Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica रेशमा - मेरी पड़ोसन
#1
Sad 
Update 1

मेरा नाम अवी है
ये स्टोरी मेरी पड़ोसन और मेरे बीच शुरू हुए नये रिश्ते की है
इस रिश्ते की शुरुआत 6 महीने पहले मुंबई मे हुई थी
पहले मैं अपने बारे में बताता हूँ
मेरी एज 27 है , दिखाने मे ठीक ठाक हूँ , पढ़ाई मे भी आव्रेज हूँ
मैं इंजिनियर हूँ पर बेरोज़गार नही हूँ
जब इंजिनियरिंग कर रहा था तब सीनियर ने पहले दिन ही रॅगिंग लेते हुए इंजिनियरिंग का मीनिंग
पूछा था
हम सब जूनियर अजीब अजीब आन्सर दे रहे थे
किताबी कीड़े ने तो लंबी लंबी डेफ़िनेशन बता दी
पर सीनियर ने कहा कि सबका आन्सर ग़लत है
इंजिनियरिंग का दूसरा मीनिंग होता है बेरोज़गार
उस दिन तो सीनियर की बात पे हँसी आई थी
लेकिन जैसे इंजिनियरिंग कंप्लीट हुई तो समझ मे आ गया कि सीनियर सही थे
इंजिनियरिंग मतलब बेरोज़गारी होती है
पर मेरा मतलब इतना भी खराब नही था
6 महीने तक तो मैं भी बेरोज़गार ही था
पर मेरी किस्मत भी चमक गयी
मुझे भी जॉब मिल गयी
इंजिनियरिंग को जॉब मिलना मतलब रेगिस्तान मे पानी मिलने जैसा था
जॉब मिलते ही मेरी जान मे जान आई
मेरी तो निकल पड़ी पर मेरे फ्रेंड अभी भी लगे हुए थे जॉब की तलाश मे
तो मुझे इंजिनियर बनते ही 6 महीने मे जॉब मिल गयी
जॉब मिलते ही जेब मे पैसे आ गये
शुरुआत कम सॅलरी से हुई पर बेरोज़गार होने से अच्छा है कि कुछ पैसे कमा लो
जॉब छोटी हो तो उसको मेहनत से बड़ी बना सकते है , इंजिनियर तो कुछ भी कर सकते है ,
मेरे पिताजी तो खुश थे कि मैं कमाने लगा हूँ
जॉब जाय्न करते ही मैं अपनी मेहनत से तरक्की के रास्ते खोलने लगा
देखते देखते मेरे पास प्रॉजेक्ट आने लगे
मेरी टीम मे मेरा पर्फॉर्मेन्स अच्छा था
हर प्रॉजेक्ट के साथ मुझे ज़्यादा वर्क और इम्पोर्टेंट वर्क मिलता जो मैं अपनी लगन से पूरा करता
देखते देखते मैं टीम लीडर बन गया
मेरे टीम मेंबर तो इस बात से जलने लगे कि मैं जूनियर होकेर टीम लीडर बन गया
सॅलरी का ग्रॅफ तो रुकने का नाम.नही ले रहा था बस बढ़ रहा था
सॅलरी जेब मे जाते ही कब ख़तम होती पता ही नही चलता
बाइक , मोबाइल , गिफ्ट , एट्सेटरा , बस सॅलरी कम थी तो कम पड़ती और ज़्यादा सॅलरी मिलने लगी तो वो भी कम
पड़ने लगी
मेरे पिताजी तो कहते कि सेविंग करनी चाहिए
इस बात का अहसास तब हुआ जब पिताजी बीमार पड़े और मेरे पास पैसे नही थे उस समय उनको अड्मिट
करने के लिए
ऐसे एक्सपीरियेन्स के बाद ही मैं सेविंग के साथ खर्च करने लगा
धीरे धीरे मेरा प्रमोशन होने लगा
जलने वाले जले मैं तो खुश था
पर इस बार मेरा प्रमोशन मुंबई मे हुआ था
प्रमोशन के नाम से तो मैं खुश था पर जब सुना कि मुझे मुंबई जाना पड़ेगा तो मेरी
खुशी हवा मे उड़ गयी

