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Adultery जिस्म की भूख
#42
Heart 
उनके गुलाबी मम्मों पर हरी नीली रगों का जाल था और एक-एक रग साफ देखी और गिनी जा सकती थी। मुकम्मल गोलाई लिए हुए आपी के मम्मे ऐसे लग रहे थे जैसे 2 प्याले उल्टे रखे हों, इतनी मुकम्मल शेप मैंने आज तक किसी फिल्म में भी नहीं देखी थी। थोड़े बहुत तो लटक ही जाते हैं हर किसी के लेकिन आपी के मम्मे बिल्कुल खड़े थे, कहीं से भी ढलके हुए नज़र नहीं आते थे।
सच कह रहा हूँ अभी भी ये सब याद करके ही मेरी इतनी बुरी हालत हो गई है कि मुझसे अब मज़ीद नहीं लिखा जा रहा। मेरी कैफियत का अंदाज़ा सिर्फ़ वो ही लोग लगा सकते हैं कि जिन्होंने अपनी सग़ी बहन के मम्मे अपनी नज़र के सामने नंगे देखे हों या फिर वो समझ सकते हैं जिन्होंने अपनी सग़ी बहन के मम्मों को तन्हाई और इत्मीनान से सोचा हो।
आपी के गुलाबी मम्मों पर गहरे गुलाबी रंग के छोटे-छोटे सर्कल थे और उन सर्कल के बीच में भूरे गुलाबी रंग के छोटे-छोटे निप्पल अपनी बहार फैला रहे थे। आपी के निप्पल को अपनी नजरों की गिरफ्त में लिए-लिए ही मैं बेसाख्ता तौर पर खड़ा हो गया, अभी मैंने शायद एक क़दम उनकी तरफ बढ़ाया ही था कि आपी की आवाज़ आई- “सगीर! वहीं रुक जाओ, आगे मत बढ़ो, मैंने कहा था कि तुम लोग सिर्फ़ देखोगे, छुओगे नहीं..” -आपी ने वॉर्निंग देने के अंदाज़ में कहा।

मैंने खोए-खोए अंदाज़ में बहुत नर्म लहजे में पलक झपकाए बगैर उनके निप्पल को देखते हुए कहा- “नहीं आपी मैं छूना नहीं चाहता, बस इन्हें क़रीब से देखना चाहता हूँ”

आपी के निप्पलों पर बहुत सी दरारें थीं जो क़रीब से देखने पर महसूस होती थीं, निप्पल के टॉप पर बिल्कुल सेंटर में एक गड्डा सा था और ऐसा लग रहा था कि जैसे इस गड्डे से ही दरारें निकल रही हों और उनके निप्पल की दीवारों से होती हुई नीचे फैल कर ज़मीन पर दायरा बना रही हों।
मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं हवा मैं उड़ते-उड़ते एक जगह हवा में ही रुक गया हूँ और नीचे देख रहा हूँ कि एक बहुत बड़ा पहाड़ है, आतिश फिशन पहाड़ और वो फट कर रुक चुका है और उसके बीच में बहुत सा लाल भूरा लावा जमा हो चुका है और चारों तरफ से लकीर की शकल में बह कर नीचे जाते हुए जड़ में ज़मीन पर एक सर्कल की सूरत में जमा हो गया हो।
मुझे बाद में आपी ने बताया था कि तुमने यह जुमला इतना ठहर-ठहर के और खोए हुए कहा था कि फरहान और मैं दोनों ही तुम्हें हैरत से देखने लगे थे। तुम उस वक्त किसी और ही दुनिया में थे, इस हाल में थे कि तुम्हें कुछ पता नहीं था, आस-पास का, और तुम बस मेरे दूधों को ही देखे जा रहे थे और मेरे इतने क़रीब आ गए थे कि तुम्हारी साँसें मैं अपने निप्पल पर और अपने मम्मों पर महसूस कर रही थी। तुम्हारी साँसों की गर्मी ने मुझ पर ऐसा जादू सा कर दिया था कि अगर तुम उस वक़्त इन्हें अपने मुँह में भी ले लेते तो शायद मैं तुम्हें मना नहीं करती।

मैं आपी के निप्पलों को क़रीब से देख ही रहा था कि फरहान ने मुझे कन्धे से पकड़ कर झंझोड़ा और कहा- “भाई होश में आओ, क्या हो गया है आपको?” 
शायद वो परेशान हो गया था कि कहीं मैं जेहनी तवज्जो ही ना खो बैठूं।
मुझे ऐसा लगा जैसे मैं पता नहीं कहाँ आ गया हूँ और फिर जैसे मुझे होश आ गया लेकिन मैं अभी भी खोया-खोया सा था। 
फरहान ने सुकून की सांस ली और वो भी क़रीब से आपी के मम्मों को देखता हुआ बोला- “आपी ये दुनिया के हसीन-तरीन मम्मे हैं, हमने जितनी भी मूवीज देखी हैं, उनमें कभी इतने खूबसूरत मम्मे नहीं देखे, आप बहुत गॉर्जियस और हॉट हो”

