Thread Rating:
  • 4 Vote(s) - 3.75 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery जिस्म की भूख
#1
सभी चुदक्कड़ भाई बहनों को आदाब.........
मेरा नाम सगीर है और मेरी उम्र इस वक़्त 35 साल है। कहानी है इस बारे में कि कैसे मैं और मेरी परिवार में चुदाई से आशनाई हुई। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती जाएगी.. मैं आप लोगों से अपनी फैमिली का तवारूफ करवाता जाऊँगा। ये सब जब शुरू हुआ.. उस वक़्त मेरी उम्र 19 साल थी। मैं सेक्स के मामले में बिल्कुल पागल था। चौबीस घंटे मेरे जेहन में सिर्फ़ सेक्स ही भरा रहता था। मैं हर वक़्त सेक्स मैगजीन्स की तलाश में रहता था।
हालांकि मुठ मारने के लिए सिर्फ़ ब्रा-पैन्टी पहने हुई लड़की की तस्वीर भी मेरे लिए बहुत थी।
एक दिन मुझे मेरे दोस्त ने एक सीडी दी। मैं सीडी लेकर घर आया और हमेशा की तरह कंप्यूटर इस्तेमाल में था और मैंने शदीद झुंझलाहट में अपनी ज़िंदगी को कोसा कि मेरे इतने भाई बहन ना ही होते तो अच्छा था कि यहाँ किसी को कभी कोई प्राइवेसी ही नहीं मिलती।
मैंने सीडी अपने कॉलेज बैग में छुपा दी और रात के इन्तजार में दिन काटने लगा।
रात को जब सब सोने चले गए तो मैंने सीडी निकाली और स्टडी रूम की तरफ चल दिया। स्टडी रूम में किसी को ना पकड़ मुझे कुछ इत्मीनान हुआ और मैंने मूवी देखना शुरू की।
यह एक आम ट्रिपल एक्स मूवी थी.. जिसमें एक जोड़े को चुदाई करते दिखाया गया था।
मैंने अपने 6.5 इंच लण्ड को अपने शॉर्ट से बाहर निकाला और मूवी देखते-देखते अपने लण्ड को सहलाने लगा।
अचानक ही मेरा छोटा भाई फरहान… रूम में दाखिल हुआ।

मैं मूवी देखने और लण्ड को सहलाने में इतना खो सा गया था कि मैं फरहान की आमद को महसूस ही नहीं कर सका जब तक कि उसने चिल्ला कर हैरतजदा आवाज़ में पुकारा- "भाईजान.. ये क्या हो रहा है?"
मेरी खौफ से तकरीबन मरने वाली हालत हो गई और मैंने फ़ौरन अपने लण्ड को छुपाने की कोशिश की..
फरहान कुछ देर खामोश खड़ा कुछ सोचता रहा और फिर मुस्कुराते हुए कहने लगा- 

"तो आप भी ये सब करते हैं.. मैं तो समझता था कि सिर्फ़ मैं ही ऐसा हूँ।"
मैं उस वक़्त कुछ कन्फ्यूज़्ड सा था.. लेकिन मैंने देखा कि फरहान ने इस बात को इतनी अहमियत नहीं दी है.. तो मैंने झेंपते हुए मुस्कुराहट से फरहान को देखा और कहा- 
"यार सभी करते हैं.. ये तो नेचुरल है।"
फरहान ने सवालिया अंदाज़ में पूछा- भाई.. आपने ये मूवी कहाँ से ली है?
क्योंकि उस वक़्त ऐसी मूवीज का मिलना बहुत मुश्किल होता था.. ख़ास तौर से हमारे एरिया में..
मैंने कहा- यार मोईन से ली है।
मोईन मेरा दोस्त था।

फरहान ने हिचकिचाते हुए कहा- भाईजान मैं भी देखूंगा..
फिर मुझे कुछ सोचता देख कर फ़ौरन ही बोला- भाईजान प्लीज़ देखने दो ना..
मैंने मुस्कुरा कर फरहान को देखा और कहा- चल जा.. कुर्सी ले आ और यहाँ पर बैठ जा।

