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किरायेदार और मकान मालिक का परिवार
नीतू प्रीति की गीले सलवार और पैंटी उठाकर बाथरूम में चली गई। हाल में प्रीति समीज पहन कर खुद को ढक रही थी तभी मंजू भी मेरे कपड़े लेकर नीचे आ गई। मैंने मंजू को इशारा किया तो मंजू ने कपड़े बेडरूम में रख दिए और ब्रेकफास्ट रेडी करने किचन में चली गई। फिर से हाल में मेरे साथ प्रीति थी। प्रीति के सामने मेरा लंड पूरे फॉर्म में खड़ा होकर प्रीति को सलामी दे रहा था।

प्रीति बहुत डरी हुई थी और मैं उसके करीब गया। प्रीति के सर को पीछे से पकड़ते हुए मैंने अपनी ओर खींचा और उसके होंठो को चूम लिया। फिर मैंने उसको कहा कि जाओ नहा कर आओ और अच्छे से तैयार हो जाओ, कॉलेज चलना है। तब तक नीतू नहा के आ गई। मैं किचन में मंजू के पास गया और पीछे से उसको कस के पकड़ लिया। मैंने उसके बूब्स मसले और बाहर आ गया। बाहर आया तो देखा नीतू ने नहाने के बाद सिर्फ पैंटी पहनी और किचन में चली गई। किचन से वों ब्रेकफास्ट ले कर आयी और डाइनिंग टेबल पर रखा। नीतू मेरे जांघ पर आकर बैठ गई और अपने हाथों से मुझे ब्रेकफास्ट करायी।

जब तक नीतू के हाथों से मैंने ब्रेकफास्ट किया तब तक प्रीति भी नहा ली। प्रीति नहा के चुपचाप सर झुकाए अपने कमरे में चली गई। मैंने उसे जाते देखा लेकिन कुछ कहा नहीं। इसके बाद मैं हाल में आ गया। उधर नीतू ने मंजू और प्रीति के साथ ब्रेकफास्ट किया।

मैं हाल में बैठकर नंगा ही टीवी देख रहा था। मंजू और नीतू ने नहाने के बाद छोटी सी ट्रांसपेरेंट नाईटी पहन रखी थी बस प्रीति ने पूरे कपड़े यानि समीज सलवार पहन रखा था।

ब्रेकफास्ट के बाद प्रीति अपने कमरे में जाने लगी तो मैंने उसको आवाज दी। वों चुपचाप मेरे पास आई। मैंने उसे सोफे पर अपने बगल में बैठने का इशारा किया तो वों चुपचाप सोफे पर बैठ गई। वों बिल्कुल सिकुड़ कर सोफे पर बैठ गई।

प्रीति को ऐसे देख कर नीतू भी परेशान हो रही थी। नीतू मेरे पास आयी और सोफे के पास मेरे पैर के नीचे जमीन पर बैठ गई।

मेरे पैर पकड़ते हुए नीतू बोली - प्लीज प्रीति को छोड़ दो, जो कहोगे मैं करूंगी
मैं - क्या किया है उसके साथ?
नीतू - फिर उसे छोड़ दो ना
मैं - पकड़ा कहा है, आराम से रहें यहाँ और पढ़ाई करें।

फिर मै प्रीति की ओर मुड़ा और पूछा - क्यों प्रीति कुछ दिक्कत है तुम्हे

प्रीति कुछ नहीं बोली। फिर मैंने नीतू को गर्दन पकड़ते हुए उठाया। उसके चेहरे को अपने चेहरे के पास लाया और बोला - मुझे किसके साथ क्या करना है, तू मत बता। शान्ति से रह और मजे ले वरना सबको नंगा सड़क पर खड़ा कर दूँगा।

ये कह कर मैंने नीतू को अलग किया। नीतू के साथ मेरे ऐसे व्यवहार से प्रीति और भी खुद में सिमट गई।

नीतू वही जमीन पर बैठी रही, फिर मै प्रीति की ओर मुड़कर बोला - तुझे बोला था ना थोड़े मॉडर्न कपड़े पहना कर, समझ नहीं आता एक बार में।

कल से मुझे शिकायत नहीं मिलनी चाहिए समझी। फिर मैंने मंजू को बोला कि शिल्पी के कपड़े से कोई अच्छा ट्रेंडी कपड़ा प्रीति को दे और इसे ले जाकर तैयार करो।

इधर मैंने नीतू को अपने साथ बेडरूम में आने को बोला। बेडरूम में मैंने नीतू से बोला की तुम एक वन पीस निकाल के पहन लो मंजू के कवर्ड से। नीतू ने एक ऐसी ही ड्रेस निकाला। फिर उसने अपनी ट्रांसपेरेंट नाईटी उतारी और ब्रा पहनने लगी। मैंने उसके हाथ से ब्रा छीन ली और बोला बिना ब्रा के ऐसे ही पहन लो। नीतू ने थोड़ी ना नुकुर की और फिर वों ड्रेस पहन ली।
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RE: किरायेदार और मकान मालिक का परिवार - by raj4bestfun - 29-11-2022, 04:08 PM



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