आपी ने ये जुमले सुने तो शर्म से सुर्ख हो गईं और सोफे पर बैठते हुए हम दोनों के पूरे खड़े लण्ड की तरफ इशारा करते हो बोलीं- “चलो अब दोनों बिस्तर पर जाओ और इन दोनों पर रहम करो”

हम दोनों आपी के खूबसूरत खड़े उभारों से नज़र हटाए बगैर उल्टे क़दम बिस्तर की तरफ चल दिए।
मेरा जी चाह रहा था कि वक़्त थम जाए और ये नज़ारा हमेशा के लिए ऐसे ही ठहर जाए और मैं देखता रहूं।
बहुत शदीद ख्वाहिश हुई थी उन्हें छूने की, चूसने की, चाटने की, लेकिन मैंने अपनी ख्वाहिश को दबा दिया। मैं जानता था कि अभी वक़्त नहीं आया है और हमारी किसी भी जल्दबाज़ी से आपी बिदक जाएंगी।

बिस्तर पर बैठते हुए फरहान ने कहा- “प्यारी आपी जी! प्लीज़ क्या आप हमारे लिए अपनी निप्पल्स को अपनी चुटकी में पकड़ कर मसलेंगी”

आपी ने कहा- “बको मत! मैंने तुम्हें कहा था ना, नो टचिंग और एनिथिंग, मैं जानती हूँ तुम लोग एक के बाद एक फरमाइश करते चले जाओगे”

“प्यारी आपी जी प्लीज़ सिर्फ़ एक बार, फिर दोबारा आपसे नहीं कहेंगे, पक्का वादा”

फरहान के खामोश होते ही मैंने कहा- “मेरी सोहनी आपी! एक बार कर दो ना यार प्लीज़ और पहले अपनी ऊँगली को अपने मुँह में डाल कर गीला करो फिर निप्पल पर फेरना”

“ये गंदी मूवीज देख-देख कर तुम लोग बिल्कुल ही बेशर्मी का शिकार हो गए हो” - आपी ने मुस्कुरा कर कहा।

मैंने हँसी को दबाते हुए ‘खी.. खी..’ करते हुए कहा- “जरा देखना तो ये बात कह कौन रहा है.. हहहे..”

आपी ने अंगड़ाई लेने के अंदाज़ में अपनी टाँगें सीधी कीं और पाँव ज़मीन पर टिकाते हुए टाँगों को थोड़ा खोल लिया फिर मेरी आँखों में देखते हुए आपी ने बगैर मुँह खोले अपनी ज़ुबान को बाहर निकाला और अपने राईट हैण्ड की इंडेक्स फिंगर को ज़ुबान पर फेरते हुए अपने बंद होंठों पर अपनी ऊँगली की नोक से दबाव डाला और आपी की ऊँगली आहिस्ता-आहिस्ता उनके मुँह में दाखिल होने लगी।
फिर आपी ने पूरी ऊँगली को चूसते हुए ऊँगली बाहर निकाल ली।
उन्होंने पहले फरहान की आँखों में देखा और फिर मेरी नज़र से नज़र मिला कर अपने दोनों बाज़ू अपने मम्मों के नीचे क्रॉस कर लिए और एक निप्पल पर अपनी ऊँगली फेरने लगीं।
‘वॉवववव..’
ये एक ऐसा नज़ारा था जो हमें बेताब करने के लिए काफ़ी था। मेरे लण्ड को झटका लगा और मेरे साथ-साथ फरहान का हाथ भी बा-साख्ता ही अपने लण्ड पर पहुँच गया। हमने अपने-अपने लण्ड को मज़बूती से भींच लिया।
आपी को देखते हुए जो हमारी हालत हो रही थी उससे आपी को भी मज़ा आ रहा था और उन्होंने देखा कि हमारे लण्ड झटके ले रहे हैं तो उन्होंने अपनी ऊँगली को अपने निप्पल के टॉप पर रखा और उससे दबा कर रखते हुए अपना दूसरा हाथ उठाया और अपनी टाँगों के दरमियान ले जाकर रगड़ने लगीं।

क़रीब 2 मिनट ये करने के बाद आपी ने अपने हाथों को रोक लिया और बोलीं- “चलो बच्चों! बहुत देख लिया और अब अपने कहे हुए अल्फ़ाज़ ‘कुछ दो.. कुछ लो’ के मुताबिक़ शुरू हो जाओ और मैं उम्मीद कर रही हूँ कि आज मुझे एक ग्रेट शो देखने को मिलेगा” यह कहते ही आपी के चेहरे पर शैतानी मुस्कुराहट आ गई थी।

