02-08-2019, 08:26 AM
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अलिफ लैला
नूरुद्दीन और पारस देश की दासी की कहानी
अलिफ़ लैला, अलिफ़ लैला , अलिफ़ लैला,
हर शब्द में नयी कहानी, दिलचस्प है बयानी,
सदियाँ गुज़र गयी हैं, लेकिन न हो पुरानी,
अलिफ़ लैला, अलिफ़ लैला , अलिफ़ लैला।
हर शब्द में नयी कहानी, दिलचस्प है बयानी,
सदियाँ गुज़र गयी हैं, लेकिन न हो पुरानी,
अलिफ़ लैला, अलिफ़ लैला , अलिफ़ लैला।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.