वो खुश होता हुआ कुर्सी लाकर मेरे साथ ही बैठ गया।
हमने पूरी मूवी साथ में देखी.. लेकिन मैं मुठ नहीं मार सका.. क्योंकि मेरा छोटा भाई मेरे साथ था। मूवी के बाद हम अपने-अपने बिस्तर पर चले गए.. जो हमारे अलग-अलग बेडरूम में थे। हमने यह तय किया कि हम में से जिसको भी ऐसी कोई मूवी मिली.. तो हम साथ ही देखा करेंगे।
इस एग्रीमेंट से हम दोनों को ही फ़ायदा हुआ कि हम कभी भी मूवी देख सकते थे। कंप्यूटर ज्यादातर हम दोनों के ही इस्तेमाल में रहता था। हमारी बहनें कंप्यूटर में इतनी रूचि नहीं लेती थीं।
साथ फिल्म देखने में हममें एक ही मसला था कि.. हम एक-दूसरे के सामने मुठ नहीं मार सकते थे। कुछ हफ्तों के बाद हमने एक मूवी देखी.. जिसमें कुछ सीन होमोसेक्सुअल भी थे। जैसे एक सीन में एक 18-20 साल का लड़का एक आदमी का लण्ड चूस रहा था। मुझे वो सीन कुछ अजीब सा लगा और सच ये था कि मुझे एक अलग सा अनोखा मज़ा भी आने लगा।
फरहान ने स्क्रीन पर ही नज़र जमाए हुए पूछा- भाई इसमें क्या मज़ा आता है इन लोगों को? जब लड़कियाँ मौजूद हैं.. तो ये लड़के एक-दूसरे को क्यूँ चोद रहे हैं?
मैंने कहा- पता नहीं यार..
फिर मैंने फरहान को बताया- मुझे अपने एरिया के कुछ लड़कों का पता है कि वो एक-दूसरे को चोदते हैं।

जैसे-जैसे मूवी आगे बढ़ती जा रही थी.. हमें भी मज़ा आने लगा था।
मैंने फरहान को देखा.. तो फरहान अपने शॉर्ट के ऊपर से ही अपने लण्ड को मसल रहा था। मुझे भी बहुत अधिक ख्वाहिश हुई कि मैं भी अपने लण्ड को सहलाऊँ। तो मैंने हिम्मत की और फरहान की परवाह किए बगैर शॉर्ट के ऊपर से ही अपने लण्ड को पूरा अपनी गिरफ्त में लेकर हाथ आगे-पीछे करने लगा।
फरहान ने मेरी तरफ एक नज़र डाली और कुछ बोले बिना.. फिर से मूवी देखने लगा.. तो मैंने अपनी मुठ जारी रखी।
फरहान ने भी हिम्मत की और मेरी तरह शॉर्ट के ऊपर से अपने पूरे लण्ड को गिरफ्त में ले लिया और मुठ मारने लगा।
जल्द ही हम दोनों के हाथों के आगे-पीछे होने की स्पीड बढ़ने लगी।

मेरी साँसें फूल गई थीं.. मेरी आँखें बंद हो चुकी थीं, मेरा जिस्म अकड़ रहा था और जल्द ही मेरे मुँह से हल्की सी ‘आह..’ खारिज हुई.. और मैंने अपने लण्ड के पानी को अपने लण्ड से निकलता महसूस किया, मेरे जिस्म ने 3-4 झटके लिए और मैं ठंडा हो गया।
मेरी आँख खुली और मैंने फरहान की तरफ देखा तो वो मुझे ही देख रहा था।
हम दोनों के शॉर्ट्स गीले हो चुके थे। हमने एक-दूसरे से कोई बात नहीं की। फरहान ने कंप्यूटर ऑफ किया और हम दोनों चुपचाप अपने-अपने बिस्तर पर सोने चल दिए।

