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किरायेदार और मकान मालिक का परिवार
#88
नीतू नीचे चली गई लेकिन मैं ऊपर ही अपने फ्लैट में रहा और प्रीति के एडमिशन की बात सोचने लगा । मेरे जान पहचान में एक व्यक्ति नीरज थे जो एक प्राइवेट कॉलेज के प्रिंसिपल थे। मैंने नीतू को फोन किया और कहा कि थोड़ी देर में ऊपर आ जाना।

नीतू लगभग 7:30 बजे वही साड़ी पहने ऊपर आई। मैं बेड पर लेटा हुआ था।

नीतू - आपने बुलाया सर
मैं -लगता तो ऐसा ही है और इतनी दूर, अब क्यों शर्मा रही हो
नीतू - ऐसा नहीं है। वों प्रीति के एडमिशन का देख लेते।

मैं - हाँ, अभी बात करता हूँ, पहले तुमसे तो बात कर लू। ऐसा कह के मैंने नीतू को अपनी ओर बेड पर खींच लिया। नीतू बेड पर मेरी बाहों में बैठी थी।

फिर मैंने नीरज को फोन किया।

मैं - नीरज जी नमस्कार, कैसे है आप
नीरज - आपकी दुआ है सर, आप बताओ कैसे है
मैं - सब बढ़िया है, एक एडमिशन करवाना था
नीरज - हो जाएगा बस हमारा ध्यान रखिएगा
मैं - बिल्कुल, आप ही बता दो कैसे ध्यान रखना है
नीरज - आप तो जानते ही हो, बस शराब और शबाब चाहिए होता है हमें
मैंने हसते हुए नीतू का बूब्स ब्लाउज के ऊपर से दबा के बाहर की ओर खींचा और बोला - उसकी चिंता आप मत करो, बस एडमिशन हो जाना चाहिए।
नीरज - एडमिशन पक्का है
मैं - चलो ठीक है कल मिलते है कॉलेज में
नीरज - जी ठीक है।

फिर मैंने कॉल डिसकनेक्ट किया। नीतू मुझसे पूछी क्या बोल रहें थे। मैं बोला क्यों सुना नहीं, एडमिशन हो जाएगा। नीतू के चेहरे पर स्माइल आयी और फिर पूछी वों शबाब और शराब क्या बोल रहें थे, मैं हॅस दिया और कुछ बोला नहीं।

नीतू - आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

अब नीतू मेरे साथ खुल चुकी थी। मैंने नीतू को बोला कि कल एक अच्छी ड्रेस पहन के चलना कॉलेज और हाँ प्रीति को भी बोल देना।

फिर मैंने नीतू को कहा कि अब से तुम मुझे हमेशा नंगी बूब्स में दिखनी चाहिए और छोटी सी बरमुडा पहने मैं नीचे आ गया।

मेरे पीछे पीछे नीतू भी आयी जो काफी खुश नजर आ रही थी। मेरे आते ही सब अलर्ट हो गए। मैं सोफे पर बैठ गया जिसपर मंजू बैठी थी। मैंने बगल में नीतू को बैठने का इशारा किया। दोनों सिंगल सोफा पर प्रीति और मनीष बैठे थे। बेड पर शिल्पी बैठी थी।

सबने हसीं मजाक के साथ डिनर किया। फिर मैंने नीतू से कहा कि आज तुम मंजू के साथ सोना। शिल्पी से कहा कि कल प्रीति को कोई अच्छी मॉडर्न ड्रेस पहनाना और आज उसके साथ सो जा।

डिनर के बाद सबसे पहले मनीष अपने कमरे में गया। फिर प्रीति और शिल्पी भी अपने कमरे में गए। अब हाल में मैं, मंजू और नीतू थे।

हाल में मैं दोनों के बीच बैठा था। मैंने दोनों के कंधो पर हाथ रखा और अपनी ओर खींचते हुए बोला - रानियों आज से साथ सोयेंगे।
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RE: किरायेदार और मकान मालिक का परिवार - by raj4bestfun - 19-11-2022, 07:52 PM



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