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Adultery जिस्म की भूख
Heart 
मैंने एक नज़र कार्पेट को देखा, गहरे रंग का होने की वजह से बहुत गौर से देखने पर मुझे वहाँ खून के चंद धब्बे नज़र आए। मैंने किसी कपड़े की तलाश में आस-पास नज़र दौड़ाई तो कोई कपड़ा ऐसा ना नज़र आया कि जिससे मैं ये साफ कर सकूँ। मैं बाहर निकला तो आपी अपनी सलवार पहन चुकी थीं और अब क़मीज़ पहन रही थीं।

मैंने आपी को देख कर कहा- “आपी वो कार्पेट पर खून के धब्बे हैं यार वो…”

मैंने अभी इतना ही कहा था तो आपी मेरी बात काट कर बोलीं- “हाँ वो मैं पहले ही देख चुकी हूँ। तुम जाओ अपने कमरे में, वो मैं साफ कर दूँगी”

मैंने आपी की बात सुन कर सोचा यार बहन हो तो ऐसी कि हर बात का ख़याल रहता है आपी को।

मैंने कहा- “चलो ठीक है आपी, मैं जाता हूँ, ज़रा फ्रेश हो लूँ”

ये कह कर मैं अपने दरवाज़े पर पहुँचा तो आपी ने आवाज़ दी- “सगीर बात सुनो”

मैं रुक कर आपी की तरफ घूमा तो वो अपने कपड़े पहन चुकी थीं।

आपी मेरे पास आईं और मेरे कंधे के ज़ख़्म पर फिर से हाथ फेरा और फिर मेरे होंठों को चूम कर शरारत से कहा- “सगीर याद है, जब तुमने मेरी टाँगों के बीच में थप्पड़ मार कर बदला लिया था। जब मुझे मेनसिस चल रहे थे और पैड होने की वजह से मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा था तुम्हारे थप्पड़ का याद है वो दिन?”

मैंने कुछ ना समझ आने वाले लहजे में जवाब दिया- “हाँ याद है मुझे, क्यों? वो बात क्यों याद करवा रही हो?”

आपी ने अपने निचले होंठ को दाँतों में दबा कर काटा और बोलीं- “उस दिन मैंने तुमसे कहा था कि मैंने भी तुमसे एक बात का बदला लेना है। मैं सही टाइम पर ही बदला लूँगी अभी नहीं। देखो शायद वो टाइम आ जाए और हो सकता है कि ऐसा टाइम कभी ना आए। याद है मेरा ये जुमला?”

मैंने कहा- “हाँ याद है मुझे कि आपने ऐसा कहा था”

आपी ने शरारत से भरी एक गहरी नज़र मेरे चेहरे पर डाली और कहा- “जब मैंने तुम्हारी टाँगों के बीच में मारा था ना तो उस वक़्त तुमने गुस्से में मुझे गाली दी थी। तुमने थप्पड़ खाते ही चिल्ला कर कहा था ‘बहन चोद आपीयईईई…’ बस मुझे उस गाली का बदला लेना रहता था और वो बदला में अब लूँगी क्यों कि अब टाइम आ गया” -आपी हँसते हुए बोलीं- “मैं नहीं तुम खुद हो बहनचोद… समझे…”

यह बोल कर आपी सीढ़ियों की तरफ चल दीं और मैं वहीं दरवाज़े पर खड़ा बेचारा सा मुँह ले कर अपना कान खुजाने लगा। आपी सीढ़ियों से नीचे उतर गईं और मैं आपी की बात को सोचता हुआ अपने कमरे की तरफ चल पड़ा। कमरे में जाते ही मैंने अपना लण्ड साफ किया और बहुत थका हुआ होने की वजह से लेटते ही सो गया।

सुबह आँख काफ़ी लेट खुली तो देखा तो टाइम साढ़े ग्यारह का हो रहा था, मुझे बहुत थकान महसूस हो रही थी इसलिए थोड़ी देर रुक कर मैं उठा और नहा कर फ्रेश हुआ। फरहान मेरे उठने से पहले ही स्कूल जा चुका था। मैं कपड़े पहन कर नीचे गया तो अम्मी ने नाश्ता दिया।

मैंने नाश्ता करते हुए अम्मी से पूछा- “आपी कहाँ हैं?”