मैं आप लोगों के बारे में नहीं जानता लेकिन अगर आप वर्जिन हो, कभी किसी लड़की को नहीं चोदा हो और एक लड़की और वो भी आपकी अपनी सग़ी बहन जो खूबसूरत हो या ना हो इससे फ़र्क़ नहीं पड़ता बस वो आपके सामने अधनंगी बैठी हो उसके बड़े-बड़े क्रीमी मम्मे आपके सामने हों तो वो आपको शिट खाने को भी कहे तो आप तैयार हो जाएंगे, मेरा यक़ीन मानिए उस वक़्त ऐसी ही हालत होती है।मेरी बहन तो थी भी बेइंतिहा खूबसूरत और साथ-साथ अपनी हरकतों से हमें उकसा भी रही थी।
जैसा कि आपी ने ग्रेट शो का कहा था तो हमने भी वैसा ही किया। यह एक वाइल्डेस्ट चुदाई थी जो मैंने और फरहान ने की, जिसमें लण्ड चूसना और अलग-अलग पोजीशन में चोदना, एक-दूसरे के लण्ड का जूस पीना था, गर्ज ये कि हम जो कुछ सोच सकते थे, हमने सब किया।
आपी भी आज बहुत ज्यादा जोश में थीं, उन्हें भी ये सोच मज़ा दे रही थी कि वो अपने सगे भाईयों के सामने अपने सीने के उभारों को खोले बैठी हैं और अपनी टाँगों के दरमियान हाथ फेर रही हैं।
आपी उस दिन 3 बार डिसचार्ज हुई थीं लेकिन वे खुल कर डिसचार्ज नहीं होती थीं। मैंने महसूस किया था कि उनके अंदाज़ में अभी झिझक बाकी थी। लेकिन पहले दिन से मुकाबला करें तो आपी रोज़-बा-रोज़ काफ़ी बोल्ड होती जा रही थीं जैसे आज उन्होंने अपना ऊपरी जिस्म नंगा करके और टाँगों को खोल के जो कुछ हमें दिखाया था, ये बिल्कुल भी उनकी ज़ाहिरी शख्सियत से मेल नहीं ख़ाता था। लेकिन उनके अन्दर क्या छुपा था, उसे ज़ाहिर कर रहा था।
जब आपी ने अपनी क़मीज़ पहनना शुरू की तो हमारे चेहरे बुझ से गए थे। आपी ने अपनी चादर उठाते हुए हमें देखा तो हमारी उदास शक्लें देख कर हँसते हुए कहा- “शर्म करो कमीनों! मैं तुम्हारी सग़ी बहन हूँ और वो भी बड़ी, अब मैं तुम लोगों के सामने सारा दिन नंगी तो नहीं घूम सकती ना!”

और फिर अपनी चादर वैसे ही तहशुदा हालत में अपने बाज़ू पर रखी और दरवाज़े की तरफ चल दीं। उन्होंने बाहर जाने के लिए दरवाज़ा खोला और दो सेकेंड को रुकीं….
फिर हमारी तरफ घूमते हुए कहा- “ओके आखिरी बार..”

TO BE CONTINUED …..
चूम लूं तेरे गालों को, दिल की यही ख्वाहिश है ....
ये मैं नहीं कहता, मेरे दिल की फरमाइश है !!!!

Love You All  Heart Heart
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जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 05-02-2024, 06:40 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 11-02-2024, 08:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 03:03 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 16-02-2024, 10:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 17-02-2024, 07:45 PM
RE: जिस्म की भूख - by sananda - 17-02-2024, 09:34 PM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 09:16 AM
RE: जिस्म की भूख - by Aftab94 - 18-02-2024, 04:29 PM
RE: जिस्म की भूख - by KHANSAGEER - 21-02-2024, 09:53 AM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 25-02-2024, 05:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 27-02-2024, 10:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 02-03-2024, 11:06 PM
RE: जिस्म की भूख - by sri7869 - 05-03-2024, 12:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-03-2024, 02:26 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 07:43 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 12-03-2024, 05:30 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 14-03-2024, 02:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 18-03-2024, 09:07 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 19-03-2024, 06:24 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 28-03-2024, 02:09 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 28-03-2024, 10:16 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 30-03-2024, 02:28 PM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 02-04-2024, 10:36 PM
RE: जिस्म की भूख - by saya - 10-04-2024, 05:17 PM
RE: जिस्म की भूख - by Chandan - 11-04-2024, 09:41 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 11:34 AM
RE: जिस्म की भूख - by Vnice - 17-04-2024, 02:06 PM



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