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Adultery धन्नो द हाट गर्ल
#82
मेरा हाथ करुणा की चूचियों पर पड़ते ही उसके मुँह से आह्ह्ह... निकल गया। मैं करुणा की चूचियों को हल्काहल्का दबाने लगी। करुणा की आँखें बंद हो गई और वो मजे से सिसकने लगी। मैंने करुणा को गरम होता देखकर उसे सीधा लेटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़कर उसकी चूचियां दबाने लगी। मैंने उसकी चूचियां दबाते हुए अपने होंठ उसके गुलाबी होंठों पर रख दिए।

मेरे होंठ अपने होंठों पर महसूस करते ही करुणा सिहर उठी। उसके होंठों को आज तक किसी ने नहीं छुआ था। वो पागलों की तरह मेरे होंठों को चूमने लगी। मैं उसके नीचे वाले होंठ को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, उसके होंठों का पूरा रस पीने के बाद मैंने नीचे होते हुए उसकी एक चूची को अपने मुँह में भर लिया।

अपनी चूची को मेरे मुँह में महसूस करते ही उसके मुँह से “इस्स्स्स ...” की एक सिसकी निकल गई। मैंने करुणा की चूची को पूरा अपने मुँह में भर लिया और बहुत जोर से उसे चूसने लगी।

करुणा ने ओह्ह करते हुए कहा- “दीदी जरा आहिस्ते करो दर्द हो रहा है...”

मैं उसकी चूची को अपने मुँह से निकालते हुए नीचे बढ़ने लगी, मैं जैसे ही उसकी चूत के पास पहुँची, करुणा ने अपनी टाँगें सिकोड़ ली। मैंने अपनी जीभ निकाली और उसके पेट पर फिराते हुए नीचे ले जाने लगी, मेरी जीभ जैसे ही करुणा की चूत के ऊपर उगे हुए भूरे बालों पर पहुँची, उसने मजे से ओईई.. आह्ह्ह... करते हुए अपनी टाँगों को खोल दिया।

मैं उसकी गुलाबी चूत को देखकर दंग रह गई। मैं अपनी जीभ नीचे ले जाते हुए उसकी चूत के छोटे दाने पर फिराने लगी। करुणा मेरी जीभ अपनी चूत के दाने पर महसूस करते ही छटपटाने लगी। मैं अपनी जीभ को नीचे ले जाते हुए उसकी चूत की लकीर पर फिराने लगी। करुणा की चूत से सफेद-सफेद पानी की बूंदें निकल रही थी, जिन्हें मैं अपनी जीभ से चाट रही थी। करुणा की गुलाबी चूत से निकलता हुआ पानी मुझे बहुत टेस्टी लग रहा था। मैंने करुणा की चूत के होंठों को अपने हाथों से अलग किया, और अपनी जीभ से उसके चूत के होंठों में भरा हुआ पानी चाटने लगी।

करुणा अपने चूतड़ उछाल रही थी और उसके मुँह से बहुत कामुक सिसकियां निकल रही थी। मुझे करुणा की चूत की महक पागल बना रही थी। मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत से निकालते हुए अपनी नाक को उसके चूत के होंठों पर रख दिया और अपने हाथों से उसकी चूत के होंठों को फैलाते हुए अपनी साँसें खींचकर उसकी चूत की गंध का आनंद लेने लगी।
मेरी इस हरकत से करुणा का जिश्म झटके खाने लगा। मैंने उसकी दोनों टाँगों को उठाकर घुटनों तक मोड़ते हुए उन्हें करुणा के पेट पर रख दिया। इस पोजीशन में करुणा की चूत खुलकर ऊपर उठ गई। मैंने अपनी जीभ । निकालकर उसकी चूत की पतली दरार पर फिराते हुए उसकी चूत के होंठों को खोल दिया और अपनी जीभ को कड़ा करते हुए उसकी चूत के गुलाबी छेद को चाटने लगी। करुणा मजे से किसी दूसरे जहाँ में पहुँच चुकी थी। अचानक उसके चूतड़ उछलने लगे, और वो आईई अहह... करते हुए झड़ने लगी।

उसकी चूत से निकलता हुआ पानी मेरे होंठों और मुँह को भिगोने लगा। मैं अपनी जीभ से उसका निकलता हुआ पानी चाटने लगी। कुछ देर झड़ने के बाद वो शांत हो गई और उसकी चूत से पानी निकलना बंद हो गया।

मैं कुछ देर तक करुणा की चूत से निकलता हुआ पानी चाटती रही और फिर उसके साइड में जाकर लेट गई। कुछ देर बाद करुणा को होश आया और वो अपनी आँखें खोलकर मुझे देखने लगी। करुणा की आँखों में ढेर सारा नशा था, वो मुझे खा जाने वाली नजरों से देख रही थी। मैंने अपने बाजू को सीधा करते हुए करुणा का सिर उसपर रख दिया और उसे अपनी तरफ खींचते हुए बाहों में भर लिया। मेरी चूचियां करुणा की चूचियों से टकरा गई और मेरा पूरा शरीर उसकी चूचियों की रगड़ से सिहर उठा।

करुणा मुझे सीधा करते हुए मेरे ऊपर चढ़ गई और अपनी चूचियों को मेरी चूचियों से रगड़ते हुए सिसकने लगी। मैंने करुणा को बालों से पकड़ते हुए उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, और उन्हें चूमते हुए अपनी जीभ को करुणा के मुँह में डाल दिया। करुणा मेरी जीभ को अपने होंठों से चूसते हुए अपनी चूचियों को मेरी चूचियों से जोर से रगड़ने लगी। मैंने अपनी टाँगों को फैला दिया। मेरी टाँगें फैलने से करुणा मेरी दोनों टाँगों के बीच आ गई। उसकी चूत मेरी चूत के ऊपर आ गई।
 horseride  Cheeta    
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RE: धन्नो द हाट गर्ल - by sarit11 - 17-01-2019, 08:11 PM



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