इसी तरह गाहे-बगाहे हम दोनों मूवी देखते और शॉर्ट के ऊपर से ही अपने-अपने लण्ड को ग्रिप में लेकर मुठ्ठ मारते। ये सब रुटीन वर्क की तरह चल रहा था, हम दोनों में से कोई भी अब इससे अजीब नहीं समझता था।
मुझे यह कहने में कोई हर्ज नहीं कि मैं गान्डू सेक्स को भी पसन्द करने लगा था। ‘गे’ सेक्स की मूवीज देख कर मुझे मज़ा आता था.. लेकिन ऐसी मूवीज आम नहीं थीं। कभी-कभार कोई सीडी मिल जाती थी.. जिसमें ‘गे’ सेक्स मूवीज होती थी।
एक दिन मुझे एक सीडी ऐसी मिली.. जो प्योरली ‘गे’ पॉर्न की थी। उसमें सिर्फ़ आदमी थे.. कोई औरत नहीं थी।
हम दोनों वो मूवी देख रहे थे कि एक सीन आया.. जिसमें दो बहुत क्यूट से यंग लड़के एक-दूसरे की गाण्ड में डिल्डो (रबर का लण्ड) अन्दर-बाहर कर रहे थे।
मुझे वो सीन देखते-देखते बहुत ज्यादा मज़ा आने लगा और शॉर्ट के ऊपर से लण्ड सहलाते-सहलाते मैंने अंजाने में अपने शॉर्ट को घुटनों तक उतार दिया और अपने लण्ड को अपने हाथ में लेकर तेजी से मुठ मारने लगा।
फरहान ने मुझे इस हालत में देखा तो उससे शॉक लगा और उसने चिल्ला कर कहा- भाईईइ.. ये क्या कर रहे हो आप?
मैंने कहा- छोड़ो यार.. मैं रोज़-रोज़ अपने आपको रोक-रोक कर और रोज़ रात अपने शॉर्ट को धोकर तंग आ गया हूँ। हम दोनों ही जानते हैं कि हम ये करते हैं.. तो यार खुल कर ही क्यूँ ना करें.. तुम भी उतारो अपना शॉर्ट.. और मूवी देखो यार.. हम खुल कर मज़े लेते हैं।
फरहान से ये कह कर मैंने अपना रुख़ दोबारा कंप्यूटर की तरफ मोड़ लिया और मुठ मारने का सिलसिला दोबारा से जोड़ने लगा। कुछ देर झिझकने के बाद फरहान ने भी हिम्मत की और अपने लण्ड को शॉर्ट से बाहर निकाल लिया।
मैंने फरहान को इस हाल में देखा तो मुस्कुरा दिया। अब अचानक ही हमारा फोकस कंप्यूटर स्क्रीन से हट कर एक-दूसरे के लण्ड पर मुन्तकिल हो गया था। फरहान का लण्ड उस वक़्त भी तकरीबन 6 इंच का था.. जबकि मेरा तकरीबन साढ़े 7 इंच का था। फरहान के लण्ड की टोपी थोड़ी गुलाबी सी थी.. जबकि मेरा लण्ड कुछ लाल-काला मिक्स से रंग का था।
फरहान ने कहा- भाई हमारे लण्ड छोटे क्यूँ हैं.. जबकि मूवीज में तो सबके बहुत बड़े-बड़े लण्ड होते हैं?
मैंने कहा- हमारा साइज़ बिल्कुल नॉर्मल है.. जबकि मूवीज में सिर्फ़ उनको लिया जाता है.. जिन के लण्ड बड़े और मोटे हों.. जैसे आम नॉर्मल फिल्म्स में देखो सब हीरो वगैरह खासे पहलवान और आकर्षक.. सख्त जिस्म के होते हैं.. कोई आम सा लड़का कहाँ किसी फिल्म में हीरो होता है।

