Poll: Kya ek auraat ko bahut saare maardon ke saat sex karana accha nahi hain?
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Sirf pati ke saat sex kare, sati savitri
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Aurat ko har type ke maard ka swad lena chahiye
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1 4.35%
Kisi maard ko mana nahi kare
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1 4.35%
Apne pasand ke saab mard ke sat sex kare
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bina umar, rishta, ajnabi ya kisi cheej ka lihaaj na karate saab ke saat sex kare
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Adultery मैँ बहक जाती हूँ - पार्ट ३६ - मेरे पति मौसाजी के कुक (Part 2) !
#78
पार्ट  २२ : एक सरदार, बाकी बेकार !

मैं राजवीर के पीछे पीछे चलने लगी. जैसे सीढ़ियां चढ़ने लगे, राजवीर ने मुझे उसके आगे चलने को कहा. प्लीज मुझे पीछे से तेरी मटकती गांड देखनी है. 
राज: संध्या तू सीढ़ी चढ़ती है, तेरे चूतड़ पीछे से मस्त हिलते है..क्या मस्त गांड है तेरी - भरी और गदरायी सी. !
उसने पीछे से स्कर्ट के अंदर हात डाल कर मेरी गांड पकड़ ली और मेरे चूतड़ अपने दोनों हातों से मसलने लगा.
मैं एक पैर जैसे ऊपर कर देती, सीढी  चढ़ने , वह निचे  से मेरे चुत को भी पकड़कर दबा देता. मेरी चुत अब बहुत गीली हो गयी थी. मैं जानबूझ कर धीरे धीरे गांड को ठुमके देकर चल रही थी. राज एकदम पागल हो गया था. 
राज: तेरी चुत की भट्टी आज बहुत गरम है.
मैं: हाँ..जल्दी से इसको शांत कर दे.
हम छत पर पहुँच गये. इतनी लम्बी बड़ी छत पर कोई नहीं था. बाकि की बिल्डिंग / इमारतें भी बहुत दूर थी. शाम के अँधेरे में कोई  देख नहीं सकता था. 
मैंने कहा - राज कोई आ जायेगा तो?
राज: कोई नहीं आयेगा संध्या, मैं हूँ.. तू डर मत.

छत की टावर के बाजु एक कोना था..वहा एक- दो पुराने टेबल भी पड़े थे. हरीश ने अपने पूरे कपडे निकाल दिये और टेबल के कोने पर रख दिये. राजवीर पंजाब का सरदार शेर था. झट से नंगा हो गया. मैं उसको पहली बार नंगा देख रही थी. साढ़े  छह  फ़ीट लम्बा - हट्टा-कट्टा, बड़ी दाढ़ी, सर पर पगड़ी.. उसकी मांसल भुजाये , और उसकी किसी मोटे चौडे खंबे जैसे जंघा - एकदम बॉलीवुड के सनी देओल जैसे लगता था. उसका पूरा गोरा बदन सर से पाँव तक काले घुंगराले बालों से भरा था. उसकी मोटी जांघों के बीच से लटकता उसका गोरा लण्ड - १० इंच का, मोटा गुलाबी सूपड़ा, ओर उसकी दोनों टांगों के बिच उसके लटकते टट्टे ..मुझे वह स्वप्निल से भी सुन्दर लग रहा था. मेरे जीवन का सबसे सुन्दर ओर मरदाना  नंगा आदमी..शायद..!

