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Adultery धन्नो द हाट गर्ल
#63
मैंने और बिंदिया ने उसे हाय कहा और हम दोनों अपने कमरे में फ्रेश होने चली गई। फ्रेश होने के बाद मैं खाना खाने के लिए बाहर निकली। आँटी खाना लगा रही थी, और बिंदिया वहाँ पहले से मौजूद थी। बिंदिया मोहित से बातें कर रही थी। मैं भी जाकर उन सबके साथ बैठ गई। मैं मोहित को गौर से देखने लगी। उसकी उंचाई कोई 59" इंच, उसका चेहरा गोरा और उसका जिश्म भी बिल्कुल कसा हुआ था।

मोहित ने मुझे घूरता हुआ देखकर कहा- “धन्नो क्या देख रही हो, मुझे तुमने पहचाना नहीं, जब तुम छोटी थी तो हम साथ में खेलते थे। मैं तुम्हें छिपकली बुलाता था और तुम मुझसे नाराज होकर मुझे पत्थर मारती थी...”

मैंने उससे कहा- “तुम उसी मास्टर के बेटे हो, जो हमें गाँव में पढ़ाता था..”

मोहित ने कहा- “हाँ। लगता है की तुम्हें याद आ गया। मेरा बाप अब इस दुनियां में नहीं रहा...” फिर मोहित ने मुझे गौर से देखते हुए कहा- “मैं तो समझता था की तुम अब भी छोटी ही होगी, मगर तुम तो बिल्कुल जवान हो चुकी हो..” ।

मैं उसकी बात सुनकर शर्मा गई, मन ही मन सोचने लगी- “बच्चू तुमने अभी तक मेरी जवानी देखी कहां है?”

सोनाली आँटी ने खाना लगा दिया और हम सब मिलकर खाना खाने लगे। खाना खाने के बाद आँटी ने मुझसे कहा- “धन्नो तुम्हारे वाले कमरे के साथ जो दूसरा कमरा है उसमें मोहित रहेगा। मैंने वो कमरा खोल दिया है। तुम मोहित के साथ जाकर उसके कमरे की सफाई और सेटिंग में मदद करो...”

मैंने मोहित से कहा- “तुम कमरे में चलो, मैं कपड़े चेंज करके आती हूँ..”

मैंने सोच लिया की मोहित को अपनी जवानी का थोड़ा सा जलवा दिखाऊँगी। मैंने अलमारी में से अपने पुराने कपड़े निकाले, जिसका गला बहुत बड़ा था और वो थोड़े ढीले थे। मैंने अपनी चूचियों को थोड़ा ब्रा के ऊपर सेट कर दिया और वो कपड़े पहनकर मोहित के कमरे में चली गई। मैं अपने हाथ में झाडू लेकर गई थी। जैसे ही मैं झाड़ रखने के लिए नीचे झुकी, मोहित को ब्रा में कैद मेरी आधी चूचियों का दीदार हो गया। मैं झाडू रखकर सीधी हुई, मोहित अब तक मेरे गले की तरफ ही देख रहा था।

मैंने मोहित से कहा- “क्या करना है?"

मोहित जैसे नींद से बाहर आ गया और हड़बड़ाते हुए अपने कमरे का सामान इधर-उधर सेट करने लगा। मैंने मोहित के साथ मिलकर सारे कमरे की सेटिंग ठीक की। जब भी मुझे मौका मिलता तो मैं अपनी चूचियों का दीदार उसे करा देती। मोहित बेचारा बार-बार अपनी पैंट के ऊपर हाथ डालकर अपने लण्ड को सही करता।

मैंने मोहित से कहा- “तुम कुर्सी पे जाकर बैठ जाओ, तो मैं झाडू मारकर तुम्हारा कमरा साफ कर दें...”

मोहित जाकर चुपचाप कुर्सी पर बैठ गया, मैं झुककर झाडू देने लगी। जब मैं कुर्सी के पास झाडू देने लगी तो मैंने जानबूझ कर अपना मुँह मोहित की तरफ कर दिया। मोहित इतनी नजदीक से मेरी चूचियों को देखकर बौखला गया और उसके माथे से पशीना बहने लगा।

मैंने मोहित से मजाक करते हुए कहा- “पंखा तो चल रहा है, फिर तुम्हें पशीना क्यों आ रहा है?”

मोहित बौखलाहट में कुछ बोल नहीं पाया। मैं अब वहाँ पर उल्टी होकर झाडू लगा रही थी, इस पोजीशन में मोहित मेरे चूतड़ बिल्कुल पास से देख सकता था।

मोहित इतने पास से मेरे भरे हुए चूतड़ देखकर अपनी थूक गटकने लगा। मैं पूरे कमरे में झाडू देकर वहाँ से चली गई। मैं अपने कमरे में आकर फिर से फ्रेश होने चली गई। मैं फ्रेश होकर जैसे ही बाहर निकली बिंदिया वहाँ पर बैठी मेरा इंतजार कर रही थी।

मुझे देखकर बिंदिया ने मुझे गौर से देखते हुए कहा- “वाह धन्नो... आपने तो मोहित का सारा कमरा चकाचक कर दिया। क्या बात है मोहित पर बड़ी महरबान हो रही हो?”
मैंने बिंदिया से मुश्कुराते हुए कहा- “तुम क्यों जल रही हो, मोहित हैंडसम है और फिर मेरे बचपन का दोस्त है...”

बिंदिया ने हैरत से मुँह खोलते हुए कहा- “वाह री धन्नो... मैं भला कौन होती हैं जलने वाली, मगर बात यहाँ तक पहुँच गई और मुझे पता ही नहीं चला..."

मैंने बिंदिया से कहा- “ऐसी कोई बात नहीं है, मैं मजाक कर रही थी..”

कुछ देर तक हम दोनों बातें करते रहे और फिर बिंदिया अपने कमरे में चली गई। मैं दरवाजा बंद करके सोने की कोशिश करने लगी, मेरे जेहन में मोहित घूम रहा था। कुछ ही देर बाद मैं नींद की आगोश में चली गई। मैंने सपने में देखा की सभी घरवाले किसी शादी में गये हैं। मैं वोही वाली पुरानी कमीज पहनकर मोहित के सामने बैठी हूँ। अचानक मोहित उठकर बाथरूम चला जाता है, जब वो वापस आता है तो वो सिर्फ एक बड़ा अंडरवेर पहना होता है।
 horseride  Cheeta    
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RE: धन्नो द हाट गर्ल - by sarit11 - 17-01-2019, 07:52 PM



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