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Adultery बीवी की सहेली को मेले में चोदा
#4
भीड़ के कारण लोग एक दूसरे से चिपक कर खड़े थे. मैं भी आगे खड़ी अनुराधा से चिपक गया. मेरा लंड उसके चूतड़ों के बीच की लकीर में चिपक गया.
उसी समय मैंने अपना दायां हाथ उसके दाहिने तरफ़ के चूतड़ पर धीरे से रख दिया.
उसके चूतड़ पर हाथ रखते ही मुझे ऐसा लगा मानो मैं किसी मख़मली गाव तकिया को छू रहा हूँ. मेरा लंड मेरी जींस में और भी ज्यादा टाइट होकर अकड़ हो गया. लंड अनुराधा के चूतड़ों के बीच में घुसने की कोशिश करने लगा. मुझे बहुत मज़ा आने लगा.
शायद उसे भी लंड के चुभने का अहसास होने लगा था. एक दो मिनट तो उसने कुछ नहीं कहा. फिर उसने मुझे एकदम से पलट कर देखा तो मैं डर गया.
उसी समय उसने धीरे से मुझे स्माइल दे दी.
उसकी मुस्कान से लगा कि वो भी मेरे लंड का आनन्द लेना चाह रही हो. मैंने अब बिंदास उसकी गांड में अपना लंड सटा दिया. उसने भी मेरे लंड को अपनी गांड हिला कर इशारा दे दिया कि ये छेद तेरे लिए रेडी है.
अनुराधा मुझसे सटी हुई नीचे उतरने लगी. मैंने इसी समय उसकी कमर पर हाथ रख कर एक जोरदार ठुमका लगाते हुए उसकी आह निकाल दी.
वो धीरे से फुसफुसाई- जीजू मत करो न … मुझे कुछ कुछ हो रहा है. मैंने उसकी गर्दन के पास अपना मुँह ले जाकर कहा- मुझे तो बहुत कुछ हो रहा है.
वो कुछ नहीं बोली, बस हंस दी.
फिर उतरते हुए ही उसने मुझे फ़ोन पर मैसेज किया कि आप टॉयलेट के पास मिलिए, मुझे आपसे अकेले में काम है. मैं समझ गया कि आज काम हो जाएगा.
नीचे उतरते ही उसने मेरी बीवी से कहा- अच्छा तुम रुको, मैं ज़रा टॉयलेट से आती हूँ. मेरी बीवी ने कहा- इधर टॉयलेट कहां है?
मैंने बताया कि मेला कमेटी ने टॉयलेट बाहर की तरफ बनाए हैं मुझे भी जाना है मैं अनुराधा के साथ चला जाता हूँ. मेरी बात सुनकर मेरी बीवी ने कहा- ओके मैं तब तक कुछ सामान खरीद लेती हूँ.
अनुराधा तब तक अपनी गांड मटकाती हुई चली गयी. मेरी बीवी मुझसे सामान ख़रीदने की ज़िद करने लगी.
मैंने कहा- ठीक है ये पैसे रख लो, तुम जब तक सामान ख़रीदो, तब तक मैं भी टॉयलेट जा रहा हूँ.
इसके बाद मैं टॉयलेट के पास आया. वो बाहर खड़ी थी.
ये टॉयलेट सुनसान जगह पर बना था.
उसने जल्दी से मेरा हाथ पकड़ा और मुझे एक टॉयलेट में खींच लिया. अन्दर घुसते ही अनुराधा ने दरवाज़ा बंद कर दिया.
मुझे यह समझते देर ना लगी कि आज टॉयलेट में मेरी सेक्स की इच्छा पूरी होने वाली है. मैंने उसका इशारा समझ लिया था.
उसने कहा- जीजा जी, मेरी प्यास बुझा दीजिए. मैंने उसको अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसके दोनों चूतड़ों को हाथों से दबाने लगा.
वो आह आह करके आवाज निकालने लगी और कहने लगी- जीजू, थोड़ा धीरे दबाओ यार … दर्द होता है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बीवी की सहेली को मेले में चोदा - by neerathemall - 21-03-2022, 05:39 PM



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