Poll: Kya ek auraat ko bahut saare maardon ke saat sex karana accha nahi hain?
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Sirf pati ke saat sex kare, sati savitri
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Aurat ko har type ke maard ka swad lena chahiye
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Kisi maard ko mana nahi kare
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Apne pasand ke saab mard ke sat sex kare
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bina umar, rishta, ajnabi ya kisi cheej ka lihaaj na karate saab ke saat sex kare
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Adultery मैँ बहक जाती हूँ - पार्ट ३६ - मेरे पति मौसाजी के कुक (Part 2) !
पार्ट २७ : हनीमून की प्लान !


सुहागरात की दूसरी रात भी वैसे ही रही.  अनीश ने मुझे बहुत चूसा और चूमा पर चुदाई के वक्त उनका लण्ड कहा ओर किधर झड़ जाता, मुझे कुछ  महसूस ओर पता नहीं चलता. मैंने उस रात अनीश से कहा , अनीश हम कही बहार चलते है..हनीमून पर. ४-५ दिन एक साथ रहेंगे तो एक दूसरे को अच्छी से जान पायेंगे . अनीश ने कहा ठीक हैं मेरी जान.  मैं कल ऑफिस से ५ दिन की छुट्टी ले लेता हूँ, हम गोवा जायेंगे. मुझे इन ५ दिनों में अनुमान लगाना था की  अनीश को सेक्स में  कैसे माहिर किया जा सकता है. दूसरे दिन अनीश ने मुझे ऑफिस से फ़ोन किया की अगले हफ्ते मतलब ३ दिनों के बाद उसे ऑफिस से छुट्टी मंजूर हो गयी है. उसने होटल ओर आने-जाने की फ्लाइट्स की टिकट बुक कर दी थी. उसने मुझे शाम को तयार रहने को कहा.. पम्मी मासी के यहाँ आज खाने पर बुलाया था. मैंने एक अच्छी सी हरे और नीले रंग की डिज़ाइनर साड़ी पहन ली थी और उसपर अच्छा स्लीवलेस और बैकलेस लौ-कट वाला  ब्लाउज था. ब्लाउज़ में  मेरे ममै एकदम टाइट फिट हो कर ऊपर से बहार आ रहे थे और मम्मों की दरार साफ दिख रही थी. साड़ी भी मैंने नाभि से बहुत निचे पहनी थी..और मेरी नाभि मेरे पतले और सीधे पैट पर साफ़ दिख रही थी.  

जब अनीश घर आये तो वह मुझे देखते रहे. बोले: जानेमन तू तो आज गजब की लग रही हो..एकदम कटरीना कैफ..तुम्हे यही नंगा करने के चोदने का  मन कर रहा. 

मैंने कहा..चलिए अब .. देर हो रही..पम्मी मासी राह देख रही होगी, घर आकर कर देना नंगा. एक घंटे में हम पम्मी मासी के घर पहुँच गये. पम्मी  मौसी ने दरवाजा खोला. मैंने झुककर उनके पाव छू लिये..उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया. पम्मी मासी  इस उम्र में भी बहुत खूबसूरत लग रही थी. पम्मी मासी बोली - बहुत मान कर रहा था तुम्हारे शादी में आने का, पर मेरी सास को ऐनवक्त पर अटैक आया और हमें उन्हें अस्पताल एडमिट करना पड़ा. चलो अच्छा हुआ तुम आ गये. अनीश बहु  तो बहुत सुन्दर है.. खूब जचती हैं तुम्हारी जोड़ी.  तभी पीछे से आवाज आयी.. बहु की सुंदरता की तारीफ तो हमने भी  बहोत सुनी, हमें भी देखने दो बहु को . मैंने पलट कर देखा..एक गोरा, एकदम फिट, ५० -५५  की उम्र वाला आदमी था, नीली गहरी आंखें, एकदम कबीर बेदी जैसी, हट्टा-कट्टा पहलवान जैसे.  पम्मी मासी ने कहा - संध्या यह तेरे ससुर  जी धर्मेश है. सच में कुछ तो बात थी धर्मेश में. सबको आकर्षित कर लेते थे. उन्होंने कुर्ता - पजामा पहना था. मैं और अनीश उनसे मिलने उनकी तरफ बढे. 
धर्मेश चाचा: वाह  ! सच में इतनी सुन्दर बहु तो तुम्हारे घर में कोई नहीं है. बड़ी अच्छी चॉइस हैं अनीश की.
मैं और अनीश धर्मेश चाचा के पाव छूने निचे झुके..वैसे उन्होंने मेरे पीठ पर हात रख दिया ओर धीरे से घुमा दिया. बैकलेस ब्लाउज़ की वजह से मेरी पीठ पूरी नंगी थी. उनका हात एकदम नरम और गरम महसूस हो रहा था..जैसे मुझे ४४० वाल्ट का बिजली का शॉक लग गया. मैं सिहर गयी. 
धर्मेश: बहुत सरे आशीर्वाद संध्या ओर अनीश ! फलो , फूलो, जल्दी से अच्छी न्यूज़ दो...ओर हसने लगे. 
मैं उनके छूने से हड़बड़ा गे ओर  में उनके पांव छू कर उठने लगी..तभी मेरे निचे झुके हात ऊपर होते हुए उनके कुर्ते को ऊपर कर  के उठा दिया. करीब  १-२ सेकंड के लिए  मेरी नजर सामने उनके उनका पजामा के उभार पर पड़ी. उनका ढीला पजामा फूल गया था ओर वहा उभर  कर एक बहुत बड़ा तम्बू हो गया था. उनके लण्ड का आकर ओर मोटापा साफ़ दिखाई दिया. मैंने जल्दी से हात पीछे लेते ही कुर्ता गीर के निचे हो गया ओर उनके पजामा के उभार को छिपा दिया. धर्मेश मुझे मुस्करा कर कमीने नज़रों से देख रहे थे. मेरी गलती से ही सही पर उनको पता चल गया था की मैंने क्या देखा. 

