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Adultery तुम भी शामिल हो मेरी बर्बादी में"
#1
दोस्तों फिर हाजिर हूँ एक नई कहानी के साथ दोस्तों मेरी पिछली कहानियों की तरह यह कहानी भी थोड़ा हटके है. बुरी लगे तो आप के पत्थर मेरा सर. अच्छी लगे तो आप की दुआ और मेरा दिल.

आप में और मेरा दिल -सभी गुरु तुल्य लेखकों को नमन करती हूँ ,दिवाली आने वाली है पूरा भारतबर्ष खुशियों में डूबा हुआ है हमारे इंडिया का सब से बड़ा त्योहार मंगल कामनाओ का महोत्सब आप सभी को सपरिबार बहुत बहुत सुभकामना. आप सभी के मंगल की कामना करती हूँ . 


अपने युथ दोस्तों से कहना चहुँगी थोड़ा सुधर जाओ नहीं तो शाही दवाखाने जाना पड़ेगा.

"तुम भी शामिल हो मेरी बर्बादी में "

कहा ले चलोगे जगह है तुम्हारे पास. 

नहीं हम लोग तो पास के गाँव में रहते है हम लोग तो रेलवे का पेपर देने आये है यहां किसी होटल में चलते है.

नहीं होटल में पुलिस का लफड़ा होता है. 

फिर तुम ही बताओ कुछ तुम तो यही की हो. 

नहीं मेँ देहली की हु तीन घंटे बाद मेरी ट्रैन है उसीका इन्तजार कर रही हूँ. 

देखने से तो अच्छे घर की लगती हो फिर यह काम क्यों करती हो.

मज़े और पैसे क़े लिए तुम लोग भी तो अच्छे घर क़े लगते हो तुम क्यों करना चाहते हो क्या जानते नहीं पत्नी क़े अलावा किसी और से करना पाप होता है.

अरे राँड़ ज्यादा ज्ञान मत झाड़ो हम लोग बीस साल क़े जरूर है लेकिन तेरे जैसी हजार रंडिया चोद चुके है साली ज्ञान दे रही है. 

है है है है जरूर चोद दी होगी हजारो रंडी लेकिन मेरे जैसी एक भी नहीं होगी मेँ सब से हट क़े हूँ मेरे राजा. 

क्यों साली तेरे क्या दो चूत और चार गांड है है है है है है है .

चूत गांड तो एक ही है लेकिन चूत गांड और मुँह से काम कैसे लिया जाता है यह मुझ से ज्यादा कोई रंडी नहीं जानती होगी. 

ऐसा क्या साली फिर तो मज़ा आ जाएगा एक काम करते है स्टेशन पर बाथरूम तो होगा ही वही चलते है बैसे भी ज्यादा भीड़ तो है नहीं यहाँ सो बाथरूम खाली होगा जा बे मोनू देख कर आ बाथरूम कहा है.

नहीं स्टेशन के बाथरूम बहुत गंदे होते है. 

देख साली को अभी तो बहुत बड़ी रांड बन रही थी अब कहती है बाथरूम गंदे होते है फट गई साली की. 

चल तू भी क्या याद करे गा आज स्टेशन के बाथरूम में चुद कर देख लेती हूँ हर काम कभी तो पहलीवार होता ही है जैसे आज तुम पहलीवार चूत मरने जा रहे हो. 

नहीं रांड नहीं में दो वार मार चूका हु तेरे जैसी रंडियो की चूत हा यह तीनो का आज पहली वार है.

तुम लोगो क़े तो मज़े हो गए रेलवे की नौकरी क़े साथ चूत फ्री क्यों लेकिन थोड़ा दम लगाके चोदना तुम जैसे नए लड़के मुँह चोदी ज्यादा करते है, मेँ ऐसे चोदूगा बेसे चोदूगा, दिन मेँ दस बार चोदूगा, सारी रात चोदूगा ऐसे चोदूगा क़े तुम सब को भूल जाओगी, तुम २० से ३० साल तक क़े लोग ऐसी मुँह चोदी ही ज्यादा करते है, और जब चूत सामने आती है तो घुस ने से पहले लण्ड पानी छोड देता है.

तेरी माँ चोदू साली चल आज तेरी चूत से खून न निकाल दिया तो कहना, कितना मुँह चलता है राँड़ का साली, हम बच्चे नहीं पुरे बीस साल क़े मर्द है तू अभी हिजड़ो से चुदी होगी चल आज तेरे को बताते है क़े मर्द क्या होता है.

