Thread Rating:
  • 4 Vote(s) - 2 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
जवान औरतों और लड़कियों की प्यासी जवानी
#24
पड़ोस के दीपक भाईजान 3

 कहानी के पिछले भाग पड़ोस के दीपक भाईजान-2 में आपने पढ़ा कि कैसे एक सीधी सादी नवविवाहिता अपने किरायेदार के जाल में फंस गई और उसकी कामुकता ने उसके जिस्म को अपने वश में कर लिया.

दीपक ने अपना आखिरी कपड़ा अपनी अंडरवीयर उतारी तो उसका बड़ा सा अजगर उछल कर बाहर निकला और उसके पेट पे टकराया।

उसका बड़ा मूसल देख कर आफरीन को शॉक ही लगा, वो उसकी तुलना अपने सौाहर के लंड से करने लगी। सलीम का लंड भी लंबा मोटा था लेकिन दीपक का लंड मानो अजगर ही था। अपनी जिंदगी का दूसरा लंड देख रही थी।

आफरीन का यहाँ से वापस लौटना अब नामुमकिन था, उसके शरीर ने बगावत कर दी थी, वासना ने उसके मन पर कब्जा कर लिया था।

अब आगे:

दीपक अब बैड पे घुटनों के बल बैठ गया, अपने सामने डोलता हुआ उसका बड़ा मूसल आफरीन आंखें फाड़ कर देख रही थी। दीपक का लंड लंबा था… साधारण छह सात इंच लांबा। पर उसका लंड मेरे सौाहर के जैसा नही था इसमें टोपी जैसी पुरा तरफ से ठाका हुआ खड़ा था , लंड बिल्कुल किसी नीग्रो के लंड जैसा लग रहा था।

आफरीन ने नजर उठा के दीपक की तरफ देखा और धीरे से उसके लंड को अपने दायें हाथ से पकड़ लिया। वह लंड उसके हाथों में पूरी तरह समा भी नहीं रहा था। आफरीन ने हल्के से अपना हाथ उसके पूरे लंड पर घुमाया फिर लंड को अपने नाजुक हाथों से पकड़ कर मुठ मारने लगी। दीपक को तो मानो ऐसा महसूस हो रहा था कि उसका लंड कोई नाजुक चुत के अंदर बाहर हो रहा हो।

बीच में ही वो दीपक के दोनों बॉल्स को पकड़ कर हल्के से मसाज करती और सोचती इसमें कितना रस भरा होगा।

आफरीन ने अब दोनों हाथों से लंड को पकड़ा और ज़ोर से मुठ मारने लगी; दीपक सिसकार उठा; एक कामुक लहर उसके लंड से दिमाग तक पहुंची। दोनों ने उसी वक्त एक दूसरे की तरफ देखा। दोनों की ही आंखों में हवस बह रही थी।

थोड़ी देर ऐसे ही मुठ मरवाने के बाद दीपक अपना हाथ आफरीन के सर के पीछे ले गया, उसके बालों को पकड़ते हुए उसका मुंह अपने लंड की तरफ धकेलने लगा।

[Image: IMG-20230525-120539.jpg]
Deepak ka land afreen ke muh me


आफरीन के मुह मे लंड नाजुक होठों में और अधिक घुस गया। धीरे धीरे उसने अपना लंड तीन इंच तक अंदर घुसा दिया और उससे ही आफरीन की साँसें अटक गई। उसने झट से लंड बाहर निकाला और खाँसने लगी।

दीपक इस बात पे हंसने लगा तो आफरीन भी हंसने लगी। आफरीन हल्के से मुस्कुराई और अपना मुँह उसके लंड के तरफ ले गयी।

दीपक को यह समझते देर नहीं लगी कि आफरीन ओरल सेक्स में नई है और उसका पूरा लंड अभी अपने मुँह में नहीं ले सकती। आफरीन अब लंड का टोपा और जरा सा लंड अपने मुख में लेकर चूसने लगी। एक लाजवाब हुस्न की परी उस काल विद्रूप राक्षस का लंड चूस रही है, यह अहसास ही उसको झड़ने के करीब ले जा रहा था।

आफरीन भी आश्चर्य में थी, इसके पहले उसने किसी पर पुरुष को खुद को छूने भी नहीं दिया था पर अब… अब वह एक पराये मर्द का लंड ऐसे चूस रही थी, मानो आइसक्रीम चूस रही हो। आफरीन अब उसके लंड पर जीभ घुमाने लगी। लंड बाहर निकालकर दीपक की तरफ देखते हुए लंड पर किस करने लगी, फिर अपनी जीभ बाहर निकालकर उसके पूरे लंड को चाटती।

