Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery मेट्रो की भीड़ में खूबसूरत लड़की की गांड मारी//
#1
Heart 
हेलो दोस्तों , मेरा नाम रवि है. यह घटना मेरे साथ दस दिन पहले ही उस वक्त हुई थी, जब मैं अपने ऑफिस से अपने घर के लिए एमजी रोड से मेट्रो में चढ़ा था.

जो लोग दिल्ली से हैं, वो सभी जानते हैं कि गुड़गांव से दिल्ली के लिए शाम के वक़्त बहुत भीड़ होती है.

उस दिन मैं जैसे ही मेट्रो में चढ़ा, उस मेट्रो में बहुत भीड़ थी. मैं धीरे धीरे जगह बनाता हुआ एक साइड में खड़ा हो गया. एक स्टेशन के बाद और भीड़ आ आई, जो कि एक दूसरे के ऊपर चढ़ने को आमादा थी.

इस भीड़ में एक बड़ी ही खूबसूरत लड़की थी, जो कि 24-25 साल की थी. उसने शॉर्ट स्कर्ट पहनी हुई थी. वो लड़की बड़ी ही पतली सी थी. उसकी उभरी हुई गोल गोल गांड बहुत ही शानदार लग रही थी. मैं भी वहीं खड़ा था और उसकी मस्त सेक्सी गांड को देख रहा था.

इतने में ही वो लड़की मेरे आगे आकर खड़ी हो गई. मेरी तो जैसे लॉटरी निकल पड़ी. इस वक्त मेरी साँसें ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे रह गयी थीं. मैंने उस दिन बिना अंडरवियर के पैंट पहनी हुई थी, जो कि मेरी हैबिट भी है.

उसे अपने करीब देख कर ही मेरा लंड खड़ा हो गया.

जैसे ही वो मेरे सामने आई, मेरा 6 इंच का लंड और उसका सुपारा, जो कि बहुत मोटा है सलामी देने लगा. चूंकि भीड़ बहुत ज़्यादा थी और वो हिल डुल भी रही थी. उसकी उभरी हुई गोल गोल गांड मेरे लंड के सामने आकर सैट हो गयी. उसकी गांड की फांक महसूस करके अब तो मेरा लंड भी पूरा खड़ा होकर उसकी गांड के छेद पर जा लगा. मेरे मुँह से एक गरम और हल्की सी आअहह निकल गई. मुझे ऐसा लगा, जैसे मेरा लंड कहीं रूई में जा धंसा हो.
सच पूछो दोस्तो, मुझे तो जन्नत का मज़ा आ गया. मैं थोड़ा और आगे हो कर खड़ा हो गया और लंड को उसकी गांड में ज़ोर से घुसा दिया. मुझे लगा शायद उसे भी बड़ा मज़ा आया. भीड़ ज़्यादा होती जा रही थी.

मेरा टाइट और शानदार लंड उसकी गांड में घुसता जा रहा था.

मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, उसने अपनी गांड मेरे लंड पर उठा कर रख दी. मेरा लंड पूरा गर्म हो चुका था. वो मेरे लंड को एंजाय कर रही थी. मैंने महसूस किया कि उसने भी अपनी गांड मेरे लंड पर उठा कर पूरी सैट कर कर दी.

मैंने लंड को तुनकी दी तो वो आगे से बोली- यार बहुत मज़ा आ रहा है.. बस तुम थोडा लंड और अन्दर तक मेरी गांड में डाल दो, मैंने भी अन्दर पेंटी नहीं पहनी हुई है. उसकी बात सुनकर मैं तो एकदम हैरान रह गया.

बस फिर क्या था, मैंने सोच लिया कि आज तो पक्का लॉटरी लग गयी.. ये तो खुद चुदवाना चाह रही है. इतनी खूबसूरत लड़की खुद मेरे लंड से चुदवाना चाह रही है.. तो मैं क्यों पीछे हटूं.

मैंने फॉरन अपना लंड बाहर निकाल कर अपने हाथों में लिया और अपने मुँह से थोड़ा थूक निकाल कर अपने लंड में लगा दिया. मुठिया कर मैं लंड को थोड़ा और मोटा करने लगा. फिर मैंने अपने मोटे हो चुके लंड को उसकी स्कर्ट के नीचे से उसकी टाइट गांड में लगा दिया.

उसकी गांड का छेद बहुत ही टाइट था. मैंने अपना लंड उसकी गांड में सैट किया उसने भी गांड मटका कर लंड को छेद पर फिट करवा लिया. मैंने थोड़ा सा धक्का मारा तो मेरा लंड उसकी गांड में अन्दर चला गया.. लेकिन बहुत ही मुश्किल से जा पाया था.

उस साली ने बड़ी आसानी से अपनी गांड थोड़ा और आगे कर दी. मेरे लंड को अपनी गांड में डलवाने के लिए उसने मुझे पूरा सपोर्ट किया. वो गांड मरवाने में पूरी खिलाड़िन लग रही थी. मैंने इधर उधर देखा कि कोई हमें नोटिस तो नहीं कर रहा है.

बस फिर मैंने थोड़ा सा और धक्का लगा कर अपना आधा लंड उसकी गांड में सरका दिया. वो अपनी तरफ़ से मुझे पूरा सपोर्ट कर रही थी.