राजवीर ने खड़े खड़े मुझे भी नंगा कर दिया..और पागलों की तरह मुझे चूमने लगा, मेरे आम मसल कर चूसने लगा. उसने मुझे टेबल की दूसरी बाजु बिठा दिया. मैंने अपने दोनों हातों से उसका लण्ड पकड़ लिया. उसका लण्ड एकदम गरम ओर सख्त था. मैंने राजवीर का मुँह मेरे मम्मों से दूर किया..
मैं: राजवीर ये चुम्मा चाटी बाद में  करो यार . पहले इसको मेरे अंदर डाल दो.
राजवीर ने मुझे टेबल पर सुला दिया ओर मेरे पैर ऊपर करके मेरी छाती से लगा दिये. अब मेरी गांड ऊपर हो गयी थी ओर चुत सामने खुल गयी थी. राजवीर ने अपने हातों से मेरी चुत मसल दी..ओर हलके से अपन हातों से मेरी चुत पर मार  दिया. 
मैं: आह.....ओह..राज..दर्द होता हैं. मारो मत. जल्दी से डाल दो.
राज: चुप बेहेन की लोड़ी...   तेरी फुद्दी में  तो आग लग गयी है.. बता क्या डाल दू..ठीक से बता.
मैं: मेरी फुद्दी में  तेरा लण्ड डाल दे राजवीर प्लीज्.
राज: हम्म..  मेरी रानी..तेरी गरम फुद्दी मैं अपना लण्ड डाल कर तेरी फुद्दी बज बजा कर लाल कर दूंगा. तेरी फुद्दी पर मूत कर तेरी फुद्दी को ठंडा कर दू? 
मैं: ओह राज...प्लीज डाल दे..मुझे चोद दे.. 
राज: ले रंडी..तू ही अपने हातों से मेरा लण्ड तेरी फुद्दी में  डाल दे.
मैं अपने दोनों हातों से राज का लण्ड पकड़ कर अपने फुद्दी पर रख दिया. पर वह धक्का नहीं मार रहा. मैंने गांड ऊपर उछाल दी ताकि उसका लण्ड चुत के अंदर डाल दू. उसके लण्ड का टोपा मेरे दाणे पर फिसल जाता ओर घिस जाता.
मैं: ओह.. माँ.. प्लीज राजवीर अंदर डाल दे..मैं मार जाउंगी.
राज: तुझे थोड़ी मरने दूंगी रानी. मारूंगा तो मैं तेरी फुद्दी.. रोज चोद चोद कर इसको सुजा दूंगा. पहले  बोल..रोज मेरे से अपनी फुद्दी चुदवायेगी ना ?
मैं: हाँ  हमेशा तेरे लण्ड से अपनी फुद्दी चुदवा लुंगी, बस अब डाल दे.
राज:  प्रॉमिस कर. ओर रोज क्लास में नंगी आकर मेरे बाजू बैठोगी. 
मैं - हां रोज सिर्फ स्कर्ट मैं आउंगी..बिना पैंटी के ओर तेरे बाजू बैठूंगी.
राजवीर ने एक लम्बा जोर से धक्का दिया - ओर एक ही झटके में  उसका पूरा लण्ड मेरी चुत में डाल दिया.. मैं ..ओह माँ.बोल कर जोर से  चीख उठी.  वैसे उसने मेर मुँह पर हात रख दिया ताकि मेरी आवाज किसी को सुनाई ना दे.
सरदार अब उसका पूरा १० इंच का लण्ड मेरी चुत में गड़ाये था. मैं कांप रही थी. सिसक रही थी. इतने बड़े लण्ड से छटपटा रही थी. 
राजवीर ने दूसरे हात से मेरा दाना मसलना चालू कर दिया. कुछ देर तक वह वैसे ही मुज़मे फंसा रहा. अब मुझे कुछ राहत मिली थी.. उसने अपना आधा लण्ड बहार निकाला ओर फिर से मेरी चुत में अंदर तक टिका दिया. मैं..आह.कर के चिल्लाई पर उसने अभी भी उसका हात मेरे मुँह पर रखा था. राजवीर अब मुझे धीरे धीरे, लण्ड अंदर-बहार कर के चोद रहा था. अब उसने रफ़्तार बढ़ा दी थी ओर पूरा लण्ड अंदर बहार करके मुझे चोद रहा था.
ले रंडी..अब तू भी मेरे लण्ड की गुलाम बन गयी. रोज अपने लण्ड से तुझे सांड जैसे चोदूंगा. आज तक किसी ने तेरी फुद्दी ऐसे चुदी नहीं होगी.   . 
रोज तुझे मसल दूंगा..चोद चोद कर तेरी फुद्दी ख़राब कर दूंगा. रोज तू अपने चूतड़ मेरे लण्ड पर उछाल उछाल कर चुदवायेगी. 
मैं छटपटा रही थी. मेरी चुत जवाब दे रही थी. मैंने.. आह मार गयी..ओह..उफ़...करके  उठकर राजवीर को मेरे ऊपर खिंच लिया . उसके ओंठो को मेरे मुँह से जोर से चूसकर / उसके लण्ड पर झड़ने लगी. राजवीर को यह अपेक्षित नहीं था..मेरी चुत के गर्माहट ओर पानी से, वह भी मेरी चुत के अंदर झटके देने लगा. उसका गरम पाणी, मेरी चुत में अंदर तक चला गया.  मैंने राजवीर को कस के बाँहों में  पकड़ लिया था. निचे उसका लण्ड मेरी चुत मैं - एक..२..३...करके झटके लगाता रहा ओर अपना वीर्य का फंवारा मेरी चुत के अंदर उडाता रहा. मैंने थक कर उसको कसके पकड़कर  उसके कंधे पर अपनी गर्दन रख दी. तभी मेरी नजर सामने गयी. मुझे टेरेस की दरवाजे के  पीच्छे कुछ दिखा. मैंने गौर से देखा. अनीता वहा दरवाजे की पीछे छुपकर हमें देख रही थी.

