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मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
कुछ देर के लिए कमरे में शांति छाई रही, फिर अभिषेक ने अनिकेत की ओर देखकर कहा.


" एक बात बताओगे अनिकेत ? तुम हमारी Fantasy के बारे में क्या सोचते हो ? ".

अनिकेत ने सकपकाकर पहले मेघना और फिर अभिषेक को देखा, पर समझ नहीं पाया की क्या बोले.

" मेरा मतलब है... तुम्हें ये सही लगता है या गलत... या फिर ये बस एक घटिया सोच भर है. तुम्हारे विचार क्या हैं इस बारे में... You know ! ". अभिषेक ने अपना प्रश्न समझाया.

अनिकेत को पता था की अभिषेक सचमुच में उसके विचार नहीं जानना चाहता, बल्कि उसके मुँह से ये भर सुनना चाहता है की उन दोनों पति पत्नि का ये आईडिया नैतिक रूप से सही है. ऐसा तभी होता है जब इंसान को पता हो की वो जो कर रहा है, वो गलत है, पर किसी दूसरे की सहमति मिल जाये तो अच्छा लगता है !

" सही गलत की बात नहीं है अभि भैया... ". अपने शब्दों को थोड़ा संभालते हुये अनिकेत ने कहा. " बात आपसी सहमति की है... दोनों की मर्ज़ी का ! ".

" ह्म्म्मम्म... I like the way you think अनिकेत ! ". अभिषेक ने सिर हिलाते हुये कहा, फिर मेघना से बोला. " देखा बेबी... आज की यंग जनरेशन की सोच कितनी फॉरवर्ड है. अनिकेत कॉलेज में है, फिर भी उसकी इस बारे में सोच एकदम क्लियर है. ".

तीनों अपना अपना ड्रिंक पीते रहें.

" तुम्हें तो मेघना ने बताया ही होगा अनिकेत की मैं उसे ना जाने कितने दिनों से इस बारे में मनाने की कोशिश कर रहा था... ". अभिषेक ने कहा. " तुम्हें क्या लगता है अनिकेत, तुम्हारी मेघना भाभी को और पहले मान जाना चाहिए था की नहीं ? ".

" जैसा की मैंने कहा... आपसी सहमति ! ". अनिकेत ने मेघना की ओर देखकर दृढ स्वर में कहा. " अगर मेघना भाभी को अब जाकर लगता है की उन्हें ये सब करने में कोई परेशानी नहीं, तो ये उनकी मर्ज़ी है ! सही गलत कुछ भी नहीं है... बस समय की बात है ! ".

अनिकेत ने अपना ग्लास खत्म करके टी टेबल पर रख दिया.

" Easy अनिकेत... धीरे धीरे पियो ! ". मेघना ने हँसते हुये हिदायत दी.

" अभी डिनर भी करना है भाई... ". अभिषेक ने मुस्कुराकर कहा.

अनिकेत ने आश्चर्य से पहले मेघना को देखा, फिर अभिषेक को, लेकिन कुछ जवाब नहीं दिया. अनिकेत का मूक सवाल समझकर मेघना बोली.

" हाँ अनिकेत. तुमने अपने घर में बताया नहीं की तुम आज रात यहीं डिनर करोगे ? ".

" Come on बेबी... तुम्हें उसे साफ साफ बताना था ना जब यहाँ Invite किया. गलती तुम्हारी है ! ". अभिषेक ने मेघना को डांटा, और अनिकेत की ओर देखकर बोला. " Yes अनिकेत... Take this as an Invitation...एक पार्टी.. Okay ? ".

" Thanks... लेकिन आप... ".

" भाई हमें थोड़े ही खाना बनाना था... बाहर से मंगाया है... Chill ! ". अनिकेत की बात काटते हुये अभिषेक ने कहा.

" उसे और एक ड्रिंक बना दो अभि... ". मेघना ने अभिषेक के कंधे पर अपना हाथ रखकर कहा.

" Sure... ". अभिषेक बोला, और फिर अनिकेत से कहा. " पर धीरे धीरे पियो... रिलैक्स... कोई जल्दी नहीं ! ".

मेघना और अभिषेक जब अपना पहला ड्रिंक ही एन्जॉय कर रहें थें, तब अनिकेत अपने दूसरे पेग में डूबने लगा था. व्हिस्की में Coke मिक्स होने की वजह से व्हिस्की की कड़वाहट पता नहीं चल रही थी, और उसका स्वाद बदल गया था, और इसलिए किसी कोल्ड ड्रिंक की तरह अनिकेत शराब गटकता रहा, लेकिन उसे पता नहीं था की सिर्फ व्हिस्की का टेस्ट बदला था, उसका असर नहीं !