मैंने उनको जानबूजकर अनदेखा कर दिया ओर कोई ध्यान नहीं दिया. ख़ाना खाते वक्त ओर बाद में  भी वो पूरी देर तक मुझे ताड़ रहे थे. पर मैंने बिलकुल भाव नहीं दिया. पम्मी मासी ने जाते वक्त हमें तोहफे दिए. उनका एक ही बेटा था जो बाहर विदेश में पढ़ रहा था. घर निकलते वक्त हमें  काफी लेट हो गया था. रास्ते पर ट्रैफिक भी कम हो गया था. हम मेन रोड से जा रहे थे, तभी अनीश ने सर्विस रोड पर गाड़ी ले ली ओर एक सुनसान जगह, जहा कोई आसपास  दुकान नहीं था वहा रोक दी.
मैं: क्या हुआ अनीश यहाँ क्यों गाड़ी रोक दी.
अनीश: क्या करू संध्या, तुम्हे देखकर लण्ड फनफना रहा. प्लीज पास आ जाओ  थोड़ा रोमांस करते हैं.
मैं: नहीं बाबा यहाँ नहीं..आपको क्या हो गया ? ...अभी भी गाड़िया आ - जा रही..लोग देखेंगे.
अनीश ने मुझे उसकी तरफ खींच लिया ओर चूमने लगा. कहा : देखने दो. उन्हें भी पता चले की मैं अपनी बीवी से कितना प्यार करता हूँ.
अनीश का यह रूप ओर अंदाज मेरे लिये नया था. पर मुझे अच्छा लगा.. अनीश ने दोनों सामने के सीट पीछे कर दी.. ओर मुझे उसपर खिंच लिया..ओर मेरे ओंठ चूसने लगा..उसने मेरे ब्लाउज के सामने के बटन खोल दिए ओर मेरे चूचिया दबाने लगा. हमारे साइड से बहुत सारी गाड़िया जा रही थी. बड़ा रोमांच महसूस हो रहा था. मैंने भी अनीश के शर्ट की ऊपर की कुछ बटन खोल दी ओर उसको चूमने लगी.. अनीश  ने अब मेरे पेटीकोट मैं हात दाल दिया ओर मेरी निकर निचे खिंच ली ओर पूरी निकाल दी.
मैंने कहा: अनीश.  ये क्या किया..मेरी पैंटी क्यों निकाल ली.
अनीश..बस मजा लो रानी..उसने उसकी पैंट का बेल्ट खोल दिया..ओर उसकी अंडरवियर के सात  पैंट भी घुटने के निचे खिंच दी. अब वो एकदम नंगा बैठा. उसका लण्ड फनफना रहा था.
अनीश : चुसो न मेरी जान..तू मेरा लण्ड बहुत अच्छी से चूसती हो.
मैं वही झुककर उसका लण्ड मुह में  ले लिया  ओर  उसके लण्ड का गुलाबी सूपड़ा चूसने लगी..मुझे मीठे स्ट्रॉबेरी जैसे लगा. 
हरीश बहुत गरम हो गया था.. उसने मेरा पेटीकोट ओर साड़ी दोनों ऊपर उठाकर मेरे कमर के ऊपर कर दिए..अब मैं भी पेटीकोट के अंदर एकदम नंगी थी. वह मेरी चुत से खेलने लगा, सहलाने लगा. मेरी चुत एकदम गीली हो गयी थी. 
मैं: आह अनीश..लोग देखेंगे...इतने बेशरम कैसे हो गये आज..
अनीश: तू है ही इतनी कमसीन ओर सुन्दर संध्या. तुझे देखकर कोई भी मर्द बेशरम हो जायेगा. धर्मेश चाचा भी आज तुझे भुकी नजर से देख रहे थे.
मैं: चलो कुछ भी..वह हमारे पिताजी की उम्र के हैं.
अनीश: उम्र का क्या लेना देना..पूरा समय वह तुम्हे ताड रहे थे.
मैं: तू तुमने सब देख लिया. तुम्हे तो गुस्सा होना चाहिए था, पर उल्टा तुम खुद गरम हो कर मेरे से यहाँ खुली जगह पर शरारत कर रहे हो.
अनीश. मुझे अच्छा लगा..तुम पर गर्व हुआ..मेरी बीवी  की खूबसूरती पर इतने मर्द फ़िदा होते हैं. वैसे धर्मेश चाचा कूद को बड़ा तीसमारखां समझते. पर तूने आज उनको बिलकुल भाव नहीं दिया. सारी हेकड़ी निकाल दी.. बहुत अच्छा लगा..
अनीश: इधर आओ रानी..मेरी गोदी में बैठ जा.. 
मैं उठ गयी..उनके सीट के दोनों बाजु पैर रख कर उनके जंघा पर बैठ गयी. उन्होंने पीछे से अपने दोनों हातों से मेरी गांड उठा दी ओर अपने लण्ड पर मेरी चुत सेट कर धीरे धीरे बैठे को कहा. मैं भी उनके लण्ड पर बैठ गयी. उनका मोटा लण्ड अब मेरी चुत के अंदर था. ऊपर से मेरी पेटीकोट ओर साड़ी ने हमें ढक कर रखा था. तभी मेन रोड से एक बड़ा ट्रक साइड से गया..ओर हमें देखकर जानबूझ कर २-३ बार हॉर्न बजा दिया. 