सोनू भाई बाथरूम वहा पीछे को है आप ने सही कहा था वहा कोई नहीं है, सुनसान पड़ा है लेकिन बदबू बहुत आ रही है. 
अरे बदबू की माँ की चूत हमे क्या वहा खाना खाना है, जो सफाई वाली जगह ढूढे साले चुदाई करनी है चुदाई चलो सब जल्दी करो. 
मोनू ने सही कहा था बहुत बदबू आ रही थी, चारो तरफ गंदगी पड़ी थी पिशाब का छोटा सा तालाब बना था, 
कुछ कोनो मेँ टट्टी पड़ी थी, खाली शराब की बोतले पड़ी थी दीवारों पर शाही दवाखानो क़े पान की पीको से भिड़े फटे पुराने पोस्टर लगे थे.

हलकी हलकी रोशनी आ रही थी, आखरी कोना थोड़ा साफ़ लग रहा था सभी लोग उसी कोने मेँ पुँहचे,
चारो लड़को ने जल्दी जल्दी वहा पड़ी शराब की बोतले और पत्थर फेक कर रूमाल से जमीन साफ़ करके लड़की को वहा बैठा दिया.

आजा रानी अब देख हमारी मर्दानगी देख हमारे खड़े लण्ड तेरे साथ साथ तेरी माँ भी चोद देंगे चलो सब नंगी करो साली को, 

चारो बीस बीस साल के लड़के उस लड़की पर टूट पड़े कुछ ही पालो में सब नंगे हो चुके थे.
सोनू लड़की के ऊपर चढ़ गया और चूत में लण्ड पेल दिया मोनू लड़की के मुँह को चोदने लगा बाकि बचे दोनों लड़के उस लड़की के दूध पीने लगे, ताज़ा ताज़ा जवान लड़को को जिंदगी का सब से बड़ा मज़ा मिल रहा था. 

किसी को टट्टी पिशाब की बदबू नहीं आ रही थी वो लड़की भी सोनू का ताज़ा जवान लण्ड खाके मस्त हो गई थी. उस की आखे बंद हो गई थी वो मदहोशी के आलम मै चूत खोले सोनू के लण्ड के मज़े ले रही थी साथ में मोनू का लण्ड मुँह से चूसे जा रही थी.

स्टेशन का गन्दा पिशाबघर सिसकियों से गूज रहा था सोनू जोर जोर से चोदे जा रहा था.

ले राँड़ ले झेल मेरा मरदाना लण्ड आ आ कुतिया साली आ मज़ा आ गया तेरी चूत चोद कर. 

मोनू पहली वार कर रहा था रंडी की मस्त चुसाई से उस के लण्ड का पानी छूटने लगा वो लण्ड रंडी के मुँह में डाल कर पिचकारी छोडने लगा.

रंडी और जोर जोर से लण्ड चूसने लगी और मोनू का माल पीने लगी. 

तभी सोनू भी जोर से चिल्लाने लगा ले राँड़ ले पीजा मेरा माल अपनी चूत से आ आ रानी मज़ा आ यह तेरी चूत चोद कर आ आ ले रानी ले आ तू रंडी नहीं मरी रानी हे ले आआ.

और जोर का झटका मार के सोनू रंडी की चूत मै झड़ गया.

चारो गाँव के उभरते जवान लड़को ने बरी बरी से उस २४ साल की अंग्रेजी बोलने बाली और शकल से भी अंग्रेज से चुदी माँ की औलाद लगने वाली मस्त राँड़ को दो दो वार चूत में और एक एक बार मुँह में चोदा.

वो लड़की भी बड़ी राँड़ थी सब का माल पी गई दो घंटो तक स्टेशन के पिशाबघर में चुदाई का खेल चलता रहा फिर सब लड़को ने खुशी खुशी उस को 200-200 रूपए दिए लड़की ने पहले ही बता दिया था वो 200 से कम नहीं लेगी,
उस लड़की के साथ उन लड़को को उस रात जिंदगी का सब से बढ़िया मज़ा आ गया वो चारो खुशी से झूमते गाते आखो में सुखमय भबिस्य के सपने सजाते अपने गाँव की ट्रैन में चढ़ गए,

और वो लड़की भी चार चार ताज़े ताज़े जवान हुए लड़को से साथ बिताये मदहोशी भरे दो घंटो की खुमारी में डूबी अपनी दिल्ली की ट्रैन मै चढ़ गई.

