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Adultery मैंने नौकरानी की टट्टी खाई
#39
भाग 2
PART-3
शीला के साथ चुदाई की खुमारी मुझ पर छाई हुई थी।इतनी जोरदार चुदाई के बाद हमदोनो एक दूसरे की बाहों में बाहें डाले निर्वस्त्र पड़े हुए थे....और मैं शीला को बेतहाशा चूमें जा रहा था..
और शीला बोल उठी....."मुझे बाथरूम जाना है...."
"हां!चली जाना मालकिन इतनी भी क्या जल्दी है,थोड़ा रिलैक्स तो करलो..."
"नहीं मुझे जाना पड़ेगा,तुम्हारी खातिर मैं जल्दी आ गयी और सुबह से टायलेट का मुंह तक नहीं देखा..."...शीला झूमते हुए बोली।
मैं मन ही मन खुश था.....मन ही मन बुदबुदाया..."सही जा रही हो मेरी मिस्ट्रेस...."
अरे!हां मालकिन जरा ठहरो तो...
शीला के गदराये बदन की गरमी से मैं मदमस्त हो रहा था.....उसकी काली जुल्फें मेरे उपर छाई हुई थी.....और मेरी दोनों उंगलियाँ शीला की चूत और गांड के छेद को बारी बारी से कुरेदे जा रही थी।
अब मैं उठा.....अब आगे क्या करना हैं इसकी प्लानिंग मैं कर चुका था।उठ कर किचन में जा के एक बीयर की बोतल उठा लाया फिर दोनों के गिलास में बीयर से भर दिये......
चलो कुछ थकान दूर कर लेते है...कुछ रिलैक्स हो जाएगा।

[Image: Screenshot-20230630-120323-Chrome.jpg]

"अरे नहीं...अब बस भी करो"वह बोली।
"अरे यह तो हल्का फुल्का एंजाॅयमेंट है...मेरी मालकिन...अभी तुम पूरी रिलैक्स हो जाओगी।"
शीला को अब बीयर पी कर मजा आने लगा था....इसलिए इस बार ज्यादा ना नुकुर नहीं की और बीयर के सिप लेने लगी।...और जल्द ही हमने बीयर खत्म कर दी।
अब फिर से उसे नशा सा छाने लगा था....उसकी आंखें मदमस्त होने लगी।....
अचानक वह उठ बैठी....बोली..."जोर की बाथरूम लगी है....।"
मैं तो तैयार ही था...बोला...बाथरूम में ड्रेनैज की प्राब्लम है...थोड़ा सिवील वर्क करवाना है।और फिर तुम्हारा ये गुलाम किस लिये है महारानी...याद है ना पिछली वाली बात...वो विडिओ वाली महारानी कैसे अपने गुलाम के मुंह में मूत रही थी और फिर तुम ने भी तो ऐसा ही किया था....
"मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है"वह बोली..।
"तो आ जाओ गुलाम हाजिर है मेरी मालकिन"...।
वह टांगें चौड़ी किये बैठी थी...मैं तपाक से उसकी चूत के सामने मुंह खोल कर लेट गया....।
शीला को बहुत जल्दी थी...वह कुछ समझ नहीं पा रही थी....चेेहरे पर कुछ झुंझलाहट सी थी...तभी आनन फानन में वह उठी....
बोली....लो....
और उठ कर मेरे मुंह पर बैठ गई...और उसकी चूत मेरे मुंह से सटाते ही उसकी चूत की सुंदर काली चमकीली फांकों के बीच से मूत निकल पड़ा....
श्श्श्...ई.ई.श्श्श्ईश्श्श्श्श्श्श्श्ईश्श्श्श्....
और मै बड़े मजे में गट गट करके चूत का अमृतपान करने लगा।

[Image: Screenshot-20230630-064915-Chrome.jpg]

शीला अबकी बार बिल्कुल नहीं झेंप रही थी क्योंकि वह पहले भी कर चुकी थी और फिर उस पर नशा भी सवार था...
उसके मूत की धार मेरे मुंह मे सीधे गिर रहीं थी.....गड़ड़डड़ड़ड़ड़डड़
..........मै अपनी ड्रिम सिक्वैंस में डूबा हुआ था और वह किसी ब्ल्यू फिल्म की मिस्ट्रेस की तरह मूूत रही थी और मैं बड़े ही आनंद से उसे अपने मुंह में ले रहा था।
और कुछ पलों के बाद वह बंद हो गई।
मै उठ बैठा और नैपकिन से मुंह पोछा ,और शीला को बाहों में ले कर लेट गया।
अब मै शीला के गदराये बदन को चूम रहा था और वो नशे में झूमते हुए मस्ती में सिसकीयां भर रही थी....अब मैने शीला को घोड़ी बना दिया....और फिर उसकी चूत की फांकों को चौड़ा करके उसमें अपनी जीभ घुसेड़ दी।