कुछ बातों के बाद हम फिर मूवी पर ध्यान करने और मुठ मारने लगे।
अब हम दोनों को ही मुठ मारने में ज्यादा मज़ा आ रहा था.. क्योंकि हमारी नजरों की गिरफ्त में अब रियल लण्ड भी थे।

जब मैं डिसचार्ज होने के क़रीब हुआ.. तो मैंने अपने शॉर्ट को पूरा अपने जिस्म से अलग कर दिया और अपने लण्ड पर बहुत तेज-तेज हाथ चलाने लगा।
फिर एकदम से मेरे लण्ड ने झटकों से पिचकारी मारना शुरू की और सारा पानी मेरे छाती और पेट पर गिरने लगा। ये देखते ही फरहान भी डिसचार्ज होने लगा। डिसचार्ज होने के बाद हम दोनों ने अपने-अपने जिस्म को टिश्यू से साफ किया और बारी-बारी से बाथरूम में धोने चले गए।
उस दिन के बाद से हमने कंप्यूटर को अपने रूम में शिफ्ट कर लिया और रोज़ रात सोने से पहले हम बिल्कुल नंगे होकर मूवी देखते और मूवी देखते-देखते ही मुठ मारते।
एक रात हम इसी तरह मूवी देखते हुए मुठ मार रहे थे.. कि अचानक लाइट चली गई.. हम दोनों बहुत निराश हो गए और मैंने झुँझलाहट में बिजली वालों को गालियाँ देनी शुरू कर दीं। फरहान ने अपनी कुर्सी से उठने की कोशिश की तो अंधेरे की वजह से अचानक फरहान का हाथ मेरे लण्ड से टच हुआ और मेरे मुँह से एक ‘आह’ खारिज हो गई।
फरहान ने फ़ौरन कहा- सॉरी भाई..

मैंने कहा- कोई बात नहीं यार..
लेकिन कसम से अपने हाथ के अलावा किसी का हाथ टच होने से मज़ा बहुत आया.. चाहे एक लम्हें का ही मज़ा था।

फरहान ने ये बात सुनी और तवज्जो दिए बगैर बिस्तर की तरफ चल पड़ा।
मैं भी अपनी कुर्सी से उठा और धीमी-धीमी सी रोशनी में संभाल कर अपना शॉर्ट लेने चल पड़ा।


फरहान पहले ही झुक कर बिस्तर से अपना शॉर्ट उठा रहा था.. अचानक ही मेरा लण्ड फरहान की नरम-गरम गाण्ड की दरार से टच हुआ.. तो मज़े की एक हसीन सी ल़हर मेरे जिस्म में फैल गई।
वो लहर एक ‘आअहह..’ बन कर मेरे मुँह से खारिज हुई।


उसी वक्त मुझे फरहान की मज़े में डूबी हुई सिसकारी सुनाई दी। फरहान ना ही कुछ बोला.. और ना ही उसने अपनी पोजीशन चेंज की और उसी हालत में रुका रहा।

मुझे अंदाज़ा हुआ कि जो इतनी ‘गे’ मूवीज हमने देखी हैं.. उनका जादू फरहान पर भी चल चुका है।
मैंने हिम्मत की और अपने जिस्म को फरहान की तरफ दबा दिया।
मैंने अपना लेफ्ट हैण्ड फरहान के एक कूल्हे पर रखा और अपने लण्ड को फरहान की गाण्ड की दरार में सैट किया, थोड़ा झुका और अपने राईट हैण्ड से फरहान के लण्ड को पकड़ा और उसकी गाण्ड की दरार में अपने लण्ड को रगड़ने लगा।


इसी के साथ-साथ फरहान के लण्ड को अपने हाथ में मज़बूती से पकड़ कर अपना हाथ आगे-पीछे करने लगा।

फरहान की साँसें तेज हो गईं और उसने कमज़ोर से लहजे में कहा- नहीं भाई.. प्लीज़ ये नहीं करें।
लेकिन मैंने अनसुनी करते हुए कहा- इसस्शहस्शह.. कुछ नहीं होता यार.. तुम बस ज्यादा कुछ मत सोचो.. और मज़ा लो..


