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Adultery जिस्म की भूख
#45
अब मैं सोचने लगा कि हमारी बहन का ये स्टाइल भी बहुत खूब है जो वो अक्सर जाते-जाते पलट कर हमें मुतमइन कर जाती हैं।
आज रात फिर आपी हमारे कमरे में आईं और अपनी क़मीज़ उतार कर सोफे पर बैठ गईं। फरहान और मैंने आपी को देखते-देखते ही उनके सामने एक-दूसरे को चोदा और अब रोज ही ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहा। तक़रीबन एक हफ्ते तक यही करते रहने के बाद एक रात जब चुदाई करते हुए फरहान और मैं डिसचार्ज हुए तो आपी भी तब तक दो बार अपना पानी छोड़ चुकी थीं।
हम तीनों अपनी-अपनी ड्रेस पहन रहे थे कि आपी ने अपनी क़मीज़ पहनते-पहनते कहा- “यार आज कुछ मज़ा नहीं आया है, कुछ और दिखाओ मुझे, कुछ नया दिखाओ, ये डेली तुम लोगों को एक ही काम करते देख-देख कर अब बोर हो गई हूँ। अब कुछ चेंज लाओ”

फरहान ने कहा- “किस किस्म का चेंज लाएं आपी?”

आपी ने कहा- “ये मुझे नहीं पता लेकिन बस कुछ मज़ेदार सा हो”

मैंने आपी को देखते हुए कहा- “आपी जान हम तो जो कर सकते थे सब कर ही लिया है। हमारे पास तो कुछ नया है नहीं यदि कुछ चेंज ही चाहती हो तो आप ही हमें कुछ नया दिखा दो”

आपी मुस्कुराईं और चादर को अपने जिस्म से लपेटते हुए कहा- “सगीर तुम से तो मैं इतनी अच्छी तरह वाक़िफ़ हूँ कि तुम्हारी शक्ल देख कर ही मुझे पता चल जाता है कि तुम क्या चाह रहे हो। कमीनों! मैं अच्छी तरह से समझती हूँ कि तुम क्या सोच रहे हो लेकिन याद रखना जो तुम सोच रहे ही न वो कभी नहीं हो सकता और इसके बारे में सोचना भी मत। पहले ही कभी-कभी मैं बहुत गिल्टी फील करती हूँ कि ये सब कर रही हूँ!”

आपी का दुखी होता चेहरा देख कर मैंने फ़ौरन कहा- “अच्छा आपी अब रोना-वोना मत शुरू हो जाना। हम देख नहीं सकते लेकिन रात को सोने से पहले सोच तो लेते हैं ना अब अगर मूड ऑफ हो गया तो सोच भी नहीं सकेंगे”

“सगीर तुम सचमुच बहुत ही बड़े वाले कमीने हो!” -आपी ने हँसते हुए कहा और हमें ‘शब्बा खैर’ कहती हुई कमरे से बाहर चली गईं।

अगले ही दिन मैं अपने दोस्त मोईन के पास गया और उससे कहा- “यार मोईन हम अपने रुटीन सेक्स से उकता गए हैं। तुम कुछ और ऐसा बताओ जो ज़रा एग्ज़ाइटेड सा हो”

मैंने अभी तक मोईन को ये नहीं बताया था कि मेरा सेक्स पार्ट्नर मेरा अपना ही सगा भाई है।

मोईन बोला- “यार तुम लोग थ्री-सम ट्राई करो, इसमें तुम्हें बहुत मज़ा आएगा। मैं कामरान से बात कर लेता हूँ वो वैसे भी मुझसे बहुत बार तुम्हारे बारे में पूछ चुका है”

मैंने कहा- “नहीं यार, मेरा दोस्त इस मामले में बहुत केयरफुल है। वो किसी तीसरे बंदे को कभी क़बूल नहीं करेगा”

मेरी बात सुन कर मोईन कुछ सोचने लगा और कुछ देर बाद बोला- “यार सगीर, तुम शाम में मेरे पास चक्कर लगाना। मैं तुम्हारे मसले का कुछ हल निकालता हूँ”

मोईन के बुलाने के मुताबिक़ मैं शाम में जब मोईन के घर गया वो घर से निकला तो उसके चेहरे पर अजीब सी शैतानी मुस्कुराहट थी। मोईन ने मुझे एक शॉपिंग बैग दिया और मेरे चेहरे पर नज़र जमाए हुए बोला- “तेरी सोच से ज्यादा मज़ेदार चीज़ दे रहा हूँ तुझे जा मजे कर”

