17-01-2019, 07:56 PM
बिंदिया ने जाकर दरवाजा बंद किया और मेरे साथ बैठते हुए कहा- “धन्नो तुम ही मेरी सबसे ज्यादा करीब हो इसीलिए मैं तुमसे सलाह ले रही हूँ। रोहन कुछ दिनों से मुझे अपने साथ सेक्स करने को कह रहा है, मगर मैं उसे टाल देती हूँ। मगर आज रोहन रात को यहाँ पर आने को बोल रहा है, मैं बहुत कन्फ्यू ज हूँ तुम्हीं बताओ मैं क्या करूं?”
मैंने बिंदिया की पूरी बात सुनने के बाद उससे कहा- “बिंदिया, तुम्हें रोहन पर कितना भरोसा है?”
बिंदिया ने जल्दी से कहा- “अपनी जान से ज्यादा...”
मैंने मुश्कुराते हुए कहा- “फिर डरती क्यों हो? रोहन तुम्हें कभी भी धोखा नहीं देगा, अगर वो कुछ तुमसे माँग रहा है तो, तुम क्यों डर रही हो? तुम भी जवान हो, वो भी हसीन है। फिर जो होता है होने दो..”
बिंदिया मेरे मुँह से ऐसी बातें सुनकर शर्म के मारे लाल हो गई और मुझे बैंक्स कहते हुए कहा- “धन्नो तुमने मेरी सारी मुश्किल को एक मिनट में हल कर दिया...”
बिंदिया ने फोन उठाया और रोहन को फोन लगाते हुए कहा- “रात को 12:00 बजे मुझे मिस काल देना, मैं दरवाजा खोल देंगी...”
कुछ देर तक हम आपस में बातें करते रहे और फिर मैं उठकर अपने कमरे में जाने लगी। बिंदिया ने मुझसे कहा- “धन्नो मैं करुणा के साथ किताबें लेने जा रही हूँ। तुम्हें कुछ चाहिए तो बता दो...”
मैंने कहा- “मुझे कुछ नहीं चाहिए। तुम कब जा रही हो और तुम्हें कितनी देर लगेगी?”
बिंदिया ने कहा- “दो ढाई घंटे लग जाएंगे, तुम क्यों पूछ रही हो?”
मैंने कहा- “ऐसे ही पूछ रही थी, तुम जाओ मैं यहीं पर हूँ..”
बिंदिया थोड़ी देर बाद करुणा के साथ घर से चली गई और मैं अपने कमरे में आ गई। सोनाली आँटी अचानक मेरे कमरे में दाखिल होते हुए बोली- “धन्नो मैं पूनम के घर जा रही हूँ, दो घंटों में आ जाऊँगी। घर का खयाल रखना..."
मैंने आँटी से कहा- “आप जाओ मैं यहीं पर हूँ..” पूनम हमारे पड़ोस में रहने वाली आँटी का नाम है, जो सोनाली आँटी की अच्छी सहेली है।
आँटी के जाने के बाद मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और जल्दी से मोहित के कमरे में घुस गई। कमरे में मोहित नहीं था, मगर पानी की आवाज आ रही थी। मैं समझ गई की मोहित नहा रहा है। मैं बाथरूम की तरफ जाने लगी, बाथरूम के पास पहुँचकर मैं खुशी के मारे उछल पड़ी, क्योंकी बाथरूम का आधा दरवाजा खुला हुआ था।
मैंने अपनी टाप और स्कर्ट उतार दी और ब्रा और पैंटी में ही बाथरूम का दरवाजा खोलकर अंदर दाखिल हो गई। मोहित सिर्फ अंडरवेर में शावर के नीचे अपनी धुन में नहा रहा था। उसने मुझे नहीं देखा। मैं उसके पीछे जाकर उससे लिपट गई। मोहित मेरी नरम चूचियों का अहसास अपनी पीठ पर महसूस करते ही चौंक गया और सीधा होकर मेरी तरफ देखते हुए कहने लगा- “धन्नो तुम यहाँ से जाओ, कोई आ जाएगा...”