कमरे की मद्धिम रौशनी और टेंशन भरे माहौल ने जल्द ही असर दिखाना शुरू कर दिया. दूसरा पेग आधा भर ख़त्म होने तक अनिकेत का सिर झूमने लगा, नशा तो कुछ खास नहीं हुआ था, पर वो इस अजीब सी बेखयाली वाली खुमारी और एहसास के मज़े लेने लगा. इस दौरान तीनों इधर उधर की बातें करते रहें. एक तो दोनों पति पत्नि, खासकर अभिषेक ने, शुरू से ही अनिकेत को कम्फर्ट करने की चेष्टा की थी, ऊपर से अब ये शराब... अनिकेत के मन की घबराहट जल्द ही हवा हो गई.

वैसे मेघना भाभी की एक्टिंग ने अनिकेत को खूब प्रभावित किया. वो जिस तरह से अपने पति के साथ चिपककर बैठी थी, उसके साथ बातें और हँसी मज़ाक कर रही थी, लग ही नहीं रहा था अभी कुछ दिन पहले तक कैसे वो अनिकेत के प्यार में डूबी मरी जा रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे उसके और अनिकेत के बीच कभी कुछ हुआ ही ना हो ! पिछली बार अनिकेत और मेघना के बीच हुई बातचीत में मेघना ने उसे जो जो समझाया था, वो एकदम उन्ही बातों पर खुद भी अमल कर रही थी. अनिकेत के लिए भी ज़रूरी था की वो मेघना भाभी के इस खेल में उसका पूरा पूरा साथ दे और अभिषेक के सामने अपने और उसके बीच पनप रहे प्यार को लेकर ज़्यादा जज़्बाती ना हो !

अनिकेत की मन:स्थिति के हरेक बिंदु का मेघना भलीभांति आकलन कर रही थी. उसे पता था की अनिकेत हर सम्भव प्रयास कर रहा है की उसकी अंदरूनी भावनायें उजागर ना हो जायें, लेकिन इससे एक दूसरी समस्या खड़ी हो रही थी... इसी प्रयास में अनिकेत कुछ ज़्यादा ही सीरियस हुआ बैठा था, जो की आज रात के इस गेम के लिए कोई अच्छी बात नहीं थी !

मेघना ने अभिषेक को एक नज़र देखा, तो अभिषेक ने उसे आँखों आँखों में ही कुछ इशारा किया. मेघना मुस्कुराई, उसने अपना ग्लास सामने टेबल पर रखा, अपनी जगह से उठ खड़ी हुई, और चलकर अनिकेत के पास जाकर उसके बगल में सोफे पर बैठ गई.

" अब बस करो अनिकेत... ". अनिकेत के हाथ से उसका ग्लास, जिसमें अब थोड़ी सी ही शराब बची हुई थी, लेकर मेघना ने टेबल पर रखते हुये धीरे से कहा. " रुक रुक कर पियो ! ".

हर बार की तरह इस बार भी अनिकेत ने चुपचाप अपने मेघना भाभी की बात आसानी से मान ली, मानो किसी सम्मोहन में हो !

" अरे यार तुम इतने Stiff क्यूँ हो... एन्जॉय करो ! ". अभिषेक ने हँसते हुये कहा. " मैंने तुम दोनों को इश्क़ लड़ाने से परहेज करने को कहा है, मस्ती करने से नहीं ! सेक्स में भी तो रोमांस होता है ना... ना की सिर्फ प्यार मुहब्बत में ??? ".

अनिकेत को अभिषेक की सोच पर तरस आ रहा था. कैसा पति है वो !!!

खैर, उसे एक बात की ख़ुशी थी की कम से कम मेघना भाभी अपनी मर्ज़ी से ये सारा कुछ करने जा रही है, वो भी उस लड़के के साथ जो की उससे प्यार करता है और वो खुद भी जिसे अब चाहने लगी है, ना की केवल अपने पति की इच्छापूर्ति के लिए !

" He is fine ... ". मेघना ने अपने पति को देखते हुये कहा. " उसे थोड़ा समय दो ! ".

अपने पति पर से नज़रें हटाकर मेघना ने अनिकेत की आँखों में देखा, और हल्के से मुस्कुरा दी...
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RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 23-07-2021, 07:09 PM



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