Thread Rating:
  • 11 Vote(s) - 1.91 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
किरायेदार और मकान मालिक का परिवार
#80
मैं एक अंडरवियर जैसे साइज के बरमुडे में बेड पर दीवार की ओर कमर लगा के बैठा था और मेरा आदेश पा कर मंजू और नीतू भी बेड पर आ गई। नीतू समझ नहीं पा रही थी मैं क्या करना चाह रहा हूँ और नीतू अजीब महसूस कर रही मेरे करीब बैठने में। दोनों बहनें बेड पर बैठ तो गई लेकिन दोनों खुद को अपने आप में समेटे हुई थी।

दोनों बहनों को इस हालत में देखकर मुझे हंसी आयी और मैंने हल्के मुस्कुराते हुए दोनों से पूछा क्या हुआ? दोनों ने कुछ कहा नहीं फिर मैंने मंजू के दाहिने हाथ को हथेली से पकड़कर अपनी ओर लाया और किस किया। नीतू मुझे ऐसा करते हुए देख रही थी कि मैंने अगले पल उसके हाथ को पकड़कर अपने पास लाया और किस कर लिया। वों कुछ समझती और कुछ कहती इससे पहले मैंने किस कर लिया।

फिर मैं बेड पर लेट गया और दोनों को कहा कि अच्छे से मेरी मालिश करो। आज मैं पूरे दिन घर पर था और इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहता था। मैं छोटे से अंडरवियर साइज बरमुडे में लगभग नंगा होकर लेटा था और उस बरमुडे के अंदर मेरा लंड पूरा टाइट होकर खड़ा था जो उसे टेंट बना रहा था। मेरे एक तरफ मंजू और दुसरी तरफ नीतू बैठी थी। मंजू को मैंने सरसो तेल लाने को कहा और जैसे ही वों बेड से उतरने के लिए खड़ी हुई, मैंने उसका पल्लू खींच लिया और उसके बेड से उतरने के बाद उसका साड़ी मेरे हाथ में था और वों सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में थी।

नीतू के सामने मेरे द्वारा ऐसे साड़ी उतारने से मंजू को भी शर्म आयी और वों तेजी से रूम से बाहर निकल गई। एक -दो मिनट में जब वों नहीं आयी तो मैंने नीतू को आवाज लगाने को बोला। नीतू द्वारा आवाज लगाने पर वों धीमी कदमो के साथ रूम में अंदर आयी। मैं अपने आवाज को थोड़ी कड़ी करते हुए कहा कि अच्छे से मालिश करो, फिर तुम दोनों से बात करूंगा। मंजू मेरे गुस्से को झेल चुकी थी इसलिए उसने थोड़ा सा सरसो तेल लिया और बाए घुटने पर डाल के धीरे धीरे मालिश करने लगी। नीतू अपनी जगह बैठी ही थी। मैंने मंजू की आँखों में आँखे डाली तो वों मेरे पैर से घुटने के बीच तेजी से मालिश करने लगी। फिर मैंने नीतू की ओर देखा और बोला - समझ नहीं आया क्या करना है तुम्हे। नीतू को यह उम्मीद नहीं थी कि मैं उसपर भी गुस्सा दिखाऊंगा और वों भी मंजू की कॉपी करती हुई थोड़ा सा सरसो तेल अपने हाथों में लेकर मेरे दाएं घुटने पर लगाई तो वों भी पैर से घुटने के बीच मालिश करने लगी।

जब वों दोनों बहनें घुटने और पाँव के बीच ही मालिश कर रही थी तभी मैंने खुद को पलटा और पीठ के बल लेट गया। अब घुटने तक मालिश करने के बाद मंजू का हाथ घुटने से कमर की ओर बढ़ा। मंजू जो ऐसे ही मालिश एक्सपर्ट थी अब मेरे मुताबिक अच्छे से मालिश कर रही थी। लेकिन नीतू अभी भी घुटने से ऊपर की ओर नहीं आ पा रही थी। मैं पीठ के बल लेटें लेटें ही नीतू को आवाज लगायी तो नीतू का हाथ घुटने से कमर की ओर आया। 

नीतू अब मेरे बरमुडे के अंदर अपना हाथ डालकर मेरे नितम्ब पर भी मालिश कर रही थी। वों काफी छोटा था ही और लेटें होने की वजह से और ऊपर की और उठ गया था। नीतू का हाथ भी मेरे नितम्ब के निचले हिस्से तक पहुँच रहा था लेकिन वों बरमुडे के अंदर हाथ नहीं डाल रही थी। मैंने अपने एक हाथ से अपने बरमुडे को नीचे कर दिया।  मंजू ने भी बरमुडे को नीचे करते हुए घुटने तक ला दिया।

अब मेरे घुटने के नीचे दोनों टांगो में बरमुडा फसा था और ऊपर मेरे दोनों नितम्ब उन दोनों के सामने नंगे। मैंने बोला अच्छे से मालिश करती जाओ। अब मंजू मेरे बाए चूतड़ की अच्छे से मालिश कर रही थी वही नीतू हल्के हाथो से दाएं चूतड़ पर। मैंने मंजू से बोला -

मैं - मंजू जरा नीतू का हाथ दबा ताकि सही से मालिश हो
मंजू - जी

इसके बाद मंजू ने नीतू के हाथ को कलाई से पकड़ा जिससे नीतू ने जोर लगाकर मालिश की। फिर दोनों बहनें कमर से पीठ की ओर मालिश करने लगी तो मैंने नीतू से कहा -

मैं - अबे मेरे गांड के दरार के बीच मालिश कौन करेगा। नीतू अच्छे से तेल रगड़ वहाँ पर
नीतू  (धीमी आवाज में )-  जी

नीतू अब सहम चुकी थी और वों चुपचाप दरारों में तेल डालकर अपनी उंगलियां अंदर डाल कर चेक की।

इधर मंजू ने मेरे पूरे पीठ की मालिश की। अब मैंने करवट ली और अब मेरा चेहरा और मेरा लंड दोनों उन दोनों के सामने था। दोनों अच्छे से मेरे छाती पर मालिश कर रही थी।

छाती पर मालिश करते वक्त दोनों मेरे निप्पल्स को अच्छे से दबा के खेली। दोनों उन्हें रगड़ती या कभी जोर से खींचती। हल्का दर्द लेकिन मजा अधिक आया मुझे। फिर वों मेरे नाभि तक पहुंच गई। नाभि में भी तेल डालकर अच्छे से रगड़ा उनदोनो ने मुझे। नाभि से नीचे और मेरे लंड के ऊपर वाला हिस्सा का जब वों दोनों मालिश करने लगी तो मेरे लंड पूरी तरह बेकाबू हो गया और मेरा दाहिना हाथ मेरे दाहिने ओर बैठी मंजू की ओर चला गया। मैं मंजू के बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा।

दोनों उसी हिस्से की मालिश कर मुझे और ज्यादा रोमांचित किए जा रही थी तभी मंजू ने मेरे अंडकोष को अपने हाथों में ले कर मसलना शुरू किया।
[+] 1 user Likes raj4bestfun's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: किरायेदार और मकान मालिक का परिवार - by raj4bestfun - 17-11-2022, 10:03 AM



Users browsing this thread: 2 Guest(s)