[Image: Screenshot-20230701-085338-Chrome.jpg]

[Image: Screenshot-20230701-091903-Chrome.jpg]

शीला फिर से गरम होने लगी थी....
"आ...ह....ईईईई....उ...ह...।"
और मै उसकी काली चिकनी चूत का स्वाद ले रहा था....मन कह रहा था..
"आज तो इसके गदराये बदन का एक-एक इंच का स्वाद चखूंगा...."
मेरा भी आठ इंच का लंड अब विद्रोह करने लगा था।
फिर मैने उसकी गांड को चौड़ा करके उसके सुराख में अपनी जीभ घुसा दी...
"आ...ह.."...शीला मचल उठी।
और मैं उसकी गांड को जीभ से चोदने लगा...शीला गनगना उठी....उसकी गांड के छेद में कंपन होने लगा व खोल बंद होने लगा...।
"कैसा लग रहा है मेरी मालकिन "
आ...ह....अच्छा....मीठी सी सनसनाहट हो रही है....उ...ह...अं...ह..."
"चलो अब मेरा लंड भी तुम्हारी गांड से मिलन करने को बेताब हो रहा है...मेरी मालकिन....अब तैयार हो जाओ।"
"छोड़ो भी...वहां मुझे दर्द होता है"
"अरे मेरी मालकिन, दर्द होता है लेकिन फिर मजा भी तो आता है"
फिर मैने एक न सुनी और तेल की शीशी से थोड़ा तेल अपनी दो उंगलियों में लेकर धीरे से एक उंगली शीला की गांड में डाल दी....
"उ..ई..ई..".शीला मचल उठी।
"मालकिन अभी सब ठीक हो जायेगा।"
फिर मै थोड़ी देर तक एक उंगली अंदर बाहर करता रहा....फिर दूसरी उंगली भी घुसा दी.....
"उ...ई...ई...मां"....शीला कराह उठी।
जैसे ही मैं उसकी गांड में दोनों उंगली अंदर बाहर करने लगा....शीला की गांड का मुंह खुला और....फिर.....
......फिस्स्..स्स्स्..स्स्स्...करके थोड़ी हवा बाहर निकल गई....।
अरे वाह...मै मचल उठा और अपनी नाक शीला की गांड में घुसा कर मदहोश करने वाली गंध के मजे लेने लगा....उसकी दो काली पहाड़ीयों जैसी गांड के बीच मेरी नाक किसी हेलिकॉप्टर की तरह गोते लगा रही थी।मै मदमस्त हो उठा था और मेरा लंड किसी मिसाइल की तरह खड़ा था मानो लांचपैड पर लांच होने की तैयारी में खड़ा हो।

अब मैने देर ना करते हुए शीशी में से थोड़ा तेल लेकर लंड पे मल लिया और शीला की गांड के सुराख पे रख दिया...और....धीरे से धकेल दिया...
"आ...ई..ई.ई.ई..ई"...शीला चींख पड़ी।
पूरा सुपाड़ा एक ही बार में चला गया था।
"अरे मेरी मालकिन बस थोड़ा दर्द होगा...फिर मजा ही मजा है..."
और ये कह कर मैने सुपाड़ा थोड़ा सा निकाला....
शीला पहले भी मुझसे गांड मरवा चुकी है इसलिए तकलीफ नहीं होगी....यह सोंच कर फिर से हल्के से दबाव देकर लंड को अंदर धकेल दिया...
"आ...ई..ई.ई.ई..ई"..ऊ.sssssह"
अब सुपाड़े के अलावा एक डेढ़ ईंच लंड भी अंदर चला गया।
"आ..ह...नि.का.लो....ऊ...ह...मुं...झे ...त..क..ली..फ...हो...र..ही...है।"
शीला बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी,और अपने हाथ को पिछे करके मुझे पीछे की ओर धकेल रही थी.....
मै था कि निकाल नहीं रहा था....कि अभी नाॅर्मल हो जायेगी लेकिन वो नाॅर्मल नहीं हो रही थी.....".नि.का.लो....ऊ...ह...आ...ह..........ब..हु..त...त..क..ली..फ...हो...र..ही...है।"
"उ..फ्...फ...नि..का..लो...मु..झे...जो...र....से..."कह कर रूक गई...।
"आ...ह...नि..का..ल...ले..."वह नशे के सुरूर में तू तडांग पर उतर आई..."नि..का...ल... ले..."
"मालकिन थोड़ी सी सब्र करो...बड़ा मजा आयेगा आखिर मैं तुम्हारा गुलाम हूं....बहुत मजा दूंगा ....।"
नशे की पिनक में वो बोले जा रही थी....न...ही...मु..झे....न...हीं......मे...री...बा...त...मा...न...ले....अ...ब...नि...का...ल....ले...ह...रा...मी...मु...झे....जो...र....का.....प्रे...श...र...ल...ग....र...हा...है...ऊ...ह।"
मैने तुरंत लंड बाहर निकाल लिया...

