30-11-2023, 03:12 PM
छुटकी ननदिया
कम्मो ने आँख के इशारे से पूछा कौन है तो मैं खिलखिलाते बोली, " वही छिनार, मोटे मोटे चींटे काट रहे हैं हैं साली को "
और फोन स्पीकर फोन पर ऑन कर दिया, वही मीठी सेक्सी खिलखिलाती खनखनाती आवाज, उस टीनेजर की,...
" मेरी मीठी भाभी आपसे एक सलाह लेनी है, ... "
" पहले ये बता की होली वाले दिन आ रही हैं न, शाम को , रविवार ,.. " मैंने पहले कन्फर्म कराया उससे,
" एकदम भाभी, इतना अच्छा मौका छोड़ने वाली नहीं मैं, २१ दिन की मस्ती, मैं और कम्मो भौजी,... उसी लिए पूछ रही थी, उसी की पैकिंग कर रही हूँ अभी. "वो हँसते हुए बोली,...
" अरे यार ननदों के लिए तो मेरी हमेशा एक ही सलाह रहती है, कुछ मत पहनों, तेरे यारों का भी फायदा मेरे भाइयों का भी, लेकिन रास्ते में ही इतने पीछे पड़ जाएंगे ,... "
मैंने छेड़ा
" भाभी, आप भी न, ... आप तो एकदम पीछे पड़ जाती हैं हरदम एक वही बताइये न सीरियसली, ... " वो बड़ी अदा से बोली।
" अरे यार मेरी ननद रानी का पिछवाड़ा है ही इतना मस्त कोई भी पीछे पड़ जाएगा, लेकिन छोड़ उसका इलाज मेरे, और कम्मो भौजी के भाई लोग कर देंगे , जो इतना मटका मटका के चलती हो न, ... "
मेरी बात काट के थोड़ा चिढ़ती थोड़ा चैलेन्ज देती वो बोली,
" अरे भाभी उन स्सालो की छोड़िये अपने भाई को कल रात भर देख लिया न, आपके, कम्मो भौजी के भाइयों को भी देख लूंगी, संडे की शाम को ही पहुँच जाउंगी। पर कपडे सजेस्ट करिये न,... प्लीज सीरियसली,... "
और मैं भी सीरियस हो गयी , ननद की हेल्प करने के लिए, बोली
" सिम्पल, देख २१ दिन में स्कूल के दिन गिन ले, १२ -१४ दिन, अरे कुछ दिन बँक भी तो करेगी, तो सबसे पहले स्कूल यूनिफार्म, तेरी वो टॉप और लाइट नेवी ब्लू स्कर्ट, जित्ती भी हों वो सब पैक कर ले, घर के लिए भी , जो पुरानी स्कूल यूनिफार्म होंगी घिस गयीं एकदम टाइट हों, चलेगी,...
और एक बात और हो सके कोई भौंरा तेरा पिक्चर विक्चर ले जाए कभी या शॉपिंग को, तो एक दो जो सबसे हॉट ड्रेस हों न,... और रात के लिए, ... तू रहेगी तो मेरे कमरे में ही , तो कौन सा अलमारी में मैं ताला लगा के जाउंगी, ... मेरी नाइटी, बेबी डाल और तेरे भैया के शॉर्ट्स और टी भी, ... "
मेरी बात काट के वो बोली, " एकदम भाभी आपने मेरा काम आसान कर दिया, बस फटाफट पैकिंग कर के शाम को आपसे बात करती हूँ "
और उसने फोन काट दिया।
लेकिन मुझे लगा की कुछ कहना रह गया था गुड्डी से और मेरे चेहरे की बात कम्मो भौजी ने झट से पढ़ भी ली, पूछ भी ली।
" क्या हुआ, ? "
" अरे मैं सोच रही थी न उसे बोल देती, चड्ढी बनियाइन लाने की जरूरत नहीं, लेकिन रह गयी,... " मैं बोली।
" अरे इतनी सी बात , लाने दो न स्साली को आपन, अरे पहले दिन ही, ओकर कुल ब्रा निकाल के, एक एक के, कैंची से हुक वाला दोनों ओर क कचर कचर काट दूंगी, बस , देखी कैसे पहनती हैं, ... "
और हम दोनों जोर जोर से खिलखिलाने लगे , और चड्ढी मैंने पूछा।
" वो नहीं, ... वो पहन के स्कूल तो जाना होगा न , हाँ ओहमें छेद जरूर बनाय दूंगी , बुरिया के ऊपर ओहि के साइज के बल्कि थोड़ा और बड़ा , दो ऊँगली आसानी से आ जा सके, ... अरे क्लॉस में बैठेगी तो अगल बगल की सहेली , ऊँगली डाल के रात भर क जउन रबड़ी मलाई बिलिया में बजर बजर करती होगी न ऊपर तक , उसका भी हाल चला ले लेंगी , फिर उँगरियाने का मन करे तो क्लास में तो वो भी,... "
कम्मो बहुत सीरियस होके बोली।
कम्मी की प्लानिंग, कभी फेल नहीं हो सकती।
मैंने जोर की अंगड़ाई ली , कम्मो के साथ बतियाते टाइम का पता नहीं चला और पैकिंग भी हो गयी. इनकी पोस्टिंग का सामान अलग , ससुराली का सामान अलग , बस अब ये जो शॉपिंग कर के लाने वाले थे , उसकी जगह मैंने छोड़ दी , वो तो दस मिनट का काम था।
कम्मो ने आँख के इशारे से पूछा कौन है तो मैं खिलखिलाते बोली, " वही छिनार, मोटे मोटे चींटे काट रहे हैं हैं साली को "
और फोन स्पीकर फोन पर ऑन कर दिया, वही मीठी सेक्सी खिलखिलाती खनखनाती आवाज, उस टीनेजर की,...