मैंने राजवीर के कान मैं धीरे से कहा: अनीता हमें दरवाजे के पीछे छुपकर देख रही है.
राजवीर: देखने दे. मुझे उसमे ऐसे भी कोई इंटरेस्ट नहीं है अब.
मैंने उसके  पीठ पर हात फेरते उसकी गांड को जोर से चिमटी ले ली.. 
राजवीर- आह संध्या..कमीनी !  इतनी जोर से .चिमटी क्यों ले रही हो.
मैं: कमीने . ! कुछ दिनों बाद मुझे भी कहेगा की अब कोई इंटरेस्ट नहीं रहा. 
राजवीर: नाही जान , मैं तो तुझे फर्स्ट दिन से देखा, तब से प्यार करता हूँ. तू कहे तो अभी आज तेरे से शादी कर लू. अपने १०-१२ बच्चों की माँ बना दू. 
राजवीर का लण्ड अभी भी मेरी चुत में था. अभी भी ऊ वो सख्त था. 
मैं: तूने मुझे थका दिया. अब मुझे हॉस्टल तक पैदल जाने की इच्छा नहीं है.
राजवीर: कोण तुझे जाने को कहा रहा .. तू कहे तो तुझे  ऐसे ही ले चलू.
ऐसा कहकर रणवीर ने मुझे अपने लण्ड पर उठा लिया ओर मेरी गांड निचे से पकड़कर गोदी में ले लिया. मैं भी उसको वैसे ही चिपके रही ओर गर्दन पर हात डालकर पकडे रही. . 
रणवीर: आजा , आज तुझे कॉलेज  की टेरेस की सैर  कराता हूँ. 
वह मुझे वैसे ही अपने लण्ड पर बिठा कर कॉलेज की टेरेस पर चारो बाजू घूमने लगा. चलने की वजह से मैं उसके लण्ड पर उछल जाती. छत की दिवार हमारे कमर तक थी. पर निचे से कोई देखता तो जरूर पता चलता की हम क्या कर रहे. ऊपर से हम नंगे थे. ओर रणवीर की लम्बाई अच्छी होने से, उसने ऊपर तक मुझे गोदी में उठा लिया था. इसी रोमांच में , मैं फिर से रणवीर के लण्ड पर झड़ गयी. मैंने उसको कास के पकड़ लिया ओर उसके  ओंठों को चूसने लगी. उसने भी मेरे मुँह  में अपनी जीभ डाल दी ओर फिर से मुझे उसके गरम लण्ड के झटके ओर पाणी के फंवारे का अहसास मेरी चुत के अंदर हुआ. वह भी कांप कर मेरी चुत में  झड़ने लगा. चलते चलते मेरी चुत का पाणी ओर रणवीर के लण्ड के पाणी ..की बुँदे टेरस पर सब जगह गीर गयी. 
रणवीर ने कहा : मजा आया संध्या..?
मैं: बहुत.. तू बहुत मस्त है. ..
रणवीर: सब से अच्छी तू है. पर याद  रख.. एक सरदार . बाकी बेकार !
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RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 09:06 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by imles4le - 30-03-2023, 07:52 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by hirarandi - 30-09-2022, 09:50 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:17 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 01-10-2022, 02:04 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:12 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by imles4le - 08-12-2022, 03:58 PM
मैँ बहक जाती हूँ - पार्ट २२: एक सरदार, बाकी बेकार (Interfaith) ! - by luvnaked12 - 25-10-2022, 05:02 PM



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