यह कहते हुए मैंने फरहान के लण्ड पर अपने हाथ की हरकत को मज़ीद तेज कर दिया।
अब फरहान भी मज़े में डूब गया और मेरे लण्ड के साथ आहिस्ता-आहिस्ता अपनी गाण्ड को भी हरकत देने लगा।
हम दोनों ही डिसचार्ज होने के क़रीब आ गए।


हम दोनों ही डिसचार्ज होने के क़रीब थे.. 

मैंने फरहान से कहा- जब पानी निकलने लगे.. तो घूम जाना ताकि बेडशीट खराब ना हो..

इसी के साथ-साथ ही मैं फरहान की गाण्ड की दरार में अपने लण्ड को रगड़ रहा था और लम्हा-बा-लम्हा छूटने के क़रीब हो रहा था। कुछ ही मिनट बाद फरहान अचानक घूम गया और उसके लण्ड से पानी की तेज धाराएँ निकलने लगीं और मेरे सीने पर चिपकती गईं।
जैसे ही फरहान के लण्ड के जूस ने मेरे सीने को टच किया.. तो मेरे जिस्म में मज़े की एक अजीब सी लहर उठी और फ़ौरन ही वो लहर मेरे लण्ड से पानी बन कर बहने लगी, मेरा धार भी फरहान के सीने और पेट को तर करती चली गई।


कुछ लम्हें हम वैसे ही खड़े रहे अंधेरे में और अपनी साँसों के दुरुस्त होने का इन्तजार करने लगे। हम दोनों को शर्मिंदगी और लज्जत ने उस वक़्त घेर रखा था। अचानक लाइट आ गई.. मुझे फरहान के जिस्म को अपने लण्ड के जूस से भरा और अपने जिस्म को फरहान के लण्ड के पानी से तर देखना अजीब सी लज़्ज़त दे रहा था। जबकि फरहान नर्वस सा खड़ा था।

मैंने अपना हाथ बढ़ाया और फरहान के लण्ड को सहला कर मुस्कुराते हुए कहा- बहुत लज़्ज़तअंगेज़ लम्हात थे ना.. मज़ा तो तुम्हें भी बहुत आया है.. क्या ख़याल है मेरे छोटे भाई साहब??

मेरी बात सुन कर फरहान थोड़ा पुरसुकून हुआ और उसके चेहरे पर भी मुस्कुराहट फैल गई। हमने इस बारे में मज़ीद कोई बात नहीं की..

मैंने अपने आपको साफ किया और ड्रेस पहन कर कमरे से बाहर निकला और अपनी छत पर चला गया। मैं अपनी दोनों कोहनियों को दीवार पर टिकाते हुए दीवार के पास खड़ा हुआ.. अपनी आज की इस हरकत के बारे में सोचने लगा।

मैंने अपने आपको कभी भी ‘गे’ नहीं माना.. लेकिन सच ये था कि आज जो कुछ भी हुआ.. उसने मुझे बहुत मज़ा दिया था। मैं सोचता रहा कि क्या मैं सचमुच ‘गे’ हूँ?

फिर मैंने सोचा कि क्या होगा अगर मेरे पास एक लड़का और एक लड़की हो.. तो मैं चोदने के लिए किसे तरजीह दूँगा। फ़ौरन ही मेरे जेहन ने मुझे बता दिया कि मैं ‘गे’ नहीं हूँ। मैं हमेशा लड़की को चुदाई के लिए तरजीह दूँगा.. किसी भी लड़की के साथ किसी भी वक़्त मैं चुदाई के लिए तैयार रहूँगा।

जो मैंने अपने सगे भाई के साथ किया उसकी वजह सिर्फ़ ये थी कि हम दोनों एक ही वक़्त में एक ही जगह पर बगैर कपड़ों के नंगी हालत में थे और बहुत गरम थे.. तो ये सब होना फितरती अमल था।