" मेरी मीठी भाभी आपसे एक सलाह लेनी है, ... "
" पहले ये बता की होली वाले दिन आ रही हैं न, शाम को , रविवार ,.. " मैंने पहले कन्फर्म कराया उससे,
" एकदम भाभी, इतना अच्छा मौका छोड़ने वाली नहीं मैं, २१ दिन की मस्ती, मैं और कम्मो भौजी,... उसी लिए पूछ रही थी, उसी की पैकिंग कर रही हूँ अभी. "वो हँसते हुए बोली,...
" अरे यार ननदों के लिए तो मेरी हमेशा एक ही सलाह रहती है, कुछ मत पहनों, तेरे यारों का भी फायदा मेरे भाइयों का भी, लेकिन रास्ते में ही इतने पीछे पड़ जाएंगे ,... "
मैंने छेड़ा
" भाभी, आप भी न, ... आप तो एकदम पीछे पड़ जाती हैं हरदम एक वही बताइये न सीरियसली, ... " वो बड़ी अदा से बोली।
" अरे यार मेरी ननद रानी का पिछवाड़ा है ही इतना मस्त कोई भी पीछे पड़ जाएगा, लेकिन छोड़ उसका इलाज मेरे, और कम्मो भौजी के भाई लोग कर देंगे , जो इतना मटका मटका के चलती हो न, ... "
मेरी बात काट के थोड़ा चिढ़ती थोड़ा चैलेन्ज देती वो बोली,
" अरे भाभी उन स्सालो की छोड़िये अपने भाई को कल रात भर देख लिया न, आपके, कम्मो भौजी के भाइयों को भी देख लूंगी, संडे की शाम को ही पहुँच जाउंगी। पर कपडे सजेस्ट करिये न,... प्लीज सीरियसली,... "
और मैं भी सीरियस हो गयी , ननद की हेल्प करने के लिए, बोली
" सिम्पल, देख २१ दिन में स्कूल के दिन गिन ले, १२ -१४ दिन, अरे कुछ दिन बँक भी तो करेगी, तो सबसे पहले स्कूल यूनिफार्म, तेरी वो टॉप और लाइट नेवी ब्लू स्कर्ट, जित्ती भी हों वो सब पैक कर ले, घर के लिए भी , जो पुरानी स्कूल यूनिफार्म होंगी घिस गयीं एकदम टाइट हों, चलेगी,...
और एक बात और हो सके कोई भौंरा तेरा पिक्चर विक्चर ले जाए कभी या शॉपिंग को, तो एक दो जो सबसे हॉट ड्रेस हों न,... और रात के लिए, ... तू रहेगी तो मेरे कमरे में ही , तो कौन सा अलमारी में मैं ताला लगा के जाउंगी, ... मेरी नाइटी, बेबी डाल और तेरे भैया के शॉर्ट्स और टी भी, ... "
मेरी बात काट के वो बोली, " एकदम भाभी आपने मेरा काम आसान कर दिया, बस फटाफट पैकिंग कर के शाम को आपसे बात करती हूँ "
और उसने फोन काट दिया।
लेकिन मुझे लगा की कुछ कहना रह गया था गुड्डी से और मेरे चेहरे की बात कम्मो भौजी ने झट से पढ़ भी ली, पूछ भी ली।
" क्या हुआ, ? "
" अरे मैं सोच रही थी न उसे बोल देती, चड्ढी बनियाइन लाने की जरूरत नहीं, लेकिन रह गयी,... " मैं बोली।
" अरे इतनी सी बात , लाने दो न स्साली को आपन, अरे पहले दिन ही, ओकर कुल ब्रा निकाल के, एक एक के, कैंची से हुक वाला दोनों ओर क कचर कचर काट दूंगी, बस , देखी कैसे पहनती हैं, ... "
और हम दोनों जोर जोर से खिलखिलाने लगे , और चड्ढी मैंने पूछा।
" वो नहीं, ... वो पहन के स्कूल तो जाना होगा न , हाँ ओहमें छेद जरूर बनाय दूंगी , बुरिया के ऊपर ओहि के साइज के बल्कि थोड़ा और बड़ा , दो ऊँगली आसानी से आ जा सके, ... अरे क्लॉस में बैठेगी तो अगल बगल की सहेली , ऊँगली डाल के रात भर क जउन रबड़ी मलाई बिलिया में बजर बजर करती होगी न ऊपर तक , उसका भी हाल चला ले लेंगी , फिर उँगरियाने का मन करे तो क्लास में तो वो भी,... "
कम्मो बहुत सीरियस होके बोली।
कम्मी की प्लानिंग, कभी फेल नहीं हो सकती।
मैंने जोर की अंगड़ाई ली , कम्मो के साथ बतियाते टाइम का पता नहीं चला और पैकिंग भी हो गयी. इनकी पोस्टिंग का सामान अलग , ससुराली का सामान अलग , बस अब ये जो शॉपिंग कर के लाने वाले थे , उसकी जगह मैंने छोड़ दी , वो तो दस मिनट का काम था।