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Adultery जिस्म की भूख
#90
कुछ देर आपी हमें देखती रहीं और फिर उठ कर मेरे पीछे आ कर चिपक गईं। आपी के सख़्त निप्पल मेरी पीठ पर टच हुए तो मज़े की एक नई लहर मेरे जिस्म में फैल गई। आपी ने अपने सीने के उभारों को मेरी कमर से दबाया और अपने निप्पल्स को मेरी कमर पर ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर रगड़ने लगीं।

आपी के निप्पल्स मेरी कमर पर रगड़ खा कर मेरे अन्दर बिजली सी भर रहे थे और एक बहुत हसीन अहसास था, नर्मी का और शहवात का। मैंने मज़े के असर में अपने सिर को एक साइड पर ढलका दिया और आँखें बंद करके अपनी बहन के निप्पल्स का लांस महसूस करने लगा।

आपी ने अपने उभारों को मेरी कमर पर रगड़ना बंद किया और ज़रा ताक़त से मेरी कमर से दबा कर अपने दोनों हाथ मेरे कंधों पर रखे और मेरे बाजुओं पर हाथ फेरते हुए मेरे हाथों पर आ कर मेरे हाथों को अपने हाथों से दबाया और अपने दोनों हाथ मेरे पेट पर रख कर मसाज करने लगीं। पेट पर हाथ फेरने के बाद आपी अपने हाथ नीचे ले गईं और मेरे बॉल्स को अपने हाथों में लेकर सहलाने लगीं।

फरहान मेरा लण्ड चूस रहा था और आपी मेरे बॉल्स को अपने हाथों से सहलाते हुए अपनी सख़्त निप्पल मेरी कमर पर चुभा रही थीं। अचानक आपी ने मेरी गर्दन पर अपने होंठ रखे और गर्दन को चूमते और चाटते हो मेरे कान की लौ को अपने मुँह में ले लिया और कुछ देर कान को चूसने के बाद आपी ने सरगोशी और मज़े से डूबी आवाज़ में कहा- “कैसा लग रहा है मेरे प्यारे भाई को?? मज़ा आ रहा है ना?”

मैंने अपनी पोजीशन चेंज नहीं की और नशे में डूबी आवाज़ में ही जवाब दिया- “बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है आपी, बहुत ज्यादा!”

आपी ने मेरे चेहरे को अपने हाथ से पकड़ कर पीछे की तरफ किया और मेरे होंठों को चूसने लगीं। आपी ने मेरे मुँह से मेरी ज़ुबान को अपने मुँह में खींचा ही था कि मेरे जिस्म को भी झटका लगा और मेरे लण्ड का पानी फरहान के मुँह में स्प्रे करने लगा।

कुछ देर बाद मैंने अपनी आँखें खोलीं तो आपी मेरी आँखों में ही देख रही थीं और मेरी ज़ुबान को चूस रही थीं। मैंने नज़र नीचे करके फरहान को देखा तो फरहान बस आखिरी बार मेरे लण्ड को चाट कर पीछे हट ही रहा था। मैंने अपने हाथ से फरहान को रोका और उसके होंठों के साइड से बहते अपनी लण्ड के जूस को अपनी उंगली पर उठा लिया।

आपी मेरी पीठ पर थीं जिसकी वजह से उन्होंने भी यह देख लिया था कि मैंने अपनी उंगली पर अपने लण्ड का जूस उठाया है।

मैंने अपनी उंगली आपी के मुँह के क़रीब करते हुए शरारती अंदाज़ में कहा- “आपी एक बार चख कर तो देखो, मज़ा ना आए तो कहना”

आपी जल्दी से पीछे हटते हुए बोलीं- “नहीं भाई, मुझे माफ़ ही रखो, मैंने नहीं चखनी”

यह कह कर आपी पीछे हटते हुए बाथरूम में चली गईं और मैं और फरहान भी अपने जिस्म को साफ करने लगे। कुछ देर बाद आपी बाथरूम से बाहर आईं तो फ़ौरन ही फरहान बाथरूम में घुस गया। मैं बिस्तर पर ही लेटा था। आपी ज़मीन से अपने कपड़े उठा कर पहनने लगीं।

अपने कपड़े पहन कर आपी ने मेरा ट्राउज़र और शर्ट उठा कर मेरे पास बिस्तर पर रख दिया और फरहान की शर्ट और ट्राउज़र ले जाकर अल्मारी के साथ रखे हैंगर पर टांग दिए और बाथरूम के दरवाज़े के पास जा कर बोलीं- “फरहान मैंने तुम्हारे कपड़े स्टैंड पर टांग दिए हैं। वही निकाल कर पहन लेना और दूध टेबल पर रखा है वो लाज़मी पी लेना”

फिर आपी ने जग से दूध का गिलास भरा और मेरे पास आकर मेरे होंठों को चूमा और मेरे सिर पर हाथ फेर कर बोलीं- “उठो मेरी जान, शाबाश दूध पियो और फिर कपड़े पहन कर सही तरह लेटो, शाबाश उठो”