दीपक ने आफरीन को अपने बॉल्स चाटने को बोला। आफरीन अब एक नया अवर्णनीय अनुभव ले रही थी। वह अब ये पूरी तरह भूल गई थी कि वह एक शादीशुदा पकिज़ा औरत थी, उसके साथ उसके बैड पर उसका सौाहर नहीं एक पराये धर्म का आदमी था। जैसे ही उसे याद आया कि वो किसी विधर्मीय गैर मर्द के साथ है, तो यह पाप करता सोचकर ही वह उत्तेजित हो गई थी।

यह सब होते हुए उनके बीच में कोई संभाषण नहीं हो रहा था; आ रही थी तो सिर्फ सिसकारियों की, तेज सांसों की, चूसने की, किस करने की, चाटने की आवाजें! वासना में डूबे दो जिस्म एक दूजे को अपरमित सुख देने में व्यस्त थे।

दीपक ने अचानक अपना लंड उसके मुँह से निकाला तो आफरीन ने नाराजगी जताते हुए दीपक की तरफ देखा। तब दीपक पहली बार बोला- आफरीन जान, कुछ अलग ट्राय करते हैं! आफरीन ने सोचा कि आज रात को वह जो भी कर रही हैं वह सब उसके लिए नया है, तो अब यह आदमी और क्या नया करना चाहता 









दीपक ने आफरीन को पीठ के बल लिटाया और उसके स्तन चूसने शुरू कर दिए, दोनों स्तनों के बीच की जगह भी उसने चाट चाट के गीली कर दी। फिर अपने दोनों घुटने आफरीन के दोनों साइड पे रख कर उसके ऊपर बैठ गया। उसने अपना लंड आफरीन के स्तनों के बीच रखा और आफरीन को अपने बूब्स उसके लंड पर दबाने को बोला जो उसने बिना कोई सवाल पूछे किया।

दीपक अब धीरे धीरे अपना लंड आफरीन के बूब्स में अंदर बाहर करने लगा। उसका कड़क लंड आफरीन की मुलायम त्वचा से घिसने के अहसास से उसके मुँह से सिसकारी निकल गयी और आफरीन की ओर देखते हुए वह बोला- आफरीन … इसे बूब जॉब बोलते हैं… तुम्हारे बूब्स है ही इतने सुंदर… कि मैं अपने आप को रोक ही नहीं पाया, तुम को अच्छा लग रहा है ना?

उसके सवाल पर शर्मा कर हल्के से मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिलाया। आज रात वह ऐसी चीजें कर रही थी जो कि उसने अपने शादीशुदा जिंदगी में कभी नहीं की थी। अपने स्तनों के बीच एक कड़क मूसल उसको एक अलग ही अनुभूति दे रहा था, बीच बीच में दीपक उसके निप्पल्स को अपनी उंगलियों से पकड़ के मसलता और खींचता।

दीपक का लंड अब उसकी ठोड़ी पर टकरा रहा था। आफरीन ने अपना मुँह इस तरह से एडजस्ट किया और खोला कि उसके ठोड़ी पर टकरा रहा लंड डायरेक्ट उसके मुँह में आ जाये। जैसे ही दीपक का लंड आफरीन की मुँह में घुसा, आफरीन ने उसको अपने होठों में पकड़ा और उस पर अपनी जीभ घुमाई, दीपक के मुँह से सिसकारी बाहर निकली। उसके लंड से निकला प्रीकम आफरीन की जबान पर लगा, उसको भी उसका नमकीन स्वाद अच्छा लगा। उसको अब और लंड का पानी चाहिए था, उसको अब सब पानी चाहिए था।

दीपक के स्तन चोदन की वजह से आफरीन को सांसें ज़ोर से चल रही थी, वह अब फिर से झड़ने वाली थी, एक ही रात मैं तीसरी बार। पर दीपक्… वह तो थकने का नाम ही नहीं ले रहा था, वह एक लय में आफरीन के स्तनों को चोद रहा था।

कुछ देर लगातार चोदने के बाद वह भी झड़ने के करीब आ गया था, उसका लंड भी थरथराने लगा; देखते ही देखते उसके लंड से पहली पिचकारी निकली… सीधा आफरीन के गले के अंदर… उसके बाद की तीन चार पिचकारियां आफरीन के जीभ, होठों पे गिरी।