मैं: अनीश यहाँ रोड पर सुरक्षित नहीं हैं. पुलिस भी आ सकती है. 
अनीश आह बस थोड़ी देर संध्या...वह अपने एक हात से मेरे चुत को सहलाने लगा. उसका दूसरा हाथ मेरे सर पर था..ओर हम पागलों की तरह एक दूसरे को चुम रहे थे. मैंने अपनी जीभ पूरी अनीश के मुँह में डाल दी. निचे अनीश को मेरी चुत का दाणा..मिल गया..वो उसको सहलाने लगा ओर मरोड़ने लगा. निचे से अपनी कमर को धक्का देकर अनीश मुझे  जोर जोर से चोद रहा था. मैं छटपटा रही थी.  हम दोनों  गाड़ी के AC  में भी  पसीना हो रहे थे. अनीश जोर जोर से मेरे ओंठ ओर मेरी जीभ चूस रहा था. उसने तभी..जोर से मेरी चुत का दाना रगड़ दिया...मैं ..आह..ओह्ह...करके उसके लण्ड पर झड़ने लगी. तभी अनीश भी..आह..उफ़...करके मेरी चुत में  उसके पाणी का फंवारा उड़ाने लगा. मैंने कस कर उसको पकड़ लिया..उसने भी मुझे जकड लिया..करीब ५ मिनट वैसे बैठ कर हम शांत होने लगे. 
अनीश: वह संध्या..मस्त मजा आ गया. आय लव यू बेबी ! क्या तुम्हे अच्छा लगा..
मैंने कहा: हाँ बहुत मजा आया अनीश. आय लव यू टू 
अनीश ने मुझे पेपर नैपकिन निकल कर दिये . मैंने उससे मेरी चुत से बाहर निकल रहा उसके लण्ड का पाणी साफ किया, फिर उसका लण्ड ओर गोटिया भी साफ़ की. उसकी गोदी से निचे उतरकर मैं अपनी सीट वापस आ गयी. मैंने अपने कपडे ठीक ठाक कर लिये. पर्स से मेक-उप निकाल कर  खुद को संवार लिया.  अनीश ने भी अपनी पैंट ओर अंडरवियर ऊपर कर के फिर से पहन ली.
गाड़ी स्टार्ट करके हम फिर से घर की तरफ जाने लगे.
जाते जाते मैं सोच रही थी. आज पहली बार मैं अनीश के सात झड़ी थी. कुछ उम्मीद लगा सकती हूँ उससे..ज्यादा नहीं. पर अब मुझे उसकी पसंद धीरे धीरे समज में आ रही थी. आगे चलकर ओर क्या क्या खोज कर पता चलेगा ,, क्या पता. पर आज तो मैं सच में  खुश थी.
अनीश ने कहा: संध्या गोवा जाकर भी ऐसे ही मजे करेंगे.  बीच पर. तुम मस्त सेक्सी स्विम सूट खरीद लो. 
मैं: हांजी..सब कर लुंगी..ओर क्या हुकुम मेरे आका. ?
अनीश: अच्छा बोलो.. कही तुम्हारे पीरियड तो नहीं आ जायेंगे.
मैं: वैसे अभी आने चाहिए थे. पर मुझे २-३ दिन पहले पता लग जाता है.. हल्का दर्द चालू होता है. अगर ऐसे कुछ लगा तो मैं दवा खा कर पीरियड्स आगे धकेल दूंगी. ताकि हमारी हनीमून अच्छी से हो जाये.

अनीश खुश हो गया. हम घर पहुँच गये. 
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RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 09:06 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by imles4le - 30-03-2023, 07:52 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by hirarandi - 30-09-2022, 09:50 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:17 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 01-10-2022, 02:04 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:12 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by imles4le - 08-12-2022, 03:58 PM
मैँ बहक जाती हूँ -पार्ट २७ : हनीमून की प्लान ! - by luvnaked12 - 02-11-2022, 09:19 PM



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