कैसे हो डॉक्टर. 

ओहो रागनी तुम मिल गई फुरसत तुम को कल आना था, 

क्या फर्क पड़ता है जिंदगी में एक दिन से डॉक्टर, 

तुम से बातो में कोई नहीं जीत सकता तुम मेरी बेटी जैसी हो तुम्हारे पापा मेरे सब से अच्छे दोस्त थे, मेने तुम को बचपन से गोद में खिलाया है, कम से कम मेरी बात तो मनो में तुम्हारे पिता जैसा हूँ, में हमेसा तुम्हारा भला चाहता हूँ, में तुम को दो सालो से तुम को समझा रहा हूँ, लेकिन तुम को कोई फर्क नहीं पड़ता. 

रागनी जोर का कश लेकर धुँवा डॉक्टर के मुँह पर छोड़ती है ओहो मेरे प्यारे डॉक्टर अंकल मेरे पापा जैसे डॉक्टर अंकल सच कहा आप ने मुझे याद है आप ने मुझे गोदी में खिलाया है ,और मुझे यह भी याद है कैसे खिलाया है, कैसे खिलाने के बहाने आप के हाथ मेरे गुप्त अंगो पर चलते थे. 

बस चुप हो जाओ फालतू की बात मत करो कितनी बार कहा यहाँ सिगरेट नहीं पीते. 

में भी आप के मुँह नहीं लगना चाहती क्यों की मुझे याद है, न चाहते हुए भी कितनी बार मुझे आप के मुँह लगना पड़ा था. 

रागनी में अपनी गलती की कितनी वार माफ़ी मांग चूका हूँ, कभी कभी इंसान काम वासना में मानसिक संतुलन खो बैठता है, में अपनी गलती मानता हुआ हजार बार कह चूका हूँ, माफ़ कर दो मुझे. 

24 साल की गदराई जवानी दूध जैसा सफ़ेद रंग लिए खुले गले का ब्लैक टॉप स्कर्ट पहने रागनी थोड़ा डॉक्टर साहब की तरफ झुकी उस के 36 दूध आधे निकल पड़े में भी कब से कह रही हूँ, कर दूगी माफ़ बस एक बार मेरी पियास बुझा दो डॉक्टर अंकल .

भाड़ में जाओ जो तुम को ठीक लगे वो करो और यह पकड़ो एक हफ्ते की दवाई और हो सके तो अगले हफ्ते समय पर आ जाना.

ओके डॉक्टर अंकल जाती हूँ, हा एक बात तो कहना भूल ही गई अपनी डायरी में चार नाम और बड़ा लेना बेचारे बीस बीस साल के बच्चे के स्टूडेंट थे. 

हरामजादी कुतिया तेरे जान ले लूगा तू पागल हो गई है. डॉक्टर जोर से चिल्लाता है फिर एक दम रोने लगता है. दौड़ कर रागनी के पैरो को पकड़ लेता है, बेटा मान जा मेरी बात इतना गुस्सा भी कोई करता है एक आदमी की गलती की सजा तू मासूमो को क्यों दे रही है.

एक आदमी नहीं वो एक आदमी नहीं था, सारी दुनिया थी में नासमझ थी मैंने सब को अपना समझा और बदले में तुम सब ने मुझे क्या दिया.

तुम ही आये थे ना उस दिन जब में अपना जनम दिन मन रही थी, एक २२ साल की मासूम लड़की जिस के चारो तरफ दौलत का अम्बार लगा हो, जिस का दुनिया में कोई ना हो उस को को तुम्ही ने दिया था जन्मदिन पर मौत का तोफा तुम ही ने बताया था , मुझ को उस रात के मुझ को,
"एड्स" है.
फालतू की बातें छोड़ो डॉक्टर यह बताओ मौत के तोफो की गिनती क्या हो गई और भूलो मत डॉक्टर क्यों के 

"तुम भी शामिल हो मेरी बर्बादी में"


"यह चार मिला के 344"
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तुम भी शामिल हो मेरी बर्बादी में" - by SOFIYA AALAM NAKVI - 17-11-2018, 04:21 PM



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