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Adultery जिस्म की भूख
Heart 
मैं भी रेफ्रिजरेटर की साइड से निकाल कर आपी के सामने आया और कहा- “सो भी गया तो उठा देना लेकिन मेरी अभी की बारी का क्या होगा?”

आपी ने एक नज़र बाहर देखा और कहा- “अभी क्या करना है तुमने? छोड़ो रात को ही कर लेना”

मैंने आपी का चेहरा पकड़ कर उनके होंठ चूमे और कहा- “जी नहीं, रात की रात में देखेंगे लेकिन मेरी अभी की बारी दो”

“अच्छा ना, बोलो क्या करना है?”

ये कह कर आपी ने अपने एक हाथ से दुपट्टा अपने सीने से हटाया और दूसरे हाथ से सीने के एक उभार को अपनी क़मीज़ के ऊपर से पकड़ कर कहा- “ये चूसना है?”

मैंने गर्दन को नहीं के अंदाज़ में हिलाया और दो सेकेंड रुक कर कहा- “इस दुनिया की सबसे ज्यादा मदहोश कर देने वाली खुश्बू सूँघनी है और दुनिया के लज़ीज़-तरीन मशरूब के जो चंद क़तरे निकले होंगे, वो पीने हैं”

आपी ने फिर से अपने निचले होंठ की साइड को दाँत से काट कर नशीली नजरों से मुझे देखा और फिर आँख मार कर घूमीं और हँसते हुए किचन से बाहर भाग गईं।

आपी के इस तरह बाहर भाग जाने से मेरी गाण्ड ही जल गई और मुझे इतनी शदीद झुंझलाहट हुई कि मेरे मुँह से कोई बात ही नहीं निकल सकी। मेरे दिमाग़ में बस दो ही लफ्ज़ गूँजने लगे ‘सगीर चूतिया… सगीर चूतिया…’

मैं आँखें फाड़े खाली दरवाज़े को ही देख रहा था कि आपी फिर से सामने आईं और अपने दोनों अंगूठों को अपने कान पर रख कर मुझे मुँह चिढ़ा कर मेरी तरफ पीठ की और अपने कूल्हों को मटकाते हुए मुझे देख कर गाना गाने लगीं- “जा जा... हो... जाअ जा... मैं तुम से नहीं बो… लूँन्न्न्... जाअ... जाआ...”

आपी का यह मज़ाक़ मुझे इस वक़्त ज़हर सा लग रहा था। मैंने आपी की तरफ से नज़र हटा ली और गुस्से से सिर झटक कर रैक पर पड़े पानी के जग की तरफ घूम गया।

मैंने गिलास में पानी उड़ेला और पानी पी ही रहा था कि आपी अन्दर आईं और मेरी राईट साइड पर दोनों हाथ अपनी कमर पर टिका कर खड़ी हो गईं। मैंने पानी पी कर गिलास नीचे रखा और बुरा सा मुँह बनाए हुए आपी की तरफ देखा तो वो मेरे चेहरे को ही देख रही थीं।

कुछ देर ऐसे ही मैं और आपी एक-दूसरे की आँखों में देखते रहे और फिर मैंने नज़र झुका लीं और आपी की साइड से हो कर बाहर निकलने लगा तो आपी ने मेरा हाथ कलाई से पकड़ा और झटके से अपनी तरफ घुमाते हुए मेरे होंठों को चूम कर कहा- “यार मज़ाक़ कर रही थी ना, एक तो तुम इतनी जल्दी मुँह बना लेते हो?”

मैंने आपी की बात का कोई जवाब नहीं दिया और उनकी आँखों में ही देखता रहा।

आपी ने मेरी शर्ट का सबसे ऊपर वाला बटन खुला देखा तो उसको बंद करते हुए बोलीं- “यार सगीर! ऐसा ना किया कर ना, मेरे भाई प्लीज़… अब मान जाओ”

मैंने उखड़े-उखड़े लहजे में ही कहा- “यार आपी आप भी तो अजीब ही हरकत करती हो ना। इतना ज़बरदस्त मूड बना हुआ था, सबकी माँ चोद दी आपने”

“अच्छा बस, बकवास नहीं कर अब। गालियाँ दे कर अपना मुँह गंदा मत किया करो”

“तो क्या करूँ? पता है हम दोस्त यार एक मिसाल दिया करते हैं कि खड़े लण्ड पर धोखा, ये मिसाल इस मौके पर बिल्कुल फिट बैठ रही है। आपने भी कुछ ऐसा ही किया है यानि खड़े लण्ड पर धोखा दिया है”

आपी ने हँसते हुए मेरा हाथ थामा और वापस अन्दर रेफ्रिजरेटर की तरफ जाते हुए कहा- “यह मिसाल तुम दोस्तों तक ही रखो, मैं तुम्हारी बहन हूँ। बहनें या तो लण्ड खड़ा ही नहीं करवाती हैं और अगर लण्ड खड़ा करवा दें तो कभी धोखा नहीं देती हैं और मैं भी अपने सोहने भाई को खड़े लण्ड पर धोखा नहीं दूँगी”