मुझे अपने हाथ से दूध पिलाने के बाद आपी ने एक बार फिर मेरे होंठों को चूमा और खड़ी हो गईं।

“फरहान निकले तो उसे भी लाज़मी दूध पिला देना अच्छा, याद से भूलना नहीं ओके, मैं अब चलती हूँ। तुम भी सो जाओ” -यह कह कर आपी कमरे से बाहर निकल गईं।

आजकल कुछ ऐसी रुटीन बन गई थी कि रात को सोते वक़्त मेरे जेहन में आपी के खूबसूरत जिस्म का ही ख़याल होता, साँसों में आपी की ही खुश्बू बसी होती थी और सुबह उठते ही पहली सोच भी आपी ही होती थीं।

मैं सुबह उठा तो हमेशा की तरह फरहान मुझसे पहले ही बाथरूम में था और मैं अपने स्पेशल नाश्ते के लिए नीचे चल दिया। मैंने नीचे पहुँच कर देखा तो अम्मी अब्बू का दरवाजा अभी भी बंद ही था लेकिन आपी के कमरे का दरवाज़ा थोड़ा सा खुला था। मैंने अपने क़दम आपी के कमरे की तरफ बढ़ाए ही थे कि उन्होंने अन्दर से ही मुझे देख लिया।

मैंने आपी के सीने के उभारों की तरफ इशारा करते हुए उनको आँख मारी और मुँह ऐसे चलाया जैसे दूध पीने को कह रहा हूँ। आपी ने गुस्से से मुझे देखा और आँखों के इशारे से कहा कि हनी यहीं है।

मैंने अपने हाथ के इशारे से कहा- “कोई बात नहीं”

मैंने उनके कमरे की तरफ क़दम बढ़ा दिए। आपी ने एक बार गर्दन पीछे घुमा कर हनी को देखा और फिर मुझे गुस्से से आँखें दिखाते हुए वहीं रुकने का इशारा किया। मैंने आपी के इशारे को कोई अहमियत नहीं दी और आगे बढ़ना जारी रखा। आपी ने एक बार फिर मुझे देखा और फ़ौरन कमरे का दरवाज़ा बंद कर दिया।

मैं कुछ सेकेंड वहीं रुका और फिर सिर को झटकते हुए मुस्कुरा कर वापस अपने कमरे की तरफ चल दिया।

जब मैं नहा कर तैयार हो कर नाश्ते के लिए पहुँचा तो सब मुझसे पहले ही टेबल पर बैठे थे। मैंने सलाम करने के बाद अपनी सीट संभाली ही थी कि आपी ने आखिरी प्लेट टेबल पर रखी और मेरे लेफ्ट साइड पर साथ वाली सीट पर ही बैठ गईं।

सदर सीट पर अब्बू बैठे जो अब्बू के लिए मख़सूस थी। वे एक हाथ में अख़बार पकड़े चाय के आखिरी आखिरी घूँट पी रहे थे। हमारे सामने टेबल की दूसरी तरफ अम्मी, फरहान और हनी बैठे थे और अम्मी रोज़ के तरह उनको नसीहतें करते-करते नाश्ता भी करती जा रही थीं।

मैंने सबको एक नज़र देख कर आपी को देखा तो वो परांठे का लुक़मा बना रही थीं। आपी ने लुक़मा बनाया और अपने मुँह की तरफ हाथ ले जा ही रही थीं कि मैंने आहिस्तगी से अपना हाथ उठाया और आपी की रान पर रख दिया।

मेरे हाथ रखते ही आपी को एक झटका सा लगा। एकदम ही खौफ से उनका चेहरा लाल हो गया, आपी का लुक़मा मुँह के क़रीब ही रुक गया और मुँह खुला ही रखे आपी ने नज़र उठा कर अब्बू को देखा वो अपनी नजर अख़बार में ही डुबाए हुए थे। फिर आपी ने अम्मी लोगों को देखते हुए अपना हाथ नीचे करके मेरे हाथ को पकड़ा और अपनी रान से हटा दिया।

आपी की हालत मेरे पहले हमले की वजह से ही अभी नहीं संभली थी कि मैंने चंद लम्हों बाद ही फिर अपना हाथ आपी के रान पर रखा और इस बार रान के अंदरूनी हिस्से को अपने पंजे में जकड़ लिया।

TO BE CONTINUED ....
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 05-02-2024, 06:40 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 11-02-2024, 08:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 03:03 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 10:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 17-02-2024, 07:45 PM
RE: जिस्म की भूख - by sananda - 17-02-2024, 09:34 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 09:16 AM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 04:29 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 25-02-2024, 05:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 27-02-2024, 10:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 02-03-2024, 11:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 05-03-2024, 12:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 09-03-2024, 03:18 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-03-2024, 02:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 07:43 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 05:30 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 14-03-2024, 02:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 18-03-2024, 09:07 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 19-03-2024, 06:24 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 28-03-2024, 02:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 28-03-2024, 10:16 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 30-03-2024, 02:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 02-04-2024, 10:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-04-2024, 05:17 PM
RE: जिस्म की भूख - by Chandan - 11-04-2024, 09:41 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 11:34 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 02:06 PM



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