। रानी ने नहीं सोचा था की ऐसा भी कुछ हो सकता है। पर जब वह खुद ही दोषी थी तो रानी कमल को कैसे दोष दे सकती थी? रानी के पास इसका कोई जवाब नहीं था। इसका मतलब साफ़ था की रानी और कमल एक दूसरे को चोदना चाहते थे। 

काफी समय तक रानी एकदम चुप रही। उधर कमल परेशान हो रहा था की कहीं रानी ने फ़ोन काट तो नहीं दिया। कमल ने फ़ोन पर "हेलो, हेलो" कहा तो रानी ने कहा, "मैं सुन रही हूँ।"

कमल ने कहा, "देखो रानी मुझसे यह बड़ी गलती हो गयी। पर अब तुम्ही उसे सुधार सकती हो। प्लीज तुम मुझसे सम्बन्ध मत काटना। तुमने पहले ही वचन दिया है।
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#19
रानी ने दबे हुए स्वर में कमल से कहा, "यह तो गजब हो गया। अब तो आप दोनों के बिच में मैं गयी। बात बड़ी गंभीर हो गयी है। मुझे थोड़ा सोचने का वक्त चाहिए। अब बुरा क्या मानें? जो होना था सो तो हो ही गया। सम्बन्ध तोड़ने की तो कोई बात ही नहीं है, पर यह क्या हो गया?"


कमल ने कहा, "तुम ना सिर्फ औरत के मनको बल्कि पुरुषके मनके भावों को भी अच्छी तरह समझती हो। इसीलिए तो इस बारेमें मैंने तुमसे बात करना ठीक समझा, और जो मेरे मनमें था तुम्हें साफ़ साफ़ बता दिया। अगर तुम्हें अच्छा नहीं लगा तो मैं वचन देता हूँ की आगे कभी ऐसा नहीं करूंगा। मैंने तुमसे यह सारी बातें इसलिए की क्यूंकि मैंने तुम्हारे जैसी समझदार और परिपक्व औरत नहीं देखि। मैंने महसूस किया है की तुम रिश्तों की बारीकियों को भली भाँती समझती हो।"

राज की बीबी रानी कमल के मुंह से अपनी भूरी भूरी प्रशंशा सुन कर कुछ सकुचाई और बोली, "वह तो सब ठीक है पर कमल, तुम ने तो एक बड़ी समस्या खड़ी कर दी। खैर, जो होना था सो हो गया। सोचना यह है की इसे ठीक कैसे किया जाए। अब मेरे ख़याल से इसका एक ही इलाज है की मैं और राज इसके बारे में कुमुद से शान्ति से बात करें। पर फ़ोन पर नहीं। हमें आमने सामने बात करनी पड़ेगी। अगर तुम और कुमुद हमारे यहां अहमदाबाद सको तो अच्छा रहेगा। अब कुछ ही दिनों में नवरात्र का पर्व रहा है। अगर आप उन दिनों में आओ तो हम साथ में गरबा का मजा भी ले सकते हैं।

कमल ने कहा, "अगर मैं कुमुद से कहूंगा तो पता नहीं, कुमुद मेरी बात मानेगी या नहीं। अगर राज कुमुद से बात करेगा तो ज्यादा अच्छा रहेगा। बेहतर यही है की तुम राज से अब यह सारी कहानी सुनाओ और उसे कहो की कुमुद को मेरे साथ अहमदाबाद आने के लिए मनाये। अब राज से यह बात छुपाने का कोई फायदा नहीं है।

रानी ने शर्माते हुए कमल से कहा, "कमल तुम मेरी प्रॉब्लम समझो। मैं मेरे पति से कैसे कहूं की कमल अपनी बीबी कुमुद को चोदते हुए मेरा नाम लेता है? वह क्या सोचेंगे? क्या मैं यह कहूं की कमल मुझसे .... करना चाहता है कमल माफ़ करना पर मैं अभी ऐसा कुछ सोचने से भी डरती हूँ। मैं तुम्हारे साथ हम दोनों के बारेमें कैसे ऐसे शब्द का प्रयोग करूँ?"

कमल ने कहा, "अरे मेरी भोली प्यारी रानी, अब तो सब जान ही गए हैं की मेरे मनमें तुम्हें चोदने का विचार ही गया है। अब कोई भी शब्दों का प्रयोग करो क्या फर्क पड़ता है? तुम अब राज को खुल्लमखुला कह सकती हो की कमल के मन में तुम्हें चोदने का विचार आगया है।

