26-12-2018, 02:02 PM
जय नीचे होता हुआ सोनाली की सलवार नीचे करते हुए उसकी पैंटी भी उतार दी, और अपने मुँह से अपनी जीभ निकालकर उसकी चूत चाटने लगा।
सोनाली मजे से ‘आह्ह्ह' करने लगी। वो बहुत गर्म हो गई थी। सोनाली से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उसने जय को नीचे गिराया और खुद उसके ऊपर अपनी दोनों टाँगें फैलाकर बैठ गई और अपने चूतड़ जय के अंडरवेर के ऊपर से ही लण्ड पर रगड़ने लगी। जय मजे से पागल हो रहा था। उसने सोनाली की एक चूची को अपने मुँह में ले लिया और जोर से काटने लगा।
सोनाली के मुँह से एक चीख निकल गई- “ओईई... आह्ह्ह...” और उसने नीचे होते हुए जय का अंडरवेर उतार दिया और अपनी जीभ निकालकर उसका लण्ड गीला किया और अपनी चूत उसपर रखकर नीचे बैठ गई। जय का पूरा लण्ड सोनाली की चूत में घुस गया और उसके मुँह से मजे से सिसकी निकल गई। सोनाली ने जय का पूरा लण्ड अपनी चूत में लिए हुए उसे अपनी गहराइयों तक महसूस करने लगी। वो अपने चूतड़ हिलाकर जय के लण्ड को अपनी चूत के अंदर दाएं और बाएं फिराने लगी।
जय मजे के मारे सोनाली की चूचियों को मसलने लगा। सोनाली अब अपने चूतड़ उठाकर धक्के लगाने लगी और उसने अपनी जीभ निकालकर जय के मुँह में डाल दी। जय उसकी जीभ चाटता हुआ नीचे से धक्के लगाने लगा। सोनाली अब झड़ने वाली थी। वो अपने चूतड़ बहुत तेजी से ऊपर-नीचे करते हुए ‘आअह्हह' के साथ झड़ने लगी और शांत होकर जय के सीने पर लेट गई।
आकाश भी यह सब देखकर गरम हो गया था और अपनी पैंट और अंडरवेर उतारकर अपने हाथों से लण्ड सहला रहा था।
जय ने सोनाली को उल्टा किया और अपना लण्ड पीछे से उसकी चूत में डाल दिया। जय सोनाली को पीछे से बहुत जोर से चोद रहा था। हर धक्के के साथ जय के आंडे सोनाली की गाण्ड से टकरा रहे थे। अब सोनाली भी गर्म होने लगी और अपने चूतड़ों को आगे-पीछे करने लगी।
सोनाली मजे से ‘आह्ह्ह' करने लगी। वो बहुत गर्म हो गई थी। सोनाली से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उसने जय को नीचे गिराया और खुद उसके ऊपर अपनी दोनों टाँगें फैलाकर बैठ गई और अपने चूतड़ जय के अंडरवेर के ऊपर से ही लण्ड पर रगड़ने लगी। जय मजे से पागल हो रहा था। उसने सोनाली की एक चूची को अपने मुँह में ले लिया और जोर से काटने लगा।
सोनाली के मुँह से एक चीख निकल गई- “ओईई... आह्ह्ह...” और उसने नीचे होते हुए जय का अंडरवेर उतार दिया और अपनी जीभ निकालकर उसका लण्ड गीला किया और अपनी चूत उसपर रखकर नीचे बैठ गई। जय का पूरा लण्ड सोनाली की चूत में घुस गया और उसके मुँह से मजे से सिसकी निकल गई। सोनाली ने जय का पूरा लण्ड अपनी चूत में लिए हुए उसे अपनी गहराइयों तक महसूस करने लगी। वो अपने चूतड़ हिलाकर जय के लण्ड को अपनी चूत के अंदर दाएं और बाएं फिराने लगी।
जय मजे के मारे सोनाली की चूचियों को मसलने लगा। सोनाली अब अपने चूतड़ उठाकर धक्के लगाने लगी और उसने अपनी जीभ निकालकर जय के मुँह में डाल दी। जय उसकी जीभ चाटता हुआ नीचे से धक्के लगाने लगा। सोनाली अब झड़ने वाली थी। वो अपने चूतड़ बहुत तेजी से ऊपर-नीचे करते हुए ‘आअह्हह' के साथ झड़ने लगी और शांत होकर जय के सीने पर लेट गई।
आकाश भी यह सब देखकर गरम हो गया था और अपनी पैंट और अंडरवेर उतारकर अपने हाथों से लण्ड सहला रहा था।
जय ने सोनाली को उल्टा किया और अपना लण्ड पीछे से उसकी चूत में डाल दिया। जय सोनाली को पीछे से बहुत जोर से चोद रहा था। हर धक्के के साथ जय के आंडे सोनाली की गाण्ड से टकरा रहे थे। अब सोनाली भी गर्म होने लगी और अपने चूतड़ों को आगे-पीछे करने लगी।