तो अम्मी ने बताया कि वो यूनिवर्सिटी गई हुई हैं। कॉलेज तो मैं जा नहीं सका तो नाश्ता करने के बाद मैंने सोचा कि दुकान पर ही चला जाता हूँ। शाम तक दुकान का काम देख लूँगा। यह सोचते हुए मैंने अम्मी को बताया कि मैं दुकान पर जा रहा हूँ और घर से निकल गया।

दुकान पर पहुँच कर दुकान के काम में लग गया पर आपी के साथ जो रात को सेक्स किया और जिस तरह आपी को प्यार किया वो मेरे जेहन में सारा दिन एक वीडियो की तरह चलता रहा। दुकान का काम निपटाते हुए मुझे काफी टाइम हो गया। करीब साढ़े सात हो रहे थे।

मैंने मुलाज़िमात को कहा- “दुकान टाइम से बंद करके जाएं, मैं घर जा रहा हूँ”

मैं खुद वहाँ से निकल आया। रास्ते में मुझे याद आया कि मैंने तो अपने लण्ड का पानी आपी की चूत में ही निकाल दिया था तो कहीं आपी उससे प्रेगनेंट ना हो जाएं इसलिए बेहतर है कि मैं आई-पिल ले चलूँ। मैंने मेडिकल स्टोर पर रुक कर उससे टेब्लेट्स लीं और साथ अपनी टाइमिंग बढ़ाने वाली कुछ टेब्लेट्स भी ले लीं। दोनो किस्म की टेब्लेट्स ले कर मैं वहाँ से घर की तरफ निकला और वहाँ से सीधा घर आ गया।

घर आकर मैं आपी को ढूँढने लगा, आपी बावर्चीखाने में काम कर रही थीं।

मैं आपी के पास गया पर मेरे कुछ बोलने से पहले ही आपी ने धीमी सी आवाज़ में मुझसे कहा- “तुम ऊपर चलो, मैं ऊपर ही आती हूँ। यहाँ कोई बात नहीं”

मैं आपी की बात सुन कर उनको ‘ओके’ बोल कर वहाँ से चला गया। मैंने अपने कमरे में जाकर में फौरन कपड़े उतारे और वॉशरूम में घुस गया। कुछ लम्हे बाद मैं फ्रेश होकर बिस्तर पर लेट गया और आपी का इन्तजार करने लगा। करीब दस मिनट बाद आपी कमरे में आईं तो मैं खुशी से आपी की तरफ बढ़ा और उनको गले से लगा लिया। मैंने उनके होंठों पर एक किस की तो आपी ने भी किस शुरु कर दी।

कुछ चुम्मियों के बाद उन्होंने रुक कर कहा- “सगीर, मैं आज नहीं आ पाऊँगी”

मैंने आपी की गिरफ्त ढीली करते हुए कहा- “क्यों आपी? क्या हुआ है? आप नाराज़ हो क्या?”

आपी ने मेरे बालों में हाथ फेरते हुए कहा- “भला अब मैं अपने भाई से कैसे नाराज़ हो सकती हूँ”

मैंने पूछा- “फिर आप क्यों नहीं आओगी?”

तो आपी ने बताया कि गाँव वाली खाला बस अभी हमारे घर पहुँचती ही होंगी और वो रात को भी यहाँ ही रहेंगी।

यह सुन कर मैं पीछे होने लगा।

तो आपी ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और कहा- “सगीर मेरे राजा! क्यों नाराज़ होते हो? आज नहीं तो कल सही, कल वो लोग चले जाएंगे और एक मज़े की खबर ये है कि अम्मी, फरहान और हनी भी उनके साथ जाएंगे। वो लोग मुझे साथ चलने का कह रहे थे पर मैंने मना कर दिया है। मैं तो अपने भाई को छोड़ कर कैसे जाऊँ। उसे प्यार कौन करेगा। और वो लोग वहाँ 4 से 5 दिन तक रहेंगे शायद खाला का कोई जानने वाला बीमार है, इस वजह फरहान और हनी को खाला के बच्चों के पास छोड़ कर उनकी तबीयत का पता करने उनके घर जाएंगे”