मैंने शॉपिंग बैग को खोला तो मुझे हैरत का शदीद झटका लगा। शॉपिंग बैग में एक डिल्डो (प्लास्टिक का लण्ड) रखा हुआ था। मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं और बेसाख्ता मेरे मुँह से निकला- “ओ बहनचोद! ये तुझे कहाँ से मिल गया”

मोईन ने मेरी हालत से लुत्फ़अंदोज़ होते हुए कहा- “तू आम खा गुठलियाँ गिनने के चक्कर में क्यों पड़ता है”

मैंने मिन्नतें करते हुए कहा- “बता ना यार प्लीज़, हो सकता है वहाँ से और भी मज़ेदार चीजें मिल जाएँ?”

मोईन बोला- “तेरा दिमाग खराब है, तू क्या समझ रहा है कि यहाँ कोई ऐसी सेक्सशॉप है जहाँ ऐसी चीजें मिलती होंगी”

मैंने कहा- “तो फिर ये कहाँ से लिया तुमने?”

मोईन ने जवाब दिया- “मेरी जान जितना टाइम मुझे हो गया है इन चक्करों में, इतना टाइम तुझे हो जाएगा तो रास्ते खुद ही नज़र आने लगेंगे। तू मेरे कज़िन सलीम को तो जानता ही है ना, मेरा उससे भी ऐसा रिश्ता है। वो 2 महीने पहले इटली गया था तो मैंने उससे कहा था कि वहाँ से ये चीजें ले आए। मैंने उससे सेक्स डॉल का भी कहा था लेकिन ऐसी चीजें लाना इतना आसान नहीं है। वो मुश्किल से 3-4 डिल्डो ही ला सका है बस”

मैंने बहुत जज़्बाती लहजे में पूछा- “तो बाक़ी और कहाँ हैं?”

मोईन बोला- “वो सोलो एक्शन के लिए हैं तुम लोगों को इसकी जरूरत है, ये तुम लोगों को ज्यादा मज़ा देगा”

मोईन ने जो डिल्डो मुझे दिया था तकरीबन 17 इंच लंबा था। सेंटर में एक इंच की बेस थी और दोनों साइड्स तकरीबन 8-8 इंच लंबी थीं। जिनके सिरे बिल्कुल लण्ड की टोपी से मुशबाह थे और मोटाई एक नॉर्मल लण्ड जितनी ही थी।
मैंने उससे अपने बैग में रखा तो मोईन ने मुझे कुछ सीडीज़ भी दीं और मज़े लेते हुए कहा- “जब इससे दिल भर जाए तो आकर मुझसे दूसरे ले जाना। वो इससे ज़रा मोटे भी हैं और लंबे भी”

मैं वो लेकर घर आया और फरहान को दिखाया। वो भी इससे देख कर बहुत हैरान हुआ और बहुत खुश भी हुआ। हम दोनों ही ने कितनी मूवीज में ये देखा ही था और दोनों जानते थे कि इसको कैसे इस्तेमाल किया जाता है। मैंने उसे अपनी अल्मारी में लॉक किया और हम दोनों ही बहुत बेताबी से रात होने का इन्तजार करने लगे। रात को डेली रुटीन की तरह आपी हमारे कमरे में आईं और अपनी बड़ी सी चादर, स्कार्फ और क़मीज़ उतार कर सोफे के साथ रखी टेबल पर रखीं और सोफे पर बैठ गईं। मैं और फरहान दोनों ही आपी के सामने खड़े उनके चेहरे पर नज़र जमाए मुस्कुराए जा रहे थे।

आपी ने हैरानी से हमें देखा और बोलीं- “क्या बात है, तुम दोनों यहाँ खड़े हो के क्यूँ दाँत निकाल रहे हो?”

मेरे कुछ कहने से पहले ही फरहान बोल पड़ा- “आपी आज हमारे पास आपके लिए एक सरर्प्राइज़ है”

फरहान की बात खत्म होने पर मैंने कहा- “आपी आप चाहती थीं ना कुछ अलग सा हो जो हमारे खेल में कुछ एग्ज़ाइट्मेंट पैदा करे”

“हाँ तो..?” - आपी ने कुछ ना समझ आने वाले अंदाज़ में कहा।

मैं अपनी अल्मारी की तरफ गया और वहाँ से शॉपिंग बैग से डिल्डो निकाला और आपी को दिखाते हुए कहा- “तो ये है कुछ अलग सा”