रानी यह सुनकर सकपका गयी और बोली, "नहीं बाबा नहीं। यह मैं नहीं कर सकुंगी। अगर मैंने ऐसा कहा और राज ने अगर मुझे पूछा की मैं क्या चाहती हूँ तो मैं क्या बताउंगी? बेहतर यही है की तुम मेरे पति राज से बात करो और उसे सब बताओ। मैं नहीं जानती की तुम राज को कैसे बताओगे की तुम अपनी बीबी को चोदते हुए यह सोच रहे थे की तुम अपनी बीबी को नहीं मुझे चोद रहे थे, और तुम्हारे यह सब बताने के बाद राज क्या सोचेगा। खैर तुम्हारे और राज के सम्बन्ध ऐसे हैं की शायद राज और तुम दोनों यह मामला मिलकर सुलझा सकते हो। पर मुझे नहीं पता की क्या होगा। अब राज से क्या बात करनी है या नहीं करनी है यह सब तुम जानो। अब राज से बात करने की जिम्मेवारी तुम्हारी है।"

रानी की बात सुन कर कमल का कमल खिल गया। वह समझ गया की अब रानी को कमल से चुदवाने वाली बात कहने या सुनने से कोई परहेज नहीं रहा था। अब उसके लिए चुनौती बस रानी को हकीकत में चुदवाने के लिए तैयार करने की थी। 

राज तो सारी बात पहले से ही जानता था। रानी ने अपने पति राज से कमल से हुई सारी बातें बतायी। रानी ने यह कहा की कमल कुमुद को किसी और स्त्री का नाम लेकर चोद रहा था। रानी ने यह छुपाया की कमल वास्तव में रानी का नाम लेकर कुमुद को चोदता था।

राज ने कमल की बीबी कुमुद से फ़ोन पर बात की तो कुमुद राज से बात करते हुए फ़ोन पर ही रो पड़ी। जब राज ने पूछा की क्या बात थी तो कुमुद कुछ भी बोल सकी। राज के काफी आग्रह करने पर कुमुद ने सिर्फ इतना ही बताया की बात बड़ी नाजुक थी और फ़ोन पर बात करना ठीक नहीं। राज ने कुमुद को काफी ढाढस दी और कहा की कुमुद और कमल दोनों अहमदाबाद आएं। राज कमल से बात करेगा और सारा मामला सुलझ जाएगा। कुछ समझाबुझा ने के बाद कुमुद अपने पति के साथ अहमदाबाद जाने के लिए राजी हो गयी। कमल और कुमुद का रेल गाडी का टिकट हो गया तो कमल ने राज को फ़ोन करके बता दिया। 

रातको जब राज और रानी सेक्स के मूड में थे तो राज ने रानी से कहा, "खुश हो जाओ। तुम्हें कल्पना में चोदने वाला तुम्हारा लवर रहा है। मैं उसे लाने के लिए सुबह स्टेशन जाऊंगा। उसका स्वागत करने के लिए तुम तैयार रहना। अब तो कल्पना और वास्तविकता में फर्क मिटाने का वक्त गया है।"

रानी पहले तो शर्मायी पर फिर अपने आपको सम्हालते हुए बोली, "छोडो भी, तुम ज्यादा सयाने मत बनो। कल्पना और वास्तविकता में बड़ा अंतर होता है। तैयार तो मैं होउंगी ही क्यूंकि आपका प्रिय दोस्त जो रहा है। और फिर तुम्हारी प्यारी कुमुद भी तो रही है? क्यों मैंने गलत कहा?" अब शर्माने की बारी राज की थी। वह चुप हो गया।"
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#20
जैसे ही राज ने सुबह कुमुद को ट्रैन से उतरते हुए देखा तो उसकी जान हथेली में आगयी। कुमुद ने ट्रैन में से उतरने के पहले अपना मेकअप अच्छी तरह से किया था। उसकी पतली कमर और उसके सुआकार कूल्हे जीन्स में बड़े आकर्षक लग रहे थे। उसकी कमर उसके टॉप के निचे काफी खुली हुई थी जो उसकी नाभि की सुंदरता दिखा रही थी। उसके स्तनों का आकर्षक उभार मन को बरबस अपनी और आकर्षित कर लेता था। कुमुद थोड़ी सी सहमी सहमी महसूस कर रही थी। डिब्बे से निचे उतरते ही जैसे कुमुद ने राज को देखा तो उसका चेहरा खिल उठा। कुमुद की आँखों में एक नयी चमक सी आगयी।


राज भी कुमुद को देखता ही रहा। कुमुद का सारा बदन एक सूरज की पहली किरण की तरह चमक रहा था। बड़ी मुश्किल से कुमुद के स्तनों पर से अपनी नजर हटा कर राज ने कमल के पैर छुए। कमल ने राज को गले लगाया और रानी के बारे में पूछने लगा। राज ने कहा की वह तो कभी से उन दोनों का इंतजार कर रही थी। कमल के बाल बिखरे हुए थे और दाढ़ी थोड़ी बढ़ी हुई थी पर शायद इसी वजह से वह हैंडसम और मरदाना लग रहा था। राज ने एक सूटकेस और एक बैग उठाया और सब पार्किंग के लिए चल दिए।

