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Adultery जिस्म की भूख
Heart 
आपी के कूल्हों ने एक झटका लिया उन्होंने फ़ौरन मेरे लण्ड से मुँह हटाया और तक़लीफ़ से लरज़ती आवाज़ में कहा- “उफफ्फ़ सगीर कुत्ते! निकाल उंगली, साले बहुत दर्द हो रहा है”

मैंने उंगली को बगैर हरकत दिए कहा- “कुछ नहीं होता आपी, बस थोड़ी देर दर्द होगा, बर्दाश्त कर लो”

“नहीं नहीं सगीर! निकालो प्लीज़, मेरा कोई सुराख तो छोड़ दो कमीने, क्यों इसके पीछे पड़ गए हो?”

“बस बस आपी एक मिनट में सुराख आदी हो जाएगा तो दर्द नहीं होगा”

आपी ने गर्दन घुमा कर मेरे चेहरे को देखा और ज़रा अकड़ कर कहा- “कहा ना नहीं, बस सगीर बाहर निकालते हो उंगली या नहीं?”

मैंने मुस्कुरा कर आँख मारी और उन्हीं के अंदाज़ में जवाब दिया- “नहीं निकालता फिर क्या कर लोगी तुम?”

आपी कुछ बोले बगैर घूमी और झुक कर मेरे लण्ड की टोपी को दाँतों में दबा कर बोलीं- “कमबख्त निकालो” -वे अपने दाँतों को ज़ोर देकर लण्ड को काटने लगी।

मैंने शदीद तक़लीफ़ से चिल्ला कर कहा- “उफफ्फ़, अच्छा अच्छा… निकालता हूँ”

आपी ने अपने दाँतों को लूज कर दिया और फिर मैंने भी आपी की गाण्ड से उंगली निकाल कर कहा- “कितनी ज़ालिम हो यार आपी! मेरी जान ही निकाल दी, इतने ज़ोर से काटा है”

आपी ने खिलखिला कर हँसते हुए कहा- “याद रखना बेटा, कभी उस लड़की से पंगा नहीं लेना जिसके मुँह के पास ही तुम्हारा सामान हो” -यह कहते हुए उन्होंने मेरे लण्ड पर एक चुटकी मारते हुए कहा- “ये चीज दबी हो”

और वो हँसते हुए दोबारा से मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगीं।

मैंने भी फिर से आपी की चूत में उंगलियाँ डालीं और उनकी चूत के दाने को चूसते हुए उंगलियाँ अन्दर-बाहर करने लगा।

कुछ ही देर बाद मेरी साँसें तेज हो गईं और मुझे अंदाज़ा हो गया कि मेरा लण्ड अपना लावा बहाने को तैयार है। मेरा जिस्म अकड़ना शुरू हुआ तो मैंने आपी की चूत से मुँह हटा कर कहा- “आपी, मैं छूटने वाला हूँ”

आपी ने एक लम्हें के लिए मुँह से मेरा लण्ड निकाला और तेज साँसों के साथ कंपकंपाती आवाज़ में बोलीं- “मैं…  मैं … भी…”

उन्होंने फ़ौरन ही दोबारा मेरा लण्ड मुँह में ले लिया। मैंने भी फ़ौरन आपी की चूत के दाने को अपने मुँह में लिया और अगले ही लम्हें आपी का जिस्म भी अकड़ गया और आपी के जिस्म को झटके लगने लगे। मेरी उंगलियाँ आपी की चूत के अन्दर ही थीं, आपी की चूत की अंदरूनी दीवारें मेरी उंगलियों को भींचती थीं और फिर चूत लूज़ हो जाती और अगले ही लम्हे फिर भींच लेती।

काफ़ी देर तक आपी के जिस्म को झटके लगते रहे और उनकी चूत इसी तरह मेरी उंगलियों को भींच-भींच के छोड़ती रही। उसी वक़्त मुझे ज़िंदगी में पहली बार यह पता चला कि लड़की डिस्चार्ज होती है तो उसकी चूत इस तरह सिकुड़ती है और लूज होती है।

आपी के डिस्चार्ज होते ही मैंने अपनी उंगलियाँ चूत से निकालीं और अपना मुँह आपी की चूत से लगा कर चूत के अन्दर से सारा रस अपने मुँह में खींचने लगा। उसी वक़्त मेरा जिस्म भी अकड़ा और फिर मेरा लण्ड आपी के मुँह के अन्दर ही अपना लावा बहाने लगा और मेरी आँखें बंद हो गईं।

हम दोनों ही डिस्चार्ज हो चुके थे आपी मेरे ऊपर से उठ कर मेरी राईट साइड पर लेटीं और अपनी राईट टांग उठा कर मेरी टाँगों पर रख कर मेरे सीने पर हाथ मारा।

उनके मुँह से आवाज आई- “ओंन्नाममम ओन्न्णुणन्…”

मैंने आँखें खोल कर आपी को देखा तो उन्होंने अपने होंठों को मज़बूती से बंद कर रखा था और होंठों के साइड से मेरे लण्ड का जूस बह रहा था। मेरे मुँह में भी आपी की चूत से निकला हुआ आबे-ज़न्नत मौजूद था।

आपी ने मेरे गाल पर हाथ रख कर मेरे चेहरे को अपनी तरफ किया और मेरे होंठों से अपने होंठ चिपका दिए और हम दोनों ही एक-दूसरे की जवानी के जूस से लिपटे होंठों के साथ किस करने लगे।

काफ़ी देर एक-दूसरे के होंठ चूसने और ज़ुबान लड़ाने के बाद हम अलग हुए तो एक-दूसरे के मुँह को देख कर दोनों ही हँस पड़े।

फिर आपी ने बिस्तर पर ही पड़ी मेरी ही शर्ट को उठाया और अपना मुँह साफ करने के बाद मेरा मुँह साफ करते हुए बोलीं- “गंदे… मुझे भी अपनी तरह गंदा बना ही दिया ना तुमने”

मैंने निढाल सी आवाज़ में शरारत से कहा- “आपी गंदी तो आप थीं ही क्योंकि हो तो मेरी ही बहन ना बस ये गंदगी कहीं अन्दर छुपी हुई थी जो अब बाहर आ रही है”

आपी मेरी बात सुन कर हँसी और उठ कर अपने कपड़े पहनने लगीं, अपने कपड़े पहन कर आपी मेरे पास आईं और मुझे ट्राउज़र पहना कर मेरे माथे को चूमा और मुहब्बत से चूर लहजे में बोलीं- “मेरी जान हो तुम, मुझसे नाराज़ मत हुआ करो”

मैंने जवाब में आपी को मुहब्बतपाश नजरों से देखा और सिर्फ़ मुस्कुरा कर रह गया और आपी उठ कर बाहर चली गईं।

TO BE CONTINUED .....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 05-02-2024, 06:40 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 11-02-2024, 08:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 03:03 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 10:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 17-02-2024, 07:45 PM
RE: जिस्म की भूख - by sananda - 17-02-2024, 09:34 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 09:16 AM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 04:29 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 25-02-2024, 05:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 27-02-2024, 10:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 02-03-2024, 11:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 05-03-2024, 12:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-03-2024, 02:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 07:43 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 05:30 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 14-03-2024, 02:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 18-03-2024, 09:07 AM
RE: जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 19-03-2024, 11:35 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 19-03-2024, 06:24 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 28-03-2024, 02:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 28-03-2024, 10:16 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 30-03-2024, 02:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 02-04-2024, 10:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-04-2024, 05:17 PM
RE: जिस्म की भूख - by Chandan - 11-04-2024, 09:41 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 11:34 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 02:06 PM



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