जैसे ही आपी की नज़र डिल्डो पर पड़ी उनका मुँह खुला का खुला रह गया। उनके मुँह से कोई आवाज़ नहीं निकल रही थी। बस उनकी नजरें उस डार्क ब्राउन 17 इंच लंबे टू साइडेड डिल्डो पर ही चिपक कर रह गई थीं। आपी भी अच्छी तरह से जानती थीं कि ये क्या चीज़ है क्योंकि हमारी तकरीबन सब ही मूवीज उन्होंने भी देखी ही हुई थीं। चंद लम्हें इसी तरह आपी डिल्डो को देखती रहीं और हम आपी के खूबसूरत चेहरे के बदलते रंग देखते रहे फिर आपी ने फंसी-फंसी आवाज़ में कहा- “ये.. ये.. कहाँ से ले लिया तुमने सगीर..??” -आपी ने पूछा मुझसे था लेकिन नज़र डिल्डो से नहीं हटाई।

मैंने मुस्कुराते हुए हाथ सीने पर रखा और आदाब बजा लाने वाले अंदाज़ में थोड़ा सा झुक कर कहा- “मैं अपनी इतनी प्यारी और हसीन बहन के लिए आसमान से तारे भी तोड़ लाऊँ तो ये तो बहुत हक़ीर सी चीज़ है”

“नहीं, सीरियसली प्लीज़, मैं नहीं समझती कि इस किस्म की कोई चीज़ हमारे मुल्क में कहीं से मिलती होगी” -आपी ने बहुत संजीदा लहजे में पूछा।

“मेरी सोहनी सी बहना जी हमारा मुल्क अब बहुत अड्वान्स हो गया है। आप तसब्बुर भी नहीं कर सकतीं कि यहाँ क्या-क्या हो रहा है। इन बातों को छोड़ो और ये देखो”

मैंने ये बोल कर आहिस्तगी से डिल्डो आपी की तरफ उछाल दिया जो सीधा आपी की गोद में उनकी टाँगों के दरमियान जाकर गिरा। आपी कुछ देर तक नज़र झुका कर डिल्डो को अपनी टाँगों के दरमियान पड़ा देखती रहीं और उन्होंने बेइख्त्यारी से अपनी टाँगों को थोड़ा सा खोल दिया। शायद आपी उस डिल्डो के टच को अपनी टाँगों के बीच वाली जगह पर महसूस करना चाहती थीं।
आपी ने खोए-खोए अंदाज़ में आहिस्ता से अपना हाथ डिल्डो की तरफ बढ़ाया और अपने लेफ्ट हैण्ड की मुट्ठी में उसे थाम लिया और उठा कर अपना राईट हैण्ड की नर्मी से डिल्डो की पूरी लंबाई पर ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर फेरने लगीं।
अच्छी तरह से पूरे डिल्डो को महसूस कर लेने के बाद आपी ने बायें हाथ से डिल्डो को सेंटर से पकड़ा और दायें हाथ से डिल्डो को इस अंदाज़ में थामा जैसे हम मुठ मारते हुए लण्ड को पकड़ते हैं। उन्होंने नज़र उठा कर हमारी तरफ देखा और मुस्कुराते हुए डिल्डो पर हाथ ऊपर नीचे करते हुए बोलीं- “तो ये तरीक़ा है तुम लोगों के मज़े लेने का। तुम लोग ऐसे ही हस्तमैथुन करते हो ना??”

“जी ये ही तरीक़ा है लेकिन अगर आप चाहो तो डिल्डो को छोड़ो प्रैक्टिकल के लिए असली चीज़ हाज़िर है” -मैंने अपने लण्ड की तरफ इशारा करते हुए कहा।

TO BE CONTINUED …..
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 05-02-2024, 06:40 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 11-02-2024, 08:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 03:03 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 10:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 17-02-2024, 07:45 PM
RE: जिस्म की भूख - by sananda - 17-02-2024, 09:34 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 09:16 AM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 04:29 PM
RE: जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 23-02-2024, 12:04 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 25-02-2024, 05:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 27-02-2024, 10:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 02-03-2024, 11:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 05-03-2024, 12:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-03-2024, 02:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 07:43 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 05:30 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 14-03-2024, 02:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 18-03-2024, 09:07 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 19-03-2024, 06:24 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 28-03-2024, 02:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 28-03-2024, 10:16 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 30-03-2024, 02:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 02-04-2024, 10:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-04-2024, 05:17 PM
RE: जिस्म की भूख - by Chandan - 11-04-2024, 09:41 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 11:34 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 02:06 PM



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