घर पहुँचते ही दरवाजे पर राज की बीबी रानी बड़ी ही सुन्दर साडी में सजधज कर तैयार खड़ी थी। रानी के भरे हुए स्तन और उस के कूल्हे एकदम लुभावने दिख रहे थे। कमल का मन तो उन्हें अपने हाथोंसे मसलने और दबाने को मचल रहा था। पर वक्त की नजाकत देख कर उसने अपने आपको नियत्रण में रखा। 

कमल को देखते ही रानी कमल के पांव छूने के लिए झुकी पर कमल ने जल्दी ही उसको अपनी बाहों में उठा लिया और कस के आलिंगन किया। राज और कुमुद ने अपने ही जीवन साथी: कमल और रानी को इतना गाढ़ आलिंगन करते देखा और एक दूसरे से नजरें मिलाकर एक दूसरे के मन के विचार पढ़ ने की कोशिश करते रहे। 

रानी ने कमल और कुमुद के लिए दूसरा बेड रूम सजा रखा था, जिसमें उनका सामान रख दिया गया।

दिन में कमल और कुमुद ने आराम किया। शाम को गरबा में जाने का प्रोग्राम तय था। जब राज अपने दफ्तर से लौटा तो उसने कहा की सबको गरबा में जाना है। कमल गरबा में जाने के लिए बड़ा ही उत्सुक था परन्तु उसकी बीबी कुमुद को गरबा में जाने में कोई रूचि नहीं थी। वह अहमदाबाद के रिवर फ्रंट पर जाना चाहती थी। उसने सुना था की रात को साबरमती का किनारा अद्भुत नजारा पेश करता है और वह उसे देखना चाहती थी। राज की बीबी रानी गरबा करने लिए पागल थी। रानी ने तो गरबा में जाने के लिए सब के लिए बड़े आकर्षक ड्रेस भी बनवा रखे थे। पर चूँकि कमल की पत्नी कुमुद गरबा में जाना नहीं चाहती थी इसलिए राज ने कहा की उसे भी गरबा में जाने में ख़ास दिलचस्पी नहीं थी और वह कुमुद के साथ घूमने जाएगा। 

आखिर यह तय हुआ की राज की बीबी रानी कुमुद के पति कमल के साथ गरबा में जायेगी और रानी का पति राज कमल की बीबी कुमुद को लेकर रिवर फ्रंट जाएगा और दोनों कहीं कहीं कुछ खा लेंगे। इस तरह दोनों पति एक दूसरे की पत्नी के साथ अलग अलग जाने को राजी हो गए। जब रानी ने कुमुद से पूछा की वह कब तक बाहर घूमेंगे तब कुमुद ने कहा, "हम लोग करीब ११ बजे तक वापस जायेंगे।

राज की पत्नी रानी ने बड़े चाव से गरबा के लिए ड्रेस की चार जोड़ी: दो औरत (रानी और कुमुद) के लिए और दो मर्दों (राज और कमल) के लिए नाप लेकर बनवायी थी। रानी और कुमुद के लिए चणिया चोली और मर्दों के लिए छोटा कुर्ता और काठीयावाड़ी निचे से टाईट और ऊपर से ढीला ऐसा पजामा। जब रानी ने चणिया चोली पहनी तो दोनों मर्दों के जबड़े खुले के खुले ही रह गए। 

चोली इतनी सेक्सी थी की रानी के फुले हुए मस्त स्तन थोड़े ऊपर से और थोड़े निचे से बाहर निकल रहे थे। अगर उस चोली को थोड़ा सा ऊपर या निचे की और खींचा जाए तो रानी के स्तन पुरे नंगे ही हो जाएँ। कमल तो रानी के बदन को देखता ही रह गया। उसकी सिट्टीपिट्टी गुम हो गयी। रानी का घाघरा भी शरीर से चिपका हुआ रानी की मस्त जाँघें और उसकी सुआकार गाँड़ को भली भाँती उजागर कर रहा था। रानी ने घाघरे का नाडा कमर से इतना निचे कसा था की सिर्फ उसकी नाभि लुभावनी नंगी दिख रही थी बल्कि रानी के पेट का उभर भी दिखता था। अगर नाडा थोड़ा निचे की तरफ खिसकाया जाये तो रानी की चूत के ऊपर के बाल भी नजर आने लगें। रानी की नाभि, पेट और स्तन के निचे के हिस्से इतना सेक्सी नजारा दे रहे थे की कमल और राज दोनों की आँखें रानी के बदन को ऐसी ताक रहीं थीं जैसे वह रानी को वहीँ के वहीँ चोदने को तैयार हों। 

रानी ने कमल को तीखी नजर से देखा तो कमल ने बड़ी मुश्किल से अपनी नजर रानी के बदन से हटाई। राज ने यह सब देखा पर कुछ ना बोला।
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