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Adultery घर की बात सेक्स कहानियाँ
#11
उसकी गुलाबी चूत पूरी भीगी हुई थी.
मैंने बिना देर किए अपना लंड उसकी चूत के छेद पर लगाया और एक ज़ोर का झटका दे मारा.

उसकी चूत शायद कभी चोदी नहीं गयी थी क्योंकि झटके के बाद भी मेरा लंड थोड़ा सा ही उसकी चूत में घुस पाया और वह चिल्लाने लगी.
उसकी आंखों में पानी भर आया.

मैंने थोड़ी देर इंतज़ार किया और फिर से एक झटका मारा. मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ते हुए सीधा अन्दर प्रवेश कर गया और उसकी चीख निकल गयी.
मैं डर गया कि कहीं कोई सुन ना ले इसलिए मैं तुरंत उसके होंठों को चूमने लगा और उसके दर्द के कम होने का इंतज़ार करने लगा. 
जैसे ही उसका दर्द कम हुआ, मैंने धीरे धीरे अपना लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
कुछ देर में उसे भी मज़ा आने लगा.
वह भी अपने दोनों पैरों को मेरी कमर पर लपेट कर मज़े लेने लगी- उफ़्फ़ आहह हम्म्म शीई ओह आह और तेज … और तेज यस ऐसे ही चोदो … आह फाड़ दो मेरी चूत आज … आह!

उसकी कामुक आवाज़ें निकलने लगीं.
बहन की गर्म आवाजें मुझे और भी परवान चढ़ा रही थीं. मैंने भी उसे हचक कर चोदना शुरू कर दिया. 

वह और तेज चिल्लाने लगी- फ़क मी … और तेज आज भोसड़ा बना दे मेरी चूत का … आह!
वह उस वक्त बिल्कुल चुदी चुदायी लड़की के जैसी चुद रही थी, लग रहा था कि बहुत लंड ले चुकी हो.
क़रीब 30 मिनट की जबरदस्त चुदायी के बाद मैंने अपना माल उसकी चूत के अन्दर ही छोड़ दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: घर की बात सेक्स कहानियाँ - by neerathemall - 05-03-2024, 02:01 PM



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