उस रात हम दोनों चुपचाप सोने के लिए लेट गए और आपस में कोई बात नहीं की।

अगली रात हमने अपना वो ही हिडन फोल्डर ओपन किया.. जहाँ हमने अपनी सेक्स मूवीज छुपा रखी थीं और एक पुरानी देखी हुई मूवी दोबारा देखना शुरू कर दी क्योंकि हमारे पास कोई नई मूवी नहीं थी।

यह भी एक बाईसेक्सुअल मूवी ही थी। दस मिनट बाद ही हम दोनों अपने जिस्मों से कपड़ों को अलहदा कर चुके थे और अपने-अपने लण्ड को हाथ में लिए हाथों को आगे-पीछे हरकत दे रहे थे।
कल जो कुछ हुआ उसकी वजह से हम दोनों ही की हरकत में कुछ झिझक सी थी.. जिसको दूर करना बहुत जरूरी था।


मैं अपने छोटे भाई के सीधे हाथ की तरफ बैठा था और मैंने अपने राईट हैण्ड में अपने लण्ड को थाम रखा था। मैंने अपना लेफ्ट हैण्ड उठाया और आहिस्तगी से फरहान की रान पर रख दिया और फरहान की रान को अपने हाथ से सहलाने लगा। फरहान ने मेरी तरफ एक नज़र डाली।

मैं मूवी देखने में मग्न था। फरहान ने भी अपना रुख़ कंप्यूटर स्क्रीन की तरफ मोड़ दिया और मुझे कुछ नहीं कहा। मैंने कुछ और हिम्मत की और फरहान की रान को सहलाते हुए अपने हाथ को उसके लण्ड की तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया और आहिस्तगी से फरहान की बॉल्स को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगा।
फरहान के मुँह से धीमी-धीमी सिसकारियाँ निकलने लगीं और उसके लण्ड पर उसके हाथ की हरकत तेज हो गई।


मैंने फरहान का हाथ उसके लण्ड से हटाया और उसके लण्ड को अपने हाथ में लेकर हिलाने लगा। फरहान का मज़ा बढ़ा तो मैंने फरहान का हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रख दिया और हम दोनों एक-दूसरे के लण्ड पर अपने हाथ आगे-पीछे करने लगे।

इससे हम दोनों को ही इतना मज़ा आया कि जल्द ही हम दोनों के लण्ड ने एक-दूसरे के हाथ पर पानी छोड़ना शुरू कर दिया।

डिसचार्ज होने के बाद भी हमने एक-दूसरे के लण्ड को थामे रखा और बेदिली से मूवी देखते रहे। बेदिली इसलिए कि अब मूवी से ज्यादा हम दोनों का ध्यान हमारे हाथों में थामे एक-दूसरे के लण्ड पर था। कुछ लम्हों के बाद ही हम दोनों के लण्ड दोबारा सख्ती से अकड़ गए।

फरहान ने मुझसे कहा- भाई मैं भी आपके साथ वो करना चाहता हूँ.. जो कल आपने मेरे साथ किया था।
मैंने मुस्कुरा कर अपने छोटे भाई को देखा और कहा- ओके चल..


मैं अपनी कुर्सी से उठा और उसी कुर्सी पर उल्टा होकर घुटनों के बल बैठ कर अपनी कमर को आगे की तरफ झुका लिया।
फरहान उठ कर मेरी तरफ आया और उसने अपने लण्ड को थाम कर मेरे दोनों कूल्हों के दरमियान दरार में फँसाया और मेरे ऊपर झुकते हुए नीचे से मेरे लण्ड को अपने हाथ में थाम कर आहिस्ता-आहिस्ता मेरी गाण्ड पर अपने लण्ड को रगड़ने लगा और अपने हाथ से मेरे लण्ड को सहलाने लगा।


