26-12-2018, 02:01 PM
सोनाली, आकाश और जय का थ्री-सम
सोनाली ने आकाश को फोन किया- “हेलो मैं सोनाली बात कर रही हूँ...”
आकाश- हाँ डार्लिंग क्या हाल है, मैं भी तुम्हें ही याद कर रहा था।
सोनाली- आपकी बहुत याद आ रही है आप जय से कहकर आज भी आ जाओ।
आकाश खुश होते हुए- “डार्लिंग, मैं अभी जय से बात करता हूँ, तुम सच में बहुत गरम माल हो...”
थोड़ी देर बाद सोनाली के मोबाइल पर जय का फोन आया। जय ने कहा- “सोनाली आकाश सर, आज फिर से आने को कह रहे हैं। उसे तुम बहुत पसंद आ गई हो...”
सोनाली ने नाटक करते हुए कहा- “जय मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हूँ जैसा तुम्हें अच्छा लगे...”
जय- “आज मेरा भी बहुत मूड है। आकाश सर के साथ मैं भी आ जाता हूँ..."
सोनाली यह बात सुनकर बहुत गर्म हो गई। आज उसे दो लण्ड मिलने वाले थे। सोनाली नहाने चली गई और फ्रेश होकर अपने जिश्म पर बाडी स्प्रे किया और कपड़े पहनकर उन दोनों का इंतेजार करने लगी। कुछ देर बाद दरवाजे की आवाज सुनकर सोनाली ने जाकर दरवाजा खोला और उन दोनों को अपने कमरे में ले आई।।
आकाश ने सोफे पर बैठते हुए कहा- “आज मैं तुम दोनों की चुदाई देखना चाहता हूँ..”
जय ने आगे बढ़कर सोनाली की कमीज उतार दी। उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां ब्लैक ब्रा में चमक रही थी। सोनाली पहले से ही बहुत गरम थी। उसने जय की शर्ट उतार दी और पैंट का बेल्ट खोलकर उसे भी नीचे गिरा दिया। जय ने अपने होंठ सोनाली के होंठों पर रखे और उसका नीचे वाला होंठ चूसने लगा। आकाश बेड पर बैठा उन दोनों का खेल देख रहा। जय ने सोनाली के होंठ चूसते हुए अपने हाथों से उसकी ब्रा उतार दी। जय सोनाली की बड़ी-बड़ी चूचियां देखकर पगला गया और उसकी चूचियों को बड़े जोर से चूसते हुए अपने दाँतों से उसे काटने लगा। सोनाली के मुँह से सिसकियां निकलने लगी।
सोनाली ने आकाश को फोन किया- “हेलो मैं सोनाली बात कर रही हूँ...”
आकाश- हाँ डार्लिंग क्या हाल है, मैं भी तुम्हें ही याद कर रहा था।
सोनाली- आपकी बहुत याद आ रही है आप जय से कहकर आज भी आ जाओ।
आकाश खुश होते हुए- “डार्लिंग, मैं अभी जय से बात करता हूँ, तुम सच में बहुत गरम माल हो...”
थोड़ी देर बाद सोनाली के मोबाइल पर जय का फोन आया। जय ने कहा- “सोनाली आकाश सर, आज फिर से आने को कह रहे हैं। उसे तुम बहुत पसंद आ गई हो...”
सोनाली ने नाटक करते हुए कहा- “जय मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हूँ जैसा तुम्हें अच्छा लगे...”
जय- “आज मेरा भी बहुत मूड है। आकाश सर के साथ मैं भी आ जाता हूँ..."
सोनाली यह बात सुनकर बहुत गर्म हो गई। आज उसे दो लण्ड मिलने वाले थे। सोनाली नहाने चली गई और फ्रेश होकर अपने जिश्म पर बाडी स्प्रे किया और कपड़े पहनकर उन दोनों का इंतेजार करने लगी। कुछ देर बाद दरवाजे की आवाज सुनकर सोनाली ने जाकर दरवाजा खोला और उन दोनों को अपने कमरे में ले आई।।
आकाश ने सोफे पर बैठते हुए कहा- “आज मैं तुम दोनों की चुदाई देखना चाहता हूँ..”
जय ने आगे बढ़कर सोनाली की कमीज उतार दी। उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां ब्लैक ब्रा में चमक रही थी। सोनाली पहले से ही बहुत गरम थी। उसने जय की शर्ट उतार दी और पैंट का बेल्ट खोलकर उसे भी नीचे गिरा दिया। जय ने अपने होंठ सोनाली के होंठों पर रखे और उसका नीचे वाला होंठ चूसने लगा। आकाश बेड पर बैठा उन दोनों का खेल देख रहा। जय ने सोनाली के होंठ चूसते हुए अपने हाथों से उसकी ब्रा उतार दी। जय सोनाली की बड़ी-बड़ी चूचियां देखकर पगला गया और उसकी चूचियों को बड़े जोर से चूसते हुए अपने दाँतों से उसे काटने लगा। सोनाली के मुँह से सिसकियां निकलने लगी।