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Adultery घर की बात सेक्स कहानियाँ
#10
इस बात पर मैंने उसे भाई बहन की सेक्स कहानी खोल कर पढ़ने के लिए बोला.
वह पढ़ने के बाद बोली- भाई क्या ये सब सच में होता है?
मैंने कहा- और नहीं तो क्या!

फिर मैं धीरे से उसके बूब्स दबाने लगा और उससे कहने लगा- देखो रिया अब तुम बड़ी हो गयी हो. तुम्हें हर चीज की जानकारी होनी चाहिए इसलिए मैं तुम्हें सब कुछ सिखाऊंगा.
इस बात पर वह कुछ नहीं बोली और उसने धीरे से सिर हिला दिया.

अब मैंने बिना टाइम जाया किए उसके मुलायम होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे किस करने लगा.
थोड़ी देर में वह भी मेरा साथ देने लगी.

फिर धीरे से मैंने अपने दोनों हाथों से उसके टॉप को उतार दिया.
उसने काली रंग की ब्रा पहनी हुई थी, जो उसके गोरे मम्मों को आधा ही ढक पा रही थी.
उस काली ब्रा से बाहर झांकते हुए आधे दूध बड़े ही क़यामत ढा रहे थे.
मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध दबाने लगा, तो वह भी सिसकारियां लेने लगी.

‘उफ़्फ़ आह आह उफ़्फ …’ करने के साथ ही वह अपने होंठों को भी काट रही थी.
मैं अपने हाथों को और नीचे ले गया और धीरे से उसके शॉर्ट्स को खोलने लगा.

जल्दी ही मैंने उसके शॉर्ट्स को उतार दिया.
शॉर्ट्स के अन्दर उसने काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी.
हल्की रोशनी में गोरे बदन पर काली रंग की ब्रा और पैंटी उफ़्फ़्फ … मेरी बहन क्या माल लग रही थी.
उसे ऐसे देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं उस पर टूट पड़ा.

मैंने उसके होंठों को चूमने से शुरूआत की.
वह भी मेरा जम कर साथ दे रही थी. 

कभी उसकी जीभ मेरे मुँह में तो कभी मेरी जीभ उसके मुँह में.
फिर मैं उसकी गर्दन पर किस करते हुए उसको मम्मों को चूसने और काटने लगा. 

वह आहें भरने लगी- उफ़्फ़ ओह्ह आह.
मैंने अपने थूक से उसके दोनों मम्मों की … और पूरे पेट की मसाज सी कर दी.
थूक की मसाज के बाद उसका बदन पूरा चमक रहा था.

इसके बाद मैं अपनी दोनों उंगलियां पैंटी के बग़ल से ही उसकी चूत में घुसाने लगा.
उसने झट से अपने पैरों को सिकोड़ लिया.

फिर मैं अपने सिर को नीचे ले जाकर उसके दोनों टांगों के बीच ले गया
उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी.
लग रहा था कि वह भी लंड के लिए तड़प रही थी.

मैंने अपनी जीभ को धीरे से उसकी चूत में लगाया और चाटने लगा.
उसकी चूत में जीभ लगाते ही जैसे उसकी जान ही निकल गयी हो … उसकी सिसकारियों से पूरा कमरा गूंज उठा ‘उफ्फ आह उम्म शीईई आराम से भैया.’
वह मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी.

थोड़ी ही देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं तुरंत उसका पूरा रस पी गया.
शायद ही मैंने उतना स्वादिष्ट रसपान पहले कभी किया था. 

वह भी ढीली पड़ गयी.
उसकी गुलाबी चूत के होंठ उफ … क्या क़यामत लग रहे थे.

फिर मैंने अपनी चड्डी उतार दी और अपना सात इंच लम्बा लंड उसके हाथ में थमा दिया.
लंड में हाथ लगाते ही वह आंखें फाड़ कर बड़ी सोच के साथ उसे घूरे जा रही थी. 

मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
वह बोली- भाई इतना बड़ा … मुझे डर लग रहा है!

मैंने उससे कहा- अरे कुछ नहीं होगा, तुम पहले इसे चूसो.
पहले तो वह मना करती रही, पर बाद में काफ़ी कहने पर मान गयी.

जैसे ही उसने अपने जीभ से लंड को छुआ आह … मेरा लंड तो फटने को हो रहा था.
उसने मेरे लंड को पूरे मज़े के साथ मुँह में लेना शुरू कर दिया. 

बीच बीच में मैं उसका सर पकड़ कर पूरा अन्दर तक लंड डाल देता, जिससे उसकी सांस रुक जाती और वह छटपटाने लगती.
दस मिनट की मुँह चुदाई के बाद वह मुझसे बोली- भाई मेरी चूत में खुजली हो रही है, जल्दी से अब कुछ करो.
मैंने भी बिना देर किए उसे बेड पर लिटा दिया और उसकी गोरी गांड के पीछे एक तकिया सैट कर दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: घर की बात सेक्स कहानियाँ - by neerathemall - 05-03-2024, 02:00 PM



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