26-12-2018, 02:02 PM
आकाश तब तक तेज धक्के लगाता रहा जब तक सोनाली पूरी झड़कर शांत नहीं हो गई। आकाश अपना लण्ड उसकी चूत में डाले उसके ऊपर लेट गया और अपनी जीभ निकलकर उसके मुँह में डाल दी, जो सोनाली बड़े मजे से चूसने लगी।
कुछ देर बाद आकाश ने सोनाली से कहा- “मुझे वैसेलीन लाकर दो...”
सोनाली ने चौंकते हुए कहा- “क्यों क्या हुआ?”
आकाश ने कहा- “मुझे तुम्हारी गाण्ड मारनी है...”
सोनाली का मुँह फटा रह गया, और कहा- “आकाश तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा है, मेरी गाण्ड फट जाएगी...”
आकाश- “कुछ नहीं होगा तुम्हें मुझपर भरोसा है ना? मैं आराम से डालूंगा...”
सोनाली उठकर वैसेलीन ले आई। आकाश ने सोनाली को उल्टा लेटाया और और वैसेलीन से एक उंगली चिकनी करके उसकी गाण्ड में अंदर तक फिराने लगा। ऐसा दो तीन बार करने के बाद जब उसे तसल्ली हो गई की। गाण्ड चिकनी हो गई है तो उसने वैसेलीन से अपना लण्ड चिकना किया और उसकी गाण्ड पर रखकर जोर लगाया, तो उसके लण्ड का टोपा अंदर चला गया। सोनाली के मुँह से 'आह' निकल गई। आकाश ने एक और धक्का मारा, तो उसका आधा लण्ड उसकी गाण्ड में घुस गया।
सोनाली दर्द के मारे चिल्ला उठी- “ओईई... ओह... आकाश दर्द हो रहा है, बाहर निकालो...”
आकाश ने उसकी ना सुनते हुये अपने आधे लण्ड से ही उसे चोदने लगा। थोड़ी देर बाद सोनाली का भी दर्द खत्म हो गया और वो मजे से अपनी गाण्ड मरवाने लगी। आकाश ने जब देखा सोनाली का दर्द खत्म हो गया है। तो उसने अपना लण्ड बाहर निकालकर एक जोर का धक्का मार दिया और अपना पूरा लण्ड उसकी जड़ तक घुसा दिया।
सोनाली- “ओईई... मर गई... मेरी गाण्ड फट गई...” और छटपटाने लगी।
आकाश ने उसे जोर से पकड़ रखा था। कुछ देर बाद सोनाली कुछ शांत हुई तो आकाश उसे हल्के-हल्के धक्के लगाने लगा। सोनाली के मुँह से अब हल्की-हल्की सिसकियां निकलने लगी। आकाश ने धक्के लगाते हुए सोनाली के चूतड़ों पे थप्पड़ मारने लगा। अब सोनाली को भी मजा आने लगा और वो अपने चूतड़ हिलाकर अपनी गाण्ड मरवाने लगी। आकाश सोनाली की गाण्ड मारते हुए अपनी उंगलियों से उसकी चूत मसलने लगा। सोनाली का दर्द बिल्कुल गायब हो चुका था, उसे अपनी गाण्ड में आकाश का लण्ड बहुत मजा दे रहा था।
सोनाली अब जोर से चिल्लाते हुए कहने लगी- “आकाश तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा है। मुझे बहुत मजा आ रहा है। ऐसे ही मेरी गाण्ड मारते रहो...”
कुछ देर बाद आकाश ने सोनाली से कहा- “मुझे वैसेलीन लाकर दो...”
सोनाली ने चौंकते हुए कहा- “क्यों क्या हुआ?”
आकाश ने कहा- “मुझे तुम्हारी गाण्ड मारनी है...”
सोनाली का मुँह फटा रह गया, और कहा- “आकाश तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा है, मेरी गाण्ड फट जाएगी...”
आकाश- “कुछ नहीं होगा तुम्हें मुझपर भरोसा है ना? मैं आराम से डालूंगा...”
सोनाली उठकर वैसेलीन ले आई। आकाश ने सोनाली को उल्टा लेटाया और और वैसेलीन से एक उंगली चिकनी करके उसकी गाण्ड में अंदर तक फिराने लगा। ऐसा दो तीन बार करने के बाद जब उसे तसल्ली हो गई की। गाण्ड चिकनी हो गई है तो उसने वैसेलीन से अपना लण्ड चिकना किया और उसकी गाण्ड पर रखकर जोर लगाया, तो उसके लण्ड का टोपा अंदर चला गया। सोनाली के मुँह से 'आह' निकल गई। आकाश ने एक और धक्का मारा, तो उसका आधा लण्ड उसकी गाण्ड में घुस गया।
सोनाली दर्द के मारे चिल्ला उठी- “ओईई... ओह... आकाश दर्द हो रहा है, बाहर निकालो...”
आकाश ने उसकी ना सुनते हुये अपने आधे लण्ड से ही उसे चोदने लगा। थोड़ी देर बाद सोनाली का भी दर्द खत्म हो गया और वो मजे से अपनी गाण्ड मरवाने लगी। आकाश ने जब देखा सोनाली का दर्द खत्म हो गया है। तो उसने अपना लण्ड बाहर निकालकर एक जोर का धक्का मार दिया और अपना पूरा लण्ड उसकी जड़ तक घुसा दिया।
सोनाली- “ओईई... मर गई... मेरी गाण्ड फट गई...” और छटपटाने लगी।
आकाश ने उसे जोर से पकड़ रखा था। कुछ देर बाद सोनाली कुछ शांत हुई तो आकाश उसे हल्के-हल्के धक्के लगाने लगा। सोनाली के मुँह से अब हल्की-हल्की सिसकियां निकलने लगी। आकाश ने धक्के लगाते हुए सोनाली के चूतड़ों पे थप्पड़ मारने लगा। अब सोनाली को भी मजा आने लगा और वो अपने चूतड़ हिलाकर अपनी गाण्ड मरवाने लगी। आकाश सोनाली की गाण्ड मारते हुए अपनी उंगलियों से उसकी चूत मसलने लगा। सोनाली का दर्द बिल्कुल गायब हो चुका था, उसे अपनी गाण्ड में आकाश का लण्ड बहुत मजा दे रहा था।
सोनाली अब जोर से चिल्लाते हुए कहने लगी- “आकाश तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा है। मुझे बहुत मजा आ रहा है। ऐसे ही मेरी गाण्ड मारते रहो...”