[Image: Screenshot-20230701-180949-Chrome.jpg]

और लंड बाहर निकालते ही शीला की थोड़ी टट्टी बाहर आ गयी।और मैं रोमांचित हो उठा।
वह बैठ गयी....
"ऊ....ह...मुझे....टायलेट जाना पड़ेगा।"शीला झूमते हुए बोली।
मैं तो तैयार ही था....मेरा प्लान सक्सेस हो रहा था....मैने फिर वही बात कही...".ड्रैनेज की प्राब्लम है..."
"मै हूं ना मेरी मालकिन...."याद है न पिछली बार वाली बात...तुमने जो किया था"...."तुम अभी भी वैसा ही कर लो..."
शीला को मैने पिछली बार का टायलेट सेक्स याद दिलाया....
"न..ही...अ..भी..न..ही...।"शीला बोली।
"याद है न तुमने वो रस्म अदा करने का वादा किया था...और फिर...और वो विडिओ वाली मालकिन ने कैसे अपने गुलाम के मुंह को टायलेट बना लिया था...।"
"मै भी तुम्हारा गुलाम हूं मालकिन...मैं तुम्हारा टायलेट बनूंगा....
आओ अब देर किस बात की..."
मै तुरंत उसके बाजू में लेट गया....
आओ मेरी मालकिन,गुलाम हाजिर है...शीला कुछ समझ नहीं पा रही थी...उसे प्रेशर जोरों का था...चेहरे पे झुंझलाहट साफ दिखाई दे रही थी...
आनन फानन में वह उठी....नशे में उसकी आंखे और भी मदमस्त लग रही थी.....
अब हल्के से मुस्का के बोली.....ले मेरे गुलाम.....
और झटके से मेरे मुंह पर बैठ गयी....
और अपनी गांड का छेद मेरे मुंह पर रख दिया...
"हां मेरी मालकिन मैं तैयार हूं"

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और उसके मेरे मुंह पर गांड का छेद रखते हुए......।"
मेरे शरीर में मानों करंट सा दौड़ रहा था...वह मेरे उपर 69 के पोज मे बैठने लगी थी....



मेरी ड्रिम सिक्वैंस शुरू हो गई....
मेरा लंड तो तना हुआ था...पर और अधिक उत्तेजना के लिये मैने अपना लंड शीला के हाथ में दे दिया...
शीला भी नशे की धुन में लंड को ठुमके मारने लगी....
और फिर....
उसके मेरे मुंह पर गांड का छेद रखते ही.....
देखते ही देखते गोल्डन शाॅवर की शुरुआत होती है....ब्राउन शीट....
मेरी ड्रीम सिक्वैंस.....
मैने मुंह बढ़ाकर इस प्रेम को अपने में समेट लिया....इसका मदमस्त करने वाला अलग ही कसैलापन मुझे आनंद लोक की सैर करा रहा था,क्योंकि शीला भी 69 पोज में अपने हाथों से मेरे लंड को जोरदार ठुमके मारे जा रही थी और मै मस्ती में गनगना रहा था....।
शीला अपना सारा लोड मेरे मुंह मे डाल रही थी,मैने थपथपाकर उसे रोकने की कोशिश की पर वह कहां रूकने वाली थी....आखिरकार मैने उसे हाथों से पकड़कर थोड़ा दूर किया....फिर कुछ देर इसी अवस्था में लेटा रहा....शीला भी मेरे उपर इसी अवस्था में 69पोज बना कर लेटी रही।और मै....
उसके ब्राउन प्रेम को अपने अंदर समेटने की कोशिश करता रहा.....शीला अभी भी मेरे लंड को ठुमके लगाए जा रही थी...और मै आनंद के सागर में गोते लगा रहा था।
कुछ देर इसी अवस्था मे रहने के बाद मैं उठा फिर शीला का हाथ पकड़कर बाथरूम में घुस गया।
अब मेरे दिमाग में कुछ और प्लानिंग शुरू हो चुकी थी.......।

शेष अगली किस्त में.....
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RE: मैंने नौकरानी की टट्टी खाई - by rohitpal - 02-07-2023, 11:22 AM



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