आपी ने बात खत्म की तो हम रेफ्रिजरेटर के पास पहुँच गए थे। आपी ने मेरे दोनों हाथों को अपने हाथों में लिया और घूम कर उसी जगह पर दीवार से टेक लगा कर खड़ी हो गईं जहाँ कुछ देर पहले मैं खड़ा था। मेरा मूड अभी भी खराब ही था, मैं सिर झुका कर बुरा सा मुँह बना कर खड़ा रहा।

आपी ने कुछ देर ऐसे ही मुझे देखा और फिर मेरे हाथों को छोड़ कर उल्टे हाथ की हथेली में मेरी ठोड़ी को भर कर ऊपर उठा दिया और सीधा हाथ अपने चूड़ीदार पजामे में डाल कर अपनी चूत पर रगड़ने लगीं। आपी ने 3-4 बार अपनी चूत पर हाथ रगड़ कर बाहर निकाला तो उनकी उंगलियों पर उनकी चूत का पानी लगा था।

आपी ने अपनी चूत के रस से गीली उंगलियों को मेरे नाक के पास रगड़ा और मेरे होंठों पर अपनी उंगलियाँ फेरते हुए फिल्मी अंदाज़ में बोलीं- “मेरे सोहने भाई के लिए इस दुनिया की सब्ब से ज्यादा मदहोश कर देने वाली खुश्बू। सोहने भाई की सग़ी बहन की चूत के रस की खुशबू और दुनिया के लज़ीज़ तरीन मशररूब तुम्हारी आपी की चूत के जूस के चंद क़तरे हाज़िर हैं”

आपी के इस अंदाज़ ने मेरे मूड की सारी खराबी को गायब कर दिया और बेसाख्ता ही मुझे हँसी आ गई।

मैंने आपी को अपनी तरफ खींच कर उनको सीने से लगाया और अपने बाजुओं में भींचते हुए कहा- “आई लव यू आपी, आई रियली लव यू!”

आपी ने भी मेरी क़मर पर हाथ फेरा और अपना सिर पीछे करते हुए मेरे गाल को चूम कर कहा- “आई लव यू टू जानू! मेरा सोहना भाई!”

हम इसी तरह कुछ देर गले लगे रहे फिर आपी मुझसे अलग हुईं और दीवार से क़मर लगा कर अपनी फ्रॉक का दामन सामने से उठाया और कहा- “चलो अब अपना इनाम ले लो”

मैंने हँस कर आपी को देखा और नीचे बैठ कर उनके पजामे के ऊपर से टाँगों के दरमियान अपना मुँह दबा लिया।

आपी की चूत की खुशबू को अपने अंग-अंग में बसने के बाद मैंने मुँह पीछे किया और आपी के पजामे को उतारने के लिए हाथ फँसाए ही थे कि आपी ने मेरे हाथों को पकड़ लिया और कहा- “आहहनन्न… तुम हाथ हटा लो मैं खुद अपने सोहने भाई के लिए अपने हाथों से अपना पजामा नीचे करूँगी”

“ओके बाबा! जो रानी जी की मर्ज़ी”

मैंने यह कह कर अपने हाथ पीछे कर लिए और अपनी नजरें आपी की टाँगों के दरमियान में चिपका कर पजामा नीचे होने का इन्तजार करने लगा। आपी ने अपनी फ्रॉक के दामन को दाँतों में दबाया और दोनों अंगूठे साइड्स से पजामे में फँसा कर आहिस्ता-आहिस्ता नीचे करने लगीं।

आपी ने अपने पजामे को दो इंच नीचे सरकाया और नफ़ से थोड़ा नीचे करके रुक गईं। मैं उत्तेजना से मुँह खोले अपनी नजरें आपी की टाँगों के दरमियान जमाए हुए पजामे के उतरने का इन्तजार कर रहा था, मेरी शक्ल से ही बहुत बेताबी ज़ाहिर हो रही थी।

जब काफ़ी देर बाद भी आपी ने पजामा नीचे ना किया तो मैंने नज़र उठा कर आपी के चेहरे की तरफ देखा तो वो खिलखिला कर हँस पड़ीं, उनकी आँखों में इस वक़्त शदीद शरारत नाच रही थी।

TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 05-02-2024, 06:40 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 11-02-2024, 08:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 03:03 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 10:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 17-02-2024, 07:45 PM
RE: जिस्म की भूख - by sananda - 17-02-2024, 09:34 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 09:16 AM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 04:29 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 25-02-2024, 05:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 27-02-2024, 10:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 02-03-2024, 11:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 05-03-2024, 12:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-03-2024, 02:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 07:43 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 05:30 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 14-03-2024, 02:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 18-03-2024, 09:07 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 19-03-2024, 06:24 PM
RE: जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 23-03-2024, 02:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 28-03-2024, 02:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 28-03-2024, 10:16 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 30-03-2024, 02:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 02-04-2024, 10:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-04-2024, 05:17 PM
RE: जिस्म की भूख - by Chandan - 11-04-2024, 09:41 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 11:34 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 02:06 PM



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