मैं आगे बढ़ते हुए उससे लिपट गई, उसका गीला जिम मैं अपनी चूचियों पर महसूस करते ही सिहर उठी। मैंने उसके कंधे को चूमते हुए कहा- “यहाँ पर कोई नहीं आएगा, तुम चिंता मत करो। सभी बाहर गये हैं यहाँ पर सिर्फ हम दोनों हैं."
मैंने बिंदिया की पूरी बात सुनने के बाद उससे कहा- “बिंदिया, तुम्हें रोहन पर कितना भरोसा है?”
बिंदिया ने जल्दी से कहा- “अपनी जान से ज्यादा...”
मैंने मुश्कुराते हुए कहा- “फिर डरती क्यों हो? रोहन तुम्हें कभी भी धोखा नहीं देगा, अगर वो कुछ तुमसे माँग रहा है तो, तुम क्यों डर रही हो? तुम भी जवान हो, वो भी हसीन है। फिर जो होता है होने दो..”
बिंदिया मेरे मुँह से ऐसी बातें सुनकर शर्म के मारे लाल हो गई और मुझे बैंक्स कहते हुए कहा- “धन्नो तुमने मेरी सारी मुश्किल को एक मिनट में हल कर दिया...”
बिंदिया ने फोन उठाया और रोहन को फोन लगाते हुए कहा- “रात को 12:00 बजे मुझे मिस काल देना, मैं दरवाजा खोल देंगी...”
कुछ देर तक हम आपस में बातें करते रहे और फिर मैं उठकर अपने कमरे में जाने लगी। बिंदिया ने मुझसे कहा- “धन्नो मैं करुणा के साथ किताबें लेने जा रही हूँ। तुम्हें कुछ चाहिए तो बता दो...”
मैंने कहा- “मुझे कुछ नहीं चाहिए। तुम कब जा रही हो और तुम्हें कितनी देर लगेगी?”
बिंदिया ने कहा- “दो ढाई घंटे लग जाएंगे, तुम क्यों पूछ रही हो?”
मैंने कहा- “ऐसे ही पूछ रही थी, तुम जाओ मैं यहीं पर हूँ..”
बिंदिया थोड़ी देर बाद करुणा के साथ घर से चली गई और मैं अपने कमरे में आ गई। सोनाली आँटी अचानक मेरे कमरे में दाखिल होते हुए बोली- “धन्नो मैं पूनम के घर जा रही हूँ, दो घंटों में आ जाऊँगी। घर का खयाल रखना..."
मैंने आँटी से कहा- “आप जाओ मैं यहीं पर हूँ..” पूनम हमारे पड़ोस में रहने वाली आँटी का नाम है, जो सोनाली आँटी की अच्छी सहेली है।
आँटी के जाने के बाद मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और जल्दी से मोहित के कमरे में घुस गई। कमरे में मोहित नहीं था, मगर पानी की आवाज आ रही थी। मैं समझ गई की मोहित नहा रहा है। मैं बाथरूम की तरफ जाने लगी, बाथरूम के पास पहुँचकर मैं खुशी के मारे उछल पड़ी, क्योंकी बाथरूम का आधा दरवाजा खुला हुआ था।
मैंने अपनी टाप और स्कर्ट उतार दी और ब्रा और पैंटी में ही बाथरूम का दरवाजा खोलकर अंदर दाखिल हो गई। मोहित सिर्फ अंडरवेर में शावर के नीचे अपनी धुन में नहा रहा था। उसने मुझे नहीं देखा। मैं उसके पीछे जाकर उससे लिपट गई। मोहित मेरी नरम चूचियों का अहसास अपनी पीठ पर महसूस करते ही चौंक गया और सीधा होकर मेरी तरफ देखते हुए कहने लगा- “धन्नो तुम यहाँ से जाओ, कोई आ जाएगा...”
मैं आगे बढ़ते हुए उससे लिपट गई, उसका गीला जिम मैं अपनी चूचियों पर महसूस करते ही सिहर उठी। मैंने उसके कंधे को चूमते हुए कहा- “यहाँ पर कोई नहीं आएगा, तुम चिंता मत करो। सभी बाहर गये हैं यहाँ पर सिर्फ हम दोनों हैं."