इस अचानक घटना से आफरीन का दम घुटने लगा, दीपक ने अपना लंड बाहर निकाला और बाकी की पिचकारियां आफरीन के मुँह पे, आंखों पर, बालों पर छोड़ दी। गले में उतरे हुए वीर्य का स्वाद आफरीन को बहुत अच्छा लगा। जैसे जैसे दीपक का जोर कम होता गया वैसे वैसे वीर्य उसकी ठोड़ी, गले पर पड़ने लगा,

मुँह में होठों पर पड़ा वीर्य आफरीन चाट गयी और अपनी साफ जीभ दीपक को दिखाई। दोनों ही एक दूसरे की तरफ देख कर हँसे।

फिर आफरीन ने ग़ले पे, आँखों पर पड़ा वीर्य उंगलियों से इकट्ठा किया और अपने मुँह में डाला। दीपक ने भी गर्दन पे पड़ा वीर्य अपने मूसल लंड पे इकट्ठा किया और लंड आफरीन की मुँह में डाल दिया। आफरीन भी लत लगने जैसा उसका लंड चाट, चूस कर साफ कर दिया।



[Image: IMG-20230525-121120.jpg]
Afreen pani chatate huye


दीपक अब थक कर आफरीन के शरीर पर लेट गया, दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा, दोनों की आंखों में समाधान साफ झलक रहा था। आफरीन ने उसके गले में हाथ डालकर उसके होठों पर अपने होंठ रखे और चूमने लगी। दीपक भी उतने ही ज़ोरों से उसको प्रतिसाद दे रहा था।

सीधी साधी पाक़ीज़ा आफरीन के जिंदगी की यह भयावह रात अब उसके लिए स्वर्गीय सुख की अनुभूति दे रही थी।

उस थकने वाले अनुभव के बाद दोनों बातें कर रहे थे। कुछ घंटे पहले जो लड़की इस राक्षसी आदमी का चेहरा भी देखना नहीं चाहती थी, उसी आदमी के पास नंगी लेटकर इस तरह बातें कर रही थी कि जैसे जन्म जन्म की प्रेमिका हो। दीपक को भी यह सब अच्छा लग रहा था, जिस तरह आफरीन अपनी मर्जी से इस खेल में शामिल हो गई।

आफरीन का विरोध देख कर पहले तो उसे लग रहा था कि पटा नहीं वह अपने मंसूबों में कामयाब भी हो पायेगा या नहीं… और उसके परिणामों का डर भी लग रहा था। मगर अंत में वह एक शर्मीली परी को अपनी प्रेमिका बनाने में सफल हुआ था।

वे दोनों बातें कर रहे थे, बीच बीच में एक दूसरे को किस कर रहे थे। दीपक बीच में उसके निप्पल्स को चूसता, उनको काटता, उस पे आफरीन दर्द से कराह उठती फिर उसको देख कर मुस्कुरा देती। आफरीन के हाथ दीपक के पूरे बदन पर घूम रहे थे, खास कर उसके मूसल जैसे लंड पर और बड़े बॉल्स पर… वह अब उस लंड के प्यार में पड़ गयी थी, उसको अब समझ में आ गया था कि वो उससे अब दूर नहीं रह सकती।

आफरीन का ध्यान अब घड़ी की तरफ गया, घड़ी में रात के 12:15 बज रहे थे। वह सोचने लगी सलीम का फ़ोन लगभग 10 बजे आया था, और उनकी कामक्रीड़ा तभी से ही शुरु हुई थी। मतलब दो घंटे तक चल रही थी, उसको यह देखकर धक्का लगा, निगाह के बाद उसने जितना भी सेक्स किया था वह सब लगभग 10-15 मिनट चलता था, उसमें भी वो थक जाती थी। पर वह पिछले दो घंटे से फोरप्ले ही कर रही थी, अभी तक दीपक ने उसे चोदा भी नहीं था। वह कितने समय चलेगा… चार घंटा?


[Image: IMG-20230525-121223.jpg]
Afreen deepak ke.sath
Like Reply


Messages In This Thread
RE: जवान औरतों और लड़कियों की प्यासी जवानी - by Fatimakhan - 25-05-2023, 12:12 PM



Users browsing this thread: 2 Guest(s)