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किरायेदार और मकान मालिक का परिवार
#21
शिल्पी ने स्किन टाइट जीन्स और क्रॉप टॉप पहना था। उसके होंठो को चूसने के बाद मैंने उसको अपने गोद मे बिठा लिया और उसके बूब्स को मसला। उसके बूब्स को मैंने काफी जोर से मसला जिससे उसकी आह निकल गई। उसके बाद मैंने उस कल का प्लान बताया और फिर उसको घर के लिए भेज दिया

फिर मैं मार्केट जा के शिल्पी के लिए एक सेक्सी वन पीस ख़रीदा और रात को थोड़ी लेट से घर आया। घर आते आते लगभग 9 बज गए थे और मंजू गेट पर ही मेरा इंतजार कर रही थी। मंजू और मैं एक दूसरे को देख कर मुस्कुराए और मंजू मुझे जल्दी से फ्रेश होने को बोली। मेरे छत पर आने के लगभग 15 मिनट बाद मंजू डिनर ले कर छत पर आ गई। डिनर तो बहाना था, आते ही मंजू मुझसे गले लग कर चिपक गई और सुबह ना आने के लिए मुझे सॉरी बोलने लगी। मैंने ओके बोल के बैठ गया तो उसने मुझे अपने हाथों से खिलाया। खाने के बाद उसने मेरे शॉर्ट्स को नीचे किया और मेरे लंड के चारो ओर अपनी जीभ फेरने लगी। उसके वहा पर जीभ फेरने से पूरे शरीर मे हलचल होने लगी। फिर उसने मेरा लंड अपने मुँह मे ले लिया, मैं भी जोश मे आकर उसके सर को पकड़ा और अपने लंड से जोर जोर से झटका उसके मुँह मे देने लगा। थोड़ी देर मे मैंने लंड का पूरा वीर्य उसके मुँह मे छोड़ दिया। उसके बाद मैंने उसकी नाईटी ऊपर की और उसके चुत मे अपना लंड डाल दिया। मंजू आज बिना पैंटी के नाईटी पहने आई थी।यह एक रेगुलर सेक्स था जो कर के मंजू नीचे चली गई और मैं भी कल का प्लान सोचते सोचते सो गया।

आज सुबह हुई और शिल्पी सुबह 7:30 बजे घर से स्कूल के नाम से निकल गई। उसके जाते ही मंजू ऊपर ब्रेकफास्ट लेकर आई। आज अभी मुझे मंजू के ब्रेकफास्ट मे कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन मंजू मुझे अपने हाँथो से खिलाना चाहती थी। जल्दी जल्दी मैं ब्रेकफास्ट कर के निकला। अपने मीटिंग पॉइंट पर मैं शिल्पी से मिला और शिल्पी की साइकिल लेकर चला गया। उसकी साइकिल अपने ऑफिस मे रखकर मैं अपने फ्रेंड की कार लेकर वापिस शिल्पी के पास आ गया। शिल्पी अपने स्कूल यूनिफार्म यानी शार्ट स्कर्ट और शर्ट मे थी।

कार की ड्राइविंग सीट पर मैं था और बगल मे शिल्पी। इस तरह सुबह 8 बजे हम दोनों दिल्ली की ओर कार से चल पड़े। शिल्पी को मैंने टेढ़ा होकर बैठने को कहा और अपना एक हाथ उसके जांघ पर रखकर हाथ फेरने लगा। कभी मैं उसके जांघो पर हाथ फेरता कभी उसके बूब्स पर। इस बीच रास्ते मे वन पीस जो ख़रीदा था मैंने निकाल कर शिल्पी को बदलने को कहा। अब शिल्पी को चलती कार मे कपड़े बदलना था। शिल्पी ने अपनी शर्ट खोली और वन पीस पहन लिया। फिर उसने नीचे से स्कर्ट भी उतार कर कार के पीछे वाली सीट पर रख दिया। इस तरह 9 :30 बजे मैं दिल्ली पहुँचा जहाँ मैंने एक 5 स्टार होटल मे सूट बुक करा रखा था।

होटल के रिसेप्शन पर बुकिंग और आईडी कार्ड्स दिखा कर हमने चेक इन किया।
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RE: किरायेदार और मकान मालिक का परिवार - by raj4bestfun - 25-06-2022, 01:37 PM



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