सच यह है कि फरहान का लण्ड जब मेरी गाण्ड के सुराख पर टच होता.. तो गाण्ड में अजीब लज्जत सी लहर पैदा होती थी और पूरे जिस्म में सनसनी सी फैल जाती। मेरी गाण्ड के अन्दर अजीब मीठी-मीठी सी गुदगुदी हो रही थी।

मैंने भी अपने आपको पीछे की तरफ फरहान के जिस्म के साथ दबाना शुरू कर दिया।

मेरी नज़र अपने राईट साइड पर दीवार पर लगे आदमक़द आईने पर पड़ी तो भरपूर मज़े ने मुझे अपनी गिरफ्त में ले लिया और मैंने फरहान की तवज्जो भी आईने की तरफ दिलवाई.. तो फरहान की आँखें भी चमक उठीं। आईने में हम दोनों की हालत मूवी के किसी बेहतरीन सीन से ज्यादा हॉट लग रही थी। हम दोनों फ़ौरन ही मज़े की इंतेहा तक पहुँच गए और तकरीबन साथ-साथ ही डिसचार्ज हो गए।

हमारे पूरे जिस्म पसीने में सराबोर थे और नहाने की हाजत हो रही थी। हम दोनों साथ-साथ ही बाथरूम में दाखिल हुए और नहाना शुरू कर दिया।

फरहान ने मेरे पूरे जिस्म पर साबुन लगाया और मुझे अपने जिस्म पर साबुन लगाने का कहा। मैंने फरहान के जिस्म पर साबुन लगाया और अपने एक हाथ से फरहान के लण्ड पर साबुन लगाते हुए दूसरे हाथ से उसकी गाण्ड के सुराख को मसलता रहा।

इस हरकत ने फरहान को इतना मज़ा दिया कि 5 मिनट के अन्दर अन्दर ही फरहान के लण्ड ने फिर पानी छोड़ दिया।
आज रात में फरहान तीसरी बार डिसचार्ज हुआ था.. जिससे उसे कमज़ोरी भी महसूस होने लगी थी।


नहाने के बाद हम दोनों कमरे में वापस आए और बिस्तर पर लेटते ही नींद की शह ने हमें अपनी आगोश में भर लिया।

अगले दिन सारे वक्त मैं अपने और फरहान के दरमियान हुए सेक्स के बारे में ही सोचता रहा। अब मैं कुछ और करना चाहता था.. कुछ नया करना चाहता था।

मैंने अपने एक क्लोज़ दोस्त मोईन से ये डिस्कस किया। मोईन का इस बारे में काफ़ी अनुभव था शायद उसको मर्दाना सेक्स में भी अनुभव था।
मैंने उसे यह नहीं बताया कि मेरा पार्ट्नर मेरा सगा छोटा भाई है, बल्कि मैंने उससे कहा- मेरे पड़ोस में एक लड़का है.. जिससे थोड़ा बहुत फन हो जाता है।

उसने एक शैतानी मुस्कुराहट से मेरी तरफ देखा तो मैंने झेंपकर अपनी नजरें नीचे कर लीं।
TO BE CONTINUED........
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
[+] 2 users Like KHANSAGEER's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.


Messages In This Thread
जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 05-02-2024, 06:40 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 11-02-2024, 08:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 03:03 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 10:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 17-02-2024, 07:45 PM
RE: जिस्म की भूख - by sananda - 17-02-2024, 09:34 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 09:16 AM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 04:29 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 25-02-2024, 05:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 27-02-2024, 10:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 02-03-2024, 11:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 05-03-2024, 12:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-03-2024, 02:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 07:43 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 05:30 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 14-03-2024, 02:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 18-03-2024, 09:07 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 19-03-2024, 06:24 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 28-03-2024, 02:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 28-03-2024, 10:16 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 30-03-2024, 02:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 02-04-2024, 10:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-04-2024, 05:17 PM
RE: जिस्म की भूख - by Chandan - 11-04-2024, 09:41 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 11:34 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 02:06 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)