मैंने फिर थोड़ा सा धक्का और दिया और इस बार मेरा पूरा लंड उसकी गांड में चला गया. अब मैं थोड़ा सा रुका और मैंने पीछे देखा. क्योंकि अब मेरा इरादा अपना काम आगे बढ़ाने का था. मैंने धीरे धीरे उसकी पतली कमर को पकड़ कर धक्का मारना स्टार्ट कर दिया और अपने सीने को उसकी पीठ से लगा दिया.. क्योंकि मैं उसकी खुशबू अपनी सांसों में लेना चाहता था. उसने बड़ा ही प्यारा परफ्यूम लगा रखा था.

मैंने अपना काम चालू रखा और गांड मारने के लिए अपने धक्के थोड़े थोड़े और तेज कर दिए. वो मस्ती से मेरा साथ दे रही थी.

उसकी गांड का छेद बहुत ही टाइट था.. जिससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने उसकी गर्दन पर किस करना स्टार्ट कर दिया, वो कमाल की लड़की थी. उसका जिस्म बहुत ही खूबसूरत और शानदार था. उसकी मक्खन जैसी गांड का तो जवाब ही नहीं था.

मैंने अपना हाथ आगे ले जाकर उसकी चुत में अपनी उंगली डाल दी और चूत को अपने उंगली से चोदने लगा. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. लगता था जैसे आज ही उसने चूत की छांटो को साफ़ किया हो. उसका मुँह मेट्रो की छत की तरफ़ था.

लड़की बहुत ही चालू थी यार… ना उसने आवाज़ निकाली और ना ही किसी को पता लगने दिया. वो खड़ी खड़ी मेरा छह इंच का लंड अपनी गांड में मजे से डलवाए जा रही थी. खैर वो जो भी थी, शानदार थी.

मैंने उसके कान में बोला- मज़ा आ रहा है?

वो भी पलट कर बोली- हां बहुत… बस अपना काम चालू रखो.. बोलो मत… बात मत करो.. वरना आगे पीछे वालों को पता चल सकता है.

मैंने बोला- ठीक है.. मेरी जान.

मैंने एक किस उसकी गर्दन पर दी और अपनी जीभ से उसे चाटने लगा. वो पूरा साथ दे रही थी. मैं अपने हाथों से उसकी नंगी जांघें भी सहला रहा था. आप लोग सोचो, किसी लड़की की गांड में लंड हो, वो भी भीड़ में.. और वो पूरा सपोर्ट कर रही हो.. कैसा आलम होगा. सब कुछ चलता जा रहा था. उसकी चुदाई होते हुए 25 मिनट हो गए थे.

अब हम लोग एक दूसरे में खो से गए थे. हम लोगों को ये भी नहीं पता था कि कौन सा स्टेशन है, कौन सा आगे आने वाला है. मैंने अपने धक्के और तेज कर दिए और उसने भी अपनी गांड मेरे लंड पर रख दी.

वो अब बड़े मज़े से अपनी गांड को पीछे की तरफ धक्के दे दे कर मरवा रही थी. मेरा भी जूस निकलने वाला था. मैं उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़े हुए लंड के झटके दिए जा रहा था. जब मेरा झटका गांड में अन्दर जाने के लिए लगता तो वो भी बड़े ही मस्त अंदाज में अपनी गांड को पीछे धक्का दे कर मेरे लंड से लगा देती.

मैंने बोला- मैं जाने वाला हूँ.. कहां निकालूँ?

उसने बोला- मेरी गांड में ही निकाल दो.. और जल्दी से नेक्स्ट स्टेशन पर उतरो. मैं बहुत आगे आ गई हूँ.

मैंने फौरन अपना माल उसकी गांड में निकाल दिया. नेक्स्ट स्टेशन सी.पी. था, हम जल्दी जल्दी अपना काम खत्म कर के उतर गए. मैंने बाहर निकल कर उसके चेहरे को देखा, वो गजब की माल थी.. वैसे ही, जैसे उसकी गांड भी खूबसूरत और टाइट थी. उसके चेहरे पर स्माइल थी.

मैं सोच रहा था कि ये वही लड़की है जिसकी गांड में दो मिनट पहले मेरा लंड फंसा हुआ था.

फिर मैं भी स्माइल दे कर बोला- यार तू शानदार है, तेरी गांड भी मस्त है.

उसे ग्रीन पार्क स्टेशन उतरना था.. और मुझसे बाराखंबा जाना था.

मैंने पूछा- कैसा लगा मेरा काम?

वो कहने लगी- तुम्हारा लंड बहुत लम्बा और मोटा और शानदार है मेरी जान.. बस अब किसी दिन लाजवाब और जबरदस्त तरीक़े से घर पर आकर मेरी ठुकाई कर दो. मेरा ब्वॉयफ्रेंड भी मुझे ऐसे नहीं चोद पाता.

मैंने उससे उसका मोबाइल नंबर लिया और वहीं स्टेशन पर ही एक लंबा किस किया. फिर उसको उसकी ट्रेन में छोड़कर अपनी ट्रेन का इन्तजार करने लगा.

वो दोबारा जल्दी मिलने का वादा करके चली गयी.. मैं बस उसे जाता हुआ देखता रहा और सोचता रहा कि ऊपर वाले तू भी कमाल का है, जब देता है तो बस दिल खोल कर देता है.
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.




Users browsing this thread: 1 Guest(s)