मुझे अपने शहर को छोड़ कर जाना पसंद नही था
इस शहर मे मेरी फॅमिली थी मेरे दोस्त थे मेरा बचपन था ,
इस शहर को छोड़ने के नाम से डर लग रहा था
यहाँ मेरी गर्लफ्रेंड है
मुझे मेरी गर्लफ्रेंड से दूर रहना होगा
अपनी फॅमिली से दूर रहना होगा
मुंबई जैसे बड़े शहर मे ऑपर्चुनिटी तो बहुत है
वहाँ जाते ही लाइफ सेट हो जाएगी
मुंबई मे जाकर एक नयी लाइफ जी पाउन्गा
मुंबई की लाइफ स्टाइल के बारे में बचपन से सुनता आया हूँ
मेनेज़र ने मुझे प्रमोशन लेटर दिया
सॅलरी तो डबल हो गयी थी , साथ मे एक 2बीएचके प्लाट मिला था ,
पर मुझे तो अपना शहर पसंद था
प्रमोशन लेटर लेते हुए मुझे खुश ना देख कर मेनेज़र ने मुझसे बात की
मेनेज़र- क्या हुआ तुम खुश नही हो
अवी-प्रमोशन से तो हर कोई खुश होता है
मेनेज़र- पर तुम्हारे चेहरे पे खुशी दिखाई नही दे रही है
अवी-प्रमोशन से खुश हूँ पर मुंबई जाना पड़ेगा
मेनेज़र- तो ये बात है , देखो इस शहर ने कुछ नही रखा है , मुंबई मे जाते ही तुम्हारी लाइफ बदल
जाएगी
अवी-मुंबई के बारे में बहुत सुना है
मेनेज़र- अब जाकर एंजाय करो , इतना अच्छा चान्स मिलता नही किसी को
अवी-क्या मेरी जगह किसी और को नही भेजा जा सकता
मेनेज़र- अगर मैं ऐसा कहूँगा तो सब कहेंगे कि मुझे मुंबई भेज दो , मुंबई मे जाएँगे
तो तुम दूसरी कंपनी मे ट्राइ कर पाओगे , वहाँ जाकर देखो , अगर अड्जस्ट नही हुए तो मुझसे
कहना मैं तुम्हें वापस बुला लूँगा
अवी-ऐसा हो सकता है
मेनेज़र- हाँ , तुम्हें वहाँ पसंद नही आया तो बता देना मैं वापस बुला लूँगा पर
अवी-पर क्या
मेनेज़र- देखना तुम खुद कहोगे कि तुम्हें पहले मुंबई क्यूँ नही भेजा
अवी-मैं ऐसा क्यूँ कहूँगा
मेनेज़र- मुंबई मे जो एक बार जाता है उसको वापस आने का दिल नही करता
अवी-देखते है
मेनेज़र- तो अब खुश हो जाओ और अपनी फॅमिली को बता दो कि तुम्हारा प्रमोशन हुआ है
अवी-थॅंक यू सर
प्रमोशन तो मिला ,
अब मुझे मुंबई जाना होगा
मुझे अपनी फॅमिली अपने दोस्तो और अपनी गर्लफ्रेंड से दूर जाना होगा
चलो जाके देखता हूँ कि मुंबई मुझे वहाँ रोक पाती है या मैं वापस अपने शहर आउन्गा
अब तो मुझे मुंबई मे जाना होगा , उस मुंबई मे जहाँ रात मे भी दिन जैसा उजाला रहता है ,या
कहूँ तो रात मे भी सूरज निकलता है , जगमगाती मुंबई , सपनो का शहर
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.


Messages In This Thread
रेशमा - मेरी पड़ोसन - by Vikram@ - 02-07-2019, 08:24 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)