मैंने आपी की बात सुन कर आपी से कहा- “फिर कल सारी रात आपको मेरे साथ रहना पड़ेगा क्योंकि पापा तो जल्द ही सो जाते हैं और वो सुबह ही उठेंगे”

आपी ने कहा- “मेरा सोहना भाई! क्या मेरे भाई का बहुत दिल करता है मुझे चोदने को, जो सारी रात रहने का प्रोग्राम बना रहा है”

मैंने आपी से कहा- “मेरा बस चले तो मैं आपको अपनी बीवी बना कर रखूँ। हर रात को आपके साथ सेक्स किया करूँ और आपको सारी रात प्यार करता रहूँ”

आपी ने मुझे बांहों में भर कर कहा- “अच्छा मेरे राजा, कल सारी रात तुम्हारे साथ रहूँगी, अपने सोहने भाई के साथ, तुम जितना मर्ज़ी चाहो सेक्स कर लेना और मेरे साथ जितना मर्ज़ी प्यार करना पर अभी मुझे जाने दो। खाने का इंतज़ाम करना है, खाला भी आती होंगी”

मुझे होंठों पर आपी ने किस की और ज़ोर से अपनी चूत को मेरे लण्ड के साथ लगा दी। मैं भी पूरे जोश से उनको चुम्मी करने लगा। आपी मेरे होंठ ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं और मेरी कमर पर ज़ोर-ज़ोर से हाथ चलाने लगीं क्योंकि मैंने पूरे ज़ोर से अपना लण्ड आपी की चूत से लगाया हुआ था और हल्का-हल्का रगड़ रहा था तो आपी भी पूरे जोश से मुझे रिस्पॉन्स दे रही थीं।

कुछ मिनट इसी तरह किस करने के बाद आपी ने कहा- “सगीर अब मैं चलती हूँ। बहुत टाइम हो गया है”

मेरी गिरफ्त से निकल कर आपी जाने लगीं तो मैंने भी गिरफ्त ढीली कर दी और आपी को छोड़ दिया। आपी दरवाज़े की तरफ जाने लगीं तो अचानक मुझे याद आया कि आपी को वो दवा दे दूँ।

मैंने आपी को आवाज़ दी- “आपी एक मिनट रूको”

मैं जो टेबलेट ले कर आया था वो दराज से निकाल कर आपी को दे दी।

आपी ने पूछा- “यह क्या है सगीर?”

तो मैंने कहा- “कल रात को मैंने अपना पानी आपकी चूत में ही निकाल दिया था। ये प्रेगनेंसी रिमूवल टेब्लेट्स हैं। आप आज याद से एक टेबलेट ले लेना ताकि आप प्रेगनेंट ना हों”

आपी ने कहा- “थैंक्स सगीर, मैं तो भूल ही गई थी। तुमने इतनी खुशी दी है मुझे मेरे राजा कि बता नहीं सकती”

तभी मैंने आगे बढ़ कर आपी के माथे पर चुम्मी की और कहा- "आपी आई लव यू, आप तो मेरी जान हो फिर अपनी जान का ध्यान तो रखना है ना”

आपी ने कहा- “आई लव यू टू सगीर”

TO BE CONTINUED ......
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 05-02-2024, 06:40 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 11-02-2024, 08:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 03:03 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 10:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 17-02-2024, 07:45 PM
RE: जिस्म की भूख - by sananda - 17-02-2024, 09:34 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 09:16 AM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 04:29 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 25-02-2024, 05:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 27-02-2024, 10:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 02-03-2024, 11:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 05-03-2024, 12:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-03-2024, 02:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 07:43 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 05:30 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 14-03-2024, 02:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 18-03-2024, 09:07 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 19-03-2024, 06:24 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 28-03-2024, 02:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 28-03-2024, 10:16 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 30-03-2024, 02:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 02-04-2024, 10:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 04-04-2024, 03:19 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-04-2024, 05:17 PM
RE: जिस्म की भूख - by Chandan - 11-04-2024, 09:41 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 11:34 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 02:06 PM



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